Punjab State Board PSEB 5th Class Hindi Book Solutions Chapter 13 काम ही पूजा (कविता) Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 5 Hindi Chapter 13 काम ही पूजा (कविता) (2nd Language)
काम ही पूजा (कविता) अभ्यास
नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ो और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करो :
- ਲਲਾਰੀ = ललारी
- ਪਗੜੀ = पगड़ी
- ਧੋਬੀ = धोबी
- ਗਵਾਲਾ = ग्वाला
- ਕਿਸਾਨ = किसान
- ਨਾਈ = नाई
- ਮਾਲੀ = माली
नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ो और हिंदी शब्दों को लिखो :
- ਕੰਮ = काम
- ਇਜੱਤ = सम्मान
- ਘੁਮਿਆਰ = कुम्हार
- ਵੱਟ = सिलवट
- ਚੁੰਨੀ = चुनरी
- ਪੈਸ = इस्त्री
पढ़ो, समझो और लिखो
(क) स् + त्+ र = स्र = इस्री
श् + ऋ = शृ = शृंगार
ग् + व = ग्व = ग्वाला
म् + ह = म्ह = कुम्हार
(ख) म् + म = म्म = सम्मान
(ग) ध + र् + म = धर्म
च + र् + म = चर्म
काम ही पूजा (कविता) शब्दार्थ Meanings
- सम्मान = इज्जत
- कुम्हार = मिट्टी के बर्तन बनाने वाला
- चर्मकार= चमड़े का काम करने वाला
- ललारी = रंगाई का काम करने वाला
- मेहतर = सफ़ाई करने वाला
- ग्वाला = घर में आकर दूध देने वाला व्यक्ति
बताओ
प्रश्न 1.
कुम्हार क्या काम करता है?
उत्तर :
कुम्हार मिट्टी के बर्तन बनाता है।
प्रश्न 2.
चर्मकार क्या काम करता है?
उत्तर :
चर्मकार, चमड़े का काम करता है।
प्रश्न 3.
रंगाई का काम करने वाले को क्या कहते हैं?
उत्तर :
रंगाई का काम करने वाले को ललारी कहते हैं।
प्रश्न 4.
धोबी क्या काम करता है?
उत्तर :
धोबी कपड़े धोता है और उन्हें इस्त्री करता है।
प्रश्न 5.
अपने आस-पास के उन सभी लोगों के नाम लिखो जो अपने हाथ से काम करते हों।
उत्तर :
ग्वाला, धोबी, ललारी, माली, फेरीवाला आदि।
वाक्य बनाओ
- कुम्हार,
- चर्मकार,
- ललारी,
- माली,
- मेहतर,
- ग्वाला
उत्तर :
- कुम्हार-कुम्हार बर्तन बना रहा है।
- चर्मकार-चर्मकार चमड़ा रंग रहा है।
- ललारी-ललारी कपड़ों को रंग रहा है।
- माली-माली पौधे लगा रहा है।
- मेहतर-मेहतर सफाई कर रहा था।
- ग्वाला-ग्वाला दूध दोह रहा है।
तुक मिलाओ
- गान = …………………………………
- माली = …………………………………
- बनाता = …………………………………
- शृंगार = …………………………………
उत्तर :
- गान = सम्मान।
- माली = लाली।
- बनाता = सजाता।
- श्रृंगार = आधार।
समझो
- घड़ा = घड़े
- कपड़ा = …………………………………
- जूता = …………………………………
- गमला = …………………………………
उत्तर :
- घड़ा = घड़े।
- कपड़ा = कपड़े।
- जूता = जूते।
- गमला = गमले।
इन से नये शब्द बनायें
स्र, र, ‘,’ (‘ऋ’ की मात्रा)
उत्तर :
स्त्र = स्त्री।
र् = मार्ग।
ऋ = मृग।
रचनात्मक अभिव्यक्ति
नीचे दिए गए चित्रों का ध्यान से देखो। प्रत्येक पर तीन चार वाक्य लिखें।
बच्चे घर के फालतू सामान से कोई फोटो फ्रेम, पेन/पेंसिल स्टेंड आदि बनायें अथवा कोई तसवीर बनाकर उसमें रंग भरें।
नीचे दिए गए शब्दों की सहायता से वाक्य पूरे करो –
कपड़ा, जूते, लकड़ी, लोहे, रंग
- लुहार ………………………………… का काम करता है।
- चर्मकार ………………………………… बनाता है।
- पेंटर खिड़की और दरवाज़ों पर ………………………………… करता है।
- जुलाहा ………………………………… बुनता है
- बढ़ई ………………………………… का काम करता है।
उत्तर :
- लुहार लोहे का काम करता है।
- हलवाई मिठाई बनाता है।
- पेंटर खिड़की और दरवाजों पर रंग करता है।
- जुलाहा कपड़ा बुनता है।
- बढ़ई लकड़ी का काम करता है।
काम ही पूजा (कविता) बहुवैकल्पिक प्रश्न
प्रश्न 1.
पंजाबी शब्द ‘ललाठी’ का हिन्दी अर्थ है। लाती/लालिमा/ललारी/ललाही
उत्तर :
ललारी
प्रश्न 2.
पंजाबी शब्द ‘ठाडाला’ का हिन्दी अर्थ है: गवला/ग्वाला/गाला/पाला
उत्तर :
ग्वाला
प्रश्न 3.
कुम्हार क्या बनाता है?
(i) बर्तन
(ii) सर्तन
(iii) कुर्बान
(iv) तुरतन।
उत्तर :
(i) बर्तन
प्रश्न 4.
हम इन्हें क्या कहते हैं। सही पर गोला लगाओ?
कपड़ों को रंग करने वाला- धोबी/ललारी
उत्तर :
ललारी।
काम ही पूजा (कविता) Summary in Hindi
1. काम ही पूजा, काम धर्म है
इस मंत्र का, गान करें।
काम कोई भी, नहीं है छोटा
काम का हम सम्मान करें।
शब्दार्थ :
- गान करें = गाएँ।
- सम्मान = इज्ज़त, आदर।
सरलार्थ :
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित कविता ‘काम ही पूजा’ से ली गई हैं। इसमें कवि काम को पूजा के समान समझाते हुए, काम करने पर बल देते हुए कहता है कि काम करना ही हमारी पूजा होनी चाहिए, काम करना ही हमारा धर्म होना चाहिए। हमें इसी मंत्र को “ना चाहिए। काम कोई भी हो, वह छोटा नहीं होता। इसलिए हमें काम की इज्जत करनी चाहिए।
2. यह कुम्हार है-घड़े बनाता।
गमले बर्तन-खूब सजाता।
चर्मकार-जूते चमकाए।
टूटे गाँठ दे नए बनाए।
शब्दार्थ :
- कुम्हार = मिट्टी के बर्तन बनाने वाला।
- चर्मकार = चमड़े का काम करने वाला।
- गाँठ कर = मुरम्मत करके।
सरलार्थ :
काम को पूजा समझना चाहिए इस तथ्य पर बल देते हुए कवि कहता है कि यह कुम्हार है, जो घड़े बनाता है। वह गमले और बर्तन बनाकर उन्हें खूब सजाता है। यह चमड़े का काम करने वाला चर्मकार है। जो जूते बनाकर उन्हें चमकाता है और पुराने टूटे हुए जूतों को गाँठ कर नए बना देता है।।
3. यह ललारी खुशियाँ बिखराता,
चुनरी पगड़ी पे रंग चढ़ाता।
रंगों से जब रंग मिल जाते,
जीवन को रंगीन बनाते।
शब्दार्थ :
- ललारी = कपडे रंगने वाला।
- रंगीन = खुशियों से भरा, रंगदार।
सरलार्थ :
कवि कहता है कि यह कपड़े रंगने वाला ललारी है जो कपड़ों को रंगकर हमारे जीवन में खुशियाँ भर देता है। वह चुनरी हो या पगड़ी, उस पर रंग चढ़ाता है। जब रंगों से रंग मिल जाते हैं तो। वे हमारे जीवन को रंगों से भर देते हैं। हमारे जीवन को खशियों से भरा बना देते हैं।
4. धोकर कपड़े इस्त्री है करता,
कपड़ों की सिलवट को हरता।
धुले-प्रैस कपड़े हम पाएँ,
धोबी को तब भूल न जाएं।
शब्दार्थ :
- इस्त्री = प्रैस-कपड़ों की सिलवटें निकालने की क्रिया।
- सिलवट = बल।
- हरता = दूर करता।
सरलार्थ : कवि कहता है कि धोबी कपड़ों को धोकर उन पर इस्त्री करता है और इस तरह वह कपड़ों की सिलवटें दूर करता है। जब भी हम धुले हुए और इस्त्री किए हुए कपड़ों को प्राप्त करें हम धोबी को न भूल जाएँ।
5. हो किसान नाई या माली,
देते हैं जीवन को लाली।
मेहतर हो या फेरी वाला,
कोई नहीं कम चाहे ग्वाला॥
शब्दार्थ :
- लाली = खुशियाँ।
- ग्वाला = दूध बेचने वाला।
सरलार्थ :
कवि कहता है कि चाहे किसान हो, नाई हो या माली हो। ये सभी अपना-अपना काम करके हमारे जीवन को खुशियों से भर देते हैं। चाहे कोई मेहतर हो या कोई फेरी वाला हो या फिर ग्वाला हो, कोई भी कम नहीं है। सबका अपनाअपना महत्त्व है।
6. प्यारे बच्चो इतना जानो।
मन से करो जो भी ठानो।
काम ही जीवन का श्रृंगार।
काम ही है सुख का आधार॥
शब्दार्थ :
- मन से करना = जी लगाकर करना।
- ठानो = निश्चय करो।
- श्रृंगार = सजावट।
सरलार्थ :
कवि कहता है कि प्यारे बच्चो इतना समझ लो कि जिस काम को करने का तुम निश्चय कर लेते हो उसे जी लगा कर करो क्योंकि काम ही जीवन की सजावट है और काम ही सुख का आधार है।