Punjab State Board PSEB 6th Class Science Book Solutions Chapter 7 पौधों को जानिए Textbook Exercise Questions, and Answers.
PSEB Solutions for Class 6 Science Chapter 7 पौधों को जानिए
PSEB 6th Class Science Guide पौधों को जानिए Textbook Questions, and Answers
1. रिक्त स्थान भरें अनार
(i) …………….. जड़ों की मुख्य जड़ नहीं होती।
उत्तर-
रेशेदार
(ii) पत्तों में शिराओं के जाल (बनावट) को …………….. कहते हैं ।
उत्तर-
शिरा विन्यास
(iii) ………….. फूल का मादा हिस्सा है।
उत्तर-
महिला केसर
(iv) बड़े वृक्ष के तने को ………….. कहते हैं।
उत्तर-
मुख्य तना ।
2. सही या ग़लत बताएँ
(i) पत्तों से पानी के निकलने की क्रिया को वाष्प उत्सर्जन कहा जाता है।
उत्तर-
सही
(ii) पत्तों के हरे रंग के लिए क्लोरोफिल उत्तरदायी है।
उत्तर-
सही
(iii) दो अंतर-गाँठों के बीच तने के हिस्से को गाँठ कहा जाता है।
उत्तर-
सही
(iv) पुंकेसर, फूल का मादा जनन अंग है।
उत्तर-
गलत।
3. कॉलम ‘क’ का कॉलम ‘ख’ के साथ मिलान करें
कॉलम ‘क’ | कॉलम ‘ख’ |
(i) जड़ | (क) पौधे को कली अवस्था में बचाना |
(i) बेल | (ख) पानी सोखना |
(iii) हरी पत्तियाँ | (ग) पौधे को सीधा रखना |
(iv) तना | (घ) मनी प्लांट। |
उत्तर-
कॉलम ‘क’ | कॉलम ‘ख’ |
(i) जड़ | (ख) पानी सोखना |
(i) बेल | (घ) मनी प्लांट |
(iii) हरी पत्तियाँ | (क) पौधे को कली अवस्था में बचाना |
(iv) तना | (ग) पौधे को सीधा रखना। |
4. सही विकल्प चुनें
प्रश्न (i)
आम का पौधा एक …………………… है ।
(क) बूटी
(ख) वृक्ष
(ग) झाड़ी
(घ) जड़ें ।
उत्तर-
(ख) वृक्ष ।
प्रश्न (ii)
पोधे में प्रकाश संश्लेषण क्रिया …………………….. में होती है।
(क) तना
(ख) पुंकेसर
(ग) जड़
(घ) पत्ते
उत्तर-
(घ) पत्ते।
प्रश्न (iii)
तने का वह भाग जहाँ पत्ते उगते हैं-
(क) कलिकाएँ
(ख) एक्सेल
(ग) गाँठे
(घ) अंतर-गाँठे
उत्तर-
(ग) गाँठें।
प्रश्न (iv)
पत्तों द्वारा पानी छोड़ने की विधि को ………………………. कहते हैं।
(क) सोखना
(ख) प्रकाश संश्लेषण
(ग) वाष्प-उत्सर्जन
(घ) जकड़ (सीधा खड़ा करना)।
उत्तर-
(ग) वाष्प-उत्सर्जन ।
5. अति लघूत्तर प्रश्न
प्रश्न (i)
पत्तों के चपटे हरे रंग के भाग को क्या कहते हैं?
उत्तर-
पत्तों के चपटे हरे भाग को फलक या ब्लेड या लैमिना कहते हैं।
प्रश्न (ii)
शिरा विन्यास क्या है? इसके अलग-अलग प्रकार लिखो।
उत्तर-
पत्तों में शिराओं का एक जाल होता है जिसे शिरा विन्यास भी कहते हैं। शिरा विन्यास दो प्रकार का होता है अर्थात जालीदार या समानांतर।
प्रश्न (iii)
कैलेक्स क्या है?
उत्तर-
हरी पत्तियों के समूह को कैलेक्स कहा जाता है।
6. लघूत्तर प्रश्न
प्रश्न (i)
मूसला जड़ और रेशेदार जड़ में क्या अंतर है?
उत्तर-
(1) मूसला जड़ – यह मुख्य जड़ है जो जड़ के आधार से लंबवत नीचे की ओर बढ़ती है और छोटी पार्श्व जड़ों में विभाजित होती है। मुख्य जड़ प्राथमिक जड़ है और इसकी शाखाओं को द्वितीयक जड़ के रूप में जाना जाता है। मूली, नीम, आम, चना आदि की जड़ मूसला जड़ होती है।
(2) रेशेदार जड़ – इन जड़ों की कोई मुख्य जड़ नहीं होती हैं। रेशेदार जड़ें पतली तागे जैसी जड़ों का एक समूह है जो तने के आधार से शुरू होती है और मिट्टी में बढ़ती है। घास, मक्का, गेहूँ, केला आदि की जड़ें रेशेदार होती हैं।
प्रश्न (ii)
पत्तों के मुख्य कार्य लिखिए।
उत्तर-
पत्तियों अथवा पत्तों के प्रमुख कार्य-
- पत्तियाँ क्लोरोफिल और सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में कार्बन डाइऑक्साइड और पानी से भोजन बनाती हैं। इस प्रक्रिया को प्रकाश संश्लेषण कहते हैं।
- पत्तियों में कई रंध्र होते हैं जो गैसों के आदान-प्रदान में मदद करते हैं।
- पौधे अतिरिक्त पानी को स्टोमेटा के माध्यम से बाहर निकालते हैं, इस प्रक्रिया को वाष्पोत्सर्जन कहा जाता है। कुछ पौधों की पत्तियाँ सुरक्षा (डंडा-थोहर), प्रजनन (पत्थर चाटना) जैसे अन्य कार्यों में भी सक्षम हैं।
प्रश्न (iii)
बेलें (लताएं) क्या हैं? एक उदाहरण लिखो।
उत्तर-
कमजोर तने वाले खरपतवार बेल कहलाते हैं। कुछ पौधों के तने इतने कमजोर होते हैं कि ये अपने आप सीधे खड़े नहीं हो सकते और जमीन पर फैल सकते हैं। ऐसे पौधों को लता या बेलें कहा जाता है। उदाहरण-क और तरबूज।
7. निबंधात्मक प्रश्न
प्रश्न (i)
पत्तों के अलग-अलग भाग कौन-से हैं ? लेवल किए चित्र के साथ समझाओ।
उत्तर-
पत्ता तने में पाई जाने वाली गाँठ से उगता है । यह पौधे का एक पतला, सपाट, हरा भाग होता है जो कई प्रकार के पौधों में पाया जाता है। विभिन्न पौधों के पत्ते रूप, आकार और रंग में भिन्न होते हैं। इनका हरा रंग क्लोरोफिल की उपस्थिति के कारण होता है। क्लोरोफिल एक हरा वर्णक है जो प्रकाश संश्लेषण में मदद करता है।
पत्ते के विभिन्न भाग-
डंडी – पत्ते का वह भाग जिससे वह तने से जुड़ा होता है, डंडी पत्ते की डंडी कहलाता है।
ब्लेड या लैमिना – पत्ते का सपाट, हरा, फैला हुआ भाग ब्लेड या फलक या लैमिना कहलाता है।
शिराएँ – पत्ते के फलक पर दिखाई देने वाली रेखाएं शिराएँ कहलाती हैं।
मध्य शिरा – पत्ते के फलक पर दिखाई देने वाली शिराओं के बीच एक मोटी रेखा देखी जा सकती है। इसे मध्य शिरा कहते हैं।
शिरा विन्यास – पत्ते के फलक पर शिराओं द्वारा बनने वाली संरचना को शिरा विन्यास कहा जाता है। यह दो प्रकार का होता है, जालीदार शिरा विन्यास और समानांतर शिरा विन्यास।
जब शिराएँ जाल जैसी संरचना बनाती हैं तो इसे जालीदार शिरा विन्यास कहते हैं जैसे बोहड़, आम और गुलाब के पत्तों का शिरा विन्यास।
जब शिराएँ एक-दूसरे के समानांतर होती हैं, तो ऐसे शिरा विन्यास को समानांतर शिरा विन्यास कहा जाता है। उदाहरण के लिए, केले, गेहूँ और घास के पत्तों का शिरा विन्यास।
रंध्र – पत्तों की सतह पर बहुत छोटे छिद्र होते हैं जो रंध्र कहलाते हैं। ये गैसों के आदान-प्रदान में मदद करते हैं। पौधे रंध्रों के माध्यम से अतिरिक्त पानी निकाल देते हैं, जिसे वाष्पोत्सर्जन कहा जाता है। वाष्पोत्सर्जन मुख्य रूप से रंध्रों द्वारा होता है।
प्रश्न (ii)
फूल का चित्र बनाओ और इसके भागों का वर्णन करो।
उत्तर-
फूल एक पौधे का सबसे सुंदर, आकर्षक और रंगीन हिस्सा होता है जो तने से जुड़ा होता है। इसमें पौधे के नर और मादा प्रजनन अंग होते हैं।
फूल के अंग-
हरी पत्तियाँ – फूल की बाहरी हरी पत्ती जैसी संरचनाओं को हरी पत्तियाँ कहा जाता है। इस समूह को कैलेक्स भी कहा जाता है। कैलेक्स फूल आने से पहले कली को संरक्षित करने में मदद करता है।
पंखुड़ियाँ – एक फूल की हरी पत्तियों के अंदर रंगीन, पत्ती जैसी संरचनाओं को पंखुड़ी कहा जाता है। वे कीड़ों को आकर्षित करते हैं और प्रजनन में मदद करते हैं। पंखुड़ियों के समूह को कोरोला भी कहा जाता है।
पुंकेसर – ये फूल की पंखुड़ियों के अंदर पाए जाते हैं। यह फूल का नर प्रजनन अंग है। प्रत्येक पुंकेसर में एक पतला तना होता है जिसे तंतु कहा जाता है जिसके शीर्ष पर दो-भाग वाली संरचना होती है जिसे पराग कोशिका कहा जाता है। पराग कोशिकाएं पराग का उत्पादन करती हैं जो प्रजनन में भाग लेते हैं।
मादा केसर – यह फूल का मादा प्रजनन अंग है। यह फूल के केंद्र में स्थित एक पतली, बोतल के आकार की संरचना है। इसे आगे तीन भागों में बांटा गया है-
- अंडाशय – मादा केसर के निचले हिस्से को अंडाशय कहते हैं। इसमें बीज और अंडे होते हैं जो प्रजनन में भाग लेते हैं।
- वर्तिका – मादा केसर का संकरा, मध्य भाग वर्तिका कहलाता है।
- वर्तिकाग्र – वर्तिकाग्र के शीर्ष पर चिपचिपा भाग वर्तिकाग्र कहलाता है।
Science Guide for Class 6 PSEB पौधों को जानिए Intext Questions and Answers
सोचें और उत्तर दें (पेज 63)
प्रश्न 1.
गुलाब का पौधा एक …………………. है।
उत्तर-
झाड़ी।
प्रश्न 2.
आम का पौधा एक ……………………..
उत्तर-
वृक्ष
प्रश्न 3.
गेहूँ का पौधा एक ………………………… है।
उत्तर-
जड़ी-बूटी
सोचें और उत्तर दें (पेज 65)
प्रश्न 1.
…………………….. मिट्टी में से पानी और खनिजों को सोखने में सहायता करती हैं।
उत्तर-
जड़ें।
प्रश्न 2.
“ख” ( पाठ्य-पुस्तक के आधार पर) गमले वाला पौधा क्यों मुरझा गया?
उत्तर-
“ख” गमले का पौधा इसलिए मुरझा गया क्योंकि इसकी जड़ें कट गई थीं।
सोचें और उत्तर दें (पेज 66)
प्रश्न 1.
पौधे को मिट्टी में से उखाड़ना आसान नहीं है क्योंकि इसमें मजबूत ……………………………. हैं।
(i) जड़ें
(ii) फूल
(iii) तना
(iv) पत्ते।
उत्तर-
(i) जड़ें।
सोचें और उत्तर दें (पेज 67)
प्रश्न 1.
………………….. हमेशा ऊपर की ओर बढ़ता है।
उत्तर-
तना।
सोचें और उत्तर दें (पेज 67)
प्रश्न 1.
गुलमेंहदी पौधे के सफेद फूलों में लाल रंग के धब्बे क्यों दिखाई देते हैं?
उत्तर-
गुलमेंहदी के पौधे के सफेद फूलों पर लाल धब्बे दिखाई देते हैं क्योंकि लाल रंग इसके तने से फूलों तक पहुंचता है।
सोचें और उत्तर दें (पेज 69)
प्रश्न 1.
स्टोमेटा क्या है?
उत्तर-
पत्तों की सतह पर बहुत छोटे-छोटे छिद्र होते हैं जिन्हें स्टोमेटा कहते हैं। ये गैसों के आदान-प्रदान में मदद करते हैं।
प्रश्न 2.
वाष्प-उत्सर्जन की परिभाषा दो।
उत्तर-
पौधे स्टोमेटा के माध्यम से अतिरिक्त पानी निकालते हैं, जिसे वाष्प-उत्सर्जन कहा जाता है।
PSEB Solutions for Class 6 Science पौधों को जानिए Important Questions and Answers
1. बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न (i)
छोटे और कोमल पौधे …………………. कहलाते हैं।
(क) वृक्ष
(ख) शाक
(ग) झाड़ी
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) शाक।
प्रश्न (ii)
इनमें से कौन-सा वृक्ष नहीं है?
(क) पीपल
(ख) सेब
(ग) तुलसी
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) तुलसी।
प्रश्न (iii)
खेतों में उगी घास, छोटे पौधे आदि खरपतवार वर्ग में आते हैं। यह कोमल तने छोटे पौधे ………………….. कहलाते हैं।
(क) शाक
(ख) वृक्ष
(ग) झाड़ी
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(क) शाक।
प्रश्न (iv)
वृक्ष ऊँचा और सुदृढ़ तने वाला होता है। इसका उदाहरण है।
(क) मूली का पौधा
(ख) टमाटर का पौधा
(ग) गुलाब का पौधा
(घ) आम का पौधा।
उत्तर-
(घ) आम का पौधा।
प्रश्न (v)
जिन पौधों के तने के आधार से शाखाएं निकलती हैं, उन्हें ………………………. कहते हैं।
(क) शाक
(ख) झाड़ी
(ग) वृक्ष
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) झाड़ी।
प्रश्न (vi)
तना पौधे में जल का …………………… करता है।
(क) शोषण
(ख) उत्सर्जन
(ग) संवहन
(घ) सभी विकल्प।
उत्तर-
(ग) संवहन।
प्रश्न (vii)
पत्ते का चपटा हरा भाग ……………………. कहलाता है।
(क) पत्ती
(ख) पर्णवृंत
(ग) फलक
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) फलक।
प्रश्न (viii)
एक पत्ते में शिराएँ ……………………… प्रकार की हो सकती हैं।
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) किसी भी तरह की नहीं।
उत्तर-
(क) दो।
प्रश्न (ix)
पौधों में वाष्पोत्सर्जन का कार्य ………………… करते हैं।
(क) जड़ें
(ख) तने
(ग) पत्ते
(घ) फल।
उत्तर-
(ग) पत्ते।
प्रश्न (x)
पत्ते से हरा रंग निकालने के लिए हमें हरे पत्तों को …………………… में डालकर गर्म करना पड़ता है।
(क) पानी
(ख) स्प्रिट
(ग) तेल
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) स्प्रिट।
प्रश्न (xi)
………………… का संश्लेषण पौधों द्वारा सूर्य के प्रकाश में होता है।
(क) अल्कोहल
(ख) मंड
(ग) वसा
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) मंड।
प्रश्न (xii)
किसी आस-पास के ढाँचे के सहारे ऊपर की ओर जाने वाले पौधे को क्या कहते हैं ?
(क) शाक
(ख) लता
(ग) झाड़ी
(घ) वृक्ष।
उत्तर-
(ख) लता।
2. खाली स्थान भरें
(i) मादा केसर के संकरे, मध्य भाग को …………………….. कहा जाता है।
उत्तर-
वर्तिका
(ii) पत्ती के हरे ………………… भाग को फलक कहते हैं।
उत्तर-
सपाट
(iii) ………………….. वाष्पोत्सर्जन करते है
उत्तर-
रंध्र
(iv) मनी-प्लांट एक ………………….. बेल है।
उत्तर-
आरोही
(v) …………. और फलक पत्ती के दो मुख्य भाग हैं।
उत्तर-
डंडी।
3. सही या ग़लत चुनें
(i) पत्तियों पर रेखाओं जैसी संरचनाएँ शिराएँ कहलाती हैं।
उत्तर-
ग़लत
(ii) एक पौधा जो आसपास की संरचना के सहारे चढ़ता है, झाड़ी कहलाता है।
उत्तर-
सही
(iii) प्रकाश संश्लेषण द्वारा वसा का निर्माण किया जाता है।
उत्तर-
सही
(iv) वर्तिका के शीर्ष पर चिपचिपा भाग अंडाशय कहलाता है।
उत्तर-
ग़लत
(v) पंखुड़ियों के समूह को कैलेक्स कहा जाता है।
उत्तर-
सही
4. कॉलम ‘क’ और कॉलम ‘ख’ का उचित मिलान करें
कॉलम ‘क’ | कॉलम ‘ख’ |
(i) मनी प्लांट | (a) गेंदा |
(ii) डंडी और फलक | (b) नागफनी |
(iii) खरपतवार | (c) आरोही बेल |
(iv) झाड़ी | (d) पीपल |
(v) पेड़ | (e) पत्ता |
उत्तर-
कॉलम ‘क’ | कॉलम ‘ख’ |
(i) मनी प्लांट | (c) आरोही बेल |
(ii) डंडी और फलक | (e) पत्ता |
(iii) खरपतवार | (a) गेंदा |
(iv) झाड़ी | (b) नागफनी |
(v) पेड़ | (d) पीपल |
5. अति लघूत्तर प्रश्न
प्रश्न 1.
पौधे के मुख्यत: कौन-से भाग हैं ?
उत्तर-
पौधे के मुख्य भाग हैं-जड़, तना, पत्ती, फूल और फल।
प्रश्न 2.
पौधों के कौन-से वर्ग हैं ?
उत्तर-
पौधों के तीन वर्ग हैं-शाक, झाड़ी और वृक्ष।
प्रश्न 3.
पाँच शाक पौधों के नाम लिखिए।
उत्तर-
शाक पौधे – टमाटर, मिर्च, डेलिया, गेंदा और आलू।
प्रश्न 4.
पाँच झाड़ियों के नाम लिखिए।
उत्तर-
झाड़ियाँ – नींबू, गुलाब, बेर, बोगनविलिया, नागफनी।
प्रश्न 5.
शाक के क्या लक्षण होते हैं ?
उत्तर-
शाक के लक्षण – शाक का तना कोमल होता है, इसका आकार सामान्यतः छोटा होता है और इसकी अक्सर शाखाएं कम होती हैं।
प्रश्न 6.
आरोही पौधे किसे कहते हैं ?
उत्तर-
आरोही पौधे – जो पौधे किसी सहारे की सहायता से ऊपर चढ़ जाते हैं, उन्हें आरोही पौधे कहते हैं।
प्रश्न 7.
दो आरोही लताओं के नाम लिखिए।
उत्तर-
मनी प्लांट और अंगूर का पौधा।
प्रश्न 8.
पत्ती तने से किस भाग से जुड़ी होती है ?
उत्तर-
पत्ती तने के पर्णवंत से जुड़ी होती है।
प्रश्न 9.
पत्ती के दो मुख्य भाग कौन-से हैं ?
उत्तर-
पर्णवृत और फलक।
प्रश्न 10.
शिरा किसे कहते हैं ?
उत्तर-
शिरा – पत्ती की रेखित संरचनाओं को शिरा कहते हैं।
प्रश्न 11.
शिरा-विन्यास किसे कहते हैं ?
उत्तर-
शिरा-विन्यास – पत्तियों पर शिराओं द्वारा बनाये गए डिज़ाइन को शिरा-विन्यास कहते हैं।
प्रश्न 12.
शिरा-विन्यास कितने प्रकार का होता है ?
उत्तर-
शिरा-विन्यास दो प्रकार का होता है-
- जालिका शिरा-विन्यास
- समांतर शिरा-विन्यास
प्रश्न 13.
जालिका शिरा-विन्यास वाले चार पौधों के नाम लिखिए।
उत्तर-
तुलसी, आम, अमरूद और पीपल।
प्रश्न 14.
समांतर शिरा-विन्यास वाले चार पौधों के नाम लिखो।
उत्तर-
घास, गेहूँ, मक्की और केला।
प्रश्न 15.
वाष्पोत्सर्जन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
वाष्पोत्सर्जन – पौधों के पत्तों द्वारा पत्ती की सतह से जलवाष्प के उत्सर्जन को वाष्पोत्सर्जन कहते हैं।
प्रश्न 16.
प्रकाश-संश्लेषण प्रक्रम किसे कहते हैं ?
उत्तर-
प्रकाश-संश्लेषण प्रक्रम – हरे पौधों द्वारा प्रकाश की उपस्थिति में कार्बन डाइऑक्साइड और जल से भोजन बनाने की क्रिया को प्रकाश-संश्लेषण कहते हैं।
प्रश्न 17.
प्रकाश-संश्लेषण के लिए कौन-सी कच्ची सामग्री की ज़रूरत होती है ?
उत्तर-
पानी, कार्बन डाइऑक्साइड, सूर्य का प्रकाश और क्लोरोफिल आदि।
प्रश्न 18.
खरपतवार किसे कहते हैं ?
उत्तर-
खरपतवार – खेतों में फसलों के साथ जो अनचाहे पौधे उग जाते हैं, उन्हें खरपतवार कहते हैं।
प्रश्न 19.
जड़ का एक कार्य बताओ।
उत्तर-
जड़ मृदा से जल और खनिज पदार्थ अवशोषित करती है।
प्रश्न 20.
जड़ें कितनी प्रकार की होती हैं ?
उत्तर-
जड़ें दो प्रकार की होती हैं-
- मूसला जड़ और
- रेशेदार जड़।
6. लघूत्तर प्रश्न
प्रश्न 1.
एक पौधे का चित्र बनाकर उसके भागों के नाम लिखो।
उत्तर-
प्रश्न 2.
शाक, झाड़ी और वृक्ष की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
शाक – हरे एवं कोमल तने वाले पौधे को शाक कहते हैं। जैसे टमाटर, गेंदा आदि।
झाड़ी – जिन पौधों में शाखाएँ तने के आधार के समीप से निकलती हैं, तना कठोर होता है परंतु अधिक मोटा नहीं होता उन्हें झाड़ी कहते हैं। जैसे गुलाब और बोगनविलिया।
वृक्ष – कुछ पौधे ऊँचे होते हैं। इनका तना कठोर, सुदृढ़ तथा मोटा होता है। इनमें शाखाएँ भूमि से अधिक ऊँचाई पर तने के ऊपरी भाग से निकलती हैं, उन्हें वृक्ष कहते हैं।
प्रश्न 3.
वृक्ष, झाड़ी और आरोही लताओं के दो-दो पौधों के नाम लिखिए।
उत्तर-
वृक्ष – आम, जामुन।
झाड़ी – गुलाब, बोगनविलिया।
आरोही लताएं – मनी प्लांट, लौकी।
प्रश्न 4.
तना क्या है? इसके कार्य लिखिए।
उत्तर-
तना – पौधे के ऊपर ज़मीन के बाहर वाले भाग को तना कहते हैं।
तने के कार्य-
- पौधे को सहारा देता है।
- जड़ों द्वारा अवशोषित जल और खनिज को पत्तों तक पहुँचाता है।
- पत्तों द्वारा तैयार भोजन को पौधे के विभिन्न भागों तक पहुँचाता है।
- कुछ तने भोजन भी संग्रह करते हैं।
प्रश्न 5.
जड़ किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार की होती हैं?
उत्तर-
जड़ – जड़ पौधे का भूमिगत भाग है। ये भूमि के नीचे की तरफ वृद्धि करती है। जड़ें दो प्रकार की होती हैं-
- मूसला जड़ें
- रेशेदार जड़ें।
प्रश्न 6.
मूसला जड़ें और रेशेदार जड़ें क्या होती हैं ?
उत्तर-
- मूसला जड़ें – इनमें एक मुख्य जड़ होती है। यह भूमि के अंदर लंबाई के रूप में बढ़ती है। मूसला जड़ से अनेक शाखाएँ निकलती हैं। उदाहरण-मटर, नीम, आम।
- रेशेदार जड़ें – कुछ पौधों की कोई मुख्य जड़ नहीं होती। इनमें रेशे जैसी बहुत-सी जड़ें होती हैं। इन्हें रेशेदार जड़ें कहते हैं। ये जड़ें मिट्टी में चारों ओर फैल जाती हैं और पौधों को मजबूती से पकड़े रखती हैं। उदाहरण-गेहूँ, घास, मक्की, ज्वार इत्यादि।
प्रश्न 7.
जड़ों के मुख्य कार्य लिखो।
उत्तर-
जड़ों के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं-
- जड़ें मिट्टी में पौधों को स्थिर रखने में सहायता करती हैं।
- जड़ें मिट्टी में से जल तथा खनिज प्राप्त करती हैं।
- कई जड़ें पौधों को अतिरिक्त सहारा भी देती हैं।
- कई जड़ें पौधे के लिए भोजन इकट्ठा करती हैं।
प्रश्न 8.
जड़ों के विशेष कार्य बताओ।
उत्तर-
जड़ों के विशेष कार्य निम्नलिखित हैं-
- भोजन संग्रह करने वाली जड़ें – शकरकंद, चुकंदर, गाजर, शलगम आदि की जड़ें फूली हुई होती हैं। इन जड़ों में भोजन एकत्र होता है। पौधे इस संग्रहित भोजन का उपयोग करते हैं।
- पौधे को अतिरिक्त सहारा देने वाली जड़ें – बरगद के पेड़ की शाखाओं से रस्सियों जैसी जड़ें लटकती हुई दिखाई देती हैं। इनमें से कुछ जड़ें भूमि के अंदर जाती हुई दिखाई देती हैं। कुछ जड़ें तनों जैसी मोटी होती हैं जो मोटी शाखाओं को सहारा देती हैं। बरगद के अतिरिक्त मक्का के पौधे में भी सहारा देने वाली जड़ें होती हैं।
प्रश्न 9.
जड़ तथा तने में अंतर बताओ।
उत्तर-
जड़ तथा तने में अंतर-
जड़ | तनाम |
(i) यह पौधे का भूमिगत भाग है। | (i) यह पौधे का भूमि से ऊपर वाला भाग है। |
(ii) यह प्रकाश से परे तथा पानी की ओर वृद्धि करता है। | (ii) यह प्रकाश की दिशा की ओर वृद्धि करता है। |
(iii) इस पर कोई गांठे (Nodes) या अंत: गांठें नहीं होती। | (iii) इस पर गांठें (Nodes) तथा अंत: गांठें होती हैं। |
प्रश्न 10.
पत्ता क्या है ? एक पत्ते के विभिन्न भागों का वर्णन करो।
उत्तर-
पत्ता – पत्ते हरे रंग के होते हैं जो तने के गांठों से निकलते हैं।
पर्ण सिरापत्ते के विभिन्न भाग – एक पत्ते के तीन भाग होते हैं-
- पर्णाधार – पत्ते का आधार वाला भाग जो तने के साथ जुड़ा होता है पत्ते का आधार कहलाता है।
- पर्णवंत – पत्ते की डंडी जो पत्ते को तने के साथ जोड़ती है, पर्णवंत कहलाता है।
- पर्ण फलक – पत्ते का हरा फैला हुआ चपटा भाग पर्ण फलक कहलाता है। इसमें शिराएं होती हैं। हरा रंग होने के कारण यह प्रकाश-संश्लेषण का कार्य करता है।
प्रश्न 11.
पत्तों के कार्य बताओ।
उत्तर-
पत्तों के कार्य-
- यह सूर्य की रोशनी में भोजन तैयार करते हैं।
- यह पानी का उत्सर्जन करने में सहायता करते हैं।
- इनके द्वारा गैसों का आदान-प्रदान होता है।
प्रश्न 12.
पत्ता पौधे का महत्त्वपूर्ण अंग क्यों है?
उत्तर-
पौधों के पत्ते सूर्य की रोशनी में प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया द्वारा भोजन बनाते हैं। इसके अतिरिक्त पत्ते श्वसन तथा जल उत्सर्जन का कार्य भी करते हैं। इस प्रकारे पत्ता पौधे का महत्त्वपूर्ण अंग है।
प्रश्न 13.
पुंकेसर तथा स्त्रीकेसर फूल के महत्त्वपूर्ण भाग क्यों हैं ?
उत्तर-
पुंकेसर तथा स्त्रीकेसर फूल के जनन भाग हैं। पुंकेसर पुष्प का नर भाग है जो परागकण पैदा करता है और स्त्रीकेसर फूल का मादा भाग है जो बीजांड पैदा करता है। बीजाणु से बीज बनता है और स्त्रीकेसर फल बनता है।
प्रश्न 14.
पुष्प के स्त्रीकेसर का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर-
स्त्रीकेसर का चित्र-
प्रश्न 15.
पुष्प के पुंकेसर के भागों का चित्र बनाओ।
उत्तर-
पुष्प के पुंकेसर का चित्र-
प्रश्न 16.
शिरा-विन्यास किसे कहते हैं ? यह कितने प्रकार का होता है ?
उत्तर-
शिरा-विन्यास – पत्तियों पर शिराओं द्वारा बनाए गए डिज़ाइन को शिरा विन्यास कहते हैं। शिरा विन्यास दो प्रकार की होती हैं-
- जालिका रूपी शिरा-विन्यास – इस शिरा विन्यास में मध्य शिरा के दोनों ओर जाल जैसा तना होता है।
- समांतर शिरा-विन्यास – इसमें शिराएँ एक-दूसरे के समांतर होती हैं।
प्रश्न 17.
पुष्प के बाह्य दल किसे कहते हैं ? इसका क्या कार्य है ? इसके लक्षण भी बताएं।
उत्तर-
पुष्प के सबसे भारी भाग को बाह्य दल कहते हैं। यह पुष्प के अन्य भागों की रक्षा करता है जब वह कालिका अवस्था में होता है।
बाह्य दल के लक्षण – यह आमतौर पर हरे रंग का होता है। यह परस्पर जुड़े भी हो सकते हैं और नहीं भी। यह पंखुड़ियों से जुड़े भी हो सकते हैं और नहीं भी।
प्रश्न 18.
पुष्प की पंखुड़ियाँ किसे कहते हैं ? इसके कार्य और गुण लिखिए।
उत्तर-
पुष्प की पंखुड़ियाँ – पुष्प के सबसे सुंदर रंग-बिरंगे भाग को पंखुड़ियाँ कहते हैं।
कार्य – यह फूल को आकर्षक बनाती है और परागकण में सहायता करती है।
गुण-
- पंखुड़ियाँ आपस में जुड़ी भी हो सकती हैं और स्वतंत्र भी हो सकती हैं।
- प्रत्येक पुष्प में पंखुड़ियों की संख्या भिन्न-भिन्न होती हैं।
- पंखुड़ियाँ बाह्य दल से जुड़ी भी हो सकती हैं और स्वतंत्र भी।
- इनकी संख्या बाह्य दल के पत्तों के समान नहीं होती। कई बार हो भी सकती हैं।
प्रश्न 19.
पुष्प के पुंकेसर किसे कहते हैं? इसके विभिन्न भागों के नाम लिखो।
उत्तर-
पुष्प के नर भाग को पुंकेसर कहते हैं। इसके दो मुख्य भाग हैं-परागकोष और पुंतंतु। परागकोष में परागकण होते हैं जो नर युग्मक का कार्य करते हैं।
प्रश्न 20.
पुष्प का स्त्रीकेसर किसे कहते हैं ? इसके विभिन्न भागों के नाम लिखो।
उत्तर-
पुष्प के मादा भाग को स्त्रीकेसर कहते हैं। पुष्प के स्त्रीकेसर के तीन मुख्य भाग हैं-
- अंडाशय
- वर्तिका
- वर्तिकाग्र।
अंडाशय में बीजांड होते हैं जो मादा युग्मक का कार्य करते हैं और बीज बनाते हैं।
प्रश्न 21.
एक क्रियाकलाप द्वारा बताएं कि तना जल का संवहन करता है।
उत्तर-
तना जल का संवहन करता है।
क्रियाकलाप-आवश्यक सामग्री – एक गिलास, जल, लाल स्याही, शाकीय पौधा तथा एक ब्लेड।
गिलास को एक तिहाई जल से भरें। जल में लाल स्याही की कुछ बूंदें डाल दें। शाक के तने को आधार से काटकर गिलास में रखें, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। अगले दिन इन शाखाओं का अवलोकन कीजिए।
शाक के कुछ भाग लाल नज़र आएंगे। यह लाल रंग संवहन द्वारा यहां पहुंचा है। आप तने को मोटाई में काटकर इसमें लाल रंग को देख सकते हैं। इस क्रियाकलाप में हमने देखा कि जल तने में ऊपर की ओर चढ़ता है अर्थात् तना जल का संवहन करता है।
प्रश्न 22.
बीज किसे कहते हैं ? दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
बीज – बीज पौधे का वह भाग है जिसमें आगे नया पौधा बनता है। इसमें भ्रूण या बच्चा पौधा होता है। इसमें नए पौधे के लिए भोजन भी होता है; जैसे-मक्का तथा मटर के बीज।
प्रश्न 23.
पुष्य का कौन-सा भाग बीज बनता है? किसी बीज के विभिन्न भागों के नाम बताइए।
उत्तर-
बीजांड से बीज बनता है। बीज के भाग हैं-बीज पत्र, प्रांकुर तथा मूलांकुर।
प्रश्न 24.
फल किसे कहते हैं ? यह किसी बीज से किस प्रकार भिन्न होता है?
उत्तर-
फूल का अंडाशय भाग फल में परिवर्तित हो जाता है। बीज फूल के बीजांड भाग से बनता है। फल के अंदर बीज होते हैं क्योंकि अंडाशय के अंदर बीजांड होते हैं।
प्रश्न 25.
पौधों के लिए प्रकाश-संश्लेषण क्यों आवश्यक है?
उत्तर-
पौधों के लिए प्रकाश-संश्लेषण इसलिए आवश्यक है क्योंकि यह एक विधि है जिसके द्वारा पौधे अपना भोजन स्वयं तैयार कर सकते हैं।
प्रश्न 26.
आप पत्ती की छाप कागज़ पर कैसे ले सकते हैं? क्रिया कलाप द्वारा बताएं।
उत्तर-
एक पत्ती को एक सफ़ेद कागज़ अथवा अपनी कॉपी के पन्ने के नीचे रखिए। इसे चित्र में दर्शाए गए तरीके से एक ही स्थान पर दबाकर पकड़ कर रखें। अपनी पेंसिल को तिरछा पकड़िए तथा इसकी नोक से कागज़ के उस भाग को जिसके नीचे पत्ती है, धीरे-धीरे रगड़िए। तुम्हें कुछ रेखाओं के साथ छाप दिखाई देगी। यह छाप पत्ती की तरह है।
7. निबंधात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
वाष्पोत्सर्जन किसे कहते हैं ? प्रयोग द्वारा वाष्पोत्सर्जन दर्शाएं।
उत्तर-
वाष्पोत्सर्जन – पत्ती की सतह से जल का वाष्पीकरण होना वाष्पोत्सर्जन कहलाता है।
प्रयोग-आवश्यक सामग्री – शाक (पौधा), पॉलीथीन के दो पारदर्शी थैले तथा कुछ धागा।
विधि – इस प्रयोग को दिन के समय खिली धूप में करना चाहिए। इस प्रयोग के लिए आपको स्वस्थ, भली-भांति सिंचित और धूप में रखे हुए पौधे को लेना चाहिए। किसी पौधे की पत्ती वाली शाखा को चित्रानुसार एक पॉलीथीन की थैली से ढककर धागे से बाँध दीजिए। दूसरे पॉलीथीन की खाली थैली पर भी धागा बांध कर धूप में रख दीजिए। कुछ घंटों के बाद पौधे वाली पॉलीथीन की थैली के आंतरिक पृष्ठ को ध्यानपूर्वक देखिए। आपको थैली के अंदर जल की बूंदें दिखाई देती हैं। किस थैली में जल की बूंदें दिखाई देती हैं ये बूंदें वाष्पोत्सर्जन के कारण यहाँ आई हैं।
प्रश्न 2.
प्रयोग द्वारा दर्शाएं कि हरे पत्ते मंड का संश्लेषण करते हैं।
उत्तर-
प्रयोग-आवश्यक सामग्री – पत्ती, स्प्रिट, बीकर, परखनली, बर्नर, जल, प्लेट एवं आयोडीन विलयन।
विधि – परखनली में एक पत्ती रखिए तथा उसमें पर्याप्त मात्रा में स्प्रिट डालें जिससे पत्ती उसमें पूर्णतः डूबी रहे। अब इस परखनली को जल से आधे भरे बीकर में रखिए। बीकर को उस समय तक गर्म करते रहें जब तक पत्ती से हरा रंग पूर्णतः बाहर नहीं निकल जाता। अब पत्ती को परखनली से सावधानीपूर्वक बाहर निकाल कर जल से भलीभांति धोएं। इसे प्लेट में रखकर आयोडीन विलयन की कुछ बूंदें डालिए। तुम देखोगे कि पत्ती नीली, काली होगी जिससे यह प्रदर्शित होता है कि पत्ती में मंड उपस्थित है।
प्रश्न 3.
प्रयोग द्वारा दर्शाओ कि पौधे की पत्ती ने ही मंड का संश्लेषण किया, यह पौधे के किसी अन्य भाग से यहां नहीं पहुंचा।
अथवा
मंड संश्लेषण के लिए प्रकाश ज़रूरी है। व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
प्रयोग – पौधेयुक्त एक गमले को एक अथवा दो दिनों के लिए अंधेरे कमरे में रखिए। इस पौधे की एक पत्ती के आंशिक भाग को दोनों ओर से काले कागज़ से ढक दीजिए। अब इस पौधे को पूरे दिन के लिए सूर्य के प्रकाश में रख दीजिए। अब आंशिक रूप से काले कागज़ से ढकी पत्ती को तोड़कर इसमें मंड का परीक्षण कीजिए। आप देखोगे कि इस प्रयोग से आपको यह समझने में सहायता मिली कि पत्ती का वह भाग जो सूर्य के प्रकाश में था, इस भाग में मंड उपस्थित है, परंतु काले कागज़ से ढके भाग में नहीं। इसका अर्थ है कि पत्ती सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में ही मंड का संश्लेषण करती है। इससे यह भी सिद्ध होता है कि प्रकाश मंड संश्लेषण के लिए ज़रूरी है।
प्रश्न 4.
मूसला जड़ तथा रेशेदार जड़ में अंतर स्पष्ट करो।
उत्तर-
मूसला जड़ तथा रेशेदार जड़ में अंतर-
मूसला जड़ | रेशेदार जड़ |
(i) यह जड़ बीज के अंदर भ्रूण के अंग मूलांकुर (Radicle) से उत्पन्न होती है। | (i) यह जड़ पौधे के किसी भी भाग से उत्पन्न होती है परंतु यह मूलांकुर से उत्पन्न नहीं होती। |
(ii) इसमें एक मुख्य जड़ होती है, इसे प्राइमरी जड़ कहते हैं। इससे निकलने वाली जड़ों को सैकंडरी जड़ कहते हैं। | (ii) झकड़ा जड़ों में प्राइमरी तथा सैकंडरी जड़ों में कोई अंतर नहीं होता। ये सभी जड़ें लगभग एक ही आकार तथा मोटाई की होती हैं। |
(iii) मूसला जड़ें गुच्छों के रूप में उत्पन्न नहीं होतीं। | (iii) झकड़ा जड़ें गुच्छों के रूप में उत्पन्न होती हैं। |
(iv) मूसला जड़ें पृथ्वी के नीचे काफ़ी गहराई तक । | (iv) झकड़ा जड़ें पृथ्वी के नीचे बहुत गहराई तक चली जाती हैं। नहीं जातीं। ये पृथ्वी की सतह के पास ही फैली होती हैं। |
प्रश्न 5.
पुष्प क्या है ? एक पुष्प की रचना का वर्णन करो।
उत्तर-
पुष्प के भाग – पुष्प पौधे का सबसे सुंदर भाग होता है। प्रायः पुष्प भिन्न-भिन्न आकर्षक रंगों के होते हैं। एक पुष्प के निम्नलिखित मुख्य भाग होते हैं-
- बाह्य दल
- पंखुड़ियां
- पुंकेसर
- स्त्रीकेसर।
बाह्य दल पुष्प के बाहरी वृत्त के हरे पत्ते जैसे भाग होते हैं। ये कली की अवस्था में पुष्प की रक्षा करते हैं। बाह्य दल के भीतर रंगदार पंखुड़ियाँ होती हैं। ये परागण क्रिया के लिए कीटों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। पंखुड़ियों को हटाने पर पुष्प के बीच में कुछ छोटे-छोटे वृत्त दिखाई देते हैं जिनके ऊपरी सिरे फूले हुए होते हैं, इन्हें पुंकेसर कहते हैं। पुंकेसर के फूले हुए भाग को परागकोष कहते हैं, जिसमें पाऊडर जैसे परागकण होते हैं। पुंकेसर पुष्प का नर अंग होता है। पुष्प के बिल्कुल मध्य में सुराही के आकार का एक अंग होता है जिसे स्त्रीकेसर कहते हैं। यह पुष्प का मादा अंग है। इसके फूले हुए भाग को अंडाशय कहते हैं। अंडाशय में बीजांड होते हैं जो परागकण तथा निषेचण क्रिया के बाद बीज में परिवर्तित हो जाते हैं तथा अंडाशय पकने पर फल बन जाता है।