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PSEB 7th Class Science Notes Chapter 5 अम्ल, क्षारक और लवण
→ हम दैनिक जीवन में विभिन्न स्वादों के अनेक पदार्थों का सेवन करते हैं।
→ कुछ पदार्थों का स्वाद कड़वा, खट्टा, मीठा और नमकीन होता है।
→ पदार्थों का खट्टा स्वाद इनमें अम्लों की उपस्थिति के कारण होता है।
→ ऐसिड शब्द की उत्पत्ति लैटिन शब्द एसियर से हुई जिसका अर्थ है-खट्टा।
→ ऐसे पदार्थ जिनका स्वाद कड़वा होता है तथा स्पर्श करने पर साबुन जैसे लगते हैं, क्षार कहलाते हैं।
→ सूचक वह पदार्थ हैं जो अम्लीय तथा क्षारीय प्रकृति के पदार्थों को भिन्न-भिन्न रंग देते हैं। इन पदार्थों को अम्लीय या क्षारीय प्रकृति के परीक्षण के लिए प्रयोग करते हैं।
→ हल्दी, लिटमस तथा गुड़हल (चाईना रोज़) की पत्तियाँ प्राकृतिक सूचक हैं।
→ उदासीन विलयन (घोल) लाल या नीले लिटमस के रंग को परिवर्तित नहीं करते क्योंकि यह न तो अम्लीय । होते हैं और न ही क्षारीय।
→ फ़िनॉल्फथेलीन एक संश्लिष्ट सूचक है जिसे प्रयोगशाला में तैयार किया जाता है।
→ कुछ अम्ल प्रबल (तेज़) तथा कुछ दुर्बल (कमज़ोर) होते हैं।
→ किसी अम्ल और क्षार की परस्पर होने वाली अभिक्रिया, उदासीनीकरण अभिक्रिया कहलाती है।
→ अपाचन (बदहज़मी) को दूर करने के लिए प्रति अम्ल (ऐंटऐसिड) का प्रयोग किया जाता है।
→ कीट के डंक के प्रभाव के उपचार के लिए खाने के सोडे (बेकिंग सोडा) से रगड़ कर या कैलेमाइन (जिंक कार्बोनेट) विलयन लगाया जाता है।
→ मिट्टी के तेज़ाबीपन (अम्लीयता) को बुझे चूने (क्षार) से उपचारित किया जाता है। यह उदासीनीकरण का ही उदाहरण है।
→ मिट्टी के खारेपन को जैविक पदार्थों के प्रयोग से समाप्त किया जाता है।
→ कारखानों से निकले अपशिष्ट उत्पादों को क्षार पदार्थों से उदासीन करके ही पानी में छोड़ना चाहिए।
→ अम्ल (ऐसिड) : ऐसे पदार्थ जिनका स्वाद खट्टा होता है तथा जो नीले लिटमस के घोल (विलयन) से क्रिया करके उसके रंग को लाल कर देते हैं, अम्ल कहलाते हैं।
→ क्षार (एल्कली) : ऐसे पदार्थ जिनका स्वाद कड़वा होता है तथा जो लाल लिटमस के घोल (विलयन) से क्रिया करके उसके रंग को नीला कर देते हैं, क्षार कहलाते हैं।
→ उदासीनीकरण : किसी अम्ल तथा क्षार की आपस में होने वाली प्रतिक्रिया उदासीनीकरण क्रिया कहलाती है।
→ उदासीन विलयन (घोल) : ऐसा घोल जो न अम्लीय प्रकृति का हो और न ही क्षारीय प्रकृति का है, उसे उदासीन विलयन (घोल) कहते हैं या फिर जो घोल सूचक के रंग को नहीं बदलता, उदासीन घोल कहलाता है।
→ सूचक : ऐसे पदार्थों के विलयन या ऐसे पदार्थ जो विभिन्न अम्लीय, क्षारों तथा उदासीन पदार्थों से क्रिया करके भिन्न-भिन्न रंग दर्शाते हैं, को सूचक कहते हैं।