Punjab State Board PSEB 6th Class Physical Education Book Solutions Chapter 8 नशा-एक श्राप Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 6 Physical Education Chapter 8 नशा-एक श्राप
PSEB 6th Class Physical Education Guide नशा-एक श्राप Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
कौन-सा नशा व्यक्ति की स्मरण शक्ति तथा पाचन-शक्ति को खत्म करता है ?
उत्तर-
‘शराब’ एक ऐसा नशा है जो व्यक्ति की स्मरण शक्ति तथा पाचन-शक्ति को खत्म करता है । शराब का प्रभाव पहले दिमाग पर होता है। नाड़ी प्रबन्ध बिगड़ जाता है और दिमाग कमज़ोर हो जाता है। मनुष्य की सोचने की शक्ति कम हो जाती है। शराब पीने से पाचक रस कम पैदा होना शुरू हो जाता है जिस कारण पाचन शक्ति कम हो जाती है और पेट खराब रहने लगता है।
प्रश्न 2.
सिगरेट में कौन-सा विषैला तत्व पाया जाता है ? .
उत्तर-
सिगरेट में निकोटीन नामक विषैला तत्व पाया जाता है। यह तम्बाकू के पौधों में मिलने वाला.एल्कालोएड है। इस निकोटीन का बुरा प्रभाव सिर पर पड़ता है जिससे सिर चकराने लग जाता है और फिर दिल पर प्रभाव पड़ता है। इसका सेवन करने से कैंसर की बीमारी लगने का खतरा बढ़ जाता है। मुख्य रूप में छाती का कैंसर और गले के कैंसर का डर रहता है।
प्रश्न 3.
शराब के शरीर पर क्या प्रभाव पड़ते हैं ?
उत्तर-
शराब के हमारे शरीर पर प्रभाव (Effects of Alcohol on our body)शराब एक नशीला तरल पदार्थ है। शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बाज़ार में बेचने से पहले प्रत्येक शराब की बोतल पर यह लिखना ज़रूरी है। फिर भी बहुत-से लोगों को इस की लत (आदत) लगी हुई है जिससे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। शरीर को कई तरह के रोग लग जाते हैं। फेफड़े कमज़ोर हो जाते हैं और व्यक्ति की आयु घट जाती है। ये शरीर के सभी अंगों पर बुरा प्रभाव डालती है। पहले तो व्यक्ति शराब को पीता है। कुछ समय पीने के बाद शराब आदमी को पीने लग जाती है। भाव शराब शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचाने लग जाती है।
शराब के हमारे शरीर पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ते हैं :-
- शराब का असर पहले दिमाग़ पर होता है। नाड़ी प्रबन्ध बिगड़ जाता है और दिमाग़ कमजोर हो जाता है। मनुष्य के सोचने की शक्ति घट जाती है।
- शरीर में गुर्दे कमजोर हो जाते हैं।
- शराब पीने से पाचन रस कम पैदा होना शुरू हो जाता है जिससे पेट खराब रहने लग जाता है।
- श्वास की गति तेज़ और सांस की अन्य बीमारियां लग जाती हैं।
- शराब पीने से रक्त की नाड़ियां फूल जाती हैं। दिल को अधिक काम करना पड़ता है और दिल के दौरे का डर बना रहता।
- लगातार शराब पीने से मांसपेशियों की शक्ति घट जाती है। शरीर बीमारियों का मुकाबला करने के योग्य नहीं रहता है।
- आविष्कारों से पता लगा है कि शराब पीने वाला मनुष्य शराब न पीने वाले व्यक्ति से काम कम करता है। शराब पीने वाले व्यक्ति को बीमारियां भी जल्दी लगती हैं।
- शराब से घर, स्वास्थ्य, पैसा आदि बर्बाद होता है और यह एक सामाजिक बुराई है।
प्रश्न 4.
कैंसर रोग कौन-कौन से नशों से होता है ?
उत्तर-
कैंसर रोग सिगरेट, बीड़ी, तम्बाकू, जरदा, खैनी, आदि नशों से होता है। सिगरेट, बीड़ी, जरदा, खैनी आदि ये पदार्थ तम्बाकू से ही बनाए जाते हैं।
तम्बाकू से स्वास्थ्य पर प्रभाव (Effect of Smoking on Health) हमारे देश में तम्बाकू पीना-खाना एक बहुत बुरी आदत बन चुका है। तम्बाकू पीने के अलग-अलग ढंग हैं, जैसे बीड़ी, सिगरेट पीना, सिगार पीना, हुक्का पीना, चिल्म पीना आदि। इस तरह खाने के ढंग भी अलग हैं जैसे तम्बाकू चूने में मिला कर सीधे मुंह में रख कर खाना, या रगने में रख कर खाना, या गले में रख कर खाना आदि। तम्बाकू में खतरनाक ज़हर निकोटीन (Nicotine) होता है। इसके अलावा कार्बन डाइऑक्साइड आदि भी होता है। निकोटीन का बुरा प्रभाव सिर पर पड़ता है जिससे सिर चकराने लग जाता है और फिर दिल पर प्रभाव करता है।
प्रश्न 5.
नशा करने वाले व्यक्ति की समाज में क्या पहचान होती है ?
उत्तर-
मनुष्य प्राचीन काल से ही नशीली वस्तुओं का प्रयोग करता आ रहा है। उसका विश्वास था कि इनके प्रयोग से रोग दूर होते हैं तथा मन ताजा होता है। परन्तु बाद में इनके कुप्रभाव भी देखने में आये हैं। आज के वैज्ञानिक युग में अनेक नई-नई नशीली वस्तुओं का आविष्कार हुआ है जिसके कारण क्रीड़ा जगत् दुविधा में पड़ गया है। इन नशीली वस्तुओं के सेवन से भले ही कुछ समय के लिए अधिक काम लिया जा सकता है, परन्तु नशे और अधिक काम से मानव रोग का शिकार हो कर मृत्यु को प्राप्त करता है। इन घातक नशों में से कुछ नशे तो कोढ़ के रोग से भी बुरे हैं। शराब, तम्बाकू, अफीम, भांग, हशीश, एडरनलिन तथा निकोटीन ऐसी नशीली वस्तुएं हैं जिनका सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है।
नशा करने की समस्या केवल उस व्यक्ति पर ही नहीं बल्कि उसके परिवार और समाज पर भी प्रभाव डालती है। नशा करने वाला व्यक्ति बेशक वह स्कूल, काम-काज या अन्य जिम्मेदारियाँ हों, किसी में भी दिलचस्पी नहीं लेता। परिणामस्वरूप वह कोई ज़िम्मेदारी नहीं ले पाता और स्वयं ही परिवार और समाज पर एक जिम्मेदारी बन कर रह जाता है। उसकी कोई इज्जत नहीं करता। उसके साथ कोई मेल-मिलाप नहीं करता। अत्यधिक नशीले पदार्थों को रोज़ खरीदना महंगा होता है। इसलिए वह नशों की तलब के कारण छोटे-मोटे जुर्म करने लग जाता है, जिसके कारण उसके चरित्र पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है और वह समाज पर एक बोझ बन जाता है।
Physical Education Guide for Class 6 PSEB नशा-एक श्राप Important Questions and Answers
बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
नशीली वस्तुएं किन दो क्रियाओं पर अधिक प्रभाव डालती हैं ?
उत्तर-
- पाचन क्रिया पर
- खेलने की शक्ति पर ।
प्रश्न 2.
नशीली वस्तुओं के कोई दो दोष लिखें।
उत्तर-
- चेहरा पीला पड़ जाता है।
- मानसिक सन्तुलन खराब हो जाता है।
प्रश्न 3.
नशीली वस्तुओं के खिलाड़ियों पर कोई दो बुरे प्रभाव लिखें।
उत्तर-
- लापरवाई तथा बेफिक्री।
- खेल भावना का अन्त।
प्रश्न 4.
शराब का असर पहले दिमाग़ पर होता है। ठीक अथवा ग़लत ।
उत्तर-
ठीक।
प्रश्न 5.
तम्बाकू खाने से या पीने से नज़र कमजोर हो जाती है।ठीक अथवा ग़लत ।
उत्तर-
ठीक।
प्रश्न 6.
तम्बाकू से कैंसर की बीमारी का डर बढ़ता है अथवा कम होता है ?
उत्तर-
डर बढ़ जाता है।
प्रश्न 7.
तम्बाकू के प्रयोग से खांसी नहीं लगती और टी० बी० भी नहीं हो सकती। ठीक अथवा ग़लत ।
उत्तर-
ग़लत।
प्रश्न 8.
नशे वाला खिलाड़ी लापरवाह हो जाता है। सही अथवा ग़लत ।
उत्तर-
सही।
छोटे उत्तरों वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
आमतौर पर प्रयोग होने वाली कुछ नशीली वस्तुओं के नाम लिखो।
उत्तर-
नशीली वस्तुएं निम्नलिखित हैं –
- शराब
- अफीम
- तम्बाकू
- भांग
- हशीश
- चरस
- कोकीन
- एलंडरविन
- जरदा
- खैनी
- सिगरेट।
प्रश्न 2.
नशे के बरे प्रभाव लिखें।
उत्तर-
नशे से शरीर खोखला हो जाता है। नशीले पदार्थ के सेवन से पाचन प्रणाली में रोग लग जाते हैं। कई दफ़ा व्यक्ति को कैंसर जैसे रोग का सामना करना पड़ता है। व्यक्ति का रक्त संचार बढ़ जाता है और मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं। हृदयघात की संभावना बढ़ जाती है। अधिक नशीले पदार्थ का सेवन करने से व्यक्ति के हाथ-पांव कांपने लगते हैं।
प्रश्न 3.
नशीले पदार्थ से छुटकारा पाने के लिए कोई दो तरीके लिखो।
उत्तर-
1. प्रेरणा-बच्चे को नशीले पदार्थ छुड़वाने में माता-पिता, स्कूल अध्यापक और बड़े बुजुर्ग प्रेरणा देकर बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं।
2. मनोवैज्ञानिक तरीका-नशीले पदार्थों से छुटकारा पाना बहुत कठिन है और व्यक्ति को मानसिक तौर पर नशीले पदार्थ छोड़ने की कोशिश करनी चाहिए। उसके लिए मनोवैज्ञानिक चिकित्सा से काऊंसलिंग लेनी चाहिए।
प्रश्न 4.
नशे की रोकथाम क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
नशे की लत (आदत) हर साल लगभग 5 लाख से भी ज्यादा लोगों को मार देती है। लोग नशे की ज्यादा मात्रा लेने के कारण दुर्घटना, बीमारी या कोई अन्य कारण से मर जाते हैं। नशाखोरी मनुष्य को उसकी बेहतर जिंदगी व्यतीत करने से दूर करती है। यह मनुष्य की सेहत को, उसके काम करने की योग्यता और उसके सम्बन्धों को खराब करती है। इलाज से नशाखोरी की आदत से छुटकारा पा सकते हैं। नशे के खतरे से बचने के लिए सबसे बढ़िया इलाज यह है कि नशे को पहली बार ही न किया जाए। माता-पिता अपने बच्चे का अच्छी तरह ध्यान रखें। अच्छे घरों के बच्चे नशाखोरी में पड़ जाते हैं यदि उनका ध्यान न रखा जाए।