Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Hindi Rachana Patr Lekhan पत्र-लेखन Exercise Questions and Answers, Notes.
PSEB 6th Class Hindi रचना पत्र-लेखन
1. नई कक्षा तथा विद्यालय के प्रथम दिन के अनुभव का वर्णन करते हुए अपने पिता को पत्र लिखिए।
रेलवे कालोनी
होशियारपुर।
30 अप्रैल, 20…
पूज्य पिता जी,
सादर प्रणाम।
मैं आपके आशीर्वाद से छठी कक्षा में हो गया हूँ। मैंने कल छठी-अ में दाखिला ले लिया था। कल मेरा स्कूल में प्रथम दिन था। मेरे स्कूल का वातावरण बहुत अच्छा एवं सुंदर है। प्रांगण में अनेक वृक्ष खड़े हैं। मेरी कक्षा का कमरा स्कूल के मध्य में स्थित है। हमारे कक्षा अध्यापक का नाम श्री हरीश भारती है। वे हमें हिंदी विषय पढ़ाएंगे। वे बहुत अच्छे हैं। मैं अपनी कक्षा का मॉनीटर बन गया हूँ।
हमारे स्कूल के कमरे स्वच्छ एवं विशाल हैं। कल प्रात: 8 बजे विद्यालय की प्रातः सभा हुई। इसमें अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किए गए। प्रथम दिन अनेक बच्चों ने अपने अनुभव
साझा किए। कुल मिलाकर मेरा प्रथम दिन बहुत अच्छा रहा। मुझे विश्वास है कि मैं इस बार भी मन लगाकर पढूँगा और कक्षा में भी प्रथम स्थान प्राप्त करूंगा।
आपका सुपुत्र
चारमनजीत।
2. अपने चाचा जी को जन्मदिन पर भेजे गए उपहार के लिए धन्यवाद देते हुए पत्र लिखें।
परीक्षा भवन,
…… शहर।
12 अगस्त, 20….
पूज्य चाचा जी,
सादर प्रणाम।
मेरे जन्म-दिन पर आपका भेजा हुआ पार्सल प्राप्त हुआ। जब मैंने इस पार्सल को खोल कर देखा तो उसमें एक सुन्दर घड़ी देखकर मन अतीव प्रसन्न हुआ। कई वर्षों से इसका अभाव मुझे खटक रहा था।
कई बार विद्यालय जाने में भी विलम्ब हो जाता था। निस्सन्देह अब मैं अपने आपको नियमित बनाने का प्रयत्न करूँगा। इसको पाकर मुझे असीम प्रसन्नता हुई। इसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
पूज्य चाची जी को चरण वंदना। भाई को नमस्ते। बहन को प्यार।
आपका प्रिय भतीजा
विश्वजीत सिंह।
3. मित्र को परीक्षा में प्रथम आने पर बधाई पत्र लिखें।
208, प्रेम नगर,
लुधियाना।
11 अप्रैल, 20…
प्रिय मित्र सुरेश,
नमस्ते।
कल ही तुम्हारा पत्र मिला। यह पढ़ कर बहुत खुशी हुई कि तुम सातवीं कक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हो गए हो। मेरी ओर से अपनी इस शानदार सफलता पर हार्दिक बधाई स्वीकार करो। मैं कामना करता हूँ कि तुम अगली परीक्षा में भी इसी प्रकार सफलता प्राप्त करोगे। मैं एक बार फिर बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।
अपने माता-पिता को मेरा प्रणाम कहना।
तुम्हारा मित्र,
अशोक।
4. अपने बड़े भाई को स्कूल के वार्षिकोत्सव का वर्णन करते हुए पत्र लिखें।
परीक्षा भवन,
…….. नगर।
16 फरवरी, 20…
पूज्य भाई जी,
सादर प्रणाम।
तीन-चार दिन हुए मुझे आपका पत्र मिला। पत्र का उत्तर देने में मुझे इसलिए देरी हो गई क्योंकि मैं अपने स्कूल के वार्षिक उत्सव की तैयारी में व्यस्त रहा। अब मैं इस उत्सव की संक्षिप्त-सी झलक पत्र द्वारा प्रस्तुत कर रहा हूँ।
इस वर्ष यह उत्सव 14 फरवरी को विद्यालय में वार्षिक उत्सव बड़ी धूमधाम से सम्पन्न हुआ। इसके लिए कई दिनों से तैयारियां की जा रही थीं। उत्सव के दिन सारा स्कूल नववधू की तरह सजा हुआ था। राज्य के शिक्षामन्त्री जी इस उत्सव के प्रधान थे।ज्यों ही उनकी कार स्कूल के मुख्य द्वार के सामने आकर रुकी, स्कूल के बैण्ड ने उनके स्वागत में सुरीली धुन बजाई। फिर मुख्याध्यापक जी तथा अन्य अध्यापकगण ने उनका स्वागत किया और उन्हें फूल मालाएँ पहनाई गईं। शिक्षामन्त्री के मंच पर विराजते ही सारा पण्डाल तालियों की ध्वनि से गूंज उठा। तत्पश्चात् विद्यार्थियों ने गीत, कविताएँ, नाटक इत्यादि मनोरंजक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। अन्त में मुख्याध्यापक जी ने स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट पढ़ कर सुनाई। इसके बाद शिक्षामन्त्री ने पुरस्कार बाँटे और एक छोटा-सा भाषण दिया। उन्होंने अपने भाषण में कहा किआप सब विद्यार्थी देश की दौलत हैं। सदा अपने कर्त्तव्यों का पालन करते हुए देश के सच्चे नागरिक बनो। तभी हमारे देश का उद्धार होगा।
यदि आप इस अवसर पर होते तो बहुत प्रसन्न होते । माता जी को मेरा सादर प्रणाम ।
आपका छोटा भाई
राकेश कुमार।
5. अपनी कक्षा के सभी छात्रों की ओर से पिकनिक आयोजन हेतु प्रधानाचार्य को प्रार्थना पत्र लिखिए।
सेवा में,
प्रधानाचार्य जी
शहीद भगत सिंह स्कूल
अमृतसर।
महोदय
सविनय निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय में छठी कक्षा का छात्र हूँ। मेरी कक्षा के सभी छात्र पहाड़ी क्षेत्र में पिकनिक पर जाना चाहते हैं। हमने पिकनिक पर जाने के लिए पैसे भी इकट्ठे कर लिए हैं। हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि हम पिकनिक पर जाकर भी अनुशासन का पूर्ण ध्यान रखेंगे। कोई भी ऐसा कार्य नहीं करेंगे जिससे हमारे स्कूल का नाम खराब हो।
मैं आपसे प्रार्थना करता हूँ कि आप हमारे साथ दो-तीन अध्यापक भेजने का कष्ट करें। हमें पिकनिक पर जाने की अनुमति प्रदान करने की कृपा करें । मैं आपका सदा आभारी रहूंगा। सधन्यवाद।
आपका आज्ञाकारी शिष्य
रणजीत सिंह
कक्षा-छठी।
दिनांक : 3 मार्च, 20….
6. बड़ी बहन के विवाह हेतु दो दिन का अवकाश मांगते हुए प्रधानाचार्य को प्रार्थना-पत्र लिखिए
सेवा में,
प्रधानाचार्य जी
विश्व भारती विद्यालय
होशियारपुर।
महोदय,
सविनय निवेदन यह है कि मेरी बड़ी बहन का विवाह 13 मार्च को होना निश्चित हुआ है। मेरा उसमें सम्मिलित होना ज़रूरी है। इसलिए मैं दो दिन विद्यालय में नहीं आ सकता। गा मुझे 13 से 14 मार्च का दो दिन का अवकाश दें। आपकी अति कृपा होगी।
धन्यवाद।
आपका आज्ञाकारी शिष्य
हरमन कक्षा छठी
दिनांक 12 मार्च, 20…
7. अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को प्रार्थना पत्र लिखिए जिसमें किसी दूसरे विद्यालय से मैच खेलने की अनुमति मांगी गई हो।
सेवा में,
प्रधानाचार्य जी
भारती पब्लिक स्कूल
अमृतसर।
महोदय,
सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय में छठी कक्षा का छात्र हूँ। मैं विद्यालय का अच्छा फुटबाल खिलाड़ी हूँ। मैंने पिछले वर्ष भी अच्छा प्रदर्शन किया है। हमारे स्कूल की टीम ने भी पिछले साल ट्राफी जीती थी। हम इस बार भी दूसरे विद्यालय के साथ फुटबाल मैच खेलना चाहते हैं। मैं अपनी टीम का कप्तान हूँ। मेरी टीम में सभी अच्छे खिलाड़ी हैं। मुझे विश्वास है कि इस बार भी हम अवश्य जीतेंगे।
अतः आप हमें फुटबाल मैच खेलने की अनुमति देने की कृपा करें। आपकी अति कृपा होगी।
सधन्यवाद।
आपका आज्ञाकारी शिष्य
अमरजीत
कक्षा-छठी
रोल नं. 13
दिनांक-9 नवंबर, 20…
8. अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को चरित्र प्रमाण पत्र प्रदान करने हेतु पत्र लिखिए।
सेवा में,
प्रधानाचार्य जी
संस्कृति मॉडल स्कूल
चंडीगढ़।
महोदय,
सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके स्कूल की छठी कक्षा की छात्रा हूँ। मैं पढ़ने में भी बहुत मेधावी हूँ। मैंने इस स्कूल में पांचवीं कक्षा में प्रथम स्थान पाया था। इसके साथ-सा मैं अन्य सभी गतिविधियों में भी निरंतर भाग लेती हूँ। मुझे किसी कार्य के लिए चरित्र प्रमाण पत्र की ज़रूरत है।
अतः आप मेरा चरित्र प्रमाण पत्र प्रदान करने की कृपा करें। मैं सदा आपकी आभारी रहूँगी। धन्यवाद।
आप की आज्ञाकारी शिष्या
हरमनप्रीत कौर
कक्षा-छठी।
दिनांक : 15 मार्च, 20…..
9. अपने मुख्याध्यापक को बीमारी के कारण अवकाश लेने के लिए एक पत्र लिखो।
सेवा में
मुख्याध्यापक,
एस० डी० उच्च विद्यालय,
जालन्धर।
मान्यवर,
सविनय निवेदन यह है कि मुझे कल शाम से बुखार है जिस कारण मैं कक्षा में उपस्थित नहीं हो सकता। इसलिए मुझे एक दिन का अवकाश देने की कृपा करें। मैं आपका बहुत आभारी रहूँगा।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
धीरज कुमार।
कक्षा छठी ‘ए’
तिथि 12 अगस्त, 20….
10. किसी आवश्यक कार्य के अवकाश के लिए प्रार्थना-पत्र।
सेवा में
मुख्याध्यापक,
श्री पार्वती जैन उच्च विद्यालय,
लुधियाना।
महोदय,
सविनय निवेदन यह है कि आज मुझे घर पर बहुत ही आवश्यक कार्य पड़ गया है जिस कारण मैं विद्यालय में उपस्थित नहीं हो सकता। कृपया मुझे एक दिन का अवकाश दें। मैं आपका आभारी रहूँगा।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
रवि शर्मा।
कक्षा छठी ‘क’
तिथि 5 दिसम्बर, 20… .
11. स्कूल छोड़ने का प्रमाण-पत्र लेने के लिए प्रार्थना-पत्र।
सेवा में
मुख्याध्यापक,
आर्य उच्च विद्यालय,
नवांशहर।
मान्यवर,
सविनय निवेदन यह है कि मेरे पिता जी का स्थानान्तरण फिरोज़पुर हो गया है। इसलिए हम सब यहाँ से जा रहे हैं। मेरा अकेला यहाँ रहना बड़ा मुश्किल है। अतः मुझे विद्यालय छोड़ने का प्रमाण-पत्र देने की कृपा करें। जिससे मुझे फिरोजपुर में अपनी पढ़ाई जारी रखने में असुविधा न हो। मैं आपका बहुत आभारी रहूँगा।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
ललित मोहन।
छठी ‘बी’
तिथि 15 सितम्बर, 20….
12. फीस मुआफी के लिए प्रार्थना-पत्र।
सेवा में
मुख्याध्यापिका,
शिव देवी कन्या उच्च विद्यालय,
फिरोज़पुर।
महोदया,
विनम्र निवेदन है कि मैं आपके स्कूल में छठी कक्षा की छात्रा हूँ। मेरे पिता जी एक छोटे-से दुकानदार हैं। उनकी मासिक आय बहुत ही कम है जिससे घर का निर्वाह होना बहुत मुश्किल है। अतः मेरे पिता जी मेरी फीस देने में असमर्थ हैं लेकिन मुझे पढ़ने का बहुत शौक है। मैं अपनी कक्षा में हमेशा प्रथम आती हूँ, खेलने में भी मेरी काफ़ी रुचि है। अत: आप मेरी फीस माफ कर मुझे कृतार्थ करें। आपकी अति कृपा होगी।
आपकी आज्ञाकारी शिष्या,
अनुराधा कुमारी।
कक्षा छठी ‘ए’
तिथि 16 जुलाई, 20….
13. जुर्माना माफ करवाने के लिए प्रार्थना-पत्र।
सेवा में
प्रधानाचार्य
आदर्श शिक्षा केन्द्र,
नकोदर।
महोदय,
सविनय निवेदन यह है कि पिछले सोमवार हमारे गणित के अध्यापक को टैस्ट लेना था। मेरे माता जी उस दिन बहत बीमार थे। घर में मेरे अतिरिक्त उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था। इसलिए मैं टैस्ट देने के लिए उपस्थित न हो सका। मेरे अध्यापक ने मुझे बीस रुपए विशेष जुर्माना किया है। मेरे पिता जी एक ग़रीब आदमी हैं। वे जुर्माना नहीं दे सकते। मैं गणित में सदैव अच्छे अंक लेता रहा हूँ। अतः आप मेरा जुर्माना माफ कर दें।
धन्यवाद सहित।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
राकेश कुमार शर्मा।
कक्षा छठी ‘ए’
तिथि 19 नवम्बर; 20…
14. मुहल्ले की सफ़ाई के लिए स्वास्थ्याधिकारी (हैल्थ आफिसर) को प्रार्थनापत्र लिखो।
सेवा में
स्वास्थ्य अधिकारी,
नगर निगम,
जालन्धर।
महोदय,
सविनय निवेदन यह है कि हमारे किला मुहल्ला में नगर निगम की ओर से सफ़ाई के लिए राम प्रकाश नामक जो कर्मचारी नियुक्त किया हुआ है वह अपना काम ठीक ढंग से नहीं करता। न तो वह गली की सफ़ाई ही अच्छी तरह से करता है और न ही नालियों को साफ़ करता है। गन्दे पानी से मुहल्ले की सभी नालियाँ भरी पड़ी हैं। जगह-जगह गन्दगी के ढेर लगे रहते हैं। हमने उसे कई बार ठीक तरह से काम करने के लिए कहा है परन्तु उस पर कहने का ज़रा भी असर नहीं होता। यदि सफ़ाई की कुछ दिन यही दशा रही तो कोई-न-कोई भयानक रोग अवश्य फूट पड़ेगा। इसलिए आप से यह प्रार्थना है कि आप या तो उसे बदल दीजिए या ठीक प्रकार से काम करने के लिए सावधान कर दीजिए।
धन्यवाद।
भवदीय,
शामलाल शर्मा।
तिथि 14 जून, 20….
15. पोस्ट मास्टर को डाकिये की लापरवाही के विरुद्ध शिकायती-पत्र लिखो।
109, रेलवे कॉलोनी,
बटिण्डा,
30 जुलाई, 20….
सेवा में
पोस्ट मास्टर,
बटिण्डा।
महोदय,
निवेदन है कि हमारे मुहल्ले का डाकिया सुन्दर सिंह बहुत आलसी और लापरवाह है। वह ठीक समय पर पत्र नहीं पहुँचाता। कभी-कभी तो हमें पत्रों का उत्तर देने से भी वंचित रहना पड़ता है। इसके अतिरिक्त वह बच्चों के हाथ पत्र देकर चला जाता है। उसे वे इधरउधर फेंक देते हैं। कल ही रामनाथ का पत्र नाली में गिरा हुआ पाया गया। हमने उसे कई बार सावधान किया है पर वह आदत से मजबूर है।
अतः आपसे विनम्र प्रार्थना है कि या तो इसे आगे के लिए समझा दें या कोई और डाकिया नियुक्त कर दें ताकि हमें और हानि न उठानी पड़े।
धन्यवाद।
भवदीय,
चाँद सिंह, जगन्नाथ,
दरबारा सिंह, दया राम।
निवासी रेलवे कॉलोनी।
16. पुस्तकें मंगवाने के लिए पुस्तक विक्रेता को प्रार्थना-पत्र।
सेवा में
प्रबन्धक,
ऐम० बी० डी० हाउस,
रेलवे रोड,
जालन्धर।
महोदय,
निवेदन है कि आप निम्नलिखित पुस्तकें वी० पी० पी० द्वारा शीघ्र ही नीचे लिखे पते पर भेज दें। पुस्तकें भेजते समय इस बात का ध्यान रखें कि कोई पुस्तक मैली और फंटी हुई न हो। सभी पुस्तकें छठी श्रेणी के लिए तथा नए संस्करण की हों। आपकी अति कृपा होगी।
1. ऐम० बी० डी० हिन्दी गाइड (प्रथम भाषा) 10 प्रतियां
2. ऐम० बी० डी० इंग्लिश गाइड 10 प्रतियां
3. ऐम० बी० डी० पंजाबी गाइड 8 प्रतियां
भवदीय मनोहर लाल (मुख्याध्यापक)
आर्य हाई स्कूल,
नवां शहर।
तिथि 15 मई, 20…
17. मान लो आपका नाम सुरिन्द्र है और आप एस० डी० हायर सैकेंडरी स्कूल जालन्धर में पढ़ते हैं। अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को पत्र लिखो जिसमें किसी स्कूल फण्ड से पुस्तकें लेकर देने की प्रार्थना की गई हो।
सेवा में
मुख्याध्यापक,
एस० डी० हायर सैकण्डरी स्कूल,
जालन्धर।
महोदय,
सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके स्कूल में कक्षा आठवीं ‘ए’ में पढ़ता हूँ। मेरे पिता जी एक छोटे से दुकानदार हैं। उनकी मासिक आय केवल पच्चीस सौ रुपये है। हम घर के 6 सदस्य हैं। आजकल इस महंगाई के समय में निर्वाह होना बहुत मुश्किल है। ऐसी दशा में मेरे पिता जी मुझे पुस्तकें खरीद कर देने में असमर्थ हैं।
मुझे पढ़ाई का बहुत शौक है। मैं हमेशा अपनी कक्षा में प्रथम रहता आया हूँ। मेरे सभी अध्यापक मुझ से पूरी तरह सन्तुष्ट हैं। अतः आपसे मेरी नम्र प्रार्थना है कि आप मुझे स्कूल के ‘विद्यार्थी सहायता कोष’ (फण्ड) से सभी विषयों की पुस्तकें लेकर देने की कृपा करें, ताकि मैं अपनी पढ़ाई आगे जारी रख सकूँ।
मैं आपका आभारी रहूँगा।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
सुरिन्द्र कुमार कक्षा
आठवीं ‘ए’
रोल नं० 10
8 मई, 20…..
18. मान लो आपका नाम प्रेम पाल है और आप 27 सी० 208, चंडीगढ़ में रहते हैं। अपने मित्र हरजीत को एक पत्र लिखो जिसमें पर्वतीय यात्रा का वर्णन किया गया हो।।
27 सी० 208
चंडीगढ़।
16 जून 20….
प्रिय हरजीत,
अब की बार तुम्हें लिखने में देरी हो गई है क्योंकि में एक मास के लिए शिमला गया हुआ था। वहाँ मेरे चाचा जी रहते हैं और उन्होंने हमें छुट्टियाँ बिताने के लिए बुलाया था। यह यात्रा अत्यन्त आनन्ददायक रही, इसलिए उसका कुछ अनुभव तुम्हें लिख रहा हूँ।
अवकाश होते ही हम 15 मई की रात्रि की रेल द्वारा कालका जा पहुँचे। कालका से शिमला तक छोटी पहाड़ी रेल जाती है। टैक्सियाँ भी जाती हैं। हमने शिमला के लिए टैक्सी ली। कालका से शिमला तक सड़क पहाड़ काट कर बनाई गई है। स्थान-स्थान पर ऊँचाई
निचाई तथा असंख्य मोड़ हैं। केवल 15 या 20 फुट की सड़क है। उसके दोनों ओर खाइयाँ तथा गड्ढे हैं जिन्हें देखने से डर लगता है। ड्राइवर की ज़रा-सी आँख चूक जाए तो मोटर पाँच-छ: सौ फुट नीचे गड्ढे में गिर सकती है। इसलिए बड़ी चौकसी रखनी पड़ती है। हम कालका से सोलन और वहाँ से शिमला पहँचे। पर्वतीय स्थलों में पैदल चलने और स्केटिंग करने में आनन्द आता है। वहाँ की मनोहारी छटा देखकर हमारी सारी थकान दूर हो गई। शिमला के लोअर बाज़ार और माल रोड की सैर हम हर रोज़ करते थे।
वापसी यात्रा हमने रेल से की। रेलयात्रा का दृश्य तो और भी मनोरम था। रेल की पटरी के दोनों ओर 200-300 फुट तक गड्ढे ही गड्डे। रेल की पटरी चक्कराकार थी। गाड़ी में बैठे नीचे की पटरियाँ बड़ी दिखाई देती थीं। सुरंगों में घुसने पर तो अन्धेरा ही अन्धेरा होता था।
इस प्रकार कुदरत की खूबसूरती के दर्शन करते हुए हम परसों ही वापस आए हैं। अपनी माता जी को मेरा सादर प्रणाम कहिए।
आपका मित्र
प्रेम पाल।