Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Chapter 3 जय जवान! जय किसान! Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 6 Hindi Chapter 3 जय जवान! जय किसान! (2nd Language)
Hindi Guide for Class 6 PSEB जय जवान! जय किसान! Textbook Questions and Answers
अभ्यास
1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:
- ਜਨਮ = जन्म
- ਯਾਤਰਾ = यात्रा
- ਵਿਅਕਤੀ = व्यक्ति
- ਪੁੱਤਰ = पुत्र
- ਸ਼ਕਤੀ = शक्ति
- ਪੁੱਤਰੀ = पुत्री
- ਗੰਗਾ = गंगा
- ਸਮਾਪਤ = समाप्त
- ਸਮਾਂ = समय
- ਲਿਖਤੀ = लिखित
- ਅੱਖਾਂ = आँखों
- ਪਰੀਖਿਆ = परीक्षा
उत्तर :
विद्यार्थी हिन्दी में दिए गए शब्दों को समझें और उन्हें अपनी उत्तर पुस्तिका (कॉपी) पर लिखने का अभ्यास करें।
2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिन्दी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :
- ਇੱਜ਼ਤ = सम्मान
- ਪੱਕਾ ਇਰਾਦਾ = दृढ़ निश्चय ग्ला
- ਇੱਕ ਕਲਾਸ ਵਿੱਚ ਪੜ੍ਹਨ ਵਾਲੇ = सहपाठी
- ਹਾਲਾਤਾਂ = परिस्थितियाँ
- ਉੱਚੀ ਪਦਵੀ = उच्च पद
- ਧੰਨ ਦੀ ਕਮੀ = आर्थिक तंगी
- ਤਰਲੇ ਪਾਉਣਾ = गुहार लगाना
- ਮੰਤਵ, ਉਦੇਸ਼ = उद्देश्य
- ਮੁਸ਼ਕਿਲ = विकट
- ਜਲ = कारावास
उत्तर :
विद्यार्थी हिन्दी में दिए गए शब्दों को ध्यान से पढ़ें और इन्हें अपनी अभ्यास पुस्तिका (कॉपी) पर लिखने का अभ्यास करें।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दें :
(क) ‘जय जवान ! जय किसान!’ का नारा किसने दिया?
उत्तर :
‘जय जवान ! जय किसान !’ का नारा श्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने दिया था।
(ख) लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म कब और कहाँ हुआ?
उत्तर :
श्री लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म 2 अक्तूबर, सन् 1904 ई० को बनारस के कस्बे मुगलसराय में हुआ।
(ग) जेल से आने के बाद लाल बहादुर जी ने कौन-सी पढ़ाई पूरी की?
उत्तर :
जेल से आने के बाद लाल बहादुर जी ने शास्त्री की पढ़ाई पूरी की।
(घ) पुत्री के बीमार होने पर उन्हें कितने दिन के लिए रिहा किया गया?
उत्तर :
पुत्री के बीमार होने पर उन्हें पन्द्रह दिनों के लिए रिहा किया गया।
(ङ) शास्त्री जी का देहान्त कब हुआ?
उत्तर :
11 जनवरी, सन् 1966 ई० को शास्त्री जी का देहान्त हुआ।
(च) शास्त्री जी अपने सिद्धांतों से समझौता करने को क्या समझते थे?
उत्तर :
शास्त्री जी अपने सिद्धान्तों से समझौता करना आत्मघातक समझते थे।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-चार वाक्यों में लिखें :
(क) शास्त्री जी अपने मित्रों से उधार क्यों नहीं माँगना चाहते थे?
उत्तर :
बचपन से ही अपने बनाए सिद्धान्तों पर चलने वाले शास्त्री जी अपने साथी से उधार मांगना अपने गौरव के विरुद्ध समझते थे इसीलिए वह अपने मित्रों से उधार नहीं मांगना चाहते थे।
(ख) लाल बहादुर शास्त्री जी ने लिखित शर्त पर जेल से छूटने से क्यों इन्कार किया?
उत्तर :
लाल बहादुर शास्त्री जी जेल में थे जब उन्हें अपनी बेटी के बीमार होने का समाचार मिला। सरकार ने उन्हें रिहा करने के लिए राजनैतिक आन्दोलन में भाग न लेने की लिखित शर्त रखी। इस पर इस देश के वीर सपूत ने लिखित शर्तों पर रिहा होने से इन्कार कर दिया।
(ग) मौत से जूझते पुत्र को छोड़ कर शास्त्री जी वापिस जेल क्यों चले गए?
उत्तर :
अंग्रेज़ सरकार ने शास्त्री जी को केवल एक सप्ताह के लिए ही जेल से रिहा किया था। टायफायड से ग्रस्त बेटे की सेवा करते हुए सप्ताह बीत गया। अब उन्हें जेल वापिस लौटना था अत: बेटे के लाख मना करने पर भी आज़ादी के मतवाले शास्त्री जी मौत से जूझते अपने पुत्र को छोड़कर वापिस जेल चले गए।
(घ) लाल बहादुर शास्त्री जी में कौन-से ऐसे गुण थे जिससे वे उच्च पद को प्राप्त कर सके?
उत्तर :
साहसी तथा स्वभाव से विनम्र, दृढ़ निश्चयी, लगन के पक्के, सिद्धान्तवादी जैसे गुणों के बल पर ही लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमन्त्री जैसे उच्च पद को प्राप्त कर सके।
(ङ) लाल बहादुर शास्त्री जी के जीवन से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर :
लाल बहादुर शास्त्री जी के जीवन से हमें प्रेरणा मिलती है कि अगर हमारा निश्चय पक्का है, संकल्प दृढ़ है, तो हम जीवन में कोई भी उच्च पद प्राप्त कर सकते हैं। जीवन में सफलता हमारे कदम चूमेगी।
5. नीचे दिये गये शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थान भरें :
निश्चय दूसरे एक पैसा टाइफाइड 11 जनवरी 1966 कारावास
(क) लाल बहादुर शास्त्री भारत के _______________ प्रधानमंत्री थे।
(ख) वे अपने _______________ पर दृढ़ रहने वाले व्यक्ति थे।
(ग) नाविक गंगा पार ले जाने का _______________ किराया लेता था।
(घ) नैनी _______________ के दौरान उन्हें अपनी पुत्री के बीमार होने का समाचार मिला।
(ङ) उनके पुत्र को _______________ हो गया था।
(च) उनका देहान्त _______________ को हुआ।
उत्तर :
(क) दूसरे,
(ख) निश्चय,
(ग) एक पैसा,
(घ) कारावास,
(ङ) टाइफाइड,
(च) 11 जनवरी, सन् 1966
7. (क) विपरीत शब्दों का मिलान करें :
उत्तर :
विपरीत शब्दों का सही मिलान
- साधारण = विशेष।
- बीमार = तन्दरुस्त।
- सम्मान = अपमान।
- परिश्रम = आलस्य।
- साहसी = कायर।
- गौरव = लाघव।
- आग्रह = दुराग्रह।
- जन्म = मृत्यु
(ख) नये शब्द बनाओ
- प्रधान + मंत्री = प्रधानमंत्री
- चिर + निद्रा = ___________________
- अन्न + दाता = ___________________
- सह + पाठी = ___________________
- राष्ट्र + प्रेम = ___________________
- आत्म + घातक = ___________________
उत्तर :
- प्रधान + मंत्री = प्रधानमंत्री।
- चिर + निद्रा = चिरनिद्रा।
- अन्न + दाता = अन्नदाता।
- सह + पाठी = सहपाठी।
- राष्ट्र + प्रेम = राष्ट्रप्रेम।
- आत्म + घातक = आत्मघातक।
(ग) लिंग बदलो
- माता = _____________________
- अध्यापक = _____________________
- पुत्री = _____________________
- बहन = _____________________
- बाबू = _____________________
उत्तर :
लिंग बदलो
- माता = पिता।
- अध्यापक = अध्यापिका।
- पुत्री = पुत्र।
- बहन = भाई।
- बाबू = बबुआइन।
8. संयुक्त अक्षरों से नये शब्द बनाओ
- दृष्टि = कष्ट = _____________
- शास्त्री = स्त्र = _____________
- निश्चय = श्च = _____________
- आत्म = त्म = _____________
- आर्थिक = र्थ (र + थ) = _____________
- इच्छा = च्छ = _____________
उत्तर :
संयुक्त अक्षरों से नये शब्द
- दृष्टि = कष्ट, नष्ट।
- शास्त्री = स्त्र = स्त्री, मिस्त्री।
- निश्चय = श्च पश्चात्, पश्चाताप।
- आत्म त्म = खत्म, आत्मा।
- आर्थिक = र्थ (र् + थ) = दर्शनार्थ, अर्थ।
- आन्दोलन = नन्द, आनन्द।
9. निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़ें :
1. (क) पिता की मृत्यु के बाद लाल बहादुर शास्त्री पर भारी कष्ट आ पड़े। (साधारण तरीके से कही गई बात)
(ख) पिता की मृत्यु के बाद लाल बहादुर शास्त्री पर तो जैसे पहाड़ ही टूट पड़ा। (विशेष तरीके से कही गई बात)
2. (क) भारतीय जवान अपनी जान की परवाह न करके सीमा पर देश की रक्षा करते हैं। (साधारण तरीके से कही गई बात)
(ख) भारतीय जवान अपनी जान हथेली पर रखकर सीमा पर देश की रक्षा करते हैं। (विशेष तरीके से कही गई बात)
उपर्युक्त उदाहरणों में ‘क’ वाक्य साधारण तरीके से तथा ‘ख’ वाक्य विशेष तरीके से कहे गये हैं। इसी कारण ‘ख’ वाक्य ‘क’ वाक्यों की अपेक्षा अधिक सशक्त व प्रभावशाली हैं। इस प्रकार विशेष शब्द प्रयोग को मुहावरा कहते हैं। मुहावरे सीधी-साधी बात को अनोखे ढंग से प्रकट करते हैं। ये वाक्य के अंश होते हैं।
निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ दिए गए हैं, इनके वाक्य बनायें :
मुहावरा – अर्थ = वाक्य = _______________
- स्वर्ग सिधारना – मर जाना = _______________
- गुदड़ी का लाल – निर्धन परिवार में जन्मा गुणी व्यक्ति = _______________
- जिगर का टुकड़ा – बहुत प्यारा = _______________
- जीवन लीला समाप्त होना – मर जाना = _______________
- भरे मन से विदा लेना – दु:खी मन से जाना = _______________
- चिर निद्रा में सोना – मृत्यु को प्राप्त होना = _______________
उत्तर :
- स्वर्ग सिधारना – मर जाना – मोहन के पिता जी कल स्वर्ग सिधार गए।
- गुदड़ी का लाल – निर्धन परिवार में जन्मा गुणी व्यक्ति – लाल बहादुर शास्त्री वास्तव में गुदड़ी के लाल थे।
- जिगर का टुकड़ा – बहुत प्यारा – दिनेश ने अपने जिगर के टुकड़े को गले से लगा लिया।
- जीवन लीला समाप्त होना – मर जाना – गरीबी से तंग आकर भिखारिन ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
- भरे मन से विदा लेना – दुखी मन से जाना – हमने भारी मन से विदा ली और चल पड़े।
- चिर निद्रा में सोना – मृत्यु को प्राप्त होना – 11 जनवरी, सन् 1966 को शास्त्री जी चिर निद्रा में सो गए।
प्रयोगात्मक व्याकरण
(क) (1) लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे।
(2) उनका जन्म बनारस में हुआ।
(3) वे मेला देखने गंगा पार गये।
उत्तर :
व्यक्तिवाचक संज्ञा –
(1) लाल बहादुर शास्त्री।
(2) लाल बहादुर शास्त्री, राम दुलारी, शारदा प्रसाद।
(3) नैनी।
ऊपर लिखे पहले वाक्य में ‘लाल बहादुर शास्त्री’ किसी विशेष व्यक्ति के नाम का बोध कराता है। ‘भारत’ शब्द से देश विशेष का ज्ञान होता है। दूसरे वाक्य में ‘बनारस’ कहने से एक विशेष स्थान का ही विचार मन में आता है। इसी प्रकार तीसरे वाक्य में ‘गंगा’ शब्द से एक विशेष नदी अर्थात् गंगा नदी का बोध होता है।
अतः जिस शब्द से किसी विशेष व्यक्ति, स्थान या वस्तु का बोध हो, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।
नीचे लिखे वाक्यों में से व्यक्तिवाचक संज्ञा छाँटिये :
(1) लाल बहादुर शास्त्री एक महान नेता थे।
(2) लाल बहादुर शास्त्री की माता का नाम राम दुलारी व पिता का नाम शारदा प्रसाद था।
(3) वे एक बार नैनी जेल गये।
(ख) (1) लाल बहादुर शास्त्री का जन्म साधारण परिवार में हुआ था।
(2) शास्त्री जी की पुत्री बीमार थी।
(3) उनका स्कूल गंगा पार था।
(4) शास्त्री जी अनेक बार जेल गये।
ऊपर के प्रथम वाक्य में परिवार’, दूसरे में ‘पुत्री’ और तीसरे में स्कूल’ और चौथे में ‘जेल’ ऐसे शब्द हैं जो किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु या स्थान को सूचित नहीं करते।
- ‘परिवार’ किसी भी परिवार के लिए कहा जा सकता है।
- हरेक ‘पुत्री’ के लिए ‘पुत्री’ शब्द का प्रयोग किया जाता है।
- प्रत्येक ‘स्कूल’ को ‘स्कूल’ ही कहा जाता है।
- हरेक ‘जेल’ के लिए ‘जेल’ शब्द का ही प्रयोग होता है।
अर्थात ‘परिवार’ कहने से सभी परिवारों, ‘पुत्री’ कहने से सभी पुत्रियों, ‘स्कूल’ कहने से सभी स्कूलों तथा जेल कहने से सभी जेलों का बोध होता है, किसी एक का नहीं।
अतः ये शब्द किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु या स्थान का बोध नहीं कराते अपितु ये शब्द पूरी जाति
(वर्ग) का ज्ञान कराते हैं। इसीलिए ये शब्द जातिवाचक संज्ञाएँ हैं।
अतः जिस शब्द से किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान की सम्पूर्ण जाति या वर्ग का बोध हो, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।
निम्नलिखित में से जातिवाचक संज्ञाएँ छाँटिये :
(1) लाल बहादुर शास्त्री निश्चय पर दृढ़ रहने वाले व्यक्ति थे।
(2) भारतीय सेना ने दुश्मन को धूल चाटने पर मजबूर कर दिया।
(3) अंत में सरकार को स्वयं ही झुकना पड़ा।
उत्तर :
जातिवाचक संज्ञा शब्द
(1) व्यक्ति।
(2) भारतीय सेना, दुश्मन।
(3) सरकार।
नीचे दिये गए शब्दों में बने बनाए शब्द मिलेंगे। शब्द में से कम से कम दो शब्द ढूंढ़िए और लिखिए :
उत्तर :
- प्रधानमंत्री – प्रधान, धान, मंत्र, मंत्री।
- बनारस – बना, नार, रस।
- सरकार – सर, सरक, सरका, कार।
- लगातार – लग, लगा, लगाता, गात, तार।
- उदाहरण – दाह, हर, हरण।
- मतवाले – मत, तवा, वाले।
- देखकर – दे, देख, कर।
- विश्वास – विश्व, श्वास, वास।
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
‘जय जवान! जय किसान !’ का नारा किसने दिया ?
(क) लाल बहादुर शास्त्री ने
(ख) लाला लाजपतराय
(ग) बालगंगाधर तिलक
(घ) नेहरू।
उत्तर :
(क) लाल बहादुर शास्त्री
प्रश्न 2.
शास्त्री जी का जन्म कब हुआ ?
(क) 2 अक्तूबर, 1903 ई० को
(ख) 2 अक्तूबर, 1904 ई० को
(ग) 2 अक्तूबर, 1905 ई० को
(घ) 2 अक्तूबर, 1908 ई० को।
उत्तर :
(ख) 2 अक्तूबर, 1904 ई० को
प्रश्न 3.
शास्त्री जी को पढ़ने के लिए क्या पार करना पड़ता था ?
(क) गंगा
(ख) यमुना
(ग) सरस्वती
(घ) गोदावरी।
उत्तर :
(क) गंगा
प्रश्न 4.
शास्त्री जी को किस आंदोलन में जेल जाना पड़ा ?
(क) असहयोग आंदोलन
(ख) सविनय अवज्ञा आंदोलन
(ग) भारत छोड़ो
(घ) देश छोड़ो।
उत्तर :
(क) असहयोग आंदोलन
प्रश्न 5.
शास्त्री जी की मृत्यु कब हुई ?
(क) 11 जनवरी, 1965 को
(ख) 11 जनवरी, 1966 को
(ग) 11 जनवरी, 1967 को
(घ) 11 जनवरी, 1968 को।
उत्तर :
(ख) 11 जनवरी 1966 को।
जय जवान ! जय किसान ! Summary in Hindi
जय जवान ! जय किसान ! पाठ का सार
जय जवान! जय किसान! का नारा देने वाले लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्तूबर, सन् 1904 ई० को बनारस के एक कस्बे मुग़लसराय में एक साधारण परिवार में हुआ। इनकी माता का नाम राम दुलारी था और इनके पिता शारदा प्रसाद जी एक अध्यापक थे। बचपन में ही इनके पिता स्वर्ग सिधार गए।
इतनी छोटी आयु में ही इन पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा पर दृढ़ संकल्पी और साहसी इस वीर बालक ने मुश्किलों से हार न मानी। वे जीवन – पथ पर निरन्तर मुसीबतों से जूझते हुए आगे बढ़ते गए।
इनको पढ़ने के लिए गंगा – पार करके जाना पड़ता था। नाविक गंगा नदी को पार करवाने का एक पैसा किराया लेता था। इनके पास पैसा नहीं होता था तो वे रोज़ाना नदी को तैर कर ही पार कर लिया करते थे। कई बार इनके दोस्तों ने इनका किराया देना भी चाहा तो ये विनम्रता से उन्हें मना कर देते। उन्होंने अपने जीवन के कुछ सिद्धान्त बना लिए थे और उन्हीं सिद्धान्तों पर वे आजीवन चलते रहे।
सन् 1921 में जब असहयोग आन्दोलन शुरू हुआ तो इन्होंने भी अपनी पढ़ाई छोड़ कर इस आन्दोलन में भाग लिया। इस कारण इन्हें जेल भी जाना पड़ा। जेल से रिहा होकर इन्होंने अपनी ‘शास्त्री’ की पढ़ाई पूरी की और तभी से इनके नाम के साथ शास्त्री शब्द भी जुड़ गया।
देश की स्वतन्त्रता के लिए अपने परिवार का भी बलिदान कर देने वाले यह एकमात्र देशभक्त थे। एक बार यह कारावास में थे कि इन्हें अपनी पुत्री के सख्त बीमार होने की खबर मिली। सभी ने इन्हें पैरोल पर रिहा होकर पुत्री की देखभाल करने की सलाह दी। सरकार इन्हें राजनैतिक आन्दोलन में भाग न लेने की लिखित शर्त पर रिहा करने को तैयार थी। इन्होंने यह पेशकश ठुकरा दी।
तत्पश्चात् सरकार ने इन्हें बिना शर्त 15 दिनों के लिए रिहा तो कर दिया लेकिन तब तक बहुत देरी हो चुकी थी। जब यह अपनी बेटी के पास पहुँचे तो वह मृत्यु को प्राप्त हो चुकी थी। ऐसा एक बार फिर हुआ। यह जेल में ही थे कि इनका बेटा टायफायड का शिकार हो गया। अंग्रेज़ सरकार ने रिहा होने के लिए शर्त लगा दी। इन्होंने कोई शर्त न मानी तो आखिर अंग्रेज़ सरकार ने एक सप्ताह के लिए इन्हें रिहा कर दिया।
जब यह बेटे के पास पहुंचे तो वह 106 डिग्री बुखार से तड़प रहा था, उसके होंठ भी सूज गए थे। बेटे की देखभाल करते – करते सप्ताह बीत गया। इन्हें अब वापिस जाना था। बेटे ने रो रो कर कहा कि बाबू जी अभी मत जाइए। लेकिन शास्त्री जी ने भरे मन से बेटे से हाथ जोड़कर विदा ली और मातृभूमि की रक्षा के लिए जेल की तरफ चल पड़े।
सच में, ऐसे थे वे दृढ़ संकल्पी, भारत देश के वीर सपूत, जिन्होंने कभी भी अपने सिद्धान्तों से समझौता नहीं किया। भारत का यह वीर जवान 11 जनवरी, सन् 1966 ई० को चिरनिद्रा में सो गया। समस्त भारतीयों ने अश्रुपूरित नेत्रों से उन्हें भावभीनी विदाई दी। उनका नाम भारतीय इतिहास में सदा अमर रहेगा।
जय जवान ! जय किसान ! कठिन शब्दों के अर्थ –
- जान हथेली पर रखना = बलिदान को तैयार रहना, मरने की परवाह न करना।
- परिश्रम = मेहनत।
- अन्नदाता = अन्न देने वाले।
- विकास = उन्नति, तरक्की, प्रगति।
- सम्मान = इज्जत।
- स्वर्ग सिधारना = मर जाना।
- प्रबल = तेज़।
- पहाड़ टूटना = मुश्किलें आना।
- विनम्र = कोमल।
- नाविक = नाव चलाने वाला, मल्लाह।
- सहपाठियों = साथ पढ़ने वाले।
- पाट = किनारा।
- गौरव = बड़प्पन।
- अडिग = स्थिर।
- निराले = अद्भुत, सबसे अलग।
- कारावास – जेल।
- सिद्धान्तों = नियमों।
- जीवन लीला समाप्त होना = मारे जाना।
- डगमगाए = लड़खड़ाए।
- विकट = जटिल, बड़ी मुश्किल।
- जिगर का टुकड़ा = बेटा।
- मौत से जूझना = मृत्यु से लड़ना।
- आत्मघातक = अपनी हत्या आप करने वाला।
- दृढ़ = पक्का।
- निश्चय = इरादा।
- चिरनिद्रा में सोना = मर जाना।
- प्रेरणा स्रोत = प्रेरणा देने वाले।
- सदैव = हमेशा।