PSEB 7th Class Physical Education Solutions Chapter 5 योग

Punjab State Board PSEB 7th Class Physical Education Book Solutions Chapter 5 योग Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Physical Education Chapter 5 योग

PSEB 7th Class Physical Education Guide योग Textbook Questions and Answers

अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न 1.
‘योग’ शब्द से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
योग शब्द संस्कृत के ‘युज’ शब्द से बना है जिसका अर्थ है मिलाना। साधारण शब्दों में योग का अर्थ मनुष्य को परमात्मा से मिलाना है अर्थात् वह विज्ञान जो हमें परमात्मा से मिलने का मार्ग दिखाता है उसे योग कहते हैं।

प्रश्न 2.
ऋषि पतंजली के अनुसार योग क्या है ?
उत्तर-
योग का उद्देश्य एकता, मिलाप और प्रेम है। मनुष्य का मन चंचल होने के कारण हर समय भटकता रहता है जो कभी रुक नहीं सकता। योग की मदद से मन को नियंत्रित कर सकते हैं। महर्षि पतंजली के अनुसार मन की वृत्तियों को रोकना ही योग है।
विभिन्न विद्वानों ने ‘योग’ को इस प्रकार परिभाषित किया है—
डॉ० राधाकृष्ण के अनुसार, “योग वह मार्ग है जो व्यक्ति को अन्धकार से प्रकाश की ओर ले जाता है।”
श्री रामचरण के अनुसार, “योग व्यक्ति के तन को स्वास्थ्य, मन को शान्ति व आत्मा को चैन प्रदान करता है।”

PSEB 7th Class Physical Education Solutions Chapter 5 योग

प्रश्न 3.
योग की कोई एक परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
डॉ० राधाकृष्ण के अनुसार, “योग वह मार्ग है जो व्यक्ति को अन्धकार से प्रकाश की ओर ले जाता है।”

प्रश्न 4.
‘आसन’ शब्द से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
आसन प्राचीन यौगिक अभ्यास है जिससे प्राणायाम, ध्यान और समाधि का आधार तैयार होता है। आसन’ शब्द संस्कृत भाषा के शब्द ‘अस’ से लिया गया है जिसका मतलब है बैठने की कला। ऋषि पतंजली द्वारा “योग सूत्र में आसन का अर्थ व्यक्ति की उस स्थिति से है जिसमें वह अधिक-से-अधिक समय आसानी से बैठ सके।”

PSEB 7th Class Physical Education Solutions Chapter 5 योग

प्रश्न 5.
आसन कितने प्रकार के होते हैं। विस्तारपूर्वक लिखिए।
उत्तर-

  1. उपचार के लिए आसन-इन आसनों में मांसपेशियों में खिंचाव उत्पन्न होता है और अनेक कुरूपताओं का उपचार किया जा सकता है।
  2. साधना के लिए आसन-इन आसनों में शरीर को एक स्थिति में रख कर लम्बे समय तक बैठकर ध्यान केन्द्रित किया जाता है।
  3. आराम के लिए आसन-इन आसनों का मुख्य उद्देश्य शरीर को आराम देना होता है और लेटकर किए जाते हैं। इन आसनों से शारीरिक व मानसिक थकावट दूर होती है।

प्रश्न 6.
योग सिर्फ एक ईलाज की विधि है-इस धारणा के बारे में अपने विचार लिखिए।
उत्तर-
1. क्या योग एक विशेष धर्म से सम्बन्धित है-भारत में योग प्राचीन समय में ऋषि-मुनियों द्वारा आरम्भ किया गया है। इसलिए आम लोग इसे हिन्दू धर्म सम्बन्धित मानते हैं और योग केवल हिन्दुओं के लिए है। यह धारणा बिल्कुल गलत है। योग को किसी भी धर्म को मानने वाला अपना सकता है क्योंकि योग तो एक किस्म का शारीरिक व्यायाम है जिसका किसी धर्म से लेना-देना नहीं।

2. क्या योग केवल पुरुषों के लिए है-कुछ लोग मानते हैं कि योग करने वाले व्यक्ति को कठिन नियमों का पालन करना पड़ता है और योग केवल पुरुष ही कर सकते हैं। योग स्त्रियों के लिए नहीं है। सच्चाई यह है कि योग के लिए कोई कठोर नियम नहीं है और योग स्त्रियों के लिए भी उतना लाभदायक है जितना पुरुषों के लिए लाभदायक है।

3. क्या योग केवल रोगियों के लिए है-योग से कई प्रकार के रोग ठीक हो जाते हैं। इसलिए कई लोग यह सोचते हैं कि योग केवल इलाज के लिए है और रोगियों के लिए है। यह धारणा गलत है क्योंकि कोई भी स्वस्थ मनुष्य योग कर सकता है और शरीर को बीमारियों से बचा सकता है।

4. क्या योग सिर्फ संन्यासियों के लिए है-ऋषि मुनि प्राचीन काल में योग का अभ्यास जंगलों में रह कर किया करते थे। आज भी कुछ लोग सोचते हैं योग करने के लिए मनुष्य को घर छोड़ना पड़ता है। एक गृहस्थी के लिए योग करना ठीक नहीं जोकि बिल्कुल गलत है। सच्चाई तो यह है कि योग घर में रहकर भी कर सकते हैं।

PSEB 7th Class Physical Education Solutions Chapter 5 योग

Physical Education Guide for Class 7 PSEB योग Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
योग के बारे में अपने शब्दों में लिखें ।
उत्तर-
योग शब्द संस्कृत के ‘युज’ शब्द से बना है जिसका अर्थ है मिलाना, मिलाप और प्रेम। योग के द्वारा व्यक्ति का परमात्मा से मेल।

प्रश्न 2.
महर्षि पतंजली के अनुसार योग के बारे में लिखें।
उत्तर-
महर्षि पतंजली के अनुसार मन की वृत्तियों को रोकना अथवा उनको नियंत्रित करना ही योग है।

प्रश्न 3.
योग सम्बन्धी कोई एक भ्रामक धारणा लिखें।
उत्तर-
योग किसी विशेष धर्म से सम्बन्धित नहीं है।

PSEB 7th Class Physical Education Solutions Chapter 5 योग

प्रश्न 4.
आसन क्या है ?
उत्तर-
ऋषि पतंजली के अनुसार आसन का अर्थ व्यक्ति की उस स्थिति से है जिसमें वह अधिक-से-अधिक समय आसानी से बैठ सके।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न-
आसनों के कोई तीन सिद्धान्त लिखें।
उत्तर-

  1. आसन करने के लिए आयु व लिंग का ध्यान रखना ज़रूरी है। बच्चों को अधिक कठोर आसन नहीं करने चाहिए, जिनसे उनकी शारीरिक वृद्धि प्रभावित हो।
  2. आसन करते समय अधिक ज़ोर नहीं लगाना चाहिए। आसन करते समय शरीर सहज, स्थिर व आरामदायक स्थिति में रहना चाहिए।
  3. आसन का अभ्यास करते समय शरीर को धीरे-धीरे मोड़ना चाहिए। आसन करते समय एक दम झटका नहीं देना चाहिए।

PSEB 7th Class Physical Education Solutions Chapter 5 योग

बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न-
आसन के सिद्धान्त विस्तार से लिखें।
उत्तर-
आसन करने वाले व्यक्ति को कुछ सिद्धान्तों का पालन करना पड़ता है। इन सिद्धान्तों का पालन करने से हम आसनों से पूरा लाभ ले सकते हैं। ये सिद्धान्त इस प्रकार हैं

  1. आसन करते समय मांसपेशियों में तनाव पैदा होना ज़रूरी है। तनाव से लचक पैदा होती है।
  2. आसन करते समय आयु और लिंग का ध्यान रखना आवश्यक है। बच्चों को कठोर आसन नहीं करने चाहिए जिससे उनके शरीर की वृद्धि में रुकावट न आ जाए। लड़कियों को मयूरासन अधिक नहीं करना चाहिए।
  3. आसन करते समय अधिक ज़ोर नहीं लगाना चाहिए। आसन करते समय शरीर सहज, स्थिर व आरामदायक स्थिति में रहना चाहिए।
  4. आसन का अभ्यास करते समय शरीर को धीरे-धीरे मोड़ना चाहिए। आसन करते समय जरक अथवा झटका नहीं लगाना चाहिए।
  5. आसन हमेशा प्रगति के सिद्धान्त के अनुसार करने चाहिए। पहले आसान आसन करने चाहिए। उसके पश्चात् कठिन आसनों का अभ्यास करना चाहिए।
  6. गर्भवती महिलाओं को और हृदय रोगों से पीड़ित व्यक्तियों को कठिन आसन नहीं करने चाहिए।
  7. आसन करने वाला स्थान साफ और शांत होना चाहिए। सुबह का समय आसन करने के लिए सबसे उच्च माना जाता है।
  8. आसन खाना खाने के चार घण्टे बाद या निराहार रह कर करने चाहिए।

प्रश्न 4.
आसन क्या है ?
उत्तर-
ऋषि पतंजली के अनुसार आसन का अर्थ व्यक्ति की उस स्थिति से है जिसमें वह अधिक-से-अधिक समय आसानी से बैठ सके।

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छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न-
आसनों के कोई तीन सिद्धान्त लिखें।
उत्तर-

  1. आसन करने के लिए आयु व लिंग का ध्यान रखना ज़रूरी है। बच्चों को अधिक कठोर आसन नहीं करने चाहिए, जिनसे उनकी शारीरिक वृद्धि प्रभावित हो।
  2. आसन करते समय अधिक ज़ोर नहीं लगाना चाहिए। आसन करते समय शरीर सहज, स्थिर व आरामदायक स्थिति में रहना चाहिए।
  3. आसन का अभ्यास करते समय शरीर को धीरे-धीरे मोड़ना चाहिए। आसन करते समय एक दम झटका नहीं देना चाहिए।

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बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न-
आसन के सिद्धान्त विस्तार से लिखें।
उत्तर-
आसन करने वाले व्यक्ति को कुछ सिद्धान्तों का पालन करना पड़ता है। इन सिद्धान्तों का पालन करने से हम आसनों से पूरा लाभ ले सकते हैं। ये सिद्धान्त इस प्रकार

  1. आसन करते समय मांसपेशियों में तनाव पैदा होना ज़रूरी है। तनाव से लचक पैदा होती है।
  2. आसन करते समय आयु और लिंग का ध्यान रखना आवश्यक है। बच्चों को कठोर आसन नहीं करने चाहिए जिससे उनके शरीर की वृद्धि में रुकावट न आ जाए। लड़कियों को मयूरासन अधिक नहीं करना चाहिए।
  3. आसन करते समय अधिक ज़ोर नहीं लगाना चाहिए। आसन करते समय शरीर सहज, स्थिर व आरामदायक स्थिति में रहना चाहिए।
  4. आसन का अभ्यास करते समय शरीर को धीरे-धीरे मोड़ना चाहिए। आसन करते समय जरक अथवा झटका नहीं लगाना चाहिए।
  5. आसन हमेशा प्रगति के सिद्धान्त के अनुसार करने चाहिए। पहले आसान आसन करने चाहिए। उसके पश्चात् कठिन आसनों का अभ्यास करना चाहिए।
  6. गर्भवती महिलाओं को और हृदय रोगों से पीड़ित व्यक्तियों को कठिन आसन नहीं करने चाहिए।
  7. आसन करने वाला स्थान साफ और शांत होना चाहिए। सुबह का समय आसन करने के लिए सबसे उच्च माना जाता है।
  8. आसन खाना खाने के चार घण्टे बाद या निराहार रह कर करने चाहिए।

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