Punjab State Board PSEB 11th Class Physical Education Book Solutions Chapter 7 टूर्नामैंट Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 11 Physical Education Chapter 7 टूर्नामैंट
PSEB 11th Class Physical Education Guide टूर्नामैंट Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
टूर्नामैंट का शब्दकोशीय अर्थ लिखिए। (What is dictionary meaning of a Tournament ?)
उत्तर-
टूर्नामेंट का शब्दकोशी अर्थ है-‘खेल मुकाबले’। ये टूर्नामैंट समय-समय पर अलग-अलग खेलों से सम्बन्धित, अलग-अलग आयोजकों द्वारा करवाए जाते हैं। ये टूर्नामैंट एक खेल रूपी लड़ी है जिसमें भाग लेने वाले को हार या जीत का मौका मिलता है। टूर्नामैंट निश्चित नियमों तथा रणनीति में करवाए जाते हैं जिसमें प्रत्येक सहभागी को इसकी पालना करनी पड़ती है। ये टूर्नामैंट हमारे अन्दर छुपी हुई मृत प्रतिभा को बाहर निकालने का ढंग है। जैसे कि प्राचीन समय में बेरहमी को खेलों द्वारा प्रकाशित किया जाता था तथा किसी एक प्रतियोगी की मौत होने पर ही प्रतियोगिता समाप्त होती थी। परंतु समय के साथ-साथ इन प्रतियोगिताओं की प्रकृति भी बदल गई है। आधुनिक समय में स्पोर्ट्स प्रतियोगिता कुछ नियमों के अनुसार ही खेली जाती है।
प्रश्न 2.
टूर्नामैंट करवाते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ? (What precautions should be taken while organising a tournament ?)
उत्तर-
टूर्नामैंट करवाते समय ध्यान रखने योग्य बातें—
1. टूर्नामैंट की सफलता सही योजना पर निर्भर करती हैं। किसी टूर्नामैंट का आयोजन करने से पहले अधिकारियों के निम्नलिखित बातों की जानकारी होनी अनिवार्य है—
- टूर्नामेंट के पहले के काम या कर्तव्य
- टूर्नामैंट के दौरान काम या कर्त्तव्य
- टूर्नामेंट के बाद काम या कर्त्तव्य।
2. टूर्नामैंट के पहले के काम या कर्त्तव्य-ये काम टूर्नामैंट की शुरुआत में किए जाते हैं। वास्तव में शारीरिक शिक्षा के अध्यापक या कोच द्वारा तैयार किए फलसफे का रूप होते हैं। ये इस प्रकार हैं
- टूर्नामैंट के स्थान, तरीका आदि को तय करना तथा योजना, प्रबन्ध तैयार करना।
- स्वीकृति की योजनाएं तथा प्रबन्धों के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाना तथा नगर निगम से टूर्नामैंट की स्वीकृति लेना।
- मुख्य ज़रूरतें जैसे कि प्लेफील्ड, साजो-सामान, अधिकारी, रिहायश, भोजन तथा खिलाड़ियों तथा अफसरों के लिए रिफरैशमैंट आदि का प्रबन्ध करना।
- अलग-अलग कमेटियों का निर्माण करना ताकि वह सुव्यवस्थित तथा सुचारु काम कर सकें।
- टूर्नामेंट में भाग लेने वाली टीमों से उनके टूर्नामेंट में पहुँचाने का ब्योरा लेना ताकि सुचारू ढंग के साथ फिक्चर और कई और ज़रूरी प्रबन्ध किये जा सकें।
3. टूर्नामैंट के दौरान काम या कर्त्तव्य-ये कर्त्तव्य टूर्नामेंट के शुरू से लेकर अन्तिम दिन तक पूरे किए जाते हैं, ये इस प्रकार हैं—
- सारे प्रबन्ध खासतौर पर खेल क्षेत्र, साजो-समान आदि की जांच करना।
- खिलाड़ियों के दूसरे दस्तावेजों की योग्यता की जांच करना।
- कमेटियों के काम की जांच करते रहना ताकि वह अपनी जिम्मेदारी अच्छी तरह कर सके।
- खिलाड़ियों और अफसरों के रिफरैशमैंट तथा खाने का प्रबन्ध करना।
- टीम की स्कोरशीट तथा रिकार्ड पर नज़र रखनी आदि।
- खिलाड़ियों के लिए डॉक्टरी सहायता प्रदान करनी।
- टूर्नामैंट की प्रगति के बारे में घोषणा करनी।
- खिलाड़ियों तथा अधिकारियों के ठहराव के स्थान से उनके आने तथा जाने के लिए ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था करनी।
4. टूर्नामैंट के बाद के काम या कर्त्तव्य-जो काम टूर्नामेंट के बाद किए जाते हैं। वे इस प्रकार हैं—
- जीती हुई टीमों को मैडल तथा ट्राफियां बाँटना।
- टूर्नामैंट के प्रबन्ध में इस्तेमाल किए सामान तथा बचे हुए सामान को वापिस करना।
- टूर्नामेंट की सफलता का प्रेस नोट तैयार करवाना।
- अधिकारियों तथा ठेकेदारों के शेष आदि अदा करना।
- टीमों के रिकार्ड का प्रबन्ध करना।
- उधार लिए जाने पर साजो-सामान और अन्य कीमती सामान वापिस करना।
- अथॉरिटी को अन्तिम रिपोर्ट सौंपना आदि काम शामिल होते हैं।
प्रश्न 3.
इंट्राम्यूरल खेल प्रतियोगिता क्या है ? (What is Interamural Tournament ?)
उत्तर-
इंट्राम्यूरल शब्द लेटिन भाषा के शब्द ‘इंट्रा’ जिससे भाव है-‘अन्दर’ तथा ‘म्यूरल’ जिस से भाव है’दीवार’ से लिया जाता है अर्थात् वह गतिविधियां तथा टूर्नामेंट जोकि कैंपस या संस्थाओं के अन्दर आयोजित किए जाते हैं, उन्हें इंट्राम्यूरल कहा जाता है। इनमें किसी एक कैंप के सभी विद्यार्थी भाग लेते हैं सिर्फ विद्यार्थियों की संख्या के अनुसार उन्हें अलग-अलग ग्रुपों में बांट लिया जाता है। इन गतिविधियों का मुख्य उद्देश्य संस्था के भीतर स्वै-इच्छित भागीदारी, हौंसले, मार्गदर्शन आदि का विकास करना है।
प्रश्न 4.
निम्नलिखित पर नोट लिखें : (Write notes on the following.)
(i) खेल प्रबंध (Sports Management)
(ii) चैलेंज टूर्नामैंट (Challenges Tournaments)
(iii) सीढ़ीनुमा साइक्लिक विधि (Ladder and Cyclic Method)
उत्तर-
(i) खेल प्रबंध-बढ़िया खेल मुकाबलों के लिए खेल प्रबंध का होना बहुत आवश्यक है। यदि खेल प्रबन्ध सुचारु ढंग से न किया जाए तो सारा खेल प्रोग्राम खराब हो सकता है इसीलिए योग्य अधिकारियों की जरूरत पड़ती है। खेल के स्तर को देखते हुए अलग-अलग समितियाँ बनाई जाती हैं। जैसे—
- टूर्नामैंट प्रधान
- टूर्नामैंट कमेटी
- रिफ्रेशमैंट कमेटी
- वित्त सचिव
- सचिव
- कन्वीनर
- ज्यूरी ऑफ अपील कमेटी आदि।
इन अधिकारियों को खेल के नियम, प्रतियोगिताओं का स्तर क्या है ? खेल कार्यक्रम के क्या उद्देश्य होंगे ? के बारे में पूरा ज्ञान होना चाहिए। इसके अलावा जो खेल अधिकारी टूर्नामैंट करवा रहे होते हैं। उन्हें अपने फैसलों में निष्पक्ष होना चाहिए।
(ii) चैलेंज टूर्नामैंट-चैलेंज से भाव है-चुनौती देना। ये मुकाबला तब करवाया जाता है जब खिलाड़ी अपने से ताकतवर खिलाड़ी को चुनौती देता है और ये टूर्नामैंट फिर चलता रहता है। इस टूर्नामेंट में एक-एक खिलाड़ी या दोदो खिलाड़ी दोनों तरफ होते हैं। टेबल टेनिस बॉक्सिंग, बैडमिंटन इस टूर्नामैंट की उदाहरणें हैं। चैलेंज टूर्नामेंट के दो ढंग होते हैं-
- सीढ़ी,
- मीनार।
(iii) सीढ़ीनुमा तथा साइक्लिक विधि-इस तरह के तरीके में इस बात का ध्यान रखा जाता है कि सभी टीमों को घड़ी की सुई की भांति घुमाया जाता है और अगर भाग लेने वाली टीमों की संख्या दो से भाग होने वाली है। जैसे 4.6.8 आदि। नम्बर 1 वाली टीम को एक स्थान पर रहने देना चाहिए व शेष टीमें भी अपने क्रमानुसार घूमती हैं। परन्तु अगर टीमों की कुल संख्या दो से भाग होने वाली न हो जैसे 5, 7, 9 इत्यादि तो बाई को तय कर लिया जाता है व सभी टीमों को घड़ी की सुई की भांति घूमना पड़ता है।
8 टीमों का कार्यक्रम (Fixture of 8 Teams)
स्टेयर केस तरीका (Stair Case Method)—यह भी एक अच्छा तरीका है। इसमें सीढ़ी की तरह का कार्यक्रम तैयार किया जाता है। सबसे पहले नम्बर एक टीम को शेष टीमों के साथ मैच के लिए लिखा जाता है। लेकिन नम्बर दो टीम से ही शुरू होते हैं। दूसरी सीढ़ी में नम्बर दो वाली टीम का मैच नम्बर तीन वाली टीम से शुरू होकर आखिर तक चलता है। इस तरह जितनी सीढ़ी नीचे चली जाती है टीम नम्बर बढ़ जाता है। 9 टीमों का कार्यक्रम इस तरह बनता है।
(Fixture of Teams)
प्रश्न 5.
बाई से क्या अभिप्राय है ? इसको ‘सिंगल नॉक आऊट सिस्टम’ में कैसे निकाला जाता है ? (What is meant by a Bye ? How is it drawn or decided in a single knock out system ?)
उत्तर-
बाई से अभिप्राय है कि जिस टीम को बाई दी जाती है, वह टीम पहले राउंड में मैच नहीं खेलती। यदि टीमों की संख्या 22 (पावर आफ टू) है तो किसी टीम को बाई देने की जरूरत पड़ती है। अब यह देखना है कि बाई कितनी और कैसे दी जाएँ। बाई देने के लिए पर्चियां डाली जाती है।
उपरोक्त फिक्सचर में किसी भी टीम को बाई (Bye) नहीं दी गई क्योंकि टीमों की संख्या 22 (Power of Two) है। इसी तरह यदि कुल टीमें 11 हैं तो पहले भाग में टीमों की संख्या = 6 तथा दूसरे भाग में = 5
अब प्रश्न यह है कि 11 टीमें यदि प्रतियोगिता में हैं तो कितनी बाइयां देनी पड़ेगी ?
कुल टीमें (N – 11)
अगली सम संख्या (Next in Power or two)
2 × 2 × 2 × 2 = 16
(ईवन नम्बर) 2, 4, 8, (16)
इस फिक्सचर में कुल टीमें = 16 (16 – 11)= 5 बाइयां देनी पड़ेंगी।
यदि यह टूर्नामेंट पिछले साल करवाया गया था तो उसकी पहले और दूसरे दर्जे की टीम को अलग-अलग अर्द्ध में रखकर बाइयाँ देनी हैं। बाकी बाइज़ लॉटरी व्यवस्था द्वारा देनी पड़ेगी।
बाइज देने की विधि-एक कागज़ पर टीमों की कुल संख्या लिखकर (Lots) लॉटरी द्वारा बाइज़ बाँटनी चाहिए।
- पहली बाई (Bye) दूसरे भाग की अंतिम टीम को देनी चाहिए।
- दूसरी बाई (Bye) पहले भाग की टीम को देनी चाहिए।
- तीसरी बाई (Bye) पहले भाग की अंतिम टीम को देनी चाहिए।
- चौथी बाई (Bye) पहले भाग की अंतिम टीम को देनी चाहिए। इस क्रम से बाइज़ की बाँट करनी चाहिए। उदाहरण के तौर पर यदि 11 टीमें भाग ले रही हैं तो फिक्सचर में बाई निम्नांकित अनुसार दी जायेगी :
प्रश्न 6.
यदि सिंगल नॉक आऊट साइक्लिक विधि में 19 टीमें भाग लेती हैं तो कितनी बाइयां दी जाएगी और कितने मैच होंगे ?
(If 19 teams take part in a single knock out systein tournament then how many boxes will be given and how many matches will be played ?)
उत्तर-
इसमें 13 बाइयां दी जाएगी और 2 Half बनाई जाएगी। . . मैचों की कुल संख्या = 10 होगी।
प्रश्न 7.
मिश्रित साइक्लिक विधि को कितने भागों में बांटा जाता है ? (How many parts is mixed tournament divided into ?).
उत्तर-
मिश्रित टूर्नामैंट-जब टूर्नामेंट में खेलने वाली टीमों की संख्या अधिक होती है तो उस समय ये मैच करवाए जाते है। इसमें टीमों को पूलों में बांट दिया जाता हैं तथा ग्रुपों की टीमें लीग या नॉक आऊट के आधार पर अपने ही पूल में खेलती है। अपने पूल में पूल के विजेता का फैसला कर लिया जाता है। फिर पूलों के विजेता आपस में नॉक आऊट या लीग टूर्नामैंट (समय तथा स्थान के अनुसार) खेलकर विजेता का फैसला किया जाता है। यदि बड़े टूर्नामैंट हैं तो राज्य या देश को जोनल स्तर पर बाँट लिया जाता है। इस तरह एक ज़ोन की टीमें आपस में भिड़कर अपने जोन के चैंपियन का . फैसला करती हैं। इनसे पैसे और समय की बचत होती है।
प्रश्न 8.
नॉक आऊट पर लीग साइक्लिक विधि के लाभ तथा हानियों के बारे में लिखो। (Write about the merits and demerits of knock out and league Tournaments.)
उत्तर-
नॉक आऊट के लाभ और हानियाँसिंगल नाक आऊट तरीके के अच्छे पहलू (Good points of Single knock out system)-सिंगल नाक आऊट प्रणाली के अच्छे पहलू इस तरह के हो सकते हैं—
- इस तरह के मुकाबलों में खर्च बहुत कम होता है क्योंकि हारने वाली टीम मुकाबले से बाहर हो जाती है।
- खेलों का स्तर ऊपर उठाने व अच्छा खेल बनाने में मदद मिलती है क्योंकि प्रत्येक टीम मुकाबले से बाहर होने पर बचने के लिए अच्छे खेल का प्रदर्शन करती है।
- मुकाबलों के लिए समय भी बहुत कम लगता है व मुकाबले कम-से-कम समय में खत्म हो जाते हैं।
- दूसरी प्रणाली की अपेक्षा हमें अधिकारियों की भी बहुत कम ज़रूरत होती है।
सिंगल नाक आऊट तरीके के दोषपूर्ण पहलू (Bad points of single knock out system)-सिंगल नाक आऊट प्रणाली के कुछ बुरे पहलू भी हैं। जिसकी चर्चा हम निम्नलिखित के अनुसार कर सकते हैं—
- अच्छी-से-अच्छी टीम भी कई बार कमजोर टीम से पराजित हो जाती है और इस तरह अच्छी टीम का खेल देखने को नहीं मिलता है।
- अचानक पराजित होने वाली टीम से पूर्ण न्याय नहीं होता है। कई बार टीम कई वास्तविक कारणों से पराजित हो जाती है।
- खेलों का उत्साह अच्छी टीम से पराजित होने के साथ ही खत्म हो जाता है।
- प्रत्येक टीम पर हार का एक मनोवैज्ञानिक दबाव जैसा बना रहता है जिस कारण टीमें भयभीत होकर खेलती हैं।
लीग टूर्नामैंट के लाभ (Advantages of league tournament)—लीग टूर्नामेंट के लाभ इस तरह हैं—
- श्रेष्ठ टीम ही टूर्नामेंट में विजयी होती है।
- मैच खेलने के लिए दूसरी टीम के जीतने का इन्तज़ार नहीं किया जाता है।
- प्रैक्टिस के लिए या खेल में सुधार के लिए अच्छा तरीका है।
- खेल लोकप्रिय करने का अच्छा तरीका है।
- दर्शकों को खेल देखने के लिए बहुत मैच मिल जाते हैं।
- अधिकारियों को किसी टीम के चुनाव के लिए खिलाड़ियों का खेल देखने का बहुत समय मिलता है व टीम चुनाव ठीक होता है।
- टीमों के खिलाड़ी भी लम्बे समय तक एक-दूसरे के सम्पर्क में रहते हैं जिससे एक-दूसरे को समझने का अवसर मिलता है।
लोग टूर्नामेंट के नुकसान (Disadvantages of league tournament)—
- कमजोर टीम प्रत्येक बार हारने के कारण खेल में अपनी रुचि नहीं दिखाती हैं जिससे मुकाबले का मज़ा किरकिरा हो जाता है।
- इस तरह के मुकाबले में खर्च बहुत अधिक होता है।
- लीग मुकाबले के लिए प्रबन्ध बहुत अधिक करना पड़ता है समय भी बहुत लगता है।
- खिलाड़ियों को बहुत दिन तक अपने घर से दूर रहना पड़ता है।
Physical Education Guide for Class 11 PSEB टूर्नामैंट Important Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)
प्रश्न 1.
‘खेल मुकाबले जिसमें अलग-अलग टीमों में मुकाबले के कई चक्र चलते हैं।’ इसको क्या कहते हैं ?
उत्तर-
इसको टूर्नामैंट कहते हैं।
प्रश्न 2.
यह किसकी किसमें हैं ?
(a) नाक आऊट टूर्नामैंट
(b) राउंड रोबिन या लीग टूर्नामेंट
(c) मिले-जुले टूर्नामैंट
(d) चैलेज टूर्नामैंट।
उत्तर-
टूर्नामैंट।
प्रश्न 3.
टूर्नामैंट के लिए ध्यान देने योग्य बातें कौन-सी हैं ?
(a) टूर्नामैंट करवाने के लिए आवश्यक समय होना चाहिए
(b) टूर्नामैंट करवाने के लिए आवश्यक समान का प्रबंध टूर्नामेंट से पहले कर लेना चाहिए।
(c) टूर्नामैंट में हिस्सा लेने वाली टीमों की जानकारी टूर्नामैंट शुरू होने से पहले लेनी चाहिए।
(d) टूर्नामेंट में खर्च होने वाली धनराशि भी पहले से ही निश्चित होनी चाहिए ताकि धन की कमी के कारण टूर्नामेंट में कोई विघटन न हो।
उत्तर-
उपरोक्त सभी।
प्रश्न 4.
नाक आऊट टूर्नामैंट में 19 टीमों में कितनी बाइयां होती हैं?
उत्तर-
नाक आऊट टूर्नामैंट में 19 टीमों में 13 बाइयां होती हैं।
प्रश्न 5.
(a) किस तरह के मुकाबलों में खर्च बहुत कम होता है। क्यों जो हारने वाली टीम मुकाबले से बाहर हो जाती है।
(b) खेलों का स्तर बहुत ऊंचा होता है और अच्छी खेलों को तरक्की देने में सहायता मिलती है क्योंकि हर टीम मुकाबले से बाहर होने से बचने के लिए अच्छी से अच्छी खेल का प्रदर्शन करती है।
(c) मुकाबलों के लिए समय भी बहुत थोड़ा लगता है। मुकाबलें कम से कम समय में खत्म हो जाते हैं।
(d) दूसरे सिस्टम की बदौलत इसमें थोड़े अधिकारियों की जरूरत होती है।
उत्तर-
नाक-आऊट।
प्रश्न 6.
लीग टूर्नामैंट की हानियाँ क्या हैं ?
(a) कमज़ोर टीम प्रत्येक बार हारने के कारण खेल में अपनी रुचि नहीं दिखाती है। जिससे मुकाबले का मजा किरकिरा हो जाता है।
(b) इस तरह के मुकाबले में खर्च बहुत अधिक होता है।
(c) लीग मुकाबले के लिए प्रबन्ध अधिक करना पड़ता है। समय भी बहुत लगता है।
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(d) उपरोक्त सभी।
प्रश्न 7.
टूर्नामैंट कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
टूर्नामैंट चार प्रकार के होते हैं।
प्रश्न 8.
खेल प्रबंधन के लिए कोई दो कमेटियों के नाम लिखो।
उत्तर-
- टूर्नामैंट कमेटी
- रिफ्रेशमैंट कमेटी।
प्रश्न 9.
चैलेंज टूर्नामैंट में नतीजा निकालने के कौन-से दो तरीके अपनाए जा सकते हैं ?
उत्तर-
- सीढ़ीनुमा
- साइक्लिग ढंग।
अति छोटे उत्तरों वाले प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
टूर्नामैंट का शब्दकोशी अर्थ क्या है ?
उत्तर-
टूर्नामैंट का शब्दकोशी अर्थ है, “खेल मुकाबले, जिसमें अलग-अलग टीमों के बीच मुकाबले के कई राउंड चलते हैं।” टूर्नामैंट में अलग-अलग टीमों के बीच खेल मुकाबले एक निर्धारित प्रोग्राम अनुसार करवाए जाते हैं।
प्रश्न 2.
टूर्नामैंट करवाते समय कौन-सी दो बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-
- टुर्नामैंट को करवाने के लिए आवश्यक समय होना चाहिए।
- टूर्नामेंट में हिस्सा ले रही टीमों की जानकारी टूर्नामैंट शुरू होने से पहले होनी चाहिए।
प्रश्न 3.
इंटरा-म्यूरल खेल मुकाबले क्या हैं ?
उत्तर-
जब किसी एक स्कूल के विद्यार्थी क्लास या हाऊस बना के आपस में खेलते हैं तो उसको इटरा-म्युरल खेल गुकाबले कहा जाता है।
प्रश्न 4.
टूर्नामैंट की किस्में लिखों।
उत्तर-
(a) नॉक आऊट टूर्नामैंट
(b) लीग टूर्नामेंट
(c) मिले-जुले टूर्नामेंट
(d) चैलेंज टूर्नामैंट।
छोटे उत्तरों वाले प्रश्न (Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
कन्सोलेशन टूर्नामैंट क्या होते हैं ?
उतर-
पहले राऊंड में हारने वाली टीमों को एक और अवसर देने के लिये जो ढंग अपनाया जाता है उसको onsolation कहा जाता है। इस तरह करने से अच्छी टीम को एक बार हारने के बाद दोबारा खेलने का अवसर दिया जाता है। यह टूर्नामैंट दो प्रकार के होते हैं—
- पहली किस्म का कन्सोलेशन
- दूसरी किस्म का कन्सोलेशन।
प्रश्न 2.
टूर्नामैंट करवाने के लिए कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-
- टूर्नामैंट करवाने के लिए ज़रूरत के समान का प्रबंध टूर्नामेंट से पहले कर लेना चाहिए।
- टूर्नामेंट करवाने के लिए जरूरी समय होना चाहिए।
- टूर्नामेंट में हिस्सा ले रही टीमों की जानकारी टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ले लेनी चाहिए।
प्रश्न 3.
नाक आऊट टूर्नामैंट के लाभ लिखो।
उत्तर-
- इस तरह के मुकाबलों में खर्च बहुत कम होता है। क्योंकि हारने वाली टीम मुकाबले से बाहर हो जाती है।
- खेलों का स्तर ऊपर उठाने व अच्छा खेल बनाने में मदद मिलती है। क्योंकि प्रत्येक टीम मुकाबले से बाहर होने पर बचने के लिए अच्छे खेल का प्रदर्शन करती है। .
- मुकाबलों के लिए समय भी बहुत कम लगता है व मुकाबले कम-से-कम समय में खत्म हो जाते हैं।
प्रश्न 4.
लीग टूर्नामेंट की हानियां लिखो।
उत्तर-
- इस तरह के मुकाबले में खर्च बहुत अधिक होता है।
- लीग मुकाबले के लिए प्रबन्ध बहुत अधिक करना पड़ता है। समय भी बहुत लगता है।
- खिलाड़ियों को बहुत दिन तक अपने घर से दूर रहना पड़ता है।
प्रश्न 5.
टूर्नामैंट की किस्में लिखें।
उत्तर-
टूर्नामैंटों की किस्में (Kinds of Tournaments)-टूर्नामैंट कई प्रकार के करवाए जाते हैं। इसलिए टूर्नामैंट की किस्मों का ज्ञान बहुत ज़रूरी हो जाता है। इनके बिना न तो मुकाबले में भाग लेने का ही मज़ा आता है और न ही देखने में आनन्द प्राप्त होता है। अक्सर टूर्नामैंट निम्नलिखित किस्मों के होते हैं—
- नाक आऊट टूर्नामैंट (Knock out Tournament)
- राऊंड रोबिन या लीग टूर्नामेंट (Round Robin or league Tournaments)
- मिले जुले टूर्नामैंट (Combination Tournaments)
- चैलेंज टूर्नामैंट (Challenge Tournaments)
प्रश्न 6.
सीडिंग क्या होती है ?
उत्तर-
अच्छी टीमों के लिए सीडिंग (Seeding of Good Teams) अच्छी टीमों को उनकी पहले से बनी अच्छी साख के अनुसार सीडिंग दी जाती है। सीडिंग हमेशा पावर ऑफ टू होनी चाहिए। इनके Lots नहीं निकाले जाते बल्कि इनको अलग-अलग गुणों में रखा जाता है। सामान्य तौर पर बाई Second टीमों को ही दी जाती है।
मान लो कि हमें 11 टीमों का Seedings तरीके से कार्यक्रम तय करना है व सीडिंग 4 टीमों की करनी है।
इसलिए हम दो टीमों को ऊपर हॉफ में रखेंगे व दो टीमों को नीचे वाले हॉफ में रखेंगे। कार्यक्रम में हमें Bye नियम के अनुसार पांच टीमों को देनी पड़ती है। इस कारण यह बाइयां पहले चारों Second वाली टीमों को दी जाएंगी और एक किसी अन्य टीम को दी जाएगी।
प्रश्न 7.
मिश्रित टूर्नामैंट क्या होते हैं ?
उत्तर-
मिश्रित टूर्नामैंट-जब टूर्नामेंट में खेलने वाली टीमों की संख्या अधिक होती है तो मिश्रित टूर्नामेंट करवाए जाते हैं। मिश्रित टूर्नामेंट में टीमों को पूलों में बांटा जाता हैं। ये ग्रुपों की टीमें लीग या नॉक आऊट के आधार पर अपने ही पूल में खेलती है। अपने पूल में पूल के विजेता का फैसला कर लिया जाता है। उसके बाद पूलों के विजेता आपस . में नॉक आऊट या लीग टूर्नामैंट (समय तथा स्थान के अनुसार) खेलकर विजेता का फैसला किया जाता है।
प्रश्न 8.
बैगनाल वाइल्ड टूर्नामैंट क्या होते हैं ?
उत्तर-
बैगनाल वाइल्ड टूर्नामेंट (Begnal Wild Tournament)-बैगनाल वाइल्ड टूर्नामैंट भी अपनी किस्म का एक अनोखा टूर्नामैंट है। यह दूसरे ढंगों से कुछ भिन्न है। इस टूर्नामैंट की एक खास विशेषता है कि प्रतियोगिता में तीन स्थानों तक पोजीशनें निश्चित होती हैं—
- प्रथम स्थान (First Place)
- द्वितीय स्थान (Second Place)
- तृतीय स्थान (Third Place)
जो टीम सभी टीमों को बिना हारे जीत लेती है, वह मुकाबले में प्रथम स्थान प्राप्त करती है।
दूसरा स्थान उस टीम को दिया जाता है, जो टीम पहले स्थान पर रहने वाली टीम से हारती है और वे फिर सारी टीमें केवल उस टीम को छोड़कर जो पहले स्थान पर रहने वाली टीम के साथ फाइनल में खेली थीं, परस्पर मैच खेलती है। इस प्रकार जो टीम अंत में पहुंचती है, वह उस टीम के साथ दूसरे स्थान के लिए अपना फाइनल मैच खेलती है, जोकि पहले स्थान पर रहने वाली टीम से फाइनल में हारी थी।
तीसरे स्थान के लिए मुकाबला दूसरे स्थान पर रहने वाली टीम से जो टीमें हारती हैं, वे परस्पर मैच खेलती हैं परन्तु दूसरे स्थान पर रहने वाली टीम से जो टीम अंत में हारती हैं, वह इसमें भाग नहीं लेतीं, बल्कि वह टीम अंत में ही इनमें से विजेता टीम के साथ अंतिम मैच खेलती है। . उदाहरणस्वरूप-बैगनाल वाइल्ड टूर्नामेंट के तरीके द्वारा किये गये फ़िक्सचर का एक नमूना इस प्रकार हो सकता है—
12 टीमों का बैगनाल वाइल्ड फ़िक्सचर
(Fixture for Bengnal Wild Tournament)
उपरोक्त फ़िक्सचर के अनुसार टीमों की स्थिति (Position) इस प्रकार रही—
प्रथम स्थान = नम्बर 4 टीम
द्वितीय स्थान = नम्बर 6 टीम
तृतीय स्थान = नम्बर 12 टीम
प्रश्न 9.
टीमों का फिक्सचर बनाएं।
उत्तर-
9 टीमों का फिक्सचर (Fixture of Nine Teams)—
बड़े उत्तर वाला प्रश्न (Long Answer Type Question)
प्रश्न-
कन्सोलेशन टूर्नामैंट क्या है ? यह कितनी किस्मों के होते हैं ?
उत्तर-
कन्सोलेशन टूर्नामैंट (Consolation Tournament)—पहले राऊंड में हारने वाली टीमों को एक और अवसर देने के लिए जो तरीका अपनाया जाता है उसको Consolation कहा जाता है। इस तरह करने के साथ अच्छी टीम को एक बार हारने के बाद पुनः खेलने का अवसर दिया जाता है। यह टूर्नामैंट कई तरह के होते हैं।
- पहली तरह का कन्सोलेशन
- दूसरी तरह का कन्सोलेशन
अब इन दोनों तरह के कन्सोलेशन के कार्यक्रम तय करने का तरीका जान लेना जरूरी है
1. पहली तरह का कन्सोलेशन (Consolation of First Type)—इसमें प्रत्येक टीम को खेलने के दो अवसर मिलते हैं जो टीमें पहले राऊंड में हार जाती हैं वह फिर आपस में खेलती हैं। इस तरह के कार्यक्रम बनाने वाले को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह टीमें जिनको नियमित राऊंड में बाई दी जाती है उसको पुनः बाई नहीं दी जाए।
उदाहरण के तौर पर टूर्नामेंट में नौ टीमें भाग ले रही हैं व इस टूर्नामेंट के लिए पहली तरह का कॉन्सोलेशन का कार्यक्रम बनाया जाता है तो इस तरह बनाया जाएगा।
टीमों की संख्या = 9
बाइयों की संख्या = 16-9 = 7
ऊपर वाले हॉफ में टीमें = 5
नीचे वाले हॉफ में टीमें = 4
9 टीमों का कार्यक्रम इस तरह होगा—
नियमित राऊंड (Regular Round)
2. दूसरी तरह का कन्सोलेशन (Consolation of Second Type) दूसरी किस्म के कन्सोलेशन में जो टीम किसी भी राऊंड में हारती है वह फिर दोबारा खेलती है। इस तरह हारने वाली टीम को एक अवसर और दिया जाता है। जो टीमें रेगुलर राऊंड में परस्पर खेलती हैं उनको इस प्रकार के कन्सोलेशन फिक्सचर में पहले राऊंड में नहीं रखा जाना चाहिए। इस प्रकार के फिक्सचर बनाने के लिए दो तरीके अपनाए जाते हैं। अब देखते हैं कि पहली विधि अनुसार फिक्सचर किस प्रकार बनेगा।
दूसरी किस्म के कन्सोलेशन की फिक्सचर
पहले राऊंड में हारने वाली टीमें = 1,3,6,7
दूसरे राऊंड में हारने वाली टीमें = 4,8
तीसरे राऊंड में हारने वाली टीमें = 2