Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Muhavare मुहावरे Exercise Questions and Answers, Notes.
PSEB 6th Class Hindi Grammar मुहावरे
मुहावरे (अर्थ एवं वाक्य सहित प्रयोग)
अंग अंग ढीला होना (थक जाना) – आज सुबह से मैंने इतना काम किया है कि मेरा अंग-अंग ढीला हो गया है।
अंगूठा दिखाना (विश्वास दिलाकर मौके पर इन्कार कर देना) – नेता लोग चुनाव के दिनों में बीसियों वायदे करते हैं, परन्तु बाद में अंगूठा दिखा देते हैं।
अगर-मगर करना (टाल-मटोल करना) – जब मैंने मोहन से दस रुपए उधार मांगे तो वह अगर-मगर करने लगा।
अंगुली उठाना (दोष लगाना, निन्दा करना) – कर्त्तव्यपरायण व्यक्ति पर कोई अंगुली नहीं उठा सकता।
अन्धे की लकड़ी (एक मात्र सहारा) – श्रवण अपने माता-पिता की अन्धे की लकड़ी था।
अन्धेरे घर का उजाला (इकलौता बेटा) – रमन अन्धेरे घर का उजाला है, इसका ध्यान रखो।
अपनी खिचड़ी अलग पकांना (सबसे अलग रहना) – सबके साथ मिलकर रहना चाहिए, अपनी खिचड़ी अलग पकाने से कोई लाभ नहीं होता।
अपना उल्लू सीधा करना (स्वार्थ निकालना) – आजकल हर कोई अपना उल्लू सीधा करना चाहता है।
आँख उठाना (बुरी नज़र से देखना) – मेरे जीते जी तुम्हारी तरफ कोई आँख उठाकर नहीं देख सकता।
आँखें दिखाना (क्रोध से घूरना) – मैं इनसे नहीं डरता, ये आँखें किसी अन्य को दिखाओ।
आँख का तारा (बहुत प्यारा) – श्री रामचन्द्र जी राजा दशरथ की आँखों के तारे थे।
आँखों में धूल झोंकना (धोखा देना) – चोर सिपाहियों की आँखों में धूल झोंक कर भाग गया।
आँख फेर लेना (बदल जाना) – अक्सर लोग काम निकल जाने पर आँखें फेर लेते हैं।
आँख मारना (इशारा करना) – सुरेश ने जब राजेश से पुस्तक मांगी तो रमेश ने राजेश को पुस्तक न देने के लिए आँख मार दी।
आकाश से बातें करना (बहुत ऊँचे होना) – कुतुबमीनार आकाश से बातें करता है।
आकाश-पाताल एक करना (बहुत प्रयत्न करना) – उसने परीक्षा में सफल होने के लिए आकाश-पाताल एक कर दिया परन्तु सफल न हो सका।
आसमान सिर पर उठाना (बहुत शोर करना) – अध्यापक के कक्षा छोड़ने पर लड़कों ने आसमान सिर पर उठा लिया।
इधर-उधर की हांकना (व्यर्थ गप्पें हांकना) – राम सदैव इधर-उधर की हांकता रहता
ईंट से ईंट बजाना (बिल्कुल नष्ट कर देना) – नादिरशाह ने दिल्ली की ईंट से ईंट बजा दी थी।
ईद का चाँद होना (बहुत दिनों के बाद दिखाई पड़ना) – अरे सुरेश, आजकल कहाँ रहते हो, तुम तो ईद का चाँद हो गए हो।
उंगली उठाना (निन्दा करना) – विरोधी भी गाँधी जी पर उंगली उठाने की हिम्मत नहीं करते थे।
उल्लू बनाना (मूर्ख सिद्ध करना) – सोहन के दोस्तों ने उसे ऐसा उल्लू बनाया कि उसका सारा धन उससे छीनकर ले गए।
उल्टी गंगा बहाना (उल्टी बातें करना) – गलती न होने पर भी बाप ने बेटे से क्षमा मांग कर उल्टी गंगा बहा दी।
एक आँख से देखना (बराबर का बर्ताव) – माता-पिता अपने सभी बच्चों को एक आँख से देखते हैं।
एड़ी चोटी का जोर लगाना (पूरा जोर लगाना) – सुदेश ने परीक्षा में पास होने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया परन्तु फिर भी वह असफल रही।
कमर कसना (तैयार होना) – ग़रीबी को दूर करने के लिए सबको कमर कसनी चाहिए।
कमर टूटना (निराश हो जाना) – नौजवान बेटे की मृत्यु ने बूढ़े बाप की कमर तोड़ दी।
काम आना (युद्ध में मारे जाना) – भारत-पाक युद्ध में अनेकों भारतीय सैनिक काम आए।
कफ़न सिर पर बांधना (मरने के लिए तैयार रहना) – भारत की रक्षा के लिए कई वीर सदैव सिर पर कफ़न बांधे फिरते हैं।
काला अक्षर भैंस बराबर (अनपढ़ व्यक्ति) – ग्रामों में बहुत व्यक्ति ऐसे हैं, जिनके लिए काला अक्षर भैंस बराबर है।
कुत्ते की मौत मरना (बुरी हालत में मरना) – शराबी व्यक्ति सदैव कुत्ते की मौत मरते हैं।
कलेजे पर साँप लोटना (ईर्ष्या से जलना) – मोहन की सफलता पर उसके पड़ोसी के कलेजे पर साँप लोटने लगा।
कोल्हू का बैल (दिन रात कार्य करने वाला) – आजकल कोल्हू का बैल बनने पर भी बड़ी कठिनता से निर्वाह होता है।
कोरा जवाब देना (साफ़ इन्कार करना) – जब उसने सुरेन्द्र से पुस्तक मांगी तो उसने कोरा जवाब दे दिया।
खाला जी का घर (आसान काम) – मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण करना खाला जी का घर नहीं है।
खून का प्यासा (कट्टर शत्रु) – आजकल तो भाई-भाई के खून का प्यासा बन गया है।
खून का चूंट पीना (क्रोध को दिल में दबाए रखना) – हरगोपाल की पुत्रवधू उसकी गालियाँ सुनकर खून का चूंट पीये रहती है।
खरी-खरी सुनाना (सच्ची बात कहना) – अंगद ने जब रावण को खरी-खरी सुनाई तो वह अंगारे उगलने लगा।
गुदड़ी का लाल (छुपा रुस्तम) – मुन्शी प्रेमचन्द गुदड़ी के लाल थे। गप्पें हांकना (व्यर्थ की बातें करना) – मुकेश सदैव गप्पें हांकता रहता है। पढ़ाई की ओर बिल्कुल ध्यान नहीं देता।
गुड़ गोबर करना (बनी बनाई बात बिगाड़ देना) – काम तो बन गया था परन्तु तुमने बीच में बोलकर गुड़ गोबर कर दिया।
घर में गंगा (सहज प्राप्ति) – अरे सुरेश, तुम्हें पढ़ाई की क्या चिन्ता ? तुम्हारा भाई अध्यापक है, तुम्हारे तो घर में गंगा बहती है।
घर सिर पर उठाना (बहुत शोर करना) – छुट्टी के दिन बच्चे घर सिर पर उठा लेते हैं।
घाव पर नमक छिड़कना (दुःखी को और दुखाना) – बेचारी उमा विवाह होते ही विधवा हो गई, अब उसकी सास हरदम बुरा-भला कहकर उसके घाव पर नमक छिड़कती
घी के दिये जलाना (प्रसन्न होना) – जब श्री रामचन्द्र जी अयोध्या वापिस लौटे तो लोगों ने घी के दिये जलाए।
चकमा देना (धोखा देना) – चोर पुलिस को चकमा देकर भाग गया।
चल बसना (मर जाना) – श्याम के पिता दो वर्ष की लम्बी बीमारी के बाद कल चल बसे।
छक्के छुड़ाना (बुरी तरह हराना) – 1971 में भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सेना के छक्के छुड़ा दिए थे।
छोटा मुँह बड़ी बात (बात बढ़ा-चढ़ा कर कहना) – कई लोगों को छोटा मुँह बड़ी बात कहने की आदत होती है।
जूतियाँ चाटना (खुशामद करना) – स्वार्थी आदमी अपने काम के लिए अफसरों की जूतियाँ चाटते फिरते हैं।
जान पर खेलना (प्राणों की परवाह न करना) – लाला लाजपतराय जैसे देशभक्त भारत की स्वतन्त्रता के लिए अपनी जान पर खेल गए।
ज़मीन आसमान एक करना (बहुत प्रयत्न करना) – रमेश ने नौकरी पाने के लिए ज़मीन आसमान एक कर दिया लेकिन असफल रहा।
टका-सा जवाब देना (कोरा जवाब देना) – जब मैंने सुरेश से पुस्तक मांगी तो उसने मुझे टका-सा जवाब दे दिया।
टांग अड़ाना (व्यर्थ दखल देना, रुकावट डालना) – मोहन, तुम क्यों दूसरों के कार्य में टांग अडाते हो।
टेढ़ी खीर (कठिन कार्य) – मुख्याध्यापक से टक्कर लेना टेढ़ी खीर है।
ठोकरें खाना (धक्के खाना) – आजकल तो एम० ए० पास भी नौकरी के लिए ठोकरें खाते फिरते हैं।
डींग मारना (शेखी मारना) – राकेश डींगें तो मारता है लेकिन वैसे पाई-पाई के लिए मरता है।
डंका बजना (प्रभाव होना, अधिकार होना, विजय पाना) – आज विश्व भर में अमेरिका की शक्ति का डंका बज रहा है।
डूबते को तिनके का सहारा (संकट में थोड़ी-सी सहायता मिलना) – इस विपत्ति में तुम्हारे पाँच रुपए भी मेरे लिए डूबते को तिनके का सहारा सिद्ध होंगे।
तूती बोलना (प्रभाव होना, बात का माना जाना) – आजकल हर जगह धनी लोगों की ही तूती बोलती है।
तलवे चाटना (चापलूसी करना) – मुनीश दूसरों के तलवे चाट कर काम निकालने में बहुत निपुण है।
ताक में रहना (अवसर देखते रहना) – चोर सदैव चोरी करने की ताक में रहते हैं।
दाँतों तले उंगली दबाना (आश्चर्य प्रकट करना) – महान् तपस्वी भी रावण की कठिन तपस्या देखकर दाँतों तले उंगली दबाते थे।
दाहिना हाथ (बहुत सहायक) – जवान पुत्र अपने पिता के लिए दाहिना हाथ सिद्ध होता है।
दिन में तारे नज़र आना (कोई अनहोनी घटना होने से घबरा जाना) – जंगल में शेर को अपनी ओर लपकते देखकर प्रमोद को दिन में तारे नज़र आ गए।
दाँत खट्टे करना (हराना) – महाराणा प्रताप ने युद्ध में कई बार मुगलों के दाँत खट्टे किए।
दिन दुगुनी रात चौगुनी (अत्यधिक उन्नति) – भारत आजकल दिन दुगुनी रात चौगुनी उन्नति कर रहा है।
धज्जियाँ उड़ाना (पूरी तरह खण्डन करना) – महात्मा गाँधी ने अंग्रेज़ों के अत्याचारों की धज्जियाँ उड़ा दीं।
नाकों चने चबाना (खूब तंग करना) – भारतीय सैनिकों ने शत्रु को नाकों चने चबा दिए।
नाक में दम करना (बहुत तंग करना) – तुमने तो मेरे नाक में दम कर रखा है।
पानी-पानी होना (बहुत लज्जित होना) – चोरी पकड़े जाने पर सुरेश पानी-पानी हो गया।
पीठ दिखाना (युद्ध से भाग जाना) – युद्ध में पीठ दिखाना कायरों का काम है, वीरों का नहीं।
पगड़ी उछालना (अपमान करना) – बड़ों की पगड़ी उछालना सज्जन पुरुष को शोभा नहीं देता।
पत्थर की लकीर (अटल बात) – श्री जय प्रकाश नारायण का कथन पत्थर की लकीर सिद्ध हुआ।
पापड़ बेलना (कई तरह के काम करना) – महेश ने नौकरी प्राप्त करने के लिए कई पापड़ बेले, फिर भी असफल रहा।
पसीना-पसीना होना (घबरा जाना) – कठिन पर्चा देखकर गीता पसीना-पसीना हो गई।
फूला न समाना (बहुत प्रसन्न होना) – परीक्षा में प्रथम आने का समाचार सुनकर आशा फूली न समाई।
फूट-फूट कर रोना (बहुत अधिक रोना) – पिता के मरने का समाचार सुनकर रमा फूट-फूट कर रोने लगी।
बगुला भक्त (कपटी) – मोहन को अपनी कोई बात न बताना, वह बगुला भक्त है।
बायें हाथ का खेल (आसान काम) – दसवीं की परीक्षा पास करना बायें हाथ का खेल नहीं है।
बाल बांका न करना (हानि न पहुँचाना) – मेरे होते हुए कोई तुम्हारा बाल बांका नहीं कर सकता।
बाल-बाल बच जाना (साफ-साफ बच जाना) – आज ट्रक और बस की दुर्घटना में यात्री बाल-बाल बच गए।
मुँह की खाना (बुरी तरह हारना) – 1971 के भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान को मुँह । की खानी पड़ी थी।
रफू-चक्कर होना (भाग जाना) – जेब काट कर जेबकतरा रफू-चक्कर हो गया।
रंग में भंग पड़ना (मज़ा किरकिरा होना) – जलसा शुरू ही हुआ था कि रंग में भंग पड़ गया।
लाल-पीला होना (क्रुद्ध होना) – पहले बात तो सुन लो, व्यर्थ में क्यों लाल-पीले हो रहे हो।
लोहा मानना (शक्ति मानना) – सारा यूरोप नेपोलियन का लोहा मानता था।
लेने के देने पड़ जाना (लाभ के बदले हानि होना) – भारत पर आक्रमण करके पाकिस्तान को लेने के देने पड़ गए।
लोहे के चने चबाना (अति कठिन काम) – भारत पर आक्रमण करके चीन को लोहे के चने चबाने पड़े।
लहू पसीना एक करना (बहुत परिश्रम करना) – आजकल लहू पसीना एक करने पर भी अच्छी तरह से जीवन निर्वाह नहीं हो पाता।
सिर पर भूत सवार होना (अत्यधिक क्रोध में आना) – अरे सुरेश, राम के सिर पर तो भूत सवार हो गया है, वह तुम्हारी एक न मानेगा।
सिर नीचा होना (इज्ज़त बिगड़ना) – नकल करते हुए पकड़े जाने पर प्रभा का अपना सिर नीचा हो गया।
हवा से बातें करना (तेज़ भागना) – शीघ्र ही हमारी गाड़ी हवा से बातें करने लगी।
हक्का -बक्का रह जाना (हैरान रह जाना) – वरिष्ठ नेता जगजीवन राम के कांग्रेस छोड़ने पर श्रीमती इन्दिरा गाँधी हक्की-बक्की रह गईं थीं!
हाथ धो बैठना (खो देना, छिन जाना) – पाकिस्तान युद्ध में कई युद्ध पोतों तथा पनडुब्बियों से हाथ धो बैठा।
हाथ-पैर मारना (प्रयत्न करना) – डूबते बच्चे को बचाने के लिए लोगों ने खूब हाथ-पैर मारे परन्तु सफल न हो सके।
हथियार डाल देना (हार मान लेना) – बंगला देश में पाकिस्तानी सेना ने साधारण से युद्ध के बाद हथियार डाल दिए।