This PSEB 6th Class Computer Notes Chapter 6 हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर will help you in revision during exams.
PSEB 6th Class Computer Notes Chapter 6 हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर
जान-पहचान (Introduction)
कम्प्यूटर वह इलैक्ट्रॉनिक मशीन है जो डाटा को स्टोर करती है, प्रोसैस करती है तथा भविष्य में दिखा सकती है। यह निर्देशों के अनुसार कार्य करता है। यह हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर का सुमेल होता है। ये दोनों एक-दूसरे पर निर्भर करते हैं। भाव यह कि सॉफ्टवेयर के बिना हार्डवेयर काम नहीं कर सकता तथा हार्डवेयर के बिना सॉफ्टवेयर नहीं चल सकता। कार्य करने के लिए इन दोनों की ज़रूरत पड़ती है। कम्प्यूटर को मुख्य रूप में दो भागों में बांटा जाता है। हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर।
हार्डवेयर (Hardware)
कम्प्यूटर सिस्टम का वह भाग जिस का भार होता है और जिसे हम छू सकते हैं, उसे हार्डवेयर कहते हैं। ये कम्प्यूटर के भौतिक भाग होते हैं। हार्डवेयर की विशेषताएं (Features of Hardware)
- हार्डवेयर को हम छू सकते हैं।
- इसे महसूस किया जा सकता है।
- ये स्थान घेरते हैं।
- इसमें डाटा स्टोर तथा प्रोसैस कर सकते हैं।
कम्प्यूटर केस/सिस्टम यूनिट (Computer Case/System Unit) इसको कम्प्यूटर चैसी या सिस्टम यूनिट या कैबनिट आदि नामों से भी जाना जाता है। यह प्लास्टिक या धातु का बॉक्स होता है। इसमें कम्प्यूटर के मुख्य भाग : जैसे-मदरबोर्ड, हार्ड ड्राइव आदि होते हैं।
मदर बोर्ड (Mother Board)
मदर बोर्ड प्लास्टिक की शीट होती है जिस पर कम्प्यूटर के विभिन्न भागों को जोड़ने के सर्कट मौजूद होते हैं। मदर बोर्ड पर निम्न उपकरण जुड़े होते हैं।
- हार्ड ड्राईव-यह मुख्य स्टोरेज डिवाइस है जो डाटा को पक्के तौर पर स्टोर करता है।
- वीडियो कार्ड-यह सूचना को मॉनीटर तक पहुंचाता है।
- प्रोसैसर-यह कम्प्यूटर का मुख्य डिवाइस है। यह निर्देशों को चलाता है। यह कम्प्यूटर के मूल कार्य करता है। यह कम्प्यूटर के दिमाग की तरह कार्य करता है। इसे सी०पी०यू० भी कहा जाता है।
- पंखा-प्रत्येक कम्प्यूटर सिस्टम के अंदर एक पंखा लगा होता है जो CPU को गर्म होने से रोकता है। यह ठंडी हवा अंदर ले जाता है तथा गरम बाहर लाता है।
- रैम-रैम एक डाटा स्टोरेज डिवाइस है जो मदर बोर्ड पर लगी होती है। यह वोलाटाइल मैमरी होती है। कम्प्यूटर बंद होने के बाद इसकी सूचना नष्ट हो जाती है।
- पावर सप्लाई-यह कम्प्यूटर को बिजली देता है। इसे स्विच मोड पावर सप्लाई भी कहते हैं।
- सी०डी०/डी०वी०डी०रोम-इसका प्रयोग कम्प्यूटर पर सी०डी० या डी०वी०डी० चलाने में होता है।
हार्डवेयर को सही रखने के लिए ध्यानपूर्वक बातें (Important points for taking care of Hardware)-
हार्डवेयर को सही रखने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए –
- कम्प्यूटर के भागों की तारों को मत छेड़ो।
- हार्डवेयर को ठीक तरीके से रखो और टूटने से बचाओ।
- कम्प्यूटर के भागों को साफ रखो।
- चलते कम्प्यूटर के भागों को साफ मत करो।
- साफ करने के लिए साफ कपड़ा या साफ्ट झाड़न का उपयोग करो।।
- कम्प्यूटर के नज़दीक कुछ न खाओ।
- काम करने के बाद कम्प्यूटर को ढक कर रखो।
- की-बोर्ड की कीज़ को ज़ोर से दबाना नहीं चाहिए।
साफ्टवेयर (Software)- हदायतों की श्रृंखला को प्रोग्राम कहा जाता है। प्रोग्रामों के समूह को सॉफ्टवेयर कहा जा सकता है। सॉफ्टवेयर एक प्रोग्राम होता है। इसको स्टोरेज़ यंत्र में भंडार भी किया जा सकता है। आप खुद भी सॉफ्टवेयर बना सकते हैं। बाजार में बने बनाए सॉफ्टवेयर भी मिलते हैं। बाज़ार से मिलने वाली गेम्ज़ की सीडीज़ बने बनाए सॉफ्टवेयर की उदाहरणें हैं। सॉफ्टवेयर कम्प्यूटर को काम करवाने में मदद करता है।
हिदायतें + हिदायतें = प्रोग्राम
प्रोग्राम + प्रोग्राम = सॉफ्टवेयर
सॉफ्टवेयर का भार नहीं होता। इसको तुम छू नहीं सकते। सॉफ्टवेयर हार्डवेयर को काम करने का आदेश देता है। पेंट, विंडोज़, एम०एस० वर्ड, गेम्ज़ आदि सॉफ्टवेयर की उदाहरणें हैं।
सॉफ्टवेयर की विशेषताएं (Features of Software) –
- सॉफ्टवेयर का भार नहीं होता।
- हम इसे छू नहीं सकते।
- सॉफ्टवेयर हार्डवेयर को निर्देश देता है।
- यह कीमती होते हैं।
सॉफ्टवेयर की किस्में (Types of Software)
सॉफ्टवेयर दो प्रकार के होते हैं –
1. सिस्टम सॉफ्टवेयर तथा
2. एपलीकेशन सॉफ्टवेयर।
सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software)
यह कम्प्यूटर का बहुत ही ज़रूरी भाग है। इसके बिना कम्प्यूटर से काम नहीं किया जा सकता है। सिस्टम सॉफ्टवेयर की उदाहरण है-ऑपरेटिंग सिस्टम।
सिस्टम सॉफ्टवेयर की विशेषताएं-
- यह ज्यादा कीमती होते हैं।
- इन्हें बनाना आसान नहीं होता।
- ये जटिल होते हैं।
- इन्हें अनुभवी व्यक्ति ही बना सकता है।
- इनके बिना कम्प्यूटर कार्य नहीं कर सकता।
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software) –
यह किसी खास काम को करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह कम्प्यूटर का गैर-ज़रूरी भाग है और इसका उपयोग करने वाले की ज़रूरत पर निर्भर करता है। उदाहरण-वह प्रोफैसर, स्प्रेडशीट। एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर की विशेषताएं –
- इनका प्रयोग यूज़र पर निर्भर करता है।
- ये सस्ते होते हैं।
- इनसे तस्वीरें, दस्तावेज़ आदि बनाए जा सकते हैं।
एप्लीकेशन तथा सिस्टम सॉफ्टवेयर में अंतर
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर | सिस्टम सॉफ्टवेयर |
1. यह कम्प्यूटर के चलने के लिए ज़रूरी नहीं होते। | 1. यह कम्प्यूटर के चलने के लिए जरूरी होते है। |
2. इनकी बनावट साधारण होती है। | 2. इनकी बनावट कठिन होती है। |
3. इन्हें बनाना आसान है। | 3. इन्हें बनाना कठिन होता है। |
4. इनकी कीमत कम होती है। | 4. इनकी कीमत ज्यादा होती है। |
5. यह हार्डवेयर के साथ सीधा संपर्क नहीं कर सकते। | 5. ये हार्डवेयर के साथ सीधा संपर्क करते हैं। |
6. उदाहरण-पेंट, बर्ड आदि। | 6. उदाहरण-विंडोज़, यूनिक्स आदि। |
हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर में सम्बन्ध (Relationship between Hardware and Software)
कम्प्यूटर के कार्य करने के लिए हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर मिलकर कार्य करते हैं। ये एक-दूसरे की मदद के बिना नहीं चल सकते। हार्डवेयर सॉफ्टवेयर द्वारा कन्ट्रोल किये जाते हैं तथा सॉफ्टवेयर हार्डवेयर में स्टोर होते हैं।
हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर में अन्तर/सम्बन्ध
सॉफ्टवेयर | हार्डवेयर |
1. प्रोग्रामों के समूह को सॉफ्टवेयर कहते हैं। | 1. कम्प्यूटर के भौतिक भागों को हार्डवेयर कहते हैं। |
2. इस को हम हाथ नहीं लगा सकते हैं। | 2. हार्डवेयर को हम हाथ लगा सकते हैं। |
3. इसका भार नहीं होता। | 3. इसका भार होता है। |
4. सॉफ्टवेयर को स्टोर होने के लिए हार्डवेयर की ज़रूरत पड़ती है। | 4. हार्डवेयर को काम करने के लिए सॉफ्टवेयर की ज़रूरत पड़ती है। |
5. सॉफ्टवेयर को महसूस नहीं किया जा सकता। | 5. हार्डवेयर को महसूस किया जा सकता। |