PSEB 8th Class Science Notes Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

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PSEB 8th Class Science Notes Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

→ मूलभूत आवश्यकताओं के लिए विभिन्न पदार्थ उपयोग में लाए जाते हैं।

→ दैनिक उपयोग में आने वाले पदार्थों का वर्गीकरण, प्राकृतिक और मानव-निर्मित में किया जाता है।

→ प्रकृति से मिले पदार्थों को प्राकृतिक संसाधन (Natural Resources) कहते हैं।

→ मृदा, जल, खनिज, पौधे और वन प्राकृतिक संसाधन हैं।

→ प्रकृति में उपलब्धता के आधार पर इन्हें अक्षय प्राकृतिक संसाधन (Inexhaustible Natural Resources) और समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन (Exhaustible Natural Resources) में किया गया है।

→ पदार्थ, जिनकी उपलब्धता प्रकृति में सीमित है और जो मनुष्य के क्रिया-क्लापों द्वारा खत्म किए जा सकते हैं, उन्हें समाप्त होने वाले संसाधन कहते हैं। कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस समाप्त होने वाले संसाधन हैं।

→ सजीवों के अवशेषों से बने जीवाश्म ईंधनों में कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस सम्मिलित हैं।

→ कोयला ठोस, काले रंग का पदार्थ ईंधन के रूप में उपयोग में आता है।

→ कोयला जलकर कार्बन डाइऑक्साइड पैदा करता है।

→ कोयले के भुनना प्रक्रमण से कोक, कोलतार और कोयला गैस उत्पन्न होती है।

→ कोक, एक कठोर, सरंध्र और काला पदार्थ है। यह कार्बन का शुद्ध रूप है।

→ कोलतार लगभग 200 पदार्थों का मिश्रण है। यह एक अप्रिय गंध वाला काला गाढ़ा द्रव है।

→ कोलतार, संश्लेषित रंग, औषधि, विस्फोटक, प्लास्टिक, सुगंध, पेंट, फोटोग्राफिक सामग्री, छत-निर्माण सामग्री, नैफ्थलीन की गोलियाँ आदि के लिए प्रारंभिक पदार्थ के रूप में काम आता है।

PSEB 8th Class Science Notes Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

→ पेट्रोलियम, गहरे रंग का तेलीय द्रव है। इसकी अप्रिय-सी गंध है। यह कई विभिन्न संघटकों का मिश्रण है।

→ पेट्रोलियम के संघटकों में LPG, पेट्रोल, डीज़ल, केरोसीन, स्नेहक तेल, पैराफिन मोम, बिट्मन आदि होते हैं।

→ पेट्रोलियम के विभिन्न संघटकों को पृथक् करने का प्रक्रम परिष्करण (Refining) कहलाता है।

→ कोयले और पेट्रोलियम की मात्रा प्रकृति में सीमित है। इसलिए इनका न्यायोचित उपयोग करना चाहिए।

→ एल० पी० जी० (LPG) पेट्रोलियम गैस का तरल रूप है।

→ ईंधन (Fuel)-जलने पर ऊष्मा तथा प्रकाश ऊर्जा पैदा करने वाले पदार्थ।

→ जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuel)-कुछ ज्वलनशील पदार्थ, जिनका निर्माण सजीवों के मृत अवशेषों से लाखों वर्ष पूर्व हुआ था।

→ कार्बनीकरण (Carbonisation)-मृत वनस्पति जो मृदा के नीचे दबी हुई है, उच्च ताप और दाब के कारण, धीमे प्रक्रम द्वारा कोयले में परिवर्तित होने के क्रम कार्बनीकरण कहते हैं।

→ कोयले का प्रक्रमण (Destructive Distillation of Coal)-कोयले को 1000°C ताप से अधिक पर गर्म करने के प्रक्रम को कोयले का प्रक्रमण कहते हैं।

→ परिष्करण (Refining)-पेट्रोलियम से विभिन्न प्रभाजों को पृथक् करने और अशुद्धियों को दूर करने के प्रक्रम को परिष्करण कहते हैं।

→ समाप्त होने वाले संसाधन (Exhaustible Resources)-वे संसाधन, जो मानव क्रिया-कलापों द्वारा धीरे-धीरे समाप्त हो रहे हैं, समाप्त होने वाले संसाधन अथवा सीमित प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं। उदाहरण, कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस आदि।

→ अक्षय प्राकृतिक संसाधन (Inexhaustible Resources)-वे संसाधन जो मानव क्रिया-कलापों द्वारा समाप्त नहीं हो सकते, उन्हें अक्षय प्राकृतिक संसाधन अथवा असीमित प्राकृतिक संसाधन कहते हैं। उदाहरण-वायु, जल और सूर्य का प्रकाश आदि।

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