Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Chapter 15 गुरुपर्व Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 6 Hindi Chapter 15 गुरुपर्व (2nd Language)
Hindi Guide for Class 6 PSEB गुरुपर्व Textbook Questions and Answers
गुरुपर्व अभ्यास
1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:
2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दें :
(क) गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व कब मनाया जाता है?
उत्तर :
गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व कार्तिक मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
(ख) नगर कीर्तन किन की अगुवाई में होता है?
उत्तर :
नगर कीर्तन पाँच प्यारों की अगुवाई में होता है।
(ग) नगर कीर्तन में गतका खेलने वाले लोगों को अपनी ओर कैसे आकर्षित करते हैं?
उत्तर :
नगर कीर्तन में गतका खेलने वाले अपनी वीरता और कला से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
(घ) नगर कीर्तन विभिन्न स्थानों से होता हुआ कहाँ जाकर सम्पन्न होता है?
उत्तर :
विभिन्न स्थानों से होता हुआ नगर कीर्तन गुरुद्वारा साहिब में जाकर सम्पन्न होता है।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार वाक्यों में दें :
(क) प्रभातफेरियों में श्रद्धालु क्या करते हैं?
उत्तर :
गुरुपर्व से कुछ दिन पहले प्रभातफेरियों का आयोजन रहता है। प्रभातफेरियों में श्रद्धालु ढोलक तथा चिमटे बजाते हुए शबद उच्चारण करते हैं।
(ख) गुरुपर्व के अवसर पर गुरुद्वारे को किस तरह सजाया जाता है?
उत्तर :
गुरुपर्व के अवसर पर सजावट के काम को बहुत महत्त्व दिया जाता है। इस अवसर पर साफ़-सफ़ाई का बड़ा ध्यान रखा जाता है। गुरुद्वारे को रंगबिरंगी रोशनियों से सजाया जाता है। इस अवसर पर गुरुद्वारे की सजावट देखते ही बनती है।
(ग) ‘गुरु का लंगर’ के अटूट वितरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :
‘गुरु का लंगर’ के अटूट वितरण से अभिप्राय है, बिना किसी रोक के या बिना किसी विघ्न के लगातार लंगर का बाँटा जाना।
(घ) गुरुपर्व की रात की शोभा का वर्णन अपने शब्दों में करें।
उत्तर :
गुरुपर्व वाले दिन, रात को लोग अपने घरों, दुकानों आदि में दीपमाला करते हैं तथा पटाखे चलाते हैं। गुरुद्वारों में दीवान सजाए जाते हैं जिसमें दूर-दूर से आए रागी जत्थे गुरुवाणी का कीर्तन करते हैं।
5. रेखांकित पदों में कारक बतायें :
- मैं गुरुपर्व का नाम सुनते ही रोमांचित हो गया।
- हम सभी ने इस गुरुपर्व को इकट्ठे मिलकर मनाने का फैसला किया।
- श्रद्धालुओं द्वारा थोड़ी-थोड़ी दूरी पर आम जनता के लिए लंगर लगाये गये।
- नगर कीर्तन विभिन्न स्थानों से होता हुआ गुरुद्वारा साहिब में जाकर सम्पन्न हुआ।
उत्तर :
- सम्बन्ध कारक
- कर्म कारक
- करण कारक, सम्प्रदान कारक
- अधिकरण कारक।
6. निम्नलिखित वाक्यों में से क्रिया शब्द छाँटकर लिखें :
- मुझे इसमें अतीव आनंद व शांति मिलती है।
- श्रद्धालुओं द्वारा गुरुपर्व बड़ी श्रद्धा से मनाया गया।
- गुरुपर्व से दो दिन पहले नगर कीर्तन का आयोजन किया गया।
- उन्होंने निशान साहिब को बड़े ही उत्साह व श्रद्धा से पकड़ रखा था।
- गुरुपर्व वाले दिन रात को लोगों ने अपने घरों, दुकानों आदि में दीपमाला की तथा पटाखे चलाये।
उत्तर :
- मिलती है
- मनाया गया
- आयोजन किया गया
- पकड़ रखा
- पटाखे चलाए।
7. पढ़ें, समझें और लिखें :
- गुरु +पर्व = गुरुपर्व
- प्र + दर्शनी = प्रदर्शनी
- गुरु + द्वारा = __________________
- सु + व्यवस्थित = __________________
- गुरु + ग्रंथ साहिब = __________________
- गुरु + चरण = __________________
- नि: शुल्क = __________________
- गुरु + दर्शन = __________________
- निः + संदेह = __________________
- गुरु + सेवक = __________________
उत्तर :
- गुरु + पर्व = गुरुपर्व।
- प्र + दर्शनी = प्रदर्शनी।
- गुरु + द्वारा = गुरुद्वारा।
- सु + व्यवस्थित = सुव्यवस्थित।
- गुरु + ग्रंथ साहिब = गुरु ग्रंथ साहिब।
- गुरु + चरण = गुरुचरण।
- निः + शुल्क = निःशुल्क।
- गुरु + दर्शन = गुरुदर्शन।
- निः + संदेह = निःसंदेह।
- गुरु + सेवक = गुरुसेवक।
8. निम्नलिखित शब्दों को वाक्यों में प्रयोग करें :
- रोमांचित ________________________
- उत्साह ________________________
- अलौकिक ________________________
- आनंद विभोर ________________________
- आकर्षक ________________________
- समिति ________________________
- महिमा ________________________
उत्तर :
- रोमांचित-भारत और न्यूज़ीलैंड में हुए क्रिकेट मैच ने मुझे रोमांचित कर दिया।
- उत्साह-खिलाड़ियों का उत्साह तो देखते ही बनता था।
- अलौकिक–गुरुओं की अलौकिक वाणी हमें जीवन का मार्ग बताती है।
- आनन्द विभोर-गुरुवाणी सुनकर सभी श्रद्धालु आनन्द विभोर हो उठे।
- आकर्षक-गुरुद्वारे में की गई रोशनी बड़ी आकर्षक थी।
- समिति-गुरुद्वारा समिति ने प्रभात फेरियों का आयोजन किया।
- महिमा-ईश्वर की महिमा अपरम्पार है।
प्रयोगात्मक व्याकरण
1. एक श्रद्धालु ने गुप्त रूप से सौ किलो दूध व पचास किलो चीनी लंगर हेतु भिजवायी।
2. हमने मिलकर बहुत सारी सूजी, चाय पत्ती और ढेर सारे घी का प्रबन्ध कर रखा था।
उपर्युक्त पहले वाक्य में ‘सौ किलो’ से दूध (संज्ञा) के तथा ‘पचास किलो’ से चीनी (संज्ञा) के निश्चित नाप-तोल का पता चल रहा है। अतः ये निश्चित परिमाण (नाप-तोल)वाचक विशेषण हैं। दूसरे वाक्य में ‘बहुत सारी’ से तथा ‘ढेर सारे’ से निश्चित परिमाण का बोध नहीं हो रहा अतः ये अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण हैं।
अतएव जिस विशेषण से निश्चित परिमाण का बोध हो उसे निश्चित परिमाण वाचक तथा जिससे निश्चित परिमाण का बोध न हो, उसे अनिश्चित परिमाण वाचक विशेषण कहते हैं।
1. हमारा शहर रोशनी से जगमगा रहा था।
2. ऐसा नज़ारा देखकर मैं भाव विभोर हो उठा।
उपर्युक्त वाक्य में ‘हमारा’ तथा ‘ऐसा’ सर्वनाम क्रमशः शहर तथा नज़ारा संज्ञा शब्दों से पूर्व आकर इनकी विशेषता बता रहे हैं। अतः हमारा तथा ऐसा शब्द सार्वनामिक विशेषण हैं।
अतएव जब सर्वनाम शब्द संज्ञा शब्दों से पहले लगकर विशेषण का काम करते हैं तो उन्हें सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
सिक्ख धर्म के संस्थापक कौन हैं ?
(क) गुरु नानक देव जी
(ख) गुरु अंगद देव जी
(ग) गुरु अर्जुन देव जी
(घ) गुरु गोबिंद सिंह जी।
उत्तर :
(क) गुरु नानक देव जी
प्रश्न 2.
गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व कब मनाया जाता है ?
(क) कार्तिक पूर्णिमा को
(ख) कार्तिक दूज को
(ग) कार्तिक तीज को
(घ) कार्तिक मास में।
उत्तर :
(क) कार्तिक पूर्णिमा को
प्रश्न 3.
नगर कीर्तन किसकी अगुवाई में होता है ?
(क) गुरुओं की
(ख) पांच प्यारों की
(ग) सज्जनों की
(घ) देवों की।
उत्तर :
(ख) पांच प्यारों की
प्रश्न 4.
मैं गुरुपर्व का नाम सुनते ही रोमांचित हो उठा। -रेखांकित पद में कारक कौन-सा है ?
(क) करण
(ख) संप्रदान
(ग) संबंध
(घ) अधिकरण।
उत्तर :
(ग) संबंध
प्रश्न 5.
‘मुझे थोड़ा-सा दूध चाहिए।’-वाक्य में विशेषण शब्द छाँटिए :
(क) थोड़ा-सा
(ख) मुझे
(ग) दूध
(घ) चाहिए।
उत्तर :
(क) थोड़ा-सा
प्रश्न 6.
मुझे तीन मीटर कपड़ा चाहिए।-वाक्य में कौन सा विशेषण है ?
(क) निश्चित परिमाणवाचक
(ख) अनिश्चित परिणामवाचक
(ग) गुणवाचक
(घ) संख्यावाचक।
उत्तर :
(क) निश्चित परिमाणवाचक
गुरुपर्व Summary in Hindi
गुरुपर्व पाठ का सार
मुझे गुरुद्वारे से पता लगा कि कार्तिक मास की पूर्णिमा को सिक्ख धर्म के संस्थापक . श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व मनाया जाएगा। मैं इस पर्व के आयोजन से पहले अपने परिवार और मित्रों के साथ प्रभात फेरियों के आयोजन में सम्मिलित हुआ। गुरुपर्व पर गुरुद्वारों में खूब साफ़-सफ़ाई की गई थी।
फूलों और रंगबिरंगी रोशनियों से इन्हें सजाया गया था। रात के समय तो गुरुद्वारों की शोभा देखते ही बनती है। गुरुपर्व से दो दिन पहले नगर कीर्तन का आयोजन किया गया जिसकी अगुवाई पांच-प्यारों द्वारा की गई। उन्होंने निशान साहब को बड़े उत्साह और श्रद्धा से पकड़ रखा था। श्री गुरु ग्रंथ साहब की सजी हुई पालकी के पीछे कीर्तन मंडलियां शब्द कीर्तन कर रही थीं। प्रसाद बांटा जा रहा था। जगह-जगह श्रद्धालुओं ने लंगर लगाये हुए थे।
लोग बड़ी श्रद्धा और उत्साह से कीर्तन में सम्मिलित हुए। गुरुपर्व से दो दिन पहले गुरुद्वारे में अखंड पाठ रखे गए और गुरु पर्व के दिन भोग डाले गए। इस दिन धार्मिक साहित्य की प्रदर्शनी लगाई गई और साहित्य का निःशुल्क वितरण भी किया गया। गुरु के लंगर को सभी ने एक साथ पंगत में बैठकर छका। लोगों ने रात को अपने घरों, दुकानों आदि पर दीपमाला की तथा पटाखे चलाए।
गुरुपर्व कठिन शब्दों के अर्थ :
- दिनचर्या = दैनिक कार्य।
- अतीव = बहुत अधिक।
- संस्थापक = स्थापना करने वाले।
- प्रकाश पर्व = जन्म दिवस।
- उत्साहित = उत्साह से भर जाना, खुश होना।
- नज़दीक = पास।
- श्रद्धालुओं = श्रद्धा रखने वाले।
- अगुवाई = नेतृत्व, आगे चलने वाले।
- निहाल कर रही थी = खुशियों से भर रही थी।
- वितरण = बाँटना।