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PSEB 8th Class Science Notes Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार
→ आकाश, बिंदु समान असंख्य तारों से भरा होता है। कुछ तारे बहुत चमकीले और कुछ अपेक्षाकृत मंद होते हैं। कुछ तारे टिमटिमाते भी हैं।
→ आकाश में चंद्रमा सबसे अधिक चमकता पिंड है।
→ चंद्रमा, तारे, ग्रह और आकाश में अन्य पिंड खगोलीय पिंड (Object) कहलाते हैं।
→ पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूर्ण चक्रिका दिखाई पड़ती है, जबकि अमावस्या को चंद्रमा दिखाई नहीं देता।
→ चंद्रमा, एक छोटे भाग (बालचंद्र) से बढ़ते हुए पूर्ण चक्र और पूर्ण चक्र से घटते हुए शून्य चंद्रमा में अपनी आकृतियाँ बदलता रहता है। इन्हें चंद्रमा की कलाएँ (Phases of moon) कहते हैं।
→ चंद्रमा, सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करता है, क्योंकि इसका अपना प्रकाश नहीं होता।
→ चंद्रमा, पृथ्वी की परिक्रमा करता है और पृथ्वी चंद्रमा सहित सूर्य की परिक्रमा करती है।
→ चंद्रमा, पृथ्वी की एक परिक्रमा पूरा करने में अपने अक्ष पर घूर्णन पूरा करता है।
→ चंद्रमा का पृष्ठ धूल भरा, निर्जन और विभिन्न आमापों के गर्त से भरा पड़ा है।
→ चंद्रमा पर न तो वायुमंडल हैं और न ही जल।
→ 21 जुलाई, 1969 को अमेरिका के नील आर्मस्ट्रांग ने सबसे पहले चंद्रमा पर कदम रखा।
→ सूर्य के पश्चात्, पृथ्वी के निकटतम तारा एल्फा सेन्टारी (Alpha Centuri) है। इसकी दूरी पृथ्वी से लगभग 40 बिलियन किलोमीटर है।
→ प्रकाश द्वारा एक वर्ष में तय की गई दूरी, प्रकाश वर्ष कहलाती है।
→ सूर्य की पृथ्वी से दूरी लगभग 8 प्रकाश मिनट है।
→ ऐल्फा सेन्टारी लगभग 4.3 प्रकाश वर्ष दूर है।
→ दिन के समय, सूर्य के तीव्र प्रकाश में तारे दिखाई नहीं देते।
→ तारे, पूर्व से पश्चिम की ओर गति करते प्रतीत होते हैं।
→ तारों की गति, पृथ्वी के अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व दिशा में घूर्णन कारण होती है।
→ ध्रुव तारा आकाश में स्थिर प्रतीत होता है, क्योंकि यह पृथ्वी के अक्ष की दिशा में स्थित है।
→ पहचानने योग्य आकृतियों वाले तारों के समूह को तारामंडल (Constellation) कहते हैं।
→ ऊर्सा मेजर/बिग डिपर/ग्रेट बियर/सप्तऋषि गर्मियों का एक विख्यात तारामंडल है।
→ सभी तारे, ध्रुव तारे की परिक्रमा करते हैं।
→ ओरायन, कैसियोपिया आदि अन्य तारामंडल हैं।
→ सूर्य और अन्य खगोलीय पिंड (ग्रह, धूमकेतु, क्षुद्रग्रह उल्काएँ, उपग्रह), जो सूर्य के गिर्द परिक्रमा करते हैं, सौर परिवार बनाते हैं।
→ ग्रहों के नाम हैं-बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस, प्लूटो तथा नेप्ट्यून।
→ सूर्य सबसे बड़ा तारा है, जो निरंतर विशाल मात्रा में ऊष्मा तथा प्रकाश उत्सर्जित कर रहा है।
→ ग्रह, तारों के समान हैं, परंतु अपने प्रकाश के बिना और यह सूर्य के गिर्द निश्चित पथ में परिक्रमा करते और अपने अक्ष की परिक्रमा भी करते हैं।
→ किसी खगोलीय पिंड की परिक्रमा करने वाले अन्य खगोलीय पिंड को उपग्रह (Satellite) कहते हैं।
→ चंद्रमा पृथ्वी का प्राकृतिक उपग्रह (Natural Satellite) है।
मानव निर्मित उपग्रह, जो पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं, कृत्रिम उपग्रह (Artificial Satellite) कहलाते हैं।
→ बुध ग्रह, सूर्य से निकटतम है। इसका कोई उपग्रह नहीं है।
→ शुक्र ग्रह, पृथ्वी का निकटतम पड़ोसी है और चंद्रमा जैसी कलाएँ दर्शाता है।
→ पृथ्वी ही एकमात्र ग्रह है, जिस पर जीवन का अस्तित्व है। बृहस्पति सबसे बड़ा ग्रह है, जिसका द्रव्यमान, पृथ्वी के द्रव्यमान का लगभग 318 गुणा है।
→ बृहस्पति के कई प्राकृतिक उपग्रह हैं और इसके चारों ओर वलय भी हैं।
→ शनि ग्रह पीले रंग का है। यह अद्वितीय है, क्योंकि इसके चारों ओर रमणीय वलय है।
→ शनि सब ग्रहों से कम सघन है और उसके कई प्राकृतिक ग्रह हैं।
→ यूरेनस और नेप्ट्यून सौर ग्रह के बाह्यतम ग्रह हैं, इन्हें केवल बड़े शक्तिशाली दूरदर्शकों की सहायता से देखा जा सकता है।
→ आंतरिक ग्रहों में बुध, शुक्र, पृथ्वी तथा मंगल ग्रह हैं। यह सूर्य के निकट ग्रह हैं।
→ बाह्य ग्रहों में बृहस्पति, शनि, यूरेनस तथा नेप्ट्यून ग्रह हैं और सूर्य से बहुत दूर हैं।
→ मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के बीच काफ़ी बड़ा अंतराल है, जो बहुत सारे छोटे-छोटे पिंडों से भरा पड़ा है, जिन्हें क्षुद्र ग्रह (Asteroids) कहते हैं।
→ धूमकेतु अत्यंत परवलीय (Elliptical) कक्षाओं में सूर्य की परिक्रमा करते हैं और इनका सूर्य का परिक्रमण काल सामान्यतः काफी अधिक होता है।
→ हैले नामक धूमकेतु सन् 1986 में देखा गया। यह लगभग 76 वर्ष के अंतराल में दिखाई देगा।
→ टूटता तारा (Shooting star) स्टार अथवा उल्का बहुत छोटे पिंड हैं, जो सूर्य के चारों तरफ परिक्रमा करते हैं और पृथ्वी के वायुमंडल में चमकीली धार जैसे दिखाई देते हैं।
→ कुछ उल्का आकार में इतनी बड़ी होती है और पृथ्वी के वायुमंडल में पूरी तरह वाष्पित नहीं होती, उल्का पिंड कहलाती है।
→ आर्यभट्ट (प्रथम), INSAT, IRS, कल्पना-I, EDUSAT आदि भारतीय कृत्रिम उपग्रह (Artificial satellites) हैं।
→ मौसम की भविष्यवाणी, रेडियो तथा टेलीविज़न संकेत के प्रेषण, दूरसंचार और सुदूर संवेदन आदि कुछ कृत्रिम उपग्रहों के व्यावहारिक अनुप्रयोग हैं।
→ कृत्रिम उपग्रह चंद्रमा की तुलना में कहीं अधिक निकट रहकर पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं।
→ खगोलीय पिंड (Celestial Object)-आकाश में पाए जाने वाले पिंड जैसे ग्रह, चंद्रमा, तारे, सूर्य आदि खगोलीय पिंड कहलाते हैं।
→ प्रकाश वर्ष (Light Year)- प्रकाश दद्वारा एक वर्ष में तय की गई दूरी को प्रकाश वर्ष कहते हैं।
उपग्रह (Satellite)-किसी एक खगोलीय पिंड दुवारा दूसरे खगोलीय पिंड की परिक्रमा करने वाले को उपग्रह कहते हैं।
→ ग्रह (Planets)-किसी खगोलीय पिंड की परिक्रमा करने वाले अन्य खगोलीय पिंड।
→ क्षुद्रग्रह (Asteroids)-मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के बीच पड़े छोटे-छोटे पिंड। तारामंडल
→ (Constellation)-पहचानने योग्य आकृतियों वाले तारों का समूह ।