Punjab State Board PSEB 6th Class Science Book Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण Textbook Exercise Questions, and Answers.
PSEB Solutions for Class 6 Science Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण
PSEB 6th Class Science Guide पदार्थों का पृथक्करण Textbook Questions, and Answers
1. खाली स्थान भरें
(i) निस्यंदन विधि अघुलनशील ……………….. को ………………… से अलग करने में सहायक होती है।
उत्तर-
अघुलनशील, विलयन
(ii) चावलों में से छोटे पत्थरों के टुकड़ों को …………………… माध्यम से अलग किया जा सकता है।
उत्तर-
हस्तचयन
(iii) बुरादा आटे से ………………… द्वारा अलग किया जाता है।
उत्तर-
निस्यंदन अथवा विनोइंग
(iv) चावलों के दानों को डंडियों से अलग करने की विधि को ………………….. कहते हैं।
उत्तर-
फटकन अथवा थैशिंग
(v) अवसाद को हिलाए बिना तरल की ऊपरी तह को गिराने की क्रिया को ………………….. कहते हैं।
उत्तर-
निस्तारण।
2. सही या ग़लत
(i) छानन विधि में मिश्रण के अंशों का आकार अलग-अलग होता है।
उत्तर-
सही
(ii) तरल पदार्थों से भाप बनाने की प्रक्रिया को संघनन कहते हैं।
उत्तर-
ग़लत
(iii) नमक और आटे के मिश्रण को हस्त चयन विधि द्वारा अलग किया जा सकता है।
उत्तर-
ग़लत
(iv) डंडियों से दोनों को अलग करने को गहाई (थ्रेशिंग) कहते हैं।
उत्तर-
सही
3. कॉलम ‘क’ का कॉलम ‘ख’ से उचित मिलान करें
कॉलम ‘क’ | कॉलम ‘ख’ |
(i) पानी से नमक अलग करना | (क) संघनन |
(ii) भारी कणों का नीचे बैठना | (ख) उड़ाना |
(iii) अलग-अलग अंशों का हवा द्वारा पृथक्करण | (ग) वाष्पन |
(iv) वाष्पों से पानी का बनना | (घ) अवसादन |
उत्तर-
कॉलम ‘क’ | कॉलम ‘ख’ |
(i) पानी से नमक अलग करना | (ग) वाष्पन |
(ii) भारी कणों का नीचे बैठना | (घ) अवसादन |
(iii) अलग-अलग अंशों का हवा द्वारा पृथक्करण | (ख) उड़ाना |
(iv) वाष्पों से पानी का बनना | (क) संघनन |
4. सही विकल्प चुनें
प्रश्न (i)
हवा द्वारा मिश्रण के भारी तथा हल्के कणों को पृथक्करण की कौन-सी विधि द्वारा अलग किया जाता है?
(क) हस्तचयन
(ख) गहाई (थ्रेशिंग)
(ग) छानना
(घ) उड़ाना ।
उत्तर-
(घ) उड़ाना।
प्रश्न (ii)
बर्फ रखे गिलास के बाहर पानी की बूंदों के बनने का कारण है?
(क) गिलास से पानी का वाष्पन
(ख) वायुमंडलीय जल वाष्पों का संघनन
(ग) गिलास से पानी का बाहर आना
(घ) वायुमंडलीय जल वाष्पों का वाष्पन।
उत्तर-
(ख) वायुमंडलीय जल वाष्पों का संघनन।
प्रश्न (iii)
आपने अपनी माता जी को चावल पकाने से पहले उसमें से मिट्टी पत्थर आदि बाहर निकालते देखा होगा। यह कौन-सी विधि हो सकती है?
(क) हस्तचयन
(ख) निस्तारण
(ग) वाष्पन
(घ) अवसादन ।
उत्तर-
(क) हस्तचयन।
प्रश्न (iv)
हमें मिश्रण में से अंशों के पृथक्करण की आवश्यकता पड़ती है ताकि
(क) दो अलग-अलग पर लाभदायक अंशों को पृथक्करण किया जा सके
(ख) अनुपयोगी अंशों को दूर किया जा सके
(ग) हानिकारक अंशों को अलग किया जा सके
(घ) सभी।
उत्तर-
(घ) सभी।
5. अति लघूत्तर प्रश्न
प्रश्न (i)
अवसादन की परिभाषा दें।
उत्तर-
मिश्रण में से भारी अविलेय कणों के नीचे बैठ जाने की क्रिया को अवसादन कहते हैं।
प्रश्न (ii)
वाष्पन से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
किसी द्रव को उसके वाष्प रूप में बदलने की प्रक्रिया को वाष्पीकरण कहते हैं।
प्रश्न (iii)
कंबाइन मशीन किस काम के लिए प्रयोग की जाती है?
उत्तर-
कंबाइन मशीन का उपयोग कटाई और निस्यंदन दोनों प्रक्रियाओं के लिए किया जाता है।
6. लघूत्तर प्रश्न
प्रश्न (i)
वाष्पन और संघनन में अंतर बताएँ।
उत्तर-
किसी द्रव को उसके वाष्प रूप में बदलने की प्रक्रिया को वाष्पीकरण कहते हैं। वह प्रक्रिया जिसके द्वारा वाष्प जल में परिवर्तित हो जाती है, संघनन कहलाती है।
प्रश्न (ii)
अवसादन तथा निस्तारण में अंतर बताइए।
उत्तर-
अवसादन – वह विलयन जिसमें किसी विशेष तापमान पर और अधिक विलेय नहीं घुल सकता है, संतृप्त विलयन कहलाता है।
निस्तारण – वह विलयन जिसमें किसी विशेष ताप पर और अधिक विलेय घोला जा सकता है, निस्तारण विलयन कहलाता है।
प्रश्न (iii)
गहाई (थ्रेशिंग) की किस्में बताएँ।
उत्तर-
गहाई (थ्रेशिंग) तीन तरीकों से की जा सकती है-
- मैनुअल गहाई (थेशिंग) – यह डंडियों को जमीन पर डंडों से पीटकर या किसी कठोर वस्तु से पटक कर किया जाता है।
- जानवरों द्वारा गहाई (थ्रेशिंग) – कुछ जानवरों जैसे बैल को डंठल को रौंदने की अनुमति है।
- मशीन द्वारा गहाई (शेशिंग) – आमतौर पर इस उद्देश्य के लिए ग्रैशर का उपयोग किया जाता है।
7. निबंधात्मक प्रश्न
प्रश्न (i)
पृथक्करण के निम्नलिखित ढंगों की व्याख्या करें।
(क) गहाई (थेशिंग)।
(ख) उगना।
(ग) छानन।
उत्तर-
(क) गहाई (थेशिंग) – थ्रेशिंग अनाज को भूसी से अलग करना है। यह तीनों में से किसी एक विधि का उपयोग करके किया जा सकता है अर्थात
- मनुष्यों द्वारा
- जानवरों की मदद से और
- मशीनों का उपयोग करके।
(ख) उगाना – विनोइंग एक मिश्रण के भारी और हल्के घटकों को हवा या हवा में उड़ाकर अलग करने की एक
विधि है। भूसी से अनाज को अलग करने के लिए निस्यंदन अथवा विनोइंग एक कृषि पद्धति है। इसका उपयोग
संग्रहित अनाज से घास और भूसी या अन्य कीटों को हटाने के लिए भी किया जाता है।
(ग) छानन – यह एक छाननी का उपयोग करके बड़े पदार्थों को छोटे पदार्थों से अलग करने की एक विधि है। यह अलगाव का बहुत आसान और सस्ता तरीका है। मिश्रण में समान आकार के घटकों को छालन अथवा चालन विधि से अलग नहीं किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, आप चाक पाउडर को आटे से अलग नहीं कर सकते।
प्रश्न (ii)
पृथक्करण क्या है? हमें मिश्रण में से अंशों के पृथक्करण की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
उत्तर-
पृथक्करण – पृथक्करण का अर्थ है किसी मिश्रण के विभिन्न घटकों को पृथक् करने की प्रक्रिया। हमें निम्नलिखित कारणों से मिश्रण को उसके विभिन्न घटकों में पृथक् करने की आवश्यकता है-
- बेकार या हानिकारक घटकों को हटाने के लिए। उदाहरण के लिए, चाय बनाने के बाद चाय की पत्ती निकालना।
- उपयोगी घटक प्राप्त करने के लिए। भूसी, मिट्टी आदि को अलग कर गेहूँ/चावल के दाने प्राप्त करने के लिए
- शुद्ध नमूना प्राप्त करने के लिए अशुद्धियों को दूर करना। उदाहरण के लिए-गन्ने के रस से चीनी के क्रिस्टल
या समुद्र के पानी से नमक प्राप्त करना।
Science Guide for Class 6 PSEB पदार्थों का पृथक्करण Intext Questions and Answers
सोचें और उत्तर दें (पेज 41)
प्रश्न 1.
आप टमाटर की टोकरी में से गले हुए टमाटर कैसे अलग करोगे?
उत्तर-
हस्तचयन द्वारा।
प्रश्न 2.
आप एक टोकरी में रखे काले अंगूरों को हरे अंगूरों से कैसे अलग करोगे?
उत्तर-
हस्तचयन दद्वारा।
सोचें और उत्तर दें (पेज 43)
प्रश्न 1.
छंटना तथा उड़ाना विधि में हवा का क्या कार्य है?
उत्तर-
हवा हल्के कणों को उड़ा कर भारी कणों से दूर कर देती है।
प्रश्न 2.
क्या आप इस विधि के साथ चने की दाल तथा मूंग की दाल को अलग कर सकते हो?
उत्तर-
नहीं, इस मिश्रण को निस्यंदन अथवा विनोइंग द्वारा अलग नहीं किया जा सकता है।
सोचें और उत्तर दें (पेज 43)
प्रश्न 1.
क्या आप नमक और आटे को छाननी के साथ अलग कर सकते हो? क्यों या क्यों नहीं ?
उत्तर-
नहीं, इस मिश्रण को छाननी से अलग नहीं किया जा सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि नमक और आटे के कणों का आकार लगभग समान होता है।
सोचें और उत्तर दें (पेज 45)
प्रश्न 1.
आपको एक बीकर में कुछ चाक पाउडर और पानी का घोल दिया गया है। बीकर को कुछ देर बिना हिलाए पड़ा रहने दें। आप क्या देखेगें? यह पृथक्करण की कौन-सी विधि है ?
उत्तर-
बीकर को कुछ देर तक बिना हिलाए रखने पर हम देखते हैं कि चाक तलछट के रूप में तल पर जमा हो जाएगा। अघुलनशील कणों के तल पर बसने की इस प्रक्रिया को अवसादन कहते हैं।
सोचें और उत्तर दें (पेज 46)
प्रश्न 1.
आपके पिता जी आपको बाज़ार में ताज़े संतरे का रस लाने के लिए कहते हैं। क्या आपने जूस में से पल्प (फोक) तथा बीज अलग करने के लिए छाननी को प्रयोग करते हुए देखा है ? कौन-सी छाननी इस काम के लिए बढ़िया रहेगी? चाय छानने वाली, फिल्टर पेपर, मलमल का कपड़ा या बड़े छेदों वाली छाननी।
उत्तर-
सबसे अच्छी छाननी वह होगी जिसमें गूदे के कणों और बीजों के आकार से छोटे छेद हों। दी गई छाननीयों में से हम मलमल के कपड़े का उपयोग कर सकते हैं। हम चाय की छाननी और फिल्टर पेपर का भी उपयोग कर सकते हैं लेकिन इससे पृथक्करण बहुत धीमी गति से होगा । बड़े छेद वाली छाननी से पल्प अलग नहीं होगा।
सोचें और उत्तर दें (पेज 47)
प्रश्न 1.
दूध से “खोया” बनाने के लिए कौन-सी विधि अपनाई जाती है ?
उत्तर-
हम वाष्पीकरण नामक प्रक्रिया द्वारा दूध से “खोया” तैयार करते हैं।
सोचें और उत्तर दें (पेज 48)
प्रश्न 1.
पानी से भाप बनने की प्रक्रिया को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
वह प्रक्रिया जिसके द्वारा जल वाष्प में परिवर्तित हो जाता है, वाष्पीकरण कहलाती है।
प्रश्न 2.
भाप से पानी बनने की प्रक्रिया को क्या कहते हैं?
उत्तर-
वह प्रक्रिया जिसके द्वारा वाष्प जल में परिवर्तित हो जाते हैं, संघनन कहलाती है।
PSEB Solutions for Class 6 Science पदार्थों का पृथक्करण Important Questions and Answers
1. बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न (i)
आम और अमरूद के ढेर में से आम पृथक् कर सकते हैं-
(क) छान कर
(ख) फटकन द्वारा
(ग) हाथ से बीन कर
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) हाथ से बीन कर।
प्रश्न (ii)
निष्पावन विधि द्वारा हल्के पदार्थों को ………………….. वस्तुओं से पृथक् किया जाता है।
(क) भारी
(ख) कठोर
(ग) हल्की बड़ी
(घ) सभी विकल्प।
उत्तर-
(क) भारी।
प्रश्न (iii)
अन्नकणों से डंडियों को पृथक् करने की विधि को कहते हैं-
(क) थ्रेशिंग
(ख) हस्तचयन
(ग) निष्पादन
(घ) चालन।
उत्तर-
(क) थ्रेशिंग।
प्रश्न (iv)
इस विधि में वायु की सहायता से मिश्रण के अवयव पृथक किए जाते हैं-
(क) चालन
(ख) निष्पादन
(ग) थ्रेशिंग
(घ) निस्यंदन।
उत्तर-
(ख) निष्पादन।
प्रश्न (v)
आटे में से चोकर और अन्य अशुद्धियों को पृथक् करने के लिए हम उपयोग करते हैं-
(क) वायु का
(ख) हाथों का
(ग) छाननी (चालनी) का
(घ) पानी का।
उत्तर-
(ग) छाननी (चालनी) का।
प्रश्न (vi)
जब मिश्रण के अवयवों के आमापों में अंतर कम होता है तो यह विधि अपनाई जाती है-
(क) निस्तारण
(ख) चालन
(ग) निष्पादन
(घ) हस्तचयन।
उत्तर-
(ख) चालन।
प्रश्न (vii)
फिल्टर या निस्पंदन के लिए मुख्यता उपयोग होती है-
(क) फिल्टर पत्र
(ख) बारीक कपड़ा
(ग) छाननी
(घ) सभी विकल्प।
उत्तर-
(घ) सभी विकल्प।
प्रश्न (viii)
दो ऐसे द्रव जो परस्पर मिश्रित नहीं होते, उनके पृथक्करण की विधि का नाम है-
(क) अवसादन
(ख) निस्तारण
(ग) निस्यंदन
(घ) चालन।
उत्तर-
(ख) निस्तारण।
प्रश्न (ix)
जब जल के मिश्रण में अधिक नमक नहीं घुल सकता उसे कहते हैं-
(क) संतृप्त विलयन
(ख) असंतृप्त विलयन
(ग) अशुद्ध विलयन
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(क) संतृप्त विलयन।
प्रश्न (x)
चावल में से धूल कणों को ……………………… विधि द्वारा पृथक् करते हैं।
(क) चालन
(ख) हस्तचयन
(ग) निष्पादन
(घ) सभी विकल्प।
उत्तर-
(क) चालन।
2. खाली स्थान भरें
(i) अशुद्ध पदार्थों को ……………………. भी कहा जाता है।
उत्तर-
मिश्रण
(ii) दानों को डंठलों से अलग करना ………………… कहलाता है ।
उत्तर-
गहाई
(iii) वाष्प के द्रव में बनने को ………………………. कहा जाता है ।
उत्तर-
संघनन
(iv) जिस विलयन में और पदार्थ घुल सकता है, उसे ……………………….. विलयन कहते हैं।
उत्तर-
असंतृप्त
(v) …………………… और संघनन एक दूसरे के …………………… हैं।
उत्तर-
वाष्पीकरण, उल्ट।
3. सही या ग़लत चुनें
(i) चावल से कंकड़ छाननी से अलग किए जाते हैं।
उत्तर-
ग़लत
(ii) घुलनशीलता तापमान पर निर्भर करती है।
उत्तर-
सही
(iii) असंतृप्त विलयन में और पदार्थ नहीं घुल सकता है।
उत्तर-
ग़लत
(iv) कंबाइन द्वारा फूलों से बीजों को अलग किया जाता है।
उत्तर-
ग़लत
(v) शुद्ध पदार्थों की संरचना और गुण निश्चित होते हैं।
उत्तर-
सही
4. कॉलम ‘क’ और कॉलम ‘ख’ का उचित मिलान करें
कॉलम ‘क’ | कॉलम ‘ख’ |
(i) पानी से भाप बनना | (a) भाप से पानी बनना |
(ii) अनाज को भूसे से अलग करना | (b) हस्तचयन |
(iii) गेहूँ से छोटे कंकड़ों को अलग करना | (c) थैशिंग तथा निस्यंदन |
(iv) संघनन | (d) चालन |
(v) आटे से चोकर को अलग करना | (e) वाष्पीकरण |
उत्तर-
कॉलम ‘क’ | कॉलम ‘ख’ |
(i) पानी से भाप बनना | (e) वाष्पीकरण |
(ii) अनाज को भूसे से अलग करना | (c) थैशिंग तथा निस्यंदन |
(iii) गेहूँ से छोटे कंकड़ों को अलग करना | (b) हस्तचयन |
(iv) संघनन | (a) भाप से पानी बनना |
(v) आटे से चोकर को अलग करना | (d) चालन |
5. अति लघूत्तर प्रश्न
प्रश्न 1.
जल के किसी नमूने में रेत को किस विधि द्वारा पृथक् करेंगे ?
उत्तर-
अवसादन विधि द्वारा।
प्रश्न 2.
दूध से मक्खन निकालने के लिए किस विधि का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
मथन विधि का।
प्रश्न 3.
चावल से बारीक रेत के कणों को किस विधि द्वारा पृथक् किया जाता है?
उत्तर-
हस्तचयन।
प्रश्न 4.
गेहूँ से भूसे को पृथक् करने के लिए किस विधि का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
निष्पादन।
प्रश्न 5.
चाय बनाते समय चाय की पत्तियों को द्रव से कैसे पृथक् किया जाता है ?
उत्तर-
छाननी द्वारा।
प्रश्न 6.
पृथक्करण की कौन-सी विधियाँ हैं ?
उत्तर-
हस्तचयन, थ्रेशिंग, निष्पादन, अवसादन, निस्तारण तथा निस्यंदन।
प्रश्न 7.
हस्तचयन विधि क्या है ?
उत्तर-
हस्तचयन विधि का उपयोग गेहूँ, चावल तथा दालों में कुछ बड़े मिट्टी के कणों, पत्थर तथा भूसे को पृथक् किया जाता है।
प्रश्न 8.
श्रेशिंग क्या है ?
उत्तर-
थ्रेशिंग – डंडियों से अनाज को पृथक् करने के प्रक्रम को थ्रेशिंग कहते हैं। आजकल श्रेशिंग का कार्य मशीनों से किया जाता है।
प्रश्न 9.
निष्पादन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
निष्पादन विधि का उपयोग पवन अथवा वायु के झोकों द्वारा मिश्रण से भारी तथा हल्के अवयवों को पृथक करने में किया जाता है। किसान इस विधि से हल्के भूसे को भारी अन्न कणों से पृथक् करने के लिए करते हैं।
प्रश्न 10.
चालन विधि क्या है ?
उत्तर-
चालन विधि – चालन विधि द्वारा पत्थर, डंडियाँ तथा भूसा जो निष्पादन तथा थ्रेशिंग विधि के उपयोग के बाद गेहूँ में रह जाते हैं, को दूर किया जाता है। भवन निर्माण के समय रेत से कंकर तथा पत्थर पृथक् करने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 11.
चावल तथा दालों को पकाने से पहले हल्की अशुद्धियों को किस विधि से पृथक् किया जा सकता है ?
उत्तर-
हस्तचयन या अवसादन विधि द्वारा हल्की अशुद्धियों को पृथक् किया जाता है।
प्रश्न 12.
निस्तारण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
निस्तारण – अवसादित मिश्रण को बिना हिलाए जल को मिट्टी सहित उड़ेलने की क्रिया को निस्तारण कहते हैं।
प्रश्न 14.
जल में नमक को पृथक् करने के लिए किस विधि का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
वाष्पण।
प्रश्न 15.
संतृप्त विलयन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
संतृप्त विलयन – जब किसी विलयन में उसी तापमान पर अधिक विलेय नहीं घुल सकता तो ऐसे विलयन को संतृप्त विलयन कहते हैं।
प्रश्न 16.
असंतृप्त विलयन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
असंतृप्त विलयन – जब किसी विलयन में एक निश्चित तापमान पर अधिक विलेय घुल सकता, उसे अंसृप्त विलयन कहते हैं।
6. लघूत्तर प्रश्न
प्रश्न 1.
समुद्र के जल से साधारण नमक कैसे प्राप्त किया जाता है ?
उत्तर-
समुद्र के जल को लैगून में इकट्ठा किया जाता है। सूर्य की गर्मी से जल वाष्पित हो जाता है तथा नमक पीछे रह जाता है। यह नमक बाद में गट्ठों के रूप में एकत्रित कर लिया जाता है।
प्रश्न 2.
गेहूँ, चीनी तथा भूसा के मिश्रण को पृथक करने के लिए उपयोग में आने वाली विधि बताएं।
उत्तर-
गेहूँ, चीनी तथा भूसा के मिश्रण में से भूसे को निष्पादन विधि से अलग कर लेते हैं। शेष चीनी और गेहूँ को छाननी विधि द्वारा अलग किया जा सकता है।
प्रश्न 3.
द्रव में दिए गए पदार्थ को पृथक् करने में प्रयुक्त पाँच विधियों के नाम बताओ। प्रत्येक की एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
द्रव में दिए गए पदार्थ को अलग करने की विधियाँ निम्नलिखित हैं-
- निस्यंदन – पानी तथा रेत के मिश्रण में से पानी को अलग करना।
- वाष्पण – समुद्रीय जल से नमक को अलग करना।
- आसवन – नमकीन पानी से शुद्ध पानी को अलग करना।
- मथन – दूध से मक्खन निकालना।
- पृथक्करणीय कीप – कैरोसीन तथा पानी के मिश्रण से कैरोसीन को अलग करना।
प्रश्न 4.
निम्नलिखित की परिभाषा दीजिए-
(i) आसवन
(ii) अवसादन।
उत्तर-
(i) आसवन – वह विधि जिसमें एक द्रव को उबाल कर वाष्पों में परिवर्तित किया जाता है और उन वाष्पों को ठंडा करके शुद्ध द्रव में संघनित किया जाता है, आसवन कहलाती है।
(ii) अवसादन – मिश्रण में जल मिलाने पर भारी अवयवों के नीचे तली में बैठ जाने के प्रक्रम को अवसादन कहते हैं।
प्रश्न 5.
दही से मक्खन को पृथक् करने के लिए दही का मथन क्यों किया जाता है ?
उत्तर-
जब दही का मथन किया जाता है तो मक्खन के कण अलग हो जाते हैं। क्योंकि मक्खन के कण शेष कणों से हल्के होते हैं। वे लस्सी पर तैरते रहते हैं और आसानी से अलग किये जा सकते हैं। इसलिए मक्खन को दही से अलग करने के लिए मथन किया जाता है।
प्रश्न 6.
निम्नलिखित मिश्रण को पृथक करने में अवयवों के किस गुण का उपयोग किया जाता है ?
(i) गेहूँ तथा भूसा
(ii) रेत तथा नमक
उत्तर-
(i) गेहूँ तथा भूसा – गेहूँ भारी होने के कारण ज़मीन पर गिर जाता है जबकि भूसा हल्का होने के कारण हवा में फैलता है।
(ii) रेत तथा नमक – नमक के क्रिस्टल बनाए जा सकते हैं। रेत पानी में नहीं घुलती है।
प्रश्न 7.
चट्टानी नमक से शुद्ध नमक प्राप्त करने की विधि का वर्णन करो।
उत्तर-
चट्टानी नमक से शुद्ध नमक प्राप्त करना-चट्टानी नमक से शुद्ध नमक प्राप्त करने के लिए सबसे पहले चट्टानी नमक को बारीक पीस कर गर्म कर पानी में घोल लिया जाता है। इसके पश्चात् विलयन में से अघुलनशील अशुद्ध पदार्थों को फिल्टर से छान लिया जाता है। अब शुद्ध नमक से फिल्टरित घोल को चीनी की प्याली में डाल कर स्पिरिट लैंप पर गर्म किया जाता है। इससे पानी वाष्पित हो जाता है तथा शुद्ध नमक ठोस क्रिस्टलों के रूप में प्राप्त कर लिया जाता है।
प्रश्न 8.
घर में दूध से पनीर कैसे बनाया जाता है ? उसमें कौन-सी विधि का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
पनीर बनाना-निस्यंदन विधि का उपयोग करके दूध से पनीर बनाया जाता है। तुमने देखा होगा कि, पनीर बनाने के लिए दूध को उबालने से पहले उसमें नींबू का रस मिलाया जाता है। ऐसा करने पर पनीर के ठोस कणों तथा द्रव का मिश्रण प्राप्त होता है। पनीर को इस मिश्रण से कपड़े या छाननी से फिल्टर करके पृथक् किया जाता है।
प्रश्न 9.
अवसादन विधि को एक उदाहरण देते हुए समझाइये।
उत्तर-
अवसादन विधि – एक काँच का बर्तन लो। उसका 2/3 भाग पानी से भर दो। अब उसमें थोड़ी-सी मात्रा में रेत डालो। बर्तन को कुछ समय के लिए एक ओर रख दो। कुछ समय के पश्चात् आप देखोगे कि रेत के कण बर्तन के नीचे वाले सिरे पर बैठ गए
हैं। यह अवसादन को दर्शाने की सबसे सरल तथा आसान विधि है।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित पर नोट लिखो-
(i) आसवन
(ii) वाष्पण।
उत्तर-
(i) आसवन – वह विधि जिसमें द्रव को उबालने से वाष्प बनते हैं तथा ऐसे बने वाष्पों को ठंडा करके द्रव में परिवर्तित किया जाता है आसवन कहलाती है। आसवित जल सभी अशुद्धियों से स्वतंत्र हो जाता है। यह विधि ऐसे द्रव को शुद्ध करने में प्रयुक्त होती है जिसमें घुलनशील तथा अघुलनशील अशुद्धियां होती हैं। उदाहरण के लिए समुद्रीय जल को इस तरह शुद्ध किया जाता है।
(ii) वाष्यण – द्रव का वाष्प में बदलने के धीमे परिवर्तन को वाष्पण कहते हैं। यह क्रिया द्रव की सतह पर होती है। यह क्रिया विलयन में से घुलनशील ठोस पदार्थ को अलग करने में प्रयुक्त होती है।
इस विधि में घुलनशील ठोस सहित घोल को एक चौड़ी मुंह वाली बोतल में रखकर गर्म किया जाता है। इसके फलस्वरूप द्रव वाष्प में परिवर्तित हो जाता है तथा ठोस पदार्थ शेष बच जाता है। यह विधि समुद्रीय जल से नमक प्राप्त करने के लिए उपयोग की जाती है।
प्रश्न 11.
फटकन तथा निस्यंदन (Winnowing) द्वारा किस प्रकार पृथक्करण होता है?
उत्तर-
यदि मिश्रण में एक अंश हल्का तथा दूसरा अंश भारी हो तो इस विधि द्वारा पवन के झोंके के प्रभाव अधीन दोनों अंशों को पृथक्-पृथक् एकत्रित किया जाता है। प्रायः किसान निस्यंदन विधि का उपयोग कर भूसे के हल्के कणों को अनाज के भारी कणों से पृथक् करते हैं। मिश्रण को खुले बर्तन या अखबार पर रख कर मैदान में ऊँचे समतल स्थान पर खड़े होकर कंधों से ऊपर ले जाकर टेढ़ा करते हैं ताकि मिश्रण नीचे ढलान की ओर खिसकना आरंभ करे। अब वायु के झोंके के अधीन हल्के कण दूर उड़ जाते हैं जबकि भारी कण निकट गिरते हैं। इस प्रकार हल्के तथा भारी कण पृथक् कर लिए जाते हैं।
7. निबंधात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
पानी में नमक के घोल में से शुद्ध पानी को कैसे अलग किया जाता है ?
उत्तर-
नमक के घोल से शुद्ध पानी को प्राप्त करने के लिए हम आसवन विधि का प्रयोग करते हैं।
आसवन विधि-
रिटार्ट में नमक का घोल लिया जाता है। रिटार्ट का मुंह ढक्कन से बंद कर दिया जाता है तथा इसकी गर्दन ठंडे पानी में रखी फ्लास्क में फिट की जाती है। एक गीला कपड़ा फ्लास्क के ऊपर रखा जाता है और इस बात का ध्यान रखा जाता है कि कपड़ा गीला रहे।
रिटार्ट में पड़े घोल को अब गर्म किया जाता है। कुछ देर बाद पानी उबलना शुरू कर देता है तथा इस तरह बनी भाप फ्लास्क में चली जाती है। फ्लास्क में भाप ठंडी होकर पानी के कणों में परिवर्तित हो जाती है जो फ्लास्क में एकत्रित हो जाती है। इस तरह एकत्रित पानी शुद्ध होता है।
प्रश्न 2.
एक मिश्रण में से पानी तथा गंधक को कैसे अलग करोगे ?
उत्तर-
पानी तथा गंधक के मिश्रण को बीकर में लो। कोप को स्टैंड में कीप को रखो। कीप के नीचे एक साफ़ बीकर रखो। फिल्टर पेपर की इस तरह तहें बनाओ ताकि एक तरफ तीन तथा एक तरफ एक तह हो।
इसको कीप में रखो। मिश्रण को शीशे की छड़ से धीरे-धीरे कीप में डालो। द्रव या पानी धीरे-धीरे नीचे बीकर में आ जाएगा जो गंधक से बिल्कुल स्वतंत्र होता है। इस द्रव को फिल्ट्रेट कहते हैं। ठोस गंधक फिल्टर पर शेष रह जाएगा। फिल्टर पेपर को कीप से आराम से अलग करके गंधक को सुखा लिया जाता है।
प्रश्न 3.
क्रिस्टलीकरण किसे कहते हैं ? आप फिटकरी से रवे (क्रिस्टल) किस प्रकार प्राप्त करोगे ?
उत्तर-
क्रिस्टलीकरण – यह पृथक्करण की वह विधि है जिसके द्वारा किसी द्रव में विलेय अशुद्ध ठोस पदार्थ के विलयन से शुद्ध पदार्थ प्राप्त किया जाता है। शुद्ध पदार्थ प्राप्त करने के लिए गर्म द्रव में जितना भी अशुद्ध पदार्थ घुल सके, घोल लिया जाता है। इसके पश्चात् घोल में से अघुलनशील अशुद्ध पदार्थों को फिल्टर द्वारा छान लिया जाता है। अब संतृप्त गर्म घोल को ठंडा करने पर शुद्ध ठोस पदार्थ के क्रिस्टल प्राप्त हो जाते हैं।
फिटकरी के क्रिस्टल (रवे) बनाने की विधि-एक बीकर को लगभग आधा पानी से भरो। इसमें थोड़ा-सा फिटकरी का पाऊडर डाल कर घोल को गर्म करो। फिटकरी का पाऊडर तब तक डालते जाओ जब तक कि वह घोल में घुल सके। अब
जल में फिटकरी का विलयन गर्म घोल को गिलास में छान लो जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। अब गिलास को ठंडा होने दीजिए।