Punjab State Board PSEB 8th Class Social Science Book Solutions History Chapter 20 कलाएं-चित्रकारी, साहित्य, भवन-निर्माण कला आदि में परिवर्तन Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 8 Social Science History Chapter 20 कलाएं-चित्रकारी, साहित्य, भवन-निर्माण कला आदि में परिवर्तन
SST Guide for Class 8 PSEB कलाएं-चित्रकारी, साहित्य, भवन-निर्माण कला आदि में परिवर्तन Textbook Questions and Answers
कलाएं-चित्रकारी, साहित्य, भवन-निर्माण कला आदि में परिवर्तन Textbook Questions and Answers
I. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखें :
प्रश्न 1.
‘आनन्दमठ’ उपन्यास की रचना किसने की थी ?
उत्तर-
बंकिमचन्द्र चटर्जी ने।
प्रश्न 2.
लघु-वार्ता के प्रसिद्ध लेखकों के नाम लिखें।
उत्तर-
लघु-वार्ता के प्रसिद्ध लेखक रवीन्द्रनाथ टैगोर, प्रेमचंद, यशपाल, जेतिंदर कुमार, कृष्ण चन्द्र आदि थे।
प्रश्न 3.
भारत में सबसे पहला छापाखाना कब तथा किसने शुरू किया ?
उत्तर-
भारत में सबसे पहला छापाखाना 1557 ई० में पुर्तगालियों ने शुरू किया।
प्रश्न 4.
बाल गंगाधर तिलक ने कौन-से दो अखबारों का प्रकाशन करवाया ?
उत्तर-
मराठी भाषा में ‘केसरी’ तथा अंग्रेज़ी भाषा में ‘मराठा’ नामक अखबारों का।
प्रश्न 5.
बड़ौदा यूनिवर्सिटी के आर्ट स्कूल के प्रसिद्ध चित्रकारों के नाम लिखें।
उत्तर-
जी० आर० सन्तोष, गुलाम शेख, शान्ति देव आदि।
प्रश्न 6.
मद्रास कला स्कूल के प्रसिद्ध कलाकारों के नाम लिखें।
उत्तर-
सतीश गुजराल, रामकुमार तथा के० जी० सुब्रामणियम।
प्रश्न 7.
19वीं सदी तथा 20वीं सदी के आरम्भ में साहित्य पर नोट लिखें।
उत्तर-
19वीं तथा 20वीं सदी के आरम्भ में साहित्य के हर क्षेत्र में विकास हुआ जिसका संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है
1. उपन्यास कहानी आदि कथा साहित्य-
- बंगाली साहित्य के प्रमुख लेखक बंकिम चन्द्र चटर्जी, माइकल मधुसूदन दत्त, शरत चन्द्र चटर्जी आदि थे। बंकिम चन्द्र चटर्जी के उपन्यास ‘आनन्द मठ’ को ‘बंगाली देश-प्रेम की बाइबल’ कहा जाता है।
- मुंशी प्रेमचन्द ने अपने उपन्यासों ‘गोदान’ तथा ‘रंगभूमि’ में अंग्रेजी सरकार द्वारा किसानों के शोषण पर प्रकाश डाला है। उन्होंने उर्दू तथा हिन्दी में और भी कई उपन्यास लिखे।
- हेमचन्द्र बैनर्जी, दीनबन्धु मित्र, रवीन्द्रनाथ टैगोर आदि लेखकों ने देश-प्रेम की रचनाएं लिखीं।
2. काव्य-रचना-यूरोप के साहित्य के सम्पर्क में आने के पश्चात् भारतीय काव्य-रचना में रोमांसवाद का आरम्भ हुआ। परन्तु भारतीय काव्य-रचना में राष्ट्रवाद तथा राष्ट्रीय आन्दोलन पर अधिक बल दिया गया। काव्य-रचना को समृद्ध बनाने वाले प्रसिद्ध कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर (बंगला), इकबाल (उर्दू), केशव सुत (मराठी), सुब्रह्मण्यम भारती (तमिल) आदि हैं।
3. नाटक तथा सिनेमा-भारतीय नाटककारों तथा कलाकारों ने पूर्वी तथा पश्चिमी शैली को एक करने का प्रयास किया। इस काल के प्रसिद्ध नाटककार थे-गिरीश कारनंद (कन्नड़), विजय तेंदुलकर (मराठी) और मुलखराज आनन्द तथा आर० के० नारायण (अंग्रेज़ी)। रवीन्द्रनाथ टैगोर ने अपनी रचनाओं में राष्ट्रीय जागृति तथा अन्तर्राष्ट्रीय मानववाद पर बल दिया।
प्रश्न 8.
19वीं सदी तथा 20वीं सदी के आरम्भ में चित्रकारी पर नोट लिखो।
उत्तर-
19वीं तथा 20वीं सदी के आरम्भ में विभिन्न कला स्कूलों तथा कला ग्रुपों द्वारा चित्रकारी को नया रूप मिला जिसका संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है-
- राजा रवि वर्मा ने यूरोपीय प्रकृतिवाद को भारतीय पौराणिक कथाओं के साथ मिलाकर चित्रित किया।
- बंगाल कला स्कूल के चित्रकारों रवीन्द्रनाथ टैगोर, हॉवैल कुमार स्वामी ने भारतीय पौराणिक कथाओं, महाकाव्यों तथा पुरातन साहित्य पर आधारित चित्र बनाये।।
- अमृता शेरगिल तथा जार्ज कीट के चित्र आधुनिक यूरोपीय कला, आधुनिक जीव-आत्मा तथा हाव-भावों से अधिक प्रभावित हैं। जार्ज कीट द्वारा प्रयोग की गई रंग-योजना बहुत ही प्रभावशाली है।
- रवीन्द्रनाथ टैगोर ने जल रंगों तथा रंगदार चाक से सुन्दर चित्र बनाये। .
- बम्बई के प्रसिद्ध कलाकारों के फूलों तथा स्त्रियों के चित्र अपने रंगों के कारण बहुत ही सुन्दर बन पड़े हैं। इन कलाकारों में फ्रांसिस न्यूटन सुजा, के० एच० अरा, एस० के० बैनर आदि के नाम लिए जा सकते हैं।
- इसके अतिरिक्त बड़ौदा यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ़ आर्ट, मद्रास कला स्कूल तथा नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट का भी चित्रकला को लोकप्रिय बनाने में काफ़ी योगदान रहा।
प्रश्न 9.
कलाओं में परिवर्तन से क्या भाव है ?
उत्तर-
कलाओं में विशेष रूप से संगीत, नृत्य तथा नाटक आदि सम्मिलित हैं। अंग्रेजों के भारत में आने से पहले इन क्षेत्रों में भारत की धरोहर बहुत ही समृद्ध थी। हमारे देश का पुरातन संगीत, हिन्दुस्तानी तथा कर्नाटक संगीत स्कूल भारत की इस समृद्ध धरोहर के उदाहरण हैं।
- हमारे देश के लोक संगीत तथा लोक नृत्य लोगों में उत्साह भर देते हैं। इनमें हमारा पुरातन भारतीय नृत्य, कथाकली, कुचिपुड़ी तथा कत्थक आदि के नाम लिए जा सकते हैं।
- रंगमंचों पर मंचित हमारे नाटक तथा पुतलियों के नाच हमारी सांस्कृतिक परम्परा के महत्त्वपूर्ण अंग हैं।
- भारत में भिन्न-भिन्न प्रकार के वाद्य यन्त्र जैसे कि सितार, ढोल, तूम्बी, सारंगी, तबला आदि प्रचलित हैं। बांसुरी, शहनाई, अलगोजे आदि हवा वाले वाद्य यन्त्र हैं।
- भारत के महान् कलाकारों, जैसे कि कुमार गन्धर्व, रविशंकर, रुकमणी देवी, रागिनी देवी, उदय शंकर तथा पण्डित जसराज ने भारतीय संगीत तथा नृत्य के क्षेत्र में अत्यधिक प्रसिद्धि प्राप्त की।
II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें :
1. ……………. में बंगाली भाषा में बहुत से साहित्य की रचना की गई।
2. ‘वन्देमातरम’ राष्ट्रीय गीत………… द्वारा रचा गया।
3. मुंशी प्रेमचन्द ने …………. तथा …………. भाषा में कई उपन्यास लिखे।
4. अमृता शेरगिल तथा …………. प्रसिद्ध भारतीय चित्रकार थे।
उत्तर-
- 19वीं सदी
- बंकिम चंद्र चटर्जी
- उर्दू, हिन्दी
- जार्ज कीट।
III. प्रत्येक वाक्य के सामने ‘संही’ (✓) या ‘गलत’ (✗) का चिन्ह लगाओ :
1. प्रिंस ऑफ़ वेल्ज़ म्यूज़ियम को आजकल ‘छत्रपति शिवाजी महाराज वस्तु संग्रहालय’ भी कहा जाता है। – (✓)
2. मैरीना समुद्री तट 10 किलोमीटर लंबा है। – (✗)
3. वार मैमोरियल विश्व के प्रथम युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की याद में बनाया गया। – (✓)
4. आजकल फोर्ट सैंट जार्ज भवन में तमिलनाडु शासन की विधानसभा तथा सचिवालय के कार्यालय हैं। – (✗).
PSEB 8th Class Social Science Guide कलाएं-चित्रकारी, साहित्य, भवन-निर्माण कला आदि में परिवर्तन Important Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Multiple Choice Questions)
(क) सही विकल्प चुनिए :
प्रश्न 1.
‘आनन्दमठ’ उपन्यास की रचना की-
(i) इकबाल
(ii) रवीन्द्रनाथ टैगोर
(iii) बंकिम चन्द्र चैटर्जी
(iv) मुंशी प्रेमचन्द।
उत्तर-
बंकिम चन्द्र चटर्जी
प्रश्न 2.
भारत में सबसे पहला छापाखाना स्थापित किया –
(i) पुर्तगालियों ने
(ii) फ्रांसीसियों ने
(iii) अंग्रेज़ों ने
(iv) डचों ने।
उत्तर-
पुर्तगालियों ने
प्रश्न 3.
बड़ौदा यूनिवर्सिटी के आर्ट स्कूल के प्रसिद्ध चित्रकार हैं-
(i) जी० आर० सन्तोष
(ii) गुलाम शेख
(iii) शान्ति देव
(iv) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
उपरोक्त सभी
प्रश्न 4.
गोदान तथा रंग भूमि के लेखक हैं-
(i) अवीन्द्र नाथ
(ii) रवीन्द्र नाथ टैगोर
(iii) बंकिम चन्द्र चैटजी
(iv) मुंशी प्रेमचन्द।
उत्तर-
मुंशी प्रेमचन्द
प्रश्न 5.
दो शिल्पकारों जार्ज विलटेट तथा उसके मित्र जॉन बेग ने निम्न भवन का निर्माण किया –
(i) इंडिया गेट
(ii) चर्च गेट
(iii) लाहौरी गेट
(iv) गेटवे ऑफ़ इंडिया।
उत्तर-
गेटवे ऑफ इंडिया
प्रश्न 6.
वन्दे मातरम् गीत किसने लिखा ?
(i) मुंशी प्रेमचन्द
(ii) रविन्द्र नाथ टैगोर
(iii) बंकिम चन्द्र चैटर्जी
(iv) वीरसलिंगम।
उत्तर-
बंकिम चन्द्र चैटर्जी।
(ख) सही कथन पर (✓) तथा गलत कथन (✗) पर का निशान लगाएं :
1. रविन्द्रनाथ टैगोर ने शांति निकेतन में ‘कला भवन’ की स्थापना की।
2. फोर्ट सेंट जार्ज भारत में पहला अंग्रेज़ी किला था।
3. वंदे मातरम गीत ‘आनंद विवाह’ नामक उपन्यास में शामिल है।
उत्तर-
- ✓
- ✓
- ✗
अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
‘वन्दे मातरम्’ नामक राष्ट्रीय गीत किस उपन्यास से लिया गया है ?
उत्तर-
‘आनन्दमठ’ से।
प्रश्न 2.
बंकिम चन्द्र चटर्जी के किस उपन्यास को ‘बंगाली देश-प्रेम की बाइबल’ कहा जाता है और क्यों ?
उत्तर-
बंगला उपन्यास ‘आनन्दमठ’ को, क्योंकि इसमें राष्ट्र-प्रेम के बहुत-से गीत हैं।
प्रश्न 3.
मुंशी प्रेमचन्द के किन्हीं दो प्रसिद्ध उपन्यासों के नाम बताओ।
उत्तर-
गोदान तथा रंगभूमि।।
प्रश्न 4.
राजा राममोहन राय द्वारा प्रकाशित दो अख़बारों के नाम लिखिए।
उत्तर-
संवाद कौमुदी तथा मिरत-उल-अख़बार।
प्रश्न 5.
राजा रवि वर्मा कौन था ?
उत्तर-
राजा रवि वर्मा आधुनिक भारत का एक प्रसिद्ध चित्रकार तथा मूर्तिकार था। उसके चित्र भारतीय महाकाव्यों तथा संस्कृत साहित्य से सम्बन्धित हैं।
प्रश्न 6.
रवीन्द्रनाथ टैगोर ने कलो-भवन की स्थापना कहां की ?
उत्तर-
शान्ति निकेतन में।
प्रश्न 7.
मद्रास कला स्कूल के दो प्रसिद्ध चित्रकारों के नाम बताओ।
उत्तर-
डी० आर० चौधरी तथा के० सी० एस० पानिकर।
प्रश्न 8.
हवा वाले (वात्) तीन वाद्य यन्त्रों के नाम लिखिए।
उत्तर-
(1) बांसुरी (2) शहनाई (3) अलगोज़ा।
प्रश्न 9.
‘मुम्बई के प्रिंस ऑफ़ वेल्ज़ म्यूज़ियम’ का आधुनिक नाम क्या है ? यह किस भवन के निकट स्थित
उत्तर-
मुम्बई के प्रिंस ऑफ वेल्ज़ म्यूज़ियम का आधुनिक नाम ‘छत्रपति शिवाजी महाराज वस्तु संग्रहालय’ है। यह गेटवे ऑफ़ इण्डिया के निकट स्थित है।
प्रश्न 10.
गेटवे ऑफ़ इंडिया को किन दो शिल्पकारों ने बनाया था ?
उत्तर-
जार्ज विलटेट तथा उसके मित्र जॉन बेग ने।
प्रश्न 11.
चेन्नई के दो प्रसिद्ध समुद्री तटों के नाम बताइए।
उत्तर-
मैरीना तथा वी० जी० बी० गोल्डन बीच।।
प्रश्न 12.
चेन्नई की ‘वार मैमोरियल’ नामक इमारत किसकी याद में बनाई गई थी ?
उत्तर-
प्रथम विश्व युद्ध में शहीद होने वाले सैनिकों की याद में।
छोटे उत्तर वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
19वीं शताब्दी से लेकर 20वीं शताब्दी के आरम्भ तक उपन्यास के क्षेत्र में हुए विकास का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
आधुनिक काल में बंकिम चन्द्र चटर्जी, माइकल मधुसूदन दत्त तथा शरत् चन्द्र चटर्जी बंगाली साहित्य के प्रसिद्ध विद्वान् थे। बंकिम चन्द्र चटर्जी ने बंगला भाषा में एक प्रसिद्ध उपन्यास ‘आनन्द मठ’ लिखा। इसमें कई गीत हैं। इनमें हमारा राष्ट्रीय गीत ‘वन्दे मातरम्’ भी शामिल है। इस उपन्यास को वर्तमान ‘बंगाली देश-प्रेम की बाइबल’ कहा गया है। ___मुंशी प्रेमचन्द ने उर्दू तथा हिन्दी भाषा में कई उपन्यास लिखे। उन्होंने अपने ‘गोदान’ तथा ‘रंगभूमि’ उपन्यासों में अंग्रेज़ी सरकार द्वारा किसानों के शोषण पर प्रकाश डाला है। हेमचन्द्र बैनर्जी, दीन बन्धु मित्र, रंग लाल, केशव चन्द्र सेन, रवीन्द्र नाथ टैगोर (ठाकुर) आदि विद्वानों की रचनाओं ने भी लोगों के दिलों में देश-प्रेम की भावनाएं कूट-कूट कर भर दी थीं।
प्रश्न 2.
19वीं शताब्दी से लेकर 20वीं शताब्दी तक काव्य-रचना के विकास का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
यूरोप के साहित्य के संपर्क में आने के पश्चात् भारतीय काव्य-रचना में रोमांसवाद का आरम्भ हुआ। परन्तु भारतीय काव्य रचना ने राष्ट्रवाद एवं राष्ट्रीय आन्दोलन पर अधिक बल दिया। भारत के प्रसिद्ध कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर (बंगाली), इक़बाल (उर्दू), कॉज़ी नज़रुल इस्लाम (बंगाली), केशव सुत (मराठी), सुब्रह्मण्यम भारती (तमिल) आदि हैं। 1936 ई० के पश्चात् की काव्य-रचना में लोगों के दैनिक जीवन तथा उनके कष्टों का वर्णन मिलता है। फैज तथा मेज़ाज़ (उर्दू), जीवन नन्द दास (बंगाली), अज्ञेय तथा मुक्ति बोध (हिन्दी) आदि कवियों ने नई काव्य-रचना प्रस्तुत की। स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद नई काव्य-रचना रघुवीर सहाय, केदारनाथ सिंह (हिन्दी), शक्ति चट्टोपाध्याय (बंगाली) आदि कवियों द्वारा की गई।
प्रश्न 3.
19वीं शताब्दी से लेकर 20वीं शताब्दी तक नाटक तथा सिनेमा के क्षेत्र में क्या विकास हुआ ?
उत्तर-
19वीं शताब्दी से लेकर 20वीं शताब्दी के आरम्भ तक भारतीय कलाकारों तथा नाटककारों ने नाटक प्रस्तुति में पश्चिमी तथा पूर्वी शैलियों को मिश्रित करने का प्रयत्न किया। सिनेमा संगठन ने नाटक तथा सिनेमा में लोगों की रुचि पैदा करने के लिए महत्त्वपूर्ण योगदान किया। गिरीश कारनंद (कन्नड़), विजय तेंदुलकर (मराठी) आदि इस काल के प्रसिद्ध नाटककार हैं। मुलख राज आनन्द, राजा राऊ, आर० के० नारायण ने अंग्रेज़ी भाषा में नाटक लिखे।
रवीन्द्र नाथ टैगोर भी इस काल के प्रसिद्ध नाटककार थे। उनकी रचनाओं में प्राचीन भारतीय परम्पराओं तथा यूरोप की नव-जागृति का सुन्दर मिश्रण मिलता है। उन्होंने अपनी रचनाओं द्वारा राष्ट्रीय जागृति लाने तथा अन्तर्राष्ट्रीय मानववाद को विकसित करने का प्रयास किया।
प्रश्न 4.
फोर्ट सेंट जार्ज पर नोट लिखो।
उत्तर-
फोर्ट सेंट जार्ज चेन्नई में स्थित है। यह भारत में पहला अंग्रेज़ी किला था। इसका निर्माण 1639 ई० में हुआ था। इसका नाम सेंट जार्ज के नाम पर रखा गया था। शीघ्र ही यह किला अंग्रेज़ों की व्यापारिक गतिविधियों का केन्द्र बन गया। कर्नाटक क्षेत्र में अंग्रेजों का प्रभाव स्थापित करने में इसका काफ़ी योगदान रहा। आजकल इस भवन में तमिलनाडु राज्य की विधानसभा तथा सचिवालय (सेक्रेट्रिएट) के दफ़्तर स्थित हैं। इस किले की चारदीवारी पर टीपू सुल्तान के चित्र मौजूद हैं जो इसकी शोभा बढ़ाते हैं।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
19वीं तथा 20वीं सदी के आरम्भ में चित्रकारी कला के विकास का वर्णन करें।
उत्तर-
19वीं सदी तथा 20वीं सदी के आरम्भ में कला स्कूलों तथा कला ग्रुपों द्वारा भारतीय चित्रकारी के क्षेत्र में अनेक परिवर्तन आये। इनका संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है
1. राजा रवि वर्मा-राजा रवि वर्मा चित्रकला में अति निपुण था। वह केवल चित्रकला में ही नहीं अपितु मूर्तियाँ बनाने में भी प्रवीण था। उसने यूरोपियन प्रकृतिवाद को भारतीय पौराणिक कथा तथा किस्सों (कहानियों) के साथ मिला कर चित्रित किया। उसके द्वारा बनाये गये चित्र भारत में महाकाव्यों तथा संस्कृत साहित्य से सम्बन्धित हैं। उसने भारत के अतीतकाल को चित्रों के माध्यम से प्रकट किया है।
2. बंगाल का कला स्कूल-रवीन्द्रनाथ टैगोर तथा हावैल कुमार स्वामी ने बंगाल कला स्कूल को प्रफुल्लित करने के लिए अनेक प्रयत्न किये। इस स्कूल के प्रसिद्ध चित्रकारों ने भारतीय पौराणिक कथाओं, महाकाव्यों तथा पुरातन साहित्य पर आधारित चित्र बनाये। उन्होंने जल रंगों से छोटे चित्र बनाये। रवीन्द्र नाथ टैगोर ने जापानी तकनीक में जल रंगों का उपयोग किया। उन्होंने शान्ति-निकेतन में कला-भवन की स्थापना की।
3. अमृता शेरगिल तथा जॉर्ज कीट- अमृता शेरगिल तथा जॉर्ज कीट भी प्रसिद्ध भारतीय चित्रकार थे। उन्हें आधुनिक यूरोपियन कला, आधुनिक जीव-आत्मा तथा हाव-भाव के बारे में अधिक जानकारी थी। अमृता शेरगिल के तैलचित्रों के शीर्षक भिन्न-भिन्न थे तथा उनके रंग विचित्र थे। परन्तु उनमें भारतीय नारियों की आकृतियां बनाई गई थीं। जॉर्ज कीट द्वारा पित्रों में प्रयुक्त रंग-शैली बहुत ही प्रभावशाली थी।
4. रवीन्द्र नाथ टैगोर-रवीन्द्र नाथ टैगोर के चित्र उनके अपने अनुभव पर आधारित थे। उन्होंने जल रंगों तथा रंगदार चाक से रेखांकित अनेक चित्र बनाए।
5. बम्बई के प्रसिद्ध कलाकार-फ्रांसिस न्यूटन सुज़ा इस स्कूल का एक प्रसिद्ध कलाकार था। उसने प्रभावशाली रंगों से विभिन्न नमूनों (मॉडलों) के चित्र बनाए। के० एच० अरा द्वारा बनाए गए फूलों तथा नारियों के चित्र अपने रंगों तथा विलक्षणता के कारण प्रसिद्ध हैं। एस० के० बेकर, एच० ए० गेड तथा एम० एफ० हुसैन आदि बम्बई के अन्य प्रसिद्ध चित्रकार हैं।
6. बड़ौदा (बड़ोदरा) यूनिवर्सिटी का आर्ट स्कूल-जी० आर० सन्तोष, गुलाम शेख, शान्ति देव आदि इस स्कूल के प्रसिद्ध चित्रकार हैं। प्रत्येक कलाकार का चित्र बनाने का अपना ही ढंग है; परन्तु प्रत्येक कलाकार के काम में आधुनिकता के दर्शन होते हैं।
7. मद्रास का कला स्कूल-यह स्कूल स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद डी० आर० चौधरी तथा के० सी० एस० पणिकर के मार्गदर्शन में प्रफुल्लित हुआ। इस स्कूल के अन्य प्रसिद्ध कलाकार सतीश गुजराल, राम कुमार, के० जी० सुब्रह्मण्यम
इन सब कला स्कूलों के अतिरिक्त नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट में आधुनिक कला के नमूने देखने को मिलते हैं। ललित कला अकादमी ने वज़ीफ़े (छात्रवृत्तियां), ग्रांटें (अनुदान) आदि प्रदान करके कलाकारों को प्रोत्साहित किया है।
प्रश्न 2.
19वीं तथा 20वीं सदी के आरम्भ में प्रेस के विकास का वर्णन करें।
उत्तर-
अंग्रेजी राज से पूर्व भारत में कोई छापाखाना नहीं था। मुग़लों के शासन-काल में अख़बार (समाचार-पत्र) हाथ से लिखे होते थे, जिन्हें मुग़ल बादशाह तथा धनी व्यापारी अपने उपयोग के लिए तैयार करवाते थे। भारत में सर्वप्रथम छापाखाना 1557 ई० में पुर्तगालियों ने स्थापित किया। परन्तु उनका उद्देश्य केवल ईसाई साहित्य छाप कर ईसाई मत का प्रचार करना था।
1857 तक प्रेस का विकास-
(1) लॉर्ड हेस्टिंग्ज़ की प्रेस सम्बन्धी उदार नीति के कारण कलकत्ता तथा दूसरे नगरों में कई समाचार-पत्र छपने लगे। एक प्रसिद्ध पत्रकार जे० एस० ने 1818 ई० में ‘कलकत्ता जरनल’ नाम का समाचार-पत्र छापना आरम्भ किया। इसी समय ही सेरामपुर में जी० सी० मार्शमैन ने ‘दर्पण’ तथा ‘दिग्दर्शन’ नाम के समाचार-पत्र छापने आरम्भ किये।
(2) 1821 ई० में राजा राम मोहन राय ने बंगला भाषा में ‘संवाद-कौमुदी’ तथा 1822 ई० में फ़ारसी भाषा में ‘मिरत-उल-अख़बार’ नाम के दो समाचार-पत्र छापने आरम्भ किये। इसी समय फ़रदूनज़ी मुरज़बान ने गुजराती भाषा में ‘बंबे समाचार’ नाम का अख़बार छापना शुरू किया।
1857 ई० के बाद प्रेस का विकास-1857-58 ई० में भारत के भिन्न-भिन्न भागों में काफ़ी संख्या में नये समाचार-पत्र छपने लगे। तत्पश्चात् 1881-1907 ई० के काल में प्रेस का बहुत अधिक विकास हुआ। उदाहरण के लिए बाल गंगाधर तिलक ने मराठी भाषा में ‘केसरी’ तथा अंग्रेजी भाषा में ‘मराठा’ नामक अखबार छापने शुरू किये। बंगाल – में घोष भाइयों के प्रयत्नों से ‘युगान्तर’ तथा ‘वन्दे मातरम्’ नाम के समाचार-पत्र छपने आरम्भ हुए जो अंग्रेज़ी शासन के विरुद्ध आवाज़ उठाने लगे। इस काल में कई मासिक-पत्र भी छपने लगे। इनमें 1899 ई० से ‘दि-हिन्दुस्तान-रिव्यू’, 1900 ई० से ‘दि-इण्डियन रिव्यू’ तथा 1907 ई० से ‘दि-मॉडर्न-रिव्यू’ आदि शामिल थे।
प्रश्न 3.
विषय अध्ययन-मुम्बई तथा चेन्नई का वर्णन करें।
उत्तर-
बम्बई को आजकल मुम्बई तथा मद्रास को चेन्नई कहा जाता है। ये दोनों नगर अंग्रेज़ी शासन काल में प्रमुख प्रेजीडेंसियां बन गई थीं। शीघ्र ही ये नगर राजनीतिक, व्यापारिक तथा सांस्कृतिक गतिविधियों के केन्द्र भी बन गये। इन दोनों नगरों ने ललित कलाओं (संगीत तथा नृत्य आदि) में बहुत अधिक उन्नति की।
1. मुम्बई-1668 ई० में ईस्ट इण्डिया कम्पनी के अधीन बम्बई राजनीतिक तथा व्यापारिक गतिविधियों के स्थान पर सांस्कृतिक गतिविधियों का केन्द्र बन गया था। इस नगर को शाही संरक्षण मिलने के कारण यहां कई नये स्कूल तथा कॉलेज खोले गये। सभी ललित कलाओं-संगीत, नृत्य तथा नाटक का सर्वपक्षीय विकास हुआ। नई लेखन-कला का विकास होने से साहित्य के क्षेत्र में तीव्र गति से वृद्धि हुई। इसके अतिरिक्त साहित्य, चित्रकला तथा भवन निर्माण कला की नई शैलियों का विकास हुआ।
मुंबई के भवन-मुम्बई के भवन-निर्माण कला के विभिन्न नमूने आज भी हमें उपनिवेशवादी (अंग्रेज़ी) शासकों की याद दिलाते हैं। ये सभी भवन भारतीय-यूरोपियन शैली में बने हुए हैं। इनका संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है
(i) प्रिंस ऑफ़ वेल्ज़ म्यूज़ियम-प्रिंस ऑफ़ वेल्ज़ म्यूज़ियम को आजकल ‘छत्रपति शिवाजी महाराज वस्तुसंग्रहालय’ कहा जाता है। यह गेटवे ऑफ़ इण्डिया के समीप दक्षिणी मुम्बई में स्थित है। इसे 20वीं शताब्दी के आरम्भ में प्रिंस ऑफ़ वेल्ज़ तथा ब्रिटेन के शासक एडवर्ड सातवें की भारत यात्रा की याद में बनाया गया था। इसे बनाने का काम 1909 ई० में एक प्रसिद्ध शिल्पकार जॉर्ज विलटेट को सौंपा गया था। यह भवन 1915 ई० में बनकर तैयार हुआ। इस अजायबघर की निर्माण कला में भवन-निर्माण सम्बन्धी कई तत्त्वों का सुन्दर मिश्रण है। इस प्रमुख भवन की तीन मंज़िलें हैं तथा सबसे ऊपर गुम्बद बना हुआ है। यह गुम्बद आगरे के ताजमहल के गुम्बद से मिलता-जुलता है। इसकी बाहर निकली हुई बाल्कोनियां तथा जुड़े हुए फर्श मुग़लों के महलों (प्रासादों) से मेल खाते हैं। इस अजायबघर में सिन्धु घाटी की सभ्यता की कारीगरी के नमूने तथा प्राचीन भारत के स्मारक देखे जा सकते हैं।
(ii) गेटवे ऑफ़ इण्डिया गेटवे ऑफ़ इण्डिया, अरब सागर के तट पर प्रिंस ऑफ़ वेल्ज़ म्यूज़ियम के समीप स्थित है। इसे जॉर्ज विलटेट तथा उसके मित्र जॉन बेग ने बनाया था। इसका निर्माण 1911 ई० में जॉर्ज पंचम तथा रानी मैरी की भारत में दिल्ली दरबार यात्रा की याद में किया गया था।
(iii) विक्टोरिया टर्मिनस-विक्टोरिया टर्मिनस 1888 ई० में बना था। अब यह छत्रपति शिवाजी के नाम से जाना जाता है। आरम्भ में इसका नाम ब्रिटेन की शासिका क्वीन विक्टोरिया के नाम पर रखा गया था। इसका नमूना प्रसिद्ध अंग्रेज़ शिल्पकार एफ० डब्ल्यू स्टारस (स्टीवन्स) द्वारा तैयार किया गया था। इसे बनाने में लगभग 10 साल का समय लगा था। मार्च 1996 ई० में इसे ‘छत्रपति शिवाजी टर्मिनस’ का नाम दिया गया। 2 जुलाई, 2004 ई० को इसे ‘यूनेस्को (UNESCO) विश्व धरोहर (विरासत)’ में सम्मिलित कर लिया गया।
(iv) मुम्बई के अन्य भवन-पीछे लिखे भवनों के अतिरिक्त मुम्बई में अन्य महत्त्वपूर्ण भवन-जनरल पोस्ट ऑफिस, म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन, राजाभाई टावर, बम्बई यूनिवर्सिटी, एल्फाइन स्टोन कॉलेज आदि हैं। ये सभी भवन 19वीं शताब्दी से 20वीं शताब्दी के आरम्भ में बनाए गए थे।
2. चेन्नई-चेन्नई (मद्रास) का निर्माण 1639 ई० में स्थानीय राजा से भूमि लेकर किया गया था। 1658 ई० में यह एक महानगर के रूप में विकसित हुआ और एक प्रेजीडेंसी बन गया। इस नगर में दक्षिण भारत की सभी प्रकार की कलाओं जैसे कि संगीत तथा नृत्य आदि का विकास हुआ। 19वीं शताब्दी से 20वीं शताब्दी के आरम्भ तक चेन्नई में .. बहुत-से भवनों का निर्माण किया गया। यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थल निम्नलिखित हैं
(i) चेन्नई के समुद्री तट-चेन्नई के समुद्री तट बहुत प्रसिद्ध हैं। इनमें से मैरीना समुद्री तट विशेष रूप से विख्यात है। यह लगभग 6 किलोमीटर लम्बा है। इसके सामने कई प्रमुख भवन स्थित हैं। वी० जी० पी० गोल्डन बीच एक अन्य प्रसिद्ध बीच है। यहां खिलौना रेलगाड़ी होने के कारण प्रायः बच्चों की भीड़ लगी रहती है।
(ii) फ़ोर्ट सेंट जॉर्ज-फोर्ट सेंट जॉर्ज भारत में प्रथम अंग्रेज़ी किला था। इसका निर्माण 1639 ई० में किया गया था और इसका नाम सेंट जॉर्ज के नाम पर रखा गया। यह शीघ्र ही अंग्रेजों की व्यापारिक गतिविधियों का केन्द्र बन गया। अंग्रेज़ों का कर्नाटक क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाने में इस किले का विशेष योगदान रहा। आजकल इस भवन में तमिलनाडु राज्य की विधानसभा तथा सचिवालय के दफ्तर स्थित हैं। टीपू सुल्तान के चित्र इस किले की चारदीवारी की शोभा बढ़ाते हैं।
(iii) वार मेमोरियल-वार मेमोरियल भी एक सुन्दर भवन है जिसे चेन्नई में बनाया गया था। इसका निर्माण प्रथम विश्वयुद्ध में शहीद हुए सैनिकों की स्मृति में किया गया था।
(iv) हाईकोर्ट (उच्च न्यायालय)-चेन्नई में हाई कोर्ट का भवन 1892 ई० में बनाया गया था। यह संसार का दूसरा प्रसिद्ध न्यायिक काम्प्लेक्स है। इसके गुंबद तथा बरामदे भारत-यूरोपियन भवन-निर्माण कला के उत्तम नमूने हैं।
(v) अन्य प्रसिद्ध भवन-चेन्नई में बने ब्रिटिश काल के अन्य प्रसिद्ध भवन जॉर्ज टावर, सन्त टॉमस (थॉमस) कैथेडरल बैसीलिका (सेंट टॉमस कैथेडरल बेसीलिका), प्रेजीडेंसी कॉलेज, रिपन बिल्डिंग, चेन्नई सेंट्रल स्टेशन, दक्षिणी रेलवे हैडक्वार्टर्ज़ आदि हैं।