PSEB 7th Class Physical Education Solutions Chapter 6 खेलों का महत्त्व

Punjab State Board PSEB 7th Class Physical Education Book Solutions Chapter 6 खेलों का महत्त्व Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Physical Education Chapter 6 खेलों का महत्त्व

PSEB 7th Class Physical Education Guide खेलों का महत्त्व Textbook Questions and Answers

अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न 1.
कोई दस बड़ी और छोटी खेलों के नाम लिखो।
उत्तर-
बड़ी खेलें-

  1. फुटबाल
  2. हॉकी
  3. क्रिकेट
  4. टेबिल टेनिस
  5. खो-खो
  6. वालीबाल
  7. बास्कटबाल
  8. बैडमिन्टन
  9. कुश्ती
  10. कबड्डी।

छोटी खेलें-

  1. रूमाल उठाना
  2. कोटला छपाकी
  3. गुल्ली डण्डा
  4. लीडर ढूंढना
  5. बिल्ली -चूहा
  6. तीन-तीन या चार-चार
  7. जंग पलंगा
  8. राजे रानियां
  9. मथौला घोड़ी
  10. चक्कर वाली खो-खो।

प्रश्न 2.
मनुष्य की मूल कुशलताएं कौन-सी हैं ? इन मूल कुशलताओं से आजकल की खेलें कैसे प्रकाश में आईं ?
उत्तर-
चलना, भागना, कूदना, वृक्षों पर चढ़ना आदि मनुष्य की मूल कुशलताएं हैं। जैसे-जैसे मनुष्य के काम-धन्धों में उन्नति हुई, उसके साथ-साथ ही इन कुशलताओं के समन्वय में भी उन्नति हुई। मनुष्य ने इन क्रियाओं को जोड़कर खेलों में बदल दिया। धीरे-धीरे खेलों के वे रूप सम्पूर्ण विश्व में फैल गए।

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प्रश्न 3.
एक व्यक्ति के लिए खेलों से क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
एक व्यक्ति के लिए खेलों से निम्नलिखित लाभ हैं—
1. शरीर की वृद्धि और विकास (Development and growth of Body खेलें व्यक्ति के शरीर को सुदृढ़ बनाती हैं। वे उसके शरीर में चुस्ती एवं फुर्ती लाती हैं। खेलों से मनुष्य का शारीरिक विकास होता है।

2. खाली समय का उचित प्रयोग (Proper use of leisure time) खेलों के द्वारा व्यक्ति अपने खाली समय का उचित प्रयोग कर सकता है। खेलों के कारण व्यक्ति बहुत-से बुरे कामों से बच जाता है। खेलें मन को शैतान का घर नहीं बनने देती।

3. भावनाओं पर नियन्त्रण (Full control over Emotion)-खेलों से व्यक्ति भय, क्रोध, चिन्ता, उदासी आदि भावनाओं पर नियन्त्रण करना सीखता है।

4. आज्ञा का पालन (Obedience) खेलों से व्यक्ति में आज्ञा पालन का गुण विकसित होता है।
5. सहयोग की भावना (Spirit of co-operation)-खेलों से खिलाड़ियों में आपसी सहयोग की भावना आती है।
6. समय का पालन (Punctuality)-खेलें व्यक्ति को समय का पालन करना सिखाती हैं।
7. सहनशीलता (Tolerance) खेलें सहनशीलता के गुण का विकास करती हैं।
8. आत्म-विश्वास (Self Confidence)-खेलों से व्यक्ति में आत्म-विश्वास पैदा होता है।
9. दृढ़ निश्चय (Firm Determination) खेलें व्यक्ति में दृढ़ निश्चय का विकास करती हैं।
9. प्रतियोगिता की भावना (Spirit of Competition) खेलों से खिलाड़ियों में प्रतियोगिता की भावना विकसित होती है।
10. ज़िम्मेदारी की भावना (Spirit of Responsibility) खेलों द्वारा व्यक्ति में ज़िम्मेदारी की भावना विकसित होती है।

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प्रश्न 4.
खेलों के खेलने से एक व्यक्ति में कौन-कौन से गुण विकसित होते हैं ?
उत्तर-
खेलों के गुण (Quality of Sports)-खेलें मनुष्य में निम्नलिखित गुण विकसित करती हैं—
1. अच्छा स्वास्थ्य (Gopd Health) खेलें स्वास्थ्य प्रदान करती हैं। खिलाड़ियों के भागने, कूदने और उछलने से शरीर के सभी अंग ठीक प्रकार से काम करना आरम्भ कर देते हैं। दिल, फेफड़े और पाचन आदि सभी अंग ठीक प्रकार से काम करना आरम्भ कर देते हैं। मांसपेशियों में शक्ति और लचक बढ़ जाती है। जोड़ लचकदार हो जाते हैं और शरीर में चुस्ती आ जाती है। इस प्रकार खेलों से स्वास्थ्य में सुधार होता है।

2. सुडौल शरीर (Conditioned Body) खेलों में खिलाड़ी को भागना पड़ता है, जिससे उसका शरीर सुडौल हो जाता है। इससे उसके व्यक्तित्व में निखार आ जाता है।

3. संवेगों का सन्तुलन (Full Control over Emotion) संवेगों का सन्तुलन सफल जीवन के लिए आवश्यक है। यदि इस पर नियन्त्रण न रखा जाए तो क्रोध, उदासी, अहंकार मनुष्य को चक्कर में डाल कर उसके व्यक्तित्व को नष्ट करते हैं। खेलें मनुष्य का मन जीवन की उलझनों से दूर हटाती हैं, उसका मन प्रसन्न करती हैं और उसे संवेगों पर नियन्त्रण करने में सफल बनाती हैं।

4. तीव्र बुद्धि का विकास (Development of Intelligence) खेलते समय खिलाडी को हर क्षण किसी-न-किसी समस्या का सामना करना पड़ता है। अड़चन या समस्या को उसी समय अपनी शक्ति के अनुसार हल करना पड़ता है। समाधान ढूंढने में तनिक भी विलम्ब हो जाने से सारे खेल का पासा पलट सकता है। इस प्रकार के वातावरण में प्रत्येक खिलाड़ी हर समय किसी-न-किसी समस्या के हल में लगा रहता है। उसे अपनी समस्याओं का स्वयं समाधान करने का अवसर मिलता है। अतः खेलों द्वारा मनुष्य में तीव्र बुद्धि का विकास होता है।

5. चरित्र का विकास (Development of Character) खेल के समय विजयपराजय के लिए खिलाड़ियों को कई प्रकार के प्रलोभन दिए जाते हैं। अच्छे खिलाड़ी भूल कर भी इस जाल में नहीं फंसते और अपने विरोधी पक्ष के हाथों नहीं बिकते। अच्छा खिलाड़ी किसी भी छल-कपट का आश्रय नहीं लेता। इस प्रकार खेलें मनुष्य में कई चारित्रिक गुणों का विकास करती हैं।

6. इच्छा शक्ति प्रबल करती हैं (Development of Will Power) खेलों में खिलाड़ी एकाग्रचित होकर खेलता है। वह उद्देश्य की प्राप्ति के लिए अपनी सारी शक्ति लगा देता है और साधारणतः सफल भी हो जाता है। यही आदत उसके जीवन के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए बन जाती है। इस प्रकार खेलें इच्छा शक्ति को प्रबल करती हैं।

7. भ्रातृ-भाव की भावना का विकास (Spirit of Brotherhood) खेलों के द्वारा भ्रातृ-भाव की भावना का विकास होता है। इसका कारण यह है कि खिलाड़ी सदा ग्रुपों में खेलता है और ग्रुप के नियमानुसार व्यवहार करता है। इससे वे एक-दूसरे के प्रति प्रेमपूर्ण और भाइयों जैसा व्यवहार करने लगते हैं। इस प्रकार उनका जीवन भ्रातृ प्रेम के आदर्श के अनुसार ढल जाता है।

8. नेतृत्व (Leadership)-खेलों से मनुष्य में नेतृत्व के गुणों का विकास होता है। खेलों के मैदान से ही हमें अनुशासन, आत्म संयम, आत्म त्याग और मिल-जुल कर देश के लिए सर्वस्व बलिदान करने वाले सैनिक अधिकारी प्राप्त होते हैं। इसलिए तो ड्यूक ऑफ वेलिंग्टन ने नेपोलियन को वाटरलू (Waterloo) के युद्ध में पराजित करने के पश्चात् कहा था, “वाटरलू का युद्ध हैरो के खेलों के मैदान में जीता गया।”

9. अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग की भावना (International Co-operation) खेलें जातीय भेद-भाव को समाप्त करती हैं। प्रत्येक टीम में विभिन्न जातियों के खिलाड़ी होते हैं। उनके इकट्ठे मिलने-जुलने और टीम के लिए एक जुट होकर संघर्ष करने की भावना के कारण जाति-पाति की दीवारें ढह जाती हैं और सादा जीवन में विशाल दृष्टिकोण हो जाता है। अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में एक देश के खिलाड़ी दूसरे देश के खिलाड़ियों से खेलते हैं और उनसे मिलते-जुलते हैं। इस प्रकार उनमें मित्रता की भावना बढ़ जाती है। अत: खेलें अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग की भावना का विकास करती हैं।

10. प्रतियोगिता और सहयोग (Competition and Co-operation)-प्रतियोगिता ही उन्नति का आधार है और सहयोग महान् प्राप्तियों का साधन। विजय प्राप्त करने के लिए टीमें एड़ी-चोटी का जोर लगा देती हैं, परन्तु मैच जीतने के लिए सभी खिलाड़ियों के सहयोग की आवश्यकता होती है। किसी भी एक खिलाड़ी के प्रयत्नों से मैच नहीं जीता जा सकता। अतः प्रतियोगिता और सहयोग की भावनाओं का विकास करने के लिए खेलें बहुत उपयोगी हैं।

इनके अतिरिक्त खेलों से मनुष्य में आत्म-विश्वास एवं उत्तरदायित्व निभाने के गुणों का भी विकास होता है।

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प्रश्न 5.
एक राष्ट्र को खेलों से क्या लाभ होते हैं ?
उत्तर-
एक राष्ट्र को खेलों से निम्नलिखित लाभ होते हैं—
1. राष्ट्रीय एकता (National Unity) खेलों द्वारा राष्ट्रीय एकता का विकास होता है। एक राज्य के खिलाड़ी दूसरे राज्यों के खिलाड़ियों से खेलने के लिए आते-जाते रहते हैं। उनके परस्पर समन्वय से राष्ट्रीय भावना उत्पन्न होती है।

2. सीमाओं की रक्षा (Full Protection of the Border of the Country)खेलों में भाग लेने से प्रत्येक व्यक्ति स्वस्थ रहता है। इस प्रकार स्वस्थ जाति का निर्माण होता है। एक स्वस्थ जाति ही अपनी सीमाओं की अच्छी तरह रक्षा कर सकती है।

3. अच्छे और अनुभवी नेता (Good and Experienced Leader) खेलों के द्वारा अच्छे नेता पैदा होते हैं क्योंकि खेल के मैदान में बालकों को नेतृत्व के बहुत-से अवसर मिलते हैं। खेलों के ये नेता बाद में अच्छी तरह से अपने देश की बागडोर सम्भालते हैं।

4. अच्छे नागरिक (Good Citizen)-खेलें बालकों में आज्ञा पालन, नियम पालन, ज़िम्मेदारी निभाना, आत्म-विश्वास, सहयोग आदि के गुणों का विकास करती हैं। इन गुणों से युक्त व्यक्ति श्रेष्ठ नागरिक बन जाता है। श्रेष्ठ और अच्छे नागरिक ही देश की बहुमूल्य सम्पत्ति होते हैं।

5. अन्तर्राष्ट्रीय भावना (International Brotherhood)-एक देश की टीमें दूसरे देशों में मैच खेलने जाती हैं। इससे दोनों देशों के खिलाड़ियों में मित्रता और सूझबूझ बढ़ती है जिससे परस्पर भेद-भाव मिट जाते हैं। इस प्रकार उनमें अन्तर्राष्ट्रीय भावना विकसित होती है। अन्तर्राष्ट्रीय भावना के विकास से शान्ति स्थापित होती है।

Physical Education Guide for Class 7 PSEB खेलों का महत्त्व Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पहले-पहल मनुष्य किस प्रकार का जीवन व्यतीत करता था ?
उत्तर-
जंगली जीवन।

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प्रश्न 2.
खेलों को कितने भागों में बांटा जा सकता है ?
उत्तर-
दो।

प्रश्न 3.
भारतीय (या देशीय) खेलें कौन-सी हैं ?
उत्तर-
कुश्ती, कबड्डी तथा खो-खो।

प्रश्न 4.
बच्चे की प्राकृतिक और मन-पसंद क्रिया क्या है ?
उत्तर-
खेल।

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प्रश्न 5.
हम में जिम्मेवारी की भावना, सहनशीलता, दृढ़ निश्चय, आत्म-विश्वास और प्रतियोगिता की भावना कैसे पैदा हो सकती है ?
उत्तर-
खेलों के द्वारा।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
शारीरिक क्रियाओं का मनुष्य के जीवन में क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
प्रत्येक मनुष्य बचपन से ही कोई-न-कोई शारीरिक क्रिया शुरू कर लेता है। शारीरिक क्रिया मनुष्य की एक प्राथमिक आवश्यकता है। जैसे-जैसे वह बड़ा होता जाता है वैसे-वैसे उस की शारीरिक क्रियाओं की संख्या भी बढ़ती जाती है। शारीरिक क्रियाओं को दो मुख्य भागों में बांटा जाता है-प्राकृतिक क्रियाएं और औपचारिक क्रियाएं।
खेलें औपचारिक क्रियाओं में आती हैं। खेलों से मनुष्य शारीरिक तथा मानसिक पक्ष से स्वस्थ रहता है।

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प्रश्न 2.
खेलों की अन्तर्राष्ट्रीय विशेषता क्या है ?
उत्तर-
एक राष्ट्र की टीम दूसरे राष्ट्र में खेलने के लिए जाती है। इस प्रकार देशों में मित्रता बढ़ती है और अन्तर्राष्ट्रीय भावना उत्पन्न होती है। इस अन्तर्राष्ट्रीय भावना के द्वारा देशों के परस्पर वैर-विरोध मिट कर विश्व में शान्ति स्थापित होती जा रही है। इस प्रकार खेलें एक मनुष्य को दूसरे मनुष्य से, एक प्रान्त को दूसरे प्रान्त से और एक देश को दूसरे देश से मिलाती हैं।

प्रश्न 3.
खेलों की राष्ट्रीय विशेषता का वर्णन करो।
उत्तर-
खेलों में भाग लेने से बच्चों में समय का पालन करने, नियमपूर्वक काम करने, अपनी ज़िम्मेदारी निभाने, दूसरों की सहायता करने और स्वयं की रक्षा करने आदि अच्छे कामों की सिखलाई मिलती है। इससे बच्चे स्वस्थ और हृष्ट-पुष्ट और प्रसन्न चित्त रहेंगे। इससे. समूचे राष्ट्र को बल मिलेगा। कोई भी राष्ट्र निजी व्यक्तियों के समूह से ही बनता है। बच्चे राष्ट्र के भावी नागरिक होते हैं। खेलें किसी देश को स्वस्थ एवं अच्छे नागरिक प्रदान करती हैं। अत: यदि किसी राष्ट्र का प्रत्येक नागरिक अच्छा हो, तो, राष्ट्र अपने आप ही अच्छा बन जाएगा। इस प्रकार खेलों का किसी राष्ट्र के लिए विशेष महत्त्व है। खेलों से राष्ट्रीय एकता की भावना मज़बूत होती है।

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