Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Chapter 7 सूरज Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 6 Hindi Chapter 7 सूरज (2nd Language)
Hindi Guide for Class 6 PSEB सूरज Textbook Questions and Answers
सूरज अभ्यास
1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:
- ਸੂਰਜ = सूरज
- ਪੂਰਵ = पूर्व
- ਸਵੇਰੇ = सवेरे
- ਦਿਸ਼ਾ = दिशा
- ਸੰਕਟ = संकट
- ਗਰਮੀ = गर्मी
- ਬਿਜਲੀ = बिजली
- ਸਰਦੀ = सर्दी
उत्तर :
विद्यार्थी इनका लेखन अभ्यास करें।
2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :
- ਖ਼ਬਰ, ਸਮਾਚਾਰ = संदेशा
- ਪੱਛਮ = पश्चिम
- ਲਗਾਤਾਰ = निरंतर
- ਛਿੱਪ = ढल
- ਸਿੱਖਿਆ = शिक्षा
- ਇਨਸਾਨ = इंसान
- ਸੰਝ/ਸ਼ਾਮ = संध्या
- ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ = सौर ऊर्जा
- ਸੋਮਾ = स्रोत
- ਉਜਾਲਾ, ਰੋਸ਼ਨੀ = उजियारा
उत्तर :
विद्यार्थी इनको लिखने का अभ्यास अपनी उत्तर पुस्तिका में करें।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखें :
(क) सूरज के निकलने पर क्या फैल जाता है?
उत्तर :
सूरज के निकलने पर प्रकाश फैल जाता है।
(ख) सूरज किस दिशा से निकलता है?
उत्तर :
सूरज पूर्व दिशा से निकलता है।
(ग) सूरज किस दिशा में छिपता है?
उत्तर :
सूरज पश्चिम दिशा में छिपता है।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :
(क) सूरज हमें क्या प्रेरणा देता है?
उत्तर :
पूर्व दिशा से निकलने वाला सूरज हमें सुबह उठने की प्रेरणा देता है, जीवन में लगातार आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। वह हमें बताता है कि सदा नई खुशियों और आशाओं के साथ जीवन को जीना चाहिए।
(ख) आज बिजली का गम्भीर संकट सभी ओर बना हुआ है। इस संकट से उबरने के लिए कवि ने क्या विकल्प सुझाया है? उस बारे में अपने विचार लिखें।
उत्तर :
आज बिजली का गम्भीर संकट सभी ओर बना हुआ है। इस संकट से उभरने के लिए कवि ने सौर ऊर्जा को प्रयोग में लाने का विचार सुझाया है।
5. चित्र में कुछ शब्द दिये हैं। उन शब्दों के पर्याय चुनकर लिखें :
- सूरज = सूर्य, ______________, ______________
- सुबह = ______________, ______________, ______________
- संदेशा = ______________, ______________, ______________
- संध्या = ______________, ______________, ______________
उत्तर :
- सूरज = सूर्य, भास्कर, दिनकर।
- सुबह = प्रातः, प्रात:काल, सवेरा।
- संदेशा = खबर, समाचार, सूचना।
- संध्या = साँझ, सायंकाल, गोधूलि।
6. अंतर समझें :
दिशा = जिस तरफ = सूरज पूर्व दिशा से निकलता है।
से सूरज निकलता है =
दिशा = लक्ष्य = आपके जीवन की दिशा क्या है?
संध्या = शाम
संध्या = बुढ़ापे की अवस्था =
उत्तर :
दिशा = स्थान = सूरज पूर्व दिशा से निकलता है।
दिशा = लक्ष्य = आपके जीवन की दिशा क्या है?
संध्या = शाम = वह संध्या के समय मेरे घर आया।
संध्या = बुढ़ापा = जीवन की संध्या बड़ी कष्टकारक होती है।
7. संयुक्त व्यंजन से नया शब्द बनायें :
- छुट्टी = ट्ट = मिट्टी
- शिक्षा = क्ष (क् + ष )
- संध्या = ध्य
- पश्चिम – श्च
- स्रोत = स्त्र (स् + र)
उत्तर:
शब्द संयुक्त अक्षर नया शब्द
- छुट्टी = ट्ट = मिट्टी।
- शिक्षा = क्ष (क् + ष) = भिक्षा।
- संध्या = ध्य = मध्य।
- पश्चिम = श्च = पश्चात्।
- स्त्रोत = स्र (स + र) = अजस्त्र।
8. सोचिये और लिखिये
(क) आजकल बिजली के विकल्प के रूप में सौर ऊर्जा का प्रयोग होने लगा है। अपने अध्यापक की सहायता से सौर ऊर्जा से चलने वाले यंत्रों के नाम पता करें और उनके उपयोग अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखें।
उत्तर :
पुस्तिका में लिखें।
(ख) सूर्य के उत्तरायण (उत्तर दिशा की ओर प्रस्थित) होने की मान्यता से संबंधित कौन-सा पर्व उत्तर और पूर्वी भारत में जनवरी माह में मनाया जाता है?
उत्तर :
सूर्य के उत्तरायण होने की मान्यता से सम्बन्धित उत्तर और पूर्वी भारत में मकर संक्रान्ति पर्व जनवरी माह में मनाया जाता है।
(ग) दिए गए शब्द संकेतों के आधार पर बतायें कि यदि सूरज न होता तो क्या होता ?
शब्द संकेत : ___________________
अंधकार : ___________________
वर्षा नहीं : ___________________
खेती नहीं : ___________________
प्राणियों के लिए भोजन नहीं : ___________________
धरती पर जीवन ही संभव नहीं : ___________________
उत्तर :
यदि सूरज न होता तो धरती पर गहन अंधकार रहता।
धरती को सूरज की रोशनी न मिलने से वर्षा नहीं होती।
वर्षा न होने से खेती सम्भव नहीं होती।
खेती न होने से प्राणियों को भोजन नहीं मिलता।
भोजन न होने पर धरती पर जीवन ही सम्भव नहीं होता। अतः प्राणियों के जीवन के लिए सूर्य का होना, उसकी रोशनी का फैलना बहुत आवश्यक है।
9. जानिये : दिशाएँ
उत्तर :
विद्यार्थी ऊपर दी गई दिशाओं को समझें और जानें।
10. नीचे लिखे शब्दों में अक्षरों को उचित क्रम में रख कर सार्थक शब्द लिखें :
- लानिक : निकला
- याजिउरा
- लाफैता
- श्चिपम
- राबताघ
- जसूर
- रंतनिर
- बसुह
- वेरेस
उत्तर :
- लानिक = निकला।
- याजिउरा = उजियारा।
- लाफैता = फैलाता।
- श्चिपम = पश्चिम।
- राबताघ = घबराता।
- जसूर = सूरज।
- रंतनिर = निरंतर।
- बसुह = सुबह।
- वेरेस = सवेरे।
अध्यापन निर्देश :
1. अध्यापक बच्चों को बताये कि ‘छुट्टी’ शब्द में ‘ट्’ व्यंजन दो बार प्रयोग हुआ है। यह व्यंजन खड़ी पाई से रहित है अर्थात् इसमें खड़ी पाई नहीं होती। ट, ठ, ड, द, ह ऐसे व्यंजन हैं। इन व्यंजनों का जब संयुक्त रूप लिखना होता है तो सुविधा के लिए पहले व्यंजन के नीचे हलन्त () लगा दिया जाता है।
2. अध्यापक बच्चों को ‘क्ष’ ‘स’ को अलग कर समझाये कि क् + ष को मिलाकर ‘क्ष’ संयुक्त व्यंजन बनता है और स् । र के मिलने से ‘स’ संयुक्त व्यंजन बनता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
सूरज किस दिशा से उदय होता है ?
(क) पूर्व
(ख) पश्चिम
(ग) उत्तर
(घ) दक्षिण।
उत्तर :
(क) पूर्व
प्रश्न 2.
सूरज किस दिशा में अस्त होता है ?
(क) पूर्व
(ख) पश्चिम
(ग) उत्तर
(घ) दक्षिण।
उत्तर :
(ख) पश्चिम
प्रश्न 3.
सूरज क्या संदेशा लेकर आता है ?
(क) देर से उठने का
(ख) सुबह उठने का
(ग) सोने का
(घ) जागने का।
उत्तर :
(ख) सुबह उठने का
प्रश्न 4.
सूरज हमें क्या शिक्षा देता है ?
(क) आगे बढ़ने की
(ख) रुकने की
(ग) चलने की
(घ) उगने की।
उत्तर :
(क) आगे बढ़ने की
प्रश्न 5.
‘सूरज’ कविता के आधार पर बताएं कि सूरज के निकलने से क्या फैल जाता है ?
(क) गर्मी
(ख) सर्दी
(ग) संदेशा
(घ) उजियारा।
उत्तर :
(घ) उजियारा।
सूरज Summary in Hindi
सूरज कविता का सार
पूर्व दिशा से सूर्य निकला। सब ओर उजाला फैल गया जो प्रातः होने का संदेश दे गया। गर्मी हो या सर्दी – सूर्य तो सुबह आकाश में आकर हमें लगातार आगे बढ़ने की शिक्षा देता है। शाम होते ही यह पश्चिम दिशा में ढल जाता है और अगले दिन फिर से उमंगों और आशाओं को मन में भरता हुआ प्रकट हो जाता है। सौर ऊर्जा के स्रोत रूप में यह हमें नई दिशा प्रदान कर देता है।
सूरज पद्यांशों के सरलार्थ
1. पूर्व दिशा से निकल सूरज
उजियारा फैलाता है,
सुबह सवेरे उठने का
संदेशा लेकर आता है।
पूर्व दिशा से निकला सूरज,
उजियारा फैलाता है।
कठिन शब्दों के अर्थ – उजियारा = उजाला, प्रकाश। पूर्व = पूरब।
प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य – पुस्तक ‘आओ हिन्दी सीखें’ की कविता ‘सूरज’ से ली गई हैं। इसमें कवि ने सूरज के बारे में बताया है।
सरलार्थ – कवि कहता है कि सूरज पूर्व दिशा से निकल कर चारों तरफ प्रकाश फैलाता है। हर किसी को सवेरे उठने का संदेशा लेकर आता है। पूर्व दिशा से निकलता हुआ सूरज सब तरफ प्रकाश, रोशनी फैलाता है।
भावार्थ – सुबह – सवेरे सूर्य पूर्व दिशा में प्रकट होकर नए दिन का संदेश दे जाता है।
2. गर्मी हो या फिर हो सर्दी
छुट्टी कभी न पाता है,
निरन्तर आगे बढ़ने की
शिक्षा हमें दे जाता है।
पूर्व दिशा से निकला सूरज
उजियारा फैलाता है।
कठिन शब्दों के अर्थ – निरंतर = लगातार। शिक्षा = सीख।
प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य – पुस्तक आओ हिन्दी सीखें की कविता सूरज में से ली गई हैं। इसमें कवि ने सूरज के बारे में बताया है –
सरलार्थ – कवि कहता है कि चाहे गर्मी का मौसम हो या सर्दी का सूरज को कभी कोई छुट्टी नहीं होती है, इसे निकलना ही होता है और यह सूरज हमें भी लगातार जीवन में आगे बढ़ने की ही सीख दे जाता है। पूर्व दिशा से निकलता हुआ सूरज चारों तरफ प्रकाश फैलाता है।
भावार्थ – सूर्य बिना रुके सदा अंधकार को मिटा कर हर दिशा में एक समान उजाला बिखरा जाता है।
3. हो जाती संध्या ज्यों ही
पश्चिम में ढल जाता है,
नई उमंगों, आशाओं की
नई सुबह फिर लाता है।
पूर्व दिशा से निकलता सूरज,
उजियारा फैलाता है।
कठिन शब्दों के अर्थ – संध्या = साँझ, शाम के बाद वाला समय। ढल जाता = छिप जाता। उमंगों = खुशियों।
प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य – पुस्तक ‘आओ हिन्दी सीखें’ की कविता सूरज में से ली गई हैं। इसमें कवि ने सूरज के बारे में बताया है –
सरलार्थ – कवि कहता है कि जैसे ही शाम ढल जाती है और संध्या हो जाती है यह सूरज भी पश्चिम दिशा में छिप जाता है और फिर अगली सुबह वह फिर हमारे जीवन में नई खुशियाँ और आशाएँ लेकर पूर्व दिशा से निकलता है और चारों ओर प्रकाश फैलाता है।
भावार्थ – सूर्य उमंगों और नई आशाओं को संसार भर में फैलाने का कार्य करता है।
4. बिजली के बढ़ते संकट में
इन्सां जब घबराता है,
सौर ऊर्जा का स्रोत बनकर
नई दिशा दे जाता है।
पूर्व दिशा से निकला सूरज
उजियारा फैलाता है।
कठिन शब्दों के अर्थ – संकट = मुश्किल, मुसीबत। इन्सां = आदमी। सौर – ऊर्जा – सूरज की शक्ति। स्त्रोत = प्राप्ति का स्थान।
प्रसंग – यह पद्यांश हिंदी की पाठ्य – पुस्तक में संकलित ‘सरज’ नामक कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने सूरज के बारे में बताया है।
सरलार्थ – कवि कहता है कि आजकल के समय में बिजली के बढ़ रहे संकट से मनुष्य जब घबराने लगता है तो उस समय प्रकृति का यह ऊर्जा स्रोत, सूरज हमें एक नया रास्ता दिखा जाता है कि तुम मेरा उपयोग सौर ऊर्जा के रूप में कर सकते हो। पूर्व दिशा से निकलता हुआ यह सूरज चारों ओर अपनी रोशनी फैलाता है।
भावार्थ – सूर्य ही तो सौर ऊर्जा का स्रोत बनकर ऊर्जा प्रदान करने का आधार बना है।