PSEB 12th Class History Notes Chapter 11 बंदा सिंह बहादुर

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PSEB 12th Class History Notes Chapter 11 बंदा सिंह बहादुर

→ प्रारंभिक जीवन (Early Career)-बंदा सिंह बहादुर का जन्म 27 अक्तूबर, 1670 ई० को हुआ था-बंदा सिंह बहादुर के बचपन का नाम लक्ष्मण देव था-वह बहुत ही निर्धन परिवार से संबंधित था-शिकार के दौरान गर्भवती हिरणी की हत्या से प्रभावित होकर उसने संसार त्यागने का निश्चय कर लिया-

→ वह बैरागी बन गया और उसने अपना नाम माधो दास रख लिया-उसने तांत्रिक औघड़ नाथ से तंत्र विद्या की शिक्षा ली और नंदेड में बस गया-नंदेड में ही 1708 ई० में माधोदास की गुरु गोबिंद सिंह जी से भेंट हुई-गुरु जी ने उसे अमृत छकाकर सिख बना दिया और उसका नाम बंदा सिंह बहादुर रख दिया।

→ बंदा सिंह बहादुर के सैनिक कारनामे (Military Exploits of Banda Singh Bahadur)-सिख बनने के पश्चात् बंदा सिंह बहादुर गुरु जी पर हुए मुग़ल अत्याचारों का प्रतिशोध लेने के लिए पंजाब की ओर चल दिया-

→ गुरु जी के हुक्मनामों के फलस्वरूप हजारों की संख्या में सिख उसके ध्वज तले एकत्रित हो गए-बंदा सिंह बहादुर ने 1709 ई० में सर्वप्रथम सोनीपत पर विजय प्राप्त कीबंदा सिंह बहादुर की दूसरी विजय समाना पर थी-

→ समाना के पश्चात् बंदा सिंह बहादुर ने घुड़ाम, मुस्तफाबाद, कपूरी, सढौरा तथा रोपड़ पर विजय प्राप्त की-बंदा सिंह बहादुर की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण विजय सरहिंद की थी-बंदा सिंह बहादुर ने 12 मई, 1710 ई० को सरहिंद के फ़ौजदार वज़ीर खाँ को पराजित किया था-

→ बंदा सिंह बहादुर ने लोहगढ़ को अपनी राजधानी बनाया-मुग़ल बादशाह फर्रुखसियर के आदेश पर लाहौर के सूबेदार अब्दुस समद खाँ ने बंदा सिंह बहादुर को गुरदास नंगल में अचानक घेरे में ले लिया-

→ घेरा लंबा होने के कारण बंदा सिंह बहादुर को हथियार डालने पड़े-9 जून, 1716 ई० को उसे बड़ी निर्दयता से दिल्ली में शहीद कर दिया गया।

→ बंदा सिंह बहादुर की आरंभिक सफलता के कारण (Causes of Banda Singh Bahadur’s Early Success)-मुग़लों के घोर अत्याचारों के कारण सिखों में मुग़लों के प्रति जबरदस्त रोष था गुरु गोबिंद सिंह जी के हुक्मनामों के फलस्वरूप सिखों ने बंदा सिंह बहादुर को पूरा सहयोग दिया-

→ औरंगजेब के उत्तराधिकारी अयोग्य थे-बंदा सिंह बहादुर के आरंभिक आक्रमण छोटे-छोटे मुग़ल अधिकारियों के विरुद्ध थे-बंदा सिंह बहादुर एक निडर और योग्य सेनापति था-सिख बहुत धार्मिक जोश से लड़ते थे।

→ बंदा सिंह बहादुर की अंतिम असफलता के कारण (Causes of Banda Singh Bahadur’s Ultimate failure)-मुग़ल साम्राज्य बहुत शक्तिशाली तथा असीमित साधनों से युक्त था-

→ सिखों में संगठन और अनुशासन का अभाव था-बंदा सिंह बहादुर ने गुरु जी के आदेशों का उल्लंघन करना आरंभ कर दिया था-बंदा सिंह बहादुर ने सिख मत में परिवर्तन लाने का प्रयास किया था-

→ हिंदू शासकों तथा ज़मींदारों ने बंदा सिंह बहादुर का विरोध किया था-गुरदास नंगल में बंदा सिंह बहादुर पर अचानक आक्रमण हुआ था-बाबा बिनोद के साथ हुए मतभेद के कारण बंदा सिंह बहादुर को हथियार डालने पड़े थे।

→ बंदा सिंह बहादुर के चरित्र का मूल्याँकन (Estimate of Banda Singh Bahadur’s Character)-बंदा सिंह बहादुर बहुत ही वीर और साहसी था- उसका आचरण बहुत उज्ज्वल था-बंदा सिंह बहादुर एक महान् योद्धा और उच्चकोटि का सेनापति था-

→ उसने अपने विजित क्षेत्रों की अच्छी प्रशासन व्यवस्था की-बंदा सिंह बहादुर एक महान् संगठनकर्ता था-बंदा सिंह बहादुर को पंजाब के इतिहास में विशेष स्थान प्राप्त है।

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