PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 5 कार्यात्मक फर्नीचर

Punjab State Board PSEB 8th Class Home Science Book Solutions Chapter 5 कार्यात्मक फर्नीचर Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Home Science Chapter 5 कार्यात्मक फर्नीचर

PSEB 8th Class Home Science Guide कार्यात्मक फर्नीचर Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
कार्यात्मक फर्नीचर से क्या भाव है ?
उत्तर-
जो फर्नीचर किसी खास काम के लिए इस्तेमाल किया जाता हो।

प्रश्न 2.
सोने वाले कमरे में आरामदायक फर्नीचर होना चाहिए। बताओ क्यों ?
उत्तर-
सोने वाले कमरे में आरामदायक फर्नीचर होना चाहिए क्योंकि उठने-बैठने तथा सोने में कष्टदायक न हो।

प्रश्न 3.
कार्यात्मक फर्नीचर कितनी प्रकार का होता है ?
उत्तर-
दो प्रकार का-

  1. कार्यात्मक,
  2. केवल सजावटी।

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प्रश्न 4.
मेज़ के ऊपर सनमाइका लगाने का क्या लाभ है ?
उत्तर-
मेज़ के ऊपरी भाग पर सनमाइका लगाने से मेज़ साफ़ करना आसान रहता है।

प्रश्न 5.
किस प्रकार की लकड़ी फर्नीचर के लिए सबसे अच्छी रहती है ?
उत्तर-
टीक, महोगनी, गुलाब और अखरोट की लकड़ी फर्नीचर के लिए सबसे अच्छी रहती है।

प्रश्न 6.
पलंग का आम माप क्या होता है और बच्चों के लिए कैसा पलंग हो सकता
उत्तर-
पलंग का साधारण माप \(2 \frac{1}{2}\) से \(3 \frac{1}{2}\) तक चौड़ा और \(6 \frac{1}{2}\) फुट तक लम्बा होता है।
बच्चों के लिए छोटी चारपाई हो सकती है। इसका माप 4′ × 2′ होता है।

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प्रश्न 7.
पढ़ाई वाले मेज़ का आम माप क्या होता है ?
उत्तर-
पढ़ाई वाले मेज़ का साधारण माप \(2 \frac{1}{2}\) फुट × 4 फुट और ऊँचाई \(2 \frac{1}{2}\) फुट हो सकती है।

प्रश्न 8.
पढ़ाई वाले मेज़ पर कार्य करते समय किस प्रकार की कुर्सी का प्रयोग करना चाहिए ?
उत्तर-
पढ़ाई वाले मेज़ पर काम करते समय कुर्सी सीधी पीठ वाली और बाजू वाली प्रयोग करनी चाहिए।

लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
भारतीय मौसम के अनुसार किस तरह का फर्नीचर होना चाहिए ?
उत्तर-
भारतीय मौसम के अनुसार निम्नलिखित तरह का फर्नीचर होना चाहिए

  1. फर्नीचर नए डिज़ाइन का हो।
  2. फर्नीचर कमरे के आकार का हो।
  3. फर्नीचर आर्थिक दृष्टि से मितव्ययी हो।
  4. फर्नीचर स्थान की दृष्टि से मितव्ययी हो।
  5. फर्नीचर कमरे के लिए उपयोगी हो।
  6. फर्नीचर मज़बूत व टिकाऊ हो।
  7. फर्नीचर उपयोगी और सुन्दर होने के साथ-साथ आरामदायक हो।
  8. फर्नीचर उठाने-धरने में सुविधाजनक हो।
  9. फर्नीचर सदैव अच्छे कारीगर द्वारा बना हो।

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प्रश्न 2.
बैठने वाले और खाने वाले कमरों में कौन-कौन सा फर्नीचर होना ज़रूरी है ?
उत्तर-
बैठने वाले कमरों में फर्नीचर-सोफासेट, गद्देदार, कुर्सियाँ, मेज़, कॉफी टेबल,सेन्टर टेबल और आराम कुर्सियाँ। खाने वाले कमरों में फर्नीचर- भोजन की मेज़, कुर्सियाँ, परोसने की मेज़, साइड बोर्ड ट्राली (पहिए वाली मेज़)।

प्रश्न 3.
पढ़ाई वाले कमरे की आवश्यकता क्यों समझी जाती है ? इसमें किस तरह का फर्नीचर होना चाहिए ?
उत्तर-
शिक्षा के प्रसार से हमारे देश में भी पश्चिमी देशों की तरह पढ़ाई वाले कमरे की आवश्यकता है जिसमें बच्चों की पढ़ाई सही ढंग से हो सके। पढ़ाई वाले कमरे का फर्नीचर-पढ़ने वाला मेज़, कुर्सी, पुस्तकों की अलमारी आदि होनी चाहिएँ। मेज़ का आम माप 21/2 फुट × 4 फुट और ऊँचाई 272 फुट होती है। लेकिन मेज़ इससे लम्बा और चौड़ा भी हो सकता है। मेज़ इतना बड़ा होना चाहिए कि उस पर लैम्प, पुस्तकें, शब्दकोष, पेन, पेंसिलें आदि आसानी से आ सकें। अगर टाइपराइटर रखने की जगह हो सके तो और भी अच्छा है। कुर्सी सीधी पीठ वाली और बाजू वाली होनी चाहिए। इसकी सीट बेंत की या गद्देदार होनी चाहिए। यदि टाइपराइटर का प्रबन्ध हो तो कुर्सी पहियों वाली होनी चाहिए ताकि आवश्यकता पड़ने पर इसको टाइपराइटर की तरफ़ या मेज़ की तरफ़ घुमाया जा सके। पुस्तकों के लिए शैल्फ़ वाली अलमारी इस कमरे में होनी चाहिए। हमारे देश के मौसम के अनुसार शीशे वाली अलमारी होनी चाहिए क्योंकि मिट्टी, धूल से पुस्तकों को सुरक्षित रखा जा सके।

प्रश्न 4.
लकड़ी के फर्नीचर की किस तरह देखभाल करोगे ? ।
उत्तर-
लकड़ी के फर्नीचर की देखभाल के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए

  1. फर्नीचर की सफ़ाई प्रतिदिन की जानी चाहिए।
  2. फर्नीचर को बहुत सावधानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना चाहिए।
  3. फर्नीचर को खींचना या घसीटना नहीं चाहिए। फर्नीचर को रगड़ लगने से भी बचाना चाहिए।
  4. फर्नीचर पर किसी प्रकार की खाने की वस्तु न गिरे, यदि गिर भी जाए तो उसे तत्काल साफ़ कर देना चाहिए नहीं तो दाग-धब्बे पड़ने का डर रहता है।

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प्रश्न 5.
गद्देदार और चमड़े के फर्नीचर को किस तरह साफ़ करोगे ?
उत्तर-
गद्देदार और चमड़े के फर्नीचर को साफ़ करने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए

  1. प्रतिदिन साफ़ कपड़े से झाड़ना चाहिए।
  2. कभी-कभी पानी में नर्म साबुन का घोल बनाकर कपड़े के साथ घोल लगाकर चमड़े और रेक्सीन को साफ़ करना चाहिए।
  3. साफ़ करने के बाद पॉलिश करना चाहिए ताकि चमड़ा नरम हो जाए और कटे नहीं।

प्रश्न 6.
बैंत के फर्नीचर का क्या लाभ और हानियाँ हैं ?
उत्तर-
बैंत के फर्नीचर से निम्नलिखित लाभ हैं-

  1. बैंत का फर्नीचर लकड़ी से हल्का होता है।
  2. यह लकड़ी के फर्नीचर की अपेक्षा आसानी से बाहर निकाला जा सकता है।
  3. यह लकड़ी के फर्नीचर से सस्ता होता है।

बैंत के फर्नीचर की सफ़ाई-

  1. बैंत वाले फर्नीचर को रोज़ कपड़े या ब्रुश से साफ़ करना चाहिए।
  2. बैंत वाले फर्नीचर को नमक के पानी से साफ़ करना चाहिए।

हानियाँ-

  1. इस फर्नीचर को कुत्तों, बिल्लियों से बचाना पड़ता है।
  2. यह लम्बे समय तक चलने योग्य नहीं होता।

प्रश्न 7.
मीनाकारी वाले फर्नीचर के क्या लाभ और हानियाँ हैं ?
उत्तर-
लाभ-

  1. मीनाकारी फर्नीचर देखने में सुन्दर होता है।
  2. इससे कमरा आकर्षक लगता है।

हानियाँ-

  1. हमारे यहाँ तेज़ हवा चलती है जिस कारण मीनाकारी फर्नीचर पर धूलमिट्टी की परतें जम जाती हैं।
  2. इस फर्नीचर की आसानी से सही सफ़ाई नहीं होती।
  3. सफ़ाई न होने से यह अनाकर्षक दिखायी देने लगता है।

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प्रश्न 8.
फर्नीचर पर घी, तेल, पेंट और लुक आदि के दाग कैसे दूर किये जा सकते
उत्तर-
फर्नीचर पर लगे घी, तेल, पेंट तथा तारकोल आदि के धब्बे निम्नलिखित ढंग से दूर किये जा सकते हैं

  1. तरल पदार्थों को किसी साफ़ कपड़े से पोंछ देना चाहिए।
  2. चिकने और चिपकने वाले दागों के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करना चाहिए। आवश्यकता हो तो किसी नरम साबुन का इस्तेमाल करना चाहिए। लकड़ी को अधिक गीला नहीं करना चाहिए।
  3. यदि लकड़ी पर कोई गर्म बर्तन रखा जाए तो भी उस पर दाग पड़ जाते हैं। इस तरह के दाग पर कुछ दिन थोड़ा सा युक्लिप्टस का तेल या पीतल का पॉलिश लगाकर अच्छी तरह रगड़ना चाहिए। 8-10 दस दिनों के बाद दाग उतर जाएगा।
  4. पेन्ट या रोगन के दाग के लिए मैथिलेटिड स्पिरिट इस्तेमाल में लानी चाहिए और फर्नीचर पर पॉलिश करनी चाहिए।
  5. स्याही के दाग के लिए ऑग्जैलिक तेज़ाब का हल्का घोल इस्तेमाल करना चाहिए।
  6. रगड़ के निशानों को दूर करने के लिए उबालकर ठंडा किया अलसी का तेल इस्तेमाल करना चाहिए।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
फर्नीचर का चुनाव करते समय कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखना आवश्यक है ?
उत्तर-
फर्नीचर के चुनाव में निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना आवश्यक है
(1) उपयोगिता,
(2) सुन्दरता,
(3) डिज़ाइन,
(4) आरामदेही,
(5) मूल्य,
(6) मज़बूती,
(7) आकार।
1. उपयोगिता-केवल उपयोगी फर्नीचर का ही चुनाव करना चाहिए। अनुपयोगी फर्नीचर कितना ही सुन्दर क्यों न हो, वह हमारे लिए कोई महत्त्व नहीं रखता।

2. सुन्दरता-फर्नीचर आकर्षक व सन्तोषजनक होना चाहिए। सामान्य नियमों का पालन करते हुए सुन्दरता पर ध्यान देना चाहिए।

3. बनावट (डिज़ाइन)-मकान की बनावट के अनुसार फर्नीचर आधुनिक, सादा या पुराने डिज़ाइन का हो सकता है। आधुनिक मकान में पुराने डिज़ाइन का फर्नीचर शोभा नहीं देता। आधुनिक मकान का सभी फर्नीचर आधुनिक ही होना चाहिए।

4. आरामदेही-फर्नीचर की विशेषता उसका आरामदेह होना है। उठने-बैठने तथा सोने में कष्ट देने वाले फर्नीचर कितने ही सुन्दर क्यों न हों, बेकार होते हैं।

5. मूल्य-घर की आर्थिक स्थिति तथा फर्नीचर के मूल्य में तालमेल होना चाहिए। अपनी आर्थिक स्थिति से बाहर निकलकर खर्च करना बुद्धिमानी नहीं है। बहुत सस्ता फर्नीचर भी नहीं खरीदना चाहिए क्योंकि वह टिकाऊ नहीं हो सकता।

6. मज़बूती-फर्नीचर सुन्दर होने के साथ-साथ मज़बूत भी होना चाहिए। चीड की लकड़ी का फर्नीचर शीघ्र टूट जाता है। सागवान व शीशम की लकड़ी का फर्नीचर मज़बूत होता है। स्टील या लोहे के फर्नीचर में चादर की मज़बूती का ध्यान रखना चाहिए।

7. आकार- फर्नीचर का चुनाव कमरे के आकार के आधार पर ही करना चाहिए। छोटे कमरों में छोटे आकार का फर्नीचर और बड़े कमरों में बड़े आकार का फर्नीचर ही उपयुक्त रहता है।

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प्रश्न 2.
लकड़ी के फर्नीचर पर रगड़ के निशानों को कैसे दूर कर सकते हैं ?
उत्तर-
लकड़ी के फर्नीचर पर रगड़ के निशानों को दूर करने के लिए अलसी का तेल उबालकर ठंडा करके प्रयोग किया जाता है।

Home Science Guide for Class 8 PSEB कार्यात्मक फर्नीचर Important Questions and Answers

I. बहुविकल्पी प्रश्न

प्रश्न 1.
ग़लत तथ्य हैं
(क) बैंत का फर्नीचर लकड़ी से हल्का होता है।
(ख) पढ़ाई वाली मेज़ 4 फुट ऊंची होती है।
(ग) सजावटी फर्नीचर केवल सजावट के लिए होता है।
(घ) सभी ठीक।
उत्तर-
(ख) पढ़ाई वाली मेज़ 4 फुट ऊंची होती है।

प्रश्न 2.
ठीक तथ्य है
(क) फर्नीचर दो प्रकार का होता है।
(ख) सब से अच्छा फर्नीचर लकड़ी का होता है।
(ग) फर्नीचर आराम दायक होना चाहिए।
(घ) सभी ठीक।
उत्तर-
(घ) सभी ठीक।

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प्रश्न 3.
ठीक तथ्य है
(क) बैंत वाले फर्नीचर को नमक वाले पानी से साफ करना चाहिए।
(ख) मीनाकारी वाले फर्नीचर से कमरा आकर्षक लगता है।
(ग) बैंत का फर्नीचर लकड़ी के फर्नीचर से सस्ता होता है।
(घ) सभी ठीक।
उत्तर-
(घ) सभी ठीक।

II. ठीक/गलत बताएं

  1. पुराने फर्नीचर भारी तथा नक्काशीदार होते हैं।
  2. फर्नीचर का चयन कमरे के रंग, आकार अनुसार करें।
  3. देवदार, अखरोट की लकड़ी हल्की होती है।
  4. बहु-उद्देशीय फर्नीचर कम स्थान लेता है।

उत्तर-

  1.  ✓

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III. रिक्त स्थान भरें

  1. फर्नीचर का चयन कमरे के ……………….. के अनुसार करें।
  2. पढ़ाई वाले कमरे में कुर्सी ………………. तथा बाजू वाली होनी चाहिए।
  3. मेज़ के ऊपर ……………….. लगा होना चाहिए।
  4. लकड़ी के फर्नीचर पर रगड़ दूर करने के लिए …… का तेल प्रयोग करें।
  5. स्याही के दाग़ दूर करने के लिए ……………….. प्रयोग करें।

उत्तर-

  1. रंग, आकार,
  2. सीधी पीठ वाली,
  3. सनमाईका,
  4. अलसी,
  5. आग्जैलिक तेज़ाब।

IV. एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
सबसे अच्छा फर्नीचर किसका होता है ?
उत्तर-
लकड़ी का।

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प्रश्न 2.
जो फर्नीचर बार-बार हटाये या खिसकाये जाएं, वे किस प्रकार की लकड़ी के बने होते हैं ?
उत्तर-
हल्की लकड़ी (देवदार, अखरोट) आदि के।

प्रश्न 3.
बच्चों के फर्नीचर किसके बने होने चाहिएँ ?
उत्तर-
बेंत के।

प्रश्न 4.
पुराने फर्नीचर किस प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
भारी और नक्काशीदार।

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प्रश्न 5.
आधुनिक फर्नीचर कैसे होते हैं तथा इनके डिज़ाइन क्या हैं ? .
उत्तर-
हल्के तथा तरल डिज़ाइन वाले।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
फर्नीचर के अन्तर्गत कौन-कौन सी वस्तुएँ आती हैं ?
उत्तर-
मेज़, कुर्सी, पलंग, चौकी, तिपाई, सोफा, मूढा, बुक-रैक, अलमारी आदि।

प्रश्न 2.
फर्नीचर कितने प्रकार का होता है ?
उत्तर-

  1. लकड़ी का,
  2. बेंत का,
  3. गद्देदार का,
  4. लोहे का,
  5. कामचलाऊ,
  6. अलंकृत, तथा
  7. स्थान बचाऊ या फोल्डिंग।

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प्रश्न 3.
फर्नीचर किस किस्म की लकड़ी का हो सकता है ?
उत्तर-
फर्नीचर लकड़ी मज़बूत और अच्छी तरह पकी हुई लकड़ी का हो सकता है।

प्रश्न 4.
कार्यात्मक फर्नीचर से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
जो फर्नीचर किसी खास काम के लिए प्रयोग किया जाता हो।

प्रश्न 5.
फर्नीचर के दो आवश्यक गुण बताओ।
उत्तर-

  1. आरामदायकता,
  2. मज़बूती।

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प्रश्न 6.
बैठक में क्या-क्या फर्नीचर होता है ?
उत्तर-
सोफासेट, गद्देदार, कुर्सियाँ, मेज़, कॉफी टेबत, केन्टर टेबल और आराम कुर्सियाँ ।

प्रश्न 7.
भोजन कक्ष में इस्तेमाल होने वाला फीस कौन-सा होता है ?
उत्तर-
भोजन की मेज़, कुर्सियाँ, परोसने की मेज़, साइड छोर्ड ट्राली (पहिये वाली मेज़)।

प्रश्न 8.
सोने के कमरे का फर्नीचर बताओ।
उत्तर-
सिंगल या डबल बैड, साइड मेज़, ड्रेसर खानों सहित, ड्रेसिंग टेबल, लोहे या लकड़ी की अलमारी, आराम कुर्सी।।

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प्रश्न 9.
फर्नीचर खरीदते समय कौन-सी आवश्यक बातें ध्यान में रखनी चाहिएँ ?
उत्तर-

  1. उपयोगिता,
  2. सुन्दरता,
  3. डिज़ाइन,
  4. मूल्य,
  5. आरामदायकता,
  6. मज़बूती,
  7. आकार, तथा
  8. परिवार के सदस्यों की रुचि।

प्रश्न 10.
फर्नीचर के मुख्य लाभ क्या हैं ?
उत्तर-

  1. घर में उठने-बैठने के लिए,
  2. शरीर को आराम पहुँचाने के लिए,
  3. काम करने में सुविधा प्रदान करना,
  4. घर की सजावट,
  5. सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति का परिचय तथा
  6. वस्तुओं की सुरक्षा।

प्रश्न 11.
फर्नीचर बनाने में प्रायः कौन-कौन सी लकड़ी का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
देवदार, आबनूस, शीशम, आम, सागवान, अखरोट, चीड़ आदि।

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प्रश्न 12.
बेंत से कौन-से फर्नीचर बनाए जाते हैं ?
उत्तर-
मोटी बेंत से कुर्सी,सोफा, मेज़ और मूढ़े बनाये जाते हैं।

प्रश्न 13.
बेंत के फर्नीचर किस स्थान के लिए अधिक उपयोगी होते हैं ?
उत्तर-
बगीचे, बरामदे और आँगन के लिए। बच्चों के कमरों में भी ऐसे फर्नीचर उचित रहते हैं।

प्रश्न 14.
अच्छे फर्नीचर की क्या विशेषता होती है ?
उत्तर-
अच्छा फर्नीचर उपयोगी, मज़बूत, नये डिज़ाइन का, कम कीमत का तथा आरामदेह होता है।

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प्रश्न 15.
फर्नीचर का चुनाव करते समय कमरे के आकार का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
फर्नीचर कमरे के आकार के अनुसार ही होना चाहिए। जैसे छोटे कमरे में अधिक या बड़े आकार के फर्नीचर से कमरा भरा लगेगा तथा चलने फिरने की जगह भी नहीं रहेगी।

प्रश्न 16.
सजावटी फर्नीचर से क्या भाव है ?
उत्तर-
ऐसा फर्नीचर घर की सजावट के लिए प्रयोग होता है। इस फर्नीचर पर नक्काशीदार खुदाई की होती है।

लघ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
फर्नीचर से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
फर्नीचर’ शब्द से अभिप्राय ऐसे सामान से है जो प्रतिदिन उठने-बैठने, आराम करने, विभिन्न वस्तुओं को सुरक्षित रखने आदि के काम आता है। इसके अन्तर्गत कुर्सी, मेज़, सोफा, मूढा, तिपाई, पलंग, तख्त, चारपाई, डोली, बेंच, बुक-रैक तथा अलमारी आदि भी फर्नीचर में आते हैं।

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प्रश्न 2.
घर में फर्नीचर का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
घर में फर्नीचर का महत्त्व निम्नलिखित प्रकार है-

  1. फर्नीचर घर की आन्तरिक सजावट के लिए आवश्यक है।
  2. फर्नीचर से व्यक्ति की मान-मर्यादा और प्रतिष्ठा को बढ़ावा मिलता है।
  3. घर में सुसज्जित फर्नीचर से परिवार के व्यक्तित्व की झलक दिखाई देती है।
  4. वस्तुओं को सुरक्षित रखने एवं कार्यों को सुविधापूर्वक करने के लिए भी फर्नीचर अत्यन्त आवश्यक है।

प्रश्न 3.
फर्नीचर कितने प्रकार का होता है ?
उत्तर-
फर्नीचर का विभाजन तीन प्रकार से किया जा सकता है-
(1) फर्नीचर किस वस्तु का बना है ?
(2) कीमत के आधार पर।
(3) उपयोगिता के आधार पर।

  1. फर्नीचर किस वस्तु का बना है ?
    • लकड़ी का फर्नीचर।
    • बेंत का फर्नीचर।
    • बाँस का फर्नीचर।
    • गद्देदार फर्नीचर।
    • लोहे का फर्नीचर।
    • एल्यूमिनियम का फर्नीचर।
  2.  कीमत के आधार पर-
    • कम लागत का फर्नीचर।
    • मध्यम लागत का फीचर।
    • उच्च लागत का फर्नीचर।
  3. उपयोगिता के आधार पर-
    • बैठने के लिए फर्नीचर।
    • मध्यम लागत का फर्नीचर।
    • कार्य सम्पादन के लिए फर्नीचर।
    • सामान को सुरक्षित रखने के लिए फर्नीचर।

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प्रश्न 4.
लकड़ी के फर्नीचर पर पॉलिश के सामान्य नियम क्या हैं ?
उत्तर-

  1. पॉलिश या वार्निश लगाने से पूर्व फर्नीचर पर पड़े धूल कण तथा गन्दगी को मुलायम झाड़न से पोंछकर साफ़ कर देना चाहिए।
  2. फर्नीचर को गुनगुने पानी से या सोडे से धोने पर ऊपरी मैल तथा धब्बे छूट जाते हैं।
  3. पूरा फर्नीचर एक साथ गीला नहीं करना चाहिए। थोड़ा-थोड़ा भाग गीला करके साफ़ करते जाना चाहिए।
  4. पॉलिश लगाने अथवा चमकाने के पूर्व लकड़ी को पूर्णतः सूख जाना चाहिए।
  5. फर्नीचर पर चमक लाने के लिए साफ़ और मुलायम कपड़े से अधिक ज़ोर देकर जल्दी-जल्दी रगड़ना चाहिए।

प्रश्न 5.
फर्नीचर खरीदते समय आप किन-किन बातों का ध्यान रखोगी ?
उत्तर-

  1. फर्नीचर नए डिज़ाइन का हो।
  2. फर्नीचर कमरे के आकार के अनुरूप हो।
  3. फर्नीचर आर्थिक दृष्टि से मितव्ययी हो।
  4. फर्नीचर स्थान की दृष्टि से मितव्ययी हो।
  5. फर्नीचर कमरे के लिए उपयोगी हो।
  6. फर्नीचर मज़बूत व टिकाऊ हो।
  7. फर्नीचर उपयोगी और सुन्दर होने के साथ-साथ आरामदायक हो।
  8. फर्नीचर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में सुविधाजनक हो।
  9. फर्नीचर सदैव अच्छे कारीगर द्वारा बना हो।

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प्रश्न 6.
फर्नीचर की देखभाल के नियम बताइए।
उत्तर-
फर्नीचर की देखभाल के लिए निम्नलिखित नियमों का पालन करना चाहिए-

  1. फर्नीचर पर गद्दियों तथा कवर आदि का प्रयोग करना चाहिए।
  2. फर्नीचर की टूट-फूट होने पर उसकी मरम्मत तुरन्त करवानी चाहिए।
  3. फर्नीचर को रोज़ सूखे कपड़े से पोंछकर साफ़ रखना चाहिए।
  4. नक्काशीदार फर्नीचर को ब्रुश के प्रयोग से साफ़ रखना चाहिए।
  5. फर्नीचर को नमी या धूप के स्थान पर नहीं रखना चाहिए।
  6. आवश्यकता अनुभव होने पर फर्नीचर की पॉलिश करवानी चाहिए।
  7. फर्नीचर उठाते या सरकाते समय सावधानी बरतनी चाहिए।

प्रश्न 7.
बहुउद्देशीय स्थान-बचाऊ की क्या उपयोगिता है ?
उत्तर-
बहुउद्देशीय स्थान-बचाऊ फर्नीचर फोल्डिंग (मुड़ने वाला) फर्नीचर होता है, जैसे सोफा-कम-बैड, फोल्डिंग कुर्सियाँ, मशीन कवर-कम-टेबल आदि। छोटे घरों में इसकी बहुत उपयोगिता होती है-

  1. यह स्थान कम घेरता है।
  2. फोल्डिंग सोफे को रात्रि में खोलकर पलंग का काम लिया जा सकता है।
  3. रात्रि में फोल्डिंग कुर्सियों व मेज़ आदि को फोल्ड करके रख देने से छोटे घर में स्थान की समस्या हल हो जाती है।
  4. तबादले के समय सामान एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में सुविधा रहती है।

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प्रश्न 8.
मुख्य प्रकार के फर्नीचर तथा उनके उदाहरण बताओ।
उत्तर-

  1. लकड़ी का फर्नीचर-कुर्सी, मेज़, पलंग, चौकी,तख्त, अलमारी आदि।
  2. बेंत का फर्नीचर-कुर्सी, मेज़, सोफा, मूढ़े आदि।
  3. गद्देदार फर्नीचर-सोफा, गद्देदार, कुर्सियाँ आदि।
  4. लोहे का फर्नीचर-फोल्डिंग टेबल, कुर्सियाँ, अलमारियाँ, रैकं आदि।
  5. अलंकृत फर्नीचर- नक्काशीदार फर्नीचर।
  6. काम चलाऊ फर्नीचर-बॉक्स पर गद्दी, बिछाकर बेंच के रूप में, लकड़ी की पेटियों की बुक-रैक, क्रॉकरी तथा बर्तन रखने की अलमारी आदि।

प्रश्न 9.
घर में कौन-कौन से फर्नीचर प्रयोग में लाये जाते हैं ?
उत्तर-
घर में निम्नलिखित फर्नीचर प्रयोग में लाए जाते हैं-

  1. सोफासेट-लकड़ी का, स्प्रिंग वाला गद्देदार, फोम रबड़ का, बेंत का या फोल्डिंग।
  2. कुर्सियाँ-साधारण, ड्राइंग रूम के लिए, भोजन कक्ष के लिए, अध्ययन कक्ष के लिए फोल्डिंग कुर्सी तथा आराम कुर्सियाँ।
  3. मेज़-बैठक के लिए केन्द्रीय मेज़, बगल वाली मेज़, कोने वाली मेज़ व कॉफी मेज़, खाने की मेज़ (डाइनिंग टेबल), श्रृंगार मेज़, पढ़ने की मेज़।
  4.  चारपाई तथा पलंग।
  5. तख्त और दीवान।
  6. अलमारियाँ-दीवार में बनी, लकड़ी की, स्टील की तथा रैक।
  7. शो केस।
  8. वॉल केबिनेट।

प्रश्न 10.
‘महँगा रोए एक बार सस्ता रोए बार-बार’ पर टिप्पणी दो।
उत्तर-
घर के उपयोग की कुछ वस्तुएँ ऐसी होती हैं जिन्हें जीवन में प्रायः एक-दो बार ही खरीदा जाता है, जैसे-मकान, टी० वी०, फ्रिज़, फर्नीचर आदि। ऐसी वस्तुएँ जब खरीदी जाती हैं तब उनके मूल्य की ओर इतना ध्यान न देकर उनकी मज़बूती, आरामदेहता तथा बनावट की ओर अधिक ध्यान दिया जाता है। कुछ लोग नासमझी में सस्ती वस्तुएँ खरीद तो लेते हैं, परन्तु उनके खराब होने या टूट जाने पर उन्हें दूसरी बार या कई बार खरीदना पड़ता है। तात्पर्य यह है कि एक ही बार सोच-समझकर अधिक पैसे खर्च कर अच्छी चीज़ खरीदना या कम पैसे खर्च कर सस्ती चीज़ कई बार खरीदना, इन दोनों बातों के आधार पर ही यह कथन है कि ‘महँगा रोए एक बार’ ‘सस्ता रोए बार-बार’।

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
विभिन्न प्रकार के फर्नीचर का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
फर्नीचर विभिन्न प्रकार के होते हैं जो निम्नलिखित हैं-
1. लकड़ी का फर्नीचर-लकड़ी का फर्नीचर हल्का होता है। यह धूप तथा पानी से खराब हो जाता है। घरों में काम आने वाला अधिकतर फर्नीचर, जैसे-मेज़, कुर्सी, पलंग, अलमारी, चौकी आदि प्रायः लकड़ी का ही बना होता है। इस प्रकार के फर्नीचर देवदार, शीशम, आम, सागवान, अखरोट, चीड़, आबनूस आदि लकड़ी के बनते हैं। फर्नीचर की कीमत लकड़ी पर निर्भर करती है। सागवान तथा शीशम का फर्नीचर सुदृढ़, आकर्षक, भारी एवं मज़बूत होता है। आजकल पर्ती लकड़ी (प्लाइवुड) का फर्नीचर भी बनाया जाता है।

2. बेंत का फर्नीचर-बेंत का फर्नीचर विभिन्न रंगों का तथा हल्का होता है। बेंत का फर्नीचर मज़बूत नहीं होता। यह देखी में सुन्दर लगता है। बच्चों के कमरों में इस प्रकार का फर्नीचर उपयोगी होता है। बेंत का फर्नीचर बगीचे, बरामदे तथा आँगन के लिए भी उपयोगी होता है। लकड़ी की कुर्सी में भी बेंत का जाल बुना जा सकता है। मोटी बेंत द्वारा कुर्सी, मेज़, सोफा, मूढ़े आदि बनाये जाते हैं।

3. गद्देदार फर्नीचर-गद्देदार फर्नीचर, जैसे-सोफासेट, गद्देदार कुर्सियाँ, तिपाई आदि लकड़ी या धातु के ढाँचे में जूट, नारियल के रेशे, रूई तथा भूसा आदि भरकर तथा स्प्रिंग डालकर बनाए जाते हैं। इन्हें ऊपर से चमड़े, रेक्सीन या प्लास्टिक से ढका जाता है। गद्दों में फोम, रबर, डनलप का प्रयोग भी किया जाता है। ये टिकाऊ तथा आरामदायक होता है।

4. स्टील या लोहे का फर्नीचर-स्टील या लोहे का फर्नीचर प्रायः लोहे की चादरों तथा खोखले पाइप से बनाया जाता है। लोहे का फर्नीचर हल्का तथा मज़बूत होता है। इस पर आसानी से रंग चढ़ाया जा सकता है। इसमें सीलन तथा कीड़े-मकोड़े नहीं घुस सकते। इससे बनी कुर्सियों में गद्दों का तथा गद्दों पर रेक्सीन व चमड़े का कवर लगाया जाता है। इसके अन्तर्गत मुड़ने वाला (फोल्डिंग) फर्नीचर भी आता है। सुरक्षा की दृष्टि से मूल्यवान वस्तुओं को रखने के लिए स्टील की पेटियाँ तथा अलमारियाँ काम में लाई जाती हैं।

5. बाँस का फर्नीचर-बाँस से सोफासेट, गोल एवं चौकोर कुर्सियाँ, मेज़, मूढ़े आदि बनाए जाते हैं। ये अधिक सस्ते होते हैं तथा इन पर पॉलिश की जा सकती है। ये अधिक हल्के होते हैं।

6. एल्यूमीनियम का फर्नीचर-आजकल एल्यूमीनियम की बनी नलियों के फ्रेम वाले फर्नीचर प्रचलित हो गए हैं। कुर्सियों, स्टूलों, मेज़ों और पलंगों के फ्रेम एल्यूमीनियम के बनने लगे हैं। ये सस्ते और हल्के होते हैं। इन पर नायलॉन की तारों और निवाड़ की बुनाई होती है।

7. कामचलाऊ फर्नीचर-धन की कमी के कारण उपलब्ध सामग्री को फर्नीचर के रूप में प्रयोग किया जा सकता है, जैसे सामान की पेटी पर गद्दी तथा चादर बिछाकर बेंच का काम लिया जा सकता है। कम दामों में लकड़ी की पेटियाँ खरीदकर उनसे बुक-रैक, क्रॉकरी तथा बर्तन रखने की अलमारी बनायी जा सकती है।

8. अलंकृत फर्नीचर-कुछ फर्नीचर नक्काशीदार खुदाई किए हुए भी बनाया जाता है। इस प्रकार के फर्नीचर पर धूल-मिट्टी की पर्ते जम जाती है। इस फर्नीचर की आसानी से सही सफ़ाई नहीं हो पाती। सफ़ाई न होने से यह अनाकर्षक दिखायी देने लगता है।

9. आधुनिक स्थानबचाऊ बहुउद्देशीय फर्नीचर-आज बड़े-बड़े शहरों जैसे मुम्बई, कोलकाता, दिल्ली आदि में स्थान की कमी के कारण आधुनिक स्थानबचाऊ फर्नीचर का उपयोग किया जाता है। स्थानबचाऊ बहुउद्देशीय फर्नीचर फोल्डिंग होता है, जैसे सोफाकम-बैड जिसे दिन में सोफे के रूप में तथा रात्रि में उसे खोलकर बिस्तर के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। सिलाई मशीनें भी इस तरह की होती हैं जिसमें आवश्यकतानुसार पहिया लगाकर चौकोर मेज़ के रूप में प्रयोग किया जाता है। आजकल विभिन्न प्रकार के फोल्डिंग, मेज़, कुर्सी, पलंग बनाये जाते हैं जो बन्द करके रखे जा सकते हैं।

प्रश्न 2.
आप घर में अलग-अलग प्रकार के फर्नीचर की देखभाल कैसे करेंगे ?
उत्तर-
स्वयं करें।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 5 कार्यात्मक फर्नीचर

कार्यात्मक फर्नीचर PSEB 8th Class Home Science Notes

  • फर्नीचर दो प्रकार के होते हैं-कार्यात्मक और सजावट वाले।
  • कार्यात्मक फर्नीचर वह होता है जिसका अलग-अलग काम हो।
  • सजावटी फर्नीचर केवल सजावट के लिए होता है।
  • फर्नीचर खरीदते समय डिज़ाइन का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है।
  • सबसे अच्छा फर्नीचर लकड़ी का होता है।
  • फर्नीचर के जोड़ मज़बूत होने चाहिएँ।
  • फर्नीचर आरामदेह होना चाहिए।
  • लकड़ी के फर्नीचर को प्रतिदिन बड़े ध्यान से साफ़ करना चाहिए।
  • लकड़ी के फर्नीचर पर कोई चीज़ गिर जाए तो उसको वहीं सूखने नहीं देना चाहिए। उसको उसी समय साफ़ कर देना चाहिए।
  • चिकने और चिपकने वाले दागों के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • पेंट या रोगन के दाग के लिए मैथिलेटिड स्पिरिट इस्तेमाल में लानी चाहिए और फर्नीचर पर पॉलिश करनी चाहिए।
  • साल में एक दो बार फर्नीचर को अच्छी तरह साफ़ करके पॉलिश करना चाहिए।
  • चाय, कॉफी, कलों के रस के दागों के लिए पानी में थोड़ा-सा नरम साबुन घोलकर कपड़े के साथ साफ़ करना चाहिए।
  • गद्देदार फर्नीचर को आवश्यकतानुसार ड्राइक्लीन करवाना चाहिए।
  •  बेंत वाले फर्नीचर को नमक वाले पानी से साफ़ करना चाहिए।

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