Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions History Chapter 9 आदि-मानव – पाषाण युग Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 9 आदि-मानव – पाषाण युग
SST Guide for Class 6 PSEB आदि-मानव – पाषाण युग Textbook Questions and Answers
I. निम्नलिखित के संक्षिप्त उत्तर लिखें
प्रश्न 1.
पुरा-पाषाण युग के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
पुरा-पाषाण युग उस युग को कहा जाता है जब मनुष्य एक शिकारी तथा संग्राहक था। इस युग में मनुष्य का जीवन प्राकृतिक वस्तुओं पर निर्भर था। उसे आग का कोई ज्ञान नहीं था, इसलिए वह जंगली कन्द-मूल तथा जानवरों का कच्चा मांस खाता था। जंगली जानवरों से अपनी रक्षा के लिए वह समूह बनाकर रहता था। वह रात को वृक्षों पर अथवा गुफ़ाओं में रहता था। वह आम तौर पर वस्त्रहीन रहता था, परन्तु कभी-कभी अपने शरीर को बहुत अधिक सर्दी तथा गर्मी से बचाने के लिए जानवरों की खालों, वृक्षों के पत्तों तथा छिलकों से ढक लेता था। जानवरों के शिकार के लिए वह पत्थर से बने हथियारों अथवा वृक्षों की शाखाओं का प्रयोग करता था।
प्रश्न 2.
नव-पाषाण युग के पाँच महत्त्वपूर्ण लक्षण बतायें।
उत्तर-
पाषाण युग के तीसरे तथा अन्तिम युग को ‘नव-पाषाण युग’ कहा जाता है। इस युग के पाँच महत्त्वपूर्ण लक्षण निम्नलिखित थे –
- मानव एक स्थान पर टिक कर रहने लगा था। उसने अनाज उगाना तथा भोजन पकाना आरम्भ कर दिया था।
- मानव के औज़ार पहले से अधिक तेज़ तथा हल्के थे जिसके कारण उसकी काम करने की क्षमता बढ़ गई थी।
- मानव ने भोजन पकाने तथा रखने के लिए पकी मिट्टी के बर्तन बनाने सीख लिए थे।
- मानव ने गुफ़ाओं की दीवारों पर चित्र बनाकर अपनी कला का प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था।
- मानव कीमती पत्थरों, पकी मिट्टी तथा हाथी दांत आदि के मनके बनाकर उन्हें आभूषणों के रूप में प्रयोग करने लगा था।
प्रश्न 3.
मध्य-पाषाण युग के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
मध्य-पाषाण युग का आरम्भ पुरा-पाषाण युग के पश्चात् हुआ। इस युग में मानव के जीवन स्तर में कुछ सुधार हुआ। उसने कई नई चीजें सीखीं। उसने टूटे हुए पत्थर के टुकड़ों के स्थान पर नुकीले तथा तराशे हुए पत्थर के हथियार जैसे कि कुल्हाड़ी, भाले, गंडासे आदि बनाने आरम्भ कर दिए। वह इन औज़ारों तथा हथियारों को लकड़ी की एक लम्बी छड़ से बांध कर प्रयोग में लाने लगा। उसे इस बात का भी पता चल गया कि अनाज को काफ़ी समय तक इकट्ठा करके रखा जा सकता है। इसलिए उसने अनाज को इकट्ठा करना शुरू कर दिया। वह गुफ़ाओं के अतिरिक्त लकड़ी, बांस तथा पत्तों की झोंपड़ियां भी बनाने लगा था। फलस्वरूप मनुष्य गांव बनाकर स्थायी रूप से रहने लगा।
प्रश्न 4.
पहिये के आविष्कार ने मानव की क्या सहायता की?
उत्तर-
मानव के विकास में पहिये के आविष्कार का बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। इस आविष्कार के कारण मानव ने बड़ी तेजी से उन्नति की। इस आविष्कार ने मानव जीवन को कई प्रकार से आसान बना दिया।
- पहिये का प्रयोग जानवरों द्वारा खींची जाने वाली गाड़ियों में होने लगा। परिणामस्वरूप मानव के लिए यात्रा करना तथा सामान ढोना आसान हो गया।
- पहिये ने पानी खींचने में मानव की सहायता की।
- मानव ने पहिये की सहायता से मिट्टी के बर्तन बनाने आरम्भ कर दिए।
प्रश्न 5.
गुहा-चित्रों के बारे में एक नोट लिखें।
उत्तर-
गुहा-चित्रों से अभिप्राय गुफा-चित्रों से है। आदि-मानव गुफ़ाओं तथा पत्थर के विश्राम-गृहों में रहते समय इनकी दीवारों पर नुकीले पत्थरों तथा रंगों की सहायता से मानवों, जानवरों तथा शिकार के चित्र बनाता था। ये चित्र आमतौर पर रेखा-चित्र होते थे परन्तु कई बार वह इनमें रंग भी भरता था। ऐसे चित्र भारत के अनेक भागों तथा संसार में कई स्थानों पर प्राप्त हुए हैं। भारत में मध्य प्रदेश में भोपाल के निकट भीमबैठका के गुहा-चित्र देखने योग्य हैं, जिनमें मानवों को नाचते हुए दिखाया गया है। इससे पता चलता है कि पाषाण युग में नृत्य मनोरंजन का एक साधन था तथा लोग समूहों में नाचते-गाते थे।
II. सही जोड़े बनायें
- पेलियोलिथिक एज – (क) गुहा मानव
- मेसोलिथिक एज – (ख) गुहा-चित्र
- भीमबैठका – (ग) प्राचीन पाषाण युग
- शिकारी-खाद्य संग्रहक – (घ) मध्य पाषाण युग।
उत्तर-सही जोड़े
- पेलियोलिथिक एज – गुहा मानव
- मेसोलिथिक एज – मध्य पाषाण युग
- भीमबैठका – गुहा-चित्र
- शिकारी-खाद्य संग्रहक – प्राचीन पाषाण युग।
III. सही (✓) अथवा ग़लत (✗) का निशान लगायें
- पुरा-पाषाण युग में मानव कृषि के लिए हल चलाता था।
- अग्नि का आविष्कार एक वैज्ञानिक ने किया।
- पाषाण युग के गुहा-चित्र अनेक स्थानों से मिले हैं।
- नव पाषाण युग का अर्थ आधुनिक समय है।
उत्तर-
- (✗)
- (✗)
- (✓)
- (✗)
PSEB 6th Class Social Science Guide आदि-मानव – पाषाण युग Important Questions and Answers
कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
एक ऐसा युग था जब मानव जानवरों का शिकार करता था और कच्चा मांस खाता था। क्या आप उस युग का नाम बता सकते हैं?
उत्तर-
पुरा पाषाण युग।
प्रश्न 2.
मानव ने मनके बनाने के लिए सर्वप्रथम किस चीज़ का प्रयोग किया?
उत्तर-
कीमती पत्थर।
बहु-विकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
दर्शाए गए चित्र में आदि मनुष्य मिट्टी के बर्तन बना रहा है। इस के लिए वह किस चीज़ का प्रयोग करता था?
(क) चाक अथवा पहिया
(ख) नुकीले पत्थर
(ग) तांबे का सांचा
उत्तर-
(क) चाक अथवा पहिया
प्रश्न 2.
आदि-मानव ने अग्नि का प्रयोग किस काम में नहीं किया?
(क) धातु पिघलाना
(ख) भोजन पकाना
(ग) मिट्टी के बर्तन पकाना।
उत्तर-(क) धातु पिघलाना
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
पुरा-पाषाण युग को अंग्रेज़ी में क्या कहते हैं? यूनानी भाषा में इसका क्या अर्थ है?
उत्तर-
पुरा-पाषाण युग को अंग्रेज़ी में ‘पेलियोलिथिक पीरियड’ कहते हैं। यूनानी भाषा में इसका अर्थ ‘पुराना पत्थर’ है।
प्रश्न 2.
पुरा-पाषाण युग में आदि-मानव के कौन-कौन से औज़ार तथा हथियार थे? मानव इनका प्रयोग किस लिए करता था?
उत्तर-
पुरा-पाषाण युग में पत्थर की बनी कुल्हाड़ियां, भाले तथा गंडासे आदि-मानव के औज़ार तथा हथियार थे। मानव इनका प्रयोग शिकार करने के लिए करता है।
प्रश्न 3.
पाषाण युग का यह नाम क्यों पड़ा?
उत्तर-
इस युग में पत्थर के औज़ारों और हथियारों का प्रयोग होता था। पत्थर के कारण ही इस युग का नाम पाषाण (पत्थर) युग पड़ा।
प्रश्न 4.
पुरा-पाषाण युग का आरम्भ कब हुआ?
उत्तर-
पुरा-पाषाण युग का आरम्भ लगभग 5 लाख वर्ष से अढ़ाई लाख वर्ष के मध्य में हुआ।
प्रश्न 5.
आग का आविष्कार कब हुआ?
उत्तर-
आग का आविष्कार पुरा-पाषाण युग के अन्तिम चरण में हुआ।
प्रश्न 6.
बुद्धिधारी मानव का जन्म कब हुआ?
उत्तर-
बुद्धिधारी मानव का जन्म पुरा-पाषाण युग के अन्तिम चरण में हुआ।
प्रश्न 7.
भोजन इकट्ठा करने की अवस्था से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
भोजन इकट्ठा करने की अवस्था वह समय था जब मानव को कृषि का कोई ज्ञान नहीं था। वह कन्द-मूल, फल आदि इकट्ठे करके उन्हें भोजन के रूप में प्रयोग करता था। वह भोजन की तलाश में स्थान-स्थान पर घूमता रहता था।
प्रश्न 8.
नव-पाषाण युग का आरम्भ कब हुआ?
उत्तर-
नव-पाषाण युग का आरम्भ लगभग 10,000 वर्ष से 12,000 वर्ष पूर्व हुआ।
प्रश्न 9.
नव-पाषाण काल का मुख्य आविष्कार क्या था?
उत्तर-
नव-पाषाण काल का मुख्य आविष्कार पहिया था। इस आविष्कार से मानव के जीवन में क्रान्तिकारी परिवर्तन आया।
प्रश्न 10.
पहिए के आविष्कार के दो लाभ बताएं।
उत्तर-
पहिए के आविष्कार से मिट्टी के बर्तन बनाने तथा यातायात के साधनों में तेजी से परिवर्तन आया।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
आग के आविष्कार ने मनुष्य की किस प्रकार सहायता की?
उत्तर-
आग के आविष्कार ने मनुष्य की बहुत सहायता की। अब मनुष्य ने आग जलाकर भोजन पकाना आरम्भ कर दिया। मनुष्य अपने आपको सर्दियों में गर्म रखने, अपनी गुफाओं तथा विश्राम-गृहों में रात को रोशनी करने तथा जंगली जानवरों से अपनी रक्षा करने के लिए आग का प्रयोग करने लगा था।
प्रश्न 2.
पूर्व ऐतिहासिक काल की जानकारी हमें किससे मिलती है?
उत्तर-
पूर्व ऐतिहासिक काल की जानकारी हमें उन स्थानों की खुदाइयों से प्राप्त । पुरातत्व वस्तुओं से मिलती है जहां उस समय के मानव रहते थे। इन वस्तुओं में मानवों तथा जानवरों की हड्डियां, पुराने औजार तथा हथियार और दैनिक उपयोग की वस्तुएं शामिल हैं।
प्रश्न 3.
कृषि का आरम्भ किस प्रकार हुआ?
उत्तर-
आदि-मानव अनाज के जो दाने भूमि पर फेंक देता था, उनमें से नए पौधे उत्पन्न होते थे तथा बहुत-सा अनाज प्राप्त होता था। इस प्रकार आदि-मानव ने यह सीखने का प्रयत्न किया कि शीघ्र तथा बढ़िया पैदावार के लिए मिट्टी में बीजों को कब बोना चाहिए तथा कृषि के लिए भूमि को किस प्रकार तैयार करना चाहिए। इससे कृषि का आरंभ हुआ।
प्रश्न 4.
कृषि के आविष्कार का मानव जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
कृषि के आविष्कार ने मानव जीवन पर गहरा प्रभाव डाला। अब मनुष्य को भोजन की खोज के लिए इधर-उधर घूमने की ज़रूरत नहीं थी। उसका खानाबदोश जीवन समाप्त हो गया तथा वह एक स्थान पर टिक कर रहने लगा।
प्रश्न 5.
आदि-मानव के वस्त्रों तथा आभूषणों के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
आदि-मानव अपने आपको सर्दी तथा वर्षा आदि से बचाने के लिए जानवरों की खालों तथा वृक्षों की छाल तथा पत्तों से अपने शरीर को ढकता था। पुरुष तथा स्त्रियां दोनों ही आभूषणों का प्रयोग करते थे। ये आभूषण कीमती पत्थरों, पकी मिट्टी तथा हाथी दांत आदि के बने मनके होते थे। लोग ऐसे आभूषण स्वयं बनाते थे।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
आदि-मानव के जीवन के बारे में लिखो।
उत्तर-
आदि-मानव का जीवन बहुत कठोर था। उसके जीवन की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित थीं –
1. खानाबदोश जीवन-वह खानाबदोश था और नग्न रहता था। अपने भोजन की तलाश में वह एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमता रहता था।
2. भोजन-अपनी भूख मिटाने के लिए मानव जंगलों से प्राप्त कन्द-मूल, फल अथवा जानवरों का मांस खाता था। जब एक स्थान पर फल तथा जानवर समाप्त हो जाते थे तो वह उस स्थान को छोड़कर दूसरे स्थान पर चला जाता था। उसे कृषि का कोई ज्ञान नहीं था। वह आग जलाना भी नहीं जानता था। इसलिए वह जानवरों के मांस को कच्चा ही खाता था। अपनी प्यास बुझाने के लिए वह नदियों के किनारे रहना पसन्द करता था।
प्रश्न 2.
नव-पाषाण युग के मानव की भोजन पैदा करने की अवस्था की जानकारी दें।
उत्तर-
नव-पाषाण युग के आरम्भ में मानव भोजन इकट्ठा करने की अवस्था से भोजन पैदा करने की अवस्था में आ गया। अन्य शब्दों में, मानव कृषि करना सीख गया। कृषि के आरम्भ से मानव का जीवन सरल और सभ्य हो गया। उसने अनाज, सब्जियां तथा फल पैदा करने आरम्भ कर दिए। कृषि करने के लिए उसने अपने औज़ारों तथा हथियारों में भी परिवर्तन किए। सिंचाई के लिए पानी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए उसने नदियों के किनारे कृषि करना आरम्भ किया। वह मुख्य रूप से गेहूं, चावल तथा जौ उगाता था।
कृषि के कार्य में मानव का परिवार भी उसकी सहायता करता था। इस कार्य में स्त्रियों का बहुत योगदान था।
प्रश्न 3.
नव-पाषाण युग के मानव के रहन-सहन की जानकारी दें।
उत्तर-
नव-पाषाण युग के आरम्भ होने तक मानव के जीवन तथा रहन-सहन के ढंग में बहुत-से परिवर्तन आ गए। आग की खोज, नए औज़ारों के प्रयोग, पशुपालन तथा कृषि के आरम्भ ने मानव के जीवन को सभ्य बना दिया।
1. स्थिर जीवन-कृषि ने मानव के जीवन में स्थिरता पैदा कर दी। भोजन पैदा करने
अवस्था में पहुंचकर मानव सांस्कृतिक विकास के मार्ग पर अग्रसर हुआ। कृषि ने उसकी भोजन की आवश्यकता को पूरा किया। इसलिए अब उसे भोजन की तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमना नहीं पड़ता था। पशुपालन के व्यवसाय के विकास से मानव प्रगति के मार्ग पर चल पड़ा।
2. समाज का निर्माण तथा सहयोग-नव-पाषाण युग में जो लोग कृषि नहीं करते थे, वे कृषकों पर निर्भर थे। इसी प्रकार कृषक अपनी अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बढ़ई तथा कुम्हारों पर निर्भर रहते थे। इस प्रकार समाज का निर्माण हुआ तथा सहयोग की भावना का जन्म हुआ।
3. श्रम-विभाजन-विभिन्न व्यवसाय अपनाने से श्रम का विभाजन हुआ तथा धीरेधीरे कार्यों में निपुणता भी आ गई। परिणामस्वरूप व्यवस्थित जीवन का आरम्भ हुआ।