Punjab State Board PSEB 12th Class Economics Book Solutions Chapter 18 आर्थिक नियोजन के उद्देश्य Textbook Exercise Questions, and Answers.
PSEB Solutions for Class 12 Economics Chapter 18 आर्थिक नियोजन के उद्देश्य
PSEB 12th Class Economics आर्थिक नियोजन के उद्देश्य Textbook Questions and Answers
I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)
प्रश्न 1.
आर्थिक नियोजन से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
आर्थिक नियोजन से अभिप्राय देश के साधनों का प्रयोग राष्ट्रीय प्राथमिकताओं अनुसार करके निर्धारित उद्देश्यों की प्राप्ति करना होता है।
प्रश्न 2.
भारत में आर्थिक नियोजन का काल कितना है तथा आर्थिक नियोजन कब आरम्भ किया गया ?
उत्तर-
भारत में रूस के आर्थिक नियोजन की सफलता को देखते हुए पंचवर्षीय योजनाएं आरम्भ की गईं। प्रथम योजना 1951-56 तक बनाई गई।
प्रश्न 3.
भारत की प्रथम पंचवर्षीय योजना 1947 में प्रारम्भ हुई।
उत्तर-
ग़लत।
प्रश्न 4.
भारत की प्रथम पंचवर्षीय योजना का काल ………… था।
उत्तर-
1951-56.
प्रश्न 5.
इस समय भारत में तेरहवीं योजना चल रही है।
उत्तर-
गलत।
प्रश्न 6.
बारहवीं पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल 2012-17 है।
उत्तर-
सही।
प्रश्न 7.
बारहवीं पंचवर्षीय योजना की विकास दर का उद्देश्य 9% वार्षिक रखा गया है।
उत्तर-
सही।
प्रश्न 8.
नियोजन के उद्देश्य से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
नियोजन के उद्देश्यों से अभिप्राय दीर्घकाल में प्राप्त करने वाले उद्देश्यों से होता है।
प्रश्न 9.
योजनाओं के उद्देश्यों से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
योजनाओं के उद्देश्यों से अभिप्राय अल्पकालीन उद्देश्यों से होता है।
प्रश्न 10.
भारत का प्रधानमंत्री योजना आयोग का अध्यक्ष होता है।
उत्तर-
सही।
प्रश्न 11.
भारत में योजना आयोग के स्थान पर …………….. बन गया है।
उत्तर-
नीति आयोग।
प्रश्न 12.
भारत में तेहरवीं पंचवर्षीय योजना 2017-2022 चल रही है।
उत्तर-
गलत।
II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
आर्थिक नियोजन से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
आर्थिक नियोजन को स्पष्ट करते भारत के योजना आयोग ने कहा, “आर्थिक नियोजन का अर्थ है, राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुसार साधनों का आर्थिक क्रियाओं में प्रयोग करना।”
प्रश्न 2.
आर्थिक नियोजन के कोई दो उद्देश्य लिखें।
उत्तर-
भारत में आर्थिक नियोजन के उद्देश्य-भारत में आर्थिक योजनाओं के उद्देश्य निम्नलिखित हैं –
- राष्ट्रीय आय तथा प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि-आर्थिक योजनाओं का मुख्य उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि कृषि, उद्योग इत्यादि का विकास करके राष्ट्रीय आय तथा प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि करना है।
- कृषि का विकास-कृषि के विकास में योजनाओं का योगदान महत्त्वपूर्ण रहा है। सन् 1966 से कृषि की तकनीक पर जोर दिया गया है। इसके परिणामस्वरूप हरित क्रान्ति हो सकी है। योजनाओं के काल में भोजन पदार्थों का उत्पादन तीन गुणा बढ़ गया है।
III. लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
भारत में योजना काल तथा प्रत्येक योजना के उद्देश्य को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
भारत में पंचवर्षीय योजनाओं के जीवनकाल का वर्णन इस प्रकार है –
1. प्रथम योजना (1951-56) के मुख्य उद्देश्य-
- कृषि पैदावार में वृद्धि
- आय तथा धन का समान वितरण।
2. द्वितीय योजना (1956-61) के मुख्य उद्देश्य-
- औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि
- भारी उद्योगों का विकास।
3. तीसरी योजना (1961-66) के मुख्य उद्देश्य-
- अनाज में आत्मनिर्भरता
- असमानता को दूर करना।
4. चौथी योजना (1969-74) के मुख्य उद्देश्य-
- विकास दर में वृद्धि
- कीमत स्थिरता।
5. पाँचवीं योजना (1974-79) के मुख्य उद्देश्य-
- गरीबी दूर करना
- यातायात तथा शक्ति का विकास 1979-80 एकवर्षीय योजना
6. छठी योजना (1980-85) के मुख्य उद्देश्य-
- ग़रीबों का जीवन स्तर ऊंचा करना
- असमानता दूर करना।
7. सातवीं योजना (1985-90) के मुख्य उद्देश्य-
- रोज़गार में वृद्धि
- कृषि उत्पादन में वृद्धि। 1990-92 एकवर्षीय योजनाएं
8. आठवीं योजना (1992-97) के मुख्य उद्देश्य-
- मानवीय शक्ति का पूर्ण प्रयोग
- सर्व शिक्षा अभियान।
9. नौवीं योजना (1997-2002) के मुख्य उद्देश्य-
- कृषि तथा ग्रामीण विकास
- जनसंख्या की वृद्धि पर रोक।
10. दशम् योजना (2002-07) के मुख्य उद्देश्य-
- जीवन स्तर का विकास
- असमानता को घटाना।
11. ग्यारहवीं योजना (2007-12) के मुख्य उद्देश्य-
- कृषि तथा ग्रामीण विकास
- रोज़गार में वृद्धि।
12. 12वीं योजना (2012-17) के मुख्य उद्देश्य-
- आर्थिक विकास में 9% वार्षिक वृद्धि
- कृषि में 4% वार्षिक वृद्धि
प्रश्न 2.
भारत में आर्थिक नियोजन के लम्बे समय के क्या उद्देश्य हैं ?
उत्तर-
भारत में आर्थिक नियोजन के लम्बे समय के उद्देश्य निम्नलिखित हैं –
- राष्ट्रीय आय तथा प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि
- आय तथा धन का समान वितरण
- देश में मानवीय शक्ति का पूर्ण उपयोग तथा पूर्ण रोज़गार की स्थिति को प्राप्त करना।
प्रश्न 3.
भारत के आर्थिक नियोजन के अल्पकालीन उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
भारत में आर्थिक नियोजन के अल्पकालीन उद्देश्य निम्नलिखित हैं-
- कृषि पैदावार में वृद्धि
- औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि
- अनाज के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता
- कीमत स्थिरता
- ग़रीबी दूर करना
- रोज़गार में वृद्धि
- शिक्षा का प्रसार
- जनसंख्या पर नियन्त्रण
- ऊँचा जीवन स्तर।
प्रश्न 4.
नीति आयोग पर नोट लिखें।
उत्तर-
नीति आयोग का पूरा नाम भारत परिवर्तन संस्थान [National Institute of Transforming India (NITI)] है। इस संस्था को योजना आयोग के स्थान पर बनाया गया है। जनवरी 2015 को नीति आयोग के बनाने की मंजूरी दी। यह संस्था थिंक टैंक (Think Tank) के रूप में काम करेगी। इस संस्था ने 2017 के पश्चात् काम करना शुरू कर दिया है।
प्रश्न 5.
नीति आयोग और योजना आयोग में अन्तर बताएं।
उत्तर –
अन्तर का आधार | योजना आयोग | नीति आयोग |
1. निर्माण | योजना आयोग का निर्माण 1 मार्च, 1950 में किया गया है। | नीति आयोग का निर्माण 2015 को किया गया है। |
2. कार्य | इस का कार्य राज्य सरकारों को फंड वितरण करवाना है। | नीति आयोग सुझाव देने वाली संस्था है। |
3. राज्य सरकारों का योगदान | समिति योगदान था। | राज्यों का महत्त्व बढ़ गया है। |
4. योजना निर्माण | यह योजना का निर्माण करती है। | योजना आयोग योजना का निर्माण करता था जिस को राज्य लागू करते थे। |
IV. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
भारत में आर्थिक नियोजन के उद्देश्यों का वर्णन करो। (Explain the main objectives of Economic Planning of India.)
उत्तर-
भारत में आर्थिक नियोजन के उद्देश्य-भारत में आर्थिक योजनाओं के उद्देश्य निम्नलिखित हैं-
1. राष्ट्रीय आय तथा प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि-आर्थिक योजनाओं का मुख्य उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि कृषि, उद्योग इत्यादि का विकास करके राष्ट्रीय आय तथा प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि करना है।
2. कृषि का विकास-कृषि के विकास में योजनाओं का योगदान महत्त्वपूर्ण रहा है। सन् 1966 से कृषि की तकनीक पर जोर दिया गया है। इसके परिणामस्वरूप हरित क्रान्ति हो सकी है। योजनाओं के काल में भोजन पदार्थों का उत्पादन तीन गुणा बढ़ गया है।
3. उद्योगों का विकास- भारत में योजनाओं के परिणामस्वरूप बहुत सरलता मिली है। भारत के प्राथमिक तथा पूंजीगत उद्योग बहुत विकसित हुए हैं जैसे कि लोहा तथा इस्पात, मशीनरी, खाद्य रासायनिक उद्योगों ने विकास किया है।
4. जीवन स्तर में वृद्धि-पंचवर्षीय योजनाओं का एक उद्देश्य जीवन स्तर में वृद्धि करना है। देश में लोगों का जीवन स्तर कई बातों पर निर्भर करता है जैसे कि प्रति व्यक्ति आय, कीमतों में स्थिरता, आय का समान वितरण, टी० वी०, फ्रिज, कारें, स्कूटरों, टेलीफोन, इत्यादि की प्राप्ति।।
5. आर्थिक असमानताओं में कमी-भारत में प्रत्येक पंचवर्षीय योजना का मुख्य उद्देश्य अमीर तथा निर्धन में अन्तर को कम करना रहा है। आर्थिक असमानता देश में शोषण का प्रतीक होती है। इसलिए अमीर लोगों पर प्रगतिशील कर (Taxes) लगाए जाते हैं तो गरीब लोगों को सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।
6. रोज़गार में वृद्धि योजनाओं का एक उद्देश्य मानवीय शक्ति का अधिक प्रयोग करके रोज़गार में वृद्धि करना है। प्रत्येक योजना में विशेष प्रयत्न किया जाता है कि देश में बेरोजगारों को रोजगार प्रदान किया जाए, जिससे राष्ट्रीय उत्पादन में वृद्धि हो सके।
7. आत्मनिर्भरता-पंचवर्षीय योजनाओं का उद्देश्य देश में कृषि, उद्योग इत्यादि क्षेत्रों को प्राप्त साधनों के अनुसार उत्पादन के संबंध में आत्मनिर्भर बनाना है। तीसरी पंचवर्षीय योजना के पश्चात् आत्मनिर्भरता के उद्देश्य की ओर अधिक ध्यान दिया गया। बारहवीं योजना (2012-17) का मुख्य उद्देश्य निर्यात में वृद्धि करके तथा आंतरिक साधनों की सहायता से आत्मनिर्भरता के उद्देश्य को पूरा रखा गया।
8. आर्थिक स्थिरता-आर्थिक विकास को बनाए रखने के लिए आर्थिक स्थिरता के उद्देश्य की प्राप्ति अनिवार्य होती है। आर्थिक विकास से अभिप्राय है कि देश में अधिक तीव्रता तथा मंदी नहीं आनी चाहिए। कीमतों में बहुत वृद्धि अथवा कमी देश के आर्थिक विकास पर बुरा प्रभाव डालती है। इसलिए योजनाओं में आर्थिक स्थिरता को प्राप्त करने का प्रयत्न किया जाता है।
9. बहुपक्षीय विकास-योजनाओं में कृषि, उद्योग, यातायात, व्यापार, बिजली, सिंचाई इत्यादि बहुत-सी उत्पादन क्रियाओं के विकास को महत्त्व दिया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य देश का बहुपक्षीय विकास करना है।
10. सामाजिक कल्याण-भारत की पंचवर्षीय योजनाओं का एक उद्देश्य सामाजिक कल्याण में वृद्धि करना है। स्वतन्त्रता के समय भारत गरीबी के कुचक्र में फंसा हुआ था। योजनाओं द्वारा भारत में गरीबी को घटाने के प्रयत्न किए गए हैं ताकि धन तथा आय की असमानता को घटाकर सामाजिक कल्याण में वृद्धि की जा सके।
योजना आयोग के अनुसार, “भारत में योजनाओं का मुख्य उद्देश्य जनता के जीवन स्तर में वृद्धि करना तथा आर्थिक सम्पन्न जीवन के मौके प्रदान करना है। नियोजन का मुख्य उद्देश्य राष्ट्र के भौतिक, मानवीय तथा पूंजीगत साधनों का प्रभावशाली उपयोग करके वस्तुओं तथा सेवाओं के उत्पादन में वृद्धि करना तथा आय, धन और अवसर की असमानता को दूर करना है।” भारत की प्रति व्यक्ति आय 2014-15 में बढ़कर 88533 रुपए हो गई है। आर्थिक नियोजन के लिए NDA की सरकार ने योजना आयोग (Planning Commission) का नाम बदल कर नीति आयोग (NITI AAYOG) कर दिया है और इसके ढांचे में परिवर्तन किया है।
प्रश्न 2.
नीति आयोग और योजना आयोग में अन्तर बताएं। (Explain the difference between Niti Aayog and Planning Commission.)
अथवा
नीति आयोग से क्या अभिप्राय है ? नीति आयोग की संरचना तथा उद्देश्य बताएं। (What is Niti Aayog ? Explain the Composition and functions of Niti Aayog.)
उत्तर-
नीति आयोग (Niti Aayog) (National Institute for Transforming India)-नीति आयोग राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान (National Institute for Transforming India) भारत सरकार द्वारा गठित एक नया संस्थान है जिसे योजना आयोग (Planning Commission) के स्थान पर बनाया गया है।
1. जनवरी 2015 को इस नए संस्थान के बारे में जानकारी देने वाला मन्त्रिमण्डल का प्रस्ताव जारी किया गया। यह संस्थान सरकार के थिंक टैंक (Think Tank) के रूप में सेवाएं प्रदान करेगा। यह संस्था निर्देशात्मक एवं गतिशीलता प्रदान करेगा। नीति आयोग, केन्द्र और राज्य स्तरों पर सरकार को प्रमुख कारकों के संबंध में प्रासंगिक महत्त्वपूर्ण एवं तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराएगा। इसमें आर्थिक मोर्चे पर राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय आयात, देश के भीतर और अन्य देशों की बेहतरीन पद्धतियों का प्रसार, नए नीतिगत विचारों का समावेश और महत्त्वपूर्ण विषयों पर आधारित समर्थन से सम्बन्धित मामले शामिल होंगे।
नीति आयोग और योजना आयोग में अन्तर (Difference between Niti Aayog and Planning Commission)-15 मार्च 1950 को एक प्रस्ताव के माध्यम से योजना आयोग (Planning Commission) की स्थापना की गई थी। इसके स्थान पर 1 जनवरी 2015 को मन्त्रिमण्डल के प्रस्ताव द्वारा नीति आयोग (Niti Aayog) की स्थापना की गई है। सरकार ने यह कदम राज्य सरकारों, विशेषज्ञों तथा प्रासंगिक संस्थानों सहित सभी हितधारकों से व्यापक विचार-विमर्श के बाद उठाया है। इन दोनों में मुख्य अन्तर इस प्रकार है1. योजना आयोग (Planning Commission) के पास यह शक्ति थी कि वह राज्य सरकारों को फंड प्रदान करता था, परन्तु अब यह शक्ति वित्त मन्त्रालय के पास होगी। नीति आयोग (Niti Aayog) एक सुझाव देने वाली संस्था के रूप में काम करेगी।
2. योजना आयोग (Planning Commission) में राज्य सरकारों का योगदान सीमित होता था। वह वर्ष में एक बार वार्षिक योजना पास करवाने के लिए आते थे। नीति आयोग (Niti Aayog) में राज्य सरकारों की भूमिका बढ़ गई है।
3. योजना आयोग (Planning Commission) जो योजना बनाता है वह उपर से नीचे की ओर लागू की जाती थी। नीति आयोग (Niti Aayog) में गावों से ऊपर की ओर योजना लागू होगी।
4. क्षेत्रीय कौंसिल (Regional Council) का काम नीति आयोग (Niti Aayog) को स्थानिक तथा क्षेत्रीय समस्याओं से अवगत कराना होगा। योजना आयोग (Planning Commission) में इस प्रकार की व्यवस्था नहीं थी।
5. योजना आयोग (Planning Commission) केन्द्रीय योजनाओं का निर्माण करता था परन्तु नीति आयोग (Niti Aayog) किसी योजना का निर्माण नहीं करेगा। इस का मुख्य कार्य निर्धारत प्रोग्राम को ठीक ढंग से संचालन करना होगा। इस प्रकार नीति आयोग एक विमर्श देने वाला संस्थान होगा।
6. नीति आयोग (Niti Aayog) का एक नया कार्य यह होगा कि आर्थिक नीति में राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) को महत्त्व देना। योजना आयोग में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी। नीति आयोग की कौंसिल में सभी राज्यों के मुख्यमन्त्री और केन्द्रीय प्रशासक क्षेत्रों के प्रबन्धकों को शामिल किया गया है।
नीति आयोग की संरचना (Composition of Niti Aayog)- नीति आयोग की संरचना इस प्रकार है-
- चेयरपर्सन (Chairperson)-प्रधानमन्त्री।
- प्रबन्धकीय कौंसिल (Governing Council)-इस में सभी राज्यों के मुख्यमन्त्री, Union Territories के प्रबन्धक तथा अंडमान निकोबार के विधायक तथा लैफ्टीनेंट गवर्नर शामिल होंगे।
- क्षेत्रीय कौंसिलें (Regional Councils)—इसमें क्षेत्र के मुख्यमन्त्री, केन्द्रीय गायक प्रदेशों के लैपटीनैंट गवर्नर होंगे जो कि अन्तर्राज्य तथा अन्तर-क्षेत्रीय समस्याओं के प्रति विचार-विमर्श करेंगे।
- प्रबन्धकीय ढांचा (Organizational Framework)-पूरा समय काम करने के लिए नीति आयोग में वाईस चेयरपर्सन, तीन पूरा समय सदस्य, दो अल्प समय सदस्य (जोकि महत्त्वपूर्ण विश्वविद्यालयों, खोज संस्थानों में से होंगे)। चार पद अथवा स्थिति के कारण (Ex-Officio) सदस्य जो केन्द्र सरकार में मन्त्री होंगे, एक मुख्यकार्यकारी अफसर (यह भारत सरकार में सैक्रेटरी के पद पर होगा) जो इसके संचालन और देख-रेख के लिए काम करेगा।
- विभिन्न क्षेत्रों के निपुण (Experts of Various fields)-नीति आयोग में कृषि उद्योग, व्यापार आदि विभिन्न क्षेत्रों के निपुण लोगों को शामिल किया जाएगा।
नीति आयोग के कार्य अथवा उद्देश्य (Functions or Objectives of Niti Aayog) नीति आयोग निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए कार्य करेगा
- राज्यों की सक्रिय भागीदारी (Active Involvement of States)-राष्ट्रीय उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए, राज्यों की सक्रिय भागीदारी के साथ राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं, क्षेत्रों और रणनीतियों का एक साझा दृष्टिकोण विकसित करना जिसके द्वारा प्रधानमन्त्री और मुख्यमन्त्रियों को राष्ट्रीय एजेंडा का प्रारूप उपलब्ध कराना है।
- सहयोगपूर्ण संघवाद को बढ़ावा देना (Foster Co-operative Federalism)-भारत में सहयोगपूर्ण संघवाद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्यों का सहयोग तथा भागीदारी को अधिक महत्त्व देना क्योंकि सशक्त राज्य ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं।
- ग्राम स्तर पर योजना (Plan at the Village Level)-ग्राम स्तर पर विश्वसनीय योजना तैयार करने के लिए तन्त्र विकसित करेगा और इसे उत्तरोत्तर उच्च स्तर तक पहुंचाएगा।
- राष्ट्रीय सुरक्षा के अनुसार आर्थिक नीति (Economic Policy according to National Security)नीति आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि जो क्षेत्र विशेष रूप से उसे सौंपे गए हैं उनकी आर्थिक कार्य नीति में राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों को शामिल किया गया है।
- निम्न वर्गों पर विशेष ध्यान (More Attention to deprived classes)-उन वर्गों पर विशेष रूप से ध्यान देगा जिन पर आर्थिक विकास से उचित प्रकार से लाभान्वित ना हो पाने का जोखिम होगा।
- दीर्घकाल और रणनीतिक नीति (Strategic and Long Term Policy)-दीर्घकाल और रणनीतिक नीति तथा कार्यक्रम का ढांचा तैयार करेगा और पहल करेगा और निगरानी करेगा।
- थिंक टैंक (Think Tank) समान विचारधारा वाले और महत्त्वपूर्ण हितधारकों, राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय थिंक टैंक और शैक्षिक और नीति अनुसंधान संस्थानों के बीच भागीदारी को प्रोत्साहन देगा।
- अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग (International Co-operation)-राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों तथा हितधारकों के सहयोग से नए विचारों से उद्यमशीलता सहायक प्रणाली बनाएगा।
- अन्तर क्षेत्रीय और अन्तर विभागीय मुद्दों के लिए एक मंच (One Platform for inter-sectoral and inter-departmental issues)-विकास के एजेंडे के कार्यान्वयन में तेजी लाने के क्रम में अन्तर-क्षेत्रीय और अन्तर-विभागीय मुद्दों के समाधान के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
- अत्याधुनिक कला संसाधन केन्द्र (Art Resource Centre)-आयोग का एक उद्देश्य यह भी है कि देश में आधुनिक कला संसाधन केन्द्र स्थापित किया जाए जिस की जानकारी विकास से जुड़े सभी लोगों को प्रदान की जाए।
- सक्रिय मूल्यांकन (Proper Evaluation)-कार्यक्रमों और उपायों के संचालन का सक्रिय मूल्यांकन और सक्रिय निगरानी की जाएगी।
- क्षमता निर्माण पर ज़ोर (Focus on capacity Building)-कार्यक्रमों और नीतियों के संचालन के लिए क्षमता निर्माण पर जोर देना भी नीति आयोग का उद्देश्य है।