Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Karak कारक Exercise Questions and Answers, Notes.
PSEB 6th Class Hindi Grammar कारक
प्रश्न 1.
कारक किसे कहते हैं ? कारक कितने प्रकार के हैं ?
उत्तर:
संज्ञा वाचक सर्वनाम के जिस रूप से उसका वाक्य के दूसरे शब्दों से सम्बन्ध जाना जाए, उस रूप को कारक कहते हैं; जैसे-मोहन ने पुस्तक को मेज़ पर रख दिया।
प्रश्न 2.
विभक्ति किसे कहते हैं ?
उत्तर:
कारक प्रकट करने के लिए संज्ञा अथवा सर्वनाम के साथ ‘ने’, ‘की’, ‘से’ आदि जो चिह्न लगाए जाते हैं, उन्हें विभक्ति कहा जाता है।
हिन्दी में आठ कारक हैं। इनके नाम और विभक्ति चिह्न इस प्रकार हैं
कारक | विभक्ति चिह्न |
1. कर्ता | ने |
2. कर्म | को |
3. करण | से, के द्वारा, के साथ |
4. सम्प्रदान | को, के लिए, वास्ते |
5. अपादान | से (पृथक्त्व बोधक) |
6. सम्बन्ध | का, के, की |
7. अधिकरण | में, पर |
8. सम्बोधन | हे, अरे, रे |
1. कर्ता : जो काम करे, उसे कर्ता कारक कहते हैं। इसका चिह्न ‘ने’ है।
जैसे-
धोबी ने कपड़े धोए।
इस वाक्य में धोने का काम धोबी करता है। यहाँ धोबी कर्ता कारक है।
2. कर्म : क्रिया का फल जिस पर पड़े, उसे कर्म कारक कहते हैं। इसका चिह्न ‘को’ है।
जैसे-
माली ने राम को फूल दिया।
यहाँ क्रिया देने का फल ‘राम’ पर पड़ा है। अतः राम कर्म कारक है।
3. करण : ‘कर्ता’ जिसके द्वारा काम करे, उसे करण कारक कहते हैं। इसके चिह्न ‘से’ और ‘द्वारा’ हैं।
जैसे-
रमेश पेन्सिल से लिखता है।
यहाँ ‘पेन्सिल’ लिखने का साधन है। पेन्सिल करण कारक है।
4. सम्प्रदान : जिसके लिए कर्ता काम करे उसे सम्प्रदान कारक कहते हैं। इसके चिह्न हैं-को, के लिए।
जैसे-
यह पुस्तक राम के लिए है।
उसने लड़के को पढ़ाया।
यहाँ पुस्तक लाने का कार्य राम के लिए किया गया है। दूसरे वाक्य में पढ़ाने का कार्य लड़के के लिए किया गया है। यहाँ राम और लड़का सम्प्रदान कारक हैं।
5. अपादान कारक : जिससे किसी के अलग होने का पता चले उसे ‘अपादान’ कारक कहते हैं। इसका चिह्न ‘से’ है।
जैसे-
वृक्ष से पत्ते गिरते हैं।
इस वाक्य में पत्ते ‘वृक्ष’ से गिरते हैं। ‘वृक्ष’ अपादान कारक है।
6. सम्बन्ध : जिस रूप से एक शब्द का दूसरे शब्द से सम्बन्ध प्रकट हो, उसे सम्बन्ध कारक कहते हैं। इसका चिह्न ‘का’, ‘की’, ‘रा’, रे’, ‘री’ है।
जैसे-
राम की पुस्तक नई हैं।
इस वाक्य में पुस्तक का सम्बन्ध ‘राम’ से पाया जाता है। ‘राम’ सम्बन्ध कारक है।
7. अधिकरण : क्रिया के आधार को अधिकरण कारक कहते हैं। इसके चिह्न ‘में’ और ‘पर’ हैं।
जैसे-
शीशी में तेल डालो। मेज़ पर किताब रखी है।
यहाँ तेल का आधार शीशी है। ‘शीशी’ अधिकरण कारक है। ‘किताब’ का आधार ‘मेज़’ है। इस वाक्य में ‘पर’ अधिकरण कारक है।
8. सम्बोधन : संज्ञा के जिस रूप से किसी को पुकारा जाए, उसे सम्बोधन कारक कहते हैं। इसके चिह्न हे, रे, अरे, हैं।
जैसे-
हे राम! मेरी बात सुनो।
इस वाक्य में राम को पुकारा गया है। यहाँ ‘राम’ सम्बोधन कारक है।