PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 विजय दिवस

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 8 विजय दिवस Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 8 विजय दिवस (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB विजय दिवस Textbook Questions and Answers

विजय दिवस अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 विजय दिवस 1
PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 विजय दिवस 2
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 विजय दिवस

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 विजय दिवस 3
PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 विजय दिवस 4
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

3. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) हार्दिक अपनी माँ के साथ पूना से चंडीगढ़ क्यों जा रहा था?
उत्तर :
हार्दिक अपनी माँ के साथ पूना में अपने नाना जी के पास रहता था, लेकिन नाना जी की मृत्यु के बाद अब वह अपनी माँ के साथ पूना से चंडीगढ़ जा रहा था।

(ख) हार्दिक को चंडीगढ़ जाना अच्छा क्यों नहीं लग रहा था?
उत्तर :
हार्दिक को चंडीगढ़ जाना इसलिए अच्छा नहीं लग रहा था क्योंकि अब उसे अपना शहर पूना, स्कूल तथा अपने मित्र छोड़ने पड़ रहे थे।

(ग) ट्रेन से उतरते ही दादा जी को देखकर हार्दिक क्यों हैरान हो गया?
उत्तर :
ट्रेन से उतरते ही हार्दिक ने दादा जी को विभिन्न मैडलों से सजी वर्दी में कई पुलिस कर्मियों के साथ देखा तो वह हैरान रह गया। यह उसके लिए आश्चर्य ही था क्योंकि दादा जी पूना में हमेशा साधारण कपड़ों में एक आम आदमी की तरह ही आते थे।

(घ) कक्षा के सभी विद्यार्थी हार्दिक से क्यों तंग रहते थे?
उत्तर :
कक्षा के सभी विद्यार्थी हार्दिक से उसकी शरारतों तथा घमण्डी स्वभाव के कारण तंग थे।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 विजय दिवस

(ङ) विजय दिवस क्यों मनाया जाता है?
उत्तर :
विजय दिवस किसी व्यक्ति के पराक्रम, साहस, वीरता आदि के गुणों को याद करके उसके सम्मान में मनाया जाता है।

(च) स्कूल का नाम हार्दिक के पिता के नाम पर क्यों रखा गया?
उत्तर :
स्कूल का नाम हार्दिक के पिता के नाम पर इसलिए रखा गया था क्योंकि उन्होंने कारगिल युद्ध में देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। पूरे शहर और देश को उन पर गर्व था, इसलिए उनके नाम पर स्कूल का नाम रखा जा रहा था।

(छ) हार्दिक ग्लानि और पश्चाताप से क्यों भर गया?
उत्तर :
बलिदान और दादा जी की ईमानदारी के बीच स्वयं को कहीं पर भी खड़ा हुआ नहीं देख रहा था। वह स्वयं को बोना अनुभव कर रहा था। इसलिए उसका हृदय ग्लानि और पश्चाताप से भर गया।

4. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) हार्दिक के हृदय में एकाएक परिवर्तन कैसे हो गया? अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर :
हार्दिक जब चंडीगढ़ आया था तो अपने दादा जी के रौब और रुतबे के कारण उसमें घमण्ड का भाव आ गया था, लेकिन जब वह ‘विजय दिवस’ कार्यक्रम में पहुँचा और वहाँ अपने पिता शहीद कैप्टन शुक्ला की बहादुरी तथा अपने दादा जी की कर्त्तव्य परायणता, ईमानदारी और मेहनत की प्रशंसा सुनी तो उसके दिल में एक हलचल-सी होने लगी। यह हलचल तब और अधिक बढ़ गई जब मंच संचालक ने यह कहा कि-“अब भविष्य में इनके पोते हार्दिक शुक्ला से उम्मीद है कि वह अपने पिता जी और दादा जी के पदचिह्नों पर चलेगा और इस शहर और देश का नाम रोशन करेगा।” बात सुनकर हार्दिक के हृदय में एकाएक परिवर्तन हो गया।

(ख) ‘विजय दिवस’ पाठ के नाम की सार्थकता पर प्रकाश डालें।
उत्तर :
‘विजय दिवस’ पाठ शीर्षक से हम पूर्ण रूप से सहमत हैं। आज के युग में लोभ-मोह आदि को प्रधान शक्ति मानना ठीक नहीं है। समाज में अभी भी सच्चाई, ईमानदार, त्याग, बलिदान तथा सेवाभाव समाप्त नहीं हुई है। कैप्टन शुक्ला और उनके पिता जी इसका जीता जागता उदाहरण हैं। कैप्टन शुक्ला ने अपने अमर बलिदान से जहाँ कारगिल युद्ध विजय कर हमें विजय दिवस मनाने का अवसर दिया वहीं हार्दिक के दिल में भी विजय की एक झनकार बजी जिसने उसके जीवन को बदल दिया अत: ‘विजय दिवस’ शीर्षक सर्वथा उचित एवं सार्थक है।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 विजय दिवस

5. वाक्यों में प्रयोग करें :

  1. घमंड _________ – ___________________________
  2. रक्तदान _________ – ___________________________
  3. उद्घाटन _________ – ___________________________
  4. महान _________ – ___________________________
  5. नामकरण _________ – ___________________________
  6. अचरज _________ – ___________________________
  7. गर्व _________ – ___________________________
  8. पश्चाताप _________ – ___________________________
  9. सम्मानित _________ – ___________________________

उत्तर :

  1. घमंड-व्यक्ति को कभी घमंड नहीं करना चाहिए।
  2. रक्तदान-रक्तदान सभी दानों में सर्वश्रेष्ठ है।
  3. उद्घाटन-हार्दिक के दादा जी ने रक्तदान शिविर का उद्घाटन किया।
  4. महान-सरदार पटेल महान् स्वतंत्रता सेनानी थे।
  5. नामकरण-कल मेरी पुत्री का नामकरण है।
  6. अचरज-रमेश के पिता जी को जब एक सिपाही ने सैल्यूट मारा तो वह अचरज से उछल पड़ा।
  7. गर्व-मुझे अपने देश भारत पर गर्व है।
  8. पश्चाताप-पश्चाताप के आँसू हमारी बुराइयों को धो डालते हैं।
  9. सम्मानित-राकेश को उसकी बहादुरी के लिए कल विद्यालय में सम्मानित किया गया।

6. इन मुहावरों के वाक्य बनायें :

  1. छक्के छुड़ाना _________ – ___________________________
  2. जान देना _________ – ___________________________
  3. सिर ऊँचा करना _________ – ___________________________
  4. कान खड़े होना _________ – ___________________________
  5. नाम रोशन करना _________ – ___________________________
  6. सिर उठाना _________ – ___________________________
  7. दबदबा होना _________ – ___________________________

उत्तर :

  1. छक्के छुड़ाना – बुरी तरह पराजित करना।
    वाक्य – भारत – पाक युद्ध में भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी सैनिकों के छक्के छुड़ा दिए।
  2. जान देना = देश के लिए मरना।
    वाक्य – शहीद भगत सिंह ने देश के लिए अपनी जान दे दी।
  3. सिर ऊँचा करना = यश एवं कीर्ति बढ़ाना।
    वाक्य – अपनी वीरता एवं साहस से भारतीय सैनिकों ने देश का सिर विश्व के सामने ऊँचा कर दिया है।
  4. कान खड़े होना = आश्चर्य से सुनने के लिए उत्सुक होना।
    वाक्य – नेता जी के मंच पर आते ही उनका भाषण सुनने के लिए सबके कान खड़े हो गए।
  5. नाम रोशन करना = सम्मान बढ़ाना।
    वाक्य – दसवीं की परीक्षा में प्रथम आकर सुरेश ने अपने माँ – बाप का नाम रोशन कर दिया।
  6. सिर उठाना = विरोध में उठना।
    वाक्य – डाकू शेरसिंह ने अपने साथियों को चेतावनी देते हुए कहा यदि किसी ने सिर उठाया तो उसे कुचल दूंगा।
  7. दबदबा होना = डर एवं दहशत जमाना।
    वाक्य – डाकू मंगल सिंह ने पूरे इलाके में अपने आतंक का दबदबा बना रखा था।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 विजय दिवस

7. विपरीत शब्द लिखें :

  1. साधारण = _____________________
  2. विश्वास = _____________________
  3. मित्र = _____________________
  4. जीवन = _____________________
  5. विजय = _____________________
  6. प्रशंसा = _____________________
  7. अपराधी = _____________________

उत्तर :

  1. साधारण = विशिष्ट
  2. विश्वास = अविश्वास
  3. मित्र = शत्रु
  4. जीवन = मृत्यु
  5. विजय = पराजय
  6. प्रशंसा = निंदा
  7. अपराधी = निरपराधी।

8. पर्यायवाची शब्द लिखें :

  1. युद्ध = ___________, __________
  2. कपड़ा = ___________, __________
  3. कान = ___________, __________
  4. बगीचा = ___________, __________
  5. दिन = ___________, __________
  6. घर = ___________, __________
  7. माँ = ___________, __________
  8. चरण = ___________, __________

उत्तर :

  1. युद्ध = संग्राम, लड़ाई, समर
  2. कपड़ा = वस्त्र, पट, परिधान
  3. कान = कर्ण, श्रोत्र, श्रवण
  4. बगीचा = बाग, उपवन, वाटिका
  5. दिन = दिवस, वार, वासर
  6. घर = गृह, भवन, सदन
  7. माँ = माता, मैया, जननी
  8. चरण = पैर, पाँव, पाद

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 विजय दिवस

9. भाववाचक संज्ञा बनायें :

  1. वीर = _____________________
  2. मित्र  = _____________________
  3. ऊँचा  = _____________________
  4. लड़का = _____________________
  5. महान = _____________________
  6. अच्छा = _____________________

उत्तर :

  1. वीर = वीरता
  2. मित्र = मित्रता
  3. लड़का = लड़कपन
  4. ऊँचा = ऊँचाई
  5. महान् = महानता
  6. अच्छा = अच्छाई

10. शुद्ध करें:

  1. चढीगड़ = _____________________
  2. युध = _____________________
  3. सैलयूट = _____________________
  4. आप्रेरशन = _____________________
  5. प्रसंशा = _____________________
  6. मालुम = _____________________
  7. इमानदारी = _____________________
  8. प्रन = _____________________

उत्तर :

  1. चण्डीगड़ = चंडीगढ़
  2. युध = युद्ध
  3. सैलयूट = सैल्यूट
  4. आप्रेरशन = ऑपरेशन
  5. प्रसंशा = प्रशंसा
  6. मालुम = मालूम
  7. इमानदारी = ईमानदारी
  8. प्रन = प्रण

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 विजय दिवस

11. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखें :

  1. देश के लिए प्राण न्यौछावर करना = _____________________
  2. चार रास्तों का समूह = _____________________
  3. जो अपराध न करे = _____________________
  4. खून दान करना = _____________________
  5. संकोच करने वाला = _____________________
  6. मन की स्थिति = _____________________

उत्तर :

  1. देश के लिए प्राण न्यौछावर करना = शहीद होना
  2. चार रास्तों का समूह = चौराहा
  3. जो अपराध न करे = निरपराधी
  4. खून दान करना = रक्तदान
  5. संकोच करने वाला = संकोची
  6. मन की स्थिति = मनःस्थिति/मनोस्थिति

विजय दिवस Summary in Hindi

विजय दिवस कहानी का सार

‘विजय दिवस’ डॉ० मीनाक्षी द्वारा रचित एक श्रेष्ठ कहानी है। लेखिका ने इस में देश के लिए अपना बलिदान देने वाले देश भक्त शहीद कैप्टन वैभव शुक्ला की प्रशंसा की है। इस रचना के माध्यम से लेखिका ने शहीद के पुत्र हार्दिक के मन में इस बात को डालना चाहा है कि एक नागरिक के रूप में जहाँ हमारे अधिकार हैं वहाँ कुछ कर्त्तव्य भी हैं।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 विजय दिवस 5

हार्दिक जब दो वर्ष का था तब उसके पिता कैप्टन शुक्ला कारगिल युद्ध में देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए थे। तब से वह अपनी माँ के साथ पूना में नाना जी के पास ही रह रहा था। उसके दादा – दादी चंडीगढ़ में रहते थे, जो उससे मिलने साल में दो – तीन बार आ जाते थे। लेकिन हार्दिक कभी चंडीगढ़ नहीं गया था। नाना जी की मृत्यु के बाद हार्दिक के दादा – दादी ने हार्दिक और उसकी माँ को रहने के लिए बुला लिया था।

हार्दिक इस समय बारह वर्ष का था। उसे अपना स्कूल और मित्र छोड़ते हुए अच्छा नहीं लग रहा था। माँ ने पुत्र की मनोस्थिति समझते हुए उससे कहा था कि – “देखो हार्दिक, अब हम दोनों पूना में अकेले तो नहीं रह सकते थे…रही बात आपके स्कूल और मित्रों की….दादा जी ने चंडीगढ़ के बहुत अच्छे स्कूल में आपके दाखिले की बात कर ली है और अच्छे मित्र भी आपके बन ही जाएँगे।”

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 विजय दिवस

माँ ने सहसा हार्दिक को झकझोरते हुए कहा कि चलो बेटा, ट्रेन रुक गई, दादा जी उन्हें लेने आये होंगे। रेल से उतरते ही दादा जी को विभिन्न मैडलों से सजी वर्दी तथा उनके साथ कई पुलिस वालों को देखकर वह आश्चर्य चकित रह गया। उसे पता नहीं था कि उसके दादा जी का शहर में इतना रौब था।

सहसा वह दादा जी के चरण स्पर्श कर उन से लिपट गया। रास्ते में जब पुलिस वाले गाड़ी को देखकर सैल्यूट करते थे तो हार्दिक मारे खुशी के उछल पड़ता था। वह अपनी दादी से बड़े प्यार से मिला। उसे दादा जी का घर देखने की बड़ी उत्सुकता थी। वह जल्दी से सारा घर देख आया।

तब वह चुपके से अपनी माँ के कानों में आकर कहने लगा कि दादा जी का घर बहुत बड़ा था। माँ ने पुत्र को समझाते हुए कहा कि उसके दादा जी पुलिस विभाग में एस०एस०पी० थे। दो दिन के बाद दादा जी हार्दिक को लेकर एक स्कूल में दाखिला करवाने गए। हार्दिक दादा जी के साथ जाते हुए अपनी पुलिस – शान समझ रहा था। अब उसके मन में घमंड ने अपना स्थान कर लिया था।

उसकी इसी मनोवृत्ति के कारण कक्षा में उसका कोई मित्र नहीं बन सका। हार्दिक को स्कूल में आए हुए अभी दो ही महीने हुए थे, लेकिन सभी छात्र उससे परेशान थे। जो उसका रौब मानते थे वे उसकी शरारतों से बचे हुए थे और जो सिर उठाते थे उनका वह नुकसान कर देता था। एक दिन उसने रियाज़ की घड़ी तोड़ दी, उसी दिन पलाश की पुस्तक फाड़ दी। अनुराग के बैठने का बैंच खींच लिया तो वह बेचारा गिरते – गिरते बचा।

विजय दिवस गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. वह केवल दो वर्ष का था जब उसके पिता कैप्टन वैभव शुक्ला कारगिल युद्ध में शहीद हो गए थे तब से वह अपनी माँ के साथ पूना में नाना जी के पास ही रह रहा था। चंडीगढ़ से दादा – दादी साल भर में दो तीन बार उसे मिलने आ जाते थे किन्तु वह कभी भी चंडीगढ़ नहीं आया था। अब नाना जी की मृत्यु के बाद हार्दिक और उसके माता जी को दादा – दादी जी ने अपने पास रहने के लिए बुला लिया था लेकिन हार्दिक को पूना शहर, अपना स्कूल और मित्र छोड़ते हुए अच्छा नहीं लग रहा था।

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिंदी की पाठ्य पुस्तक में संकलित कहानी ‘विजय दिवस’ से अवतरित है जिसकी लेखिका मीनाक्षी वर्मा है। लेखिका ने इस पाठ में देश की रक्षा करने वाले कैप्टन वैभव शुक्ला की वीरता की प्रशंसा की है।

व्याख्या – लेखिका कहती है कि कैप्टन शुक्ला का बेटा अभी दो साल का ही था जब कैप्टन देश की रक्षा करते हुए कारगिल युद्ध में शहीद हो गए थे। उस समय से वह अपनी माँ के साथ नाना जी के घर पूना में रह रहा था। उसके दादा – दादी चंडीगढ़ में रहते थे जो साल में दो या तीन बार उससे मिलने आ जाते थे। लेकिन हार्दिक कभी चंडीगढ़ नहीं गया था। अब उसके नाना के देहांत के बाद हार्दिक और उसकी माँ को उसके दादा – दादी ने अपने पास चंडीगढ़ में रहने के लिए बुला लिया था। हार्दिक बचपन से पूना में रह रहा था। इसलिए उसे अपना शहर तथा मित्रों को छोड़ते हुए बड़ा ही कष्ट हो रहा था। उसे जाना अच्छा नहीं लग रहा था।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 विजय दिवस

विशेष –

  • लेखिका ने शहीद कैप्टन शुक्ला और उसके पूरे परिवार का परिचय दिया है।
  • भाषा सरल तथा सहज है।

2. उसे स्कूल में आए दो महीने हो गए थे हालाँकि किसी अध्यापक को उसकी पढ़ाई से शिकायत नहीं थी लेकिन कक्षा के सभी छात्र उससे तंग थे। उन सब पर हार्दिक का दबदबा था कोई जल्दी – जल्दी उससे उलझता नहीं था जो बच्चे उसका रौब मानते वे तो हार्दिक की शरारतों से बचे हुए थे जो ज़रा भी उसके सामने सिर उठाते वह उनका नुकसान कर देता। एक दिन उसने रियाज़ की घड़ी तोड़ दी….तो उसी दिन पलाश की किताब फाड़ दी……।

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिंदी की पाठ्य पुस्तक में वर्णित पाठ ‘विजय दिवस’ से लिया गया है। इसकी लेखिका डॉ० मीनाक्षी वर्मा है। लेखिका ने यहाँ हार्दिक की कक्षा में अन्य बालकों पर ज़ोर जबरदस्ती तथा उन्हें तंग करने का दृश्य वर्णित किया है।

व्याख्या – लेखिका कहती है कि हार्दिक को पूना से चंडीगढ़ के स्कूल में आए भी दो ही महीने हुए थे लेकिन कक्षा के सभी छात्र उससे परेशान थे। किसी अध्यापक को उसकी पढ़ाई से कोई परेशानी नहीं थी। कक्षा में हार्दिक ने सभी पर अपना रौब जमा रखा था। कक्षा का कोई भी छात्र जल्दी से उससे आमना – सामना नहीं करता था। जो बच्चे हार्दिक का रौब मान लेते थे वे उसकी शरारतों से बचे रहते थे जो उसके सामने अकड़ने या फिर विरोध के लिए उठ खड़े होते थे वह उनकी कोई न कोई हानि कर देता था। इसी प्रकार एक दिन हार्दिक ने अपने कक्षा के रियाज नामक लड़के की घड़ी को तोड़ डाला तथा उसी दिन उसने पलाश की पुस्तक भी फाड़ दी।

विशेष –

  • लेखिका ने कक्षा में हार्दिक की बढ़ती शरारतों तथा दादा जी के नाम के आड़े अपना रौब बनाने की बात कही है।
  • भाषा भावानुकूल है।

3. हार्दिक एक ओर अपने पिता के बलिदान और दूसरी ओर दादा जी की ईमानदारी के बीच स्वयं को तोल रहा था। वह इन दो आदर्शों में स्वयं को कहीं भी नहीं पा रहा था और खुद को बौना अनुभव कर रहा था। उसका हृदय ग्लानि और पश्चाताप से भर गया।।

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिंदी की पाठ्य पुस्तक में वर्णित ‘विजय दिवस’ नामक पाठ से अवतरित है जिसकी लेखिका डॉ० मीनाक्षी वर्मा है। लेखिका ने यहाँ हार्दिक को ग्लानि तथा पश्चाताप से भरा हुआ दिखाया है।

व्याख्या – लेखिका कहती है कि विजय दिवस समारोह में मंच संचालक की बातों को सुनकर हार्दिक अपने आप को अपने शहीद पिता के बलिदान तथा दादा जी के ईमानदारी के बीच स्वयं को रखकर देख रहा था क्या वह इन दोनों महान् व्यक्तियों के बीच कहीं ठहर सकता है। हार्दिक अपने आपको दोनों के आदर्शों के बीच कहीं भी नहीं पाया। वह स्वयं को दोनों के समक्ष एकदम छोटा महसूस कर रहा था। इसी कारण हार्दिक का हृदय और ग्लानि और पश्चाताप से भर गया।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 विजय दिवस

विशेष –

  • लेखिका ने हार्दिक के हृदय में आए पश्चाताप को दर्शाया है।
  • भाषा विषयानुकूल है।

4. उसने वहीं बैठे – बैठे प्रण किया कि वह कल स्कूल जाकर कक्षा के सभी लड़कों से माफी माँगेगा और उन्हें अपना मित्र बनाएगा। अपनी पॉकेटमनी से कैंटीन वाले को कर्ज चुकाएगा। साथ ही पिता जी व दादा जी के आदर्शों पर चल कर जीवन में कुछ कर दिखलाएगा।

इसी दृढ़ निश्चय और विश्वास के साथ वह अगले दिन स्कूल जाने की प्रतीक्षा में था। आज सचमुच ही ‘विजय दिवस’ के अवसर पर हार्दिक ने अपने घमंड पर विजय प्राप्त कर ली थी।

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिंदी की पाठ्य पुस्तक में वर्णित ‘विजय दिवस’ नामक पाठ से अवतरित है जिसकी लेखिका डॉ० मीनाक्षी वर्मा है। लेखिका ने यहाँ हार्दिक के हृदय में आए परिवर्तन का उल्लेख किया है।

व्याख्या – लेखिका कहती है कि हार्दिक ने सभागार में बैठे – बैठे ही यह प्रतिज्ञा कर ली थी कि वह कल विद्यालय में जाकर कक्षा के सभी विद्यार्थियों से क्षमा माँग लेगा। वह उन सभी को अपना मित्र बनाने का प्रयास करेगा। उसने यह भी तय किया कि वह अपनी जेब खर्ची से कैंटीन वाले का भी कर्ज चुकाएगा जहाँ से उसने दादा जी के नाम की आड़ लेकर काफी कुछ मुफ्त में खाया था।

इसके साथ – साथ उसने यह भी प्रतिज्ञा ली कि वह अपने पुस्तकीय भाग शहीद पिता और ईमानदार दादा जी के पचिह्नों पर चलकर जीवन में कुछ बनकर दिखाएगा। इसी दृढ़ संकल्प और विश्वास के साथ हार्दिक अगले दिन विद्यालय जाने की प्रतीक्षा करने लगा। वास्तव में ‘विजय दिवस समारोह में हार्दिक ने सही अर्थों में अपने घमंड पर विजय पा ली थी।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 विजय दिवस

विशेष –

  • लेखिका ने हार्दिक के हृदय में आए परिवर्तन का उल्लेख किया है।
  • भाषा सरल तथा सहज है।

Leave a Comment