Punjab State Board PSEB 10th Class Social Science Book Solutions Civics Chapter 2 केन्द्रीय सरकार Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 10 Social Science Civics Chapter 2 केन्द्रीय सरकार
SST Guide for Class 10 PSEB केन्द्रीय सरकार Textbook Questions and Answers
(क) निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर एक शब्द/ एक पंक्ति (1-15 शब्दों) में दें
प्रश्न 1.
(i) लोकसभा का कार्यकाल कितना होता है?
उत्तर-
लोकसभा का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है।
प्रश्न 1.
(ii) लोकसभा के कुल कितने सदस्य होते हैं?
उत्तर-
लोकसभा के अधिक-से-अधिक 550 सदस्य हो सकते हैं।
प्रश्न 1.
(iii) लोकसभा के अध्यक्ष की नियुक्ति कैसे होती है?
उत्तर-लोकसभा अपने सदस्यों में से ही अध्यक्ष का चुनाव करती है।
प्रश्न 1.
(iv) अविश्वास प्रस्ताव से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
यदि लोकसभा प्रधानमंत्री तथा उसके मन्त्रिमण्डल के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पास कर दे तो इन्हें अपने पद से त्याग-पत्र देना पड़ता है।
प्रश्न 1.
(v) लोकसभा का सदस्य बनने के लिए कम-से-कम कितनी आयु होनी चाहिए?
उत्तर-लोकसभा का सदस्य बनने के लिए कम-से-कम 25 वर्ष की आयु होनी चाहिए।
प्रश्न 1.
(vi) राष्ट्रपति लोकसभा में कब और कितने ऐंग्लो-इण्डियन मनोनीत कर सकता है?
उत्तर-
जब ऐंग्लो-इण्डियन समुदाय को लोकसभा में उचित प्रतिनिधित्व न मिले तो राष्ट्रपति लोकसभा में दो ऐंग्लो-इण्डियन सदस्य मनोनीत करता है।
प्रश्न 2.
राज्यसभा के बारे में निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें
(i) राज्यसभा के कुल कितने सदस्य हो सकते हैं?
(ii) राष्ट्रपति किन क्षेत्रों में से कितने सदस्य मनोनीत कर सकता है?
(iii) राज्यसभा की बैठकों की अध्यक्षता कौन करता है?
(iv) राज्यसभा का सदस्य बनने के लिए कम-से-कम कितनी आयु होनी चाहिए?
(v) राज्यसभा के सदस्यों का कार्यकाल कितना होता है?
(vi) राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव कैसे होता है?
उत्तर-
(i) राज्यसभा के अधिक-से-अधिक 250 सदस्य हो सकते हैं।
(ii) राष्ट्रपति विज्ञान, कला, साहित्य एवं समाज सेवा के क्षेत्र में ख्याति प्राप्त 12 व्यक्तियों को मनोनीत कर सकता है।
(iii) भारत का उप-राष्ट्रपति।
(iv) राज्यसभा का सदस्य बनने के लिए कम-से-कम 30 वर्ष की आयु होनी चाहिए।
(v) राज्यसभा एक स्थायी सदन है। इसके सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष होता है।
(vi) राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य करते हैं।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित की व्याख्या करें
(i) महाभियोग
(ii) मन्त्रिमण्डल का सामूहिक उत्तरदायित्व या व्यक्तिगत उत्तरदायित्व
(iii) राष्ट्रपति-शासन या नाममात्र अध्यक्ष
(iv) राष्ट्रपति के चुनाव के लिए चुनाव मण्डल।
उत्तर-
(i) महाभियोग-संविधान की अवहेलना करने पर राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाया जाता है और दोषी पाए जाने पर उसे निश्चित अवधि से पूर्व पदमुक्त किया जा सकता है।
(ii) मन्त्रिमण्डल का सामूहिक उत्तरदायित्व या व्यक्तिगत उत्तरदायित्व-सामूहिक उत्तरदायित्व से अभिप्राय यह है कि प्रत्येक मन्त्री अपने विभाग के लिए व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी तो है ही, साथ में उसका उत्तरदायित्व प्रत्येक विभाग की नीति से भी होता है।
(iii) राष्ट्रपति शासन या नाममात्र अध्यक्ष-राष्ट्रपति देश का नाममात्र अध्यक्ष है क्योंकि व्यवहार में उसकी शक्तियों का प्रयोग प्रधानमन्त्री तथा उसका मन्त्रिपरिषद् करता है।
(iv) राष्ट्रपति के चुनाव के लिए चुनाव मण्डल-राष्ट्रपति का चुनाव एक चुनाव मण्डल द्वारा किया जाता है। जिसमें संसद् (लोकसभा तथा राज्यसभा) तथा राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं।
प्रश्न 4.
निम्नलिखित के उत्तर दें
(i) प्रधानमन्त्री की नियुक्ति कैसे होती है?
(ii) राष्ट्रपति की संकटकालीन शक्तियां कितने प्रकार की होती हैं?
(iii) उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति कैसे होती है?
(iv) उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों का कार्यकाल कितना होता है?
उत्तर-
(i) प्रधानमन्त्री की नियुक्ति-राष्ट्रपति संसद् में बहुमत प्राप्त करने वाले दल के नेता को प्रधानमन्त्री नियुक्त करता है।
(ii) राष्ट्रपति की संकटकालीन शक्तियां- राष्ट्रपति की संकटकालीन शक्तियां तीन प्रकार की होती हैं
- राष्ट्रीय संकट, विदेशी आक्रमण तथा आन्तरिक विद्रोह,
- राज्य का संवैधानिक संकट,
- वित्तीय संकट।
(iii) उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति-उच्चतम न्यायालय के सभी न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा होती है।
(iv) उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों का कार्यकाल-उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु तक अपने पद पर कार्य कर सकते हैं।
प्रश्न 5.
निम्नलिखित की व्याख्या 50-60 शब्दों में करो
(i) स्वतन्त्र न्यायपालिका
(ii) परामर्श सम्बन्धी अधिकार क्षेत्र
उत्तर-
(i) स्वतन्त्र न्यायपालिका-नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा और न्याय के लिए स्वतन्त्र न्यायपालिका का होना आवश्यक है जो लोभ, भय, दबाव या पक्षपात रहित न्याय कर सके। इसलिए संविधान ने (शक्तियों के अलगाव के सिद्धान्त द्वारा) न्यायपालिका को कार्यपालिका से अलग कर दिया है। इसके अतिरिक्त न्यायाधीशों को पदों से हटाने की प्रक्रिया बड़ी कठिन है।
(ii) परामर्श सम्बन्धी अधिकार क्षेत्र-भारत का राष्ट्रपति किसी कानून अथवा संवैधानिक मामले पर उच्चतम न्यायालय से परामर्श ले सकता है। पांच जजों पर आधारित बैंच ऐसा परामर्श दे सकती है जिसे मानना या न मानना राष्ट्रपति की इच्छा पर निर्भर करता है।
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 50-60 शब्दों में दें
प्रश्न 1.
संसद् में विधेयक कानून कैसे बनता है?
उत्तर-
विधेयक दो प्रकार के होते हैं-वित्त विधेयक तथा साधारण विधेयक। वित्त विधेयक किसी मन्त्री द्वारा केवल लोकसभा में प्रस्तुत किया जा सकता है। परन्तु साधारण विधेयक किसी मन्त्री या संसद् के किसी सदस्य द्वारा किसी भी सदन में प्रस्तुत किया जा सकता है। साधारण विधेयक को कानून बनने से पहले निम्नलिखित अवस्थाओं में से गुजरना पड़ता है
पहला पड़ाव अथवा वाचन-इस अवस्था में विधेयक पर बहस नहीं होती। इसके केवल मुख्य उद्देश्य बताए जाते हैं।
द्वितीय पड़ाव अथवा वाचन-द्वितीय वाचन में विधेयक की प्रत्येक धारा पर विस्तार से बहस होती है तथा कुछ परिवर्तन किए जा सकते हैं। यदि आवश्यक हो तो विधेयक प्रवर समिति को सौंपा जा सकता है। तृतीय पड़ाव अथवा वाचन-इस पड़ाव में समग्र रूप से विधेयक पर मतदान होता है। यदि विधेयक पास हो जाए तो इसे दूसरे सदन में भेज दिया जाता है।
विधेयक दूसरे सदन में-दूसरे सदन में भी विधेयक को पहले सदन की भान्ति उन्हीं पड़ावों से गुजरना पड़ता है। यदि दूसरा सदन भी इसे पारित कर दे तो विधेयक राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेज दिया जाता है।
राष्ट्रपति की स्वीकृति-राष्ट्रपति की स्वीकृति मिल जाने पर विधेयक कानून बन जाता है।
प्रश्न 2.
संसद् की शक्तियों का वर्णन करें।
उत्तर-
संसद् की चार प्रमुख शक्तियां निम्नलिखित हैं
- वैधानिक शक्तियां-संसद् संघीय और समवर्ती सूची में वर्णित विषयों पर कानून बनाती है। कुछ विशेष परिस्थितियों में यह राज्य सूची के विषयों पर भी कानून बना सकती है।
- कार्यपालिका शक्तियां-संसद् अविश्वास प्रस्ताव पारित करके मन्त्रिपरिषद् को हटा सकती है। इसके अतिरिक्त संसद् के सदस्य प्रश्न पूछकर, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव द्वारा, स्थगन प्रस्ताव तथा निंदा प्रस्ताव द्वारा मन्त्रिपरिषद् को नियन्त्रण में रखते हैं।
- वित्तीय शक्तियां-संसद् का राष्ट्रीय धन पर अधिकार होता है। यह नए कर लगाती है, पुराने करों में संशोधन करती है और बजट पारित करती है।
- संवैधानिक संशोधन-संसद् एक विशेष संवैधानिक विधि से संविधान में संशोधन कर सकती है।
(विद्यार्थी कोई तीन लिखें।)
प्रश्न 3.
लोकसभा के अध्यक्ष की भूमिका के बारे लिखें।
उत्तर-
लोकसभा के अध्यक्ष (स्पीकर) का चुनाव सदस्य अपने में से ही करते हैं। लोकसभा अध्यक्ष के चार कार्य निम्नलिखित हैं
- कार्यवाही का संचालन-वह लोकसभा की कार्यवाही का संचालन करता है। बहुमत दल का सदस्य होने के बावजूद वह यही प्रयास करता है कि सदन की कार्यवाही के संचालन में निष्पक्षता हो।
- अनुशासन-वह सदन में अनुशासन बनाए रखता है। वह अनुशासन भंग करने वाले सदस्यों को सदन से बाहर जाने का आदेश दे सकता है।
- विधेयक के स्वरूप का निर्णय-अध्यक्ष इस बात का निर्णय करता है कि कोई विधेयक वित्त विधेयक है अथवा साधारण विधेयक।
- संयुक्त बैठकों की अध्यक्षता-यदि किसी विधेयक पर दोनों सदनों में असहमति हो जाए तो राष्ट्रपति लोकसभा तथा राज्यसभा का संयुक्त अधिवेशन बुलाता है। इस संयुक्त अधिवेशन का सभापतित्व लोकसभा का अध्यक्ष करता है।
प्रश्न 4.
केन्द्रीय मन्त्रिपरिषद् में कितने प्रकार के मन्त्री होते हैं?
उत्तर-
केन्द्रीय मन्त्रिपरिषद् में चार प्रकार के मन्त्री होते हैं-कैबिनेट मन्त्री, राज्य मन्त्री, उप-मन्त्री तथा संसदीय सचिव। –
- कैबिनेट मन्त्री-कैबिनेट मन्त्री सबसे उच्च स्तर के मन्त्री होते हैं। ये मन्त्रिपरिषद् की अन्तरिम कमेटी के सदस्य होते हैं। ये प्रशासकीय विभागों के स्वतन्त्र अध्यक्ष होते हैं।
- राज्य-मन्त्री-राज्य-मन्त्री निचले स्तर के मन्त्री होते हैं। वे कैबिनेट मन्त्रियों की सहायता के लिए नियुक्त किए जाते हैं। राज्य मन्त्री को कभी-कभी किसी विभाग का स्वतन्त्र कार्यभार भी सौंप दिया जाता है।
- उप-मन्त्री-उप-मन्त्री कैबिनेट मन्त्रियों तथा राज्य मन्त्रियों की सहायता के लिए नियुक्त किए जाते हैं।
- संसदीय सचिव-संसदीय सचिव वास्तव में मन्त्री नहीं होते। उनका मुख्य कार्य महत्त्वपूर्ण विभागों के मन्त्रियों की संसद् में सहायता करना होता है।
प्रश्न 5.
प्रधानमंत्री के कोई चार कार्यों का वर्णन करो।
उत्तर-
इसमें कोई सन्देह नहीं कि प्रधानमन्त्री मन्त्रिमण्डल का धुरा होता है।
- वह मन्त्रियों की नियुक्ति करता है और वही उनमें विभागों का बंटवारा करता है।
- वह जब चाहे प्रशासन की कार्यकुशलता के लिए मन्त्रिमण्डल का पुनर्गठन कर सकता है। इसका अभिप्राय यह है कि वह पुराने मन्त्रियों को हटा कर नए मन्त्री नियुक्त कर सकता है। वह मन्त्रियों के विभागों में परिवर्तन कर सकता है। यदि प्रधानमन्त्री त्याग-पत्र दे दे तो पूरा मन्त्रिमण्डल भंग हो जाता है।
- यदि कोई मन्त्री त्याग-पत्र देने से इन्कार करे तो वह त्याग-पत्र देकर पूरे मन्त्रिमण्डल को भंग कर सकता है। पुनर्गठन करते समय वह उस मन्त्री को मन्त्रिमण्डल से बाहर रख सकता है।
- वह मन्त्रिमण्डल की बैठकों की अध्यक्षता करता है और उनकी तिथि, समय तथा स्थान निश्चित करता है।
प्रश्न 6.
भारत के उप-राष्ट्रपति की पदवी का संक्षिप्त में वर्णन करें।
उत्तर-
भारत के उप-राष्ट्रपति के दो महत्त्वपूर्ण कार्य निम्नलिखित हैं
- भारत का उप-राष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है। वह नियमों के अनुसार राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन करता है।
- वह राष्ट्रपति के अस्वस्थ होने पर या उसके विदेश जाने पर अथवा किसी अन्य कारण से अनुपस्थित होने पर राष्ट्रपति का कार्यभार सम्भालता है। राष्ट्रपति के त्याग-पत्र देने अथवा मृत्यु हो जाने की स्थिति में वह नये राष्ट्रपति के चुनाव होने तक राष्ट्रपति का कार्यभार सम्भालता है।
प्रश्न 7.
राष्ट्रपति की संकटकालीन शक्तियों का संक्षेप में वर्णन करें।
उत्तर-
राष्ट्रपति की संकटकालीन शक्तियों का वर्णन निम्नलिखित है
- राष्ट्रीय संकट-जब राष्ट्रपति के अनुसार देश पर बाहरी आक्रमण, युद्ध या हथियार-बन्द विद्रोह के कारण देश की एकता एवं अखण्डता पर संकट उत्पन्न हो गया हो तो वह देश में संकटकाल की घोषणा कर सकता है।
- राज्य का संवैधानिक संकट-यदि राज्यपाल द्वारा भेजी गई रिपोर्ट या किसी अन्य साधन से राष्ट्रपति को विश्वास हो जाए कि किसी राज्य का शासन संविधान के अनुसार नहीं चलाया जा सकता तो राष्ट्रपति उस राज्य में संकटकाल की घोषणा कर सकता है।
- वित्तीय संकट-यदि राष्ट्रपति को विश्वास हो जाए कि देश की आर्थिक स्थिति ऐसी हो गई है जिससे आर्थिक स्थिरता या साख को खतरा है तो राष्ट्रपति वित्तीय संकट की घोषणा कर सकता है।
PSEB 10th Class Social Science Guide केन्द्रीय सरकार Important Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)
I. उत्तर एक शब्द अथवा एक लाइन में
प्रश्न 1.
भारतीय संसद् से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
भारत में केन्द्रीय विधानपालिका को संसद् अथवा पार्लियामेण्ट कहते हैं।
प्रश्न 2.
लोकसभा का सदस्य बनने के लिए कौन-कौन सी योग्यता होनी चाहिए? (कोई एक)
उत्तर-
वह भारत का नागरिक हो।
प्रश्न 3.
लोकसभा के अध्यक्ष का एक कार्य लिखो।
उत्तर-
लोकसभा का अध्यक्ष लोकसभा की कार्यवाही का संचालन करता है।
प्रश्न 4.
साधारण विधेयक तथा धन विधेयक में क्या अन्तर होता है
उत्तर-
साधारण विधेयक संसद् के किसी भी सदन में पेश किए जा सकते हैं। जबकि धन विधेयक केवल लोकसभा में ही प्रस्तुत किए जाते हैं और वे भी केवल किसी मन्त्री द्वारा।
प्रश्न 5.
राष्ट्रपति की किसी विधेयक के सम्बन्ध में क्या शक्तियां हैं?
उत्तर-
प्रायः राष्ट्रपति हस्ताक्षर करके विधेयक की स्वीकृति दे देता है अथवा वह उसे संसद् के दोनों सदनों के पास पुनर्विचार के लिए भी भेज सकता है परन्तु दूसरी बार राष्ट्रपति को अपनी स्वीकृति देनी ही पड़ती है।
प्रश्न 6.
संसद् द्वारा कार्यपालिका पर नियन्त्रण की कोई एक विधि बताइए।
उत्तर-
संसद् अविश्वास का प्रस्ताव प्रस्तुत करके सरकार को हटा सकती है।
प्रश्न 7.
संसदीय प्रणाली से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
संसदीय प्रणाली से अभिप्राय शासन की उस प्रणाली से है, जिसमें संसद् राज्य की सर्वोच्च संस्था होती है।
प्रश्न 8.
धन संकट से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
देश में आर्थिक अस्थिरता।
प्रश्न 9.
राष्ट्रपति तथा उप-राष्ट्रपति के चुनाव सम्बन्धी निर्वाचक मण्डलों में क्या अन्तर है?
उत्तर-
राष्ट्रपति के चुनाव सम्बन्धी निर्वाचक मण्डल में संसद् तथा विधानसभाओं के सदस्य सम्मिलित होते हैं, जबकि उप-राष्ट्रपति के चुनाव सम्बन्धी निर्वाचक मण्डल में केवल संसद् के ही सदस्य सम्मिलित होते हैं।
प्रश्न 10.
उप-राष्ट्रपति का एक कार्य लिखो।
उत्तर-
वह राज्यसभा के सभापति के रूप में उसकी कार्यवाही का संचालन करता है।
प्रश्न 11.
मन्त्रिपरिषद् में कौन-कौन से प्रकार के मन्त्री होते हैं?
उत्तर-
मन्त्रिमण्डल स्तर के मन्त्री, राज्यमन्त्री, उपमन्त्री तथा संसदीय सचिव।
प्रश्न 12.
विधेयक के वाचन से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
संसद् में किसी विधेयक की प्रस्तुति के पश्चात् दोनों सदनों में होने वाले विचार-विमर्श को विधेयक का वाचन कहते हैं।
प्रश्न 13.
काम रोको प्रस्ताव क्या होता है?
उत्तर-
काम रोको प्रस्ताव द्वारा संसद् के सदस्य निश्चित कार्यक्रम के स्थान पर सरकार का ध्यान किसी गम्भीर घटना की ओर दिलाने का प्रयास करते हैं।
प्रश्न 14.
प्रश्नोत्तर काल का अर्थ बताइए।
उत्तर-
संसद् के दोनों सदनों में प्रतिदिन पहला एक घण्टा प्रश्नोत्तर काल कहलाता है।
प्रश्न 15.
संसद् कौन-सी सूचियों के विषयों पर कानून बना सकती है?
उत्तर-
संसद् संघ सूची तथा समवर्ती सूची के विषयों पर कानून बना सकती है।
प्रश्न 16.
राज्यसभा की सदस्यता के लिए कोई एक योग्यता लिखो।
उत्तर-
राज्यसभा की सदस्यता के लिए नागरिक की आयु तीस वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
प्रश्न 17.
संसद् का कोई एक महत्त्वपूर्ण कार्य लिखो।
उत्तर-
संसद् का सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य देश के लिए कानून बनाना है।
अथवा
वह बजट और वित्त-विधेयकों के सम्बन्ध में अपने अधिकारों के माध्यम से सरकार के व्यय पर नियन्त्रण करती है।
प्रश्न 18.
संसद् का मुख्य कार्य क्या है?
उत्तर-
संसद् का मुख्य कार्य देश के लिए कानून बनाना है।
प्रश्न 19.
विधेयक किसे कहते हैं?
उत्तर-
प्रस्तावित कानून को विधेयक कहते हैं।
प्रश्न 20.
कोई विधेयक ‘धन विधेयक’ है या नहीं – इसका निर्णय कौन करता है?
उत्तर-
कोई विधेयक ‘धन विधेयक’ है या नहीं-इसका निर्णय लोकसभा का अध्यक्ष करता है।
प्रश्न 21.
धन विधेयक कौन पेश कर सकता है?
उत्तर-
धन विधेयक केवल कोई मन्त्री ही पेश कर सकता है।
प्रश्न 22.
विधेयक कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर-
विधेयक दो प्रकार के होते हैं-साधारण विधेयक तथा धन सम्बन्धी विधेयक।
प्रश्न 23.
लोकसभा द्वारा पारित धन-बिल को राज्यसभा कितने समय तक रोक सकती है?
उत्तर-
लोकसभा द्वारा पारित धन बिल को राज्यसभा 14 दिन तक रोक सकती है।
प्रश्न 24.
क्या लोकसभा के लिए धन-बिल पर राज्यसभा द्वारा दिए गए सुझावों को मानना अनिवार्य होता है?
उत्तर-
लोकसभा के लिए धन बिल पर राज्यसभा द्वारा दिए गए सुझावों को मानना अनिवार्य नहीं होता है।
प्रश्न 25.
राष्ट्रपति का कार्यकाल कितना होता है?
उत्तर-
राष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष होता है।
प्रश्न 26.
राष्ट्रपति को कितना मासिक वेतन मिलता है?
उत्तर-
राष्ट्रपति को 5,00,000 रुपए मासिक वेतन मिलता है।
प्रश्न 27.
राष्ट्रपति का एक कार्यपालिका सम्बन्धी अधिकार लिखो।
उत्तर-
राष्ट्रपति प्रधानमन्त्री को नियुक्त करता है तथा उसकी सलाह से मन्त्रिपरिषद् की रचना करता है।
अथवा
वह उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा राजदूतों को भी नियुक्त करता है।
प्रश्न 28.
भारत की तीनों सशस्त्र सेनाओं का प्रधान कौन होता है?
उत्तर-
राष्ट्रपति।
प्रश्न 29.
प्रधानमन्त्री किसके द्वारा नियुक्त किया जाता है?
उत्तर-
प्रधानमन्त्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
प्रश्न 30.
अध्यादेश कौन जारी कर सकता है?
उत्तर-
यदि संसद् का अधिवेशन न चल रहा हो तो राष्ट्रपति अध्यादेश जारी कर सकता है।
प्रश्न 31.
अध्यादेश अधिक-से-अधिक कब तक जारी रहता है?
उत्तर-
अध्यादेश अधिक से अधिक संपद् का अगला अधिवेशन आरम्भ होने से छ: सप्ताह बाद तक जारी रहता है।
प्रश्न 32.
राष्ट्रपति का एक विधायी अधिकार लिखो।
उत्तर-
राष्ट्रपति लोकसभा को भंग कर सकता है।
अथवा
संसद् द्वारा जो विधेयक पारित किया जाता है वह राष्ट्रपति के हस्ताक्षर हो जाने के बाद ही कानून बनता है।
प्रश्न 33.
राष्ट्रपति का एक वित्तीय अधिकार बताओ।
उत्तर-
राष्ट्रपति प्रत्येक वर्ष बजट तैयार करवा कर उसे संसद् में प्रस्तुत करवाता है।
अथवा
राष्ट्रपति की अनुमति के बिना कोई भी वित्त विधेयक प्रस्तुत नहीं किया जा सकता।
प्रश्न 34.
राष्ट्रपति का एक न्यायिक अधिकार लिखो।
उत्तर-
उच्च न्यायालय तथा देश के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
अथवा
राष्ट्रपति किसी भी अपराधी के दण्ड को कम कर सकता है अथवा उसे क्षमादान भी दे सकता है।
प्रश्न 35.
केन्द्र सरकार का वास्तविक अध्यक्ष कौन होता है?
उत्तर-
केन्द्र सरकार का वास्तविक अध्यक्ष प्रधानमन्त्री होता है।
प्रश्न 36.
भारत का राष्ट्रपति बनने के लिए कितनी आयु होनी चाहिए?
उत्तर-
35 वर्ष या उससे अधिक।
प्रश्न 37.
प्रधानमन्त्री का कोई एक अधिकार लिखो।
उत्तर-
प्रधानमन्त्री सरकार की नीति का निर्धारण करता है।
अथवा
वह मन्त्रियों में परिवर्तन कर सकता है तथा उनके विभागों को बदल भी सकता है।
प्रश्न 38.
भारत के सबसे बड़े न्यायालय का नाम क्या है?
उत्तर-
भारत के सबसे बड़े न्यायालय का नाम सर्वोच्च अथवा उच्चतम न्यायालय है।
प्रश्न 39.
सर्वोच्च न्यायालय कहां स्थित है?
उत्तर-
यह नई दिल्ली में स्थित है।
प्रश्न 40.
उच्चतम न्यायालय में कुल कितने न्यायाधीश हैं?
उत्तर-
उच्चतम न्यायालय में कुल 34 न्यायाधीश हैं।
प्रश्न 41.
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की संख्या घटाने या बढ़ाने का अधिकार किसे है?
उत्तर-
इनकी संख्या घटाने अथवा बढ़ाने का अधिकार संसद् को प्राप्त है।
प्रश्न 42.
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए कौन-सी एक योग्यता आवश्यक है?
उत्तर-
वह भारत का नागरिक हो तथा वह किसी उच्च न्यायालय में पांच वर्षों तक न्यायाधीश के पद पर रह चुका हो।
अथवा वह किसी एक अथवा अधिक उच्च न्यायालयों में 10 वर्ष तक वकील के रूप में कार्य कर चुका हो।
प्रश्न 43.
उच्चतम न्यायालय में कौन-कौन से अधिकार क्षेत्र हैं?
उत्तर-
उच्चतम न्यायालय में तीन अधिकार क्षेत्र हैंआरम्भिक क्षेत्र अधिकार, अपीलीय क्षेत्र अधिकार तथा परामर्श देने सम्बन्धी क्षेत्र अधिकार।
प्रश्न 44.
हमारे मौलिक अधिकारों का संरक्षक कौन है?
उत्तर-
सर्वोच्च न्यायालय को हमारे मौलिक अधिकारों का संरक्षक माना जाता है।
प्रश्न 45.
सर्वोच्च न्यायालय मौलिक अधिकारों के संबंध में कौन-सा लेख (रिट) जारी कर सकता है?
उत्तर-
यह परमादेश नामक लेख जारी कर सकता है।
प्रश्न 46.
अपील किसे कहते हैं?
उत्तर-
किसी छोटे न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध ऊंची-अदालत में प्रार्थना करने की प्रक्रिया को अपील कहते हैं।
प्रश्न 47.
कौन-कौन से तीन मामलों में अपीलें सर्वोच्च न्यायालय में लाई जा सकती हैं?
उत्तर-
संवैधानिक प्रश्नों, दीवानी मुकद्दमों तथा फ़ौजदारी मुकद्दमों सम्बन्धी अपीलें सर्वोच्च न्यायालय में लाई जा सकती हैं।
प्रश्न 48.
उच्चतम न्यायालय के एक अधिकार का वर्णन करो।
उत्तर-
उच्चतम न्यायालय मौलिक अधिकार सम्बन्धी मुकद्दमों का निर्णय कर सकता है।
अथवा
उच्च न्यायालय द्वारा संवैधानिक मामलों में दिए गए निर्णयों के विरुद्ध यह अपील सुन सकता है।
प्रश्न 49.
भारतीय संसद् के निम्न सदन का नाम बताओ।
उत्तर-
लोकसभा।
प्रश्न 50.
भारत में मतदाता की न्यूनतम आयु कितनी है?
उत्तर-
18 वर्ष।
प्रश्न 51.
लोकसभा में अधिक-से-अधिक कितने सदस्य हो सकते हैं?
उत्तर-
550.
प्रश्न 52.
पंजाब राज्य से लोकसभा में कितने सदस्य हैं?
उत्तर-
13.
प्रश्न 53.
लोकसभा में अधिकतम सदस्य किस राज्य से हैं?
उत्तर-
उत्तर प्रदेश।
प्रश्न 54.
राज्यसभा में अधिक-से-अधिक कितने सदस्य हो सकते हैं?
उत्तर-
250.
प्रश्न 55.
राज्यसभा में राष्ट्रपति द्वारा कितने सदस्य मनोनीत किये जाते हैं?
उत्तर-
12.
प्रश्न 56.
संसद् के सदस्य मन्त्रिपरिषद् पर नियन्त्रण किस प्रकार रखते हैं?
उत्तर-
अविश्वास प्रस्ताव द्वारा, स्थगन प्रस्ताव द्वारा तथा प्रश्न पूछ कर।
प्रश्न 57.
कानून सम्बन्धी प्रस्ताव को क्या कहा जाता है?
उत्तर-
विधेयक।
प्रश्न 58.
लोकसभा में पारित विधेयक (बिल) को राज्यसभा अपनी सिफ़ारिशों के लिए अधिकतम कितने दिनों के लिए रोक सकती है?
उत्तर-
14 दिन तक।
प्रश्न 59.
भारत में वास्तविक कार्यपालिका कौन-सी है?
उत्तर-
प्रधानमन्त्री और उसका मन्त्रिपरिषद।
प्रश्न 60.
सजा प्राप्त अपराधी के दंड को कम अथवा क्षमादान कौन कर सकता है?
उत्तर-
राष्ट्रपति।
प्रश्न 61.
राष्ट्रपति तथा उप-राष्ट्रपति का कार्यकाल कितना होता है?
उत्तर-
5 वर्ष के लिए।
प्रश्न 62.
राष्ट्रपति तथा उप-राष्ट्रपति का चुनाव किसके द्वारा किया जाता है?
उत्तर-
एक निर्वाचक मंडल द्वारा।
II. रिक्त स्थानों की पूर्ति
- संसदीय प्रणाली में ……………… राज्य की सर्वोच्च संस्था होती है।
- राज्यसभा का सभापति …………… होता है।
- राष्ट्रपति का कार्यकाल ………….. होता है।
- प्रधानमंत्री की नियुक्ति …………… द्वारा की जाती है।
- उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की संख्या घटाने-बढ़ाने का अधिकार ……. को प्राप्त है।
- पंजाब राज्य से लोकसभा में ………….. सदस्य हैं।
- लोकसभा में अधिक-से-अधिक ……… सदस्य हो सकते हैं।
- लोकसभा का कार्यकाल ………….. वर्ष होता है।
- संसद् में पेश किए गए प्रस्तावित कानून को …………….. कहते हैं।
- संसद् के उच्च सदन को …………. कहते हैं।
उत्तर-
- संसद्,
- उपराष्ट्रपति,
- पांच वर्ष,
- राष्ट्रपति,
- संसद्,
- 13,
- 550,
- पांच,
- विधेयक,
- राज्य सभा।
III. बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
भारत की तीनों सशस्त्र सेनाओं का प्रधान होता है
(A) रक्षा मंत्री
(B) राष्ट्रपति
(C) प्रधानमंत्री
(D) गृहमंत्री।
उत्तर-
(B) राष्ट्रपति
प्रश्न 2.
राष्ट्रपति लोकसभा में कितने ऐंग्लो-इंडियन सदस्य मनोनीत कर सकता है?
(A) दो
(B) बारह
(C) पांच
(D) छः।
उत्तर-
(A) दो
प्रश्न 3. .
राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव होता है-
(A) प्रधानमन्त्री तथा उसकी मन्त्रिपरिषद् द्वारा
(B) राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा
(C) राज्यों की पंचायतों द्वारा
(D) लोकसभा के निर्वाचित सदस्यों द्वारा।
उत्तर-
(B) राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा
प्रश्न 4.
हमारे मौलिक अधिकारों का संरक्षक है
(A) प्रधानमन्त्री की मन्त्रिपरिषद्
(B) लोकसभा
(C) सर्वोच्च अथवा उच्चतम न्यायालय
(D) राष्ट्रपति।
उत्तर-
(C) सर्वोच्च अथवा उच्चतम न्यायालय
प्रश्न 5.
राज्यसभा के सदस्यों का कार्यकाल कितना होता है?
(A) तीन वर्ष
(B) चार वर्ष
(C) पांच वर्ष
(D) छः वर्ष।
उत्तर-
(D) छः वर्ष।
IV. सत्य-असत्य कथन
प्रश्न-सत्य/सही कथनों पर (✓) तथा असत्य/गलत कथनों पर (✗) का निशान लगाएं
- लोकसभा का कार्यकाल छ: वर्ष होता है।
- लोकसभा का सदस्य बनने के लिए कम से कम 25 वर्ष की आयु होनी चाहिए।
- राज्यसभा एक स्थायी सदन है जिसके सदस्यों का कार्यकाल छः वर्ष होता है।
- राष्ट्रपति संसद में बहुमत प्राप्त करने वाले दल के नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त करता है।
- लोकसभा की कार्यवाही का संचालन लोकसभा का कोई भी नवनिर्वाचित सदस्य कर सकता है।
- सर्वोच्च न्यायालय प्रत्येक राज्य की राजधानी में होता है।
उत्तर-
- (✗),
- (✓),
- (✓),
- (✓),
- (✗),
- (✗).
V. उचित मिलान
- महाभियोग — अस्थायी कानून
- अध्यादेश — राष्ट्रपति को पद से हटाना।
- अविश्वास प्रस्ताव — सर्वोच्च (उच्चतम) न्यायालय
- प्रारंभिक अधिकार क्षेत्र — मंत्रिमंडल का त्यागपत्र
उत्तर-
- महाभियोग — राष्ट्रपति को पद से हटाना,
- अध्यादेश — अस्थायी कानून,
- अविश्वास प्रस्ताव — मंत्रिमंडल का त्याग-पत्र,
- प्रारंभिक अधिकार क्षेत्र — सर्वोच्च (उच्चतम) न्यायालय।
छोटे उत्तर वाले प्रश्न (Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
संसद् की सर्वोच्चता से आप क्या समझते हैं?
अथवा
चार तर्कों द्वारा सिद्ध कीजिए कि देश में संसद् की सर्वोच्चता है।
उत्तर-
संसद् की सर्वोच्चता का यह अर्थ है कि देश में कानून बनाने की अन्तिम शक्ति संसद् के हाथ में ही है। संसद् द्वारा पारित कानून पर राष्ट्रपति को अवश्य ही हस्ताक्षर करना पड़ता है। यह संघ सूची और समवर्ती सूची पर कानून बना सकती है। यह उस प्रक्रिया में भी भाग लेती है जिसके द्वारा राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति का चुनाव होता है। यह सर्वोच्च तथा उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों को हटाने के लिए सरकार से प्रार्थना कर सकती है। सरकारी आयव्यय पर भी इसी का नियन्त्रण रहता है। एक विशेष प्रक्रिया द्वारा इसे संविधान में संशोधन करने का अधिकार प्राप्त है। इसके अतिरिक्त यह सरकार की शक्तियों के प्रयोग पर नियन्त्रण रखती है। अतः स्पष्ट है कि संसद वास्तव में ही देश की सर्वोच्च संस्था है।
प्रश्न 2.
प्रधानमन्त्री का संविधान में क्या स्थान है?
उत्तर-
प्रधानमन्त्री का संविधान में बड़ा महत्त्वपूर्ण स्थान है। राष्ट्रपति देश का केवल कार्यकारी मुखिया है। उसकी सभी शक्तियों का प्रयोग प्रधानमन्त्री करता है। वह मन्त्रियों तथा महत्त्वपूर्ण पदाधिकारियों की नियुक्ति करता है। देश की बाहरी तथा भीतरी नीति का निर्माण भी वही करता है। वह सरकार के कई महत्त्वपूर्ण विभाग अपने हाथ में रखता है और उनका उचित संचालन करता है। इसके अतिरिक्त वह राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार होता है। वास्तव में वह सारे राष्ट्र का नेता होता है। इस प्रकार हम देखते हैं कि प्रधानमन्त्री को संविधान में विशिष्ट स्थान प्राप्त है।
प्रश्न 3.
राष्ट्रपति तथा प्रधानमन्त्री में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर-
भारत में संसदीय सरकार होने के कारण संविधान में प्रधानमन्त्री की स्थिति राष्ट्रपति से अधिक महत्त्वपूर्ण है। यह सत्य है कि राष्ट्रपति देश का संवैधानिक मुखिया है और उसका पद बहुत ही गौरव का है। परन्तु उसकी शक्ति नाममात्र है। वह अपनी शक्तियों का प्रयोग मन्त्रिपरिषद् की ‘सहायता और परामर्श’ से ही करता है। क्योंकि प्रधानमन्त्री मन्त्रिपरिषद् का नेता होता है, इसलिए राष्ट्रपति की शक्तियां वास्तव में प्रधानमन्त्री की ही शक्तियां हैं। वह देश की वास्तविक कार्यपालिका है। वह मन्त्रिपरिषद् तथा राष्ट्रपति के बीच कड़ी (Link) का कार्य करता है। वही देश के लिए. नीति-निर्माण करता है। इस प्रकार प्रधानमन्त्री पूरे राष्ट्र का वास्तविक नेता है।
प्रश्न 4.
प्रधानमन्त्री के मुख्य कार्य (शक्तियाँ) का वर्णन करो।
उत्तर-
भारत के प्रधानमन्त्री के निम्नलिखित प्रमुख कार्य हैं —
- राष्ट्रपति को सहायता तथा परामर्श देना।
- मन्त्रिपरिषद् के सदस्यों को चुनना।
- मन्त्रियों में विभागों का बंटवारा करना।
- सरकार के विभिन्न मन्त्रालयों तथा विभागों की नीतियों में तालमेल बनाए रखना।
- संसद् में सरकार के प्रमुख प्रवक्ता का कार्य करना।
- भारत के योजना आयोग तथा राष्ट्रीय विकास परिषद के पदेन अध्यक्ष का कार्य करना।
प्रश्न 5.
उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश बनने के लिए कौन-सी योग्यताएं हैं?
उत्तर-
उच्चतम न्यायालय में निम्नलिखित योग्यताओं वाले व्यक्ति को न्यायाधीश नियुक्त किया जाता है —
- वह भारत का नागरिक हो।
- वह एक या एक से अधिक उच्च न्यायालयों में पांच वर्ष तक न्यायाधीश रह चुका हो।
वह कम-से-कम 10 वर्ष तक एक या एक से अधिक उच्च न्यायालयों में वकालत कर चुका हो।
या वह राष्ट्रपति की दृष्टि में कोई विधि विशेषज्ञ हो।
प्रश्न 6.
राज्य में राष्ट्रपति शासन की घोषणा कब की जाती है?
उत्तर-
भारत के किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन की घोषणा राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। राष्ट्रपति यह घोषणा वहां के राज्यपाल की सिफ़ारिश पर करता है। यह घोषणा उस स्थिति में की जाती है, जब राष्ट्रपति को राज्यपाल या किसी अन्य भरोसेमंद सूत्र द्वारा प्राप्त सूचना से यह पता चले कि उस राज्य का शासन संविधान की धाराओं के अनुसार नहीं चलाया जा सकता। राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्यपाल राज्य का वास्तविक अध्यक्ष बन जाता है. तथा राज्य की सभी शक्तियां राष्ट्रपति के पास होती हैं। ऐसी स्थिति में राज्य के लिए कानून संसद् द्वारा बनाए जाते हैं।
राज्य में आपातकाल (राष्ट्रपति शासन) प्रायः छः मास के लिए होता है, परन्तु संसद् इसे छः मास तक और बढ़ा । सकती है। यदि यह समय एक वर्ष से अधिक बढ़ाना पड़े, तो इसके लिए संविधान में संशोधन किया जा सकता है।
प्रश्न 7.
भारत में संसद् और न्यायालय के सम्बन्धों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
भारत में संसद और न्यायालयों के बीच गहरा सम्बन्ध है। संसद् देश के लिए कानून बनाती है और न्यायालय उन कानूनों की रक्षा करते हैं। यदि कोई व्यक्ति इन कानूनों को भंग करे तो न्यायालय उसे दण्ड देता है। संसद् सर्वोच्च तथा उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों को हटाने के लिए राष्ट्रपति से निवेदन कर सकती है। इसके अतिरिक्त न्यायाधीशों के अधिकारों तथा कर्त्तव्यों का निर्धारण भी संसद् के कानूनों और संविधान द्वारा ही होता है।
प्रश्न 8.
लोकसभा के सदस्यों के चुनाव की विधि का वर्णन करो।
उत्तर-
लोकसभा भारतीय संसद् का निम्न सदन है। इसके सदस्य जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं। भारत का प्रत्येक नागरिक जिसकी आयु 18 वर्ष या इससे अधिक हो, लोकसभा के चुनाव में मतदान कर सकता है। लोकसभा में कुछ स्थान पिछड़ी जातियों के लिए सुरक्षित किए गए हैं। यदि राष्ट्रपति यह अनुभव करे कि चुनाव में ऐंग्लो-इण्डियन को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया तो वह लोकसभा में उस जाति के दो सदस्यों को मनोनीत कर सकता है। लोकसभा के सदस्यों का चुनाव जनसंख्या के आधार पर किया जाता है। चुनाव के लिए सारे देश को बराबर जनसंख्या वाले क्षेत्रों में बांट दिया जाता है। यही कारण है कि जद राज्यों से लाकराणा के लिए अधिक सदस्य चुने जाते हैं।
प्रश्न 9.
लोकसभा के अध्यक्ष (स्पीकर) पद के लिए किसे तथा कैसे निर्वाचित किया जाता है?
उत्तर-
लोकसभा के सदस्य अपने में से ही किसी एक को अध्यक्ष चुनते हैं। चुनावों के पश्चात् लोकसभा की पहली बैठक में सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्य को सदन की अध्यक्षता करने के लिए कहा जाता है। उसकी अध्यक्षता में लोकसभा के विभिन्न दलों के सदस्य अपने-अपने उम्मीदवार का नाम प्रस्तुत करते हैं और सबसे अधिक मत प्राप्त करने वाले उम्मीदवार को लोकसभा का स्पीकर चुन लिया जाता है। परन्तु प्रायः किसी ऐसे व्यक्ति को स्पीकर बनाने का प्रयास किया जाता है जो सभी दलों को मान्य हो। चुने जाने के पश्चात् लोकसभा अध्यक्ष राजनीतिक दल से अलग हो जाता है।
प्रश्न 10.
संसद् से क्या अभिप्राय है ? इसके दोनों सदनों के नाम बताओ और उनका कार्यकाल लिखो।
उत्तर-
संसद् से अभिप्राय केन्द्रीय विधान-मण्डल से है। इसके दो सदन हैं-लोकसभा तथा राज्यसभा। यह ऐसी संस्था है जो राष्ट्रीय महत्त्व के विषयों पर कानून बनाती है। संसद् द्वारा बनाए गए कानून पूरे देश को प्रभावित करते हैं।
- लोकसभा की अवधि-लोकसभा के सदस्यों का चुनाव 5 वर्ष के लिए किया जाता है। परन्तु राष्ट्रपति इसे 5 वर्ष से पहले भी भंग कर सकता है और चुनाव दोबारा करा सकता है। संकटकाल में लोकसभा की अवधि को बढ़ाया भी जा सकता है।
- राज्यसभा का कार्यकाल-राज्यसभा एक स्थायी सदन है, परन्तु हर दो वर्ष के पश्चात् इसके 1/3 सदस्य बदल जाते हैं और उनके स्थान पर नए सदस्य चुन लिए जाते हैं। इस प्रकार प्रत्येक सदस्य अपने पद पर 6 वर्ष तक रहता है।
प्रश्न 11.
संक्षेप में भारत के राष्ट्रपति के अधिकारों का विवेचन कीजिए।
अथवा
भारत के राष्ट्रपति के कार्यकारी, वैधानिक तथा अन्य अधिकारों का वर्णन करो।
उत्तर-
भारत के राष्ट्रपति की शक्तियों का वर्णन इस प्रकार है
- कार्यकारी अधिकारी-
- सभी कानून राष्ट्रपति के नाम पर लागू होते हैं।
- वह प्रधानमन्त्री तथा उसके परामर्श से अन्य मन्त्रियों की नियुक्ति करता है।
- वह युद्ध तथा सन्धि की घोषणा करता है।
- वह विदेशों में अपने राजदूत नियुक्त करता है तथा विदेशों से आने वाले राजदूतों को मान्यता देता है।
- वैधानिक अधिकार-
- उसकी स्वीकृति के बिना कोई भी बिल कानून नहीं बन सकता।
- वह प्रधानमन्त्री की सलाह से लोकसभा को निश्चित समय से पहले भंग कर सकता है।
- वह राज्यसभा के लिए 12 तथा लोकसभा के लिए 2 सदस्य मनोनीत करता है।
- वित्तीय अधिकार-कोई भी धन-बिल राष्ट्रपति की स्वीकृति के बिना लोकसभा में पेश नहीं किया जा सकता है।
- न्याय सम्बन्धी अधिकार-
- राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति करता है।
- वह कैदियों की सज़ा कम या माफ कर सकता है।
- संकटकालीन शक्तियां-राष्ट्रपति बाह्य आक्रमण या आन्तरिक सशस्त्र विद्रोह, आर्थिक संकट और राज्य सरकार के ठीक न चलने पर संकटकाल की घोषणा कर सकता है।
प्रश्न 12.
संसद् सदस्यों के लिए छः अनिवार्य योग्यताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
संसद् सदस्यों के लिए निम्नलिखित छः अनिवार्य योग्यताएं हैं
- उसे भारत का नागरिक होना चाहिए।
- उसे शपथ लेनी चाहिए कि वह संविधान का पालन और आदर करेगा तथा भारत की प्रभुसत्ता तथा अखण्डता को बनाए रखेगा।
- राज्यसभा के लिए न्यूनतम 30 वर्ष और लोकसभा के लिए 25 वर्ष की आयु होनी चाहिए।
- वह पागल घोषित नहीं होना चाहिए।
- उसे लाभ के पद पर नहीं होना चाहिए।
- उसे दिवालिया नहीं होना चाहिए।
प्रश्न 13.
किस आधार पर राष्ट्रपति राज्यसभा में 12 सदस्यों को मनोनीत कर सकता है?
उत्तर-
भारत का राष्ट्रपति राज्यसभा में 12 सदस्य मनोनीत कर सकता है। वह उन व्यक्तियों को मनोनीत करता है जिन्हें साहित्य, कला, विज्ञान अथवा समाज सेवा के क्षेत्र में विशेष ज्ञान तथा अनुभव हो।
प्रश्न 14.
संसद् के तीन विधायी तथा तीन गैर-विधायी कार्य बताइए।
उत्तर-
विधायी कार्य-
- यह साधारण विधेयक पास करती है।
- वह वित्त विधेयक पास करती है।
- यह राष्ट्रपति द्वारा संसद् के अवकाश काल में जारी किए गए अध्यादेशों का अनुमोदन करती है।
गैर-विधायी कार्य-
- संसद् सदस्य मन्त्रियों से प्रश्न पूछते हैं तथा मन्त्री इन प्रश्नों के उत्तर देते हैं।
- राष्ट्रपति द्वारा की गई आपातकालीन घोषणा पर निश्चित अवधि के भीतर संसद् का अनुमोदन प्राप्त करना पड़ता है।
- संसद् मन्त्रिपरिषद् के विरुद्ध प्रस्तुत किए गए अविश्वास के प्रस्ताव पर विचार करती है।
प्रश्न 15.
सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा अन्य न्यायाधीशों की योग्यताएं, कार्यकाल तथा वेतन बताइए।
उत्तर-
योग्यताएं-
- वह भारत का नागरिक हो।
- वह या तो कम-से-कम पांच साल तक उच्च न्यायालय का न्यायाधीश रहा हो या कम-से-कम दस वर्ष तक उच्च न्यायालय का वकील रहा हो या राष्ट्रपति की राय में कानून विशेषज्ञ हो।
निश्चित कार्यकाल-सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश का कार्यकाल नियुक्ति के बाद निश्चित है। वे अपने पद पर उस समय तक बने रहते हैं जब तक वे 65 वर्ष के न हो जाएं।
निश्चित वेतन-मुख्य न्यायाधीश को 2,80,000 रु० महीना तथा अन्य न्यायाधीशों को 2,50,000 रु० महीना वेतन मिलता है।
प्रश्न 16.
संविधान के वे चार प्रमुख उपबन्ध बताइए जो सर्वोच्च न्यायालय को स्वतन्त्र तथा निष्पक्ष बनाते हैं।
अथवा
भारतीय संविधान स्वतन्त्र न्यायपालिका की रक्षा कैसे करता है?
उत्तर-
सर्वोच्च न्यायालय को स्वतन्त्र तथा निष्पक्ष बनाने के लिए संविधान में निम्नलिखित उपबन्ध दिए गए हैं
- राज्य-नीति का एक निर्देशक सिद्धान्त न्यायपालिका को कार्यपालिका से स्वतन्त्र करने का आदेश देता है।
- मुख्य तथा अन्य सभी न्यायाधीशों की नियुक्ति निर्धारित न्यायिक अथवा कानूनी योग्यताओं के आधार पर की । जाती है।
- उन्हें सम्माननीय वेतन दिया जाता है।
- उनका कार्यकाल निश्चित है।
प्रश्न 17.
निम्नलिखित की व्याख्या करें-
- भारतीय संसद में संगम प्रस्ताव
- भारतीय संसद में ध्यानार्थ प्रस्ताव
- भारतीय संसद् के सदनों को राष्ट्रपति का अभिभाषण और सन्देश
- साधारण विधेयक पारित करने के पड़ाव
- लोकसभा को भंग करना
- धन विधेयक
उत्तर-
- भारतीय संसद में स्थगन प्रस्ताव-सदन में बहस के दौरान किसी सार्वजनिक महत्त्व के विषय पर बहस करने के लिए रखे गए प्रस्ताव को स्थगन प्रस्ताव कहते हैं।
- भारतीय संसद में ध्यानार्थ प्रस्ताव-सरकार का ध्यान किसी आवश्यक घटना की और दिलाने के लिए रखे गए प्रस्ताव को ध्यानार्थ अथवा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव कहते हैं।
- भारतीय संसद के सदनों को राष्ट्रपति का अभिभाषण और संन्देश-जब राष्ट्रपति संसद् का अधिवेशन बुलाता है तो दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को अभिभाषण से आरम्भ करता है। अपने अभिभाषण में वह संसद को सरकार की नीतियों की रूप रेखा के बारे में सन्देश देता है।
- साधारण विधेयक पारित करने के पड़ाव-साधारण विधेयक पारित करने के पड़ाव हैं-विधेयकं की प्रस्तुति और वाचन, विधेयक की प्रत्येक धारा पर बहस । यदि आवश्यक हो तो बिल को विचार-विमर्श के लिए विशेष समिति को सौंपा जाना, विधेयक पर समग्र रूप से मतदान, पास्ति बिल दूसरे सदन में, राष्ट्रपति की स्वीकृति।
- लोकसभा को भंग करना-राष्ट्रपति लोकसभा को इसकी अवधि पूरी होने से पहले भी भंग कर सकता है। परन्तु ऐसा वह केवल मन्त्रिपरिषद् की सिफारिश पर ही कर सकता है।
- धन विधेयक-धावह होता है जिसका सम्बन्ध सरकार के व्यय, कर लगाने, उनमें संशोधन करने, समाप्त करने आदि से होती है। धन विधेयक किसी मन्त्री द्वारा लोकसभा में प्रस्तुत किया जा सकता है।