Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 18 लघु कथाएँ (i) सीख (ii) स्वाभिमान (iii) मेहनत का करिश्मा Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 18 लघु कथाएँ (i) सीख (ii) स्वाभिमान (iii) मेहनत का करिश्मा
Hindi Guide for Class 8 PSEB लघु कथाएँ (i) सीख (ii) स्वाभिमान (iii) मेहनत का करिश्मा Textbook Questions and Answers
(क) भाषा बोध
I.शब्दार्थ :-
उत्सुकता = जानने की इच्छा।
कंपकंपाती सर्दी = कंपकंपी पैदा करने वाली ठंड।
करिश्मा = चमत्कार।
जर्जर = जीर्ण, टूटा-फूटा।
सतरंगी = सात रंगों वाला।
नुक्कड़ = नोक, मोड़, छोर।
II. इन मुहावरे/लोकोक्तियों का अर्थ समझते हुए वाक्य बनायें :
साफ-साफ कहना = ……………..
टालमटोल करना = ……………..
अपना सा मुँह लेकर रह जाना = ……………..
पाँव जमाना = ……………..
दिल मचलना = ……………..
औंधे मुँह गिरना = ……………..
हाथ में थमाना = ……………..
अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत = ……………..
गहरी सोच में डूबना = ……………..
उत्तर:
1. साफ-साफ कहना = स्पष्ट रूप से कहना।
वाक्य – मकान मालिक ने किरायेदार को घर छोड़ देने के लिए आज साफ-साफ कह दिया है।
2. टालमटोल करना = बहाने बनाना।
वाक्य – तुम मेरा उधार चुकाने में टालमटोल क्यों कर रहे हो ?
3. अपना-सा मुँह लेकर रह जाना = अपमानित होना।
वाक्य – दुकान से चोरी करते हुए पकड़े जाने पर राघव अपना-सा मुँह ले कर रह गया।
4. पाँव जमाना = पकड़ मज़बूत करना।
वाक्य – गीली जमीन पर जरा अपने पाँव जमा कर रखना, नहीं तो फिसल जाओगे।
5. दिल मचलना = ललचाना।
वाक्य – प्रत्येक बच्चे का खिलौनों के लिए दिल मचलता ही है।
6. औंधे मुँह गिरना = उलट कर गिरना, लज्जित होना।
वाक्य – अन्ना जी को झूठा सिद्ध करने की कोशिश में नेता जी को खुद ही औंधे मुँह गिरना पड़ा था।
7. हाथ में थमाना = देना।
वाक्य – मांगने पर मैंने अपना प्रमाण पत्र उनके हाथ में थमा दिया था।
8. अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत = नुकसान हो जाने के बाद पछताने का कोई लाभ नहीं होता।
वाक्य – जब परीक्षाएँ चल रही थीं तुम तब भी क्रिकेट खेलते रहे इसलिए तुम्हें फेल तो होना ही था और इसे ही तो कहते हैं कि अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत।
9. गहरी सोच में डूबना = चिन्तित होना।
वाक्य – बेटे की आवारागर्दी की बातें सुनकर बेचारा रामदीन गहरी सोच में डूब गया था।
(ख) विषय बोध
I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :
(क) रमेश और सुरेश में किस बात की समस्या थी ?
उत्तर:
उन दोनों में माँ को रखने के लिए पैसे देने की समस्या थी। रमेश अपने भाई से माँ को अपने साथ रखने के पैसे प्राप्त करना चाहता था।
(ख) चौधरी साहब ने रमेश और सुरेश को क्या समझाया ?
उत्तर:
चौधरी साहब ने उन्हें समझाया कि माँ जन्म देकर बच्चों को अपने पास रखती है न कि बच्चे उसे अपने पास रखते हैं।
(ग) दोनों भाइयों को क्या सीख मिली ?
उत्तर:
दोनों भाइयों को सीख मिली कि उन्हें माँ को सम्मानपूर्वक अपने साथ रखना चाहिए।
(घ) स्वाभिमान का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
स्वाभिमान का अर्थ है-अपनी क्षमता पर अभिमान।
(ङ) छोटा-सा लड़का क्या काम करता था ?
उत्तर:
छोटा-सा लड़का नौवीं में पढ़ता था और बीमार पिता की सहायता के लिए अखबार बांटता था।
(च) लेखक ने जब उसे कापियाँ देनी चाहीं तो उसने क्या उत्तर दिया ?
उत्तर:
लेखक ने जब उसे कापियाँ देनी चाहीं तो उसने उत्तर दिया कि जो कापियां नहीं ले सकते वे उन्हें कापियाँ दे दें।
(छ) चुन्नू ने माँ की अलमारी से क्या निकाला ?
उत्तर:
चुन्नू ने माँ की अलमारी से पचास रुपए का एक नोट निकाला।
(ज) पचास के नोट का उसने क्या किया ?
उत्तर:
पचास के नोट से उसने पटाखे खरीदे और घण्टा भर चलाए।
(झ) चुन्नू ने माँ की दवाई के लिए पैसे कैसे जुटाये ?
उत्तर:
चुन्नू ने कागज के फूल बेचकर दवाई के लिए पैसे जुटाये।
(ब) उसकी खुशी का ठिकाना क्यों न था ?
उत्तर:
माँ के बच जाने से उसकी खुशी का ठिकाना न था।
(ग) व्यावहारिक व्याकरण
I. निम्नलिखित शब्दों में उपसर्ग/प्रत्यय लगाकर नए शब्द बनायें :
उपसर्ग + मूल शब्द = नया शब्द
बे + रोक = ……………..
बे + काबू = ……………..
बे + शर्म = ……………..
बे + कार = ……………..
मूल शब्द + प्रत्यय = नया शब्द
खुश + ई = ……………..
निर्भीक + ता = ……………..
कोमल + ता = ……………..
नम्र + ता = ……………..
उत्तर:
उपसर्ग + मूल शब्द = नया शब्द
बे + रोक = बेरोक
बे + काबू = बेकाबू
बे + शर्म = बेशर्म
बे + कार = बेकार
मूल शब्द + प्रत्यय = नया शब्द
खुश + ई = खुशी
निर्भीक + ता = निर्भीकता
कोमल + ता = कोमलता
नम्र + ता = नम्रता।
II. पर्यायवाची शब्द लिखें :
अखबार = …………..
खुद = ……………..
मदद = ……………..
बीमार = ……………..
फूल = ……………..
जेब = ……………..
माँ = ……………..
उत्तर:
अख़बार = समाचार-पत्र
खुद = स्वयं
मदद = सहायता
बीमार = रुग्ण।
फूल = पुष्प
जेब = खीसा
माँ = मातृ
II. ‘कलाकार’ शब्द कला + कार से मिलकर बना है। इसी प्रकार अन्य शब्द बनायें :
चित्र + कार = ……………..
मूर्ति + कार = ……………..
नाटक + कार = ……………..
संगीत + कार = ……………..
साहित्य + कार = ……………..
उत्तर:
चित्र + कार = चित्रकार
मूर्ति + कार = मूर्तिकार
नाटक + कार = नाटककार
संगीत + कार = संगीतकार
साहित्य + कार = साहित्यकार।
IV. बहुवचन रूप लिखें :
कॉपी = कापियाँ
दवाई = ……………..
पोटली = ……………..
चारपाई = ……………..
अलमारी = ……………..
चिड़िया = ……………..
गुड़िया = ……………..
लुटिया = ……………..
बुढ़िया = ……………..
उत्तर:
कॉपी = कापियाँ
दवाई = दवाइयाँ
पोटली = पोटलियाँ
चारपाई = चारपाइयाँ
अलमारी = अलमारियाँ
चिड़िया = चिड़ियाँ
गुड़िया= गुड़ियाँ
लुटिया = लुटियाँ
बुढ़िया = बुढ़ियाँ।
(घ) आत्म बोध
आपने एक मुहावरा सुना होगा ‘अपना हाथ जगन्नाथ’। जिसका अर्थ है-अपने हाथ से काम करना सबसे अच्छा है। दूसरी तथा तीसरी लघु कथायें इसी मुहावरे को चरितार्थ करती हैं। अतः हमेशा याद रखें : कार्य कोई भी छोटा नहीं होता, उसके पीछे मन की भावना महान् होनी चाहिए।
(छ) रचना बोध
आप अपने परिवार/पड़ोस/मित्र/सम्बन्धी की क्या सहायता कर सकते हैं ? सोचिये और लिखिये।
उत्तर:
अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं कीजिए।
PSEB 8th Class Hindi Guide लघु कथाएँ (i) सीख (ii) स्वाभिमान (iii) मेहनत का करिश्मा Important Questions and Answers
बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें
प्रश्न 1.
रमेश के साथ उसकी माँ कितने महीनों से रह रही थी ?
(क) पाँच
(ख) सात
(ग) आठ
(घ) नौ।
उत्तर:
आठ।
प्रश्न 2.
रमेश के बड़े भाई का क्या नाम है ?
(क) सुरेश
(ग) गणेश
(घ) राकेश।
उत्तर:
सुरेश।
प्रश्न 3.
मुखिया चौधरी किस के साथ रह रहे थे ?
(क) भाई
(ख) मौसी
(ग) माँ
(घ) मामी।
उत्तर:
माँ।
प्रश्न 4.
सुरेश माँ को अपने पास क्यों नहीं रखना चाहता था ?
(क) पत्नी के कारण
(ख) बच्चों के कारण
(ग) छोटा घर था
(घ) आर्थिक तंगी।
उत्तर:
आर्थिक तंगी।
प्रश्न 5.
लड़का कौन-सी कक्षा में पढ़ता था ?
(क) सातवीं
(ख) आठवीं
(ग) नौवीं
(घ) दसवीं।
उत्तर:
नौवीं।
प्रश्न 6.
लड़का क्या बांटता था ?
(क) अखबार
(ख) कापियाँ
(ग) पुस्तकें
(घ) भोजन।
उत्तर:
अखबार।
प्रश्न 7.
चुन्नू का मन क्या कर रहा था ?
(क) खेलने जाना है।
(ख) मिठाई खानी है
(ग) पटाखे चलाने हैं
(घ) साइकिल लेनी है।
उत्तर:
पटाखे चलाने हैं।
प्रश्न 8.
चुन्नू ने कितने रुपए चुराए ?
(क) बीस
(ख) तीस
(ग) चालीस
(घ) पचास।
उत्तर:
पचास।
प्रश्न 9.
चुन्नू क्यों पछता रहा था ?
(क) मिठाई खाने पर
(ख) चोरी करने पर
(ग) खेलने जाने पर
(घ) माँ की चिंता न करने पर।
उत्तर:
चोरी करने पर।
प्रश्न 10.
चुन्नू के फूल कितने में बिके ?
(क) पचास रुपए में
(ख) एक सौ रुपए में
(ग) एक सौ दस रुपए में
(घ) एक सौ सात रुपए में।
उत्तर:
एक सौ सात रुपए में।
लघु कथाएँ-सीख,स्वाभिमान, मेहनत का करिश्मा Summary
लघु कथाएँ-सीख,स्वाभिमान, मेहनत का करिश्मा कथाओं का सार
1. सीख
सुरेश और रमेश दो भाई थे। उनकी माँ रमेश के साथ पिछले आठ महीने से रह रही थी। सुरेश अपनी माँ से मिलने और छोटे भाई को आर्थिक सहायता देने के लिए इस दौरान कभी नहीं आया था। एक बार सुरेश जब आया तो रमेश ने उससे साफ-साफ कह दिया कि माँ को उसके पास रखने के लिए खर्चे के कुछ पैसे भेजा करे। सुरेश ने अपनी कमज़ोर आर्थिक स्थिति के कारण ऐसा करने से मना कर दिया। उनमें यह भी बात हुई कि माँ छहछह महीनों के लिए बारी-बारी दोनों भाइयों के पास रहे। रमेश माँ को अपने पास रखना तो चाहता था पर बड़े भाई से माँ के खर्चे के लिए पैसे पाना चाहता था। जब वे आपस में मिल कर कोई निर्णय नहीं कर पा रहे थे तब उन्हें गाँव के मुखिया चौधरी जी दिखाई दिए। उन्होंने उनसे झगड़े को निपटाने के लिए कहा क्योंकि चौधरी साहब का भी एक भाई था पर उनकी माँ चौधरी साहब के साथ रहती थी। चौधरी साहब ने उन दोनों भाइयों से पूरी बात सुन कर कहा कि सच बात तो यह थी कि वे अपनी माँ के साथ रह रहे थे, न कि माँ उनके साथ रह रही थी। जब से उनका जन्म हुआ वे अपनी माँ के साथ रह रहे थे और यह उनका सौभाग्य था। उनकी बात सुन दोनों भाई सुरेश और रमेश ने शर्म से अपना सिर झुका लिया। इसके बाद रमेश ने कभी भी सुरेश से इस बात के लिए पैसे नहीं मांगे।
2. स्वाभिमान
पिछले कुछ दिन से अखबार बांटने वाले की जगह एक छोटा-सा लड़का साइकिल पर आने लगा था। कंपकंपाती सर्दी में सुबह-सवेरे उसका आना लोगों को अजीब-सा लगा था। उन्हें विचार आया कि शायद वह पढ़ने स्कूल न जाता हो। एक सुबह उसने उसे रोक कर पूछा कि क्या पढ़ने के लिए स्कूल नहीं जाता। उसने बताया कि वह नौवीं में पढ़ता था। पिता जी के बीमार होने के कारण वह उनकी मदद के लिए आ रहा था। लेखक ने उसे कुछ कॉपियाँ सहायता के रूप में देने की बात कही तो उसने कहा कि वह खुद अपने लिए कॉपियाँ ले सकता था। जो नहीं ले सकते थे, वे कापियां उन्हें दे दें।
3. मेहनत का करिश्मा
दीवाली का दिन था। गली के सब बच्चे पटाखे चला रहे थे। चुन्नू का मन भी पटाखे चलाने का था पर उसके पास पैसे नहीं थे। उसकी माँ बीमार थी। वह दबे पाँव माँ के कमरे में गया। उसने माँ की अलमारी में फटे-पुराने कपड़ों के नीचे से एक पोटली निकाली। उसमें पचास रुपये का एक ही नोट था जो कुछ कागज़ों के साथ बंधा हुआ था। उसने उस नोट को चुपके से जेब में रखा और बाज़ारं से उनके पटाखे खरीदे। घंटा भर बाद जब वह वापस घर आया तो माँ चारपाई पर औंधे मुंह पड़ी थी। बुलाने पर भी वह बोल नहीं रही थी। वह डॉक्टर को बुला लाया। डॉक्टर ने उसे कुछ दवाइयों के नाम लिख कर दिए और कहा कि माँ के जीवन के लिए उसे दो घंटे में दवाइयाँ अवश्य मिल जानी चाहिए थी। घर में एक पैसा भी नहीं था। वह पछता रहा था कि उसने चोरी क्यों की और क्यों उन पैसों से पटाखे चला दिए। वह गहरी सोच में था। अचानक उसे याद आया कि स्कूल में कुछ दिन पहले कागज़ के फूल बनाना सिखाया था। उसने झट से अलमारी में से सतरंगी कागज़ निकाले। तेज़ी से उनके फूल बनाने आरम्भ किए। एक डलिया में भर कर वह गली की नुक्कड़ में बैठ कर उन्हें बेचने लगा। फूल सुंदर थे। वे सभी शीघ्र ही एक सौ सात रुपये में बिक गए। वह माँ की दवाई लाया और उसकी माँ खतरे से बाहर हो गई।