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PSEB 12th Class Hindi Solutions Chapter 25 वापसी

Punjab State Board PSEB 12th Class Hindi Book Solutions Chapter 25 वापसी Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 12 Hindi Chapter 25 वापसी

Hindi Guide for Class 12 PSEB वापसी Textbook Questions and Answers

(क) लगभग 60 शब्दों में उत्तर दें:

प्रश्न 1.
‘वापसी’ एकांकी का प्रमुख पात्र कौन है ? स्पष्ट करते हुए उसका चरित्र-चित्रण करें।
उत्तर:
‘वापसी’ एकांकी का प्रमुख पात्र रायसाहब की बड़ी विधवा साली सरोजनी है। उसे रायसाहब ने रंगून में अपने पास बुला लिया था। वह उनकी बेटी चन्द्रिका का पालन पोषण करने लगी। धीरे-धीरे वह घर की स्वामिनी बन गई। रायसाहब के रिटायर होने के बाद वह उनके साथ ही स्वदेश आ गई। वह रायसाहब को शराब पीने से रोकती रही। अपने भाई कृपानाथ को भी शराब पीने पर डाँटती है। किन्तु दूसरे रिश्तेदारों की तरह वह भी स्वार्थी है और रायसाहब के सारे धन को स्वयं ही हड़पना चाहती है किन्तु मौका देखकर वह सौदेबाज़ी करने पर राजी हो जाती है।

प्रश्न 2.
‘वापसी’ एकांकी का नामकरण कहाँ तक सार्थक है ? स्पष्ट करें।
उत्तर:
‘वापसी’ एकांकी का नामकरण संक्षिप्त और सार्थक है। रायसाहब की बर्मा वापसी के निर्णय के साथ ही एकांकी समाप्त हो जाता है। वापसी का आधार रायसाहब के सभी सगे-सम्बन्धियों का स्वार्थी होना था जो बाप बड़ा न भैया सब से बड़ा रुपैया के सिद्धान्त पर विश्वास रखते हैं। रायसाहब के धन के लिए वे जिस प्रकार लड़ते हैं, उसे देखकर रायसाहब की वापसी ही उचित थी।

प्रश्न 3.
‘वापसी’ एकांकी से क्या शिक्षा मिलती है ? अपने शब्दों में लिखो।
उत्तर:
‘वापसी’ एकांकी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपने पड़ोसियों के दुःख-दर्द में सिद्धेश्वर की तरह ही सहायता करनी चाहिए। किसी पड़ोसी के बीमार होने पर अपने आराम की परवाह न करते हुए डॉक्टर को बुलाना चाहिए। उसकी एवं उसके परिवार की जहाँ तक हो सके सहायता करनी चाहिए। साथ ही पड़ोसी के सगे-सम्बन्धियों के गलत व्यवहार पर उन्हें डाँटना भी चाहिए।

PSEB 12th Class Hindi Solutions Chapter 25 वापसी

प्रश्न 4.
निम्नलिखित का चरित्र-चित्रण करें

  1. सिद्धेश्वर
  2. रायसाहब।

उत्तर:
(1) सिद्धेश्वर
सिद्धेश्वर रामप्रसन्न रायसाहब के एक निकट के सम्बन्धी अम्बिका का पडौसी है। वह शुभचिंतक है और इसीलिए वह रायसाहब का हाल-चाल पूछने आता है। पता चलने पर कि उनकी हालत खराब है। डॉक्टर को दिखाने की सलाह देता है। वह परामर्शदाता है। वह रायसाहब को धनी व्यक्ति जानकर उनके हाथ से कुछ दान-पुण्य, पूजा-पाठ कराने की भी सलाह देता है। इसके लिए वह किसी पंडित को भी बुलाने को तैयार हो जाता है। वह सहायक और धार्मिक प्रवृत्ति का व्यक्ति है और इसीलिए पंडित न मिलने पर वह स्वयं गीता का पाठ करता है। रायसाहब के सगे-संबंधियों को धन के लिए लड़ते-झगड़ते देख उन्हें डाँटता भी है। कुल मिला कर वह परोपकारी स्वभाव का व्यक्ति है।

(2) रायसाहब
रामप्रसन्न जो रंगून (बर्मा) में नौकरी करते थे, रायसाहब की पदवी प्राप्त की थी। वे पर्याप्त संपन्न थे और उन्होंने बहुत-सा धन कमाया था। पैंतीस वर्ष की नौकरी के बाद रिटायर होकर अपनी बड़ी विधवा साली के साथ स्वदेश लौटे। स्वदेश में आकर वे अपने भाई के घर न ठहर कर अपने एक रिश्तेदार अम्बिका के घर ठहरते हैं। वे समझदार और दुनियादारी समझने वाले इन्सान थे। इसीलिए उन्होंने अम्बिका के घर आकर अपने सगे-सम्बन्धियों को परखने के लिए बीमार होने का नाटक किया था और जब देखा था कि उनके सभी रिश्तेदार स्वार्थी स्वभाव के थे उन्हें उनसे प्यार नहीं था बल्कि उनके धन से प्यार था। इसी कारण उन्होंने वापस बर्मा जाने का निश्चय किया था।

(ख) लगभग 150 शब्दों में उत्तर दें:

प्रश्न 5.
‘वापसी’ एकांकी का सार लिखो।
उत्तर:
देखिए पाठ के आरम्भ में दिया गया सार।

प्रश्न 6.
‘वापसी’ एकांकी श्री उदयशंकर भट्ट का मानवीय संबंधों के खोखलेपन पर एक व्यंग्य है, व्याख्या करें।
उत्तर:
‘वापसी’ एकांकी भट्ट जी का एक सामाजिक एकांकी है, जिसमें लेखक ने मानवीय सम्बन्धों के खोखलेपन पर एक भरपूर व्यंग्य किया है। रायसाहब बर्मा में पैंतीस वर्षे रहकर वहाँ से जब ढेर सारा धन कमा कर स्वदेश लौटते हैं तो हर किसी की नज़र उनकी दौलत पर रहती है। रायसाहब अपने भाई दीनानाथ के यहाँ न ठहर कर अपने एक सम्बन्धी अम्बिका के घर ठहरते हैं। अम्बिका की पत्नी भागीरथी यह जानना चाहती है कि बर्मा में राय साहब ने अपने दोनों मकान बेच दिए हैं या नहीं। मतलब वह जानना चाहती है कि सारा पैसा वे अपने साथ ही लाए हैं। रायसाहब बीमार क्या पड़े कि सब ने उन्हें मरा समझ लिया। कृपानाथ उनका साला डॉक्टर को बुलाने जाता है तो डॉक्टर को बुलाने के स्थान पर शराब पीकर आता है।

यहाँ तक कि राय साहब की साली सरोजिनी भी उनका अन्त समय निकट आया समझती है। रायसाहब का भाई दीनानाथ भी मगरमच्छ के आँसू बहाने लगता है। वास्तव में उन सबकी नज़र रायसाहब के कैशबक्स पर थी, उसे हथियाने की हर कोई कोशिश करता है। सम्बन्धों में आई स्वार्थपरता के कारण ही रायसाहब जो बीमार होने का नाटक कर रहे थे, वे वापस बर्मा जाने का निर्णय लेते हैं, क्योंकि सब रिश्तेदारों की पोल खुलते देख ली थी।

प्रश्न 7.
सिद्धेश्वर के चरित्र द्वारा लेखक मानवीय मूल्यों की स्थापना करना चाहता है, कैसे ?
उत्तर:
एकांकी ‘वापसी’ में अम्बिका का पड़ोसी सिद्धेश्वर ही एक ऐंसा पात्र है, जिसे रायसाहब के धन से कोई लेना देना नहीं। वह तो नि:स्वार्थ भाव से एक पड़ोसी के नाते रायसाहब की सेवा करना चाहता है। जब उसे पता चलता है कि राय साहब का साला डॉक्टर लेने गया शराब पीकर आया है तो वह डॉक्टर बुलाने को तैयार हो जाता है। उसका विचार है कि जब तक साँस तब तक तो आस रखनी ही चाहिए। अतः डॉक्टर को अवश्य दिखाना चाहिए, किन्तु रायसाहब के सगे संबंधी तो उनके मरने का इंतज़ार कर रहे थे। यह जानकर कि रायसाहब धनी आदमी हैं, वह उनके हाथ से दान-पुण्य, पूजा-पाठ करवाने की सलाह देता है।

वह गीता पाठ के लिए किसी पंडित को भी लाने के लिए तैयार हो जाता है। किंतु सेवा करने के भाव से वह स्वयं ही गीता सुनाने को तैयार हो जाता है। वह अपने घर से गीता लाकर इसका पाठ भी करता है। इससे पूर्व वह डॉक्टर के यहाँ भी हो आता है। रायसाहब के सगे-सम्बन्धी जब छीनाझपटी और गाली-गलौच में लगे हुए थे, वह निष्काम और निःस्वार्थ भाव से गीता का पाठ करता रहता है। वह उन्हें इस प्रकार झगड़ा करने पर डाँटता भी है और खेद भी व्यक्त करता है। इस प्रकार हम देखते हैं कि लेखक ने सिद्धेश्वर के पात्र द्वारा मानवीय मूल्यों की स्थापना करने का प्रयास किया है।

(ग) सप्रसंग व्याख्या करें:

प्रश्न 8.
देखू कैश बॉक्स कैसे हथियाते हैं। खिलाएँ हम, रखें हम, प्यार करें हम, सेवा करें हम, दान-पुण्य करें हम और माल ले जाएँ ये, जो उनके कुछ भी नहीं, नौकरों की तरह जिन्हें रखा, आज वे उनके सगे बन गए।
उत्तर:
प्रसंग:
प्रस्तुत पंक्तियाँ श्री उदयशंकर भट्ट जी द्वारा लिखित एकांकी ‘वापसी’ से ली गई हैं। प्रस्तुत पंक्तियाँ अम्बिका ने रायसाहब के साले कृपानाथ से उस समय कही हैं जब रायसाहब के कैशबॉक्स के लिए छीना झपटी हो रही थी।

व्याख्या:
कृपानाथ द्वारा रायसाहब का कैशबॉक्स उठा लेने पर अम्बिका उससे कहते हैं कि देखू कैशबॉक्स कैसे हथियाते हैं। रायसाहब को खिलायें हम, रखें हम, प्यार करें हम, सेवा करें हम, दान-पुण्य करें हम और माल अर्थात् उनकी धन-सम्पत्ति ले जाएँ ये, जो उनके कुछ भी नहीं। रायसाहब ने नौकरों की तरह जिन्हें रखा आज वे उनके सगे हो गए हैं। अम्बिका ने ये बातें इसलिए कहीं, क्योंकि रायसाहब बर्मा से आकर उसी के घर में ठहरे थे।

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प्रश्न 9.
बड़े दुःख की बात है। एक प्राणी कष्ट में है और आप लोग उसकी अवस्था में दुःखी होना तो दूर, आपस में उसके पैसे के लिए लड़ रहे हो।
उत्तर:
प्रसंग:
प्रस्तुत पंक्तियाँ श्री उदयशंकर भट्ट जी द्वारा लिखित एकांकी ‘वापसी’ में से ली गई हैं। प्रस्तुत पंक्तियाँ अम्बिका के पड़ौसी सिद्धेश्वर ने गीता का पाठ करते समय रायसाहब के रिश्तेदारों से उस समय कही हैं जब वे रायसाहब के कैशबॉक्स के लिए लड़-झगड़ रहे थे।

व्याख्या:
रायसाहब के रिश्तेदारों को उनके कैशबॉक्स के लिए लड़ते-झगडते देख सिद्धेश्वर ने गीता का पाठ करते हुए रुक कर कहा कि बड़े दुःख की बात है। एक व्यक्ति कष्ट. में है अर्थात् मरने के करीब है और आप लोग ऐसी अवस्था में दुःखी होने की बजाए आपस में उनके पैसे के लिए लड़ रहे हैं।

प्रश्न 10.
मैं मरा नहीं, अभी जिन्दा हूँ। तुम्हारी परीक्षा ली थी। आज मेरी आँखें खुल गईं। मुझे मालूम हो गया, कौन कितने पानी में है। मैं तुम्हारा भाई भी नहीं। मैं वापिस बर्मा जाऊँगा।
उत्तर:
प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियाँ, श्री उदयशंकर भट्ट जी द्वारा लिखित एकांकी ‘वापसी’ में से ली गई हैं। प्रस्तुत पंक्तियाँ एकांकी के अन्त में रायसाहब ने अपने सगे-सम्बन्धियों को सम्बोधित करके कही हैं।

व्याख्या:
रायसाहब ने बीमार होने का नाटक किया था किन्तु उनके रिश्तेदार यह समझकर कि वे मरने ही वाले हैं, उनके धन के लिए लड़ने-झगड़ने लगे तो रायसाहब ने भेद खोलते हुए कहा कि मैं मरा नहीं, अभी जीवित हूँ। मैंने बीमारी का नाटक करके तुम्हारी परीक्षा ली थी। आज तुम्हारा व्यवहार देखकर मेरी आँखें खुल गईं। मुझे मालूम हो गया कि कौन कितने पानी में है अर्थात् कौन मुझ से सच्चा प्रेम करता है। मुझे तुम्हारे व्यवहार से यह मालूम पड़ गया है कि मैं तुम्हारा भाई भी नहीं। मैं वापस बर्मा जाऊँगा।

प्रश्न 11.
राय साहब वापस बर्मा क्यों चले जाते हैं ?
उत्तर:
राय साहब अपने रिश्तेदारों को उन के धन के लिए आपस में लड़ते-झगड़ते देखकर, यह निश्चय करते हैं कि उनके रिश्तेदारों को उनसे नहीं बल्कि उनके धन से प्रेम है, वापस बर्मा चले जाते हैं।

PSEB 12th Class Hindi Guide वापसी Additional Questions and Answers

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
‘वापसी’ एकांकी के लेखक कौन हैं ?
उत्तर:
उदय शंकर भट्ट।

प्रश्न 2.
श्री भट्ट जी का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर:
सन् 1897 ई० में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में।

प्रश्न 3.
श्री भट्ट किस विषय को स्कूल में पढ़ाया करते थे?
उत्तर:
संस्कृत में।

प्रश्न 4.
देश के विभाजन के बाद लेखक ने कहां कार्य किया था?
उत्तर:
दिल्ली के आकाशवाणी केंद्र में।

प्रश्न 5.
आपकी पाठ्यपुस्तक में संकलित एकांकी वापसी’ में रायसाहब का नाम क्या था?
उत्तर:
राम प्रसन्न।

प्रश्न 6.
वापसी का प्रमुख पात्र कौन है?
उत्तर:
रायसाहब की बड़ी विधवा साली सरोजनी।

प्रश्न 7.
रायसाहब ने सरोजनी को अपने पास कहाँ बुला लिया था?
उत्तर:
रंगून में।

प्रश्न 8.
सरोजनी राय साहब को क्या करने से रोकती थी?
उत्तर:
शराब पीने से।

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प्रश्न 9.
रायसाहब के सभी रिश्तेदार स्वभाव से कैसे थे?
उत्तर:
स्वार्थी।

प्रश्न 10.
सिद्धेश्वर को आप रायसाहब के लिए क्या कहेंगे?
उत्तर:
शुभचिंतक।

प्रश्न 11.
स्वदेश लौटकर रायसाहब कहाँ रहे थे?
उत्तर:
अपने रिश्तेदार अंबिका के घर।

प्रश्न 12.
अपने सगे-संबंधियों को समझने के लिए रायसाहब ने क्या किया था?
उत्तर:
उन्होंने बीमार होने का नाटक किया था।

प्रश्न 13.
राय साहब के सभी रिश्तेदार स्वभाव से कैसे थे?
उत्तर:
लालची और स्वार्थी।

प्रश्न 14.
रायसाहब कितने वर्ष तक बर्मा में रहे थे?
उत्तर:
पैंतीस वर्ष तक।

प्रश्न 15.
राय साहब ने क्या निर्णय लिया था?
उत्तर:
वे वापस बर्मा जाने का निर्णय लेते हैं।

प्रश्न 16.
‘वापसी’ नामकरण की सार्थकता दो शब्दों में कीजिए।
उत्तर:

  1. संक्षिप्त
  2. सार्थक

प्रश्न 17.
गीता का पाठ कौन कर रहा था?
उत्तर:
सिद्धेश्वर

प्रश्न 18.
‘वापसी’ एकांकी में सरोजिनी का राय साहब से क्या सम्बन्ध है ?
उत्तर:
सरोजिनी राय साहिब की विधवा साली है।

वाक्य पूरे कीजिए

प्रश्न 19.
देख कैश बॉक्स……………।
उत्तर:
कैसे हथियाते हैं।

प्रश्न 20.
मैं मरा नहीं…………
उत्तर:
अभी जिन्दा हूँ।

प्रश्न 21.
……, कौन कितने पानी में है।
उत्तर:
मुझे मालूम हो गया।

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बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

1. वापसी किस विद्या की रचना है ?
(क) एकांकी
(ख) कहानी
(ग) उपन्यास
(घ) रेखाचित्र
उत्तर:
(क) एकांकी

2. वापसी एकांकी के प्रमुख पुरुष पात्र कौन हैं ?
(क) रायकुमार
(ख) रायसाहब
(ग) रामकुमार
(घ) राजकुमार
उत्तर:
(ख) रायसाहब

3. सिद्धेश्वर किसका पाठ कर रहा था ?
(क) गीता का
(ख) रामचरितमानस का
(ग) रामायण का
(घ) श्रीराम का
उत्तर:
(क) गीता का

4. ‘वापसी’ की प्रमुख पात्रा कौन है ?
(क) सरोजनी
(ख) सुत्रंदिनी
(ग) सुरम्या
(घ) सौम्या
उत्तर:
(क) सरोजनी

कठिन शब्दों के अर्थ

भाग्य फूटना = दुर्भाग्य। चूस डाला = निचोड़ दिया, कमजोर कर दिया। मिन्नत = खुशामद । लत = बुरी आदत। कुलच्छने = बुरे लक्षणों वाला। बेसुध = बेहोश विवश = मजबूर। भय = डर। आँख खुलना = सचेत होना।

वापसी Summary

वापसी जीवन परिचय

उदयशंकर भट्ट का संक्षिप्त जीवन परिचय दीजिए।

उदयशंकर भट्ट जी का जन्म सन् 1897 ई० में उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर में हुआ। शिक्षा-प्राप्ति के पश्चात् आपने लायलपुर (पाकिस्तान) के एक स्कूल में संस्कृत अध्यापक के रूप में नौकरी शुरू की। वहाँ से आप सनातन धर्म संस्कृत कॉलेज, लाहौर में पढ़ाते रहे। यहीं पर इन्होंने साहित्य साधना आरम्भ की। विभाजन के बाद इन्होंने दिल्ली के आकाशवाणी केंद्र में कार्य किया। इनके अभिनव एकांकी, स्त्री का हृदय, आदिम युग, समस्या का अन्त, अन्धकार और प्रकाश तथा पर्दे के पीछे एकांकी संग्रह विशेष उल्लेखनीय हैं। इन्होंने अनेक रेडियो एकांकी भी लिखे हैं। सन् 1964 ई० में इनका निधन हो गया था।

वापसी एकांकी का सार

वापसी एकांकी का सार लिखो।

रायसाहब राम प्रसन्न पैंतीस वर्ष तक रंगून में काम करने के बाद स्वदेश लौटे हैं। बर्मा में उन्होंने काफ़ी धन कमाया था जिसे लेकर वे स्वदेश लौटे थे। घर उनका कोई नहीं था अतः वे एक सम्बन्धी के यहाँ ठहरें। दिन-रात शराब में मस्त रहने के कारण उनका स्वास्थ्य गिर गया। एकांकी का जब पर्दा उठता है तो रायसाहब पलंग पर लेटे हैं। उसी कमरे में उनका कैशबक्स भी पड़ा है। रायसाहब की बेटी अपनी मासी से उनके इस तरह लेटे होने का कारण जानना चाहती है तो मासी सरोजिनी इसे अपना मन्दभाग्य बताती है कि वह रायसाहब को शराब पीने से न रोक सकी। सरोजिनी सन्दूक की चाबियों के गुच्छे की तलाश करती है। तभी उनका पड़ौसी सिद्धेश्वर आकर रायसाहब को किसी डॉक्टर को दिखाने की बात कहता है और उन्हें मृत्यु के करीब जानकर कोई दान-पुण्य की बात कहता है।

सरोजिनी किसी पण्डित से उन्हें गीता सुनाने की बात कहती है। सिद्धेश्वर उन्हें ज़मीन पर उतार देने की बात कहता है। तभी रायसाहब के सम्बन्धी अम्बिका, उनके भाई दीनानाथ तथा दीनानाथ का साला वंशीधर आते हैं। वे सब रायसाहब की मृत्यु निकट देख उनके कैशबक्स की चाबियों के लिए आपस में छीना-झपटी करते हैं, गाली-गलौच करते हैं और सौदेबाज़ी पर उतर आते हैं। अन्त में पता चलता है कि रायसाहब नाटक कर रहे थे। वे उठ बैठते हैं और अपने सगे सम्बन्धियों के व्यवहार से निराश होकर बर्मा वापस जाने का निर्णय करते हैं।

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