Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 1 कामना Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 1 कामना
Hindi Guide for Class 7 PSEB कामना Textbook Questions and Answers
(क) भाषा-बोध:
1. शब्दार्थ
शब्दार्थ-शब्दों के अर्थ सरलार्थ के साथ दे दिए गए हैं।
कामना = इच्छा
आधार = सहारा
ज्योतिर्मय = प्रकाशमन
अमित = अत्यधिक
भार = बोझ
मृक्त = आजाद
करुणामय = (करुणा + मय ) दयालु
पतवार = चपपू
संहार = नाश
सुखद = सुख देने वाली
गुणागार = (गुण + आगार ) सब गुणों वाला
निर्द्धद्व = ( द्वन्द रहित) समरस शान्तु स्तिति
2. ‘विपरीतार्थक शब्द लिखें:
आधार = निराधार
दुःखी = ……………
गुणी = ……………
मानवता = …………….
सद्गुण = …………….
सुखद = ……………
मुक्त = …………….
द्वन्द्व = …………….
उत्तर:
शब्द विपरीत शब्द
आधार = निराधार
दु:खी = सुखी
गुणी = निर्गुणी
मानवता = दानवता
सद्गुण = दुर्गुण
सुखद = दुःखद
मुक्त = बद्ध
द्वन्द्व = निर्द्वन्द्व
3. पर्यायवाची शब्द लिखें:
कामना = ………………
दुःख = ……………….
गुणी = ………………
नौका = ……………..
इन्सान = …………………
उत्तर:
शब्द पर्यायवाची शब्द
कामना = इच्छा, अभिलाषा
दुःख = कष्ट, क्लेश
नौका = नाव, तरणि
इन्सान = मानव,मनुष्य
माँ = माता, जननी
4. नये शब्द बनाएँ:
करुणा+मय = करुणामय
प्रकाश+मय = ……………
ज्योतिः +मय = …………….
अन्धकार+मय = ……………..
दुःख+मय = ……………..
सुख+मय = …………….
पाप+मय = …………….
उत्तर:
नये शब्द
करुणा+मय = करुणामय
प्रकाश+मय = प्रकाशमय
ज्योतिः+मय = ज्योतिर्मय
अन्धकार+मय = अन्धकारमय
दुःख+मय = दुःखमय
सुख+मय = सुखमय
पाप+मय = पापमय
5. शुद्ध रूप लिखें:
करूणा = ………….
विदवान = ………….
निरदवन्द = ………….
उत्तर
अशुद्ध शुद्ध
करूणा = करुणा
विदवान = विद्वान्
निरदवन्द = निर्द्वन्द्व
6. मानव जातिवाचक संज्ञा शब्द है। इसके अन्त में ‘ता’ लगाने से मानवता भाववाचक संज्ञा शब्द बना ।।
वीर = ……………..
दीन = ……………..
सुन्दर = ………….
मित्र = …………..
दास = …………..
एक = …………..
अमर = …………..
दानव = …………….
उत्तर:
वीर = वीरता
दीन = दीनता
सुन्दर = सुन्दरता
मित्र = मित्रता
दास – दासता
एक = एकता
अमर = अमरता
दानव = दानवता
(ख) विचार-बोध:
1. रिक्त स्थानों में समुचित शब्द भरें:
- दुखियों का …………….. बनूँ। (नेता, बन्धु, आसरा)
- मैं …………….. इन्सान बनूँ। (मजबूत, सच्चा, ईमानदार)
- जग में …………. सुगन्ध भरूं। (सुखद, भारी, मीठी)
- शक्तिमान दो …………… शक्ति। (बहुल, भारी, अमित)
उत्तर:
- आसरा
- सच्चा
- सुखद
- अमित
2. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें:
(1) कवि करुणा का वरदान किस लिए माँगता है ?
उत्तर:
कवि करुणा का वरदान इसलिए माँगता है कि वह दीन-दुखियों का सहारा बनकर उनकी सहायता करे और उन के दुःखों को दूर कर सके।
(2) वह सच्चा इन्सान क्यों बनना चाहता है ?
उत्तर:
कवि सच्चा इन्सान बन कर मनुष्य मात्र की सेवा करना चाहता है।
(3) कवि शक्तिमान बनाकर कौन-से तीन काम करना चाहता है ?
उत्तर:
कवि शक्तिमान बन कर दुष्टों का नाश, दीन-दुखियों की सहायता तथा भारत माता के कष्टों के भार को दूर करना चाहता है।
(4) वह सद्गुणों की कामना क्यों करता है ?
उत्तर:
कवि सद्गुणों की कामना इसलिए करता है, जिससे वह संसार में सब को सुखी तथा चिन्ताओं से मुक्त कर सके।
3. इन काव्य-पंक्तियों की सप्रसंग व्याख्या करें:
(1) हे ज्योतिर्मय ज्ञान ज्योति दो,
गुणी और विद्वान बनूं।
मानवता की सेवा करके,
मैं सच्चा इन्सान बनूँ।
उत्तर:
सप्रसंग व्याख्या के लिए सरलार्थ क्रमांक दो देखिए।
(2) कवि की कामनाओं को अपने शब्दों में व्यक्त करें।
उत्तर:
कवि कामना करता है कि परमात्मा उसे करुणा से भर दे, उसे ज्ञान का प्रकाश
दे, उसे बहुत शक्ति दे और उसे सद्गुणों से भर दें; जिससे वह संसार के दीन
दुखियों के दुःख-दर्द को दूर करके उन्हें सुखी कर सके।
(3) भगवान एक है। कवि ने उसे किन-किन नामों से पुकारा है?
उत्तर:
कवि ने भगवान को करुणामय, ज्योतिर्मय, शक्तिमान और गुणागार नामों से पुकारा है।
(ग) आत्म-बोध:
(1) नित्य प्रार्थना करें। भगवान से जो भी माँगें, प्राप्त होने पर उस परम सत्ता का धन्यवाद अवश्य करें।
(2) आप भगवान से क्या मांगेंगे? अपनी कल्पना से लिखें।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
PSEB 7th Class Hindi Guide कामना Important Questions and Answers
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प चुनकर लिखिए
प्रश्न 1.
कवि स्वयं में क्या भरने को कहता है ?
(क) दया
(ख) खून
(ग) पसीना
(घ) अकड़
उत्तर:
(क) दया
प्रश्न 2.
‘कामना’ शब्द का क्या अर्थ है ?
(क) अच्छा
(ख) इच्छा
(ग) करुणा
(घ) काम
उत्तर:
(ख) इच्छा
प्रश्न 3.
कवि मानवता की सेवा करके क्या बनना चाहता है ?
(क) पुलिस
(ख) सैनिक
(ग) सच्चा इंसान
(घ) कोई नहीं।
उत्तर:
(ग) सच्चा इंसान
प्रश्न 4.
कवि सारे संसार को किससे भरना चाहता है ?
(क) पानी से
(ख) काले बादलों से
(ग) दुःख की सुगंध से
(घ) सुख की सुगंध से
उत्तर:
(घ) सुख की सुगंध से
प्रश्न 5.
मनुष्य किससे परेशान है ?
(क) चिंता से
(ख) सुख से
(ग) सैर से
(घ) घर से
उत्तर:
(क) चिंता से
निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित विकल्पों से कीजिए
प्रश्न 1.
जीवन नाव डूब रही लोगों के लिए कवि ……….. बनना चाहता है ?
(क) चप्पू
(ख) बम्बू
(ग) कलम
(घ) दवात
उत्तर:
(क) चप्पू
प्रश्न 2.
कवि ज्ञानी और गुणी बनकर ………. की सेवा करना चाहता है।
(क) कायरता
(ख) मानवता
(ग) बच्चों
(घ) घायलों
उत्तर:
(ख) मानवता
प्रश्न 3.
कवि ………… का नाश करना चाहता है।
(क) कष्टों
(ख) नेत्रों
(ग) दुष्टों
(घ) नाखूनों
उत्तर:
(ग) दुष्टों
प्रश्न 4.
कवि चिंता से परेशान मनुष्य को ………. जीवन व्यतीत करने में मदद करना चाहता है।
(क) आज़ाद
(ख) अमीर
(ग) गरीब
(घ) घायल
उत्तर:
(क) आज़ाद
कामना सप्रसंग व्याख्या
1. हे करुणामय! करुणा भर दो,
दुखियों का आधार बनें।
डूब रही हो जिनकी नौका,
मैं उनकी पतवार बनूँ॥
शब्दार्थ:
करुणामय = दयालु। करुणा = दया। आधार = सहारा । नौका = नाव। पतवार = चप्पू।
प्रसंग:
प्रस्तुत पद्यांश ‘कामना’ नामक कविता से लिया गया है। इसमें कवि परमात्मा से प्रार्थना करते हुए उन्हें अपनी इच्छा बताता है।
सरलार्थ:
कवि परमात्मा को कहता है कि हे दयालु! मुझे दया से भर दो जिससे मैं दुखियों का सहारा बनूँ। जिन की जीवन की नाव डूब रही हो उन के लिए मैं चप्पू बन जाऊँ।
भाव:
कवि दुखी और जीवन से निराश लोगों का सहारा बन कर उनकी सहायता करने की कामना परमात्मा से करता है।
2. हे ज्योतिर्मय! ज्ञान ज्योति दो,
गुणी और विद्वान बनूँ।
मानवता की सेवा करके,
मैं सच्चा इन्सान बनूँ॥
शब्दार्थ:
ज्योतिर्मय = प्रकाशमान, प्रकाश देने वाले। ज्ञान = जानकारी, बोध। ज्योति = प्रकाश। गुणी = गुणों वाला।
प्रसंग:
यह पद्यांश ‘कामना’ नामक कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने परमात्मा से प्रार्थना करते हुए उन्हें अपने मन की इच्छा बताई है।
सरलार्थ:
कवि परमात्मा से प्रार्थना करता है कि हे प्रकाश देने वाले! मुझे ज्ञान का प्रकाश दीजिए, जिससे मैं गुणी और ज्ञानी बनकर मानवता की सेवा करके सच्चा इन्सान बन जाऊँ।
भाव:
कवि परमात्मा से उसे सद्गुणी तथा ज्ञानी बनाने की प्रार्थना करता है, जिससे वह मानव मात्र की सेवा कर सके।
3. शक्तिमान! दो अमित शक्ति,
मैं दुष्टों का संहार करूँ।
दीन-दुःखी का बनूं आसरा,
भारत माँ का भार हरूँ॥
शब्दार्थ-शक्तिमान = ताकतवाला। अमित = बहुत अधिक। संहार = नाश । दीन = गरीब। भार = बोझ, कष्ट।
प्रसंग:
प्रस्तुत पद्यांश ‘कामना’ नामक कविता में से लिया गया है। इसमें कवि ने परमात्मा से प्रार्थना करते हुए उन्हें अपनी इच्छा बताई है।
सरलार्थ:
कवि परमात्मा से कहता है कि हे शक्तिशाली! आप मुझे बहुत अधिक शक्ति दो, जिससे मैं दुष्टों का नाश करूँ, गरीबों और दुखियों का सहारा बनूँ और भारत माता के कष्टों को दूर कर सकूँ।
भाव:
कवि परमात्मा से उसे शक्ति प्रदान करने के लिए कहता है, जिससे वह दीनदुखियों की सहायता करते हुए भारत माता के कष्टों को भी दूर कर सके।
4. गुणागार! सब सद्गुण भर दो,
जग में सुखद सुगन्ध भरूँ।
चिन्ता में घुलते मानव को,
मुक्त और निर्द्वन्द्व करूँ॥
शब्दार्थ:
गुणागार = गुणों का भण्डार। सद्गुण = अच्छे गुण। सुखद = सुख देने वाला। सुगन्ध = खुशबू। चिन्ता में घुलते = चिन्ता से परेशान । मानव = मनुष्य। मुक्त = आज़ाद, स्वच्छंद। निर्द्वन्द्व = द्वन्द्व रहित, संघर्ष से रहित, शान्त।
प्रसंग:
यह पद्यांश ‘कामना’ नामक कविता में से लिया गया है। इसमें कवि ने परमात्मा से प्रार्थना करते हुए उन्हें अपनी इच्छा बताई है।
सरलार्थ:
कवि कहता है कि हे गुणों के भंडार! मुझ में सभी अच्छे गुण भर दो जिससे मैं सारे संसार को सुख की सुगन्ध से भर दूं। मैं चिन्ता से परेशान मनुष्य को आज़ाद और शान्त जीवन व्यतीत करने में सहायता कर सकूँ।
भाव:
कवि परमात्मा से अच्छे गुण प्राप्त कर मानव को सुखी बनाना चाहता है।
कामना Summary
कामना कविता का सार
‘कामना’ शब्द का अर्थ है-‘इच्छा’। कवि परमात्मा से प्रार्थना करते हुए कहता है कि हे दयालु! आप मेरे हृदय में दया भर दो जिससे मैं दुखियों का सहारा बन सकूँ। हे प्रकाशमान! आप मुझे ज्ञान दो जिससे मैं गुणी और ज्ञानी बनकर सच्चा इन्सान बन कर मानवता की सेवा कर सकूँ। हे शक्तिशाली ! मुझे असीम शक्ति दो जिससे मैं दुष्टों को नष्ट करके दीनदुखियों का सहारा बनूँ तथा भारत माता के संतापों का भार दूर कर सकूँ। हे गुणों के भंडार! मुझ में अच्छे गुणों को भर दो जिससे मैं संसार में सुख रूपी सुगन्ध भर सकूँ तथा चिन्ताओं से परेशान लोगों को स्वतन्त्र और शान्त जीवन व्यतीत करने की प्रेरणा दे सकूँ।