Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions History Chapter 11 वैदिक काल Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 11 वैदिक काल
SST Guide for Class 6 PSEB वैदिक काल Textbook Questions and Answers
I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखें
प्रश्न 1.
ऋग्वैदिक काल की राजनीतिक अवस्था के बारे में पाँच वाक्य लिखें।
उत्तर-
ऋग्वैदिक काल की राजनीतिक अवस्था की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित थीं –
(1) देश में बहुत-से छोटे-छोटे कबीले शासन करते थे।
(2) राजा राज्य का मुखिया होता था, जिसे राजन कहते थे।
(3) कई राज्यों में राजा का चुनाव होता था परन्तु आमतौर पर राजतन्त्र प्रणाली प्रचलित थी।
(4) सभा तथा समिति राज्य के कार्यों में राजा को सहायता देने वाली दो महत्त्वपूर्ण संस्थाएं थीं।
(5) पुरोहित, सेनानी तथा ग्रामिणी आदि राजा की सहायता करने वाले अधिकारी होते थे।
प्रश्न 2.
वैदिक लोग किन देवताओं की उपासना करते थे?
उत्तर-
वैदिक लोग प्राकृतिक देवताओं की उपासना करते थे। उनके मुख्य देवता इन्द्र, अग्नि, वरुण, सोम, पृथ्वी, सूर्य, पूषण, विष्णु तथा अश्विन थे।
प्रश्न 3.
वैदिक काल के सामाजिक जीवन की क्या विशेषताएं थीं?
उत्तर-
वैदिक काल के सामाजिक जीवन की विशेषताओं का वर्णन इस प्रकार है –
1. वर्ण व्यवस्था-समाज चार वर्गों में बंटा हुआ था। ये वर्ण ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य तथा शूद्र थे। ये वर्ण काम पर आधारित थे।
- ब्राह्मण-ब्राह्मण बुद्धिजीवी वर्ग था। इस वर्ग का कार्य पढ़ना-पढ़ाना तथा धार्मिक कार्य करना था।
- क्षत्रिय-क्षत्रियों का कार्य युद्ध लड़ना था।
- वैश्य-वैश्य वर्ग में किसान तथा व्यापारी शामिल थे।
- शूद्र-शूद्र दास वर्ग से सम्बन्धित थे।
2. परिवार-परिवार में माता-पिता, बच्चे तथा बहन-भाई आदि आते थे। संयुक्त परिवार प्रथा प्रचलित थी। पिता ही परिवार का मुखिया होता था। प्रत्येक परिवार पुत्र प्राप्ति की इच्छा रखता था।
3. स्त्रियों की स्थिति-समाज में स्त्रियों को बहुत सम्मान दिया जाता था। वे पढ़ीलिखी होती थीं तथा अपनी इच्छानुसार विवाह करवा सकती थीं। वे प्रत्येक प्रकार के सामाजिक तथा धार्मिक कार्यों में भाग लेती थीं।
4. भोजन-वैदिक लोगों का भोजन सादा परन्तु पौष्टिक होता था। गेहूं, चावल, दालें, फल, सब्जियां, दूध, मक्खन तथा घी उनके मुख्य भोजन थे। कुछ लोग मांस भी खाते थे। वे सोमरस जैसे नशीले पदार्थों का भी प्रयोग करते थे।
5. वस्त्र तथा आभूषण-लोग पगड़ी, बनियान, कमीज़, धोती आदि पहनते थे। स्त्रियां तथा पुरुष, दोनों को ही आभूषण पहनने का चाव था।
6. मनोरंजन के साधन-शिकार, रथ-दौड़, घुड़सवारी, नाचना-गाना आदि वैदिक काल के लोगों के मनोरंजन के मुख्य साधन थे।
प्रश्न 4.
वैदिक लोगों की आर्थिक गतिविधियां क्या थी?
उत्तर-
वैदिक लोगों की मुख्य आर्थिक गतिविधियां कृषि, पशुपालन, शिल्पकला तथा व्यापार थीं।
- कृषि-वैदिक लोग गेहूं, जौ, कपास, चावल, दालें, सब्जियां आदि की कृषि करते थे। खेतों को हल तथा बैलों के साथ जोता जाता था।
- पशुपालन-वैदिक लोग गाय, घोड़ा, भेड़, बकरी, बैल आदि पशु पालते थे। गाय को पवित्र माना जाता था तथा गौ-हत्या की मनाही थी।
- शिल्पकला-लोहार, बढ़ई, रथकार, जुलाहे, कुम्हार आदि वैदिक काल के मुख्य शिल्पी थे। लोग अपनी दैनिक आवश्यकताओं के लिए इन पर निर्भर थे।
- व्यापार-व्यापार स्थल मार्ग द्वारा तथा नदियों एवं समुद्रों में किश्तियों तथा जहाज़ों द्वारा होता था।
प्रश्न 5.
सप्तसिन्धु प्रदेश में कौन-सी नदियां बहती थीं?
उत्तर-
‘सप्तसिन्धु’ प्रदेश से भाव सात नदियों के प्रदेश से है। वैदिक काल में पंजाब को ‘सप्तसिन्धु’ प्रदेश अथवा ‘सात नदियों का प्रदेश’ कहा जाता था। इस प्रदेश में बहने वाली नदियों के नाम अग्रलिखित थे –
- सिन्धु,
- जेहलम,
- चिनाब,
- रावी,
- ब्यास,
- सतलुज,
- सरस्वती।
II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें
- आरंभिक वैदिक काल में छोटे-छोटे …………. शासन करते थे।
- समाज चार भागों में विभाजित था, जिन्हें ……………. कहा जाता था।
- वैदिक लोगों का मुख्य भोजन ………, ………, तथा ……….. थे।
- वैदिक लोग ………….. के शौकीन थे।
- वैदिक लोग ……………. की पूजा करते थे।
उत्तर-
- कबीले
- वर्ण
- गेहूं, चावल, दालें
- खेलों
- प्रकृति।
III. सही जोड़े बनायें
(1) विपाश – (क) राजनीतिक संस्था
(2) सभा – (ख) चिकित्सा शास्त्र
(3) आयुर्वेद – (ग) एक देवता
(4) वरुण – (घ) एक नदी
उत्तर-सही जोड़े
(1) विपाश – एक नदी
(2) सभा – राजनीतिक संस्था
(3) आयुर्वेद – चिकित्सा शास्त्र
(4) वरुण – एक देवता।
IV. सही (✓) अथवा ग़लत (✗) का निशान लगायें
- परुषणी एक नदी का नाम है।
- वैदिक काल में इन्द्र वर्षा का देवता था।
- वैदिक लोगों के लिए गाय पवित्र नहीं थी।
- वैदिक काल में स्त्रियों का आदर नहीं होता था।
उत्तर-
- (✓)
- (✓)
- (✗)
- (✗)
PSEB 6th Class Social Science Guide वैदिक काल Important Questions and Answers
कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
वैदिक काल में चार वेद लिखे गए। इनमें से किस वेद को संसार की सबसे प्राचीन पुस्तक माना जाता है?
उत्तर-
ऋग्वेद।
प्रश्न 2.
वैदिक राजा को राजन कहते थे। परन्तु जो राजन् अधिक शक्तिशाली थे, वे क्या कहलाते थे?
उत्तर-
सम्राट।
प्रश्न 3.
आर्य लोग अपने देवताओं की स्तुति में मंत्र-उच्चारण के साथ-साथ कौन-सा अन्य महत्त्वपूर्ण कार्य करते थे?
उत्तर-
यज्ञ।
बहु-विकल्पीयप्रश्न
प्रश्न 1.
निम्न में से कौन-सा देवता आर्यों का ‘आकाश का देवता’ था?
(क) सोम
(ख) अग्नि
(ग) इन्द्र।
उत्तर-
(ग) इन्द्र
प्रश्न 2.
वर्णव्यवस्था के अनुसार निम्न में से कौन-सा वर्ग योद्धा वर्ग था?
(क) वैश्य
(ख) शूद्र
(ग) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) इनमें से कोई नहीं
प्रश्न 3.
उत्तर वैदिक काल में यज्ञों के स्वरूप में क्या अन्तर आया?
(क) यज्ञ केवल आर्य लोग करने लगे।
(ख) ये सस्ते तथा सरल हो गए।
(ग) ये जटिल तथा महंगे हो गए।
उत्तर-
(ग) ये जटिल तथा महंगे हो गए।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
आर्य लोग भारत में कब तथा कहां से आए?
उत्तर-
आर्य लोग लगभग 1500 ई० पू० में मध्य एशिया से भारत आए।
प्रश्न 2.
भरत कबीले के राजा का क्या नाम था?
उत्तर-
भरत कबीले के राजा का नाम सुदास था।
प्रश्न 3.
ऋग्वैदिक काल से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
जिस काल की जानकारी हमें ऋग्वेद से मिलती है, उसे ऋग्वैदिक काल कहते हैं।
प्रश्न 4.
ऋग्वैदिक काल की दो विद्वान् स्त्रियां कौन थी?
उत्तर-
घोषा तथा उपाला ऋग्वैदिक काल की दो विद्वान् स्त्रियां थीं।
प्रश्न 5.
ऋग्वैदिक काल के दो देवताओं के नाम बताएं।
उत्तर-
ऋग्वैदिक काल के दो देवता सूर्य तथा वरुण थे।
प्रश्न 6.
ऋग्वैदिक काल के लोगों के दो मुख्य व्यवसाय कौन-से थे?
उत्तर-
कृषि तथा पशुपालन ऋग्वैदिक काल के लोगों के दो मुख्य व्यवसाय थे।
प्रश्न 7.
ऋग्वैदिक काल के विश तथा जन के मुखियों को क्या कहते थे?
उत्तर-
ऋग्वैदिक काल में विश के मुखिया को विशपति तथा जन के मुखिया को राजन कहा जाता था।
प्रश्न 8.
उत्तर वैदिक काल के दो नए देवताओं के नाम लिखें।
उत्तर-
विष्णु तथा शिव उत्तर वैदिक काल के दो नए देवता थे।
प्रश्न 9.
उत्तर वैदिक काल में बसाए गए चार नगरों के नाम लिखें।
उत्तर-
- हस्तिनापुर,
- काशी,
- पाटलिपुत्र
- कोशाम्बी।
प्रश्न 10.
ऋग्वेद से आर्यों के किस काल के बारे में जानकारी प्राप्त होती है?
उत्तर-
ऋग्वेद से आर्यों के पूर्व वैदिक काल की जानकारी प्राप्त होती है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
ऋग्वेद की विषय-वस्तु क्या है? इसके लेखक का नाम बताएं।
उत्तर-
ऋग्वेद की विषय-वस्तु प्राकृतिक देवताओं की प्रशंसा में लिखे गए मन्त्र हैं। इसका लेखक कोई एक व्यक्ति नहीं है। इसमें भिन्न-भिन्न ऋषियों के द्वारा लिखे गए मन्त्र शामिल हैं।
प्रश्न 2.
ऋग्वैदिक काल में परिवार के मुखिया के बारे में बताएं।
उत्तर-
ऋग्वैदिक काल में परिवार पुरुष प्रधान थे। परिवार में सबसे बड़े पुरुष सदस्य को परिवार का मुखिया कहा जाता था। उसे गृहपति कहते थे। उसका पूरे परिवार पर नियन्त्रण होता था। परिवार के सभी सदस्य मुखिया का आदर करते थे तथा उसकी आज्ञा का पालन करते थे। मुखिया की आज्ञा का पालन न करने वाले सदस्य को सज़ा भी दी जा सकती थी।
प्रश्न 3.
ऋग्वैदिक काल में आर्यों की पूजा के कौन-कौन से ढंग थे?
उत्तर-
ऋग्वैदिक काल में आर्य देवी-देवताओं की पूजा यज्ञ तथा मन्त्रों का उच्चारण करके करते थे। यज्ञ खुली हवा में होते थे तथा इसमें घी, दूध आदि चीजें डाली जाती थीं। यज्ञों में पशु-बलि भी दी जाती थी।
प्रश्न 4.
वैदिक काल में विज्ञान का वर्णन करें।
उत्तर-
वैदिक साहित्य से पता चलता है कि वैदिक काल में विज्ञान की भिन्न-भिन्न शाखाएं बहुत विकसित थीं। ये शाखाएं निम्नलिखित थीं –
1. गणित-गणित तथा इसकी शाखाएं जैसे कि बीज गणित, रेखा गणित तथा त्रिकोणमिति आदि बहुत विकसित थीं।
2. खगोल तथा ज्योतिष विद्या-लोगों को ग्रहों की गति, सूर्य तथा चन्द्र ग्रहण और पृथ्वी का अपनी धुरी पर एवं सूर्य के इर्द-गिर्द परिक्रमा के बारे में ज्ञान था।
3. चिकित्सा विज्ञान-चिकित्सा विज्ञान को आयुर्वेद कहा जाता था। चिकित्सा विज्ञान भी उन्नत था।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
‘आर्य’ शब्द से क्या अभिप्राय है? आर्य लोग मूल रूप से कहां के रहने वाले थे?
उत्तर-
‘आर्य’ शब्द से अभिप्राय है-सर्वोत्तम, शिक्षित तथा सभ्य। वैदिक सभ्यता के लोगों को आमतौर पर आर्य कहा जाता है। आरम्भ में ये लोग पंजाब में यमुना नदी से लेकर अफ़गानिस्तान की सीमा तक रहते थे, लेकिन बाद में ये लोग पूर्व तथा दक्षिण में गंगा नदी के मैदानों में फैल गए।
आर्यों का मूल निवास स्थान-आर्य लोगों के मूल निवास स्थान के बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता।
- कुछ विद्वानों का विचार है कि ये लोग मध्य एशिया से पंजाब में आए थे। .
- कुछ विद्वानों के अनुसार, ये लोग रूस के यूरोपीय सीमावर्ती क्षेत्रों से पंजाब में आए थे।
- बहुत-से विद्वानों का विचार है कि ये लोग बाहर से नहीं आए थे, बल्कि पंजाब के ही मूल निवासी थे।
प्रश्न 2.
ऋग्वैदिक आर्यों के राजनीतिक जीवन के बारे में लिखें।
उत्तर-
ऋग्वैदिक आर्यों के राजनीतिक जीवन का वर्णन इस प्रकार है –
1. प्रशासनिक संगठन-प्रशासन की सबसे छोटी इकाई ग्राम थी, जिसका मुखिया ग्रामीणी होता था। कई ग्रामों के मेल से एक विश तथा विशों के मेल से जन अथवा कबीला बनता था। विश का मुखिया विशपति तथा जन का मुखिया राजन कहलाता था।
2. राजा तथा उसके अधिकारी-राजा का पद पैतृक होता था। परन्तु कभी-कभी उसका चुनाव भी किया जाता था। उसकी अनेक शक्तियां थीं, परन्तु सभा और समिति उसकी शक्तियों को सीमित रखती थीं। शासन-कार्यों में राजा की सहायता के लिए पुरोहित, सेनानी तथा अन्य अधिकारी होते थे।
3. सभा और समिति-ऋग्वैदिक काल में सभा और समिति का विशेष महत्त्व था। समिति राजा की एक सलाहकार संस्था थी। राजा प्रायः इसके निर्णयों को मानते थे। सभा, समिति की एक स्थायी संस्था थी जो समिति की देख-रेख में ही कार्य करती थी।
4. न्याय प्रणाली-आर्यों की न्याय प्रणाली विकसित थी। अपराधी को कठोर दण्ड दिया जाता था।