Punjab State Board PSEB 5th Class Hindi Book Solutions Chapter 9 गलती छिपाने की सजा Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 5 Hindi Chapter 9 गलती छिपाने की सजा
Hindi Guide for Class 5 PSEB गलती छिपाने की सजा Textbook Questions and Answers
I. बताओ
प्रश्न 1.
अपनी ग़लती स्वीकार कर लेने में क्या समझदारी है ?
उत्तर:
अपनी ग़लती स्वीकार कर लेने में समझदारी है क्योंकि इससे सबका विश्वास बना रहता है।
प्रश्न 2.
कुश के पापा से बचपन में ग़लती से क्या टूट गया था ?
उत्तर:
बचपन में कुश के पापा से इटली से मँगवाई गई काँच की ट्रे टूट गई थी।
प्रश्न 3.
उन्होंने अपनी ग़लती छिपाने की क्या कोशिश की थी ?
उत्तर:
उन्होंने अपनी ग़लती छिपाने के लिए ट्रे के टुकड़े उठाकर कूड़ेदान में फेंक दिए और घर में किसी को बताया नहीं।
प्रश्न 4.
कुश की बुआ उसके पापा को बचपन में क्यों ब्लैकमेल करती थी ?
उत्तर:
कुश के पापा ने बचपन में ट्रे के टूटने की ख़बर किसी को नहीं दी थी लेकिन उसकी बहन ने उसे ऐसा करते हुए देख लिया था। वह इसी बात का फ़ायदा उठा कर उसे ब्लैकमेल करती थी।
प्रश्न 5.
कश के पापा ने अपनी बहन की ब्लैकमेलिंग से कैसे छुटकारा पाया ?
उत्तर:
अपनी बहन की ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर कुश के पापा ने अपने दादा जी को ट्रे वाली सारी बात बता दी और अपनी बहन की ब्लैकमेलिंग से छुटकारा पाया।
प्रश्न 6.
कुश के पापा अपने बचपन की बात के द्वारा कुश को क्या सिखाना चाहते थे ?
उत्तर:
कुश के पापा अपने बचपन की बात के द्वारा कुश को सिखाना चाहते थे कि जीवन में ग़लती सबसे हो ही जाती है, लेकिन उस ग़लती को छिपाना नहीं चाहिए बल्कि सबको विश्वास में लेकर अपनी ग़लती मान लेनी चाहिए। इससे सबका विश्वास बना रहता है और कोई भी उस ग़लती की आड़ में उसे ब्लैकमेल नहीं कर पाता।
प्रश्न 7.
कुश ने अपने पापा से अपनी कौन-सी ग़लती स्वीकार की और क्यों ?
उत्तर:
कुश ने फ्रिज़ में से आईसक्रीम चोरी से निकाल कर खाने की ग़लती अपने पापा के सामने स्वीकार की।
II. निम्नलिखित मुहावरों के वाक्य बनायें
मुहावरा | अर्थ | वाक्य |
(i) राहत की साँस लेना | चैन मिलना | चोरी का सारा सामान ठिकाने लगा कर चोरों ने राहत की साँस ली। |
(ii) आँखें तरेरना | क्रोध से देखना | सेठ ने गुस्से में आँखें तरेर कर नौकर को देखा तो नौकर सकपका गया। |
(iii) खून का चूंट पीकर रह जाना | अत्यधिक क्रोध का आवेश सह लेना | मैं बेबसी में खून का चूंट पीकर रह गया। |
(iv) आनाकानी करना | किसी काम को करने से हिचकिचाना | मैंने रमेश से अपनी पुस्तक माँगी तो वह देने में आनाकानी करने लगा। |
(v) दब्बू बनना | डरपोक बनना | पिता जी के अत्यधिक आक्रोश के चलते मोहन दब्बू बन कर रह गया। |
(vi) तंग आना | परेशान होना | मैं तुम्हारी हरकतों से तंग आ गया हूँ। |
(vii) पानी सिर के ऊपर से निकल जाना | किसी बात की हद हो जाना | पानी सिर के ऊपर से निकलता देख मंटू ने सारी बात अपने पिता को सच-सच बता दी। |
(viii) हाथ बंटाना | सहायता करना | हमें अपने माता-पिता के कामों में हाथ बँटाना चाहिए। |
(ix) उधेड़बुन में बैठे रहना | चिन्ता में रहना, फिक्र करना | दिन रात मैं इसी उधेड़बुन में लगा रहा कि यह कार्य कैसे पूरा कर सकूँगा। |
(x) आसमान से धरती पर आ गिरना | कल्पना लोक से निकल कर यथार्थ में आना | कल्पना की दुनिया में विचरने वाली सुनीता का सच्चाई से जब सामना हुआ तो मानों वह आसमान से धरती पर आ गिरी। |
(xi) दादागिरी सहन करना | किसी का जुल्म सहना | “मोहन ! मैं तुम्हारी दादागिरी अब और सहन नहीं करूँगा।” |
(xii) सिर झुकाकर खड़ा हो जाना | शर्म से गर्दन झुकाकर खड़े हो जाना | चोरी पकड़े जाने पर नौकर सेठ के सामने सिर झुकाकर खड़ा हो गया। |
III. इस पाठ में अंग्रेजी और फ़ारसी के शब्दों का प्रयोग भी हुआ है। कम-से-कम पाँच ऐसे शब्दों को चुनकर लिखें
अंग्रेजी के शब्द – फ़ारसी के शब्द
स्कूल – ग़लतफहमी
ब्लैकमेलिंग – ग़लती
ट्रे शॉट – हादसा। खुद
गैलरी – आईसक्रीम
रोज़मर्रा – जुल्म।
IV. (क) लिंग बदलो-
पापा – …………
दादा – ………….
सहेली – ……………
बहन – …………
तुम्हारा ….तुम्हारी…
अपना – …………….
बुआ – ……………
उत्तर:
पापा = माँ।
दादा = दादी।
सहेली = सखा।
बहन = बहनोई।
तुम्हारा = तुम्हारी।
अपना = अपनी।
बुआ = फूफा।.
(ख) वचन बदलो
तुम्हारा – तुम्हारे
अपना – ……………
यह . ………….
वह . ………….
उत्तर:
एकवचन = बहुवचन
तुम्हारा = तुम्हारे
अपना = अपने।
यह = ये।
वह = वे।
V. निम्नलिखित प्रत्येक समूह में से सबसे जो अलग हो उस पर गोला लगायें।
1. बाल, बल्ला, शाट, खुश
2. दादा, बहन, बुआ, दादागिरी
3. रोज़मर्रा, कभी-कभी, दिनभर, विश्वास
4. गुस्सा, प्रेम, मुस्कान, स्कूल
5. हाथ, कान, आँख, आईसक्रीम।
उत्तर:
1. खुश
2. दादागिरी
3. विश्वास
4. स्कूल
5. आईसक्रीम
VI. अन्तर समझो और वाक्य बनाओ
1. मुद्रा : मुख, हाथ, गर्दन आदि
विशेष भाव सूचक स्थिति
………………..
मुद्रा : रुपया/सिक्का
उत्तर:
मुद्रा – उसकी मुख मुद्रा पर चिन्ता की रेखाएँ स्पष्ट थीं।
मुद्रा – अमेरिका की मुद्रा डालर है।
2. वहन : भार ढोना, निर्वाह करना
…………………..
बहन : माँ-बाप की बेटी
उत्तर:
वहन-मैं अब आपका भार वहन नहीं कर सकता।
बहन-मेरी बड़ी बहन मेरा बहुत ध्यान रखती है।
3. साँस : श्वास, दम
………………….
सास : पत्नी या पति की माता
उत्तर:
साँस-जब तक साँस तब तक आस।
सास-मेरी सास बहुत बुद्धिमान स्त्री है।।
4. बाल : केश, बालक
………………..
बॉल : गेंद
उत्तर:
बाल-मैंने बाल कटवा लिए हैं।
बॉल-मुझे क्रिकेट की बॉल चाहिए।
प्रयोगात्मक व्याकरण
I. पढ़ो, समझो और लिखो
1. वर्तमान काल : हमारी माँ नहीं है इसलिए यह ज़िम्मेदारी ऊषा बहन को वहन करनी पड़ती है।
भूतकाल : हमारी माँ नहीं थी इसलिए यह जिम्मेवारी ऊषा बहन को वहन करनी पड़ती थी।
भविष्यकाल : हमारी माँ नहीं होगी इसलिए यह जिम्मेवारी ऊषा बहन को वहन करनी पड़ेगी।
2. वर्तमान काल : ……………..
भूतकाल : मुझे दादा जी ने नसीहत दी।
भविष्यकाल : ………………
उत्तर:
वर्तमान काल : मुझे दादा जी नसीहत देते हैं।
भूतकाल : मुझे दादा जी ने नसीहत दी।
विष्यकाल : मुझे दादा जी नसीहत देंगे।
3. वर्तमान काल : ………………
भूतकाल : …………….
भविष्यकाल : मैं स्कूल में पढुंगा।
उत्तर:
वर्तमान काल : मैं स्कूल में पढ़ता हूँ।
भूतकाल : मैं स्कूल में पढ़ता था।
भविष्यकाल : मैं स्कूल में पढुंगा।
II. क्या आप ने कभी अपनी ग़लती के लिए क्षमा माँगी है ? चार-पाँच वाक्यों में लिखें।
मनुष्य से जीवन में गल्तियाँ हो ही जाती हैं। मैंने भी जीवन में एक छोटी-सी ग़लती की थी। मैंने अपने दोस्तों के कहने पर पापा की जेब से बीस रुपए चुरा लिए थे और दोस्तों के साथ कैंटीन में खूब खाया-पिया। लेकिन अन्दर ही अन्दर मन के भीतर से यह आवाज़ बार-बार आ रही थी कि मन्न तूने यह अच्छा नहीं किया। मुझसे रहा न गया मैंने रात को पिता जी से अपनी ग़लती मानते हुए सारी बात सच-सच बता दी। पिता जी सुनने के बाद कुछ पल शाँत रहे फिर मुझे गले से लगाकर समझाया कि इस तरह किसी के बहकावे में नहीं आया करते वरना तुम्हारा जीवन नष्ट हो जाएगा। उस दिन के बाद से मैं कभी किसी के बहकावे में नहीं आता।
बहुवैकल्पिक प्रश्न
पूछे गए प्रश्नों के सही विकल्प पर (✓) निशान लगाएं.
प्रश्न 1.
कुश के पापा से बचपन में क्या टूट गई थी ?
(क) इटली की कांच की ट्रे
(ख) इटली की मीनार
(ग) इटली का जग
(घ) इटली का खिलौना।
उत्तर:
(क) इटली की कांच की ट्रे
प्रश्न 2.
कुश के पापा को कौन ब्लैकमेल करती थी ?
(क) कुश की मां
(ख) कुश की बुआ
(ग) कुश की दादी
(घ) कुश की चाची।
उत्तर:
(ख) कुश की बुआ
प्रश्न 3.
कुश के पापा ने अपनी बहन की ब्लैकमेलिंग को रोकने के लिए किसे सारी बात बताई ?
(क) दादा जी को
(ख) पापा जी को
(ग) माँ को
(घ) मामा जी को।
उत्तर:
(क) दादा जी को
गलती छिपाने की सजा Summary
गलती छिपाने की सजा पाठ का सार
पिता जी ने अपने बेटे को समझाते हुए कहा कि देखो बेटा गलतियाँ तो सबसे होती हैं, लेकिन अपनी ग़लती को मान लेना सबसे बड़ी समझदारी है और इसे छिपाने की चेष्टा कई बार बड़ी महँगी पड़ सकती है। कुश ने हैरान होकर पूछा, “बड़ी महँगी कैसे ? पापा।”
पिता ने उसे समझाते हुए कहा कि एक बार जब मैं स्कूल में पढ़ता था तो क्रिकेट खेलने का बहुत शौक था। एक दिन इसी से मेरे द्वारा काँच की वह ट्रे टूट गई जिसे मेरे दादा जी ने इटली से मँगवाया था। मैं घबरा गया और चुपचाप ट्रे के टुकड़े उठाकर कूड़ेदान में फेंक आया और संतोष किया कि किसी ने मुझे देखा नहीं, नहीं तो मुसीबत हो जाती। लेकिन मेरी छोटी बहन ऊषा ने मुझे ऐसा करते हुए देख लिया था लेकिन उसने भी किसी से कुछ नहीं कहा।। लेकिन अब जब भी दादा जी उसे किसी भी काम जैसे बर्तन धोने, झाड़ पोंछा लगाने के लिए कहते तो वह झट से मेरा नाम ले लेती और यदि मैं मना करता तो मुझे धमकाती कि मैं बता दूँ दादा जी को, ट्रे वाली बात। मैं डर के मारे चुपचाप सारे काम करने लगता। ऐसा करते-करते ऊषा की हिम्मत बहुत बढ़ गई। वह धमकी दे-देकर मुझसे सारे काम करवा लेती थी।
एक दिन परेशान होकर मैं दादा जी के पास पहुँचा और सिर झुका कर सारी बात बता दी और सज़ा के लिए इन्तज़ार करने लगा। लेकिन सारी बात सुनकर दादा जी ने हँसते हुए कहा कि मुझे पहले ही इस बात का पता था लेकिन तुमने अपनी ग़लती को छिपाया और ऊषा की ब्लैकमेलिंग का शिकार होते रहे दादा जी ने मुझे समझाया कि ग़लती छिपाने की कितनी बड़ी सज़ा मिल सकती है।
कहानी सुनते ही कुश झट से अपने कान पकड़ते हुए बोल पड़ा कि पापा जी फ्रिज में रखी हुई आईसक्रीम मैंने खाई थी, लव ने नहीं। वह तो अभी इतना छोटा है कि फ्रिज़ भी नहीं खोल सकता।
कठिन शब्दों के अर्थ:
स्वीकार = मान। चेष्टा = कोशिश। उधेड़बुन = असमंजस, फैसला न कर पाने की स्थिति मुद्रा = अवस्था। सकुचाते = शर्माते हुए। आलीशान = बहुत सुन्दर, महँगी। अप्रत्याशित 1 = अचानक। हादसा = घटना। अवशेष = टुकडे। राहत = चैन। लफड़ा = मुसीबत। गलतफहमी = भ्रम, झूठा विश्वास। वहन = उठाना। संकल्प = प्रण। आँखें तरेरना = गुस्सा दिखाना। खून के छूट पीकर रह जाना = मज़बूरी में मन मार कर रह जाना। रोज़मर्रा = प्रतिदिन। आनाकानी करना = इन्कार करना। कुटिल = फीकी। दब्बू बनकर = डरकर। कबूल करना = मान लेना। अविश्वास = विश्वास न होना। स्नेहपूर्वक = प्रेम से भरकर। रहस्योद्घाटन = भेद खोलना। क्षमा = माफ़। ब्लैकमेलिंग = ठगी करना। नसीहत = समझाना। तपाक = जल्दी।