Punjab State Board PSEB 6th Class Science Book Solutions Chapter 9 सजीव और उनका परिवेश Textbook Exercise Questions, and Answers.
PSEB Solutions for Class 6 Science Chapter 9 सजीव और उनका परिवेश
PSEB 6th Class Science Guide सजीव और उनका परिवेश Textbook Questions, and Answers
1. खाली स्थान भरें
(i) एक मछली का श्वसन अंग ………………….. है ।
उत्तर-
गलफड़े
(ii) पर्यावरण के ……………….. और ……………….. भाग हैं ।
उत्तर-
सजीव, निर्जीव
(iii) सूर्य का प्रकाश आवास का ………………… भाग है।
उत्तर-
निर्जीव या भौतिक
(iv) पृथ्वी पर रहने वाले जीवों को ………………… कहा जाता है।
उत्तर-
स्थलीय जीव
(v) सभी ………………….. वृद्धि दिखाते और प्रजनन करते हैं।
उत्तर-
सजीव ।
2. सही या ग़लत बताओ
(i) कैक्टस तनों का उपयोग करके प्रकाश संश्लेषण क्रिया करता है।
उत्तर-
सही
(ii) ऊँट का कूब भोजन और पानी एकत्र करता है।
उत्तर-
ग़लत
(iii) सभी हरे पौधे उत्पादक हैं।
उत्तर-
ग़लत
(iv) जैविक भाग जल, वायु और मिट्टी हैं।
उत्तर-
ग़लत
3. कॉलम ‘क’ का कॉलम ‘ख’ से उचित मिलान करें
कॉलम ‘क’ | कॉलम ‘ख’ |
(i) पृथ्वी पर ऊर्जा का मुख्य स्रोत | (i) पौधे या जानवर |
(ii) वृक्षवासी | (ii) शूल (कांटे) |
(iii) कैक्टस | (iii) बंदर |
(iv) जैविक भाग | (iv) सूर्य। |
उत्तर-
कॉलम ‘क’ | कॉलम ‘ख’ |
(i) पृथ्वी पर ऊर्जा का मुख्य स्रोत | (iv) सूर्य |
(ii) वृक्षवासी | (iii) बंदर |
(iii) कैक्टस | (ii) शूल (कांटे) |
(iv) जैविक भाग | (i) पौधे या जानवर। |
4. सही विकल्प चुनें
प्रश्न (i)
अजैविक भाग में शामिल हैं-
(क) हवा, पानी, पौधे
(ख) पौधे और जानवर
(ग) हवा, पानी, मिट्टी
(घ) मिट्टी, पौधे, पानी।
उत्तर-
(ग) हवा, पानी, मिट्टी।
प्रश्न (ii)
कैक्टस एक-
(क) मरुस्थलीय पौधा
(ख) जलीय पौधा
(ग) विभाजक
(घ) जड़ी बूटी।
उत्तर-
(क) मरुस्थलीय पौधा।
प्रश्न (iii)
………………………… का धारा रेखीय शरीर होता है।
(क) केंचुए ।
(ख) मछलियाँ
(ग) तेंदुए
(घ) पहाड़ी भालू।
उत्तर-
(ख) मछलियाँ।
प्रश्न (iv)
पानी में रहने वाले जीवों को …………………. जीव कहा जाता है।
(क) जलीय
(ख) स्थलीय पौधे
(ग) स्थलीय
(घ) हवाई।
उत्तर-
(क) जलीय।
5. अति लघूत्तर प्रश्न
प्रश्न (i)
आवास को परिभाषित करें।
उत्तर-
जिस स्थान पर कोई प्राणी रहता है उसे उसका निवास स्थान कहा जाता है। अपने आवास में प्राणी भोजन, पानी, वायु, सहारा, सुविधा, और सुरक्षा प्राप्त करता है और प्रजनन करता है।
प्रश्न (ii)
स्थलीय और जलीय जीवन के दो उदाहरण दें।
उत्तर-
स्थलीय जीव – शेर, तेंदुआ
जलीय जीव – मेंढक, शार्क।
प्रश्न (iii)
अनुकूलता को परिभाषित करें।
उत्तर-
जीवों की अपने परिवेश के साथ सह-अस्तित्व की क्षमता को अनुकूलन अथवा अनुकूलता कहा जाता है।
प्रश्न (iv)
निर्माता क्या हैं?
उत्तर-
वे जीव जो अपना भोजन स्वयं बनाते हैं उत्पादक कहलाते हैं। उदाहरण के लिए, हरे पौधे। इन्हें उत्पादक कहा जाता है क्योंकि ये प्रकाश संश्लेषण की क्रिया के माध्यम से अपना भोजन स्वयं बनाते हैं।
प्रश्न (v)
जैविक भाग क्या हैं?
उत्तर-
एक आवास में रहने वाली चीजें जैसे पौधे, जानवर, मनुष्य और सूक्ष्मजीव पर्यावरण के जैविक अंश कहलाते हैं।
6. लघूत्तर प्रश्न
प्रश्न (i)
मृताहारी और विभाजक को परिभाषित करें।
उत्तर-
- मृताहारी – कुछ जानवर मरे हुए जानवरों को भोजन के रूप में खाते हैं और हमारे पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए गिद्ध, कुत्ता, चील, कौआ।
- विभाजक-सूक्ष्मजीव, जो मृत पौधों और जानवरों को भोजन के रूप में उपयोग करते हैं और उन्हें सरल पदार्थों में तोड़ते हैं, विभाजक कहलाते हैं। उदाहरण के लिए बैक्टीरिया और कवक।
प्रश्न (ii)
मछली की दो अनुकूलन संबंधी विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर-
मछली की दो अनुकूलन संबंधी विशेषताएँ हैं
- इसका शरीर रैखिक होता है।
- पानी से घुलित ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए उनमें गलफड़े होते हैं।
प्रश्न (iii)
रेगिस्तान का जहाज़ किस जानवर को कहते हैं ? कोई दो विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर-
ऊँट को रेगिस्तान का जहाज़ कहा जाता है। ऊँट की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं जिनके कारण वह रेगिस्तान में आसानी से जीवित रह सकता है-
- ऊँट में पसीने की ग्रंथियां नहीं होती हैं और पानी की कमी को कम करने के लिए बहुत कम पेशाब करता है।
- ऊँट की पीठ पर एक या दो कूबड़ होते हैं। ऊँट इन कूबड़ों में वसा को भोजन के रूप में संचित करता है।
- इसकी त्वचा इतनी मोटी है कि यह रेगिस्तान की गर्मी को सहन कर सकता है ।
- इसके पैर चौड़े और गद्दीदार हैं जो इसे रेगिस्तान की गर्म रेत पर चलने के लिए उपयुक्त बनाता है।
प्रश्न (iv)
जलमग्न और तैरते हुए पौधों में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
जलमग्न पौधे पूरी तरह से जल के भीतर होते हैं और तैरते हुए पौधे पानी की सतह पर तैरते रहते हैं।
7. निबंधात्मक प्रश्न
प्रश्न (i)
टिप्पणी लिखें-
(1) उत्पादक
(2) उपभोक्ता
(3) विभाजक।
उत्तर-
(1) उत्पादक – वे जीव जो अपना भोजन स्वयं बनाते हैं उत्पादक कहलाते हैं। उदाहरण के लिए, हरे पौधे । इन्हें उत्पादक कहा जाता है क्योंकि ये प्रकाश संश्लेषण की क्रिया के माध्यम से अपना भोजन स्वयं बनाते हैं।
(2) उपभोक्ता- उपभोक्ता वे प्राणी हैं जो अपना भोजन स्वयं नहीं बना सकते लेकिन हरे पौधों और अन्य जीवों से भोजन प्राप्त करते हैं। उपभोक्ता तीन प्रकार के होते हैं-
(a) प्रथम श्रेणी के उपभोक्ता या शाकाहारी – वे जंतु जो अपना भोजन पौधों से सीधे प्राप्त करते हैं, प्रथम श्रेणी के उपभोक्ता या शाकाहारी कहलाते हैं। उदाहरण के लिए, हाथी, हिरण, गाय और बकरी।
(b) द्वितीय श्रेणी के उपभोक्ता या मांसाहारी-ये प्रथम श्रेणी के उपभोक्ताओं को भोजन के रूप में खाते हैं। उदाहरण के लिए – साँप, मेंढक, छिपकली।
(c) तृतीय श्रेणी के उपभोक्ता-ये द्वितीय श्रेणी के उपभोक्ताओं के खाते हैं। उदाहरण के लिए-शेर, तेंदुआ।
(3) विभाजक – सूक्ष्मजीव जो मृत पौधों और जानवरों को भोजन के रूप में उपयोग करते हैं और उन्हें सरल पदार्थों में तोड़ते हैं, विभाजक कहलाते हैं। उदाहरण के लिए बैक्टीरिया और कवक।
प्रश्न (ii)
विभिन्न प्रकार के आवासों के बारे में संक्षेप में चर्चा करें।
उत्तर-
आवास के तीन मुख्य प्रकार हैं-
(1) स्थलीय आवास
(2) जलीय आवास
(3) हवाई आवास
(1) स्थलीय आवास – पृथ्वी पर रहने वाले जीव स्थलीय या स्थलीय जीव कहलाते हैं और उनके निवास स्थान को स्थलीय आवास कहा जाता है।
उदाहरण के लिए-रेगिस्तान, घास के मैदान, पहाड़ और जंगल।
(2) जलीय आवास – वे जीव जो जल के विभिन्न स्रोतों जैसे झीलों, तालाबों, तालाबों और महासागरों में रहते हैं जलीय जीव कहलाते हैं और उनके आवास को जलीय आवास कहा जाता है। उदाहरण के लिए – खारे पानी का आवास, महासागर, समुद्र और कुछ झीलें।
(3) हवाई आवास – यह उन जीवों का निवास स्थान है जो अपना अधिकांश जीवन हवा में जीते हैं। इन्हें वृक्षवासी भी कहा जाता है। अधिकाँश पक्षी और पँख वाले जानवर निवास स्थान में रहते हैं। ये जीव हवा में रहने के लिए अनुकूलित हैं क्योंकि कोई भी प्राणी हवा में पैदा नहीं होता है।
प्रश्न (iii)
आवास के जैविक एवं अजैविक भागों के आपसी तालमेल पर एक नोट लिखें।
उत्तर-
आवास के जैविक और अजैविक घटकों की परस्पर क्रियाएँ हमारी पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व को बचाए रखने के लिए बहुत ही आवश्यक हैं । किसी भी सजीव के लिए जीवित रहना तभी संभव है जब वह अपने परिवेश में होने वाले परिवर्तनों के प्रति इस प्रकार की क्रिआएँ करता है जिनके कारण वह बदले हुए हालातों में स्वयँ को जीवित रख सकता है। इस प्रकार की क्षमता को अनुकूलन कहते है। इसके हमारे पास कई उदाहरण हैं-
गर्म स्थानों पर रहने वाले जीवों की चमड़ी मोटी होती है। इससे वे अधिक गर्मी में भी पानी की कमी से झूझ लेते है।
सर्द स्थानों पर रहने वाले जीवों की फर होती है । फर से हमारा मतलब है बालों की मोटी परत । यह उन्हें बहुत अधिक सर्दी से बचाती है।
जलीय आवासों में रहने वाले जीवों का शरीर धारा रेखीय होता है। इसके कारण वे पानी में आसानी से तैर लेते है।
जिन क्षेत्रों में अधिक गर्मी पड़ती है उनमें पौधों के पत्ते कांटों में बदल जाते है तथा प्रकाश-संश्लेषण का कार्य तने द्वारा किया जाता है।
इस प्रकार आवास के जैविक और अजैविक घटकों की परस्पर क्रियाओं के कारण सजीव स्वयँ को कठिन परिस्थितियों में भी बचा लेते हैं।
प्रश्न (iv)
सजीव और निर्जीव वस्तुओं के बीच अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर-
सजीव और निर्जीव वस्तुओं में अंतर-
सजीव वस्तुएं | निर्जीव वस्तुएँ |
(1) सजीव वस्तुएँ अपने शरीर के अंगों या भागों में हिलाजुला सकती हैं। | (1) निर्जीव वस्तुएँ गति नहीं कर सकतीं। |
(2) सजीवों में वृद्धि होती है। | (2) निर्जीव वस्तुओं में कोई वृद्धि नहीं होती है। |
(3) सजीव वस्तुएँ अपने समान अन्य सजीव वस्तुएँ उत्पन्न करती हैं। | (3) निर्जीव प्राणी अपने समान जीव उत्पन्न नहीं करते। |
(4) सजीव वस्तुएँ अपने आस-पास होने वाले परिवर्तनों को समझ सकते हैं। | (4) निर्जीव महसूस नहीं कर सकता। |
(5) सजीव वस्तुएँ साँस लेती हैं। | (5) निर्जीव वस्तुएँ साँस नहीं लेती हैं। |
(6) सजीव वस्तुएँ शरीर से अपशिष्ट उत्पादों को बाहर निकालती हैं। | (6) निर्जीव कचरे को बाहर नहीं निकालाता है। |
(7) सजीव वस्तुएँ को भोजन की आवश्यकता होती है। | (7) निर्जीव वस्तुओं को भोजन की आवश्यकता नहीं होती। |
PSEB Solutions for Class 6 Science सजीव और उनका परिवेश Important Questions and Answers
1. बहुविकल्पीय प्रश्न प्रल
प्रश्न (i)
निम्न में से कौन-सा मरुस्थलीय पौधा है ?
(क) मक्का
(ख) गेहँ
(ग) कैक्टस
(घ) धान।
उत्तर-
(ग) कैक्टस।
प्रश्न (ii)
गाय का श्वसन अंग है-
(क) गलफड़ा
(ख) त्वचा
(ग) ट्रेकिया
(घ) फेफड़ा।
उत्तर-
(घ) फेफड़ा।
प्रश्न (iii)
हाइड्रिला पौधा है-
(क) मरुस्थलीय
(ख) स्थलीय
(ग) जलीय
(घ) कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) जलीय।
प्रश्न (iv)
कौन-सा जीव रात्रिचर है?
(क) गाय
(ख) चमगादड़
(ग) मेंढक
(घ) घोड़ा।
उत्तर-
(ख) चमगादड़।
प्रश्न (v)
निम्न में से सजीव है-
(क) हल
(ख) मशरूम
(ग) जल
(घ) ऊन।
उत्तर-
(ख) मशरूम।
प्रश्न (vi)
वह प्रक्रिया जिससे अपशिष्ट पदार्थ शरीर से बाहर फेंके जाते हैं-
(क) पाचन
(ख) उत्सर्जन
(ग) जनन
(घ) कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) उत्सर्जन।
प्रश्न (vii)
गलफड़े किस जीव के श्वसन अंग हैं ?
(क) मछली
(ख) मेंढक
(ग) मच्छर
(घ) कोई नहीं।
उत्तर-
(क) मछली।
प्रश्न (viii)
कुत्ते के पिल्ले वयस्क बन जाते हैं। सजीवों की यह विशेषता है-
(क) जनन
(ख) वृद्धि
(ग) श्वसन
(घ) कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) वृद्धि।
प्रश्न (ix)
पर्वतीय प्रदेशों के पौधों के पत्ते होते हैं-
(क) चौड़े फलक वाले
(ख) सुई के आकार के
(ग) काँटेदार
(घ) कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) सुई के आकार के।
प्रश्न (x)
बीजों के अंकुरण के लिए आवश्यक कारक हैं-
(क) वायु
(ख) जल
(ग) प्रकाश
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।
2. खाली स्थान भरें
(i) …………………. वस्तुएँ एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सकती हैं।
उत्तर-
सजीव
(ii) पक्षियों का आवास ………………….. हैं ।
उत्तर-
पेड़
(iii) ………………… विभाजक के रूप में कार्य करते हैं।
उत्तर-
सूक्ष्मजीव
(iv) …………………. कूबड़ में भोजन जमा करता है।
उत्तर-
ऊँट
(v) पक्षी का शरीर ……………………….. होता है ।
उत्तर-
धारा रेखीय।
3. सही या ग़लत चुनें
(i) गेहूँ एक मरुस्थलीय पौधा है।
उत्तर-
ग़लत
(ii) मछलियों और पक्षियों के शरीर धारा रेखीय होते हैं।
उत्तर-
सही
(iii) सूर्य का प्रकाश आवास का जैविक घटक है।
उत्तर-
ग़लत
(iv) कैक्टस में पत्तों द्वारा प्रकाश संश्लेषण होता है।
उत्तर-
ग़लत
(v) मनुष्य में अनुकूलन करने की शक्ति नहीं है।
उत्तर-
ग़लत
4. कॉलम ‘क’ और कॉलम ‘ख’ का उचित मिलान करें
कॉलम ‘क’ | कॉलम ‘ख’ |
(i) जीवित | (a) हाइड्रैला |
(ii) निर्जीव | (b) अजैविक तत्व |
(iii) जलीय आवास | (c) प्रजनन |
(iv) मरूस्थलीय आवास | (d) भोजन की आवश्यकता नहीं है |
(v) मिट्टी, हवा, पानी आदि | (e) कैक्टस |
उत्तर-
कॉलम ‘क’ | कॉलम ‘ख’ |
(i) जीवित | (c) प्रजनन |
(ii) निर्जीव | (d) भोजन की आवश्यकता नहीं है |
(iii) जलीय आवास | (a) हाइड्रैला |
(iv) मरूस्थलीय आवास | (e) कैक्टस |
(v) मिट्टी, हवा, पानी आदि | (b) अजैविक तत्व |
5. अति लघूत्तर प्रश्न
प्रश्न 1.
परिवेश किसे कहते हैं ?
उत्तर-
परिवेश – किसी जीव के इर्द-गिर्द का स्थान जहाँ वह रहता है, उसे परिवेश कहते हैं।
प्रश्न 2.
दो प्रकार के परिवेश की उदाहरणे दीजिए।
उत्तर-
मरुस्थलीय परिवेश और समुद्री परिवेश।
प्रश्न 3.
मरुस्थल में रहने वाले जंतुओं और पौधों का एक अभिलक्षण बताएँ।
उत्तर-
मरुस्थल में रहने वाले जंतु और पौधे पानी का अल्पमात्रा में प्रयोग करते हैं।
प्रश्न 4.
ऊँट मरुस्थलीय परिस्थितियों में रहने के अनुकूल है। इसका एक अभिलक्षण बताएँ।
उत्तर-
ऊँट में मूत्रोत्सर्जन की मात्रा बहुत कम होती है तथा मल शुष्क होता है।
प्रश्न 5.
मछली जल में रहने के अनुकूलन है। इसका अभिलक्षण बताएँ।
उत्तर-
मछली का शरीर धारारेखीय होता है जिससे यह आसानी से पानी में तैर सकती है।
प्रश्न 6.
अनुकूलन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
अनुकूलन – जिन विशिष्ट संरचनाओं अथवा स्वभाव की उपस्थिति किसी पौधे अथवा जंतु को उसके परिवेश में रहने के योग्य बनाती है उसे अनुकूलन कहते हैं।
प्रश्न 7.
आवास किसे कहते हैं ?
उत्तर-
आवास – किसी सजीव का वह परिवेश जिसमें वह रहता है, उसका आवास कहलाता है।
प्रश्न 8.
स्थलीय-आवास किसे कहते हैं ?
उत्तर-
स्थलीय-आवास – स्थल अथवा ज़मीन पर पाए जाने वाले पौधों एवं जंतुओं के आवास को स्थलीय आवास कहते हैं।
प्रश्न 9.
स्थलीय-आवासों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
वन, घास के मैदान, मरुस्थल, तटीय एवं पर्वतीय क्षेत्र स्थलीय आवास के उदाहरण हैं।
प्रश्न 10.
जलीय-आवास किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जलीय-आवास – जल में रहने वाले जंतुओं और पौधों के आवास को जलीय आवास कहते हैं।
प्रश्न 11.
जलीय-आवास के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
जलाशय, दलदल, झील, नदियाँ एवं समुद्र जलीय आवास हैं।
प्रश्न 12.
जैव घटक किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जैव घटक – किसी आवास में पाए जाने वाले सभी जैव जैसे कि पौधे एवं जंतु उसके जैव घटक कहलाते हैं।
प्रश्न 13.
अजैव घटक किसे कहते हैं ?
उत्तर-
अजैव घटक – चट्टान, मिट्टी, वायु एवं जल और तापमान, प्रकाश किसी परिवेश के अजैव घटक कहलाते हैं।
प्रश्न 14.
कुछ मरुस्थलीय जंतु बिलों में क्यों रहते हैं ?
उत्तर-
चूहे एवं साँप जैसे जंतु तेज़ गर्मी से बचने के लिए भूमि के अंदर गहरे बिलों में रहते हैं। रात्रि के समय जब तापमान में कमी आती है तो यह बाहर निकलते हैं।
प्रश्न 15.
मरुस्थलीय पौधों की एक विशेषता लिखिए।
उत्तर-
मरुस्थलीय पौधों में पत्तियाँ या तो अनुपस्थित होती हैं अथवा बहुत छोटी शूल जैसी होती हैं।
प्रश्न 16.
नागफनी के पौधों की हरी संरचना किसका तना है अथवा पत्ती ?
उत्तर-
नागफनी में पत्ती जैसी जिस संरचना जो हम देखते हैं, वह वास्तव में इसका तना है।
प्रश्न 17.
नागफनी के पौधे में प्रकाश-संश्लेषण किस भाग में होता है ?
उत्तर-
नागफनी में प्रकाश-संश्लेषण हरी संरचना जिसे तना कहते हैं उसमें होता है।
प्रश्न 18.
नागफनी का तना एक मोटी मोमी परत से क्यों ढका होता है ?
उत्तर-
मोटी मोमी परत पौधे को जल संरक्षण में सहायता करती है।
प्रश्न 19.
मरुस्थलीय पौंधों में जड़ें बहुत गहरी क्यों होती हैं ?
उत्तर-
मरुस्थलीय पौधों में जड़ जल अवशोषण के लिए मिट्टी में बहुत गहराई तक चली जाती है।
प्रश्न 20.
पर्वतीय क्षेत्रों के वृक्ष सामान्यतः कैसे होते हैं ?
उत्तर-
पर्वतीय क्षेत्रों के वृक्ष सामान्यत: शंक्वाकार होते हैं तथा इनकी शाखाएँ तिरछी होती हैं। इनमें से कुछ वृक्षों की पत्तियाँ सूई के आकार की होती हैं।
प्रश्न 21.
पर्वतीय क्षेत्रों में पाए जाने वाले जंतुओं में क्या अनुकूलित होता है ?
उत्तर-
पर्वतीय क्षेत्र में पाए जाने वाले जंतुओं की मोटी त्वचा या फर ठंड से इनका बचाव करती है। .
प्रश्न 22.
यॉक ठंड वाले क्षेत्रों में रहने के लिए कैसे अनुकूल है ?
उत्तर-
यॉक के शरीर पर लंबे बाल होते हैं जो उसे गर्म रखते हैं और ठंड से बचाते हैं।
प्रश्न 23.
पहाड़ी बकरी ढालदार चट्टानों पर दौड़ने के लिए कैसे अनुकूलित है ?
उत्तर-
पहाड़ी बकरी के मज़बूत खुर उसे ढालदार चट्टानों पर दौड़ने के लिए अनुकूलित बनाते हैं।
प्रश्न 24.
पहाड़ी तेंदुए ठंडे पर्वतीय क्षेत्र में रहने के लिए कैसे अनुकूलित हैं ?
उत्तर-
पहाड़ी तेंदुओं के शरीर पर फर होते हैं। यह बर्फ पर चलते समय उसके पैरों को ठंड से बचाते हैं।
प्रश्न 25.
हिरण घास स्थल में रहने के लिए कैसे अनुकूलित है ?
उत्तर-
पौधों के कठोर तनों को चबाने के लिए इसके मज़बूत दाँत होते हैं।
प्रश्न 26.
हिरण में कौन-सी अनुकुलन है इसे शिकारी के खतरे को महसूस कराती है ?
उत्तर-
हिरण के लंबे कान उसे शिकारी की गतिविधि की जानकारी देते हैं। दूसरे इसके सिर के पार्श्व के दोनों ओर स्थित आँखें प्रत्येक दिशा में देखकर खतरा महसूस कराती हैं।
प्रश्न 27.
मछली जल में सुगमता से क्यों तैर सकती है ?
उत्तर-
मछली का शरीर धारारेखीय होता है, जिससे वह जल में सुगमता से तैर सकती है।
प्रश्न 28.
मछली साँस कैसे लेती है ?
उत्तर-
मछली गिल (क्लोम) की सहायता से साँस लेती है। क्योंकि मछली में फेफड़े नहीं होते।
प्रश्न 29.
डॉलफिन एवं हवेल कैसे साँस लेती हैं ?
उत्तर-
डॉलफिन तथा वेल में गिल नहीं होते। यह सिर पर स्थित नासा द्वार अथवा वात छिद्रों द्वारा श्वास लेते हैं।
प्रश्न 30.
मेंढक जल में कैसे तैरता है ?
उत्तर-
मेंढक के पश्चपाद में जालयुक्त पादांगुलियां होती हैं जो उसे तैरने में सहायता करती हैं।
प्रश्न 31.
केंचुआ कैसे साँस लेता है ?
उत्तर-
केंचुआ नम त्वचा द्वारा साँस लेता है।
प्रश्न 32.
मछली साँस लेने के लिए ऑक्सीजन कहाँ से लेती है ?
उत्तर-
मछली जल में विलेय वायु से ऑक्सीजन अवशोषित करती है।
प्रश्न 33.
उद्दीपन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
उददीपन-वातावरण में होने वाले परिवर्तनों को उद्दीपन कहते हैं।
प्रश्न 34.
उत्सर्जन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
उत्सर्जन-सजीवों द्वारा अवशिष्ट पदार्थों के निष्कासन के प्रक्रम को उत्सर्जन कहते हैं।
प्रश्न 35.
प्रजनन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
प्रजनन-जंतु द्वारा अपने सदृश संतान उत्पन्न करने को प्रजनन कहते हैं।
प्रश्न 36.
कायिक प्रजनन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
कायिक प्रजनन-पौधों में बीजों के अतिरिक्त पौधों के दूसरे भागों (तना, जड़, पत्ते) से प्रजनन करने को कायिक प्रजनन कहते हैं।
6. लघूत्तर प्रश्न
प्रश्न 1.
समुद्र में पाये जाने वाले पौधों और जंतुओं की दो विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर-
- समुद्र में पौधे तथा जंतु लवणीय जल (खारे पानी) में रहते हैं।
- श्वसन के लिए यह जल में विलेय वायु का उपयोग करते हैं।
प्रश्न 2.
मरुस्थल परिवेश की क्या विशेषता है?
उत्तर-
- मरुस्थल में जल अल्प मात्रा में उपलब्ध होता है।
- मरुस्थल दिन में बहुत गर्म और रात में ठंडा होता है।
प्रश्न 3.
मरुस्थल में जंतु बिल बनाकर क्यों रहते हैं ?
उत्तर-
क्योंकि मरुस्थल में दिन के समय तापमान बहुत अधिक होता है। इसलिए जंतु गर्मी से बचने के लिए बिल बनाकर रहते हैं।
प्रश्न 4.
मछली में कौन-सी विशेषताएं होती हैं जो उसे जल के अंदर विचरने में सहायता करती हैं ?
उत्तर-
- मछली का शरीर धारारेखीय होता है।
- मछलियों का शरीर चिकनी शल्कों से ढका होता है।
- ये शल्क मछली को सुरक्षा प्रदान करते हैं और उसे जल में सुगमता से गति करने में भी सहायता करते हैं।
प्रश्न 5.
मछली के पंख एवं पूँछ क्या कार्य करते हैं ?
उत्तर-
मछली के पंख एवं पूँछ चपटी होती है, जो उसे जल के अंदर दिशा परिवर्तन एवं संतुलन बनाए रखने में सहायता करते हैं।
प्रश्न 6.
अनुकूलन किसे कहते हैं?
उत्तर-
अनुकूलन – सभी सजीवों में कुछ विशिष्ट संरचनाएं होती हैं, जिनके कारण अथवा स्वभाव की उपस्थिति के कारण पौधे अथवा जंतु को उसके परिवेश में रहने के योग्य बनाती है। उसे अनुकूलन कहते हैं। विभिन्न जंतु भिन्न प्रकार के परिवेश के प्रति अलग-अलग रूप से अनुकूलित हो सकते हैं।
प्रश्न 7.
आवास किसे कहते हैं ?
उत्तर-
आवास – किसी सजीव का वह परिवेश जिसमें वह रहता है, उसका आवास कहलाता है। अपने भोजन, वायु, शरण-स्थल एवं अन्य आवश्यकताओं के लिए जीव अपने आवास पर निर्भर रहता है।
प्रश्न 8.
स्थलीय आवास किसे कहते हैं ? स्थलीय आवास के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
स्थलीय आवास – स्थल अथवा ज़मीन पर पाए जाने वाले पौधों एवं जंतुओं के आवास को स्थलीय आवास कहते हैं। वन, घास के मैदान, मरुस्थल, तटीय एवं पर्वतीय क्षेत्र स्थलीय आवास हैं।
प्रश्न 9.
जलीय आवास किसे कहते हैं? जलीय आवास की उदाहरणे दीजिए।
उत्तर-
जलीय आवास – जहाँ पौधे एवं जंतु जल में रहते हैं उन्हें जलीय आवास कहते हैं। जलाशय, दलदल, झील, नदियां एवं समुद्र जलीय आवास के उदाहरण हैं।
प्रश्न 10.
आवास के जैव घटक और अजैव घटक कौन-कौन से हैं?
उत्तर-
जैव घटक – किसी आवास में पाए जाने वाले सभी जीव जैसे कि पौधे एवं जंतु उसके जैव घटक हैं।
अजैव घटक – चट्टान, मिट्टी, वायु एवं जल जैसी अनेक निर्जीव वस्तुएँ आवास के अजैव घटक हैं। सूर्य का प्रकाश एवं ऊष्मा भी परिवेश के अजैव घटक हैं।
प्रश्न 11.
सजीव बहुत ठंडे और बहुत ऊष्ण परिवेश में कैसे पाए जाते हैं ?
उत्तर-
बहुत से सजीव बहुत ठंडे और बहुत ऊष्ण परिवेश जैसे विषम परिवेश में जीवित रहने के लिए विशेष व्यवस्था को अपनाते हैं जिसे अनुकूलन कहते हैं। अनुकूलन अल्पकाल में नहीं होता। हजारों वर्षों की अवधि में किसी क्षेत्र के अजैव घटकों में परिवर्तन आते हैं। वे जंतु जो इन परिवर्तनों के प्रति अपने आप को नहीं ढाल पाते मर जाते हैं। केवल वे जीव ही जीवित रहते हैं जो अपने आपको बदलते परिवेश के अनुसार अनुकूलित कर लेते हैं।
प्रश्न 12.
जंतुओं के आवासों में विविधता क्यों है ?
उत्तर-
जंतु विभिन्न अजैव कारकों के लिए विभिन्न विधियों से अपने आपको अनुकूलित कर लेते हैं। इसका परिणाम भिन्न आवासों में जीवों की विविधता का होना है।
प्रश्न 13.
मरुस्थलीय पौधे अपने आपको मरुस्थलीय जलवायु के अनुसार कैसे अनुकूलित कर लेते हैं ?
उत्तर-
मरुस्थलीय पौधे वाष्पोत्सर्जन द्वारा जल की बहुत कम मात्रा निष्कासित करते हैं। मरुस्थलीय पौधों में पत्तियाँ या तो अनुपस्थित होती हैं अथवा बहुत छोटी होती हैं। कुछ पौधों में पत्तियाँ काँटों (शूल ) का रूप ले लेती हैं। इससे पत्तियों से होने वाले वाष्पोत्सर्जन में होने वाले जल ह्रास में कमी आती है। नागफनी में पत्ती जैसी जिस संरचना को आप देखते हैं, वह वास्तव में इसका तना है। इन पौधों में प्रकाश-संश्लेषण सामान्यतः तने में होता है। तना एक मोटी मोमी परत से ढका होता है, जिससे पौधों को जल-संरक्षण में सहायता मिलती है। अधिकतर मरुस्थलीय पौधों की जड़ें जल अवशोषण के लिए मिट्टी में बहुत गहराई तक चली जाती हैं।
प्रश्न 14.
मरुस्थल में रहने वाले जंतु अपने आपको गर्मी से कैसे बचाते हैं?
उत्तर-
मरुस्थल में रहने वाले चूहे एवं साँप ऊँट की भांति लंबी टाँगें नहीं होती। दिन की तेज़ गर्मी से बचने के लिए वे भूमि के अंदर गहरे बिलों में रहते हैं। रात्रि के समय जब तापमान में कमी आती है, तो ये जंतु बाहर निकलते हैं।
प्रश्न 15.
पर्वतीय क्षेत्र में पाए जाने वृक्षों में क्या विशेषताएँ होती हैं ?
उत्तर-
पर्वतीय क्षेत्र में पाए जाने वाले वृक्ष सामान्यतः शंक्वाकार होते हैं तथा इनकी शाखाएँ तिरछी होती हैं। इनमें से कुछ वृक्षों की पत्तियाँ सुई के आकार की होती हैं। इससे वर्षा का जल एवं हिम सरलता से नीचे की ओर. खिसक जाता है। पर्वतों पर इन वृक्षों से अधिक भिन्न आकृति एवं आकार वाले वृक्ष भी मिल सकते हैं। पर्वत पर जीवित रहने के लिए इनमें कुछ अन्य प्रकार का अनुकूलन हो सकता है।
प्रश्न 16.
पर्वतीय क्षेत्र में पाए जाने वाले जंतु वहाँ की परिस्थितियों के प्रति कैसे अनुकूलित होते हैं ?
उत्तर-
पवीय क्षेत्र में पाए जाने वाले जंतु भी वहाँ की परिस्थितियों के प्रति अनुकूलित होते हैं। उनकी मोटी त्वचा या फर ठंड से उनका बचाव करती है। उदाहरणतः, शरीर को गर्म रखने के लिए याक का शरीर लंबे वालों से ढका होता है। पहाड़ी तेंदुए के शरीर पर फर होते हैं। यह बर्फ पर चलते समय उसके पैरों को ठंड से बचाता है। पहाड़ी बकरी के मजबूत खुर उसे ढलानदार चट्टानों पर दौड़ने के लिए अनुकूलित बनाते हैं।
प्रश्न 17.
शेर वन में अथवा घास स्थल में रहने में कैसे अनुकूल है?
उत्तर-
शेर वनों अथवा घास स्थल में रहता है जो हिरण जैसे जंतुओं का शिकार करता है। यह मटमैले रंग का होता है। शेर के अगले पैर के नखर लंबे होते हैं जिन्हें वह पदांगुलियों के अंदर खींचकर छिपा सकता है। शेर की यह संरचनाएँ उसके जीवन-यापन में सहायता करती हैं। उसका हल्का भूरा (मटमैला) रंग शिकार के दौरान उसे घास के सूखे मैदानों में छिपाए रखता है और शिकार को पता भी नहीं चलता। चेहरे के सामने की आँखें उसे वन में दूर तक शिकार खोजने में सहायक होती हैं।
प्रश्न 18.
हिरण घास स्थल में रहने के लिए कैसे अनुकूल है?
उत्तर-
हिरण वन या घास स्थल में रहता है। पौधों के कठोर तनों को चबाने के लिए इसके मजबूत दाँत होते हैं। हिरण को अपने शिकारी (शेर जैसे जंतु जो उसे अपना शिकार बनाते हैं) की उपस्थिति की जानकारी आवश्यक है, ताकि वह उसका शिकार न बन सके और वहाँ से भाग जाए। इसके लंबे कान उसे शिकारी की गतिविधि की जानकारी कराते हैं। इसके सिर के पार्श्व में दोनों ओर स्थित आँखें प्रत्येक दिशा में देखकर खतरा महसूस करा सकती हैं। हिरण की तेज़ गति उसे शिकारी से दूर भागने में सहायक होती है।
प्रश्न 19.
समुद्री जीव अपने आपको समुद्र में रहने के अनुकूल कैसे बनाते हैं?
उत्तर-
समुद्र में रहने वाले जीव अपने आपको समुद्र में रहने के लिए अनुकूलित कर लेते हैं जैसे मछली का शरीर धारा-रेखीय होता है जिससे वह जल में सुगमता से चल सकती है। स्क्विड एवं ऑक्टोपस जैसे कुछ समुद्री जंतुओं का शरीर आमतौर पर धारा-रेखीय नहीं होता। वह समुद्र की गहराई में, तलहटी में रहते हैं तथा अपनी ओर आने वाले शिकार को पकड़ते हैं। जब वह जल में चलते हैं तो अपने शरीर को धारारेखीय बना लेते हैं। जल में श्वास लेने के लिए इनमें गिल (क्लोम) होते हैं।
प्रश्न 20.
आंशिक रूप से जल मग्न पौधे की जड़ें और तने कैसे होते हैं ?
उत्तर-
आं शिक रूप से जल-मग्न पौधों की जड़ें जलाशय की तलहटी की मिट्टी में स्थिर रहती हैं। जलीय पौधों में जडें आकार में बहुत छोटी होती हैं एवं इनका मुख्य कार्य पौधे को तलहटी में जमाए रखना होता है।
इन पौधों का तना लंबा, खोखला एवं हल्का होता है। तना जल की सतह तक वृद्धि करता है, जबकि पत्तियाँ एवं फूल जल की सतह पर प्लवन करते रहते हैं।
प्रश्न 21.
पूर्णतः जलमग्न पौधों की क्या विशेषताएँ होती हैं ?
उत्तर-
पूर्णतः जलमग्न पौधों के सभी भाग जल में वृद्धि करते हैं। इनमें से कुछ पौधों की पत्तियाँ संकरी एवं पतले रिबन की तरह होती हैं। यह बहते जल में सरलता से मुड़ जाती हैं। कुछ अन्य जलमग्न पौधों में पत्तियाँ बहुत अधिक विभाजित होती हैं जिससे जल इनके बीच से बहता रहता है और पत्ती को कोई क्षति भी नहीं होती।
प्रश्न 22.
मेंढ़क में जल और स्थल पर रहने के लिए क्या विशेषताएँ हैं ?
उत्तर-
मेंढ़क आमतौर पर तालाब में पाया जाने वाला एक जंतु है। यह तालाब के जल में एवं स्थल दोनों पर रह सकता है। इसे पश्चपाद लंबे एवं मजबूत होते हैं जो उसे छलांग लगाने एवं शिकार पकड़ने में सहायता करते हैं। इनके पश्चपाद में जालयुक्त पादांगुलियाँ होती हैं जो उसे तैरने में सहायता करती हैं।
प्रश्न 23.
वन में पाए जाने वाली वस्तुओं की सूची बनाओ।
उत्तर-
वृक्ष, आरोही-लता, विसी लता, छोटे-बड़े जंतु, पक्षी, साँप, कीट, चट्टान, पत्थर, मिट्टी, जलवायु, सूखी पत्तियाँ, मृत जंतु, छत्रक एवं काई (मॉस) वन में पाई जाने वाली विभिन्न वस्तुएँ हैं।
प्रश्न 24.
क्या सभी जीवों को भोजन की आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
हां, सभी जीवों को भोजन की आवश्यकता होती है। पौधे प्रकाश संश्लेषण के द्वारा अपना भोजन स्वयं बनाते हैं। जंतु भोजन के लिए पौधों तथा अन्य जंतुओं पर निर्भर करते हैं।
भोजन सजीवों को उनकी वृद्धि के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है। सजीवों को उनके अंदर होने वाले अन्य जैव प्रक्रमों के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 25.
वृद्धि से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
वृद्धि – किसी भी सजीव के आकार में अपरिवर्तनशील हुए परिवर्तन को वृद्धि कहते हैं। यह वृद्धि उसके भोजन के फलस्वरूप होती है।
प्रश्न 26.
श्वसन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
श्वसन – सजीवों द्वारा वायु अंदर लेने और बाहर निकालने को श्वसन कहते हैं। श्वसन के समय जो वायु हम अंदर लेकर जाते हैं उसमें ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा होती है और जो वायु हम बाहर निकालते हैं उसमें कार्बन डाइऑक्साइड की प्रर्याप्त मात्रा होती है। इस प्रकार हम श्वसन के समय ऑक्सीजन लेते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं। यह ऑक्सीजन हमारे भोजन के साथ मिल कर हमें ऊर्जा प्रदान करती है।
प्रश्न 27.
पौधे कैसे श्वसन करते हैं ?
उत्तर-
पौधों में श्वसन – पौधे भी श्वसन करते हैं। पौधों की श्वसन क्रिया में गैसों का विनिमय मुख्यतः उनकी पत्तियों द्वारा होता है। पत्तियाँ सूक्ष्म रंध्रों द्वारा वायु को अंदर लेती हैं तथा ऑक्सीजन का उपयोग करती हैं। वे कार्बन डाइऑक्साइड वायु में निष्कासित कर देती हैं।
प्रश्न 28.
श्वसन क्रिया और प्रकाश-संश्लेषण में क्या अंतर है ?
उत्तर-
श्वसन तथा प्रकाश – संश्लेषण में अंतर-हम जानते हैं कि प्रकाश की उपस्थिति में पौधे वायु की कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग भोजन बनाने के लिए करते हैं तथा ऑक्सीजन छोड़ते हैं। पौधे केवल दिन के समय ही भोजन बनाते हैं, जबकि श्वसन क्रिया दिन और रात दोनों में ही निरंतर चलती रहती है। श्वसन में पौधे ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं।
प्रश्न 29.
उद्दीपन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
उद्दीपन – बाह्य वातावरण में होने वाले परिवर्तनों के प्रति अनुक्रिया को उद्दीपन कहते हैं।
उदाहरण-जब रात्रि में हम रसोई घर में बल्ब प्रदीप्त कर देते हैं तो कॉकरोच अचानक अपने छिपने के स्थान में भाग जाते हैं।
प्रश्न 30.
क्या पौधे भी उद्दीपन के प्रति अनक्रिया दर्शाते हैं?
उत्तर-
पौधे भी उद्दीपन के प्रति अनुक्रिया दर्शाते हैं। कुछ पौधों के पुष्प केवल रात्रि के समय ही खिलते हैं। कुछ पौधों के पुष्प सूर्यास्त के बाद बंद हो जाते हैं। छुई-मुई (गुलमेंहदी) के पौधे की पत्तियाँ छूने पर अचानक मुरझा (सिकुड़) जाती हैं। यह पौधों में उद्दीपन के प्रति अनुक्रिया के कुछ उदाहरण हैं।
प्रश्न 31.
एक क्रिया किलाप द्वारा दर्शाओ कि पौधे सूर्य के प्रकाश के प्रति अनुक्रिया करते हैं ?
उत्तर-
क्रियाकलाप – एक कमरे की खिड़की जिससे दिन के समय धूप (सूर्य का प्रकाश) आती हो, के पास एक पौधे का गमला रखिए। कुछ दिनों तक पौधे को नियमित जल देते रहें। कुछ दिनों बाद आप पाएंगे कि पौधा की वृद्धि प्रकाश की दिशा में हुई है न कि सीधी। इससे ज्ञात होता है कि पौधे सूर्य के प्रकाश के प्रति अनुक्रिया करते हैं।
प्रश्न 32.
उत्सर्जन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
उत्सर्जन – विभिन्न जैव-प्रक्रमों के फलस्वरूप जीव के शरीर में कुछ अपशिष्ट पदार्थ उत्पन्न होते हैं, जो उसके लिए हानिकारक होते हैं। इन अपशिष्ट पदार्थों के निष्कासन के प्रक्रम को उत्सर्जन कहते हैं।
प्रश्न 33.
क्या पौधों में भी उत्सर्जन होता है ?
उत्तर-
हाँ, पौधों में भी उत्सर्जन होता है। पौधे भी उत्सर्जन करते हैं। परंतु उनमें इस प्रक्रम का ढंग कुछ अलग है। पौधों में कुछ हानिकारक अथवा विषैले पदार्थ उत्पन्न होते हैं। कुछ पौधों में यह अपशिष्ट पदार्थ पौधे के कुछ विशेष भागों में संग्रहित किए जाते हैं, जिससे पौधे को कोई हानि नहीं पहुँचती। कुछ पौधों में अपशिष्ट पदार्थों का निष्कासन स्राव के रूप में होता है।
प्रश्न 34.
प्रजनन किसे कहते हैं ? उत्तर-प्रजनन-जीव द्वारा अपने सदृश संतान उत्पन्न करने की क्रिया को प्रजनन कहते हैं।
भिन्न – भिन्न जंतुओं में प्रजनन के ढंग अलग-अलग हैं। कुछ जंतु अंडे देते हैं जिससे शिशु निकलते हैं। कुछ जंतु शिशु को जन्म देते हैं।
प्रश्न 35.
पौधे कैसे प्रजनन करते हैं ?
उत्तर-
पौधों में प्रजनन – पौधे भी प्रजनन करते हैं। जंतुओं की तरह पौधों में भी प्रजनन के तरीके भिन्न-भिन्न हैं। बहुत-से पौधे बीजों द्वारा प्रजनन करते हैं। पौधे बीज उत्पादित करते हैं। हम उन्हें अंकुरित करके नए पौधे उगा सकते हैं।
कुछ पौधे बीज के अतिरिक्त अपने कायिक भागों द्वारा भी नए पौधे उत्पन्न करते हैं। उदाहरणतः, आलू के कलिका वाले भाग से नया पौधा बनता है। पौधे कलम द्वारा भी उगाए जाते हैं।
प्रश्न 36.
पौधों में भ. गति होती है। पौधों में कैसी गति होती है ?
उत्तर-
पौधों में गति-पौधे सामान्यतः भूमि में जकड़े रहते हैं। अतः वे एक स्थान से दूसरे स्थान तक नहीं जा सकते हैं। परंतु विभिन्न पदार्थ जैसे कि जल, खनिज एवं संश्लेषित खाद्य पदार्थ पौधे के एक भाग से दूसरे में संवहित होते हैं। पौधों में अन्य प्रकार की गति भी देखी जा सकती है जैसे पुष्पों का खिलना एवं बंद होना। पौधे विभिन्न उद्दीपनों के प्रति अनुक्रिया भी करते हैं।
प्रश्न 37.
सजीवों के सामान्य लक्षण बताएं।
उत्तर-
सजीवों के सामान्य लक्षण-
- सजीव भोजन ग्रहण करते हैं अथवा स्वयं बनाते हैं जैसे पौधे।
- सजीव वृद्धि करते हैं।
- सजीव श्वसन करते हैं।
- सजीव प्रजनन करते हैं।
- सजीवों में उत्सर्जन क्रिया होती है।
- सजीव उद्दीपन के प्रति उत्तेजना प्रदर्शित करते हैं।
7. निबंधात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
सजीव तथा निर्जीव वस्तुओं में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
सजीव तथा निर्जीव वस्तुओं में अंतर-
सजीव वस्तुएँ | निर्जीव वस्तुएँ |
(i) सजीवों को भोजन, जल तथा वायु की आवश्यकता होती है। | (i) निर्जीवों को भोजन, जल तथा वायु की आवश्यकता नहीं होती। |
(ii) सजीव वृद्धि करते हैं। | (ii) निर्जीवों में वृद्धि नहीं होती। |
(iii) सजीव एक स्थान से दूसरे स्थान तक स्वयं गति करते हैं। | (iii) निर्जीव स्वय गति नहीं करते। |
(iv) सजीवों में जनन का गुण होता है। | (iv) निर्जीवों में जनन का गुण नहीं होता। |
(v) सजीव श्वसन करते हैं। | (v) निर्जीव श्वसन नहीं करते। |
(vi) सजीव उत्सर्जन द्वारा अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालते हैं। | (vi) निर्जीव उत्सर्जन नहीं करते। |
(vii) सजीव कोशिकाओं के बने होते हैं। | (vii) निर्जीव अणुओं के बने होते हैं। |
प्रश्न 2.
सजीवों के उन प्रमुख अभिलक्षणों का वर्णन कीजिए जिसके द्वारा उन्हें निर्जीवों से पृथक् किया जाता है।
उत्तर-
सजीव वस्तुओं के महत्त्वपूर्ण अभिलक्षण-
- सजीव वस्तुएं वृद्धि करती हैं।
- वे गति दर्शाती हैं।
- इन्हें अपनी जैव प्रक्रियाओं के लिए भोजन की आवश्यकता होती है।
- ये बाहरी उद्दीपन के प्रति संवेदनशील होती हैं।
- ये श्वसन क्रिया करती हैं।
- ये अपने शरीर से फालतू उत्पादों को उत्सर्जित करती हैं।
- ये अपने जैसे अन्य जीव उत्पन्न करती हैं।
- इनका एक निश्चित जीवनकाल होता है।
- इनके शरीर की रचना कोशिकीय होती है।
प्रश्न 3.
पौधों तथा जंतुओं में परस्पर क्या समानताएं तथा असमानताएं हैं ?
उत्तर-
समानताएं-
- दोनों को जीवित रहने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है।
- दोनों वृद्धि करते हैं।
- दोनों श्वसन द्वारा भोजन का अपघटन करके ऊर्जा उत्पन्न करते हैं।
- दोनों शरीर में बने फालतू उत्पादों को उत्सर्जित करते हैं।
- दोनों की संरचना कोशिकीय (Cellular) होती है।
- दोनों बाहरी उद्दीपन के प्रति संवेदनशील होते हैं।
- दोनों अपनी किस्म के अन्य जीव पैदा करते हैं।
असमानताएं –
पौधे | जंतु |
(i) पौधों में एक हरे रंग का वर्णक होता है जिसे क्लोरोफिल कहते हैं। | (i) जंतुओं में कोई क्लोरोफिल नहीं होता। |
(ii) पौधे स्वय पोषी हैं अर्थात् ये अपना भोजन आप बना सकते हैं। इसलिए ये अपने भोजन के लिए अपने आप पर निर्भर होते हैं। | (ii) ये परपोषी हैं अर्थात् ये अपना भोजन आप तैयार नहीं कर सकते। इसलिए इनको अपने भोजन के लिए दूसरे जीवों पर निर्भर करना पड़ता है। |
(iii) इनमें गतिशीलता लगभग नहीं होती। | (iii) इनमें गतिशीलता होती है। |
(iv) पौधों में वृद्धि कुछ निश्चित क्षेत्रों जिन्हें वृद्धि क्षेत्र कहते हैं, पर स्थित होती है। | (iv) जंतुओं में वृद्धि एक जगह पर नहीं होती। बल्कि ये सारे शरीर में होती है। |