Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar पारिभाषिक व्याकरण Exercise Questions and Answers, Notes.
PSEB 6th Class Hindi Grammar पारिभाषिक व्याकरण (2nd Language)
संज्ञा
प्रश्न 1.
संज्ञा की परिभाषा उदाहरण सहित लिखो।
अथवा
संज्ञा किसे कहते हैं? उदाहरण देकर स्पष्ट करो।।
उत्तर :
परिभाषा – किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, प्राणी, जाति, भाव आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं। जैसे –
- मेरा नाम ‘हरीश’ है। इनका नाम ‘सतीश’ है। आपका क्या ‘नाम’ है?
- यह ‘हाथी’ है। यह ‘खरगोश’ है। यह ‘मोर’ है।
- मैं ‘लुधियाना’ जा रहा हूँ।
- ‘नेकी’ कर कुएँ में डाल।
- ‘बैठना’ कहाँ है?
ऊपर के वाक्यों में ‘व्यक्तियों’, ‘पशुओं’, ‘स्थान’, ‘भाव’ आदि को उनके नामों से बताया गया है। अतः ये नाम ही संज्ञा हैं।
प्रश्न 2.
संज्ञा शब्दों में परिवर्तन किन कारणों से होता है?
उत्तर :
संज्ञा शब्दों में परिवर्तन तीन कारणों से होता है –
- लिंग
- वचन
- कारक।
लिंग के कारण – बालक – बालिका
वचन के कारण – बालक – बालकों
कारक के कारण – बालक – बालकों ने, बालकों के लिए।
प्रश्न 3.
संज्ञा के कितने भेद होते हैं?
उत्तर :
संज्ञा के तीन भेद होते हैं
- व्यक्तिवाचक संज्ञा
- जातिवाचक संज्ञा
- भाववाचक संज्ञा।
प्रश्न 4.
व्यक्तिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं? उदाहरण देकर स्पष्ट करो।
उत्तर :
जो संज्ञा शब्द किसी एक ही पुरुष, स्थान, वस्तु के नाम को प्रकट करे, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे
- आज़ ‘अर्जुन’ जैसा वीर कौन है?
- ‘अमृतसर’ पंजाब का प्रसिद्ध शहर है।
- ‘चाँद’ कितना सुन्दर है।
ऊपर के वाक्यों में ‘अर्जुन’ एक विशेष पुरुष का नाम है। ‘अमृतसर’ एक विशेष स्थान का नाम है। ‘चाँद’ एक विशेष वस्तु का नाम है।
‘अर्जुन’, ‘अमृतसर’, ‘चाँद’ – इन शब्दों से केवल एक विशेष व्यक्ति का बोध होता है। ये ‘व्यक्तिवाचक’ संज्ञाएँ हैं।
प्रश्न 5.
जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं? उदाहरण देकर स्पष्ट करो।
उत्तर :
जो संज्ञा शब्द एक जाति के सभी पुरुषों, स्थानों या वस्तुओं के नाम का बोध कराए, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे –
‘गधा’ बड़े काम का जीव है।
‘शहर’ साफ़ – सुथरे होते हैं।
‘बोतल’ फर्श पर गिरते ही टुकड़े – टुकड़े हो गई।
ऊपर के वाक्यों में ‘गधा’ कहने से उसकी जाति के सभी गधों का बोध होता है। ‘शहर’ कहने से उसकी जाति के सभी शहरों का बोध होता है। ‘बोतल’ कहने से उसकी जाति की सभी बोतलों का बोध होता है। अत: ‘गधा’, ‘शहर’, ‘बोतल’ शब्दों से उनकी जाति के सभी प्राणियों या पदार्थों का बोध होता है, ये जातिवाचक संज्ञाएँ हैं।
प्रश्न 6.
भाववाचक संज्ञा का लक्षण सोदाहरण लिखो।।
उत्तर :
जो संज्ञा शब्द किसी दशा, गुण या व्यापार के नाम को प्रकट करे उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे –
- ‘बुढ़ापे’ में उसकी कमर टेढ़ी हो गई।
- ‘भलाई’ करने से आनन्द मिलता है।
- देखो, हाथी की ‘चाल’ देखो।
ऊपर के वाक्यों में ‘बुढ़ापा’ एक दशा का नाम है। ‘भलाई’ एक गुण का नाम है। ‘चाल’ एक व्यापार का नाम है। ‘बुढ़ापा’, ‘भलाई’, ‘चाल’ शब्द मन की दशा, गुण, व्यापार को प्रकट करते हैं। अतः ये भाववाचक संज्ञाएँ हैं।
प्रश्न 7.
भाववाचक संज्ञा कितने प्रकार के शब्दों से बनती है?
उत्तर :
भाववाचक संज्ञा तीन प्रकार के शब्दों से बनती है
- जातिवाचक संज्ञा शब्दों से
- विशेषण शब्दों से
- क्रिया शब्दों से
- सर्वनाम शब्दों से।
जैसे –
- बच्चो ! बचपन को केवल खेल – कूद में ही न गँवाओ।
- मीठा आम लाओ, इसमें मिठास कम है।
- दौड़ना एक अच्छी कसरत है। उसे दौड़ में इनाम मिला।
- अपने बेटे को देखकर माँ का अपनापन जाग उठा।
ऊपर के वाक्यों में –
‘बच्चो’ जातिवाचक संज्ञा है, उससे ‘बचपन’ भाववाचक संज्ञा बनी।
‘मीठा’ विशेषण है, उससे ‘मिठास’ भाववाचक संज्ञा बनी।
‘दौड़ना’ क्रिया है, उससे ‘दौड़’ भाववाचक संज्ञा बनी।
‘अपना’ सर्वनाम है, उससे ‘अपनापन’ भाववाचक संज्ञा बनी।
भाववाचक संज्ञा शब्दों के कुछ उदाहरण
1. जातिवाचक संज्ञा शब्दों से निर्मित
- जातिवाचक संज्ञा – भाववाचक संज्ञा
- बालक – बालकपन
- बूढ़ा – बुढ़ापा
- बच्चा – बचपन
- दोस्त – दोस्ती
- लड़का – लड़कपन
- मित्र – मित्रता
- मनुष्य – मनुष्यता
- जवान – जवानी
- चोर – चोरी
- दास – दासता
2. विशेषण शब्दों से निर्मित
- विशेषण – भाववाचक संज्ञा
- ठंडा – ठंडक
- मोटा – मोटाई
- हरा – हरापन
- चौड़ा – चौड़ाई
- सुन्दर – सुन्दरता
- चतुर – चतुराई
- दुष्ट – दुष्टता
- कड़वा – कड़वापन
- भला – भलाई
- भोला – भोलापन
3. क्रिया शब्दों से निर्मित
- क्रिया – भाववाचक संज्ञा
- लड़ना – लड़ाई
- पीटना – पिटाई
- पढ़ना – पढ़ाई
- चढ़ना – चढ़ाई
- लिखना – लिखावट
- मिलाना – मिलावट
- हँसना – हँसी
- बहना – बहाव
- जीतना – जीत
- उतरना – उतराई
4. सर्वनाम शब्दों से निर्मित शब्द
- सर्वनाम – भाववाचक संज्ञा
- अपना – अपनापन, अपनत्व
- स्व – स्वता, स्वत्व
- मेरा – मेरापन
- अहं – अहंकार
- मम – ममता, ममत्व
लिंग
प्रश्न 1.
लिंग किसे कहते हैं? हिन्दी में लिंग के कितने भेद हैं?
उत्तर :
संज्ञा के जिस रूप से पुरुष या स्त्री जाति का बोध हो उसे लिंग कहते हैं।
हिन्दी में लिंग दो होते हैं –
- पुल्लिग
- स्त्रीलिंग।
प्रश्न 2.
पुल्लिग किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखो।
उत्तर :
संज्ञा के जिस रूप से ‘पुरुष’ जाति का बोध हो उसे पुल्लिग कहते हैं। जैसे –
- लड़का खेलता है।
- धोबी कपड़े धोता है।
- मोर नाचता है।
- बैल हल खींचता है।
- यह पहाड़ ऊँचा है।
ऊपर दिए गए वाक्यों में लड़का’, ‘धोबी’, ‘मोर’, ‘बैल’, ‘पहाड़’ आदि शब्द संज्ञाएँ हैं। इनसे ‘पुरुष जाति’ का बोध होता है। ये पुल्लिग हैं।
प्रश्न 3.
स्त्रीलिंग किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखो।
उत्तर :
संज्ञा के जिस रूप से ‘स्त्री’ जाति का बोध हो, उसे स्त्रीलिंग कहते हैं। जैसे –
- लड़की गीत गाती है।
- धोबिन कपड़े सुखाती है।
- मोरनी फूली नहीं समाती।
- गाय दूध देती है।
- यह पहाड़ी नीची है।
ऊपर दिए गए वाक्यों में लड़की, धोबिन, मोरनी, गाय, पहाड़ी आदि शब्द संज्ञाएँ हैं। इनसे ‘स्त्री जाति’ का बोध होता है। ये स्त्रीलिंग हैं।
वचन
प्रश्न 4.
वचन किसे कहते हैं और वचन कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर :
संज्ञा के जिस रूप से किसी वस्तु के एक अथवा अनेक होने का बोध हो, उसे वचन कहते हैं।
हिन्दी में दो वचन हैं –
(i) एकवचन
(ii) बहुवचन।
(i) एकवचन – संज्ञा का जो रूप एक ही वस्तु का बोध कराए, उसे एकवचन कहते हैं। जैसे – लड़की, घोड़ा, बहन आदि।।
(ii) बहुवचन – संज्ञा का जो रूप एक से अधिक वस्तुओं का बोध कराए, उसे बहुवचन कहते हैं, जैसे – लड़कियाँ, घोड़े, बहनें आदि।
कारक
प्रश्न 5.
कारक किसे कहते हैं? उदाहरण सहित स्पष्ट करो।
उत्तर :
संज्ञा या सर्वनाम का सम्बन्ध वाक्य के दूसरे शब्दों के साथ प्रकट करने वाले शब्द रूप को कारक कहते हैं।
राम ने रोटी खाई।
मालिक ने नौकर को बुलाया।
पेड़ से फल गिरा।
यह पुस्तक रवि के लिए है।
ऊपर के वाक्यों में रेखांकित शब्द ने, को, से, के लिए आदि संज्ञा शब्द का सम्बन्ध शेष वाक्य के साथ जोड़ते हैं। इन शब्द रूपों को ‘कारक’ कहा जाता है।
प्रश्न 6.
कारक कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर :
हिन्दी में आठ कारक हैं –
- कारक – कारक चिह्न
- कर्ता – ने
- कर्म – को
- करण – से, के साथ, द्वारा
- सम्प्रदान – को, के लिए
- अपादान – से (अलग होने में)
- सम्बन्ध – का, के, की, रा, रे, री
- अधिकरण – में, पर
- सम्बोधन – हे, रे, अरे।
1. कर्ता – जिससे कार्य करने वाले का बोध हो, उसे कर्ता कारक कहते हैं। इसका चिह्न ‘ने’ है। जैसे
धोबी ने कपड़े धोए।
इस वाक्य में धोने का काम धोबी करता है। यहाँ धोबी कर्ता कारक है।
2. कर्म – क्रिया का फल जिस पर पड़े, उसे कर्म कारक कहते हैं। इसका चिहन ‘को’ है। जैसे –
माली ने राम को फूल दिया।
यहाँ क्रिया देने का फल ‘राम’ पर पड़ा है। अतः राम कर्म कारक है।
3. करण – जिससे साधन का बोध हो, उसे करण कारक कहते हैं। इसके चिह्न ‘से’ और ‘द्वारा’ हैं। जैसे –
रमेश पेन्सिल से लिखता है।
यहां ‘पेन्सिल’ लिखने का साधन है। पेन्सिल करण कारक है।
4. सम्प्रदान – जिसके लिए कर्ता काम करे उसे सम्प्रदान कारक कहते हैं। इसके चिह्न हैं – को, के लिए। जैसे –
यह पुस्तक राम के लिए है।
उसने लड़के को पढ़ाया।
यहाँ पुस्तक लाने का कार्य राम के लिए किया गया है। दूसरे वाक्य में पढ़ाने का कार्य लड़के के लिए किया गया है। यहाँ राम और लड़का सम्प्रदान कारक हैं।
5. अपादान कारक – जिससे किसी के अलग होने का पता चले, उसे ‘अपादान’ कारक कहते हैं। इसका चिह्न ‘से’ है। जैसे –
वृक्ष से पत्ते गिरते हैं।
इस वाक्य में पत्ते ‘वृक्ष’ से गिरते हैं। ‘वृक्ष’ अपादान कारक है।
6. सम्बन्ध – जिस रूप से एक शब्द का दूसरे शब्द से सम्बन्ध प्रकट हो, उसे सम्बन्ध कारक कहते हैं। इसका चिह्न ‘का’, ‘के’, ‘की’, ‘रा’, ‘रे’, ‘री’ है। जैसे –
राम की पुस्तक नई है।
इस वाक्य में पुस्तक का सम्बन्ध ‘राम’ से पाया जाता है। ‘राम’ सम्बन्ध कारक है।
7. अधिकरण – क्रिया के आधार को अधिकरण कारक कहते हैं। इसके चिहन ‘में’ और ‘पर’ हैं। जैसे –
शीशी में तेल डालो। मेज़ पर किताब रखी है।
यहाँ तेल का आधार शीशी है। ‘शीशी’ अधिकरण कारक है। ‘किताब’ का आधार ‘मेज़’ है। इस वाक्य में ‘पर’ अधिकरण कारक है।
8. सम्बोधन – संज्ञा के जिस रूप से किसी को पुकारा जाए, उसे सम्बोधन कारक कहते हैं। इसके चिह्न हे, रे, अरे, हैं। जैसे –
हे राम ! मेरी बात सुनो।
इस वाक्य में राम को पुकारा गया है। यहाँ ‘राम’ सम्बोधन कारक है।
सर्वनाम
प्रश्न 1.
सर्वनाम किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखो।
उत्तर :
जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त हो; उसे सर्वनाम कहते हैं। जैसे – मैं, हम, तुम, आप, यह, वह, वे, कौन आदि।
उदाहरण –
- बिल्ली आई और वह सारा दूध पी गई।
- पिता ने पुत्र से पूछा – “तू क्या कर रहा है?”
- रोहित ने उत्तर दिया – “मैं स्कूल का काम कर रहा हूँ।”
ऊपर के वाक्यों में ‘वह’ बिल्ली के स्थान पर आया है।
‘तू’ पुत्र के स्थान पर आया है।
‘मैं’ रोहित के स्थान पर आया है।
इन वाक्यों में ‘वह’, ‘तू’, ‘मैं’ शब्द सर्वनाम हैं।
सर्वनाम के पाँच भेद हैं –
- पुरुषवाचक सर्वनाम
- निश्चयवाचक सर्वनाम
- अनिश्चयवाचक सर्वनाम
- सम्बन्धवाचक सर्वनाम
- प्रश्नवाचक सर्वनाम।
1. पुरुषवाचक सर्वनाम – जिस सर्वनाम से पुरुष का बोध हो, उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे
(क) देव ने कहा – “मैं सुलेख लिखता हूँ।”
(ख) भाई ! तू क्यों चुपचाप बैठा है।
(ग) श्याम बैठा है, वह लिख भी रहा है।
यहाँ ‘मैं’, ‘तू’, ‘वह’ – ये ऐसे सर्वनाम हैं जिनसे किसी – न – किसी पुरुष का बोध होता है। ये ‘पुरुषवाचक सर्वनाम हैं।
नोट – ‘यह’, ‘वह’ एकवचन सर्वनाम हैं। इनका बहुवचन ‘ये’, ‘वे’ हैं।
2. निश्चयवाचक सर्वनाम – जिस सर्वनाम से किसी बात का निश्चय प्रकट हो, उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे –
इन कमीज़ों में ‘यह’ अच्छी है, वह नहीं।
इस वाक्य में ‘यह’, ‘वह’ निश्चित कमीज़ के स्थान पर आया है।
3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम – जिस सर्वनाम से निश्चय प्रकट न हो, उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे –
(क) आज कुछ होने वाला है।
(ख) सम्भव है आज कोई आ जाए।
इन वाक्यों में ‘कुछ’ और ‘कोई’ ऐसे सर्वनाम हैं जिनसे निश्चय प्रकट नहीं होता।
नोट – ‘कोई’ सजीव के लिए आता है और ‘कुछ’ निर्जीव के लिए।
4. सम्बन्धवाचक सर्वनाम – जिस सर्वनाम से एक बात का दूसरी बात से सम्बन्ध प्रकट हो उसे सम्बन्धवाचक सर्वनाम कहते हैं।
(क) जो करेगा सो भरेगा।
(ख) जिसकी लाठी उसकी भैंस।
इन वाक्यों में ‘जो’, ‘सो’ और ‘जिसकी’, ‘उसकी’ ऐसे सर्वनाम हैं जो वाक्यों में सम्बन्ध जोड़ते हैं।
5. प्रश्नवाचक सर्वनाम – जिस सर्वनाम से प्रश्न का बोध हो, उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे
(क) आप क्या पढ़ रहे हैं?
(ख) मेला देखने कौन जाएगा?
इन वाक्यों में ‘क्या’, ‘कौन’ से प्रश्न का बोध होता है।
नोट – ‘कौन’ सजीव के लिए आता है और ‘क्या’ निर्जीव के लिए।
विशेषण
प्रश्न 1.
विशेषण किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखें।
उत्तर :
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता प्रकट करें, उसे विशेषण कहते हैं। जिस शब्द की विशेषता प्रकट की जाए, उसे विशेष्य कहते हैं।
(क) वीर पुरुष लड़ते हैं।
(ख) संतरा मीठा है।
(ग) पाण्डव पाँच भाई थे।
पुरुष कैसा है? ‘वीर’।
संतरा कैसा है? ‘मीठा’।
कितने भाई? ‘पाँच।
यहाँ ‘पुरुष’, ‘संतरा’ और ‘पाण्डव’ शब्द संज्ञा हैं और ‘वीर’, ‘मीठा’, ‘पाँच’ शब्द इन संज्ञा शब्दों की विशेषता प्रकट करते हैं। ये विशेषण हैं।
प्रश्न 2.
विशेषण के कितने भेद होते हैं?
उत्तर :
विशेषण के चार भेद हैं
1. गुणवाचक विशेषण – जो संज्ञा, सर्वनाम के गुण, दोष या दशा को प्रकट करे, उसे गुणवाचक विशेषण कहते हैं। जैसे
(क) हरी घास पर ओस अच्छी लगती है।
(ख) गीदड़ डरपोक होता है।
इन वाक्यों में ‘हरी’, ‘डरपोक’ शब्द विशेषण हैं, जो क्रमशः ‘घास’ और ‘गीदड़’ के गुण को प्रकट करते हैं।
2. संख्यावाचक विशेषण – जो संज्ञा, सर्वनाम की संख्या को प्रकट करे, उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। जैसे –
(क) छठी श्रेणी में पचास लड़कियाँ पढ़ती हैं।
(ख) दोनों बालक भले हैं।
इन वाक्यों में ‘छठी’, ‘पचास’, ‘दोनों’ विशेषण की संख्या को प्रकट करते हैं।
3. परिमाणवाचक विशेषण – जो संज्ञा, सर्वनाम के परिमाण को प्रकट करे, उसे ‘परिमाणवाचक विशेषण’ कहते हैं।
(क) प्यासे को कुछ पानी दो।
(ख) बिल्ली सारा दूध पी गई।
(ग) दो मीटर कपड़ा दे दो।
इन वाक्यों में ‘कुछ’, ‘सारा’, ‘दो’ विशेषण विशेष्य के परिमाण को प्रकट करते हैं।
4. सार्वनामिक विशेषण – जो सर्वनाम किसी संज्ञा की विशेषता प्रकट करे उसे ‘सार्वनामिक विशेषण’ कहते हैं।
(क) वह पुस्तक कहाँ है, जो कल खरीदी थी?
(ख) यह बालक कौन है, जो यहाँ खड़ा है?
इन वाक्यों में ‘वह’, ‘यह’ दोनों सर्वनाम संज्ञा की विशेषता को प्रकट करते हैं।