PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 15 पाँच प्यारे

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Chapter 15 पाँच प्यारे Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Hindi Chapter 15 पाँच प्यारे

Hindi Guide for Class 6 पाँच प्यारे Textbook Questions and Answers

भाषा-बोध

1. शब्दों के अर्थ पाठ के आरम्भ में दिए जा चुके हैं।

सहस्त्रों = हजारों
नेत्र = आँखें
चुप्पी = मौन, शान्त
दृश्य = नजारा
रक्त = खून
समक्ष = सामने
जय- घोष = विजय की गर्जना
तमतमाना = धूप या क्रोध से चेहरा लाल होना
अलौकिक = दूसरे लोक का
स्तनधता = एकदम शांति, चुप्पी
आहुति = बलिदान

2. मुहावरों के अर्थ लिख कर वाक्य बनाइए

चुप्पी छा जाना ______________________ __________________________________
चेहरा तमतमाना ___________________ ____________________________________
दिल दहलना _____________________ _____________________________________
तितर-बितर होना __________________ ____________________________________
खून से रंगी तलवार ___________________ _________________________________
पत्थर की मूर्ति बन बैठना _____________________ __________________________
प्राणों की आहुति देना ________________ __________________________________
बलि चढ़ाना ____________________ _______________________________________
उत्तर:
चुप्पी छा जाना = खामोशी छाना-नेता जी के आते ही सभा में चुप्पी छा गई।
चेहरा तमतमाना = क्रोध आना-मुग़ल सैनिकों को देखते ही मराठा सरदार का चेहरा तमतमाने लगा।
दिल दहलना = डर जाना – शेर की गर्जना सुनकर शिकारी का दिल दहल गया। तितर बितर होना = इधर-उधर हो जाना – पुलिस को देखकर भीड़ तितर-बितर हो गयी।
खून से रंगी तलवार = गुरु जी के हाथ में खून से रंगी तलवार थी। पत्थर की मूर्ति बन बैठना – स्थिर हो जाना-पुत्र की मृत्यु पर वृद्ध माँ पत्थर की मूर्ति बनकर बैठ गई।
प्राणों की आहुति देना = बलिदान होना – देशभक्त हमेशा प्राणों की आहुति देने को तैयार रहते हैं।
बलि चढ़ाना = बलिदान देना – तांत्रिक ने बच्चे की बलि चढ़ा दी।

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3. समानार्थक लिखिए

1. विश्वास = …………………..
2. शूरवीर = …………………….
3. सूर्य = …………………..
4. किरण = ………………..
5. तलवार = …………………
6. सिंह = …………………..
7. उद्देश्य = ……………………
8. बलिदान = …………………..
9. घोषणा = ………………….
10. पश्चात्शा = …………………..
11. श्रद्धालु = ……………………
उत्तर:
समानार्थक शब्द
1. विश्वास = यकीन, भरोसा
2. शूरवीर = बहादुर
3. सूर्य = दिनकर
4. किरण = अंशु
5. तलवार = खड्ग
6. उद्देश्य = लक्ष्य
7. बलिदान = त्याग
8. घोषणा = ऐलान
9. पश्चात् = बाद
10. शामियाना = तम्बू
11. श्रद्धालु = श्रद्धावान्

4. निम्नलिखित शब्दों को अपने वाक्यों में प्रयुक्त करें

1. एकत्र = ………………………………………..
2. कीर्तन = ……………………………………….
3. चुप्पी = …………………………………………..
4. शामियाना = …………………………………..
5. बलिदान = ……………………………………..
6. स्तब्धता = ……………………………………..
7. अलौकिक = …………………………………….
8. दृश्य = ……………………………………………..
9. प्रार्थना = ……………………………………..
उत्तर:
1. एकत्र – जनसभा में हज़ारों की भीड़ एकत्र थी।
2. कीर्तन – देवी माँ का कीर्तन करो।
3. चुप्पी – अध्यापक के आते ही कक्षा में चुप्पी छा गई।
4. शामियाना – गुरु जी शामियाने के पीछे गए।
5. बलिदान – हम देश के लिए हर प्रकार का बलिदान देने को तैयार है।
6. स्तब्धता – भूकम्प के बाद सार क्षेत्र में स्तब्धता छा गई।
7. अलौकिक – गुरु गोबिन्द सिंह जी अलौकिक व्यक्तित्व के स्वामी थे।
8. दृश्य – प्रकृति का अद्भुत दृश्य देखकर मन खिल उठा।
9. प्रार्थना – नित्य प्रातः उठकर ईश्वर की प्रार्थना करो।

5. इन शब्दांशों में से विशेषण और विशेष्य अलग कर लिखो :

बड़ा शामियाना, सहस्र लोग, लाल नेत्र, तमतमाता चेहरा, सिंह की तरह गर्जना, शक्ति की देवी, बड़ा बलिदान, लाहौर का क्षत्रिय, अलौकिक दृश्य, रक्त से भरी तलवार, दिल्ली का जाट, भयभीत जनता, नीची गर्दन किए बैठे लोग, पत्थर की मूर्ति बने लोग, चार वीर, नए वस्त्र, पाँच प्यारे।

शब्दांश विशेषण विशेष्य
बड़ा शामियाना बड़ा शामियाना
सहस्र लोग सहस्त्र लोग
लाल नेत्र लाल नेत्र
तमतमाता चेहरा तमतमाता चेहरा
सिंह की तरह गर्जना सिंह की तरह गर्जना
शक्ति की देवी शक्ति की देवी
बड़ा बलिदान बड़ा बलिदान
लाहौर का क्षत्रिय लाहौर का क्षत्रिय
अलौकिक दृश्य अलौकिक दृश्य
रक्त से भरी तलवार रक्त से भरी तलवार
दिल्ली का जाट दिल्ली का जाट
भयभीत जनता भयभीत जनता
नीची गर्दन किए बैठे लोग नीचे गर्दन लोग
चार वीर चार वीर
नए वस्त्र नए वस्त्र
पाँच प्यारे पाँच प्यारे

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6. वर्ण विच्छेद करो

1. सहस्र = _____ + ______ +_____ +_____ +_____ +_____ +_____ +_____
2. कीर्तन = _____ +_____ +_____ +_____ +_____ +_____ +_____
3. शक्ति = _____ +_____ +_____ +_____ +_____ +_____
4. अलौकिक = _____ +_____ +_____ +_____ +_____ +_____ +_____
5. प्यारे = _____ +_____ +_____ +_____ +_____
उत्तर:
1. सहस्त्र = स् + अ + ह् + अ + स् + त् + र् + अ।
2. कीर्तन = क् + ई + र् + त् + अ + न् + अ।
3. शक्ति = श् + अ + क् + इ + त् + अ।
4. अलौकिक = अ + ल् + औ + क् + इ + क् + अ।
5. प्यारे = प् + य् + आ + र् + ए।

विचार-बोध (प्रश्न)

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें

प्रश्न 1.
म्यान से तलवार निकालते हुए गुरु जी ने क्या कहा ?
उत्तर:
म्यान से तलवार निकालते हुए गुरु जी ने कहा-आज शक्ति देवी एक बहादुर के शीश की मांग कर रही है।

प्रश्न 2.
सबसे पहले किसने अपनी बलि देने की इच्छा प्रकट की ?
उत्तर:
सबसे पहले लाहौर के क्षत्रिय दयाराम ने अपनी बलि देने की इच्छा प्रकट की।

प्रश्न 3.
पंडाल में से लोग क्यों खिसकने लगे ?
उत्तर:
पंडाल में से लोग इसलिए खिसकने लगे क्योंकि सभी भयभीत हो गए थे। गुरु जी द्वारा एक के बाद एक सीस मांगे जाने से भय और निराशा बढ़ गई थी।

प्रश्न 4.
बलि देने वाले पाँचों वीरों के क्या-क्या नाम थे ?
उत्तर:
बलि देने वाले पाँच वीरों के नाम थे:

  • दयाराम
  • भाई धर्मदास
  • मोहकम चन्द
  • साहब चन्द
  • भाई हिम्मत राय

(ख) पाँच प्यारे कौन-कौन थे ? उनके बारे में जो कुछ जानते हो अपनी कॉपी में लिखो।
उत्तर:
दयाराम, भाई धर्मदास, भाई मोहकम चन्द, साहब चन्द और भाई हिम्मत राय से गुरु जी के पाँच प्यारे थे। इन्हें वीरों के पहरावे में गुरु जी ने जनता के सामने प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने हाथों में तलवारें पकड़ रखी थी। उन्होंने धर्म की रक्षा करने का प्रण लिया था।

(ग) अपने अध्यापक से जानकारी प्राप्त करें

प्रश्न 1.
गुरु गोबिन्द सिंह जी ने पाँच प्यारे क्यों चने ?
उत्तर:
गुरु गोबिन्द सिंह जी ने पाँच प्यारे इसलिए चुने, ताकि धर्म की रक्षा की जा सके। सोई हुए जाति में नए रक्त का संचार किया जा सके। लोगों में बलिदान की भावना पैदा की जा सके।

प्रश्न 2.
गुरु जी ने उन पाँच प्यारों का वेश क्यों बदल दिया ?
उत्तर:
गुरु जी ने पाँच प्यारों का वेश इसलिए बदल दिया, ताकि उन्हें वीरता की भावना से ओत-प्रोत किया जा सके। जन-सामान्य में एक नई जागृति पैदा की जा सके।

(घ) कोष्ठक में दिए गए शब्दों में से उचित शब्दों को लेकर रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

1. गुरु जी बोले, “आज शक्ति की देवी एक…………के शीश की माँग कर रही है।” (नवयुवक, वीर, खत्री)
2. गुरु जी खून से भरी तलवार सहित……….से बाहर आए। (कमरे, पण्डाल, तम्बू)
3. लोगों ने……….से प्रार्थना की। (गुरु, गुरु-माता, अकाल पुरुष)
4. गुरु जी का चेहरा…………..से तमतमा रहा था। (क्रोध, जोश, रक्त)
उत्तर:
1. वीर
2. तम्बू
3. अकाल पुरुष
4. जोश

आत्म-बोध (प्रश्न)

1. धर्म की रक्षा के लिए गुरु गोबिन्द सिंह जी के त्याग की सभी घटनाओं को पढ़ो अथवा उनका पता करो और उनसे प्रेरणा लो।
नोट-गुरु गोबिन्द सिंह जी का जीवन चरित्र पढ़ें और उनके आदेशों को अपने जीवन में उतारें।

रचना-बोधा

गरु गोबिन्द सिंह पर लेख लिखो।
उत्तर:
उत्तर के लिए विद्यार्थी निबन्ध भाग में देखें।

बहुवैकल्पिक प्रश्न

प्रश्न 1.
सबसे पहले किसने अपनी बलि देने की इच्छा प्रकट की ?
(क) दयावान ने
(ख) दयाराम ने
(ग) धनवान ने
(घ) सीताराम ने
उत्तर:
(ख) दयाराम ने

प्रश्न 2.
पाँच प्यारे में कौन-कौन थे ?
(क) दयाराम और भाई धर्मदास
(ख) भाई मोहकमचन्द एवं साहब चन्द
(ग) भाई हिम्मत राय
(घ) ये सभी
उत्तर:
(घ) ये सभी

प्रश्न 3.
किस गुरु जी ने पांच प्यारे चुने ?
(क) गुरु गोबिन्द सिंह जी ने
(ख) गुरु नानक देव जी ने
(ग) गुरु हरगोबिन्द जी ने
(घ) गुरु वशिष्ट जी ने
उत्तर:
(क) गुरु गोबिन्द सिंह जी ने

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प्रश्न 4.
गुरु जी ने किसकी रक्षा के लिए पांच प्यारे चुने ?
(क) धर्म
(ख) कर्म
(ग) देश
(घ) समाज
उत्तर:
(क) धर्म

पाँच प्यारे Summary

पाँच प्यारे पाठ का सार

सन् 1699 का वर्ष, बैसाखी का दिन था। भारी संख्या में बच्चे, बूढ़े तथा जवान आनन्दपुर साहब में इकट्ठे हुए। पंडाल में हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे। भगवान् का कीर्तन हो रहा था। गुरु गोबिन्द सिंह जी भी उस पंडाल में सुशोभित थे। कुछ समय के बाद गुरु जी खड़े हो गए। उनका चेहरा तमतमा रहा था। उन्होंने अपनी म्यान से तलवार निकाली और शेर की तरह गर्जना करते हुए बोले, “आज शक्ति-देवी एक बहादुर के शीश की मांग कर रही है। क्या यहाँ कोई ऐसा वीर है जो अपने जीवन का बलिदान कर सकता है ?” इन शब्दों को सुनते ही सभा में सन्नाटा छा गया। लोगों के हृदय कांपने लगे। कोई भी व्यक्ति बलिदान के लिए तैयार न था। गुरु जी ने अन्त में फिर कहा कि हज़ारों की इस गणना में क्या कोई भी ऐसा वीर नहीं जिसे मुझ पर विश्वास हो। इस पर पाँच वीर सामने आए। गुरु जी ने उन्हें खालसा सजाया। गुरु जी ने उन्हें पाँच प्यारों की संज्ञा दी और घोषणा की कि ये पाँच प्यारे अपने प्राणों का बलिदान देकर अपने धर्म की रक्षा करेंगे। यह सुनकर सबने सत्-श्री अकाल का जय-घोष किया।

कठिन शब्दों के अर्थ:

संख्या = गिनती। एकत्र = इकट्ठे। सहस्रों = सैंकड़ों, हज़ार। सुशोभित = शोभा देना, सजा हुआ। पश्चात् = बाद। शीश = सिर। नेत्र = आँखें। बलिदान = कुर्बानी। दहल उठना = डर जाना, भयभीत होना। बलि = कुर्बानी। शूरवीर = बहादुर। अंत = आखिर। आश्चर्य = हैरानी। अलौकिक = अद्भुत। रक्त = खून। भयभीत = डरी हुई। तितर-बितर होना = भाग जाना, चले जाना। स्तब्धता = एक दाम शांति, चुप्पी। अकारण = बिना किसी कारण के। भय = डर। समक्ष = सामने। खिसकना = धीरे से निकल जाना। तमतमाना = धूप या गुस्से से चेहरे का लाल होना। जयघोष = विजय की गर्जना। क्षमा = मुआफी। पश्चात् = बाद। अकाल पुरुष = परमात्मा। पर्याप्त = काफ़ी। असमंजस = ठीक-ठीक न पता होना। वस्त्र = कपड़े। संज्ञा = नाम। आहुति = बलिदान। रक्षा = रखवाली।

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