PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 1 संसाधन-प्रकार और संभाल

Punjab State Board PSEB 8th Class Social Science Book Solutions Geography Chapter 1 संसाधन-प्रकार और संभाल Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Social Science Geography Chapter 1 संसाधन-प्रकार और संभाल

SST Guide for Class 8 PSEB संसाधन-प्रकार और संभाल Textbook Questions and Answers

I. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर 20-25 शब्दों में लिखो :

प्रश्न 1.
संसाधनों से आपका क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
संसाधन प्रकृति या मनुष्य द्वारा बनाये गए वे उपयोगी पदार्थ हैं जो मनुष्य की ज़रूरतों को पूरा करते हैं। दूसरे शब्दों में संसाधन वे प्राकृतिक उपहार हैं जो मनुष्य के लिए किसी-न-किसी रूप में अपना विशेष महत्त्व रखते हैं।

प्रश्न 2.
प्राकृतिक संसाधन कौन-कौन से हैं ? ये हमें कौन प्रदान करता है ?
उत्तर-
वन, खनिज पदार्थ, मिट्टी, समुद्र, सौर ऊर्जा आदि साधन प्राकृतिक संसाधन हैं। ये हमें प्रकृति से मिले हैं।

प्रश्न 3.
संसाधन कितने प्रकार के हैं ?
उत्तर-
संसाधन प्राकृतिक तथा अप्राकृतिक दो प्रकार के हैं। इन्हें आगे भी कई भागों में बांटा जा सकता है; जैसे-

  • सजीव तथा निर्जीव संसाधन।
  • समाप्त होने वाले तथा न समाप्त होने वाले संसाधन।
  • विकसित व सम्भावित संसाधन।
  • मिट्टी व भूमि संसाधन।
  • समुद्री तथा खनिज संसाधन।
  • मानवीय संसाधन।

प्रश्न 4.
मिट्टी की परिभाषा लिखो।
उत्तर-
मिट्टी (मृदा) पृथ्वी की सबसे ऊपरी परत है। जो शैलों से बनी है।

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प्रश्न 5.
समुद्रों से हमें क्या-क्या प्राप्त होता है ?
उत्तर-
समुद्र हमें खनिज तथा शक्ति संसाधन प्रदान करते हैं। इनके अतिरिक्त समुद्रों से हमें मछलियां, मोती, सीपियां, हीरे-जवाहरात आदि प्राप्त होते हैं।

प्रश्न 6.
संसाधनों की सही सम्भाल कैसे हो सकती है ?
उत्तर-
संसाधनों की सही सम्भाल इनका उचित तथा ज़रूरत के अनुसार प्रयोग करने से हो सकती है। इसके लिए संसाधनों के दुरुपयोग तथा विनाश से बचना चाहिए।

II. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर 70-75 शब्दों में लिखो :

प्रश्न 1.
सजीव और निर्जीव संसाधनों में अन्तर लिखो।
उत्तर-
सजीव संसाधन-सजीव संसाधन हमें सजीव पदार्थों से प्राप्त होते हैं। जीव-जन्तु तथा पेड़-पौधे इनके उदाहरण हैं। कोयला तथा खनिज तेल भी सजीव संसाधन कहलाते हैं, क्योंकि ये पेड़-पौधों तथा मृत जीवों के गलनेसड़ने से बनते हैं।
निर्जीव संसाधन-निर्जीव संसाधन प्रकृति से प्राप्त निर्जीव वस्तुएं हैं। खनिज पदार्थ तथा जल इनके उदाहरण हैं। खनिज पदार्थ हमारे उद्योगों का आधार हैं। इनकी सम्भाल बहुत ज़रूरी है क्योंकि ये जल्दी समाप्त हो सकते हैं।

प्रश्न 2.
भूमि और मिट्टी संसाधनों के महत्त्व पर एक संक्षिप्त नोट लिखो।
उत्तर-
भूमि तथा मिट्टी संसाधनों का मनुष्य के लिए निम्नलिखित महत्त्व है-

  1. भूमि-भूमि पर मनुष्य अपनी आर्थिक क्रियाएं तथा गतिविधियां करता है। इन क्रियाओं तथा गतिविधियों में कृषि करना, उद्योग लगाना, यातायात के संसाधनों का विकास करना, खेल-खेलना, सैर-सपाटा करना आदि शामिल हैं। मनुष्य अपने घर भी भूमि पर बनाता है।
  2. मिट्टी-मिट्टी में मनुष्य पौधे तथा फ़सलें उगाता है। ये मानव जीवन के महत्त्वपूर्ण अंग हैं, क्योंकि इनसे मनुष्य को भोजन मिलता है। इनसे मनुष्य को कई प्रकार के अन्य पदार्थ भी प्राप्त होते हैं।

प्रश्न 3.
खनिज पदार्थ हमें कहां से प्राप्त होते हैं और इनका प्रयोग कहां किया जाता है ?
उत्तर-
खनिज पदार्थ हमें धरती के भीतरी भाग से प्राप्त होते हैं। ये भिन्न-भिन्न प्रकार की चट्टानों में मिलते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं-धातु खनिज तथा अधातु खनिज । धातु खनिजों में लोहा, तांबा, सोना, चांदी, एल्यूमीनियम आदि शामिल हैं। अधातु खनिजों में कोयला, अभ्रक, मैंगनीज़ तथा खनिज तेल प्रमुख हैं। खनिज पदार्थों का प्रयोग उद्योगों में किया जाता है। इन्हें हम प्रत्यक्ष रूप से प्रयोग नहीं कर सकते। प्रयोग करने से पहले इन्हें उद्योगों में साफ़ करना पड़ता

प्रश्न 4.
विकसित और संभावित संसाधनों को उदाहरण सहित समझाओ।
उत्तर-
जब संसाधन किसी लाभदायक उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्रयोग में लाये जाते हैं, तो वे विकसित संसाधन कहलाते हैं। परन्तु जब तक उन्हें प्रयोग में नहीं लाया जाता है तब तक उन्हें सम्भावित संसाधन कहा जाता है। इन्हें निम्नलिखित उदाहरणों से समझा जा सकता है-

  1. पर्वतों से नीचे बहती नदियां बिजली पैदा करने के लिए एक सम्भावित संसाधन हैं। परन्तु इन नदियों के जल से जब बिजली पैदा की जाने लगती है, तो ये विकसित संसाधन बन जाती हैं।
  2. पृथ्वी के नीचे दबा हुआ कोयला एक सम्भावित संसाधन है। इसके विपरीत प्रयोग में लाया जा रहा कोयला एक विकसित संसाधन है।

प्रश्न 5.
समाप्त होने वाले संसाधनों का प्रयोग हमें समझदारी व संकोच के साथ क्यों करना चाहिए ?
उत्तर-
समाप्त होने वाले संसाधन वे संसाधन हैं जो लगातार तथा अधिक मात्रा में प्रयोग के कारण समाप्त होते जा रहे हैं। उदाहरण के लिये कोयले तथा पेट्रोलियम का प्रयोग लगातार बढ़ता जा रहा है। इसलिए ये कम होते जा रहे हैं। एक समय आयेगा जब ये बिलकुल समाप्त हो जायेंगे। क्योंकि इनके बनने में लाखों वर्ष लगते हैं, इसलिए हम इनसे सदा के लिए वंचित हो जायेंगे। यदि हमें ऐसी स्थिति से बचना है, तो हमें इनका प्रयोग समझदारी व संकोच के साथ करना होगा।

प्रश्न 6.
मानवीय संसाधनों का दूसरे संसाधनों के विकास में क्या योगदान है ?
उत्तर-
मनुष्य को पृथ्वी के सभी जीवों में सर्वोत्तम प्राणी माना जाता है। वह अपनी बुद्धिमत्ता, कार्य शक्ति तथा कौशल के कारण अपने आप में एक बहुत बड़ा संसाधन है। पृथ्वी पर उपलब्ध अन्य सभी संसाधनों को वही प्रयोग में लाता है और उन्हें विकसित करता है। किसी भी क्षेत्र के विकास के पीछे मनुष्य की ही महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। जापान इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। वहां अन्य संसाधनों की कमी होते हुए भी देश ने बहुत अधिक उन्नति की है। वास्तव में मनुष्य को पहले उसके गुण, शिक्षा, तकनीकी योग्यता विकसित संसाधन बनाते हैं, तब वह अन्य संसाधनों को विकसित बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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III. नीचे लिखे प्रश्न का उत्तर लगभग 250 शब्दों में लिखो :

प्रश्न-
संसाधनों से आपका क्या अभिप्राय है ? इनके प्रकार बताते हुए संसाधनों के महत्त्व और इनकी सम्भाल के लिए अपनाए गए ढंगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
संसाधन-संसाधन प्रकृति या मनुष्य द्वारा बनाये गए वे उपयोगी पदार्थ हैं जो मनुष्य की ज़रूरतों को पूरा करते हैं।
संसाधनों के प्रकार-संसाधन प्राकृतिक तथा अप्राकृतिक दो प्रकार के होते हैं। इन्हें आगे भी कई भागों में बांटा जा सकता है। जैसे –

1. सजीव और निर्जीव संसाधन-सजीव संसाधन सजीव वस्तुओं से प्राप्त होते हैं, जैसे जीव-जन्तु तथा पौधे। इसके विपरीत निर्जीव संसाधन प्रकृति से प्राप्त निर्जीव वस्तुएं हैं, जैसे खनिज पदार्थ, जल आदि।
2. विकसित तथा सम्भावित संसाधन-सभी उपलब्ध संसाधन संभावित संसाधन कहलाते हैं। परन्तु जब इनका प्रयोग होने लगता है तो इन्हें विकसित संसाधन कहा जाता है।
3. समाप्त होने वाले तथा न समाप्त होने वाले संसाधन-कोयला, पेट्रोलियम आदि समाप्त होने वाले संसाधन हैं। लगातार प्रयोग से ये किसी भी समय समाप्त हो सकते हैं। दूसरी ओर जल न समाप्त होने वाला संसाधन है। लगातार प्रयोग से भी यह समाप्त नहीं होता।
4. मिट्टी तथा भूमि संसाधन-मिट्टी में मनुष्य भोजन तथा अन्य उपयोगी पदार्थ प्राप्त करने के लिए पौधे तथा फ़सलें उगाता है। भूमि पर वह उद्योग लगाता है, यातायात के संसाधनों का विकास करता है तथा अन्य गतिविधियां करता है।
5. समुद्री व खनिज संसाधन-समुद्रों से हमें मछलियां, मोती, सीपियां तथा हीरे-जवाहरात प्राप्त होते हैं। खनिज संसाधनों से हमें धातुएं, अधातुएं, ऊर्जा आदि मिलती हैं। ये संसाधन हमारे उद्योगों का आधार हैं।
6. मानवीय संसाधन-मनुष्य अपने आप में सबसे बड़ा संसाधन है। अन्य सभी संसाधनों का विकास मनुष्य ही करता है।
संसाधनों का महत्त्व-संसाधनों का मनुष्य के लिए बहत अधिक महत्त्व है-

  • ये मनुष्य की मूल तथा अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं।
  • ये मनुष्य के जीवन को सुखी तथा समृद्ध बनाते हैं और उसके जीवन स्तर को ऊंचा करते हैं।
  • संसाधन देश के विकास के लिए ज़रूरी हैं।

सम्भाल के तरीके-संसाधनों के महत्त्व को देखते हुए इनकी सम्भाल करना आवश्यक हो जाता है। खनिज पदार्थों जैसे संसाधन तो दुर्लभ होते हैं। इनके लगातार तथा बड़ी मात्रा में उपयोग से ये शीघ्र ही समाप्त हो जायेंगे। अतः इनकी सम्भाल और भी आवश्यक है, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इनसे लाभ उठा सकें। संसाधनों की सम्भाल निम्नलिखित तरीकों से की जा सकती है-

  • इनका उपयोग सूझ-बूझ के साथ लम्बे समय तक किया जाये।
  • इनके दुरुपयोग को रोका जाये ताकि इनके विनाश से बचा जा सके।
  • फिर से प्रयोग में लाये जा सकने वाले संसाधनों को दोबारा प्रयोग में लाया जाए।
  • मनुष्यों की योग्यता और कौशल में वृद्धि की जाए, ताकि वे संसाधनों की उपयोगिता को बढ़ा सकें।

PSEB 8th Class Social Science Guide संसाधन-प्रकार और संभाल Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Multiple Choice Questions)

(क) रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :

1. पृथ्वी का …………. प्रतिशत भाग पानी है।
2. संसाधन ………… उपहार हैं जो मनुष्य के लिए विशेष महत्त्व रखते हैं।
3. जिन संसाधनों का प्रयोग नहीं होता उन्हें ………… संसाधन कहते हैं।
उत्तर-

  1. 71,
  2. प्राकृतिक,
  3. संभावित।

(ख) सही कथनों पर (✓) तथा गलत कथनों पर (✗) का निशान लगाएं :

1. पृथ्वी पर जीवन सबसे पहले समुद्रों में शुरू हुआ।
2. खनिज संसाधन पृथ्वी के भीतरी भाग से प्राप्त होने वाले पदार्थ हैं।
3. प्रकृति के जीवों में से पशु-पक्षियों को सर्वोत्तम प्राणी माना जाता है।
उत्तर-

  1. ✗.

(ग) सही उत्तर चुनिए:

प्रश्न 1.
समाप्त होने वाला संसाधन कौन-सा है ?
(i) पानी
(i) कोयला
(iii) वायु
(iv) सूर्य की ऊर्जा । ।
उत्तर-
(i) कोयला

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प्रश्न 2.
न समाप्त होने वाला संसाधन कौन-सा है ?
(i) सूर्य की ऊर्जा
(ii) पैट्रोलियम
(iii) कोयला
(iv) एल्यूमीनिय ।।
उत्तर-
(i) सूर्य की ऊर्जा

प्रश्न 3.
पृथ्वी की कौन-सी सतह मिट्टी कहलाती है ?
(i) सबसे अंदर की सतह
(ii) बीच की सतह
(iii) सबसे ऊपरी सतह
(iv) ये तीनों सतहें।
उत्तर-
(iii) सबसे ऊपरी सतह

(घ) सही जोड़े बनाइए :

1. धातु खनिज – जल
2. सजीव संसाधन – मैंगनीज़
3. निर्जीव संसाधन – पौधे
4. अभातु खनिज – तांबा।
उत्तर-

  1. तांबा,
  2. पौधे,
  3. जल,
  4. मैंगनीज़।

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
आज के मनुष्य को बहुत से संसाधनों पर निर्भर क्यों होना पड़ता है ?
उत्तर-
पहले मनुष्य की आवश्यकताएं बहुत कम थीं। परन्तु आज उसकी आवश्यकताएं असीमित हो गई हैं। इसलिए उसे आज बहुत से संसाधनों पर निर्भर होना पड़ता है।

प्रश्न 2.
उदाहरण देकर समझाइए कि संसाधनों का उचित प्रयोग ही संसाधनों का उचित विकास है।
उत्तर-
कोयला या खनिज तेल आदि मानव के लिए तथा वायुयान के आविष्कार से पहले एल्यूमीनियम आधुनिक मानव के लिए कोई महत्त्व नहीं रखता था। परन्तु इनकी उपयोगिता बढ़ने पर इनका महत्त्व बढ़ गया। अत: हम कह सकते हैं कि संसाधनों का उचित प्रयोग ही इनका उचित विकास है।

प्रश्न 3.
संसाधनों को विभिन्न वर्गों में बांटने के चार मुख्य आधार कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-

  1. जीवन
  2. उपलब्धियां
  3. विकास स्तर
  4. प्रयोग।

प्रश्न 4.
खाद्य पदार्थों की प्राप्ति के लिए कौन-से संसाधन सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण हैं और क्यों ?
उत्तर-
खाद्य पदार्थों की प्राप्ति के लिए जैव संसाधन सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण हैं, क्योंकि संसार में लगभग 85% खाद्य पदार्थ इन्हीं साधनों से प्राप्त होते हैं।

प्रश्न 5.
कोयले तथा खनिज तेल को सजीव संसाधनों की श्रेणी में क्यों रखा जाता है ?
उत्तर-
कोयला तथा खनिज तेल पौधों तथा जीवों जैसे सजीव संसाधनों के अवशेषों से बनते हैं।

प्रश्न 6.
किसी देश के धनी होने का अनुमान किस बात से लगाया जाता है ?
उत्तर-
किसी देश के धनी होने का अनुमान देश में प्राप्त होने वाले संसाधनों से लगाया जाता है।

प्रश्न 7.
मृदा या मिट्टी कितने प्रकार की होती है ? नाम लिखें।
उत्तर-
मृदा कई प्रकार की होती हैं; जैसे- (1) रेतीली, (2) चिकनी (3) दोमट (4) जलोढ़ (5) पर्वतीय (6) लाल तथा (7) काली मृदा।

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प्रश्न 8.
उपजाऊ मृदा वाले क्षेत्र घनी जनसंख्या वाले तथा आर्थिक क्रियाओं से भरपूर होते हैं। क्यों ?
उत्तर-
उपजाऊ मृदा (मिट्टी) फ़सलें उगाने के लिए सर्वोत्तम होती है। अत: उपजाऊ मृदा वाले क्षेत्रों में कृषि उन्नत होती है जिसके कारण ये क्षेत्र घनी जनसंख्या वाले तथा आर्थिक क्रियाओं से भरपूर होते हैं।

प्रश्न 9.
भूमि का प्रयोग किन बातों को ध्यान में रख कर होता है ?
उत्तर-
भूमि का प्रयोग धरातल, ढलान, मिट्टी के प्रकार, जल-निकास तथा मनुष्य की ज़रूरतों आदि बातों को ध्यान में रख कर होता है।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
प्राकृतिक तथा मानवीय संसाधनों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
संसाधन प्राकृतिक तथा मानवीय दो प्रकार के होते हैं। प्राकृतिक संसाधन मनुष्य को प्रकृति द्वारा प्राप्त होते हैं। इनमें वन, खनिज पदार्थ, नदियां, सौर ऊर्जा तथा समुद्र आदि शामिल हैं।
मानवीय संसाधन स्वयं मनुष्य द्वारा बनाये जाते हैं; जैसे-सड़कें, मशीनरी, यातायात के साधन, कृत्रिम खादें आदि। ये संसाधन मानव की प्रगति के प्रतीक हैं। ये भौतिक भी हो सकते हैं तथा अभौतिक भी। मनुष्य की बुद्धि, ज्ञान एवं कार्यकुशलता को भी मानव साधन कहा जाता है।

प्रश्न 2.
समाप्त होने वाले तथा न समाप्त होने वाले संसाधनों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
समाप्त होने वाले संसाधन वे संसाधन हैं जो अधिक मात्रा में तथा लगातार प्रयोग के कारण समाप्त होते जा रहे हैं। यदि ये समाप्त हो गए तो हम इन्हें फिर से नहीं पा सकेंगे क्योंकि इनके बनने में लाखों-करोड़ों वर्ष लग जाते हैं। कोयला तथा पेट्रोलियम इसी प्रकार के संसाधन हैं।
वे संसाधन जो बार-बार प्रयोग करने पर भी समाप्त नहीं होते, न समाप्त होने वाले संसाधन कहलाते हैं। ये इसलिए समाप्त नहीं होते क्योंकि इनकी पूर्ति होती रहती है। इन साधनों में सूर्य की ऊर्जा, वायु, पानी, वन आदि शामिल हैं।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
समुद्री तथा खनिज संसाधनों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
समुद्री संसाधन-पृथ्वी का लगभग 71% भाग जल है। जल के बड़े-बड़े भण्डारों को समुद्र कहा जाता है। माना जाता है कि पृथ्वी पर जीवन का आरम्भ सबसे पहले समुद्रों में ही हुआ था। इसलिए समुद्र हमें बड़ी मात्रा में जैविक संसाधन प्रदान करते हैं जिनमें शक्ति के संसाधन (पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस) भी शामिल हैं। समुद्रों से हमें मछलियां, सीपियां, मोती, नमक तथा हीरे-जवाहरात भी प्राप्त होते हैं। मछलियां संसार में बड़ी संख्या में लोगों को भोजन प्रदान करती हैं।

खनिज संसाधन-खनिज संसाधन हमें पृथ्वी के भीतरी भाग से प्राप्त होते हैं। ये मूल रूप से दो प्रकार के होते हैं-धातु (Metallic) खनिज तथा अधातु (Non Metallic) खनिज। धातु खनिजों में लोहा, तांबा, सोना, चांदी, एल्यूमीनियम आदि खनिज शामिल हैं। अधातु खनिज पदार्थों में कोयला, अभ्रक, मैंगनीज़ तथा पेट्रोलियम आदि मुख्य हैं। खनिज संसाधन भिन्न-भिन्न प्रकार की चट्टानों में पाये जाते हैं। चट्टानों से मिलने वाले खनिज पदार्थ प्रत्यक्ष रूप से प्रयोग नहीं किये जा सकते। प्रयोग करने से पहले इन्हें साफ़ किया जाता है और इनकी अशुद्धियां दूर की जाती हैं। खनिज हमारे उद्योगों का आधार माने जाते हैं। इसलिए इन्हें बहुत अधिक महत्त्व दिया जाता है।

प्रश्न 2.
संसाधनों की सम्भाल पर एक नोट लिखिए।
उत्तर-
संसाधन मनुष्य को प्रकृति की बहुत बड़ी देन हैं। मनुष्य इन्हें अपने और अपने देश के विकास के लिए प्रयोग करता है। परन्तु विकास के मार्ग पर चलते हुए मनुष्य दूसरे देशों के साथ मुकाबला भी कर रहा है। इसलिए वह बिना सोचे-समझे इन संसाधनों को समाप्त कर रहा है। वह यह नहीं जानता कि बहुत-से साधनों के भण्डार सीमित हैं। यदि ये भण्डार एक बार समाप्त हो गए तो हम इन्हें फिर से प्राप्त नहीं कर सकेंगे। उदाहरण के लिए कोयला और पेट्रोलियम जिन्हें पूर्ण संसाधन बनने में लाखों करोड़ों वर्ष लगते हैं, यदि एक बार समाप्त हो गये तो इन्हें दोबारा प्राप्त नहीं किया जा सकता। इसलिए इनकी सम्भाल ज़रूरी है।

  • संसाधनों तथा इनकी सम्भाल का आपस में बहुत गहरा सम्बन्ध है। संसाधनों की सम्भाल से अभिप्राय इनका सही प्रयोग है ताकि इनका दुरुपयोग या विनाश न हो। दूसरे शब्दों में इनका प्रयोग विकास के लिए हो और लम्बे समय के लिए हो ताकि भविष्य में आने वाली पीढ़ियां भी इनका लाभ उठा सकें। उचित और ज़रूरत के अनुसार इनका प्रयोग ही इन साधनों की सही सम्भाल होगी।
  • यूं तो सम्भाल प्रत्येक संसाधन के लिए आवश्यक है, परन्तु जो संसाधन दुर्लभ हैं उनकी विशेष सम्भाल की आवश्यकता है। एक अनुमान के अनुसार यदि कोयला और पेट्रोलियम जैसे जीवाश्म ईंधनों का प्रयोग इसी गति से होता रहा, तो लगभग 80% जीवांश ईंधन इसी शताब्दी में समाप्त हो जायेंगे।
  • हमें मृदा, जल और वन आदि संसाधनों की सम्भाल भी करनी चाहिए। इनका प्रयोग करते समय इन्हें व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए।
  • इसके अतिरिक्त दोबारा प्रयोग होने वाले साधनों को बार-बार प्रयोग में लाया जाये।
  • यह भी आवश्यक है कि ज्ञान, शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाया जाये और लोगों को इन संसाधनों की संभाल के बारे में जागृत किया जाये।

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