Punjab State Board PSEB 5th Class Hindi Book Solutions Chapter 21 कौन? (कविता) Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 5 Hindi Chapter 21 कौन? (कविता) (2nd Language)
कौन? (कविता) अभ्यास
नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ो और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करो :
- ਸੋਨੇ = सोने
- ਰਾਤ = रात
- ਦਿਸ਼ਾ = दिशा
- ਸੂਰਜ = सूरज
- ਦਨ = दिन
- ਪਿਆਸ = प्यास
- ਨਦੀਆਂ = नदियाँ
- ਝਰਨਾ = झरना
नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिन्दी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ो और हिंदी शब्दों को लिखो :
- ਚੰਨ = चाँद
- ਸਾਫ = निर्मल
- ਅਕਾਸ਼ = नभ
- ਬੱਦਲ = बादल
- ਸਤਰੰਗੀ ਪੀਂਘ = इन्द्रधनुष
- ਸਵਾਲ = प्रश्न
पढ़ो, समझो और लिखो
(क) प् + य = प्य = प्यास
स् + क = स्क = मुस्काता
श् + न = श्न = प्रश्न
र् + व = 4 = पर्वत
कौन? (कविता) शब्दार्थ
- दिशा – ओर, तरफ, चार मुख्य दिशाएँ पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण
- नभ = आकाश
- निर्मल = मल रहित, साफ़
- इन्द्रधनुष = बारिश के बाद आकाश में दिखाई देने वाला सात रंगों का आधा गोला
- जग = संसार
वाक्य पूरे करो
- चाँद और सूरज हमें ……………………………….. देते हैं। – इन्द्रधनुष
- नदियाँ हमें ……………………………….. देती हैं। – बारिश
- पेड़ हमें ……………………………….. देते हैं। – रोशनी
- बादल हमें ……………………………….. देते हैं। – पानी
- बारिश के बाद आकाश में ……………………………….. दिखाई देता है। – हरियाली
उत्तर :
- रोशनी
- पानी
- हरियाली
- बारिश
- इन्द्रधनुष
बताओ
प्रश्न 1.
चाँद और सूरज से हमें क्या मिलता है?
उत्तर :
चाँद और सूरज से हमें रोशनी मिलती है।
प्रश्न 2.
नदियाँ हमारी किस ज़रूरत को पूरा करती हैं?
उत्तर :
नदियाँ हमारी पानी की ज़रूरत को पूरा करती हैं।
प्रश्न 3.
पेड़ों से हमें क्या-क्या प्राप्त होता है?
उत्तर :
पेड़ों से हमें फल तथा लकड़ी प्राप्त होती है।
प्रश्न 4.
फूल हमें क्या सिखाते हैं?
उत्तर :
फूल हमें हँसना-मुस्काना सिखाते हैं।
प्रश्न 5.
इन्द्रधनुष कब दिखाई देता है?
उत्तर :
इन्द्रधनुष, वर्षा के बाद दिखाई देता है।
पढ़ो और समझो
(क) पर्वत = पहाड़
चाँद = चंद्रमा
पेड़ = वृक्ष
नभ = आकाश
दिन = दिवस
जग = संसार
सूरज = सूर्य
फूल = पुष्प
बादल = मेघ
रात = रात्रि
(ख) झरना = झरने
मुस्काता = ……………………………………..
फैलाता = ……………………………………..
बहाता = ……………………………………..
उत्तर :
उपरोक्त रेखांकित शब्दों के समानार्थक शब्द सामने लिखे गए हैं। समानार्थक शब्द पर्यायवाची शब्द भी कहलाते हैं। विद्यार्थी इन्हें भली प्रकार समझें।
रचनात्मक कौशल
बच्चे नीचे दिए गए बॉक्स में इन्द्रधनुष बनायें और उसमें अपने अध्यापक से पूछकर रंग भरें।
कौन? (कविता) बहुवैकल्पिक प्रश्न
प्रश्न 1.
पंजाबी शब्द ‘हसीना’ का हिन्दी अर्थ है- नदि/नदी/नदियाँ/नदीयां
उत्तर :
नदियाँ
प्रश्न 2.
पंजाबी शब्द ‘महाल’ का हिन्दी अर्थ है- प्रश्न/सवाल/उत्तर/प्रीसन
उत्तर :
प्रश्न
प्रश्न 3.
‘मुस्काता’-मुस्काते है तो ‘झरना’ है-
(i) झरने
(ii) डरने
(iii) भरने
(iv) परने।
उत्तर :
(i) झरने
प्रश्न 4.
पेड़ हमें क्या देते हैं ?
(i) फल
(ii) लकडी
(iii) फल और लकडी
(iv) तेल
उत्तर :
(iii) फल और लकडी
प्रश्न 5.
चाँद और सूरज से हमें मिलता है-
(i) रोशनी
(ii) भोजन
(iii) आक्सीजन
(iv) खाना।
उत्तर :
(i) रोशनी।।
कौन? (कविता) Summary in Hindi
1. अगर न होता चाँद, रात में,
हमको दिशा दिखाता कौन ?
अगर न होता, सूरज दिन को,
सोने-सा चमकाता कौन ?
शब्दार्थ-
- अगर = यदि।
- दिशा = मार्ग, रास्ता।।
- सोने-सा = सुनहरा।
सरलार्थ :
प्रस्तुत पंक्तियों में कवि सृष्टि की अनुपम सुन्दरता का वर्णन करते हुए कहता है कि यदि रात के समय यह चाँद अपनी चाँदनी न बिखराता तो अन्धेरे में हमें मार्ग कौन दिखाता और यदि यह सूरज न होता तो उसके सुनहरी प्रकाश से दिन को सोने जैसा चमकदार कौन बनाता।
2. अगर न होती निर्मल नदियाँ
जग की प्यास बुझाता कौन ?
अगर न होते पर्वत, मीठे
झरने भला बहाता कौन ?
शब्दार्थ-
- निर्मल = साफ, स्वच्छ, पवित्र।
- जग = संसार।
- बुझाता = शान्त करता, तृप्त करता।
- पर्वत = पहाड़।
सरलार्थ :
प्रस्तुत पंक्तियों में कवि प्रकृति की सुन्दरता को चित्रित करते हुए कहता है कि यदि इस संसार में पवित्र नदियाँ न होती तो बताओ इस संसार के लोगों की प्यास को कौन बुझाता और अगर ये पर्वत, पहाड़ न होते तो भला इन पवित्र झरनों को कौन बहाता। ये पर्वत यदि न होते तो झरने कहाँ से बहते।
3. अगर न होते पेड़, भला फिर
हरियाली फैलाता कौन ?
अगर न होते फूल, बताओ
खिल विलाकर मुस्काता कौन ?
सरलार्थ :
प्रस्तुत पंक्तियों में कवि प्रकृति-सौन्दर्य की प्रशंसा करते हुए कहता है कि यदि इस संसार में पेड़-पौधे न होते तो फिर इस जगत में हरियाली कौन फैलाता और यदि इस संसार में रंग-बिरंगे फूल न खिलते तो बताओ भला खिल-खिलाकर कौन मुस्कराता। अभिप्राय यह है कि फूलों से ही मनुष्य ने हँसना सीखा है। फूलों को देखकर मनुष्य का मन भी आनन्दित हो उठता है।
4. अगर न होते बादल, नभ में,
इन्द्रधनुष रच पाता कौन ?
अगर न होते हम तो बोलो
ये सब प्रश्न उठाता कौन ?
सरलार्थ :
प्रस्तुत पंक्तियों में कवि प्रकृति की सुन्दरता की प्रशंसा करते हुए कहता है कि यदि इस आकाश में बादल नहीं होते तो फिर इन्द्रधनुष को कौन रचता और अगर इस संसार में हम ही न होते तो भला इन प्रश्नों को कौन उठाता ? अभिप्रायः मनुष्य का मन ही मनन करता है तभी तो ईश्वर के द्वारा फैलाए गए प्रकृति-सौन्दर्य को देख और अनुभव कर सकता है।