Punjab State Board PSEB 7th Class Home Science Book Solutions Chapter 8 बनावटी ढंग से बनाए गए कपड़ों की देखभाल Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 7 Home Science Chapter 8 बनावटी ढंग से बनाए गए कपड़ों की देखभाल
PSEB 7th Class Home Science Guide बनावटी ढंग से बनाए गए कपड़ों की देखभाल Textbook Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
रेयॉन किस प्रकार का रेशा है?
उत्तर-
सेल्यूलोज से उत्पादित कृत्रिम रेशा।
प्रश्न 2.
रेयॉन के वस्त्रों पर तेज़ाब का क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-
शक्तिशाली तेज़ाब तथा क्षार दोनों से ही रेयॉन के वस्त्रों को हानि होती है।
प्रश्न 3.
नायलॉन किस प्रकार का तन्तु है?
उत्तर-
तन्तुविहीन रसायनों से प्राप्त किए जाने वाला।
लघूत्तर प्रश्न
प्रश्न 1.
गर्मी का नाइलॉन और करेप पर क्या असर होता है?
उत्तर-
गर्मी का नाइलॉन और करेप पर बड़ी जल्दी असर होता है। ये नरम हो जाते हैं। इसके इसी गुण के कारण नाइलॉन की जुराबों की शक्ल दी जा सकती है। लेकिन ज्यादा गर्मी से यह ख़राब हो जाती है। यह पानी नहीं सोखती। इसलिए गर्मियों में अगर इनको पहना जाए तो बेचैनी होती है।
प्रश्न 2.
नाइलॉन के कपड़ों को किस तरह धोना चाहिए?
उत्तर-
अगर नाइलॉन के कपड़े अधिक मैले हों तो 10-15 मिनट के लिए गुनगुने पानी में भिगो देना चाहिए। गुनगुने पानी में साबुन की झाग बनाकर कपड़ों की धोना चाहिए। ज़्यादा मैले हिस्सों को हाथ से मलकर धोना चहिए।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
थर्मोप्लास्टिक और नान थर्मोप्लास्टिक रेशों में क्या अन्तर है?
उत्तर-
थर्मोप्लास्टिक और नान थर्मोप्लास्टिक में अन्तर —
थर्मोप्लास्टिक | नान थर्मोप्लास्टिक |
(i) ये ज़्यादा गर्मी से सड़ जाते हैं। | (i) ये ज़्यादा गर्मी से सड़ते तो नहीं पर खराब हो जाते हैं। |
(ii) ये पानी नहीं चूसते, इसलिए सिकुड़ते नहीं और जल्दी सूख जाते | (ii) ये देखने में सिल्क की तरह लगते हैं। |
(iii) ये आसानी से धोए जा सकते हैं और प्रैस करने की भी अधिक ज़रूरत नहीं पड़ती। | (iii) ये पानी में कमजोर हो जाते हैं। इसलिए धोने के समय मलने पर फटने का डर रहता है। |
प्रश्न 2.
रेयॉन के कपड़े धोने के लिए कौन-कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिएं?
उत्तर-
रेयॉन के कपड़े धोने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिएं —
- रेयॉन के वस्त्रों को भिगोना, उबालना या ब्लीच नहीं करना चाहिए।
- साबुन मुदु प्रकृति का प्रयोग करना चाहिए।
- गुनगुना पानी ही प्रयोग में लाना चाहिए, अधिक गर्म नहीं।
- साबुन का अधिक-से-अधिक झाग बनाना चाहिए जिससे साबुन पूरी तरह घुल जाए।
- गीली अवस्था में रेयॉन के कपड़े अपनी शक्ति 50% तक खो देते हैं, अतः वस्त्रों में से साबुन की झाग निकालने के लिए उन्हें सावधानीपूर्वक निचोड़ना चाहिए।
- साबुन की झाग निचोड़ने के बाद वस्त्र को दो बार गुनगुने पानी में से खंगालना , चाहिए।
- वस्त्रों में से पानी को भी कोमलता से निचोड़कर निकालना चाहिए। वस्त्र को मरोड़कर नहीं निचोड़ना चाहिए।
- वस्त्र को किसी भारी तौलिए में रखकर, लपेटकर हल्के-हल्के दबाकर नमी को सुखाना चाहिए।
- वस्त्र को धूप में नहीं सुखाना चाहिए।
- वस्त्र को लटकाकर नहीं सुखाना चाहिए।
- वस्त्र को हल्की नमी की अवस्था में वस्त्र की उल्टी तरफ इस्तिरी करना चाहिए।
- वस्त्रों को अलमारी में रखने अर्थात् तह करके रखने से पूर्व यह देख लेना चाहिए कि उनमें से नमी पूरी तरह से दूर हो चुकी है या नहीं।
प्रश्न 3.
तेज़ाब, क्षार, रंगकाट और अल्कोहल का रेयॉन और नाइलॉन पर क्या असर होता है ?
उत्तर-
साबुन, क्षार, अल्कोहल का इस पर कोई असर नहीं होता लेकिन तेज़ाब से यह खराब हो जाता है, रंगकाट का भी इस पर कोई असर नहीं होता। इसलिए रंग खराब हुए नाइलॉन के कपड़ों को सफ़ेद करने के लिए रंगकाट का प्रयोग नहीं किया जाता है। इस पर आसानी से पक्के रंग किए जा सकते हैं।
Home Science Guide for Class 7 PSEB बनावटी ढंग से बनाए गए कपड़ों की देखभाल Important Questions and Answers
अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
रेयॉन के वस्त्रों की धुलाई कठिन क्यों होती है?
उत्तर-
क्योंकि रेयॉन के वस्त्र पानी के सम्पर्क से निर्बल पड़ जाते हैं।
प्रश्न 2.
रेयॉन के वस्त्रों के लिए किस प्रकार की धुलाई अच्छी रहती है?
उत्तर-
शुष्क धुलाई (ड्राइक्लीनिंग)।
प्रश्न 3.
रेयॉन के वस्त्रों को धोते समय क्या बातें वर्जित हैं?
उत्तर-
वस्त्र को पानी में फुलाना, ताप, शक्तिशाली रसायनों तथा अल्कोहल का प्रयोग।
प्रश्न 4.
रेयॉन के वस्त्रों की धुलाई के लिए कौन-स विधि उपयुक्त होती है?
उत्तर-
गूंधने और निपीडन की विधि।
प्रश्न 5.
रेयॉन के वस्त्रों को कहाँ सुखाना चाहिए?
उत्तर-
छायादार स्थान पर तथा बिना लटकाये हुए चौरस स्थान पर।
प्रश्न 6.
रेयॉन के वस्त्रों पर इस्तिरी किस प्रकार करनी चाहिए?
उत्तर-
कम गर्म इस्तिरी वस्त्र के उल्टी तरफ से करनी चाहिए। इस्तिरी करते समय वस्त्र में हल्की सी नमी होनी चाहिए।
प्रश्न 7.
मानव-निर्मित अथवा मानवकृत तन्तुओं के कुछ उदाहरण दो।
उत्तर-
नायलॉन, पॉलिएस्टर, टेरीलीन, डेक्रॉन, ऑरलॉन, एक्रीलिक आदि।
प्रश्न 8.
रेयॉन किस प्रकार का तन्तु है-प्राकृतिक या मानव-निर्मित?
उत्तर-
रेयॉन प्राकृतिक तथा मानव-निर्मित दोनों ही प्रकार का तन्तु है।
प्रश्न 9.
सबसे पुराना मानवकृत तन्तु कौन-सा है?
उत्तर-
रेयॉन।
प्रश्न 10.
सेल्युलोज से कौन-सा तन्तु मानव-निर्मित है?
उत्तर-
रेयॉन।
प्रश्न 11.
जानवरों के बालों से प्राप्त होने वाला प्रमुख वस्त्रीय तन्तु कौन-सा है?
उत्तर-
ऊन।
प्रश्न 12.
प्राकृतिक तन्तु वाले पदार्थों से रासायनिक विधियों से नए प्रकार का कौन-सा मुख्य तन्तु प्राप्त किया जाता है?
उत्तर-
रेयॉन।
प्रश्न 13.
तन्तु स्रोत को कितने भागों में बाँटा जा सकता है?
उत्तर-
दो भागों में—
- प्राकृतिक तथा
मानव-निर्मित।
छोटे उत्तर वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
रेयॉन की विशेषताएं बताइए।
उत्तर-
भौतिक विशेषताएं-रेयॉन का तन्तु भारी, कड़ा तथा कम लचकदार होता है। जब रेयॉन के धागे को जलाया जाता है तो सरलता से जल जाता है। सूक्ष्मदर्शी यन्त्र से देखने पर इसके तन्तु लम्बाकार, चिकने एवं गोलाकार दिखाई देते हैं। रेयॉन में प्राकृतिक तन्यता नहीं होती है। यह वस्त्र रगड़ने से कमजोर हो जाता है तथा इसकी चमक नष्ट हो जाती है। यदि धोते समय वस्त्र को रगड़ा जाये तो छेद होने का भय रहता है। पानी से रेयॉन की शक्ति नष्ट हो जाती है। जब रेयॉन सूख जाता है तो पुनः अपनी शक्ति को प्राप्त कर लेता है। रेयॉन ताप का अच्छा संचालक है। यह उष्णता को शीघ्र निकलने देता है, अतः यह ठण्डा रहता है।
ताप के प्रभाव से रेयॉन के तन्तु पिघल जाते हैं तथा उनकी चमक नष्ट हो जाती है। धूप रेयॉन की शक्ति को नष्ट करती है।
रासायनिक विशेषताएं-रेयॉन की रासायनिक विशेषताएं कुछ-कुछ रूई के समान ही हैं। क्षार के प्रयोग से रेयॉन की चमक नष्ट हो जाती है। द्रव अम्ल व अम्लीय क्षार का रेयॉन पर प्रयोग किया जा सकता है क्योंकि यह रेयॉन को कोई हानि नहीं पहुँचाता है।
प्रश्न 2.
टेरीलीन की भौतिक तथा रासायनिक विशेषताएं बताइए।
उत्तर-
भौतिक विशेषताएं-टेरीलीन के तन्तु भारी एवं मज़बूत होते हैं।
सक्ष्मदर्शी यन्त्र द्वारा देखा जाये तो ये रेयॉन एवं नायलॉन के तन्तुओं की भाँति दिखाई देते हैं। ये तन्तु सीधे, चिकने एवं चमकदार होते हैं।
टेरीलीन में नमी को शोषित करने की शक्ति नहीं होती है, इसलिए पानी से इसके रूप में कोई परिवर्तन नहीं आता है।
टेरीलीन तन्तु जलाने पर धीरे-धीरे जलते हैं व धीरे-धीरे पिघलते भी हैं। यह प्रकाश अवरोधक होते हैं।
टेरीलीन के वस्त्र को धोने पर उसमें सिकुड़ने नहीं आती हैं। रासायनिक विशेषताएं
टेरीलीन पर अम्ल का प्रभाव हानिकारक नहीं होता परन्तु, अधिक तीव्र आम्लिक क्रिया वस्त्र को नष्ट कर देती है। क्षार का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। किसी भी प्रकार के रंग में इन्हें रंगा जा सकता है।
टेरीलीन के वस्त्र अधिक मज़बूत एवं टिकाऊ होते हैं ।
प्रश्न 3.
ऑरलॉन तन्तुओं की विशेषताएं बताइए।
उत्तर-
सूक्ष्मदर्शी यन्त्र से देखने पर ये हड्डी के समान दिखाई देते हैं। ऑरलॉन में ऊन तथा रूई से कम अपघर्षण प्रतिरोधन-शक्ति होती है।
ऑरलॉन में उच्च श्रेणी की स्थाई विद्युत शक्ति होती है। जलाने पर यह जलता है व साथ-साथ पिघलता भी है।
ऑरलॉन का तन्तु आसानी से नहीं रंगा जा सकता है। रंग का पक्कापन रंगाई की विधि पर तथा वस्तु की बनावट पर निर्भर करता है। इस तन्तु को रंगने के लिए ताँबा-लोहा विधि बहुत सफल हुई है। वस्त्र का सिकुड़ना उसकी बनावट पर निर्भर करता है।
ऑरलॉन के वस्त्रों को धोने के पश्चाः इस्तिरी करने की आवश्यकता नहीं रहती है। यह शीघ्रता से सूख जाते हैं। इन वस्त्रों में टिकाऊपन अधिक होता है।
एक शब्द में उत्तर दें
प्रश्न 1.
बनावटी ढंग से बनाए धागों को कितने भागों में बाँटा जा सकता है?
उत्तर-
दो भागों में।
प्रश्न 2.
रेयॉन के कपड़ों में ……. नहीं होती।
उत्तर-
अधिक लचक।
प्रश्न 3.
…… को टिड्डियां बड़ी जल्दी खा जाती हैं।
उत्तर-
रेयॉन।
प्रश्न 4.
टेरीलीन के कपड़ों को ……. में लटका कर सुखाना चाहिए।
उत्तर-
हैंगर।
प्रश्न 5.
……………… के कपड़े को धोने के बाद प्रेस करने की आवश्यकता नहीं रहती।
उत्तर-
ऑरलॉन।
प्रश्न 6.
……………….. से रेऑन की शक्ति घटती है।
उत्तर-
धूप।
बनावटी ढंग से बनाए गए कपड़ों की देखभाल PSEB 7th Class Home Science Notes
- बनावटी ढंग से बनाये गए धागों को दो भागों में बाँटा जा सकता है (i) नान थर्मोप्लास्टिक रेशे, (ii) थर्मोप्लास्टिक रेशे। रेयॉन
- पानी में बहुत कमजोर हो जाती है। इसीलिए नमी युक्त कपड़े को ज़्यादा रगड़ना नहीं चाहिए।
- रेयॉन लचकदार नहीं होती है।
- बढ़िया किस्म की रेयॉन जिसका रंग निकलता हो या बहुत भारी कपड़े जैसे गरारा, सूट आदि को ड्राइक्लीन ही करवाना चाहिए।
- रेयॉन के कपड़े को मरोड़कर नहीं निचोड़ना चाहिए। – रेयॉन को धूप में या लटकाकर नहीं सुखाना चाहिए।
- रेयॉन कपड़े को बटनों पर प्रैस नहीं करना चाहिए। इससे कपड़ों के फटने का डर रहता है।
- अगर कपड़े अधिक मैले हों तो उनको 10-15 मिनट के लिए गुनगुने पानी में भिगो देना चाहिए।
- सफ़ेद कपड़ों को रंगदार कपड़ों से अलग ही धोना चाहिए। नाइलॉन और टेरीलीन के कपड़ों को बहुत हल्की गर्म प्रेस से हल्का-हल्का प्रैस करना चाहिए।