Punjab State Board PSEB 7th Class Science Book Solutions Chapter 14 विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 7 Science Chapter 14 विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव
PSEB 7th Class Science Guide विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव Textbook Questions and Answers
1. रिक्त-स्थानों की पूर्ति कीजिए :-
(i) विद्युत सेल के प्रतीक में छोटी रेखा ………………… टर्मिनल को निरूपित करती (दर्शाती) है।
उत्तर-
ऋण टर्मिनल
(ii) दो अथवा दो से अधिक सेल के जोड़ने को ……………………. कहते हैं।
उत्तर-
बैटरी
(iii) किसी स्विच की ………………….. अवस्था में परिपथ में विद्युत धारा प्रवाहित होती है।
उत्तर-
ऑन
(iv) एक बैटरी में एक सेल का धन सिरा या टर्मिनल दूसरे सेल के …………………… सिरे या टर्मिनल से जुड़ा होता
उत्तर-
ऋण
(v) हीटर विद्युत धारा के ………………………. प्रभाव का प्रयोग करता है।
उत्तर-
तापीय।
2. निम्नलिखित में सही या गलत लिखें :-
(i) दो सेलों की बैटरी बनाने के लिए एक सेल का धन टर्मिनल दूसरे के ऋण टर्मिनल के साथ जोड़ते हैं।
उत्तर-
सही
(ii) विद्युतीय प्रैस, विद्युत धारा के तापीय प्रभाव पर काम करती है।
उत्तर-
गलत
(iii) चुंबक-क्रेन, विद्युत धारा के चुंबक प्रभाव पर आधारित है।
उत्तर-
सही
(iv) जिस परिपथ में विद्युत धारा प्रवाहित होती हो, उसे खुला (Open) परिपथ कहा जाता है।
उत्तर-
गलत
(v) एक विद्युत घण्टी एक विद्युत चुंबक के सिद्धांत पर आधारित है।
उत्तर-
सही।
3. सही मिलान कीजिए :-
कॉलम ‘A’ | कॉलम ‘B’ |
(i) विद्युत सैल | (क) सुरक्षा उपकरण |
(ii) विद्युत प्रैस | (ख) विद्युत धारा का तापन |
(iii) विद्युत फ्यूज़ | (ग) विद्युत चुंबक |
(iv) चुंबकीय क्रेन | (घ) विद्युत घटक |
उत्तर-
कॉलम ‘A’ | कॉलम ‘B’ |
(i) विद्युत सैल | (घ) विद्युत घटक |
(ii) विद्युत प्रैस | (ख) विद्युत धारा का तापन |
(iii) विद्युत फ्यूज़ | (क) सुरक्षा उपकरण |
(iv) चुंबकीय क्रेन | (ग) विद्युत चुंबक। |
4. सही विकल्प चुनिए :-
प्रश्न (i)
कौन-सा उपकरण विद्युत के तापन प्रभाव का उपयोग नहीं करता ?
(क) विद्युत टोस्टर
(ख) लाऊड स्पीकर
(ग) हीटर
(घ) विद्युत प्रेस।
उत्तर-
(क) विद्युत टोस्टर।
प्रश्न (ii)
कौन-सा उपकरण विद्युत के चुंबकीय प्रभाव का उपयोग नहीं करता ?
(क) रूम हीटर
(ख) चुंबकीय क्रेन
(ग) विद्युत घण्टी
(घ) लाऊड स्पीकर ।
उत्तर-
(क) रूम हीटर।
प्रश्न (iii)
विद्युत तार में पैदा हुए ताप की मात्रा निर्भर करती है-
(क) तार के पदार्थ की किस्म
(ख) तार की लम्बाई
(ग) तार की मोटाई
(घ) उपर्युक्त सभी से।
उत्तर-
(घ) उपर्युक्त सभी से।
प्रश्न (iv)
बल्ब में प्रयोग की जाने वाली तार को कहते हैं ?
(क) एलीमेंट
(ख) स्प्रिंग
(ग) फिलामेंट
(घ) घटक।
उत्तर-
(ग) फिलामेंट।
प्रश्न (v)
एक विद्युत घण्टी के मुख्य भाग हैं-
(क) गोंग (Gong)
(ख) हथौड़ा
(ग) विद्युत चुंबक
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपर्युक्त सभी।
5. लघूत्तर प्रश्न :-
प्रश्न (i)
परिभाषित करो
1. विद्युत सैल (Electric Cell)
2. बैटरी
3. विद्युत परिपथ
4. खुला परिपथ
5. बंद परिपथ।
उत्तर-
1. विद्युत सैल – यह एक ऊर्जा स्रोत है जिसमें रासायनिक ऊर्जा को विद्युतीय ऊर्जा में परिवर्तित करता है। इसमें दो इलैक्ट्रोड होते हैं।
- धन-इलैक्ट्रोड,
- ऋण इलैक्ट्रोड।
2. बैटरी – यह दो या दो से अधिक सैलों का संयोजन है जिन्हें श्रेणी क्रम में संयोजित करके विद्यत्त् धारा प्राप्त की जाती है। इसका प्रयोग टार्च तथा अन्य खिलौनों, कार आदि में किया जाता है, जहाँ अधिक धारा की आवश्यकता होती है।
3. विद्युत सर्कट – वह रास्ता (पथ) जो सैल के एक टर्मिनल से आरंभ होकर बल्ब में होता हुआ दूसरे टर्मिनल तक पहुँचे तथा जिसमें से विद्युतीय धारा बह सके, विद्युतीय सर्कट या परिपथ कहलाता है।
4. खुला परिपथ – यदि विद्युतीय सर्कट में से विद्युतीय धारा का प्रवाह नहीं होता तो ऐसे सर्कट को खुला परिपथ कहते हैं।
5. बंद परिपथ – ऐसा विद्युतीय सर्कट जिसमें से विद्युतीय धारा का प्रवाह होता है, उसे बंद परिपथ कहते हैं।
प्रश्न (ii)
विद्युत चुंबक क्या होती है ? यह कैसे कार्य करती है ?
उत्तर-
विद्युतीय चुंबक – एक लोहे के टुकड़े पर एनेमल लेपित तांबे की तार लपेटी गयी कुंडली में से विद्युतीय धारा प्रवाहित करने पर यह लोहे का टुकड़ा अस्थायी रूप में चुंबक बन जाता है। ऐसे चुंबक को विद्युतीय चुंबक कहते हैं। विद्युतीय धारा बंद करने पर यह वापिस लोहे जैसा व्यवहार करता है अर्थात् इसके चुंबकीय गुण समाप्त हो जाते हैं।
प्रश्न (iii)
चुंबकीय क्रेन क्या है ? यह कैसे कार्य करती है ?
उत्तर-
यह एक सामान्य क्रेन होती है जिसके एक छोर पर शक्तिशाली विद्युतीय चुंबक जुड़ा होता है। विद्युतीय धारा प्रवाहित करने पर यह शक्तिशाली चुंबक बन जाता है जो कबाड़ में से लोहे को आकर्षित करके अलग कर लेता है तथा विद्युतीय धारा बंद करने पर यह अपना चुंबकीय गुण गंवा लेता है।
प्रश्न (iv)
एक विद्युत परिपथ बनाइए, जिसमें एक बैटरी, एक बल्ब और एक स्विच खुली अवस्था में हो।
उत्तर-
एक विद्युतीय सर्कट का चित्र जिसमें एक बैटरी, एक बल्ब तथा खुली अवस्था में स्विच।
6. निबंधात्मक प्रश्न :-
प्रश्न (i)
एक चित्र की सहायता से एक-विद्युत घण्टी का सिद्धांत, रचना और कार्य की व्याख्या करो।
उत्तर-
विद्युतीय घण्टी – विद्युतीय घंटी वह यांत्रिक यंत्र है जो विद्युतीय चुंबक के सिद्धांत पर काम करती है। विद्युतीय धारा प्रवाहित करने से यह बार-बार ध्वनि पैदा करती है।
सिद्धांत – जब लोहे की छड़ पर लपेटी गयी कुंडली में से विद्युतीय धारा प्रवाहित की जाती है, तब लोहे की छड़ चुंबक के रूप में काम करती है। यह उतनी देर तक ही चुंबक के रूप में काम करती है जब तक इसमें से विद्युत धारा प्रवाहित होती है।
रचना – विद्युत घण्टी के नीचे लिखे मुख्य भाग हैं-
- विद्युत – चुंबक-इसमें लैमीनेट की धातु की तार होती है जिसे एक लोहे की छड़ पर लपेटा होता है। यह छड़ विद्युत धारा प्रवाहित होने पर विद्युत चुंबक बन जाती है।
- हथौड़ा – यह लोहे की पत्ती जिसके एक छोर पर धातु का छोटा-सा गोला होता है जो हथौड़ा कहलाता है। इसे विद्युत चुंबक के समीप रखा जाता है। लोहे की पत्ती के समीप एक संपर्क पेच चुंबक होता है।
- घण्टी – यह एक कप के रूप की धातु की बनी आकृति है। जब हथौड़ा आकर्षित होकर घण्टी धातु की पत्ती में टकराता है तो ध्वनि सुनाई देती है।
कार्यविधि – जब हम स्विच ऑन करते हैं तो संपर्क पेच लोहे की पत्ती के संपर्क में आता है जिस कारण विद्युत चुंबकीय कुंडली में विद्युत धारा बहती है तथा वह विद्युत चुंबक बन जाती है। यह विद्युत चुंबक लोहे की पत्ती को अपनी ओर आकर्षित करता है जिससे हथौड़ा घंटी से टकराता है तथा ध्वनि पैदा करता है। परन्तु इस क्रिया के दौरान हथौड़े का संपर्क पेच से टूट जाता है जिससे विद्युत परिपथ टूट जाता है। इस कारण कुंडली में अब विद्युत चुंबक का गुण समान हो जाता है तथा लोहे की पत्ती को आकर्षित नहीं कर सकता।
अब लोहे की पत्ती अपनी पहली अवस्था में आ जाती है तथा दोबारा संपर्क पेच को छूती है। यह वापिस विद्युत चुंबक बना देती है तथा हथौड़ा फिर घण्टी से टकराता है। यही क्रिया तीव्र गति में दोहराई जाती है तथा बार-बार घण्टी बजती रहती है।
प्रश्न (ii)
विद्युत फ्यूज़ क्या होता है ? विद्युत की आपूर्ति में इसका क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
विद्युत फ्यूज़ – कभी कभी घरों तथा कारखानों में विद्युत की डोरी की दोनों तारें एक-दूसरे के संपर्क में आ जाती हैं तो सार्ट सर्कट हो जाता है जिससे सर्कट का प्रतिरोध कम होने के कारण विद्युत धारा की मात्रा बढ़ जाती है तथा ताप पैदा होने के कारण विद्युत उपकरणों को आग लग जाती है। इस प्रकार के खतरे से बचने के लिए सर्कट की तारों में फ्यूज़ लगाए जाते हैं।
बनावट – अकसर फ्यूज तार तांबा, टिन तथा लैड के मिश्रण से बनी एक छोटी सी पतली तार होती है जिसका पिघलांक तांबे की
बैटरी तुलना में बहुत कम होता है। इस तार को चीनी मिट्टी के होल्डर में लगे दो टर्मिनलों के बीच जोड़ दिया जाता है। जिस सर्कट की सुरक्षा करनी होती है, उसकी दो तारें जोड़ने में क्रमबद्ध जोड़ देते हैं। मोटाई के अनुसार फ्यूज तार की एक निश्चित समर्था होती है जिससे ज्यादा धारा प्रवाहित होने पर प्यूज तार गर्म होकर पिघल जाती है। तार के पिघलने से सर्कट टूट जाता है तथा विद्युत धारा का प्रवाह रुक जाता है। इस से उपकरण में या सर्कट में किसी खराबी का तुरंत पता चल जाता है। उस खराबी को दूर करके फ्यूज़ होलडर में नयी फ्यूज़ तार लगाने के बाद दोबारा विद्युत धारा के प्रवाह को चला दिया जाता है।
Science Guide for Class 7 PSEB विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव Intext Questions and Answers
सोचें तथा उत्तर दें:-(पेज 170)
प्रश्न 1.
एक सेल में कितने टर्मिनल होते हैं ? उनके नाम बताओ।
उत्तर-
एक सेल के भीतर दो टर्मिनल होते हैं-
- धन टर्मिनल
- ऋण टर्मिनल।
प्रश्न 2.
विद्युत परिपथ में स्विच का क्या काम है ?
उत्तर-
विद्युत परिपथ में स्विच सर्कट को पूरा करने (जोड़ने) तथा तोड़ने का काम करता है अर्थात् सर्कट को पूरा करके विद्युतीय परिपथ, में धारा का प्रवाह बनाने तथा ज़रूरत के समय सर्कट को तोड़ कर धारा का प्रवाह रोकने के लिए किया जाता है।
सोचें तथा उत्तर दें :-(पेज 170)
प्रश्न 1.
जब स्विच ‘ON’ की स्थिति में है तो बल्ब ……………………. है तथा ……………………. महसूस होता है।
उत्तर-
जगता, गर्म।
सोचें तथा उत्तर दें :-(पेज 171)
प्रश्न 1.
जब स्विच ऑफ’ अवस्था में है तो क्या तार गर्म महसूस होती है ? (सही/गलत)
उत्तर-
गलत।
प्रश्न 2.
जब स्विच ऑन’ अवस्था में है तो क्या तार थोड़ी ठंडी महसूस होती है ? (सही/गलत )
उत्तर-
गलत।
प्रश्न 3.
कोई अन्य तार लेने पर भी आपको यही प्रभाव महसूस होगा ?
उत्तर-
क्योंकि बिजली प्रवाह होने से तार गर्म हो जाती है। यह विद्युतीय की धारा के तापीय प्रभाव के कारण होता है। कोई अन्य तार लेने पर भी यही महसूस होगा।
सोचें तथा उत्तर दें :-(पेज 173)
प्रश्न 1.
किसी चुंबकीय पदार्थ के न होने के बावजूद भी चुंबकीय सुई पहले उत्तर-दक्षिण (N-S) दिशा की ओर क्यों संकेत करती है ?
उत्तर-
चुंबकीय सुई एक छोटा-सा चुंबक है, जिसका एक छोर उत्तर ध्रुव (N-Pole) तथा दूसरा छोर दक्षिणी ध्रुव (S-Pole) है। हमारी पृथ्वी एक बड़े चुंबक के सामान व्यवहार करती है जिसका चुंबकीय उत्तरी ध्रुव इसके भौगोलिक दक्षिण दिशा तथा चुंबकीय दक्षिणी ध्रुव भौगोलिक उत्तर दिशा की ओर स्थित है। चुंबकीय सुई जो एक छोटा सा चुंबक है और जो अपने धुरे पर क्षितिज दिशा में घूमने के लिए स्वतन्त्र है, का उत्तरी ध्रुव पृथ्वी के चुंबकीय दक्षिणी ध्रुव की ओर तथा चुंबकीय सुई का दक्षिणी ध्रुव पृथ्वी के चुंबकीय उत्तरी ध्रुव की ओर आकर्षित होता है। इसलिए यद्यपि कोई चुंबक नज़दीक नहीं है, तो भी इसके बावजूद चुंबकीय सुई पहले ही उत्तर-दक्षिण की ओर संकेत करती है।
प्रश्न 2.
एक छड़ चुंबक निकट लाने पर चुंबकीय सुई विक्षेपित क्यों हो जाती है?
उत्तर-
चुंबकीय के समान ध्रुव एक-दूसरे को प्रतिकर्षित तथा विपरीत (असमान) ध्रुव एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं। इसलिए जब छड़ चुंबक को चुंबकी सुई के निकट लाया जाता है, तो चुंबकी सुई जो घूमने के लिए स्वतन्त्र है, विक्षेपित हो जाती है।
प्रश्न 3.
विद्युत धारा ‘ऑन’ करने पर चुंबकीय सुई विक्षेपित क्यों हो जाती है?
उत्तर-
विद्युत धारा ‘ऑन’ करने पर चुंबकीय सुई का विक्षेपित होना यह दर्शाता है कि इसके नज़दीक कोई चुंबक स्थित है। यह धारा प्रवाहित होने वाली तार के इर्द-गिर्द चुंबकीय क्षेत्र बनने के कारण चुंबक जैसा व्यवहार कर रही है।
सोचें तथा उत्तर दें:-(पेज 174)
प्रश्न 1.
पेपर पिन्ज़ विद्युत धारा प्रवाहित करने पर लोहे के कील के साथ क्यों चिपक जाती हैं ?
उत्तर-
विद्युत धारा प्रवाहित होने से लोहे के कील में चुम्बकीय गुण आ जाते हैं जिस कारण पेपर पिन्ज़ आकर्षित होकर कील से चिपक जाती हैं।
प्रश्न 2.
विद्युत धारा का प्रवाह बंद करने पर क्या ये पिन्ज पुनः नीचे गिर जाती हैं ?
उत्तर-
हां, यह नीचे गिर जाएंगी। विद्युत धारा का प्रवाह बंद करने से लोहे का कील अपना चुंबकीय गुण गंवा लेती है जिस कारण पेपर पिन्ज़ आकर्षित न होने के कारण नीचे गिर जाती हैं।
PSEB Solutions for Class 7 Science विद्युत धारा तथा इसके चुंबकीय प्रभाव Important Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(i) स्टैंडर्ड संकेतों के साथ एक विद्युत सर्कट को ………………….. कहते हैं। (सर्कट चित्र/विद्युत चित्र)
उत्तर-
सर्कट चित्र
(ii) जब स्विच को ‘ऑन’ स्थिति में लाते हैं तो हॉट प्लेट, विद्युत टोस्टर तथा विद्युत प्रैस विद्युत के ………………….. कारण गर्म हो जाती है। (चुंबकीय प्रभाव, तापन प्रभाव)
उत्तर-
तापन प्रभाव
(iii) फ्यूज़ एक ………………………. उपकरण है। (सेफ्टी/तापन)
उत्तर-
सेफ्टी
(iv) लकड़ी के सिलेंडर के इर्द-गिर्द वृत शक्ल में लपेटी गई लेमीनेटेड तांबे की तार …………….. कहलाती है। (कुंडली/बिजली चुंबक)
उत्तर-
कुंडली
(v) चुंबक के ध्रुव होते हैं, एक …………………………. ध्रुव तथा दूसरा …………………. ध्रुव। (उत्तरी-दक्षिणी/पश्चिमी-पूर्वी)
उत्तर-
उत्तरी-दक्षिणी
(vi) विद्युत सैल के चिन्ह में लंबी रेखा उसके ……………………… टर्मिनल को दर्शाती है। (धन (+)/ऋण (-))
उत्तर-
धन (+) ।
प्रश्न 2.
कॉलम ‘A’ में दिए शब्दों को कॉलम ‘B’ में दिए गए वाक्यों से मिलाइए –
कॉलम ‘A’ | कॉलम ‘B’ |
(i) सर्कट चित्र | (क) विद्युत धारा के कारण चालक का चुंबक बनना |
(ii) विद्युत घंटी | (ख) विद्युत फ्यूज़ |
(iii) सेफ्टी युक्ति | (ग) फ्यूज़ की तार |
(iv) जल्दी पिघल जाती है | (घ) स्टैंडर्ड संकेतों के साथ एक विद्युत सर्कट बनना। |
उत्तर-
कॉलम ‘A’ | कॉलम ‘B’ |
(i) सर्कट चित्र | (घ) स्टैंडर्ड संकेतों के साथ एक विद्युत सर्कट बनना |
(ii) विद्युत घंटी | (क) विद्युत धारा के कारण चालक का चुंबक बनना |
(iii) सेफ्टी युक्ति | (ख) विद्युत फ्यूज़ |
(iv) जल्दी पिघल जाती है | (ग) फ्यूज़ की तार। |
प्रश्न 3.
सही विकल्प चुनें-
(i) बिजली (विद्युत) सर्कट को तोड़ने वाली युक्ति है-
(क) विद्युत सैल
(ख) स्विच
(ग) विद्युत बल्ब
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) स्विच।
(ii) विद्युत बल्ब टर्मिनल हैं-
(क) तीन
(ख) एक
(ग) दो
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) दो।
(iii) संपर्क तार बनाने के लिए प्रयुक्त होता है-
(क) रबड़
(ख) ऐल्युमीनियम
(ग) प्लास्टिक
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) ऐल्युमीनियम।
(iv) एक विद्युत बल्ब में से विद्युत धारा प्रवाहित की गई परंतु बल्ब जगा नहीं क्योंकि-
(क) तंतु टूटा हुआ है
(ख) तंतु बिजली का रोधक है
(ग) तंतु विद्युत का सुचालक है
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(क) तंतु टूटा हुआ है।
(v) विद्युतीय सर्कट में सैल में आने वाली बिजली (विद्युत) धारा की दिशा है
(क) धन टर्मिनल से ऋण टर्मिनल की ओर
(ख) ऋण टर्मिनल से धन टर्मिनल की ओर
(ग) पहले आधे समय के लिए धन टर्मिनल से ऋण टर्मिनल की ओर तथा अगले आधे समय के लिए ऋण टर्मिनल से धन टर्मिनल की ओर
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(क) धन टर्मिनल से ऋण टर्मिनल की ओर
(vi) विद्युत फ्यूज़ की तार का गलनांक होना चाहिए-
(क) कम
(ख) अधिक
(ग) न अधिक और न कम
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(क) कम।
(vii) विद्युत बल्ब का तंतु (फिलामेंट) बना होता है-
(क) लोहा
(ख) तांबा
(ग) टंगस्टन
(घ) टिन।
उत्तर-
(ग) टंगस्टन।
(viii) फ्यूज़ की तार किससे बनाई जाती है ?
(क) टिन
(ख) ऐल्युमीनियम
(ग) लैड
(घ) तांबा।
उत्तर-
(क) टिन।
(ix) स्विच ऑन करने पर दिशा सूचक सुई के विक्षेपण का क्या कारण है ?
(क) ऊष्मा के कारण
(ख) चुम्बकीय क्षेत्र का बनना
(ग) रासायनिक क्रिया होना ।
(घ) इनमें से कोई भी नहीं।
उत्तर-
(ख) चुम्बकीय क्षेत्र का बनना।
प्रश्न 4.
निम्नलिखित में कथनों में से सही तथा ग़लत कथन बताइए-
(i) विद्युत चुंबक पिन को आकर्षित करता है जब विद्युत धारा का प्रवाह रोका जाता है।
उत्तर-
ग़लत
(ii) विद्युत चुंबक की शक्ति कुंडली जो इसके इर्द-गिर्द लपेटी गयी है, के लपेटों की संख्या पर निर्भर नहीं करती है।
उत्तर-
ग़लत
(iii) विद्युत सर्कट में विद्युत धारा के प्रवाह की दिशा धन टर्मिनल से ऋण टर्मिनल की ओर होता है।
उत्तर-
सही
(iv) बैटरी बनाने के लिए दो या दो से अधिक सैलों को क्रमबद्ध करना होता है जिसमें पहले सैल का ऋण टर्मिनल दूसरे सैल के धन टर्मिनल तथा दूसरे सैल का ऋण टर्मिनल तीसरे सैल से जोड़ना होता है।
उत्तर-
सही
(v) चुंबक के एक समान ध्रुव एक-दूसरे को आकर्षित तथा विसरित ध्रुव प्रतिकर्षित करते हैं।
उत्तर-
ग़लत
(vi) दो सैलों को बैटरी बनाने के लिए एक सैल के ऋण टर्मिनल को दूसरे सैल के ऋण टर्मिनल से संयोजित करते हैं।
उत्तर-
ग़लत।
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
टार्च में विद्युत धारा का स्रोत क्या है?
उत्तर-
विद्युत सेल।
प्रश्न 2.
विद्युत सेल में कितने टर्मिनल होते हैं?
उत्तर-
दो-
- धन टर्मिनल (+) और
- ऋण टर्मिनल (-)।
प्रश्न 8.
क्या विद्युत चुंबक का उपयोग किसी कचरे के ढेर से प्लास्टिक को पृथक् करने के लिए किया जा सकता है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
नहीं! विद्युत चुंबक केवल चुंबकीय पदार्थों को आकर्षित करते हैं और प्लास्टिक चुंबकीय पदार्थ नहीं होता। यदि इसमें लोहे के टुकड़े या लोहे की हैंडल (हत्थियाँ) लगी हो तो यह आसानी से विद्युत चुंबक पृथक् किए जा सकते हैं।
प्रश्न 9.
यदि चित्र में दर्शाए गए विद्युत परिपथ में स्विच को ‘ऑफ’ किया जाए, तो क्या चुंबकीय सुई विक्षेप दर्शाएगी?
उत्तर-
‘ऑफ’ स्थिति में कोई विद्युत धारा नहीं बह रही होगी। इसलिए कोई चुंबकीय प्रभाव नहीं होगा। अत: चुम्बकीय सूई विक्षेपित नहीं होगी।
प्रश्न 10.
जुबैदा ने चित्र में दर्शाए अनुसार एक सेल होल्डर बनाया तथा इसे एक स्विच और एक बल्ब से जोड़कर कोई विद्युत परिपथ बनाया। जब उसने स्विच को ‘ऑन’ की स्थिति में किया, तो बल्ब दीप्त नहीं हुआ। परिपथ में संभावित दोष को पहचानने में जुबैदा की सहायता कीजिए।
उत्तर-
- जुबेदा ने धन (+ve) टर्मिनल को दूसरे धन (+ve) टर्मिनल से जोड़ दिया होगा या (-ve) ऋण टर्मिनल को (-ve) टर्मिनल से जोड़ा होगा।
- तारों के जोड़ ढीले हो सकते हैं।
- बल्ब फ्यूज हो सकता है।
प्रश्न 11.
चित्र में चार सेल दिखाए गए हैं। रेखाएँ खींचकर यह निर्दिष्ट कीजिए कि चार सेलों के टर्मिनलों को तारों द्वारा संयोजित करके आप बैटरी कैसे बनाएँगे?
उत्तर-
प्रश्न 12.
चित्र में दर्शाए गए परिपथ में बल्ब दीप्त नहीं हो पा रहा है। क्या आप इसका कारण पता लगा सकते हैं ? परिपथ में आवश्यक परिवर्तन करके बल्ब को प्रदीप्त कीजिए।
उत्तर-
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
विद्युत चुंबक क्या होता है ? यह कैसे तैयार किया जा सकता है ? इसकी प्रबलता को प्रभावित करने वाले कारण क्या है ? विद्युत चुंबक के उपयोग भी लिखें।
उत्तर-
विद्युत चुंबक – एक लोहे के टुकड़े पर एनेमल लोपित तांबे की तार की लपेटी गयी कुंडली में से विद्युत धारा प्रवाहित करने पर यह लोहे का टुकड़ा अस्थायी रूप से चुंबक बन जाता है। ऐसे चुंबक को विद्युत चुंबक कहते हैं।
विद्युत चुंबक बनाना – एक लगभग 6-10 सैंटीमीटर लम्बी लोहे की कील लो तथा इस पर 50 सैंटीमीटर लम्बी बिजली की प्लास्टिक से ढकी हुई तार लो। तार को कुंडली रूप में कील पर लपेटो। तार के स्वतन्त्र छोरों को स्विच से होते हुए विद्युत सैल के टर्मिनल से जोड़ों जैसा चित्र में दर्शाया गया है।
स्विच को ‘ऑन’ करके कुछ पिनों को कील के छोर के निकट लाओ। आप देखोगे कि पिन कील की ओर खिंची जाती है, क्योंकि विद्युत धारा प्रवाहित होने से कुंडली चुंबक की तरह व्यवहार करती है। लोहे की कील इस चुंबकीय क्षेत्र में पड़ी होने के कारण चुंबक बन जाती है। विद्युत धारा का प्रवाह खत्म होने पर कुंडली तथा फिर कील का चुंबकीय प्रभाव खत्म हो जाता है। यह कुंडलीनुमा लोहा विद्युत चुंबक बन जाता है।
विद्युत चुंबकता की प्रबलता को प्रभावित करने वाले कारक-
- बिजली की शक्ति।
- कुंडली के लपेटों (वलयों) की संख्या।
विद्युत चुंबकों के उपयोग-
- यह बहुत भार उठाने के लिए क्रेनों के एक छोर पर प्रबल विद्युत चुंबक लगा के कबाड़ में से चुंबकीय पदार्थों को अलग किया जाता है।
- कई खिलौनों में भी विद्युत चुंबकों का प्रयोग किया जाता है।
- डॉकटर दुर्घटना के समय किसी व्यक्ति की आंख में पड़े चुंबकीय पदार्थ के छोटे टुकड़े को बाहर निकालने के लिए विद्युत चुंबक का प्रयोग करते हैं।
- उपकरणों जैसे विद्युत घंटी, टैलीग्राफ, टैलीफोन में भी इसका प्रयोग किया जाता है।