PSEB 11th Class Hindi Solutions Chapter 21 शहीद सुखदेव

Punjab State Board PSEB 11th Class Hindi Book Solutions Chapter 21 शहीद सुखदेव Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 11 Hindi Chapter 21 शहीद सुखदेव

Hindi Guide for Class 11 PSEB शहीद सुखदेव Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें

प्रश्न 1.
‘क्रान्तिकारी इतिहास में सुखदेव का महत्त्व किसी भी प्रकार कम नहीं आंका जा सकता।’ लेखक के इस कथन के आधार पर सुखदेव के गुण लिखें।
उत्तर:
क्रान्तिकारी इतिहास में सुखदेव का महत्त्व किसी प्रकार भी कम नहीं आंका जा सकता। अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों को देखते हुए सुखदेव के मन में उन के प्रति नफ़रत की भावना निरन्तर बढ़ती गई। जलियांवाला बाग की घटना ने जलती पर घी का काम किया। सरकार ने मार्शल लॉ लागू कर दिया और सभी स्कूलों में सेना अधिकारी तैनात कर दिए गए। एक दिन परेड के समय सभी छात्रों को अंग्रेज़ी अफ़सर को सलामी देने को कहा गया। सुखदेव ने स्पष्ट रूप में घोषणा की “मैं अंग्रेज़ को किसी भी कीमत पर सलामी नहीं दूंगा।” इस पर अंग्रेज़ अफ़सर ने उन्हें खूब पीटा।

बड़े होने पर सुखदेव के स्वभाव में दृढ़ता और अंग्रेज़ी सत्ता के प्रति नफ़रत और भी बढ़ती चली गई। हाई स्कूल की परीक्षा पास कर सुखदेव ने लाहौर के नेशनल कॉलेज में प्रवेश लिया। वहीं वे क्रान्तिकारियों के सम्पर्क में आए। सन् 1926 में भगत सिंह तथा भगवती चरण वर्मा के साथ मिलकर “नौजवान भारत सभा” का गठन किया जिसका उद्देश्य लोगों में राष्ट्र-चेतना जागृत करना था। सुखदेव, भगत सिंह आदि के सुझाव पर हिन्दुस्तान सोशलिस्ट ‘रिपब्लिकन आर्मी’ का गठन किया गया। सुखदेव को पंजाब प्रान्त का प्रमुख संगठनकर्ता घोषित किया गया।

सुखदेव चाहते थे कि उन्हें जनता की सहानुभूति भी प्राप्त हो सके। लोग क्रान्तिकारियों को आतंकवादी न समझ लें। सांडर्स हत्याकांड में सुखदेव की अहम भूमिका रही। असैंबली बम कांड के कुछ ही दिन बाद सुखदेव को भी कैद कर लिया गया। वहां भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी की सजा सुनाई। 23 मार्च, सन् 1931 को अंग्रेज़ सरकार ने जनता के कड़े विरोध के बावजूद इन तीनों देशभक्तों को फाँसी दे दी।

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प्रश्न 2.
सुखदेव की राष्ट्रवादी सोच पर किन-किन व्यक्तियों ने अपना गहरा प्रभाव दिखाया ? पाठ के आधार पर उत्तर दें।
उत्तर:
हाई स्कूल की परीक्षा पास करने के बाद सुखदेव ने लाहौर के नेशनल कॉलेज में दाखिला लिया। वहीं सुखदेव की भेंट प्रिंसिपल जुगल किशोर, भाई परमानन्द, जयचन्द विद्यालंकार आदि कुछ ऐसे अध्यापकों से हुई जो स्वयं तो राष्ट्र सेवा में जुटे हुए थे, साथ ही कॉलेज के विद्यार्थियों में देश प्रेम की भावना जागृत करने का प्रयास कर रहे थे। मित्रों में सुखदेव सिंह को भगत सिंह का साथ मिला। दोनों एक साथ रहते और घण्टों समाजवाद तथा देश की स्थिति पर चर्चा करते रहते। सुखदेव की राष्ट्रवादी सोच पर गहरा प्रभाव छोड़ने वाले व्यक्तियों में भगवती चरण वर्मा तथा चन्द्रशेखर आज़ाद का गहरा प्रभाव पड़ा।

प्रश्न 3.
‘शहीद सुखदेव’ निबन्ध का सार लिखें।
उत्तर:
‘शहीद सुखदेव डॉ० रविकुमार ‘अनु’ द्वारा लिखित निबन्ध है। इस निबन्ध में लेखक ने शहीद सखदेव के जीवन की घटनाओं का वर्णन किया है। उन्होंने अंग्रेजी साम्राज्य की नींव को हिलाने में पंजाब के क्रांतिकारियों द्वारा हुए आंदोलनों के पीछे शहीद सुखदेव की महत्त्वूपर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला है। शहीद सुखदेव का जन्म 15 मई, सन् 1907 को लुधियाना के मुहल्ला नौधराँ में हुआ। आपके पिता उन दिनों लायलपुर में व्यापार करते थे। आपके जन्म के बाद आपके पिता ने इन्हें माता सहित लायलपुर बुला लिया। सन् 1910 में आपके पिता का देहांत हो गया। आपका पालन-पोषण आपके ताया लाला चिंतराम थापर ने किया। लाला चिंतराम आर्य समाजी विचारधारा रखते थे। वे आर्यसमाज के कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते थे। सुखदेव पर उनका बहुत प्रभाव पड़ा।

बचपन से आप पढ़ाई के अतिरिक्त समाज सेवा के कामों में भी हिस्सा लिया करते थे। हरिजन बच्चों को उन दिनों सरकारी और धार्मिक स्कूलों में दाखिला नहीं मिलता था। यह देख कर सुखदेव दुःखी हो उठे थे। उन्होंने पास की बस्तियों में जाकर हरिजन बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया।

अंग्रेजों की दमनकारी नीति के कारण वे उन से घृणा करते थे। बड़े होकर उन्होंने लाहौर के नेशनल कॉलेज में दाखिला लिया। यहीं उनकी भेंट लाला लाजपत राय से हुई। वहीं प्रिंसिपल जुगल किशोर, भाई परमानंद, जयचंद्र विद्यालंकार सरीखे अध्यापकों से उनकी भेंट हुई। सरदार भगत सिंह से भी इनकी मुलाकात यहीं हुई। उन्होंने भगत सिंह के साथ मिलकर ‘नौजवान भारत सभा’ की स्थापना की। देश की आजादी के लिए क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग लिया।

क्रांतिकारियों ने स्कॉट के भ्रम में सांडर्स की हत्या कर दी। सरकार सचेत हो गई। जगह-जगह छापे पड़ने लगे। 8 अप्रैल, सन् 1929 को भगत सिंह और दत्त ने असेंबली में बम फेंका और गिरफ्तारी दी। 15 अप्रैल, सन् 1929 को एक बम फैक्टरी पर पड़े छापे के दौरान सुखदेव भी साथियों सहित गिरफ्तार कर लिए गए। उन पर भगत सिंह और दत्त के साथ ही मुकद्दमा चलाया गया और अंग्रेजी सरकार ने गुप्त रूप से 23 मार्च, सन् 1931 को सतलुज नदी के किनारे फिरोजपुर में उनको फाँसी दे दी।

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(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें-

प्रश्न 1.
सुखदेव का बचपन कहां बीता? उन्होंने कहाँ-कहाँ शिक्षा प्राप्त की?
उत्तर:
सुखदेव का बचपन लायलपुर (अब पाकिस्तान) में बीता। उनके ताया लाला चिन्तराम थापर शेरे लायलपुर कहलाते थे। लायलपुर के सनातन धर्म स्कूल में उन्होंने हाई स्कूल की परीक्षा पास की। तदुपरांत उन्होंने लाहौर के नेशनल कॉलेज में दाखिला लिया। यहीं उनकी क्रान्तिकारी सोच परवान चढ़ी।।

प्रश्न 2.
दीपावली पर झाँसी की रानी की तस्वीर खरीदने पर उन्होंने अपनी माँ से क्या कहा? इस से उनके चरित्र की किस विशेषता का पता चलता है ?
उत्तर:
दीवाली के अवसर पर जहाँ सभी बच्चे खिलौने खरीद रहे थे सखदेव ने झाँसी की रानी की तस्वीर खरीदी और घर लौट कर अपनी माँ को बड़े उत्साह के साथ बताया, “देखो माँ लक्ष्मी बाई की तस्वीर। इसने अंग्रेजों से लोहा लिया था न? इसकी बहादुरी तो देखो? एक हाथ में तलवार और एक हाथ में घोड़े की लगाम सम्भाले पीठ पर बच्चा बाँध कर यह कितनी बहादुरी से लड़ी होगी? मैं भी ऐसा ही बनूँगा।” प्रस्तुत घटना से सुखदेव के चरित्र की इस विशेषता का पता चलता है कि देश भक्ति के अंकुर उन में बचपन से ही थे।

प्रश्न 3.
निबन्ध के आधार पर उनके द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों का उल्लेख करें।
उत्तर:
जिन दिनों सुखदेव सनातम धर्म स्कूल के विद्यार्थी थे, तो उन्हें पता चला कि हरिजन बच्चों को सरकारी और धार्मिक स्कूलों में प्रवेश नहीं दिया जाता तो सुखदेव सिंह को बहुत दुःख हुआ। उन्होंने स्वयं ही लायलपुर के पास की हरिजन बस्तियों में जाकर बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया।

सन् 1918 में जब महामारी फैली तो सुखदेव ने बच्चों के साथ मिलकर एक सेवा समिति बनाई। जिस का काम दवाइयाँ इकट्ठा करना और घर-घर बाँटना था। उन दिनों सुखदेव ने अपनी चिन्ता न कर के दिन-रात लोगों की सेवा की।

प्रश्न 4.
स्कूल में आए अंग्रेज़ अफ़सर को उन्होंने सलामी क्यों नहीं दी?
उत्तर:
सुखदेव के मन में अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों को देखते हुए उनके प्रति नफ़रत की भावना बढ़ती गई थी। उन्हीं दिनों जलियांवाला बाग की घटना के कारण सुखदेव का खून खौल उठा था। इसी नफ़रत के कारण उन्होंने ने अंग्रेज़ अफ़सर को सलामी देने से इन्कार कर दिया।

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प्रश्न 5.
लाहौर नेशनल कॉलेज पहुँचने पर सुखदेव का सम्पर्क किन क्रान्तिकारियों से हुआ? इससे उनके दृष्टिकोण में क्या परिवर्तन हुआ?
उत्तर:
लाहौर नेशनल कॉलेज में सुखदेव इतिहास के अध्यापक जयचन्द्र विद्यालंकार के माध्यम से क्रान्तिकारियों के सम्पर्क में आए। वहीं उनकी भेंट भगतसिंह और भगवती चरण जैसे देशभक्त क्रान्तिकारियों से हई। इससे उनकी कार्यशैली में अनेक परिवर्तन आए। उन्होंने क्रान्तिकारी कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना शुरू कर दिया। सुखदेव को पंजाब प्रान्त का प्रमुख संगठनकर्ता नियुक्त किया गया। उन्होंने अंग्रेज़ी सरकार के विरुद्ध अनेक प्रदर्शन किए और लाला लाजपतराय की मृत्यु का बदला लेने की योजना बनाने का जिम्मा भी इन्हें ही सौंपा गया।

प्रश्न 6.
नौजवान भारत सभा की स्थापना का क्या उद्देश्य था?
उत्तर:
नौजवान भारत सभा का वास्तविक उद्देश्य इश्तहारों, भाषणों और सभाओं के द्वारा जन साधारण में राष्ट्रीय भावना जागृत करना था। इस मंच के द्वारा वे नवयुवकों को देश के स्वतन्त्रता संग्राम में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते थे। लोगों में देश के लिए एक नई चेतना जागृत करने के उद्देश्य से सन् 1926 में भगत सिंह और भगवती चरण के साथ मिलकर नौजवान सभा की स्थापना की और उन्होंने करतार सिंह सराभा का शहीदी दिन मनाया था।

प्रश्न 7.
क्रान्तिकारियों की बैठक में कौन-कौन से महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए?
उत्तर:
क्रान्तिकारियों की बैठक में पहला महत्त्वपूर्ण फैसला यह लिया गया कि क्रान्तिकारी संगठनों की एक केन्द्रीय समिति बनाई जाए। इस दल को नया नाम दिया गया–हिन्दुस्तान ‘सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी’। इस दल का उद्देश्य केवल आजादी की लड़ाई तक ही सीमित नहीं अपितु आज़ादी के बाद समाज में शोषण की प्रक्रिया को भी समाप्त करना था। चन्द्रशेखर आजाद को पार्टी का कमाण्डर इन चीफ बनाया गया।

प्रश्न 8.
लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदला लेने में सुखदेव की भूमिका क्या थी?
उत्तर:
क्रान्तिकारियों ने लाला जी आहत होने का बदला लेने का मन बना लिया था। सुखदेव को इस कार्य की योजना बनाने का काम सौंपा गया। सुखदेव इस कार्य को इस ढंग से करना चाहते थे जिससे लोगों की सहानुभूति प्राप्त हो सके। वे नहीं चाहते थे कि लोग क्रान्तिकारियों को सामान्य लूट-मार करने वाले अपराधी समझें। इसलिए वे प्रोपेगैंडा एक्शन्स में विश्वास रखते थे। 17 नवम्बर को लाला जी की मृत्यु हो जाने पर इन लोगों का काम आसान हो गया। उन्होंने स्कॉट की हत्या की योजना बनाई। सुखदेव ने अकेले ही सारे हथियारों को दूसरी सुरक्षित जगह पहुँचाया था।

प्रश्न 9.
दिल्ली असैम्बली में बम फेंकने की योजना क्यों बनाई गई?
उत्तर:
सुखदेव का विचार था कि असैम्बली की कार्यवाही को रोकने का एक ही उपाय है कि उसे बीच में ही रोक दिया जाए। सुखदेव चाहते थे कि असैम्बली में बम गिरने के बाद क्रान्तिकारियों की गिरफ्तारी होगी तो वे पुलिस और जनता के सामने वज़नदार तर्क प्रस्तुत कर जनता में जागृति की भावना जागृत करने में सफल हो सकते हैं। भगत सिंह और दत्त ने असैम्बली में बम फेंक कर गिरफ्तारी दी और अपना मुकद्दमा लड़ते समय ऐसे तर्क दिए जो जनता में जागृति लाने में सहायक सिद्ध हुए।

प्रश्न 10.
सुखदेव की गिरफ्तारी कैसे हुई? उन्हें फाँसी क्यों दी गई?
उत्तर:
15 अप्रैल, सन् 1929 को सुखदेव अपने कुछ साथियों सहित लाहौर बम फैक्टरी पर डाले गए छापे के दौरान पकड़े गए। उन पर चलाए जाने वाले मुकद्दमे के दौरान यह सिद्ध किया गया कि सुखदेव सारे क्रान्तिकारी षड्यन्त्रों के सरदार थे और भगत सिंह उनका का दायां हाथ था। 7 अक्तूबर, सन् 1930 को उन्हें फाँसी की सज़ा देने का फैसला सुनाया गया।

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PSEB 11th Class Hindi Guide शहीद सुखदेव Important Questions and Answers

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
‘शहीद सुखदेव’ किसकी रचना है ?
उत्तर:
डॉ० रविकुमार ‘अनु’।

प्रश्न 2.
सुखदेव पास की बस्तियों में किसे पढ़ाते थे ?
उत्तर:
हरिजन बच्चों को।

प्रश्न 3.
बचपन में सुखदेव पढ़ाई के अतिरिक्त क्या करते थे ?
उत्तर:
समाज सेवा के कार्य।

प्रश्न 4.
शहीद सुखदेव का जन्म कब हुआ था ?
उत्तर:
15 मई, सन् 1907 को।

प्रश्न 5.
शहीद सुखदेव का जन्म कहाँ हुआ था ?
उत्तर:
पंजाब राज्य के लुधियाना शहर के मुहल्ला नौधरा में।

प्रश्न 6.
शहीद सुखदेव के पिता पेशे से क्या थे ?
उत्तर:
व्यापारी।

प्रश्न 7.
शहीद सुखदेव के पिता का देहांत कब हुआ था ?
उत्तर:
सन् 1910 में।

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प्रश्न 8.
शहीद सुखदेव का पालन-पोषण किसने किया था ?
उत्तर:
ताया लाला चिंतराम थापर ने।

प्रश्न 9.
लाला चिंतराम किस प्रकार की विचारधारा रखते थे ?
उत्तर:
आर्य समाजी।।

प्रश्न 10.
शहीद सुखदेव अंग्रेजों से घृणा क्यों करते थे ?
उत्तर:
उनकी दमनकारी नीतियों के कारण।

प्रश्न 11.
शहीद सुखदेव ने किस कॉलेज में दाखिला लिया था ?
उत्तर:
नेशनल कॉलेज में।

प्रश्न 12.
नेशनल कॉलेज कहाँ पर स्थित है ?
उत्तर:
लाहौर में।

प्रश्न 13.
शहीद सुखदेव की भेंट लाला लाजपतराय से कहाँ हुई थी ?
उत्तर:
लाहौर नेशनल कॉलेज में।

प्रश्न 14.
शहीद सुखदेव ने भगत सिंह के साथ मिलकर किस सभा की स्थापना की थी ?
उत्तर:
नौजवान भारत सभा।

प्रश्न 15.
क्रांतिकारियों ने स्कॉट के भ्रम में किसकी हत्या की थी ?
उत्तर:
सांडर्स की।

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प्रश्न 16.
असेंबली में बम कब फेंका गया था ?
उत्तर:
8 अप्रैल, सन् 1929 को।

प्रश्न 17.
असेंबली में बम किसने फेंका था ?
उत्तर:
भगतसिंह और सुखदेव ने।

प्रश्न 18.
असेंबली में बम फेंकने के बाद भगत सिंह और सुखदेव ने क्या किया ?
उत्तर:
अपनी गिरफ्तारी दी।

प्रश्न 19.
सुखदेव की गिरफ्तारी कब हुई थी ?
उत्तर:
15 अप्रैल, सन् 1929 को।

प्रश्न 20.
सुखदेव की गिरफ्तारी कहां हुई थी ?
उत्तर;
एक बम फैक्टरी में।

प्रश्न 21.
सुखदेव को फांसी कब हुई थी ?
उत्तर:
23 मार्च, सन् 1931 को।

प्रश्न 22.
सुखदेव को फांसी कहाँ दी गई ?
उत्तर:
सतलुज नदी के किनारे फिरोजपुर में।

प्रश्न 23.
सुखदेव को किस प्रकार फांसी दी गई ?
उत्तर:
गुप्त रूप से।

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बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
शहीद सुखदेव ने किस साम्राज्य की नींव को हिला दिया था ?
(क) अंग्रेज़ी
(ख) हिंदी
(ग) मुग़ल
(घ) डच।
उत्तर:
(क) अंग्रेजी

प्रश्न 2.
शहीद सुखदेव का जन्म कब हुआ था ?
(क) 1905 ई०
(ख) 1906 ई०
(ग) 1907 ई०
(घ) 1908 ई०.
उत्तर:
(ग) 1907 ई०

प्रश्न 3.
लाला चिंताराम किस विचारधारा के व्यक्ति थे ?
(क) आर्य समाज
(ख) धर्म समाज
(ग) रूही समाज
(घ) ब्रह्म समाज।
उत्तर:
(क) आर्य समाज

प्रश्न 4.
शहीद सुखदेव ने किसके साथ मिलकर नौजवान भारत सभा’ की स्थापना की ?
(क) शहीद भगत सिंह के
(ख) तांत्या टोपे के
(ग) नेता जी के
(घ) राजगुरु के।
उत्तर:
(क) शहीद भगत सिंह के।

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कठिन शब्दों के अर्थ :

कट्टर = पक्के । महासचिव = महामंत्री। अंकुरित करना = पैदा करना। नफ़रत = घृणा। समाहित = शामिल । वक्ताओं = भाषणों। उग्र = तीव्र, तेज़। संरचना = बनावट। अनुग्रह = कृपा।

प्रमुख अवतरणों की सप्रसंग व्याख्या

(1) देख माँ, रानी लक्ष्मीबाई की तस्वीर। इन्होंने अंग्रेजों से लोहा लिया था ना। इनकी बहादुरी को देखो। एक हाथ में तलवार तथा एक हाथ घोड़े की लगाम सम्भाले पीठ पर बच्चा बाँधकर वह कितनी बहादुरी से लड़ी होगी।

प्रसंग :
प्रस्तुत अवतरण डॉ० रवि कुमार अनु द्वारा लिखित निबन्ध ‘शहीद सुखदेव’ में से लिया गया है। प्रस्तुत निबन्ध में लेखक ने शहीद सुखदेव के जीवन की घटनाओं का भावमय शैली में वर्णन किया है। इसमें सुखदेव के बचपन की घटनाओं का वर्णन किया है

व्याख्या :
प्रस्तुत पंक्तियाँ उस समय कही गयी हैं जब शहीद सुखदेव दीपावली के अवसर पर अन्य बच्चों की तरह खिलौने न खरीद कर झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की तस्वीर खरीदकर अपनी माँ को दिखाता है।

सुखदेव अपनी मां से तस्वीर दिखाकर कहता है कि माँ! यह लक्ष्मीबाई की तस्वीर है। ये वो वीरांगना है जो अंग्रेज़ों से लडी थीं। इन्होंने बहादुरी से अंग्रेजों का सामना किया है। इन्होंने युद्ध के मैदान में एक हाथ में तलवार पकड़ी है तो दूसरे हाथ में घोड़े की लगाम है और पीठ पर बच्चे को बाँधे रखा था। ऐसी अवस्था में वे कितनी बहादुरी से लड़ी थीं।

विशेष :
शहीद सुखदेव बचपन से ही वीरता की प्रतिमूर्तियों से प्रभाव थे। “भाषा सरल तथा सहज है मुहावरे के प्रयोग से रोचकता आ गई है।” चित्रात्मकता का गुण विद्यमान है।

(2) मैं अंग्रेज़ को किसी भी कीमत पर सलामी नहीं दूंगा।

प्रसंग :
प्रस्तुत अवतरण डॉ० रवि कुमार (अनु) द्वारा लिखित निबन्ध ‘शहीद सुखदेव’ में से लिया गया है। प्रस्तुत निबन्ध में शहीद सुखदेव के जीवन की घटनाओं का भावमय शैली में वर्णन किया है। इन पंक्तियों में सुखदेव के बचपन की घटना का वर्णन किया है कि वे बचपन से ही अंग्रेजों से नफ़रत करते थे।

व्याख्या :
अंग्रेज़ अफसर को परेड के समय सलामी न देने पर सुखदेव ने अपने प्राचार्य से कहा कि वह अंग्रेज़ को किसी कीमत पर भी सलामी नहीं देगा क्योंकि उसके दिल में अंग्रेज़ों के प्रति भारी घृणा थी।

विशेष :

  1. शहीद सुखदेव के मन में बचपन से ही अंग्रेजों के प्रति नफ़रत थी।
  2. भाषा सरल एवं सहज है। ओज गुण विद्यमान है।

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शहीद सुखदेव Summary

शहीद सुखदेव निबन्ध का सार

‘शहीद सुखदेव डॉ० रविकुमार ‘अनु’ द्वारा लिखित निबन्ध है। इस निबन्ध में लेखक ने शहीद सखदेव के जीवन की घटनाओं का वर्णन किया है। उन्होंने अंग्रेजी साम्राज्य की नींव को हिलाने में पंजाब के क्रांतिकारियों द्वारा हुए आंदोलनों के पीछे शहीद सुखदेव की महत्त्वूपर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला है। शहीद सुखदेव का जन्म 15 मई, सन् 1907 को लुधियाना के मुहल्ला नौधराँ में हुआ। आपके पिता उन दिनों लायलपुर में व्यापार करते थे। आपके जन्म के बाद आपके पिता ने इन्हें माता सहित लायलपुर बुला लिया। सन् 1910 में आपके पिता का देहांत हो गया। आपका पालन-पोषण आपके ताया लाला चिंतराम थापर ने किया। लाला चिंतराम आर्य समाजी विचारधारा रखते थे। वे आर्यसमाज के कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते थे। सुखदेव पर उनका बहुत प्रभाव पड़ा।

बचपन से आप पढ़ाई के अतिरिक्त समाज सेवा के कामों में भी हिस्सा लिया करते थे। हरिजन बच्चों को उन दिनों सरकारी और धार्मिक स्कूलों में दाखिला नहीं मिलता था। यह देख कर सुखदेव दुःखी हो उठे थे। उन्होंने पास की बस्तियों में जाकर हरिजन बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया।

अंग्रेजों की दमनकारी नीति के कारण वे उन से घृणा करते थे। बड़े होकर उन्होंने लाहौर के नेशनल कॉलेज में दाखिला लिया। यहीं उनकी भेंट लाला लाजपत राय से हुई। वहीं प्रिंसिपल जुगल किशोर, भाई परमानंद, जयचंद्र विद्यालंकार सरीखे अध्यापकों से उनकी भेंट हुई। सरदार भगत सिंह से भी इनकी मुलाकात यहीं हुई। उन्होंने भगत सिंह के साथ मिलकर ‘नौजवान भारत सभा’ की स्थापना की। देश की आजादी के लिए क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग लिया।

क्रांतिकारियों ने स्कॉट के भ्रम में सांडर्स की हत्या कर दी। सरकार सचेत हो गई। जगह-जगह छापे पड़ने लगे। 8 अप्रैल, सन् 1929 को भगत सिंह और दत्त ने असेंबली में बम फेंका और गिरफ्तारी दी। 15 अप्रैल, सन् 1929 को एक बम फैक्टरी पर पड़े छापे के दौरान सुखदेव भी साथियों सहित गिरफ्तार कर लिए गए। उन पर भगत सिंह और दत्त के साथ ही मुकद्दमा चलाया गया और अंग्रेजी सरकार ने गुप्त रूप से 23 मार्च, सन् 1931 को सतलुज नदी के किनारे फिरोजपुर में उनको फाँसी दे दी।

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