PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 4 पानी का कृषि में महत्त्व

Punjab State Board PSEB 6th Class Agriculture Book Solutions Chapter 4 पानी का कृषि में महत्त्व Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Agriculture Chapter 4 पानी का कृषि में महत्त्व

PSEB 6th Class Agriculture Guide पानी का कृषि में महत्त्व Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों का एक-दो शब्दों में उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1.
पौधों में पानी की मात्रा कितने प्रतिशत होती है ?
उत्तर-
90 प्रतिशत।

प्रश्न 2.
फसलों को बनावटी तरीके से पानी देने की प्रक्रिया को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
सिंचाई।

प्रश्न 3.
पानी की सबसे अधिक बचत करने में समर्थ सिंचाई की कोई दो विधियां लिखो।
उत्तर-
फुव्वारा सिंचाई, टपक सिंचाई।

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प्रश्न 4.
कौन-से पदार्थ पानी द्वारा पौधों में विलय करते हैं ?
उत्तर-
खनिज पदार्थ तथा खाद्य तत्त्व।।

प्रश्न 5.
भारत में कुल पानी में से कितना पानी कृषि के लिए प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
70 प्रतिशत।

प्रश्न 6.
कदू करना किसे कहते हैं ?
उत्तर-
खड़े पानी में खेत को जोतने को कद्दू करना कहते हैं।

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प्रश्न 7.
कौन-सी फसल को कद् करके लगाया जाता है ?
उत्तर-
धान को।

प्रश्न 8.
पंजाब में सिंचाई के मुख्य साधन कौन-से हैं ?
उत्तर-
टयूबवेल तथा नहरें।

प्रश्न 9.
फसल को अधिक लू व कोहरे से बचाने के लिए कौन-सी विधि का उपयोग किया जाता है ?
उत्तर-
सिंचाई का।

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प्रश्न 10.
पानी की कमी वाले क्षेत्रों में सिंचाई की कौन-सी विधि लाभदायक है ?
उत्तर-
टपक सिंचाई।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों का एक या दो पंक्तियों में उत्तर दीजिए –

प्रश्न 1.
सिंचाई किसे कहते हैं ?
उत्तर-
कई बार फसलों की आवश्यकता वर्षा के पानी से पूरी नहीं होती तथा फसलों को बनावटी ढंग से पानी दिया जाता है, इसको सिंचाई कहते हैं।

प्रश्न 2.
फसल में रौनी का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
बुवाई के समय मिट्टी में उचित मात्रा में नमी होनी चाहिए, इसलिए खेत में भर के पानी लगाया जाता है जिसको रौनी कहते हैं। इस तरह रौनी का महत्त्व फसल उगने में सहायता करना होता है।

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प्रश्न 3.
सिंचाई के विभिन्न साधन कौन-से हैं ?
उत्तर-
सिंचाई के भिन्न-भिन्न साधन हैं-ट्यूबवेल, कुआँ, नदी, तालाब, डैम, नहर आदि।

प्रश्न 4.
सिंचाई की संख्या फसलों पर कैसे निर्भर करती है ?
उत्तर-
कई फसलें जैसे ; गेहूँ, तेल बीज फसलों, दालों आदि को कम सिंचाई की आवश्यकता होती है तथा कई फसलों जैसे धान, मक्का आदि को अधिक सिंचाई की आवश्यकता होती है। इसलिए सिंचाई की संख्या फसल पर निर्भर करती है।

प्रश्न 5.
धान में कद् क्यों किया जाता है ?
उत्तर-
धान की फसल को अधिक पानी की आवश्यकता होती है। इसलिए धान की बुवाई के लिए खेत में पानी खड़ा करके जुताई की जाती है, इसको कद्रू करना कहते हैं। इस तरह खेत में ज़्यादा पानी खड़ा किया जा सकता है।

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प्रश्न 6.
मिट्टी में नमी का होना क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
बीज को अंकुरित होकर पौधे में बदलने के लिए मिट्टी में ठीक मात्रा में नमी होनी चाहिए, इसलिए मिट्टी में नमी का होना आवश्यक है।

प्रश्न 7.
रेतीली मिट्टी में अधिक व चिकनी मिट्टी में कम सिंचाई की आवश्यकता क्यों पड़ती है ?
उत्तर-
रेतीली मिट्टी में पानी बहुत जल्दी समा जाता है जबकि चिकनी मिट्टी में धीमी गति से समाता है। इसलिए रेतीली मिट्टी में सिंचाई की अधिक आवश्यकता है।

प्रश्न 8.
पंजाब में सैंट्रीफ्यूगल पम्पों का स्थान सबमरसीबल पम्पों ने क्यों ले लिया
उत्तर-
भूमिगत जल का स्तर नीचे गिरता जा रहा है, जिस कारण सेंट्रीफ्यूगल पम्प (पंखे वाले) पानी निकालने में फेल हो गए हैं। इसलिए अब मछली मोटर अर्थात् सबमरसीबल पम्पों के प्रयोग से पानी निकाला जाता है।

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प्रश्न 9.
गर्मी के मौसम में फसलों को अधिक पानी की आवश्यकता क्यों पड़ती
उत्तर-
गर्मी के दिनों में मिट्टी तथा पत्तों में से वाष्पीकरण अधिक मात्रा में होता है, इसलिए गर्मियों में अधिकतर फसलों को अधिक पानी की आवश्यकता पड़ती है।

प्रश्न 10.
पानी उठाने वाले पम्पों की ऊर्जा कहां से प्राप्त की जा सकती है ?
उत्तर-
पम्पों के लिए ऊर्जा डीज़ल, बायोगैस, बिजली तथा सौर ऊर्जा से प्राप्त की जा सकती है।

(ग) निम्नलिखित प्रश्नों के चार-पाँच पंक्तियों में उत्तर दीजिए –

प्रश्न 1.
पौधों के जीवन में पानी का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
बीज को अंकुरित होने के लिए नमी की आवश्यकता होती है, इसलिए मिट्टी में नमी का होना बहुत आवश्यक है। पानी पौधों के बढ़ने-फूलने तथा फूल, फल और बीज के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पानी द्वारा मिट्टी में से खनिज, लवण तथा खाद्य पदार्थ पौधों को प्राप्त होते हैं : पानी में घुल कर तत्त्व पौधे के सारे भागों तक पहुंच जाते हैं। पानी लू तथा कोहरे से भी पौधों की रक्षा करता है।

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प्रश्न 2.
सिंचाई की संख्या किस पर निर्भर करती है और कैसे ?
उत्तर-
सिंचाइयों की संख्या फसल की किस्म, मौसम तथा मिट्टी की किस्म पर निर्भर करती है। गेहूँ, तेल बीज फसल, दालों आदि को कम सिंचाइयों की आवश्यकता होती है। परन्तु धान, गन्ने, मक्की आदि को अधिक सिंचाइयों की आवश्यकता होती है। सर्दियों में फसलों को कम सिंचाइयों की तथा गर्मियों में फसलों को अधिक सिंचाइयों की आवश्यकता होती है, क्योंकि गर्मी में मिट्टी तथा पत्तों में पानी का वाष्पीकरण बहुत तेज़ी से तथा अधिक मात्रा में होता है। हल्की मिट्टी (रेतीली) में अधिक तथा भारी (चिकनी) मिट्टी में कम सिंचाई की आवश्यकता होती है। हल्की भूमि में पानी जल्दी समा जाता है जबकि भारी भूमि में धीरे-धीरे समाता है।

प्रश्न 3.
सिंचाई की विभिन्न विधियाँ कौन-सी हैं ? फुव्वारा सिंचाई के बारे में विस्तारपूर्वक लिखें।
उत्तर-
सिंचाई की विभिन्न विधियाँ हैं-धरातली सिंचाई, उप-धरातली सिंचाई, फुव्वारा सिंचाई, टपक सिंचाई आदि।
फव्वारा सिंचाई-इस विधि में फसल या भूमि पर फुव्वारे द्वारा पानी का छिड़काव किया जाता है। यह पानी भूमि की सोखने की शक्ति से सदा कम होता है तथा पौधों की आवश्यकता को ही पूरा करता है। ऊँचे-नीचे क्षेत्रों में यह तकनीक बहुत कारगर सिद्ध हुई है। फसल को लू तथा कोहरे से बचाने के लिए यह विधि उचित है।

प्रश्न 4.
टपक सिंचाई द्वारा कैसे पानी की बचत होती है ?
उत्तर-
पानी एक प्राकृतिक स्रोत है, इसकी बचत करने की भी बहुत आवश्यकता है। कृषि में भारत के कुल पानी का 70 प्रतिशत प्रयोग होता है। इसलिए पानी की बचत करने के लिए टपक सिंचाई का तरीका बहुत कारगर सिद्ध हुआ है।

इस विधि में पौधों की जड़ों में बूंद-बूंद करके पानी डाला जाता है। इस तरह इस पानी का प्रयोग केवल पौधों की आवश्यकता को ही पूरा करता है तथा मिट्टी में समा जाने के लिए बचता ही नहीं है तथा इस तरह पानी बिल्कुल बर्बाद नहीं होता। पानी की कमी वाले क्षेत्रों में यह तरीका बहुत ही लाभदायक है।

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प्रश्न 5.
धरातली सिंचाई का प्रयोग विभिन्न फसलों में किस प्रकार किया जाता
उत्तर-
बढ़िया उपज लेने के लिए सिंचाई की आवश्यकता होती है। इसलिए भिन्नभिन्न तरीके से सिंचाई की जाती है इनमें से एक विधि है धरातली सिंचाई।

इस तरीके में खेत में क्यारे बना कर खालों द्वारा पानी लगाया जाता है। इस ढंग से गेहूँ, दालों आदि को पानी लगाया जाता है। फलदार पौधों के आस पास मेढ़ें बना कर पानी भर दिया जाता है। कई फसलों को मेढ़ों पर उगाया जाता है तथा खालियों द्वारा पानी दिया जाता है; जैसे-गन्ना, मक्की, आलू आदि। ।

Agriculture Guide for Class 6 PSEB पानी का कृषि में महत्त्व Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में कुल पानी का लगभग कितने प्रतिशत पानी घरेलू आवश्यकता के लिए प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
8 प्रतिशत।

प्रश्न 2.
धान की बुवाई के लिए खेत को क्या किया जाता है ?
उत्तर-
कद्रू।

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प्रश्न 3.
पंजाब में सिंचाई का मुख्य साधन क्या है ?
उत्तर-
ट्यूबवेल तथा नहरें।

प्रश्न 4.
हल्की मिट्टी कौन-सी है ?
उत्तर-
रेतीली मिट्टी।

प्रश्न 5.
भारी भूमि कौन-सी है ?
उत्तर-
चिकनी मिट्टी।

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प्रश्न 6.
कौन-सी ज़मीन में पानी जल्दी सोखा जाता है ?
उत्तर-
रेतीली (हल्की) ज़मीन में।

प्रश्न 7.
तालाब से पानी निकालने के लिए किस का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
पशुओं का।

प्रश्न 8.
मछली मोटर किस को कहते हैं ?
उत्तर-
सबमरसीबल पम्प।

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प्रश्न 9.
डल झील पर सब्जियां उगाने के लिए कौन-सी सिंचाई का प्रयोग होता
उत्तर-
उप-धरातली सिंचाई।

प्रश्न 10.
टपक सिंचाई कौन-से क्षेत्रों के लिए बहुत लाभदायक है ?
उत्तर-
पानी की कमी वाले क्षेत्रों के लिए।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में पानी की लागत के बारे बताओ।
उत्तर-
भारत में कुल पानी का 70 प्रतिशत पानी कृषि, 20-22 प्रतिशत पानी कारखानों तथा लगभग 8 प्रतिशत पानी घरेलू आवश्यकताओं के लिए प्रयोग होता है।

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प्रश्न 2.
कौन-सी फसलों को कम सिंचाई तथा किन को अधिक सिंचाई की आवश्यकता है ?
उत्तर-
गेहूँ, तेल बीज फसलें, दालों आदि को कम सिंचाई तथा धान, मक्की, गन्ना आदि को अधिक सिंचाई की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 3.
अब पानी उठाने के लिए किस विधि का प्रयोग होता है तथा किस ऊर्जा का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
अब पानी उठाने के लिए पम्पों का प्रयोग किया जाता है। जैसे-पंखा पम्प, मछली मोटर आदि तथा डीज़ल, बायोगैस, बिजली तथा सौर ऊर्जा का प्रयोग करके इन पम्पों को चलाया जाता है।

प्रश्न 4.
उप-धरातली सिंचाई के बारे में क्या जानते हो ?
उत्तर-
कई स्थानों पर पानी ज़मीन के निकट होने के कारण जमीन में से पानी ले लेते हैं, जैसे-कश्मीर में डल झील पर सब्जियां उगाई जाती हैं।

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बड़े उत्तर वाला प्रश्न

प्रश्न-
सिंचाई के साधनों के बारे में क्या जानते हो ?
उत्तर-
सिंचाई के कई साधन उपलब्ध हैं। यह हैं कुआँ, ट्यूबवेल, तालाब, डैम, नहर, नदी आदि। पुरातन समय में कुआँ, तालाब में से पानी निकालने के लिए पशुओं का प्रयोग किया जाता था। यह कार्य अधिक समय लेने वाला तथा बढ़िया ढंग नहीं है।

आजकल पानी उठाने के लिए पम्पों का प्रयोग होता है। यह पम्प बिजली, बायोगैस, डीज़ल तथा सौर ऊर्जा आदि से चलते हैं। पंजाब में सिंचाई के लिए मुख्य तौर पर नहरों तथा ट्यूबवेल का प्रयोग होता है। पंजाब में लगभग 13 लाख ट्यूबवेल हैं। पानी के अधिक प्रयोग के कारण धरती के नीचे पानी का स्तर नीचे गिर रहा है। इसलिए पानी निकालने के लिए सैंट्रफ्यूिगल पम्प (पंखे वाले) फेल हो गए हैं तथा अब पानी निकालने के सबमरसीबल पम्प (मछली पम्पों) का प्रयोग हो रहा है पर इनके प्रयोग से बिजली की खपत भी बढ़ गई है।

पानी का कृषि में महत्त्व PSEB 6th Class Agriculture Notes

  • पानी के बिना कोई भी प्राणी जीवित नहीं रह सकता।
  • भारत में कुल पानी का लगभग 70 प्रतिशत कृषि में, 20-22 प्रतिशत, उद्योगों में तथा लगभग 8 प्रतिशत पानी घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
  • पौधों में लगभग 90 प्रतिशत पानी होता है।
  • पानी फसल को लू तथा कोहरे दोनों से बचाता है।
  • बनावटी ढंग से फसलों को पानी देने को सिंचाई कहते हैं।
  • हल्की (रेतीली) मिट्टी में अधिक तथा भारी (चिकनी) मिट्टी में कम सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है।
  • खेत में भर कर पानी लगाया जाता है, जिसको रौनी कहते हैं।
  • धान के अलावा सभी फसलों को रौनी करके बोया जाता है।
  • धान की फसल को अधिक पानी की आवश्यकता होती है। इसलिए इसको कद्दू करके बोया जाता है।
  • सिंचाई के साधन हैं-कुआं, ट्यूबवेल, तालाब, दरिया, नहरें, बाँध आदि।
  • ट्यूबवेलों की संख्या 1980 में 6 लाख से बढ़कर अब 13 लाख से भी अधिक हो गई है।
  • सिंचाई के ढंग हैं-धरातली सिंचाई, उप-धरातली सिंचाई, फुव्वारा सिंचाई, टपक सिंचाई।

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