Punjab State Board PSEB 5th Class Hindi Book Solutions Hindi Rachana Patra Lekhan पत्र-लेखन Exercise Questions and Answers, Notes.
PSEB 5th Class Hindi Rachana पत्र-लेखन
1. अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को बीमारी के कारण छुट्टी के लिए प्रार्थना-पत्र लिखो।
सेवा में
मुख्याध्यापक महोदय,
डी० ए० वी० प्राइमरी स्कूल,
अमृतसर।
श्रीमान् जी,
निवेदन यह है कि मुझे कल स्कूल से घर पहुँचते ही बुखार आ गया था। इसलिए मैं स्कूल में उपस्थित नहीं हो सकता। कृपा करके मुझे तीन दिन का अवकाश प्रदान करें। मैं आपका बहुत धन्यवादी होऊंगा।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
राजीव कुमार
कक्षा पाँचवीं,
रोल नं० 15
दिनांक : 10 फरवरी, 20…..
2. अपनी मुख्याध्यापिका को घर में आवश्यक काम होने के कारण छुट्टी के लिए प्रार्थना-पत्र लिखो।
अथवा
अपने स्कूल के मुख्याध्यापक जी को तीन दिन की छुट्टी के लिए प्रार्थना-पत्र लिखो।
सेवा में
मुख्याध्यापिका महोदया,
महात्मा गांधी प्राथमिक विद्यालय,
लुधियाना।
श्रीमती जी,
निवेदन यह है कि मेरी माता जी कल से सख्त बीमार हैं। मेरे पिता जी बाहर गए हुए हैं। माता जी की देखभाल के लिए मेरा घर में रहना बहुत आवश्यक है। इसलिए मैं स्कूल नहीं आ सकती। कृपा करके मुझे तीन दिन की छुट्टी दे दीजिए।
आपकी आज्ञाकारी शिष्या,
मीना शर्मा
कक्षा पाँचवीं,
रोल नं0 18
दिनांक : 12 जुलाई, 20 ……
3. कल्पना कीजिए कि आपका नाम मोहित है तथा आप पाँचवीं कक्षा के विद्यार्थी हैं। आपकी बड़ी बहन का विवाह 8 मार्च को होना निश्चित हुआ है, आप अपने मुख्याध्यापक को 3 दिन की छुट्टी के लिए प्रार्थना पत्र लिखें।
सेवा में
मुख्याध्यापक महोदय,
आर्य प्राथमिक स्कूल,
होशियारपुर।
श्रीमान् जी,
सविनय निवेदन यह है कि मेरी बड़ी बहन का विवाह 8 मार्च को होना निश्चित हुआ है। मेरा इस विवाह में शामिल होना बहुत ज़रूरी है। इसलिए मैं स्कूल में उपस्थित होने में असमर्थ हूँ। कृपा करके मुझे 7 मार्च से 9 मार्च तक तीन दिन का अवकाश प्रदान करें। मैं आपका अति आभारी होऊंगा।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
मोहित
कक्षा पाँचवीं,
रोल नं0 22
दिनांक : 6 मार्च, 20……
4. अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को फीस माफी के लिए प्रार्थना-पत्र लिखो।
सेवा में
मुख्याध्यापक महोदय,
ए० एस० प्राथमिक स्कूल,
जालन्धर।
श्रीमान जी,
निवेदन यह है कि मैं आपके स्कूल की कक्षा पाँचवीं ‘ए’ का विद्यार्थी हूँ। मेरे पिता जी बहुत ग़रीब हैं। वे एक मामूली-सी दुकान पर काम करते हैं। इससे घर का खर्च भी अच्छी प्रकार से नहीं चलता। इसलिए वे मेरी फीस नहीं दे सकते, परन्तु | मैं अपनी पढ़ाई छोड़ना नहीं चाहता। कृपा करके आप मेरी फीस माफ कर दें। मैं आपका बहुत धन्यवादी होऊंगा।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
भारत भूषण
पाँचवीं ‘ए’
रोल नं० 15
दिनांक : 24 अप्रैल, 20 ……
5. मान लीजिए कि आप हिमांशी हैं। आपको कक्षा अध्यापक ने कक्षा में देरी से आने पर 50 रुपये जुर्माना लगाया है। आप अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को जुर्माना माफी के लिए पत्र लिखें। . (From
सेवा में
मुख्याध्यापक महोदय,
नेहरू प्राथमिक विद्यालय,
गुरदासपुर।
श्रीमान् जी,
निवेदन यह है कि मैं कल प्रातः काल अपने गाँव से साइकिल से स्कूल आ रही थी। रास्ते में मेरी साइकिल में पंचर हो गया। मुझे स्कूल पहुँचने के लिए दो मील तक पैदल चलना पड़ा। इसलिए मैं एक घण्टा देर से पहुँची। अध्यापक महोदय ने मुझे 50 रुपये जुर्माना कर दिया है। मैं इससे पहले कभी देर से नहीं आयी। आगे भी देर से नहीं आऊंगी। कृपा करके आप मेरा जुर्माना माफ कर दें।
मैं आपकी बहुत धन्यवादी होऊंगी।।
आपकी आज्ञाकारी शिष्या,
कक्षा पाँचवीं,
रोल नं० 4
दिनांक : 16 नवम्बर, 20……
6. स्कूल छोड़ने का प्रमाण-पत्र (सर्टिफिकेट) लेने के लिए मुख्याध्यापक को प्रार्थना-पत्र लिखो।
सेवा में
मुख्याध्यापक महोदय,
नगरपालिका प्राथमिक पाठशाला,
नवांशहर।
श्रीमान् जी,
निवेदन यह है कि मेरे पिता जी का स्थानांतरण (तबादला) हो गया है। वे कल यहाँ से कानपुर जा रहे हैं और साथ में परिवार भी जा रहा है। इस अवस्था में मेरा यहाँ अकेला रहना कठिन है। कृपा करके मुझे स्कूल छोड़ने का प्रमाण-पत्र दीजिए ताकि मैं वहां जाकर स्कूल में प्रवेश पा सकूँ।
धन्यवाद सहित।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
सुनील कक्षा पाँचवीं,
रोल नं0 32
दिनांक : 11 जनवरी, 20 ……..
7. मित्र को गर्मियों की छुट्टियां एक साथ बिताने के लिए निमन्त्रण-पत्र लिखो।
330, मॉडल टाऊन,
लुधियाना।
15 जून, 20…
प्रिय मित्र राकेश,
अगले सप्ताह से गर्मी की छुट्टियां आरम्भ हो रही हैं। स्कूल दो मास तक बन्द रहेगा। इस बार मैंने छुट्टियों के दिन अपने चाचा जी के यहां शिमला में बिताने का निश्चय किया है। मित्र, यदि तुम भी मेरे साथ चलो तो मज़ा आ जाएगा। वहाँ हम मिलकर पढ़ेंगे और शाम के समय वहां के प्राकृतिक दृश्यों का आनन्द लेंगे। शिमला में मेरे चाचा जी का एक बहुत बड़ा मकान है। अतः हमें वहाँ रहने में कोई
तुम छुट्टी आरम्भ होते ही मेरे पास पहुँच जाओगे। यहाँ से अगले ही दिन हम शिमला के लिए रवाना हो जाएंगे।
तुम्हारा मित्र,
सुमीत।
8. चाचा जी (मामा जी) को उपहार के लिए धन्यवाद-पत्र लिखो।
21, माल रोड,
बठिण्डा।
28 सितम्बर, 20 …..
पूज्य चाचा जी,
नमस्ते !
मेरे जन्म दिन पर. आपके द्वारा भेजा गया उपहार मुझे मिल गया है। यह एक सुन्दर घड़ी है। मुझे यह घड़ी बहुत पसन्द आई है। वैसे भी मुझे घड़ी की ज़रूरत थी। मुझे स्कूल पहुँचने में सदा देरी हो जाती थी, परन्तु अब मैं समय से पहले ही स्कूल पहँच जाया करूँगा। मेरे पेपर भी शुरू होने वाले हैं। इन दिनों में मैं इस घड़ी से पूरा-पूरा लाभ उठा सकूँगा। इस सुन्दर उपहार के लिए मैं आपका बहुतबहुत धन्यवाद करता हूँ। चाची जी को प्रणाम। बिटू को प्यार।
आपका भतीजा,
अश्विनी।
9. अपने छोटे भाई को लेख सुधारने के लिए , एक पत्र लिखो।
परीक्षा भवन,
…….. नगर।
25 अगस्त, 20…
प्रिय दिनेश,
आज तुम्हारा पत्र मिला। तुम्हारा लेख देखकर बड़ा दुःख हुआ। मैं बड़ी कठिनाई से तुम्हारा पत्र पढ़ सका हूँ। सुलेख के बिना तुम परीक्षा में अच्छे अंक | न पा सकोगे। इसलिए अपना लेख सुधारने की कोशिश | करो। क्योंकि लेख का सुलेख होना आवश्यक है।
तुम्हारा बड़ा भाई,
मोहन लाल।
10. राखी प्राप्ति पर अपनी बड़ी बहन को एक पत्र लिखो।
परीक्षा भवन,
…….. नगर।
25 अगस्त, 20 …….
पूज्य बहन जी,
चरण वन्दना। आज आपकी भेजी हुई राखी मिली। बड़ी सुन्दर राखी है। इस पर लगा फूल मनमोहक है। यह राखी आपके स्नेह की निशानी है। मैं इस स्नेह के बन्धन को अच्छी तरह निभाऊंगा। जीजा जी को प्रणाम । पूनम को प्यार।
आपका प्रिय भाई,
पवन।
11. नगरपालिका के प्रधान को गली की सफ़ाई के लिए पत्र लिखो।’
परीक्षा भवन,
……… नगर।
12 अप्रैल, 20 ……..
सेवा में
श्रीमान् प्रधान जी,
नगरपालिका,
………. नगर।
आपसे निवेदन है कि हमारी गली की दशा बहुत खराब है। सारी गली में कूड़े और गन्दगी के ढेर लगे हुए हैं। गन्दगी के कारण बीमारी फैलने का बहुत डर है। इसलिए कृपा करके आप हमारी गली की सफ़ाई की ओर पूरा ध्यान दें।
आपके आज्ञाकारी
हम हैं निवासी,
…………
राम गली,
………. पुर।
12. अपने मित्र को अपने बड़े भाई के विवाह पर निमन्त्रण पत्र लिखो।
75/बी पीतमपुरा,
दिल्ली।
8 दिसम्बर, 20 ……..
प्रिय राजेश,
सप्रेम नमस्ते।
तुम्हारी कोई जानकारी कई दिनों से नहीं मिली। तुम्हें यह जानकर प्रसन्नता होगी कि मेरे बड़े भाई का शुभ-विवाह 16 दिसम्बर को निश्चित हुआ है। बारात दिल्ली से मथुरा जा रही है। तुम्हें बारात में अवश्य चलना होगा। मैंने रमेश, अरुण तथा जगदीश को भी बुलाया है। तुम साथ रहोगे तो और भी मजा आएगा। इसलिए तुम 15 दिसम्बर तक यहाँ अवश्य पहुँच जाना। छोटे भाई राजेन्द्र को भी लाना मत भूलना।
प्रतीक्षा में.
तुम्हारा मित्र,
विश्वास वर्मा।
13. अपने मित्र को पत्र लिखो कि वह आपकी बहन की शादी में शामिल हो।
16/A जनकपुरी,
लुधियाना।
4 दिसम्बर, 20…….
प्रिय सुरेन्द्र,
सप्रेम नमस्ते,
तुम्हें यह जानकर बड़ी प्रसन्नता होगी कि मेरी बहन का विवाह 18-12-20…. को निश्चित हुआ है। इस खुशी के अवसर पर तुम्हारा यहाँ उपस्थित रहना बहुत ही ज़रूरी है। तुम पत्र मिलते ही यहाँ आने की तैयारी कर लो। मुझे तुम्हारा इन्तज़ार रहेगा। साथ में अंकल और आंटी को लाना मत भूलना। बाकी बातें मिलने पर होंगी।
प्रतीक्षा में,
तुम्हारा अभिन्न मित्र,
राजेन्द्र।
14. पत्रों के सही वितरण न होने पर स्थानीय पोस्ट मास्टर को शिकायत भरा पत्र लिखो।
सेवा में
पोस्टमास्टर महोदय,
मुख्य डाकघर,
लुधियाना।
श्रीमान् जी,
निवेदन है कि हमारे मुहल्ले का डाकिया बहुत आलसी और लापरवाह है। वह ठीक समय पर पत्र नहीं पहुँचाता। कभी-कभी तो वह बच्चों के हाथ पत्र देकर चला जाता है। वे पत्र इधर-उधर फेंक देते हैं। कल ही शर्मा जी का पत्र नाली में गिरा हुआ पाया गया। हमने उसे कई बार समझाया है, पर वह हमारी बात मानता ही नहीं।
इसलिए आपसे प्रार्थना है कि या तो आप उसे समझा दें ताकि वह आगे से ऐसा न करे या फिर आप उसे बदल दीजिए। आशा है कि आप हमारी प्रार्थना पर अवश्य ध्यान देंगे।
प्रार्थी
रवि, मोहन, दीपक और अन्य।
15. रुपए मंगवाने के लिए पिता जी को पत्र लिखो।
………….. स्कूल,
……… शहर।
22 अगस्त, 20…
पूज्य पिता जी,
सादर प्रणाम।
आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि मैं चौथी कक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करके प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुआ हूँ। अब मुझे पाँचवीं श्रेणी में दाखिला लेना है तथा नई पुस्तकें और कापियाँ खरीदनी हैं। इसलिए कृपा करके मुझे 500 रुपए मनीआर्डर द्वारा तुरन्त भेज दें ताकि ठीक समय पर मैं दाखिला ले सकू।
माता जी को प्रणाम और टिंकू को प्यार।
आपका आज्ञाकारी पुत्र,
संजय।
16. अपने जन्म दिन पर अपने चाचा जी को निमन्त्रण (बुलावा) पत्र लिखो।
205, मॉडल टाऊन।
अमृतसर।
20 अप्रैल, 20 ……..
पूज्य पिता जी,
सादर, प्रणाम।
आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि 23 अप्रैल को मेरा जन्म दिन है। इसलिए मैं अपने मित्रों को शाम की चाय पार्टी दे रहा हूँ, आप भी चाची जी, रिंकू और नीता को लेकर इस छोटी-सी चाय पार्टी पर आएं।
चाची जी को प्रणाम। रिंकू और नीतू को प्यार।
आपका भतीजा,
नरेश कुमार।
17. मित्र की सफलता पर बधाई पत्र लिखो।
208, प्रेम नगर,
पटियाला।
11 अप्रैल, 20 …….
प्रिय मित्र सुरेश,
कल ही तुम्हारा पत्र मिला। यह पढ़कर बहुत ही खुशी हुई कि तुम पाँचवीं कक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण (पास) हो गए हो। मेरी ओर से अपनी इस शानदार सफलता पर हार्दिक बधाई स्वीकार करो। मैं कामना (इच्छा) करता हूँ कि तुम अगली परीक्षा में भी इसी प्रकार सफलता प्राप्त करोगे। मैं एक बार फिर तुम्हें बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।
अपने माता-पिता को मेरा प्रणाम कहना।
तुम्हारा मित्र,
राजबीर।
18. अपनी माता जी को अपनी कुशलता के बारे में पत्र लिखो।
सरकारी स्कूल छात्रावास,
जालन्धर।
1 अगस्त, 20 …….
पूज्य माता जी,
सादर प्रणाम।
मैं पिछले रविवार को यहाँ पहुँच गया था। सोमवार से हमारी पढ़ाई ठीक प्रकार से शुरू हो गई है। मैं पूर्णतया कुशल से हूँ। बुखार के कारण जो कमज़ोरी आ गई थी, वह अब नहीं रही। छात्रावास में भोजन का अच्छा प्रबन्ध है। किसी प्रकार की चिन्ता न करें। अब मैं समय सारिणी के अनुसार चल रहा हूँ। प्रात 5 बजे उठ जाता हूँ। शौचादि से निवृत्त होकर कुछ व्यायाम करता हूँ, फिर नहा-धोकर अल्पाहार लेकर पढ़ने बैठ जाता हूँ। 9 बजे स्कूल का समय है। वहां से लौटकर सायं 5 बजे सब छात्र क्रीड़ा-क्षेत्र में चले जाते हैं। मैं कबड्डी टीम में हूँ। रोज़ की कसरत से मेरे अन्दर नई ताज़गी का आभास होने लगता है। रात को समय पर सो जाता हूँ।
आपका पुत्र,
अमित कुमार,
पाँचवीं ‘ए’।
19. मुख्याध्यापक को विद्यालय से मुफ्त पुस्तकें एवं वर्दी प्राप्त करने के लिए प्रार्थना पत्र।
सेवा में
मुख्याध्यापक जी,
राजकीय प्राथमिक विद्यालय,
सोनीपत।
महोदय,
निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय की पाँचवीं कक्षा का छात्र हूँ। मेरे पिताजी सरकारी कार्यालय में लिपिक हैं। हम तीन भाई-बहन हैं। पिताजी का वेतन इतना कम है कि वे हमारी पढ़ाई का भार सम्भालने में कठिनाई का अनुभव कर रहे हैं। मैंने पाँचवीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा में 96% अंक प्राप्त किये हैं। खेलों में भी मेरी रुचि है।
आपसे सानुरोध प्रार्थना है कि हमारी आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए मुझे विद्यालय की ओर से छठी श्रेणी की पुस्तकें तथा वर्दी देने की कृपा करें। मैं आपका हृदय से आभारी रहूँगा।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
रमेश,
पाँचवीं ‘ग’
दिनांक …………..
20. सैक्शन बदलने के लिए प्रार्थना-पत्र।
सेवा में
श्रीमान् प्रधानाध्यापक जी,
हिन्दू प्राथमिक स्कूल,
जगरांव।
आदरणीय महोदय,
विनम्र निवेदन है कि मैं आपके स्कूल की पाँचवीं कक्षा सैक्शन ‘बी’ में पढ़ता हूँ। मैं इस विद्यालय का पुराना विद्यार्थी हूँ। एक मास तक इस सैक्शन में पढ़ने के बाद मुझे यह अनुभव हुआ कि इस सैक्शन में विद्यार्थी पढ़ने वाले कम और शरारती अधिक हैं। साथ ही इस सैक्शन के अंग्रेज़ी के अध्यापक हमें व्याकरण नहीं पढ़ाते। हिन्दी के अध्यापक भी कक्षा में गप्पें मारते रहते हैं और वे विशेष उत्साह नहीं दिखाते। विद्यार्थी घर से जो काम करके लाते हैं उसे कोई देखता नहीं। साथ ही पिछले वर्ष इस सैक्शन का परिणाम भी उतना अच्छा नहीं रहा।
कृपा करके आप मुझे सैक्शन ‘ए’ मैं बैठने की आज्ञा दें। आपका अति आभारी रहूँगा।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
राजीव,
पाँचवीं-बी।
तिथि ………
21. अपने छोटे भाई को पत्र लिखो जिसमें प्रातः भ्रमण (सुबह की सैर) के लाभ बताए गए हों।
208 कृष्ण नगर,
बहादुरगढ़।
11 जुलाई, 20….
प्रिय भाई नरेश,
चिरंजीव रहो।
कल माता जी का पत्र मिला। पढ़ कर पता चला कि तुम बीमार रहने के कारण बहुत कमज़ोर हो गए हो। तुम सुबह देर तक सोए रहते हो। प्यारे भाई! प्रातः उठ कर सैर करनी चाहिए। सुबह की सैर से स्वास्थ्य उत्तम होता है। प्रातः भ्रमण से शरीर चुस्त रहता है। कोई बीमारी पास नहीं फटकती। मांसपेशियों में नए रक्त का संचार होता है। फेफड़ों को साफ़ वायु मिलती है। ओस पड़ी घास पर नंगे पांव चलने से बल, बुद्धि और आँखों की रोशनी बढ़ती है। दिमाग को शक्ति मिलती है। इसलिए प्रातः घूमने अवश्य जाया करो।
आशा है तुम मेरे आदेश का पालन करोगे। पूज्य माताजी को प्रणाम और अनु को प्यार।
तुम्हारा बड़ा भाई,
प्रदीप कुमार।