PSEB 11th Class Political Science Solutions Chapter 32 जिला प्रशासन

Punjab State Board PSEB 11th Class Political Science Book Solutions Chapter 32 जिला प्रशासन Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 11 Political Science Chapter 32 जिला प्रशासन

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न-

प्रश्न 1.
जिला प्रशासन क्या कार्य करता है ?
(What functions does the District Administration perform ?) (Textual Question)
अथवा जिला प्रशासन की परिभाषा दो। भारतीय प्रशासन में जिला प्रशासन के योगदान का भी वर्णन करो।
(Define District Administration. Also explain the role of district administration in Indian Administration.)
उत्तर-
ज़िला भारतीय प्रशासन की एक आधारभूत इकाई है। समस्त राज्यों तथा संघीय क्षेत्रों को भी जिलों में बांटा गया है। भारतीय भूमि का एक इंच भाग भी ऐसा नहीं है जो किसी-न-किसी ज़िले का अंग न हो। प्रत्येक व्यक्ति ज़िला प्रशासन के अधीन आता है। जिला प्रशासन का अर्थ किसी भी क्षेत्र में सरकार की सभी संस्थाओं तथा विभागों के प्रतिनिधि कर्मचारियों के स्थित होने से है अर्थात् ज़िले में सरकार के सभी विभागों के प्रतिनिधि कर्मचारी स्थित होते हैं और वे अपने विभाग से सम्बन्धित कानूनों को लागू करते हैं तथा जनता के जीवन को सुखी बनाने से सम्बन्धित कार्यवाहियां करते हैं। जिला प्रशासन एक जिलाधीश या कलैक्टर के अधीन होता है जो राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करता है। वह जिले में सरकार के समस्त प्रशासन का उत्तरदायी है। जिले की परिभाषा देते हुए किसी ने कहा है कि, “एक ज़िला एक काफ़ी बड़े क्षेत्र को कहा जाता है जो एकता के सूत्र में बन्धा हुआ हो और जिसमें आर्थिक, सामाजिक, भौगोलिक तथा ऐतिहासिक दशाएं सामान्य हों।” श्री खेरा ने जिला प्रशासन की परिभाषा देते हुए कहा है कि, “ज़िले में सरकार के समस्त कार्यों के संग्रह को जिला प्रशासन कहा जा सकता है।”

भारतीय प्रशासन में जिला प्रशासन का महत्त्व (Role of District Administration in Indian Administration)-जिला भारतीय प्रशासन की एक मुख्य इकाई है और जिला स्तर पर सभी सरकारी विभागों के कार्यालय स्थापित किए गए हैं। यहां तक कि केन्द्रीय सरकार ने भी अपने विभागों के कार्यालय जिला स्तर पर स्थापित किए हैं। जैसे-आयकर अधिकारी के कार्यालय (Offices of the Income Tax Officers)। सरकार अपना समस्त प्रशासन जिला अधिकारियों के द्वारा चलाती है और जनता की जानकारी भी जिला प्रशासन के द्वारा ही प्राप्त करती है। सरकार की सभी शक्तियां जिला प्रशासन के अध्यक्ष जिलाधीश या कलैक्टर को दी गई हैं और इसलिए उनके बारे में Palanda ने कहा है कि, “कलैक्टर प्रान्तीय सरकार की आंखें, कान, मुंह और हाथ सब कुछ है।” (“The collector is the eyes, the ears, the mouth and the hands of the provincial government in the district.”) निम्नलिखित बातों के आधार पर भारतीय प्रशासन में जिला प्रशासन के महत्त्व का पता लगता है-

1. कानून और व्यवस्था (Law and Order) शान्ति स्थापित करना और कानून व्यवस्था को बनाए रखना राज्य का एक आवश्यक कार्य है, परन्तु इसमें जिला प्रशासन का ही मुख्य योगदान है। जिलाधीश अपने जिले के अन्दर शान्ति स्थापित करने और कानून व्यवस्था को बनाए रखने का उत्तरदायी होता है। इस कार्य में जिले का पुलिस अधीक्षक उसकी सहायता करता है। इसमें शक नहीं कि पुलिस अधीक्षक जिले में अपराधियों को पकड़ने तथा अपराधों को कम करने का उत्तरदायी है, परन्तु जब भी जिले के किसी भाग में कोई गड़बड़ी पैदा होती है या होने की सम्भावना रहती है तो जिलाधीश उसे रोकने और शान्ति को बनाए रखने का समुचित प्रयत्न करता है।

2. न्याय (Justice) देश में अधिकतर लोगों के अधिकतर झगड़ों का निर्णय जिला प्रशासन द्वारा ही किया जाता है। प्रत्येक जिले में जिला न्यायालय स्थित है और इनके न्याय के विरुद्ध उच्च-न्यायालय तथा सर्वोच्च न्यायालय में कुछ प्रतिशत लोग ही जा पाते हैं। अपराधियों को दण्ड देने और लोगों को सच्चा न्याय देकर कानून के शासन (Rule of Law) की व्यवस्था करना जिला प्रशासन का एक अन्य महत्त्वपूर्ण योगदान है।

3. राजस्व (Revenue)—प्रत्येक राज्य की आर्थिक स्थिति राजस्व के ठीक प्रकार से इकट्ठे किये जाने पर निर्भर रहती है। राज्य का समस्त राजस्व जैसे कि भूमि का लगान, उत्पादन शुल्क, सम्पत्ति कर, बिक्री कर आदि जिला प्रशासन द्वारा ही एकत्रित किए जाते हैं। इतना ही नहीं केन्द्रीय सरकार ने भी सभी जिलों में अपने कर्मचारी अपने करों को इकट्ठा करने के लिए नियुक्त किए हैं, जैसे कि आयकर अधिकारी (Income Tax Officer)। प्रत्येक जिले में एक जिला कोष भी है जिसमें संघ तथा राज्य सरकारों के सभी टैक्स जमा किए जाते हैं और वहीं से खर्च करने के लिए सरकार पैसा निकालती है।

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4. सार्वजनिक सेवा कार्य (Public Service Functions)-राज्य जनता की सेवा और कल्याण के लिए जो कुछ भी कार्य करते हैं, वे भी जिला प्रशासन द्वारा ही संचालित किए जाते हैं। प्रत्येक जिले में एक ज़िला स्वास्थ्य अधिकारी, एक सिविल सर्जन, एक जिला शिक्षा अधिकारी, एक जिला खाद्य अधिकारी (District Food and Supply Officer), एक कार्यकारी इंजीनियर (Executive Engineer), एक जिला कृषि अधिकारी आदि होते हैं जो अपने विभाग से सम्बन्धित कार्यों का संचालन जिले में करते हैं और जिले के लोगों का जीवन सुखी तथा विकसित बनाने का प्रयत्न करते हैं। जिले में खाद्य वस्तुओं में मिलावट को रोकने, किसी बीमारी को फैलने से रोकने, खाद्य वस्तुओं की व्यवस्था करने, बनावटी या नकली दवाइयों को पकड़ने, मजदूरों की दशा को अच्छा बनाने, शिक्षा का प्रसार करने आदि के सब काम ज़िलाधिकारियों द्वारा ही किए जाते हैं।

5. प्राकृतिक संकट में लोगों की सहायता (Help to the people in Natural Calamities)-आज राज्य का काम लोगों के जीवन और सम्पत्ति की रक्षा करने के अतिरिक्त उनके जीवन को सुखी और विकसित बनाने के लिए उचित वातावरण पैदा करना भी है। सरकार संकट में पड़े व्यक्तियों की हर प्रकार से सहायता करती है। सरकार का काम भी जिला स्तर पर आरम्भ होता है और जिला प्रशासन द्वारा सम्पन्न किया जाता है। जब कभी किसी भाग में बाढ़ आ जाए, सूखा पड़े, भूचाल आए या कोई महामारी फैल जाए तो लोगों को उस संकट से छुटकारा दिलाने का काम भी ज़िला अधिकारी करते हैं। जिलाधीश संकट के पैदा होते ही समस्त जिला प्रशासन को उस संकट का मुकाबला करने के लिए प्रयोग करता है और लोगों की सहायता की जाती है। जिला प्रशासन के अभाव में लोगों की इतनी शीघ्र सहायता करना सम्भव नहीं है।

6. सामुदायिक विकास परियोजनाएं (Community Development Projects) भारत में ग्रामीण लोगों के जीवन का बहुमुखी विकास करने के लिए जो सामुदायिक विकास परियोजनाएं लागू की गई हैं, वे भी जिला प्रशासन की देख-रेख में ही कार्यान्वित होती हैं। इन सामुदायिक विकास परियोजनाओं ने जिला प्रशासन के उत्तरदायित्वों को बढ़ा दिया है और उनकी सफलता भी जिला प्रशासन पर निर्भर है। जिलाधीश जिले में इन सभी योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करवाने का सामान्य रूप से उत्तरदायी है।

7. आम चुनाव (General Election)-भारत में स्वतन्त्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए एक चुनाव आयोग की व्यवस्था की गई है, परन्तु लोकसभा विधानसभा आदि के चुनावों का वास्तविक कार्य जिला प्रशासन द्वारा किया जाता है। जिलाधीश जिले में सभी चुनाव कार्यों का इन्चार्ज होता है और उनका प्रबन्ध करता है। प्रत्येक जिले में एक चुनाव कार्यालय है जो जिला प्रशासन के कर्मचारियों की सहायता से मतदाताओं की सूची तैयार करवाता है। जिला प्रशासन के कर्मचारी ही जिले में चुनावों का सब प्रबन्ध करते हैं। चुनाव आयोग या चुनाव आयुक्त तो केवल नियम बनाते हैं और आदेश देते हैं।

8. स्थानीय स्वशासन पर देख-रेख (Supervision over the Local Self-government Institutions)भारत में स्थानीय स्वशासन की संस्थाएं स्थापित की गई हैं। नगरों में नगरपालिकाएं तथा कहीं-कहीं नगर निगम भी हैं। ग्रामों में पंचायतें, पंचायत समितियां तथा जिला परिषद् स्थानीय आवश्यकताओं की पूर्ति करती हैं। बेशक ये संस्थाएं अपनी इच्छानुसार काम करती हैं, परन्तु इनके कार्यों पर देखभाल रखने और इनका पथ-प्रदर्शन करने का काम भी ज़िला प्रशासन को ही सौंपा गया है।

9. अन्य कार्य (Other Functions)-इन उपर्युक्त कार्यों के अतिरिक्त और भी बहुत-से कार्य हैं जो भारतीय प्रशासन में महत्त्वपूर्ण हैं, परन्तु वे भी जिला प्रशासन द्वारा ही किए जाते हैं। जिलाधीश अपने जिले में जेलों की दशा पर निगरानी रखता है, लोगों को अस्त्र-शस्त्र रखने, लाने या ले जाने, खरीदने और बेचने के लाइसेंस देता है, मन्त्रियों तथा अन्य उच्चाधिकारियों की सुरक्षा की व्यवस्था करता है और कानून तथा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए उचित कदम उठा सकता है। जनगणना का काम भी जिला प्रशासन के कर्मचारियों द्वारा किया जाता है। सरकार का शायद ही ऐसा कोई काम हो जो जिला प्रशासन की सहायता किए बिना हो सकता हो।

स्पष्ट है कि भारतीय प्रशासन की दृष्टि से लोगों के जीवन में जिला प्रशासन का एक महत्त्वपूर्ण स्थान है। श्री एस० एस० खेड़ा का यह कथन सत्य ही है कि “जिला प्रशासन एक अच्छी इकाई प्रमाणित हुआ है। यह एक व्यावहारिक या यथार्थ इकाई भी सिद्ध हुआ है। यह समय के परीक्षण में पूरा उतरा है।” (“A district has proved a good unit of administration. It has proved a practical unit. It has stood the test of times—S.S. Khera”)

प्रश्न 2.
ज़िलाधीश की नियुक्ति, शक्तियों, कार्यों तथा स्थिति का विवेचन करो।
(Discuss the appointment, powers, functions and position of the Deputy Commissioner.)
उत्तर-
ज़िला भारतीय प्रशासन की एक प्रमुख इकाई है। साइमन कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार, “भारत की भूमि का प्रत्येक इंच जिले का भाग होता है और हर जिले का प्रमुख एक अधिकारी होता है। जिसे कुछ प्रान्तों में कलैक्टर (Collector) तथा कुछ प्रान्तों में जिलाधीश के नाम से पुकारा जाता है।” जिले का समस्त प्रशासन एक जिला अधिकारी (District Officer) के अधीन होता है जिसे पंजाब और हरियाणा में जिलाधीश (उपायुक्त या Deputy Commissioner), उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान में कलैक्टर (Collector) और कुछ अन्य राज्यों में जिला मैजिस्ट्रेट (District Magistrate) के नाम से पुकारा जाता है।

जिलाधीश की नियुक्ति (Appointment of the Deputy Commissioner)-जिलाधीश के पद पर भारतीय प्रशासकीय सेवा (I.A.S.) का वरिष्ठ सदस्य ही नियुक्त किया जाता है। कई बार राज्य असैनिक सेवा के किसी वरिष्ठ सदस्य को भी इस पद पर नियुक्त कर देता है। जिले में जिलाधीश की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की जाती है और वह उसी समय तक इस पद पर रहता है जब तक राज्य सरकार चाहे। राज्य सरकार उसे पद से हटा कर किसी अन्य पद पर नियुक्त कर सकती है।

शक्तियाँ तथा कार्य (Powers and Functions)-ज़िलाधीश को जिले में राज्य सरकार के कान, आँख, मुँह और हाथ कहा गया है। इसका अर्थ यह है कि उसे कई रूप में कार्य करना पड़ता है। वह जिलाधीश है, कलैक्टर है, जिला मैजिस्ट्रेट है, ज़िले का मुख्य कार्यकारी अधिकारी है तथा सभी स्वशासन संस्थाओं पर निगरानी रखता है। विभिन्न क्षेत्रों में उसकी शक्तियां तथा कार्य निम्नलिखित हैं-

1. कलैक्टर के रूप में (As a Collector)-जिलाधीश कलैक्टर के रूप में निम्नलिखित कार्य करता है-

  • वह ज़िले के राजस्व प्रशासन का अध्यक्ष है और जिले में भू-राजस्व इकट्ठा करने का उत्तरदायित्व उसी का है।
  • राजस्व विभाग के अन्य सभी अधिकारी तथा कर्मचारी जैसे कि डिप्टी कलैक्टर, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कानूनगो, पटवारी, लम्बरदार आदि ज़िलाधीश के अधीन कार्य करते हैं।
  • वह राजस्व के मामलों में अन्य अधिकारियों के निर्णयों के विरुद्ध अपीलें सुनता है।

2. जिला मैजिस्ट्रेट के रूप में (As a District Magistrate)-ज़िलाधीश को जिला मैजिस्ट्रेट के अधिकार भी प्राप्त हैं। इस रूप में वह निम्नलिखित कार्य करता है

  • वह समस्त जिले में शान्ति स्थापित करने और कानून व्यवस्था को बनाए रखने का ज़िम्मेदार है।
  • जब भी ज़िले या उसके किसी भाग में कानून और शान्ति के गड़बड़ होने की सम्भावना हो तो वह उचित कार्यवाही कर सकता है।
  • कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए उसे धारा 144 लगाने का अधिकार है। इसके अन्तर्गत वह सभाओं, जुलूसों तथा चार से अधिक व्यक्तियों के इकट्ठा होने पर प्रतिबन्ध लगा सकता है।
  • जिले में स्थित पुलिस अधिकारियों को कानून और व्यवस्था के सम्बन्ध में किसी भी प्रकार के आदेश दे सकता है।
  • वह जिले में स्थित सब जेलों का निरीक्षण कर सकता है और कैदियों को उचित सुविधाएं प्रदान करने के बारे में आदेश दे सकता है।
  • वह हथियारों, विस्फोटकों, पेट्रोल आदि के बारे में लाइसेंस देता है तथा उसकी आज्ञा के बिना कोई व्यक्ति अस्त्र नहीं रख सकता और न ही उन्हें बेच सकता है।
  • वह जिले में पुलिस थानों का निरीक्षण कर सकता है और शासन व्यवस्था सम्बन्धी आदेश दे सकता है।
  • वह पासपोर्ट (Passport) तथा वीजा (Visas) जारी करने के लिए सिफ़ारिश करता है।

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3. जिले के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में (As a Chief Executive Officer of the District)जिलाधीश जिले का मुख्य कार्यकारी अधिकारी है और जिले के अन्दर सभी कार्यकारी शक्तियों का प्रयोग करता है तथा शासन व्यवस्था को बनाए रखने का उत्तरदायी है। इस रूप में उसे अग्रलिखित कार्य करने पड़ते हैं

  • वह ज़िले में शासन व्यवस्था को बनाए रखने का उत्तरदायी है।
  • वह जिले में राज्य सरकार का प्रतिनिधि है और उसके सभी कानूनों तथा आदेशों को जिले में लागू करने का उत्तरदायी है तथा जिले में सरकार के हितों की देखभाल करता है।
  • जिले की प्रशासन सम्बन्धी रिपोर्ट सरकार को भेजना उसका कर्तव्य है।
  • जिला प्रशासन के सभी कर्मचारी और विशेषकर राजस्व विभाग तथा न्याय प्रशासन सम्बन्धी कर्मचारी उसके अधीन काम करते हैं।
  • जिले में स्थित अन्य सभी सरकारी विभाग उसकी देख-रेख में कार्य करते हैं।
  • वह प्रशासन के विरुद्ध जनता की सब प्रकार की शिकायतें सुनता है और उन्हें दूर करने का प्रयत्न करता है।
  • जिला स्तर पर काम करने वाले तथा गांव में काम करने वाले बहुत-से अधिकारियों की नियुक्ति ज़िलाधीश करता है जैसे कि गांव का चौकीदार, लम्बरदार, जैलदार, चपरासी और कई राज्यों में क्लर्क आदि भी।
  • वह मुख्य कार्यकारी अधिकारी होने के नाते जिले में स्थित सभी पागलखानों, सुधारालयों, अन्धविद्यालयों, अनाथ आश्रमों तथा अपाहिज घरों आदि के कार्यों की देख-रेख करता है और उनमें सुधार के लिए आवश्यक कदम भी उठा सकता है।
  • वह राज्य सरकार को जिले का अनुमानित बजट पेश करता है।
  • वह जिले में स्थित स्थानीय स्व-शासन संस्थाओं जैसे कि पंचायत समिति, जिला परिषद्, नगरपालिका आदि के काम पर निगरानी रखता है और यदि आवश्यक समझे तो उसके किसी प्रस्ताव को पास होने या लागू होने से रोक सकता है।

4. (As the Chief Development Officer of the District),

  • वह जिले में सभी विकास और निर्माण कार्यों के कार्यान्वित किए जाने का जिम्मेवार है।
  • वह ज़िले की विकास तथा नियोजन सम्बन्धी समिति का अध्यक्ष होता है और जिले के विकास तथा योजना सम्बन्धी सभी कार्यक्रम उसके परामर्श से ही बनते हैं।
  • पंचायती राज के अन्तर्गत सामुदायिक विकास के सभी कार्य पंचायत समितियों तथा जिला परिषदों को सौंप दिए गए हैं। जिलाधीश जिला परिषद् का पदेन सदस्य होता है।
  • जिलाधीश को पंचायती राज संस्थाओं द्वारा पास किए गए प्रस्तावों को रद्द करने का अधिकार है।
  • वह अपने जिले में कृषि सहकारिता, पशु-पालन, घरेलू उद्योग आदि का विकास करने के लिए आवश्यक आदेश दे सकता है।

5. चुनाव अधिकारी के रूप में (As a Returning Officer)-जिलाधीश जिले में संसद् तथा विधानसभा तथा अन्य किसी स्तर के चुनाव के लिए पूर्ण सहायता देता है। वह ज़िले में चुनाव का उचित प्रबन्ध करने के लिए जिम्मेवार होता है। अपने जिले से चुनाव शान्तिपूर्वक तथा निष्पक्ष ढंग से करवाने के लिए वह अनेक अधिकारियों को नियुक्त करता है और उन्हें उचित प्रशिक्षण देता है।

6. ज़िला जनगणना अधिकारी के रूप में (As A District Census Officer) ज़िलाधीश जिले की जनगणना के लिए उत्तरदायी होता है। वह इस कार्य के लिए अधिकारियों को नियुक्त करता है उन्हें उचित प्रशिक्षण देने की व्यवस्था भी करता है। जिले की जनगणना के पश्चात् वह जनगणना के आंकड़े राज्य सरकार को भेजता है।

ज़िलाधीश की स्थिति (Position of the Deputy Commissioner)-ज़िलाधीश का पद एक बड़ा ही महत्त्वपूर्ण पद है। वह अंग्रेजों के समय में तो जिले का निरंकुश शासक हुआ करता था। पलांदे ने जिलाधीश को “ज़िले में प्रान्तीय सरकार की आँखं, कान, मुंह और हाथ बताया है।” (According to Plande the Deputy Commissioner is, “The eyes, the ears, the mouth and the hands” of the provincial in the district.) यह बात काफ़ी सीमा तक सत्य है। राज्य सरकार ने अपने सभी कार्य जिलाधीश के कन्धों पर डाल दिए हैं। सरकार जिले में जो भी कार्य करना चाहती है, उसे जिलाधीश को सौंप दिया जाता है। जिले में कोई भी काम उसकी इच्छा के विरुद्ध नहीं हो सकता। एक लेखक का कहना है कि “इस समय जिला प्रशासन के समस्त सूत्र डिप्टी कमिश्नर के हाथों में ही केन्द्रित हैं।”

स्वतन्त्रता के पश्चात् उसकी स्थिति में परिवर्तन होते हुए भी उसका महत्त्व कम नहीं हुआ। वह आज भी ज़िला प्रशासन का अध्यक्ष है और जिले में राज्य सरकार का हर उद्देश्य से प्रतिनिधि है। आज भी राज्य सरकारें प्रशासन के सभी कामों में जिलाधीश की ओर देखती हैं और जिला प्रशासन की सफलता जिलाधीश की योग्यता, क्षमता, बुद्धिमत्ता और व्यक्तिगत चरित्र पर बहुत कुछ निर्भर है। एक योग्य जिलाधीश अपने जिले की बहुत उन्नति कर सकता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
जिला प्रशासन की कोई चार विशेषताएं बताइये।
उत्तर-
जिला प्रशासन की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं-

  • विकास का परिणाम- भारत में वर्तमान जिला प्रशासन एक लम्बी ऐतिहासिक और विकासकारी प्रक्रिया का परिणाम है। जिला प्रशासन का अस्तित्व मुग़ल व ब्रिटिश शासन से पहले था।
  • भारतीय प्रशासन की मुख्य इकाई-जिला प्रशासन भारतीय प्रशासन की मुख्य इकाई है क्योंकि जिला स्तर पर सभी सरकारी विभागों के कार्यकाल स्थापित किए गए हैं। इन्हीं विभागों के माध्यम से सरकार अपना कार्य करती है।
  • जिला प्रशासन राज्य सरकार के अधीन-जिला प्रशासन राज्य सरकार के नियन्त्रण में कार्य करता है। राज्य सरकार जिला प्रशासन को अनेक तरीकों से अपने नियन्त्रण में रखती है।
  • कार्यों का विभाजन-जिला प्रशासन के प्रशासनिक कुशलता व सुविधा की दृष्टि से उप-मण्डलों, तहसीलों, उप-तहसीलों में विभाजित किया जाता है।

प्रश्न 2.
जिला प्रशासन के किन्हीं चार अधिकारियों का संक्षिप्त विवरण दें।
उत्तर-
जिला स्तर पर कार्यरत प्रमुख अधिकारी इस प्रकार हैं-

  • जिलाधीश-ज़िलाधीश समस्त जिला प्रशासन का अध्यक्ष होता है। वह जिले में राज्य सरकार का प्रतिनिधि है और सरकार की समस्त शक्तियां, अधिकार तथा दायित्व उसमें निहित हैं।
  • पुलिस अधीक्षक-जिले में पुलिस विभाग का अध्यक्ष पुलिस अधीक्षक होता है। जिले के समस्त पुलिस कर्मचारी उसकी देख-रेख में कार्य करते हैं। वह जिले में शान्ति और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जिलाधीश के अधीन होता है और कार्य करता है।
  • ज़िला तथा सैशन जज-ज़िले का न्याय संगठन एक ज़िला तथा सैशन जज के अधीन होता है। जिला तथा सैशन जज उच्च न्यायालय के अधीन होता है।
  • जिला शिक्षा अधिकारी-ज़िले में शिक्षा विभाग के सभी कार्य जिला शिक्षा अधिकारी की देख-रेख में होते हैं जिसकी नियुक्ति शिक्षा विभाग द्वारा होती है। वह प्राथमिक तथा माध्यमिक स्कूलों पर नियन्त्रण रखता है। जिले में शिक्षा का प्रबन्ध करने और उसके सुप्रबन्ध के लिए वह उत्तरदायी है।

प्रश्न 3.
जिला प्रशासन का महत्त्व स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
ज़िला प्रशासन भारतीय प्रशासन की एक मुख्य इकाई है। जिला स्तर पर ही राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के कार्यालय स्थापित होते हैं। यहां तक कि केन्द्रीय सरकार के भी कई कार्यालय जिला स्तर पर स्थापित हैं। राज्य सरकार अपना समस्त प्रशासन जिला अधिकारियों के द्वारा ही चलाती है और जनता की जानकारी भी ज़िला प्रशासन के द्वारा ही प्राप्त करती है। सरकार की सभी शक्तियां जिला स्तर पर जिला प्रशासन के अध्यक्ष ज़िलाधीश को दी गई हैं। जिला प्रशासन के द्वारा ही सरकार कानून और व्यवस्था को बनाए रखती है, राजस्व एकत्र करती है और यहां तक कि आपातकाल में पीड़ितों को सहायता भी प्रदान करती है। जिला प्रशासन की मदद से ही अनेक सामुदायिक विकास योजनाएं लागू की जाती हैं। सरकार जिला प्रशासन के माध्यम से ही सुनती, देखती और क्रिया करती है। राज्य सरकारों की कुशलता व अकुशलता जिला प्रशासन पर निर्भर करती है। सरकार की नीतियों का निर्माण नई दिल्ली और राज्य की राजधानियों में होता है, लेकिन उनका क्रियान्वयन (Implementation) जिला प्रशासन द्वारा ही होता है। अतः जिला प्रशासन का भारतीय प्रशासन में मौलिक योगदान है।

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प्रश्न 4.
कलैक्टर के रूप में जिलाधिकारी की भूमिका की विवेचना कीजिए। (Textual Ouestion)
उत्तर-
जिलाधीश की नियुक्ति सबसे पहले राजस्व इकट्ठा करने के उद्देश्य से ही की गई थी। जिले में राजस्व इकट्ठा करने का वह उत्तरदायी है और अन्य सभी प्रकार के टैक्स इकट्ठा करवाने की ओर ध्यान देता है। लगान वसूल करने के कारण ही उसे कलैक्टर अर्थात् इकट्ठा करने वाला कहा जाता है। इस रूप में उसके निम्नलिखित कार्य हैं-

  • वह जिले के राजस्व प्रशासन का अध्यक्ष है और जिले में भू-राजस्व इकट्ठा करने का उत्तरदायित्व उसी का है।
  • राजस्व विभाग के अन्य सभी अधिकारी तथा कर्मचारी जैसे कि डिप्टी कलैक्टर, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कानूनगो, पटवारी, लम्बरदार आदि जिलाधीश के अधीन कार्य करते हैं।
  • वह राजस्व के मामलों में अन्य अधिकारियों के निर्णयों के विरुद्ध अपीलें सुनता है।
  • आवश्यकता पड़ने पर वह तकावी ऋण का विभाजन करता है और तकावी ऋण को वसूल करने का उत्तरदायी है।
  • वह भूमि व्यवस्था से सम्बन्धित अनेक विषयों का प्रशासन करता है और भूमि रिकॉर्ड के सभी कर्मचारी उसके अधीन काम करते हैं।
  • वह जिले में भूमि-सम्बन्धी तथा कृषि-सम्बन्धी आंकड़ों का प्रबन्ध करता है और उन्हें एकत्रित करवाता है।
  • जिले में अन्य सभी प्रकार के ऋण उसके माध्यम से दिए जाते हैं और वह उन्हें वसूल करता या करवाता है।
  • वह भूमि प्राप्ति के कार्य (Land Acquisition Work) का जिले में प्रशासन करता है।
  • जिले का कोष उसके अधीन तथा उसके नियन्त्रण में रहता है और वह जब चाहे खज़ानों तथा उप-खज़ानों का निरीक्षण करता है।

प्रश्न 5.
‘जिले का मुख्य कार्यालय राज्य की एक उप-राजधानी सा लगता है।’ इस कथन की विवेचना कीजिए।
उत्तर-
जिला मुख्यालय (District Headquarter) जिला प्रशासन की महत्त्वपूर्ण शीर्षस्थ इकाई है। जिला मुख्यालय कई विभागों में बंटा होता है, जिसके पद सोपान के शीर्ष पर जिलाधीश होता है। जिलाधीश ज़िले का प्रथम नागरिक, सेवक तथा मुख्य कार्यकारी होता है। जिला मुख्यालय के प्रत्येक विभाग को उप-विभागों, शाखाओं, सैक्शनों तथा उप-सैक्शनों में विभाजित किया जाता है। एक जिले में लागू होने वाली सभी नीतियां एवं कार्यक्रम जिला मुख्यालय स्तर पर ही तैयार होती हैं। जिले की सभी नीतियां जिला अधिकारियों द्वारा लागू की जाती हैं। जिले का समस्त सरकारी वर्ग जिला मुख्यालय में ही होता है। इसीलिए जिला मुख्यालय को जिला प्रशासन का हृदय व केन्द्र कहा जाता है। राज्य प्रशासन में जिला मुख्यालय की व्यवस्थित तथा महत्त्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए जिला मुख्यालय को लघु सचिवालय अथवा राज्य की उप-राजधानी का नाम दिया गया है।

प्रश्न 6.
जिलाधीश के जिला मैजिस्ट्रेट के रूप में दो कार्य लिखो।
उत्तर-

  1. ज़िलाधीश समस्त ज़िले में शान्ति स्थापित करने और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए उत्तरदायी है। जब भी ज़िले या उसके किसी भाग में कानून या शान्ति के गड़बड़ होने की सम्भावना हो तो वह उचित कार्यवाही कर सकता है।
  2. जिलाधीश को कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिए धारा-144 लगाने का अधिकार है। इसके अन्तर्गत वह सभाओं, जुलूसों तथा चार से अधिक व्यक्तियों के इकट्ठा होने पर प्रतिबन्ध लगा सकता है।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
जिला प्रशासन की कोई दो विशेषताएं बताइये।
उत्तर-
ज़िला प्रशासन की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं-

  1. विकास का परिणाम- भारत में वर्तमान जिला प्रशासन एक लम्बी ऐतिहासिक और विकासकारी प्रक्रिया का परिणाम है। जिला प्रशासन का अस्तित्व मुग़ल व ब्रिटिश शासन से पहले था।
  2. भारतीय प्रशासन की मुख्य इकाई-जिला प्रशासन भारतीय प्रशासन की मुख्य इकाई है क्योंकि जिला स्तर पर सभी सरकारी विभागों के कार्यकाल स्थापित किए गए हैं। इन्हीं विभागों के माध्यम से सरकार अपना कार्य करती है।

प्रश्न 2.
कलैक्टर के रूप में जिलाधिकारी की भूमिका की विवेचना कीजिए।
उत्तर-

  1. वह जिले के राजस्व प्रशासन का अध्यक्ष है और जिले में भू-राजस्व इकट्ठा करने का उत्तरदायित्व उसी का है।
  2. राजस्व विभाग के अन्य सभी अधिकारी तथा कर्मचारी जैसे कि डिप्टी कलैक्टर, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कानूनगो, पटवारी, लम्बरदार आदि ज़िलाधीश के अधीन कार्य करते हैं।

प्रश्न 3.
जिलाधीश के जिला मैजिस्ट्रेट के रूप में दो कार्य लिखो।
उत्तर-

  1. जिलाधीश समस्त जिले में शान्ति स्थापित करने और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए उत्तरदायी है।
  2. जिलाधीश को कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिए धारा-144 लगाने का अधिकार है।

प्रश्न 4.
जिलाधीश के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में दो कार्य लिखें।
उत्तर-

  1. ज़िलाधीश जिले में शासन व्यवस्था को बनाये रखने के लिए उत्तरदायी है।
  2. जिले में स्थित अन्य सभी सरकारी विभाग जिलाधीश की देख-रेख में कार्य करते हैं।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न I. एक शब्द/वाक्य वाले प्रश्न-उत्तर-

प्रश्न 1. भारतीय प्रशासन की आधारभूत इकाई क्या है ?
उत्तर-ज़िला।

प्रश्न 2. जिला प्रशासन का कोई एक कार्य लिखें।
उत्तर-कानून व व्यवस्था को बनाये रखना।

प्रश्न 3. जिलाधीश की नियुक्ति कौन करता है ?
उत्तर-राज्य सरकार।

प्रश्न 4. भारतीय प्रशासन व्यवस्था की प्रमुख इकाई क्या है ?
उत्तर–भारतीय प्रशासन व्यवस्था की प्रमुख इकाई जिला प्रशासन है।

प्रश्न 5. भारत में किस वर्ष कलैक्टर का पद सजित किया गया ?
उत्तर- भारत में जिला कलैक्टर के पद का सृजन 1872 में हुआ।

प्रश्न 6. जिला प्रशसन को वैज्ञानिक ढंग से संगठित करने का श्रेय किसे है ?
उत्तर भारत में जिला प्रशासन को वैज्ञानिक ढंग से संगठित करने का श्रेय लॉर्ड कार्नवालिस को है।

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प्रश्न 7. जिला प्रशासन का अर्थ स्पष्ट करें।
उत्तर – एक क्षेत्र में, जिसे कानून द्वारा जिले के नाम से पुकारा जाता है, में सरकार के सभी कार्यों का बन्दोबस्त

प्रश्न 8. जिला प्रशासन के अध्यक्ष को क्या कहा जाता है ?
उत्तर – जिले के प्रशासनिक अध्यक्ष को जिलाधीश कहा जाता है।

प्रश्न 9. जिला प्रशासन का मुख्य उद्देश्य क्या है ?
उत्तर-जिला प्रशासन का मुख्य उद्देश्य अपने क्षेत्र में शान्ति-व्यवस्था की स्थापना करना है।

प्रश्न 10. हरियाणा व पंजाब में जिला प्रशासन व राज्य प्रशासन के मध्य किसकी स्थापना की गई है ?
उत्तर-जिला प्रशासन व राज्य प्रशासन के मध्य हरियाणा व पंजाब में ‘मण्डल’ (Division) की व्यवस्था की गई है।

प्रश्न 11. मण्डल के मुख्य अधिकारी को क्या कहते हैं ?
उत्तर-मण्डल के मुख्य अधिकारी को मण्डल आयुक्त कहते हैं।

प्रश्न 12. मण्डल आयुक्त की नियुक्ति कौन करता है ?
उत्तर-मण्डल आयुक्त की नियुक्ति राज्य मुख्यालय की सिफ़ारिश पर राज्यपाल द्वारा की जाती है।

प्रश्न II. खाली स्थान भरें-

1. समस्त राज्यों एवं संघीय क्षेत्रों को ………….. में बांटा गया है।
2. …………….. के अनुसार कलैक्टर प्रान्तीय सरकार की आंखें, कान, मुंह और हाथ सब कुछ है।
3. जिलाधीश के पद पर ………… का वरिष्ठ सदस्य ही नियुक्त किया जाता है।
उत्तर-

  1. ज़िलों
  2. प्लांदे
  3. भारतीय प्रशासनिक सेवा।

प्रश्न III. निम्नलिखित में से सही एवं ग़लत का चुनाव करें-

1. भारतीय भूमि का एक-एक इंच जिले का भाग है।
2. प्राकृतिक संकट के समय जिला प्रशासन लोगों की कोई मदद नहीं कर पाता।
3. जिलाधीश जिले में शासन व्यवस्था को बनाए रखने का उत्तरदायी होता है।
उत्तर-

  1. सही
  2. ग़लत
  3. सही।

प्रश्न IV. बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
यह कथन किसका है, “ज़िले में सरकार के समस्त कार्यों के संग्रह को जिला प्रशासन कहा जाता
(क) श्री खेरा
(ख) कौटिल्य
(ग) एम० पी० शर्मा
(घ) बलदेव सिंह।
उत्तर-
(क) श्री खेरा।

PSEB 11th Class Political Science Solutions Chapter 32 जिला प्रशासन

प्रश्न 2.
जिलाधीश निम्न में से कौन-सा कार्य करता है ?
(क) भू-राजस्व एकत्र करना
(ख) ज़िले में शाति एवं व्यवस्था बनाये रखना।
(ग) राज्य सरकार को जिले का अनुमानित बजट पेश करना।
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

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