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PSEB 6th Class Science Notes Chapter 2 भोजन के तत्व
→ पोषक तत्व वे पदार्थ हैं जो शरीर के समुचित विकास और वृद्धि के लिए आवश्यक हैं।
→ कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, खनिज और विटामिन हमारे भोजन के मुख्य पोषक तत्व हैं। इनके अलावा हमारे शरीर को पानी और रूक्षांश की जरूरत होती है।
→ कार्बोहाइड्रेट कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से बने होते हैं। ये ऊर्जा के तत्कालीन स्रोत हैं तथा ऊर्जा देने वाले भोजन कहलाते हैं।
→ बाजरा, ज्वार, चावल, गेहूँ, गुड़, आम, केला और आलू कार्बोहाइड्रेट के मुख्य स्रोत हैं।
→ हमारे पास दो प्रकार के कार्बोहाइड्रेट हैं। ये सरल कार्बोहाइड्रेट और जटिल कार्बोहाइड्रेट हैं।
→ ग्लूकोज, फ्रक्टोज, सुक्रोज, लैक्टोज आदि सरल कार्बोहाइड्रेटों के उदाहरण हैं। स्टार्च, सेल्युलोज, ग्लाइकोजन जटिल कार्बोहाइड्रेटों के उदाहरण आदि हैं।
→ स्वाद में मीठे कार्बोहाइड्रेटों को शर्करा कहते हैं।
→ सुक्रोज को टेबल शुगर के रूप में जाना जाता है। फ्रक्टोज को फल शुगर कहा जाता है। लैक्टोज को मिल्क शुगर कहा जाता है।
→ स्टार्च बेस्वाद और पानी में अघुलनशील है। यह ग्लूकोज की कई इकाइयों से बना होता है।
→ आलू, गेहूँ, चावल, मक्का आदि स्टार्च के मुख्य स्रोत हैं।
→ पाचन के दौरान स्टार्च पहले ग्लूकोज में और अंत में कार्बन डाइऑक्साइड और पानी में परिवर्तित होता है। इसलिए, स्टार्च ऊर्जा का तत्कालिक स्रोत नहीं है।
→ स्टार्च का पता आयोडीन परीक्षण द्वारा लगाया जा सकता है। यह आयोडीन के साथ नीला-काला रंग देता है।
→ प्रोटीन कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और नाइट्रोजन से बने होते हैं। इन्हें बॉडी बिल्डिंग फूड कहा जाता है। शरीर की कोशिकाओं की वृद्धि और मुरम्मत प्रोटीन का मुख्य कार्य है। ये हमें कई बीमारियों से भी बचाती हैं।
→ पौधे और जंतु दोनों ही प्रोटीन के स्रोत हैं। पौधों से मिलने वाले प्रोटीन को पादप प्रोटीन कहा जाता है और जंतुओं से प्राप्त प्रोटीन को पशु प्रोटीन अथवा जैव प्रोटीन कहा जाता है।
→ सोयाबीन, मटर जैसी फलियाँ और चना, राजमाह और मूंग जैसी दालें पादप प्रोटीन के स्रोत हैं। पालक, मशरूम, ब्रोकली आदि से भी प्रोटीन मिलता है।
→ मांस, मछली, मुर्गी, दूध और दुग्ध उत्पाद प्रोटीन के मुख्य स्रोत हैं।
→ कुछ प्रोटीन हमारे शरीर में होने वाली विभिन्न प्रतिक्रियाओं को तेज करते हैं। इन्हें एंजाइम के रूप में जाना जाता है।
→ एंजाइम वे प्रोटीन होते हैं जो एक जीवित जीव के शरीर के अंदर विभिन्न प्रतिक्रियाओं को तेज करते हैं।
→ कॉपर सल्फेट और कास्टिक सोडा के घोल में प्रोटीन मिलाने पर नीला रंग मिलता है। इस प्रतिक्रिया का उपयोग प्रोटीन का पता लगाने के लिए किया जाता है।
→ वसा से भी हमें ऊर्जा प्राप्त होती है। ये कार्बोहाइड्रेट की तुलना में अधिक मात्रा में ऊर्जा देती है। इनके द्वारा ऊर्जा छोड़ने की प्रतिक्रिया धीमी होती है।
→ वसा ऊर्जा के सबसे समृद्ध स्रोत के रूप में जाने जाते हैं। कार्बोहाइड्रेट को ऊर्जा के तत्कालिक स्रोत के रूप में जाना जाता है।
→ सरसों का तेल, नारियल का तेल और सूरजमुखी के तेल जैसे वनस्पति तेल, वसा के महत्त्वपूर्ण वनस्पति अथवा पादप स्रोत हैं। वनस्पति अथवा पादप वसा के अन्य स्रोत काजू, बादाम, मूंगफली और तिल हैं।
→ मांस, अंडे, मछली, दूध और दूध उत्पाद जैसे मक्खन, घी आदि पशु वसा के महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं।
→ वसा से हमें ऊर्जा मिलती है तथा ये शरीर से गर्मी के नुकसान को रोकते हैं।
→ कागज पर तैलीय पैच की उपस्थिति किसी भी खाद्य पदार्थ में वसा की उपस्थिति की पुष्टि करती है।
→ हमारे शरीर को खनिजों की भी आवश्यकता होती है। कैल्शियम, लोहा, आयोडीन और फास्फोरस महत्त्वपूर्ण खनिज हैं। ये हमें ऊर्जा नहीं देते हैं।
→ हीमोग्लोबिन के निर्माण के लिए आयरन की और हड्डियों के निर्माण के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है। फास्फोरस हड्डियों और दांतों को मजबूती प्रदान करता है। थायरॉयड ग्रंथि के सामान्य कामकाज के लिए आयोडीन की आवश्यकता होती है।
→ हमारे शरीर के ठीक ढंग से कार्य के लिए हमें विटामिनों की आवश्यकता होती है। हमारे पास A, B, C, D, E और K जैसे विभिन्न विटामिन हैं।
→ अंडे, मांस, दूध, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, गाजर, पपीता आदि विटामिन C के स्रोत हैं। यह स्वस्थ आंखों और त्वचा के लिए आवश्यक है।
→ दूध, हरी सब्जियाँ, मटर, अंडे, अनाज, मशरूम आदि विटामिन B के स्रोत हैं। यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र और पाचन तंत्र के सामान्य विकास और उचित कामकाज के लिए आवश्यक है।
→ खट्टे फल (नींबू, संतरा, आदि), आँवला, टमाटर, ब्रोकली आदि विटामिन सी के स्रोत हैं। यह रोगों से लड़ने के लिए आवश्यक है।
→ डेयरी उत्पाद, मछली के जिगर का तेल, सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आना आदि विटामिन D के स्रोत हैं। यह स्वस्थ हड्डियों और दाँतों के लिए आवश्यक है।
→ बादाम, मूंगफली, सूरजमुखी का तेल, सोयाबीन का तेल, पत्तेदार सब्जियाँ विटामिन E के स्रोत हैं। कोशिकाओं को क्षति से बचाने के लिए और हमारे शरीर की विभिन्न समस्याओं को कम करने में मदद करने के लिए इसकी आवश्यकता होती है।
→ हरी पत्तेदार सब्जियाँ, मछली का मांस, अंडे, अनाज आदि विटामिन K के स्रोत हैं। यह रक्त के जमने के लिए आवश्यक है।
→ पोषक तत्व-वे पदार्थ हैं जो शरीर के समुचित विकास और उचित कामकाज के लिए आवश्यक हैं।
→ संतुलित आहार-जिस आहार में शरीर के समुचित विकास और उचित कामकाज के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्वों, रौगे और पानी की पर्याप्त मात्रा होती है, उसे संतुलित आहार कहा जाता है।
→ कमी रोग-लंबे समय तक हमारे आहार में पोषक तत्वों की कमी के कारण जो रोग होता है उसे कमी रोग कहा जाता है।
→ घेघा-आयोडीन की कमी से होने वाला एक रोग है और इसका मुख्य लक्षण गर्दन में मौजूद थायरॉयड ग्रंथि का बढ़ना है।
→ स्कर्वी- यह विटामिन C की कमी से होना वाला रोग है और इसके मुख्य लक्षणों में मसूड़ों से खून आना शामिल है।
→ बेरी-बेरी-यह विटामिन B की कमी से होने वाला रोग है।
→ रिकेट्स- यह विटामिन D की कमी से होने वाला रोग है और इसके मुख्य लक्षणों में हड्डियों का नरम होना और मुड़ना शामिल है।
→ खून की कमी अथवा एनीमिया-यह आयरन की कमी से होने वाली बीमारी है और इसके मुख्य लक्षणों में कमजोरी, थकान और पीली त्वचा शामिल हैं।
→ रूक्षांश- भोजन में मौजूद रेशेदार अपचनीय पदार्थ को रूक्षांश कहा जाता है।