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PSEB 10th Class Science Notes Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण
याद रखने योग्य बातें (Points to Remember)
→ तत्वों को ऐसे ढंग से व्यवस्थित करना कि समान गुणों वाले तत्व एक साथ हो जाएं और भिन्न गुणों वाले तत्व अलग समूह में इकट्ठे हो जायें, तत्वों को वर्गीकृत करना कहलाता है।
→ डॉबेराइनर के त्रिक नियमानुसार जब विशेष तत्वों को उनके परमाणु द्रव्यमान के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित किया जाता है तो समान गुणों वाले तीन तत्वों का समूह प्राप्त हो जाता है जिनके मध्य वाले तत्व का परमाणु द्रव्यमान शेष दोनों तत्वों के परमाणु द्रव्यमानों के मध्यमान के बराबर होता है।
→डॉबेराइनर ने रासायनिक तौर पर एक समान तत्वों के त्रिक (Triads) के बारे में बताया परंतु इस आधार पर सभी तत्व वर्गीकृत नहीं हो पाए थे।
→ 1866 ई० में न्यूलैंड (Newland) ने अष्टक नियम के आधार पर 40 परमाणु द्रव्यमान वाले कैल्शियम तक के तत्वों का वर्गीकरण किया।
→ रूस के वैज्ञानिक मेंडलीफ (Mandeleev) के आवर्त नियम (Periodic law) को प्रतिपादित किया जो मेंडलीफ के नियम (Mandeleev law) के नाम से जाना जाता है।
→ मेंडलीफ की आवर्त सारणी (Periodic Table) को पीरियड (Periods) तथा ग्रुप (Groups) में बांटा गया है।
→ ऊर्ध्वाधर पंक्तियों को ग्रुप (Groups) तथा क्षितिज पंक्तियों को पीरियड (Periods) कहते हैं।
→ मेंडलीफ ने आवर्त सारणी में कुछ स्थान उन तत्वों के लिए खाली छोड़ रखे थे, जिनकी खोज उस समय नहीं हुई थी।
→ आधुनिक आवर्त नियमानुसार तत्वों के गुण उनके परमाणु अंकों के आवर्तफलन हैं।
→ दीर्घ आवर्त सारणी में धातुएं आवर्त सारणी की बाईं ओर, अधातुएं दाई ओर तथा उपधातु सारणी में सीमा पर स्थित हैं।
→ तत्वों को उनके परमाणु अंकों के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करने पर उनके गुणों का निश्चित अतंराल या पीरियड के बाद दोहराए जाने को तत्वों के गुणों की आवर्तता कहते हैं।
→ आवर्त सारणी के किसी ग्रुप में ऊपर से नीचे की ओर जाते समय तत्वों के परमाणु अर्ध-व्यास बढ़ते जाते हैं।
→ आवर्त सारणी के पीरियड में बायें से दायें की ओर जाते समय तत्वों के परमाणुओं के अर्ध-व्यास कम हो जाते हैं।
→ किसी तत्व के अकेले गैसीय परमाणु अथवा आयन के बाह्यतम शैल (कोष) में उपस्थित इलैक्ट्रॉन को विस्थापित करने के लिए आवश्यक ऊर्जा को आयनन ऊर्जा कहते हैं।
→ आवर्त सारणी के ग्रुप में ऊपर से नीचे की ओर जाते हुए तत्वों की आयतन ऊर्जा कम हो जाती है।
→ आवर्त सारणी के आवर्त (पीरियड) में बायें से दायें की ओर जाते हुए तत्वों की आयनन ऊर्जा बढ़ती है।
→ वे तत्व जो आघातवर्धनीय तन्य तथा विद्युत् तथा ताप के सुचालक और जिनके परमाणु सुगमता से इलैक्ट्रॉन की हानि से विद्युतीय धन आवेशित आयन (कैटायन) बना सकें, उनको धातु कहते हैं।
→ वे तत्व जो भंगुर, चमकविहीन, विद्युत् तथा ताप के कुचालक और जिनके परमाणु सुगमता से इलैक्ट्रॉन ग्रहण कर विद्युतीय ऋण आवेशित आयन (ऐनायन) बनाते हैं, उन्हें अधातु कहते हैं।
→ स्केडियम, गैलियम, जर्मेनियम आदि तत्वों की खोज मेंडलीफ की आवर्त सारणी प्रतिपादित होने के बाद हुई थी।
→ सन् 1913 में हेनरी मोज़ले ने बताया था कि तत्व के परमाणु द्रव्यमान की तुलना में उसकी परमाणु संख्या अधिक आधारभूत गुणधर्म है।
→ अर्धधातु (उपधातु) के द्वारा अधातु और धातु दोनों के गुण प्रदर्शित किए जाते हैं। अर्धधातु (उपधातु) हैं-बोरोन, सिलिकन, जर्मेनियम, अर्सेनिक, ऐंटिमनी, टेल्यूरियम और पोलोनियम।
→ धातुओं के ऑक्साइड क्षारीय तथा अधातुओं के ऑक्साइड सामान्यत: अम्लीय होते हैं।
→ किसी तत्व के उदासीन गैसीय परमाणु के बाहरी कक्ष से एक इलैक्ट्रॉन के निकालने के लिए आवश्यक ऊर्जा की न्यूनतम मात्रा को आयनन ऊर्जा कहते हैं।
→ किसी तत्व के उदासीन परमाणु में एक अतिरिक्त इलैक्ट्रॉन के जुड़ने पर निकलने वाली ऊर्जा इलैक्ट्रॉन बंधुता कहलाती है।
→ किसी समूह में धात्विक गुण ऊपर से नीचे आने पर बढ़ता है।