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PSEB 10th Class Science Notes Chapter 9 आनुवंशिकता एवं जैव विकास
याद रखने योग्य बातें (Points to Remember)
→ जनन प्रक्रमों द्वारा नए जीव उत्पन्न होते हैं जो जन्म देने वाले के समान होते हुए भी उससे कुछ अलग होते हैं।
→ शिशु में मानव के सभी आधारभूत लक्षण होते हैं।
→ माता और पिता दोनों समान मात्रा में आनुवंशिक पदार्थ संतान में स्थानांतरित करते हैं। इसलिए प्रत्येक संतान में हर लक्षण के दो विकल्प हो सकते हैं।
→ मेंडल पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने प्रत्येक पीढ़ी के एक-एक पौधे द्वारा प्रदर्शित लक्षणों का रिकार्ड रखा और गणना की।
→ मेंडल ने मटर के पौधे के अनेक विकल्पी लक्षणों का अध्ययन किया।
→ DNA का वह भाग जिसमें किसी प्रोटीन संश्लेषण के लिए सूचना होती है, उस प्रोटीन का जीन कहलाता
→ पौधे में उपस्थित हॉर्मोन की मात्रा पर उसकी लंबाई निर्भर करती है।
→ जीन लक्षणों (Traits) को नियंत्रित करते हैं।
→ प्रत्येक कोशिका में प्रत्येक गुण सूत्र की दो प्रतिकृति होती है जिनमें से एक उन्हें नर तथा दूसरी मादा जनक से प्राप्त होती है।
→ प्रत्येक जनक कोशिका से गुणसूत्र के प्रत्येक जोड़े का केवल एक गुण सूत्र ही एक जनन कोशिका में जाता है।
→ मानव नर और मादा में 23 जोड़े गुणसूत्र होते हैं।
→ पुरुषों में एक-एक जोड़ी XY तथा स्त्रियों में XX गुणसूत्र होते हैं। .
→ लैंगिक प्रजनन करने वाले जीवों में युग्मक अथवा जनन कोशिकाएँ विशिष्ट जनन ऊतकों में बनती हैं।
→ चार्ल्स डार्विन ने ‘प्राकृतिक वरण द्वारा जैव विकास’ सिद्धांत की कल्पना की थी।
→ हम डार्विन को केवल जैव विकासवाद के कारण जानते हैं।
→ एक ब्रिटिश वैज्ञानिक जे० बी० एस० हाल्डेन ने 1929 में सुझाव दिया कि जीवों की सर्वप्रथम उत्पत्ति उन सरल अकार्बनिक अणुओं से ही हुई होगी जो पृथ्वी की उत्पत्ति के समय बने थे।
→ कोशिका सभी जीवों की आधारभूत इकाई है। जीवाणु कोशिका में केंद्रक नहीं होता जबकि अधिकतर दूसरे जीवों की कोशिकाओं में केंद्रक पाया जाता है।
→ बहुकोशिक जीवों में प्रकाश संश्लेषण का होना या न होना वर्गीकरण का महत्त्वपूर्ण स्तर है।
→ समान जनक से वंशानुगत हुए जीवों में समान लक्षण होते हैं।
→ पक्षियों, सरीसृप, जलस्थल चर और स्तनधारियों के पैरों की संरचना एक समान है चाहे वे भिन्न-भिन्न कार्य करते हैं।
→ चमगादड़ और पक्षी के पंख चाहे उड़ने का काम करते हैं पर दोनों की संरचना एक समान नहीं होती।
→ चट्टानों में जीव के परिरक्षित अवशेष जीवाश्म कहलाते हैं। अधिक गहराई पर मिलने वाले अवशेष उन अवशेषों से अधिक पुराने होते हैं जो कम गहराई पर मिलते हैं।
→ ‘फॉसिल डेटिंग’ से जीवाश्म का समय निर्धारण किया जाता है।
→ प्लैनेरिया नामक चपटे कृमि में अति सरल आँख होती है जो प्रकाश को पहचान सकता है।
→ कोई परिवर्तन जो एक गुण के लिए उपयोगी है वह कालांतर में किसी अन्य कार्य के लिए उपयोगी हो सकता है।
→ प्राणियों के पँख ऊष्मा रोधन के लिए विकसित हुए थे पर बाद में वे उड़ने में प्रयुक्त होने लगे थे।
→ पक्षी बहुत निकटता से सरीसृप से संबंधित हैं।
→ मनुष्य ने दो हज़ार वर्ष पहले जंगली गोभी को खाद्य पौधे के रूप में उगाना आरंभ किया था। उसके चयन से इससे विभिन्न सब्ज़ियाँ विकसित कीं।
→ कोशिका विभाजन के समय DNA में होने वाले परिवर्तन से उस प्रोटीन में अंतर आएगा जो नए DNA से बनेगी।
→ आण्विक जाति वृत्त दूरस्थ संबंधी जीवों के DNA में विभिन्नताओं की जानकारी देता है।
→ विविधताओं की उत्पत्ति और प्राकृतिक चयन से स्वरूप देना ही विकास है।
→ मानव विकास के अध्ययन के लिए उन्हीं साधनों का उपयोग करते हैं जिनका जैव-विकास के लिए किया था।
→ उत्खनन, समय-निर्धारण, जीवाश्मी अध्ययन और DNA अनुक्रम का निर्धारण मानव विकास के अध्ययन के मुख्य साधन हैं।
→ आधुनिक मानव स्पीशीज़ ‘होमोसेपिएस’ के प्राचीनतम सदस्यों को अफ्रीका में खोजा गया है।
→ मानव की उत्पत्ति अन्य स्पीशीज़ की तरह जैव-विकास की एक घटना मात्र थी।