Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions History Chapter 13 मौर्य और शुंग काल Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 13 मौर्य और शुंग काल
SST Guide for Class 6 PSEB मौर्य और शुंग काल Textbook Questions and Answers
I. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दें –
प्रश्न 1.
सिकन्दर के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
सिकन्दर मकदूनिया के राजा फिलिप का पुत्र था। वह अपने पिता की मृत्यु के बाद मकदूनिया का शासक बना। उसकी इच्छा सारे संसार को जीतने की थी। इसलिए राज- गद्दी पर बैठते ही उसने संसार को जीतने का कार्य शुरू कर दिया। पहले दो वर्ष उसने मकदूनिया के आस-पास के प्रदेशों पर विजय प्राप्त की। फिर वह विशाल सेना को लेकर फारस (ईरान) को जीतने के लिए चल पड़ा। उसने एशिया माइनर, सीरिया, मिस्र तथा अफ़गानिस्तान को भी जीत लिया।
326 ई० पू० में सिकन्दर ने भारत पर आक्रमण किया तथा ब्यास नदी तक पंजाब में उत्तर-पश्चिम के कई राजाओं को हरा दिया। पहले उसने तक्षशिला के राजा अंभी तथा फिर जेहलम तथा चिनाब नदी के मध्य के प्रदेश के शासक पोरस को हराया। पोरस ने सिकन्दर का डट कर मुकाबला किया था। सिकन्दर के सैनिक पंजाब के लोगों की वीरता को देखकर डर गए थे। वे लगातार युद्ध तथा यात्रा करने से भी थक गए थे। इस कारण सिकन्दर को ब्यास नदी से ही वापिस जाना पड़ा। लेकिन वह अपने देश में न पहुंच सका। रास्ते में ही बुखार के कारण उसकी मृत्यु हो गई।
प्रश्न 2.
कौटिल्य के बारे में एक नोट लिखें।
उत्तर-
कौटिल्य को चाणक्य भी कहा जाता है। वह एक महान् विद्वान् तथा तक्षशिला विश्वविद्यालय में अध्यापक था। चन्द्रगुप्त मौर्य उसे अपना गुरु मानता था। उसकी सहायता से ही चन्द्रगुप्त मौर्य नन्द वंश को समाप्त करके मौर्य साम्राज्य स्थापित करने में सफल हुआ था। चन्द्रगुप्त के सम्राट् बनने के बाद कौटिल्य मौर्य साम्राज्य का प्रधानमन्त्री बन गया। कौटिल्य एक महान् लेखक भी था। उसकी पुस्तक ‘अर्थशास्त्र’ मौर्य शासन की जानकारी का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है।
प्रश्न 3.
अशोक को ‘महान’ क्यों कहा जाता है?
उत्तर-
अशोक को केवल भारत का ही नहीं, बल्कि संसार का एक महान् सम्राट माना जाता है। वह एक शक्तिशाली तथा महान् विजेता होते हुए भी शान्ति का पुजारी, मानवता प्रेमी तथा बेसहारों का मसीहा था। उसकी महानता उसके निम्नलिखित गुणों पर आधारित थी –
1. 261 ई० पू० में अशोक ने कलिंग (उड़ीसा) को जीता। इस लड़ाई में लाखों लोग मारे गए तथा अनेक घायल हुए। बहुत-से लोगों को कैद कर लिया गया। इस खून-खराबे से अशोक को बहुत दुःख हुआ। उसने हमेशा के लिए युद्ध करना छोड़ दिया तथा बौद्ध धर्म को अपना लिया।
2. कलिंग के युद्ध के बाद अशोक ने अपना शेष जीवन मानवता की भलाई में व्यतीत किया। उसने यात्रियों के लिए सड़कें तथा सरायें बनवाईं, कुएं खुदवाए तथा मनुष्यों एवं पशुओं के लिए अस्पताल खोले।
3. उसने शिकार करना छोड़ दिया तथा पशु-पक्षियों के मारने पर रोक लगा दी।
4. उसने अपनी प्रजा को अहिंसा का पालन करने, बड़ों का आदर करने तथा अपने से छोटों, नौकरों और सभी जीव-जन्तुओं के साथ प्रेम करने तथा दया का भाव रखने का सन्देश दिया।
5. उसने अपनी प्रजा को ग़रीबों को दान देने तथा सभी धर्मों का सम्मान करने का सन्देश दिया।
6. उसने अपने सन्देश चट्टानों और पत्थर के स्तम्भों पर खुदवा दिए तथा लोगों को उनका पालन करने के लिए कहा।
7. उसने लोगों में जन-कल्याण का सन्देश फैलाने के लिए विशेष अधिकारियों की नियुक्ति की।
प्रश्न 4.
मौर्य कला के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
मौर्य शासक कला प्रेमी थे तथा उन्होंने कला के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। उनके इस योगदान का वर्णन इस प्रकार है –
(1) चन्द्रगुप्त मौर्य ने एक विशाल राजमहल बनवाया। यह राजमहल बहुत सुन्दर था तथा अनेक स्तम्भों पर खड़ा था। अशोक का महल भी बहुत शानदार था।
(2) चन्द्रगुप्त मौर्य ने गुजरात में सुदर्शन नामक एक विशाल झील का निर्माण करवाया था।
(3) अशोक ने बहुत-से स्तूपों का निर्माण करवाया। मध्य प्रदेश में सांची का स्तूप बहुत प्रसिद्ध है।
(4) अशोक ने श्रीनगर तथा ललित पाटन नामक दो नए नगर बसाए।
(5) अशोक ने भिक्षुओं तथा निर्ग्रन्थों के लिए बिहार के नागार्जुनी तथा बारबरा की पहाड़ियों में सुन्दर गुफ़ाएं बनवाईं।
(6) अशोक ने पत्थर के बड़े-बड़े स्तम्भ बनवाए। ये स्तम्भ 34 फुट ऊंचे हैं। इन पर बहुत बढ़िया पालिश की हुई है, जो शीशे की तरह चमकती है। इन स्तम्भों पर अशोक ने अपने लेख खुदवाए।
7) अशोक ने अपने स्तम्भों पर बैल, हाथी, शेर आदि की मूर्तियां लगवाईं। एक मूर्ति में चार शेर पीठ के साथ पीठ लगाकर बैठे दिखाए गए हैं। यह मूर्ति सारनाथ (उत्तर प्रदेश) से प्राप्त हुई है। यही मूर्ति हमारा राष्ट्रीय चिन्ह है।
(8) मौर्य काल में यक्ष-यक्षियों की सुन्दर मूर्तियां भी बनवाई गईं थीं। ऐसी एक मूर्ति पटना के समीप दीदारगंज से प्राप्त हुई है।
II. रिक्त स्थानों की पर्ति करें
- सिकंदर के सैनिक पंजाब के लोगों की …………… से भयभीत हो गए।
- चंद्रगुप्त ने …………… ई० पू० तक राज्य किया।
- ……………. सैल्यूकस का यूनानी राजदूत था।
- कौटिल्य के ……….. तथा मैगस्थनीज़ की ……….. पुस्तक से हमें मौर्य साम्राज्य के राज्य प्रबंध की जानकारी मिलती है।
- मध्य प्रदेश में ……………. का स्तूप बहुत प्रसिद्ध है।
उत्तर-
- बहादुरी (वीरता)
- 297
- मैगस्थनीज़
- अर्थशास्त्र, इण्डिका
- सांची।
III. सही जोड़े बनायें
(1) मैगस्थनीज़ – (क) अर्थशास्त्र
(2) कौटिल्य – (ख) स्तूप
(3) साँची – (ग) मन्त्री
(4) अमात्य – (घ) इण्डिका।
उत्तर-
सही जोड़े
(1) मैगस्थनीज़ – इण्डिका
(2) कौटिल्य – अर्थशास्त्र
(3) साँची – स्तूप
(4) अमात्य – मन्त्री।
IV. सही (✓) अथवा ग़लत (✗) बताएं
- सैल्यूकस ने चन्द्रगुप्त मौर्य को पराजित किया।
- अशोक ने लोहे के विशाल स्तम्भ बनवाए।
- महामात्र सिकन्दर के अफ़सर थे।
- अशोक ने कलिंग-युद्ध के पश्चात् बौद्ध धर्म अपनाया।
- चन्द्रगुप्त ने सुदर्शन झील का निर्माण करवाया।
उत्तर-
- (✗)
- (✗)
- (✗)
- (✓)
- (✓)
PSEB 6th Class Social Science Guide मौर्य और शुंग काल Important Questions and Answers
कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
सिकंदर मकदूनिया का एक महान् यूनानी विजेता था। उसने भारत पर कब आक्रमण किया ?
उत्तर-
326 ई० पू० में।
प्रश्न 2.
महान् सम्राट अशोक किसका पुत्र था ?
उत्तर-
बिंदुसार का।
प्रश्न 3.
अशोक भारत का पहला सम्राट् था जिसने एक युद्ध के पश्चात् सदा के लिए युद्ध करने का त्याग कर दिया। बताएं कि वह कौन-सा युद्ध था ?
उत्तर-
कलिंग का युद्ध।
बहु-विकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
अंतिम मौर्य सम्राट् बृहद्रथ का वध उसके सेनापति ने किया था। निम्न में से वह सेनापति कौन था ?
(क) पुण्यमित्र शुंग
(ख) शैल्युकस निकातोर
(ग) मिनांडर।
उत्तर-
(क) पुण्यमित्र शुंग
प्रश्न 2.
किस मौर्य सम्राट् ने लोगों में नैतिक मूल्यों के प्रचार के लिए विशेष अधिकारी नियुक्त किए ?
(क) चन्द्रगुप्त मौर्य
(ख) बिंदुसार
(ग) अशोक।
उत्तर-
(ग) अशोक
प्रश्न 3.
नीचे तीन चित्र क, ख, तथा ग दिए गए हैं। इनमें से कौन-सा चित्र हमारा राष्ट्र चिह्न है?
उत्तर-
(ग)
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
सिकन्दर ने भारत पर आक्रमण क्यों किया?
उत्तर-
सिकन्दर सम्पूर्ण संसार का राजा बनना चाहता था। इसलिए उसने कई प्रदेश जीतने के पश्चात् भारत पर आक्रमण कर दिया।
प्रश्न 2.
तक्षशिला के राजा का क्या नाम था?
उत्तर-
तक्षशिला के राजा का नाम अंभी था।
प्रश्न 3.
कौन-से राजा ने सिकन्दर का डटकर मुकाबला किया?
उत्तर-
पोरस ने सिकन्दर का डटकर मुकाबला किया।
प्रश्न 4.
सिकन्दर के आक्रमण के समय मगध का राजा कौन था?
उत्तर-
सिकन्दर के आक्रमण के समय मगध का राजा महापदमनंद था।
प्रश्न 5.
मौर्य साम्राज्य की जानकारी देने वाले दो स्रोतों के नाम लिखें।
उत्तर-
यूनानी यात्री मैगस्थनीज़ की इंडिका तथा चाणक्य का अर्थशास्त्र।
प्रश्न 6.
चन्द्रगुप्त द्वारा मगध की विजय के समय नन्द वंश का राजा कौन था?
उत्तर-
चन्द्रगुप्त द्वारा मगध की विजय के समय नन्द वंश का राजा धनानन्द था।
प्रश्न 7.
चन्द्रगुप्त मौर्य का राजतिलक कब हुआ?
उत्तर-
चन्द्रगुप्त मौर्य का राजतिलक 321 ई० पू० में हुआ।
प्रश्न 8.
चन्द्रगुप्त मौर्य को सैल्युकस को पराजित करने के पश्चात् कौन-से चार प्रान्त मिले?
उत्तर-
सैल्युकस को पराजित करने के पश्चात् चन्द्रगुप्त मौर्य को काबुल, कंधार, हैरात तथा बलुचिस्तान के प्रान्त मिले।
प्रश्न 9.
चन्द्रगुप्त मौर्य का राज्यकाल बताएँ।
उत्तर-
चन्द्रगुप्त मौर्य का राज्यकाल 321 ई० पूर्व से 297 ई० पू० तक था।
प्रश्न 10.
अशोक का राजतिलक कब हुआ?
उत्तर-
अशोक का राजतिलक 269 ई० पू० में हुआ।
प्रश्न 11.
अशोक ने कलिंग पर आक्रमण क्यों किया?
उत्तर-
अशोक को विरासत में प्राप्त विशाल साम्राज्य में कलिंग का प्रदेश शामिल नहीं था। इसलिए उसने 261 ई० पू० में कलिंग पर आक्रमण कर दिया।
प्रश्न 12.
अशोक के धर्म के कोई दो सिद्धान्त लिखें।
उत्तर-
अशोक के धर्म के दो सिद्धान्त थे –
- बड़ों का आदर तथा छोटों से प्यार करो,
- सदा सत्य बोलो।
प्रश्न 13.
अशोक का राज्यकाल बताएं।
उत्तर-
अशोक का राज्यकाल 269 ई० पूर्व से 232 ई० पूर्व तक था।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
मौर्य राज्य की जानकारी देने वाले स्त्रोतों के नाम बताएं।
उत्तर-
मौर्य राज्य की जानकारी हमें निम्नलिखित स्रोतों से मिलती है –
(1) यूनानी यात्री मैगस्थनीज़ की इण्डिका,
(2) चाणक्य का अर्थशास्त्र,
(3) विशाखदत्त का नाटक मुद्राराक्षस,
(4) जैन तथा बौद्ध धर्म के ग्रन्थ,
(5) पुराण तथा अभिलेख,
(6) मूर्तियां, स्मारक, खण्डहर तथा सिक्के।
प्रश्न 2.
चन्द्रगुप्त मौर्य के जीवन की जानकारी दीजिए।
उत्तर-
चन्द्रगुप्त मौर्य का जन्म 345 ई० पूर्व में हुआ। उसके जीवन के सम्बन्ध में कई विचारधाराएं हैं। कई इतिहासकारों का विचार है कि चन्द्रगुप्त की माँ मुरा एक शूद्र घराने की थी। उसके नाम पर मौर्य शब्द का प्रयोग किया गया। लेकिन जैन परम्पराओं के अनुसार चन्द्रगुप्त की माँ मोर पालने वाले गांव के मुखिया की बेटी थी। कुछ इतिहासकार चन्द्रगुप्त का सम्बन्ध नन्द वंश के साथ जोड़ते हैं।
प्रश्न 3.
चन्द्रगुप्त मौर्य की पंजाब विजय के समय पंजाब की राजनीतिक दशा कैसी थी?
उत्तर-
चन्द्रगुप्त मौर्य की पंजाब विजय से पहले सिकंदर ने भारत पर आक्रमण किया था। इस आक्रमण के कारण पंजाब की राजनीतिक दशा बहुत कमजोर हो चुकी थी। सिकन्दर यहां अपना राज्य स्थापित करके, अपने प्रतिनिधि को गवर्नर बनाकर छोड़ गया था। परन्तु पंजाब के लोग विदेशी राज्य के विरुद्ध थे। परिणामस्वरूप पंजाब में अराजकता फैल गई।
प्रश्न 4.
चन्द्रगुप्त मौर्य की मगध विजय के बारे में लिखें।
उत्तर-
पंजाब पर विजय प्राप्त करने के पश्चात् चन्द्रगुप्त ने चाणक्य की नीति के अनुसार मगध पर आक्रमण कर दिया। मगध का राजा धनानंद अत्याचारी था। इसलिए मगध की जनता उससे घृणा करती थी। चाणक्य भी नन्द राजा से अपने अपमान का बदला लेना चाहता था। चन्द्रगुप्त को इस स्थिति का बहुत लाभ हुआ। इसलिए उसने 321 ई० पू० में मगध पर अपना अधिकार कर लिया।
प्रश्न 5.
अशोक ने राजगद्दी कैसे प्राप्त की?
उत्तर-
अशोक मौर्य शासक बिन्दुसार का पुत्र था। बिन्दुसार की 273 ई० पू० में मृत्यु हो गई। कहा जाता है कि अशोक ने अपने 99 भाइयों को मारकर मौर्य साम्राज्य की राजगद्दी प्राप्त की। अशोक का राजतिलक 269 ई० पू० में हुआ। हो सकता है कि 273 ई० पू० से 269 ई० पू० के बीच के समय में राजगद्दी के लिए गृह-युद्ध हुआ हो।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
चन्द्रगुप्त मौर्य की विजयों का संक्षिप्त वर्णन करें।
उत्तर-
चन्द्रगुप्त मौर्य की विजयों का संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है –
1. मगध पर विजय-चन्द्रगुप्त ने मगध पर एक बड़ी सेना सहित आक्रमण कर दिया। उस समय मगध पर धनानन्द राज्य करता था। युद्ध में धनानन्द हार गया तथा मगध के राज्य पर चन्द्रगुप्त मौर्य का अधिकार हो गया। इस प्रकार चन्द्रगुप्त लगभग सारे उत्तरी भारत का मालिक बन गया। मगध की राजधानी पाटलिपुत्र उसके राज्य की राजधानी बनी।
2. सैल्यूकस के साथ युद्ध-सैल्यूकस सिकन्दर का सेनापति था। सिकन्दर की मृत्यु के पश्चात् वह काबुल, कन्धार, बलख तथा बुखारा का शासक बन बैठा था। उसने पंजाब के पश्चिमी भाग पर आक्रमण कर दिया। इन क्षेत्रों पर चन्द्रगुप्त मौर्य का राज्य था। उसने सैल्यूकस को बुरी तरह हराया। सैल्युकस ने चन्द्रगुप्त मौर्य को काबुल, कन्धार तथा बलुचिस्तान के क्षेत्र दे दिए।
3. अन्य विजयें-उत्तरी भारत पर अधिकार करने के पश्चात् चन्द्रगुप्त ने गुजरातकाठियावाड़ पर हमला करके उसे अपने राज्य में मिलाया। दक्षिण के कुछ भागों पर भी चन्द्रगुप्त मौर्य का प्रभुत्व स्थापित हो गया।
प्रश्न 2.
चन्द्रगुप्त मौर्य के राज्य प्रबन्ध की जानकारी दीजिए।
उत्तर-
चन्द्रगुप्त मौर्य का राज्य प्रबन्ध उच्चकोटि का था। इसकी मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित थीं –
1. केन्द्रीय शासन-राजा राज्य का सर्वोच्च अधिकारी था। उसकी शक्तियां असीमित थीं। वह सेना का मुखिया तथा न्याय का अन्तिम न्यायालय था। उसकी सहायता के लिए कई मन्त्री होते थे। उसके कुछ अन्य अधिकारी प्रधान, अमात्य, महामात्र आदि थे।
2. प्रान्त का शासन-सम्पूर्ण साम्राज्य प्रान्तों में बंटा हुआ था। प्रत्येक प्रान्त का प्रबन्ध राज परिवार का कोई राजकुमार करता था। उसका कर्तव्य प्रान्त में शान्ति-व्यवस्था बनाए रखना था। प्रान्त जिलों में बंटे हुए थे। जिले के मुखिया को स्थानिक कहते थे।
3. बड़े नगरों का प्रबन्ध-पाटलिपुत्र, तक्षशिला तथा उज्जैन जैसे बड़े-बड़े नगरों के प्रबन्ध के लिए समितियां स्थापित की गई थीं। प्रत्येक समिति में 30 सदस्य होते थे। समितियां पांच-पांच सदस्यों के छ: बोर्डों में बंटी हुई थीं।
4. न्याय-न्याय का सर्वोच्च अधिकारी राजा स्वयं था। न्याय सम्बन्धी सभी अन्तिम अपीलें वह स्वयं ही सुनता था। सभी को उचित न्याय मिलता था। दण्ड काफ़ी कठोर थे। लोग शान्तिप्रिय थे। अपराध काफ़ी कम होते थे।
5. प्रजा की भलाई के कार्य-चन्द्रगुप्त मौर्य प्रजा की भलाई का विशेष ध्यान रखता था। उसने कृषि की उन्नति के लिए सिंचाई की उचित व्यवस्था की हुई थी। यात्रियों की सुविधा तथा व्यापार की उन्नति के लिए सभी राज्यों में सड़कों का जाल बिछा हुआ था। इसके अतिरिक्त उसने सड़क के दोनों ओर छायादार वृक्ष लगवाए, धर्मशालाएं बनवाईं तथा कुएं खुदवाए।
6. आय-सरकार को आय करों से प्राप्त होती थी। भूमि कर आमतौर पर उपज का 1/6 भाग लिया जाता था। जन्म तथा मृत्यु कर, उत्पादन कर तथा बिक्री कर सरकार की आय के मुख्य साधन थे।
प्रश्न 3.
अशोक की कलिंग विजय का वर्णन करें।
उत्तर-
अशोक के दादा चन्द्रगुप्त मौर्य की दक्षिण विजय अधूरी रह गई थी क्योंकि कलिंग का राज्य अभी तक स्वतन्त्र था। इसलिए अशोक ने कलिंग पर विजय प्राप्त करने का निश्चय किया तथा 261 ई० पू० में एक विशाल सेना के साथ कलिंग पर आक्रमण कर दिया। कलिंग के राजा के पास भी एक विशाल सेना थी। अशोक तथा कलिंग के राजा के बीच बहुत घमासान युद्ध हुआ। इस युद्ध में अशोक की जीत हुई। अशोक के एक अभिलेख से पता चलता है कि इस युद्ध में लगभग एक लाख व्यक्ति मारे गए तथा उससे भी कहीं अधिक घायल हुए थे। कई लोग लापता हो गए। कलिंग युद्ध में हुए रक्तपात को देखकर अशोक का जीवन ही बदल गया। उसने युद्धों का हमेशा के लिए त्याग करके धर्म विजय की नीति अपनाई। इसी कारण वह बौद्ध धर्म का अनुयायी बन गया।
प्रश्न 4.
अशोक के धर्म के सिद्धान्तों के बारे में लिखें। उसने बौद्ध धर्म का प्रचार करने के लिए क्या किया?
उत्तर-
कलिंग के युद्ध के पश्चात् अशोक ने बौद्ध धर्म ग्रहण कर लिया। परन्तु जो धर्म उसने जनता के सामने रखा, वह बौद्ध धर्म नहीं था। उसने सभी धर्मों की अच्छी बातें अपने धर्म में शामिल की। उसके धर्म की शिक्षाएं इस प्रकार थीं –
- बड़ों का आदर करो तथा छोटों से प्रेम करो।
- गुरुओं का आदर करो।
- पापों से दूर रहो तथा पवित्र जीवन व्यतीत करो।
- हमेशा सत्य बोलो। अन्त में सत्य की ही जीत होती है।
- अहिंसा में विश्वास रखो तथा किसी जीव की हत्या न करो।
- अपने सामर्थ्य के अनुसार साधुओं, विद्वानों तथा ग़रीबों को दान दो।
- अपने धर्म का पालन करो, लेकिन किसी दूसरे धर्म की निन्दा न करो।
अशोक द्वारा बौद्ध धर्म का प्रचार-अशोक ने बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए निम्नलिखित कार्य किए –
- उसने बौद्ध धर्म के नियमों को पत्थर के स्तम्भों तथा शिलाओं पर खुदवाया। ये नियम आम बोलचाल की भाषा में खुदवाए गए ताकि साधारण लोग भी इन्हें पढ़ सकें।
- उसने अनेक स्तूप तथा विहार बनवाए, जो बौद्ध धर्म के प्रचार का केन्द्र बने।
- उसने बौद्ध भिक्षुओं को आर्थिक सहायता दी।
- उसने बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए विदेशों में प्रचारक भेजे।