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PSEB 6th Class Computer Notes Chapter 7 इनपुट यन्त्र
जान-पहचान (Introduction)
कम्प्यूटर में संचार वस्तु ज़रूरी है। इनपुट यन्त्र संचार के लिए प्रयोग होते हैं। ये कम्प्यूटर तक सूचना लेकर जाते हैं। ये कम्प्यूटर सिस्टम तथा मैमरी से जुड़े होते हैं। CPU अकेला कार्य नहीं कर सकता। इसके साथ कुछ सहायक यन्त्र लगे होते हैं। ये यन्त्र सी०पी०यू० को कार्य करने में मदद करते हैं। कुछ यन्त्र इनपुट तथा कुछ आऊटपुट होते हैं। कम्प्यूटर को डाटा देने के लिए कुछ यन्त्र उपयोग किए जाते हैं जैसे माऊस, की-बोर्ड, इनको इनपुट यन्त्र कहा जाता है। कम्प्यूटर के बीच का डाटा देखने के लिए जो यन्त्र उपयोग किये जाते हैं उन्हें आऊटपुट कहा जाता है।
इनपुट यन्त्र (Input Devices) – इनपुट यन्त्र कम्प्यूटर को डाटा भेजते हैं तथा यूज़र तालमेल तथा कन्ट्रोल की आज्ञा देता है। जो यंत्र कम्प्यूटर को डाटा तथा निर्देश देते हैं उन्हें इनपुट यन्त्र कहा जाता है।
इनपुट यन्त्रों का प्रयोग (Uses of Input Devices)-
अगर सी०पी०यू० कम्प्यूटर का दिमाग है तो इनपुट यन्त्र इसके कान तथा आँख हैं जो कम्प्यूटर को सूचना देते हैं। कुछ आम प्रयोग के इनपुट यन्त्र निम्न हैं-
- की-बोर्ड
- माऊस
- माइक्रोफोन
- स्कै नर
- वैब कैमरा
- टच पैड
- बार कोड रीडर
- लाइट पैन
- जॉयस्टिक
- टचस्क्रीन
- ट्रैक बाल
- मैगनैटिक इंक कार्ड रीडर
- डिजीटाइजर
- बायोमैट्रिक
- इलैक्ट्रानिक सिगनेचर पैड।
की-बोर्ड (Key Board)
की-बोर्ड का प्रयोग टैक्सट डाटा एंट्री करने के लिए किया जाता है। की-बोर्ड सबसे आम प्रयोग में आने वाला इनपुट यंत्र है। इसके द्वारा डाटा सीधा कम्प्यूटर में डाला जा सकता है। की-बोर्ड एक प्लास्टिक का बना हुआ फ्लैट यंत्र होता है जिस पर काफ़ी सारे बटन लगे होते हैं। जिनको कीज़ कहा जाता है। जब किसी खास बटन को दबाया जाता है तो की-बोर्ड में लगी एक चिप एक्टिवेट हो जाती है । यह चैक कम्प्यूटर को एक स्कैन कोड भेजती है। यह स्कैन-कोड फिर कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर तक पहुंचाया जाता है तथा वह सॉफ्टवेयर पहचान लेता है कि कौन-सी की दबाई गई है। इस प्रकार लगातार विभिन्न कीज़ दबाकर हम कम्प्यूटर को आवश्यकतानुसार डाटा प्रदान कर सकते हैं।
आधुनिक की-बोर्ड का डिज़ाइन एक QWERTY टाइपराइटर की तरह होता है। इसमें भी टाइपराइटर की तरह कीज़ लगी होती हैं। एक की-बोर्ड में बहुत प्रकार की कीज़ होती हैं।
की-बोर्ड की किस्में-की-बोर्ड की कीज़ पांच तरह की किसमें होती हैं, वह हैं-
- अल्फाबैट कीज़
- नुमैरिक कीज़/सिम्वल/एडिटिंग/मल्टीमीडिया कीज़
- फंक्शन कीज़
- स्पैशल कीज़।
- ऐरो कीज़
की-बोर्ड की कीज़ के बारे में जानकारी निम्न अनुसार है –
1. अक्षर बटन (Alphabet Keys)-ये अक्षर A से Z तक होते हैं। इनसे बड़े अक्षरों (A-Z) तथा छोटे अक्षरों (a-z) के रूप में डाटा एंटर किया जा सकता है।
2. अंक बटन/चिन्ह/ऐडिटिंग/मल्टीमीडिया बटन (Numeric/Symbol/Editing/Multi media)- ये बटन अंक एंटर करने के लिए प्रयोग होते हैं। ये 0-9 तक होते हैं। ये बटन दो जगह होते हैं। एक तो अक्षर बटन के ऊपर, दूसरा की-बोर्ड के दाएं हिस्से में। की-बोर्ड पर कई प्रकार के चिन्ह भी होते हैं जैसे ~, $, #, @., +, -, *, % आदि। ये बटन इन चिन्हों को एंटर करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं। इस वर्ग में Insert, Delete, Pgup, Pgdn, Home, End बटन आते हैं। ये बटन अक्सर ऐडिटिंग के लिए प्रयोग होते हैं। आजकल कुछ की-बोर्ड आ रहे हैं। जिन में मल्टीमीडिया बटन होते हैं। ये बटन मल्टीमीडिया कार्यों अर्थात् फ़िल्म देखना, गाने सुनना आदि से सम्बन्धित होते हैं।
3. फंक्शन बटन (Function Keys)-ये F1 से F12 तक होते हैं। इन का प्रयोग विभिन्न साफ्टवेयरों में अलग-अलग होता है। इनका प्रयोग किसी खास कार्य के लिए किया जाता है।
4. स्पैशल कीज़ (Special Keys)-की-बोर्ड में कुछ स्पैशल कीज़ भी लगी होती हैं जो कुछ विशेष प्रकार के कार्य करती हैं इन कीज़ का वर्णन इस प्रकार है-
5. ऐरो कीज़ (Arrow Keys)-
ये चार बटन होते हैं। ये करसर को दाएं, बाएं, ऊपर या नीचे ले जाने के लिए प्रयोग किए जाते हैं।
माऊस (Mouse)
माऊस एक छोटा सा यन्त्र है। आमतौर पर इसके तीन बटन होते हैं। माऊस के नीचे एक गेंद लगी होती है। माऊस के निम्नलिखित तीन बटन होते हैं-
- बायां बटन
- दायां बटन
- स्क्रोल बटन।
इसे प्वाईंटिंग डिवाइस भी कहते हैं। इसके आकार के कारण इसको माऊस कहते हैं। इसको समतल तल पर घुमाया जाता है। जैसे इसे घुमाया जाता है स्क्रीन पर एक तीर उसी प्रकार घूमता है। माऊस बगैर तार वाले भी होते हैं। जिस पैड पर माऊस को घुमाया जाता है उसे माऊस पैड कहते हैं ।
1. बायां बटन-माऊस में बायें बटन का सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है। अगर इस बटन. को एक बार दबाया जाता है तो उसे क्लिक या सिंगल क्लिक कहा जाता है तथा अगर इस बटन को दो बार दबाया जाता है तो इसे डबल क्लिक कहा जाता है।
2. दायां बटन-जब माऊस के दाएं बटन को दबाया जाता है तो उसे राइट क्लिक कहा जाता है। इस बटन का प्रयोग शॉर्टकट मीनू खोलने के लिए किया जाता है।
3. स्क्रोल बटन-माऊस में यह बटन एक पहिए के आकार का होता है। यह बटन दाएं तथा बायें बटन के मध्य में लगा होता है। अगर इस बटन को घुमाया जाए तो उस प्रक्रिया को स्क्रोल करना कहा जाता है। इस बटन का प्रयोग स्क्रीन को ऊपर नीचे स्क्रोल करने के लिए किया जाता है। इस बटन का उपयोग कंट्रोल की के साथ भी किया जा सकता है।
माइक्रोफोन (Microphone)
माइक्रोफोन एक इनपुट यंत्र है। इस यंत्र को माइक भी कहा जाता है। इस यंत्र का उपयोग आवाज इनपुट या रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है। इस यंत्र के साथ कम्प्यूटर को निर्देश भी दिए जा सकते हैं। इस यंत्र के साथ रिकॉर्ड की गई आवाजों को दोबारा सुना भी जा सकता है। माइक का प्रयोग करके हम कम्प्यूटर में कुछ टाइप भी कर सकते हैं। इस यंत्र का प्रयोग करके इंटरनैट पर अपने दोस्तों के साथ बातचीत भी की जा सकती है।
स्कैनर (Scanner)
स्कैनर भी एक प्रकार का इनपुट यंत्र है जो निशान तथा अक्षरों को पहचान सकता है। इसका उपयोग कम्प्यूटर में सीधे तौर पर डाटा भेजने के लिए किया जाता है। स्कैनर की सहायता से किसी भी तस्वीर को हिस्सों में बांट कर कम्प्यूटर मैमोरी में स्टोर किया जा सकता है। स्कैनर उस तस्वीर को छोटे-छोटे डॉट में विभाजित करता है तथा फिर उन डॉट को सॉफ्टवेयर की सहायता से कम्प्यूटर में इकट्ठा करके सेव करता है। स्कैनर कागज़ से ली गई जानकारी को कम्प्यूटर स्क्रीन पर दिखाता है। स्कैनर दो भागों में मिलकर बना होता है।
पहला भाग किसी भी वस्तु का प्रतिबिंब बनाता है तथा दूसरा भाग उस प्रतिबिंब को डिजिटल फॉर्मेट में बदल देता है। इस डिजिटल फॉर्मेट को कम्प्यूटर में सेव किया जाता है। यह सेव किया गया प्रतिबिंब सीधे ही कम्प्यूटर द्वारा प्रोसैस किया जाता है। स्कैनर को किसी खास सॉफ्टवेयर के साथ प्रयोग करके हम स्कैन किए गए टैक्स्ट को कम्प्यूटर में एडिट भी कर सकते हैं। क्योंकि चैनल सीधे तौर पर स्रोत से इनपुट प्राप्त करता है इसलिए इसके द्वारा दिए गए इनपुट की क्वालिटी बहुत ही बढ़िया होती हैं।
वैब कैमरा (Web Camera)
वैब कैमरा एक इलेक्ट्रॉनिक कैमरे की तरह कार्य करता है। इसका मुख्य काम वीडियो इनपुट देना होता है। यह कैमरा इलेक्ट्रॉनिक तरीके से प्रतिबिंब लेकर उसको डिजिटल फॉर्मेट में बदल देता है। इस कैमरे के साथ तस्वीरें तथा वीडियो दोनों बनाई जा सकती हैं। इस वीडियो को हम कम्प्यूटर की मैमोरी में भी स्टोर कर सकते हैं तथा भविष्य में प्रयोग कर सकते हैं। यह कैमरे इंटरनैट पर भी प्रयोग किए जाते हैं तथा इनको वैबकैम कहा जाता है। इन कैमरों की सहायता से इंटरनैट पर हम अपने दोस्तों से बातचीत भी कर सकते हैं।
इस प्रक्रिया को टेली कॉन्फ्रेंसिंग कहा जाता है। इसमें कैमरे एक तरफ से इनपुट लेकर दूसरे कम्प्यूटर की स्क्रीन पर आऊटपुट दिखाते हैं। इन कैमरों को कम्प्यूटर के साथ तार द्वारा जोड़ा जाता है। कुछ कैमरों को ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी की सहायता से भी प्रयोग किया जा सकता है।
टचपैड (Touch Pad)
टचपैड भी एक प्रकार का इनपुट यंत्र है। इसका प्रयोग लैपटॉप कम्प्यूटर में किया जाता है। यह एक Touchpad छोटा सा पैनल होता है जो अक्सर लैपटॉप के बाहरी मध्य भाग में लगा होता है। इसका उपयोग लैपटॉप में उसके स्थान पर किया जाता है इसके साथ ही माऊस की तरह दो दाएं तथा बायें बटन लगे होते हैं। यह दोनों बटन माऊस के बटनों की तरह ही कार्य करते हैं। टचपैड के सर पर हम अपनी उंगली से माऊस करसर स्क्रीन पर कंट्रोल कर सकते हैं। बटनों की सहायता से हम क्लिक भी कर सकते हैं। इस प्रकार टचपैड का उपयोग माऊस के स्थान पर किया जा सकता है और इसके लिए हमें फ्लैट सर्फेस की आवश्यकता भी नहीं होती।
बारकोड रीडर (Bar Code Reader)
बारकोड रीडर भी एक इनपुट यंत्र होता है। इसका उपयोग विभिन्न प्रकार की मोटाई की लाइनों को रीड करने के लिए किया जाता है। इन विभिन्न मोटाई की लाइनों से जो आकृति बनती है उसे बारकोड कहते हैं। इसीलिए इन लाइनों को पढ़ने वाले यंत्र को बारकोड रीडर कहा जाता है। यह एक छोटे स्कैनर की तरह कार्य करता है जो ऑप्टिकल रूप से इन लाइनों की मोटाई तथा उनके बीच की दूरी को पढ़ता है तथा उस में स्टोर किए गए निर्देश को समझ सकता है। सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाला बारकोड यूनिवर्सल प्रोडक्ट कोड (UPC) है।
बारकोड रीडर लाइनों को पढ़ी जा सकने वाले शब्दावली में बदल देते हैं। इस यंत्र में कोड रीडर एक लाइट को बारकोड पर रखता है तथा उसके द्वारा रिफ्लेक्ट की गई लाइट को पढ़ता है। जब यह कोड पढ़ा जाता है तब लाइनों के पैटर्न को एक नंबर में बदल दिया जाता है। यह नंबर बारकोड द्वारा कम्प्यूटर में सेव किया जाता है तथा फिर इसका प्रयोग दूसरे पैटर्न से मिलान के लिए किया जाता है। इस यंत्र का उपयोग खरीदारी करने वाले मॉल तथा दुकानों में काफी होता है।
लाइट पेन (Light Pen) :
लाइट पेन एक पॉइंट करने वाला इनपुट यंत्र है जो एक साधारण पेन की तरह दिखाई देता है। यह कम्प्यूटर के साथ किसी तार के द्वारा जोड़ा गया होता है। यह पेन स्क्रीन पर विभिन्न गतिविधियाँ करने में प्रयोग किया जाता है। इस पेन में एक Light Sensitive Receptor लगा होता है। जब पेन स्क्रीन पर दबाकर चलाया जाता है तो यह पेन एक लाइट कम्प्यूटर स्क्रीन पर बैठाता है। इस पेन का सैंसर उस लाइट को पकड़ लेता है तथा उसको स्क्रीन पर दिखा देता है। यह पेन किसी अन्य प्रकार की लाइट नहीं ढूंढ सकता।
इस पेन में एक फोटो सैल होता है जो कि एक ट्यूब में होता है। जब इसको स्क्रीन पर चलाया जाता है तो यह किसी स्थान से आ रही लाइट को पकड़ लेता है। इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के दिख या कृतियों को स्क्रीन पर ड्रॉ करने के लिए किया जाता है। इसकी कार्यप्रणाली एक खास प्रकार के सॉफ्टवेयर द्वारा नियंत्रित की जाती है। इस पेन का सबसे ज्यादा उपयोग क्रिकेट के मैचों में किया जाता है। जब कमेंटेटर स्क्रीन पर फील्ड में खड़े किसी खिलाड़ी की स्थिति को दिखाना चाहते हैं।
जॉय स्टिक (Joy Stick)
जॉय स्टिक भी एक प्रकार का पॉइंट इन इनपुट यंत्र होता है। इसका उपयोग विभिन्न प्रकार की वीडियो गेम में किया जाता है। जॉय स्टिक में अक्सर एक आधार होता है तथा उसके ऊपर एक खड़ा लीवर लगा होता है। इस के कारण ही इस को लीवर कहा जाता है। यह यंत्र एक तार के द्वारा कम्प्यूटर से जुड़ा होता है। जब इस लीवर को इधर-उधर घुमाया जाता है तो यह अपने निर्देश के अनुसार कम्प्यूटर में कार्य करता है। इस लीवर की सहायता से स्क्रीन पर माऊस प्वाइंटर को भी कंट्रोल किया जा सकता है तथा वीडियो गेम में पूरी स्क्रीन या उसके खिलाड़ी को भी नियंत्रित किया जा सकता है।
इनपुट यन्त्र आजकल जॉय स्टिक की-बोर्ड के साथ जुड़े ही आते हैं। यह बहुत ही छोटे प्रकार की जॉय स्टिक होती है। इस स्टिक को केंद्रीय भाग द्वारा किसी भी दिशा में घुमाया जा सकता है। स्टिक का उपयोग अक्सर लैपटॉप में करसर को घुमाने के लिए किया जाता है। जब इस स्टिक को जिस दिशा में घुमाया जाता है तो उस दिशा वाला स्विच एक्टिवेट हो जाता है जो करसर को उस दिशा में जाने का निर्देश देता है। जॉय स्टिक को अक्सर यूएसबी तार द्वारा कम्प्यूटर से जोड़ा जाता है।
टच स्क्रीन (Touch Screen):
कम्प्यूटर को विभिन्न प्रकार का इनपुट देने के लिए विभिन्न प्रकार के यंत्रों तथा बटनों का उपयोग किया जाता है। परन्तु टच स्क्रीन एक ऐसा यंत्र है जिसमें व्यक्ति अपने हाथ की उंगलियों की सहायता से कम्प्यूटर को निर्देश दे सकता है। इसमें यूज़र सिर्फ अपने हाथ की उंगली से स्क्रीन को टच करके उसको आवश्यकतानुसार निर्देश दे सकता है। टच स्क्रीन में स्क्रीन के कॉर्नर से होरिजेंटल तथा वर्टिकल दिशा में प्रकाशित किरणें निकलती हैं। इन किरणों से एक अदृश्य ग्राफ सा बन जाता है। जब कोई यूज़र स्क्रीन को हाथ लगाता है तो इन रेखाओं के बीच में एक रुकावट पैदा होती है। जहाँ पर यह रुकावट पैदा हो रही होती है कम्प्यूटर स्क्रीन उस स्थान को चिन्हित कर लेती है तथा उस स्थान पर किए जाने वाले निर्देशों का पालन करती है।
टच स्क्रीन बहुत ही लाभदायक यंत्र है। इसके प्रयोग से हमें माऊस ट्रैकबॉल अथवा लाइट पेन जैसे यंत्रों की आवश्यकता नहीं पड़ती। यह स्क्रीन उन लोगों के लिए भी बहुत लाभदायक होती है जिनको किसी विशेष प्रकार का यंत्र चलाना नहीं आता। आजकल काफ़ी सार्वजनिक स्थानों पर इस प्रकार की स्क्रीनों का प्रयोग किया जाता है। सबसे आम प्रयोग में आने वाली बैंक की एटीएम मशीन होती है जिसकी स्क्रीन को हम टच करके अपने पैसे निकाल सकते हैं।
बायोमेट्रिक (Biometric)
बायोमेट्रिक मशीन की मदद से हम किसी भी व्यक्ति की पहचान उसके शरीर के अंगों को स्कैन करके कर सकते हैं। इस मशीन की सहायता से व्यक्तियों की उंगलियों के निशान 12:20 आंखों का पैटर्न, चेहरे आदि स्कैन किए जा सकते हैं। मशीन कई प्रकार की होती हैं। सबसे साधारण प्रकार की मशीन स्कूलों अस्पतालों आदि में हाजरी लगाने के कार्य में आती है। इसमें व्यक्ति निर्धारित स्थान पर अपनी एक उंगली रखता है तथा यह मशीन उस उंगली के निशानों का पैटर्न पहचान कर उस व्यक्ति की हाज़री लगा देती है।
इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर पैड (Electronic Signature Pad):
इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर पैड एक मशीन होती है। जिसकी सहायता से किसी व्यक्ति के हस्ताक्षर को डिजिटल रूप में बदला जाता है। इस मशीन में एक स्क्रीन होती हैं तथा एक पेन के आकार का स्टाइल होता है। इस पेन की सहायता से उस स्क्रीन पर लिखा जाता है तथा यह मशीन उसको सेव करके उस व्यक्ति के सिग्नेचर के साथ मिलान करती है।