Punjab State Board PSEB 8th Class Social Science Book Solutions Civics Chapter 30 सामाजिक क्षेत्र में सरकार के प्रयत्न तथा इनका प्रभाव Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 30 सामाजिक क्षेत्र में सरकार के प्रयत्न तथा इनका प्रभाव
SST Guide for Class 8 PSEB सामाजिक क्षेत्र में सरकार के प्रयत्न तथा इनका प्रभाव Textbook Questions and Answers
I. निम्नलिखित खाली स्थान भरो :
1. भारत एक ……… राज्य है।
2. भारत में मानव अधिकार कमीशन ……….. की रक्षा करता है।
3. बुढ़ापा, दुर्घटना तथा बेकारी के समय मिलने वाली सुविधा को ………… कहा जाता है।
4. गांवों को लिंक सड़कों के साथ …………. योजना के अन्तर्गत जोड़ा जा रहा है।
5. स्कूलों में दोपहर का खाना ………. योजना के अन्तर्गत दिया जा रहा है।
उत्तर-
- कल्याणकारी
- मानव अधिकारों
- सामाजिक सुरक्षा
- प्रधानमन्त्री ग्रामीण सड़क
- मिड डे मील।
II. निम्नलिखित वाक्यों पर ठीक (✓) या गलत (✗) का निशान लगाओ :
1. जन उपयोगी सेवाओं से लोगों का जीवन स्तर ऊंचा हुआ है। – (✓)
2. अच्छी शिक्षा तथा सेहत की सुविधाएं उपलब्ध कराना सरकार की बुनियादी ज़िम्मेदारी नहीं है। – (✗)
3. आज भारत में सामाजिक व आर्थिक असमानताएं समाप्त हो चुकी हैं। – (✗)
4. भारत में ‘कार्य का अधिकार’ मौलिक अधिकार है। – (✗)
5. पंजाब के सरकारी स्कूलों में धार्मिक शिक्षा अनिवार्य नहीं है। – (✓)
III. विकल्प वाले प्रश्न :
प्रश्न 1.
मिड-डे-मील स्कीम के अंतर्गत किस श्रेणी तक मुफ्त खाना दिया जाता है ?
(क) पांचवीं
(ख) आठवीं
(ग) दसवीं
(घ) पहली से आठवीं तक।
उत्तर-
पहली से आठवीं तक।
प्रश्न 2.
आज तक भारत में कितनी पंचवर्षीय योजनाएं लागू हो चुकी हैं ?
(क) 5
(ख) 12
(ग) 13
(घ) 14
उत्तर-
12
IV. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 1-15 शब्दों में दें:
प्रश्न 1.
जन-उपयोगी सेवाएं किसको कहते हैं ?
उत्तर-
सरकार द्वारा लोगों को रेलों, सड़कों, टेलीफोन, टेलीविज़न, कम्प्यूटर आदि की सुविधाएं दी गई हैं। इन्हें जन-उपयोगी सेवाएं कहते हैं। इनका उद्देश्य लोगों के सामाजिक स्तर को ऊंचा उठाना है।
प्रश्न 2.
सामाजिक समानता से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
सामाजिक समानता का अर्थ है-सामाजिक स्तर पर लोगों का बराबर होना। दूसरे शब्दों में समाज में किसी प्रकार की ऊंच-नीच न हो। रंग, जाति, नसल, जन्म, धनी, निर्धन आदि के आधार पर कोई भेदभाव न हो।
प्रश्न 3.
सामाजिक सुरक्षा क्या है ?
उत्तर-
सामाजिक सुरक्षा का अर्थ है, बुढ़ापे, दुर्घटना, बेकारी आदि की स्थिति में नागरिकों की सहायता करना। शारीरिक रूप से अपाहिज बच्चों को आवश्यक सहायता देना भी सामाजिक सुरक्षा में शामिल है। सामाजिक सुरक्षा सामाजिक विकास के लिए बहुत ज़रूरी है।
प्रश्न 4.
कोई दो मानवीय अधिकार लिखो।
उत्तर-
(1) जीवन का अधिकार, (2) स्वतन्त्रता का अधिकार, (3) समानता का अधिकार, (4) मानवीय गौरव का अधिकार।
नोट-विद्यार्थी कोई दो लिखें।
V. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 50-60 शब्दों में दें:
प्रश्न 1.
सरकार की सामाजिक क्रियाओं के प्रभाव लिखें।
उत्तर-
सरकार की सामाजिक क्रियाओं से लोगों का सामाजिक, आर्थिक, नैतिक तथा सांस्कृतिक विकास अवश्य हुआ है। सरकार ने भी इसमें सक्रिय भूमिका निभाई है। फिर भी देश में सच्चे अर्थों में सामाजिक समानता नहीं आ सकी। आज भी कई सामाजिक वर्गों की स्थिति दयनीय है।
प्रश्न 2.
सरकार के सामाजिक और नैतिक सुधारों पर नोट लिखें।
उत्तर-
सरकार द्वारा सामाजिक स्थिति सुधारने के लिए स्त्रियों की दशा सुधारने की ओर विशेष ध्यान दिया गया। इनके लिए व्यावसायिक तथा शैक्षिक संस्थान खोले गये। उन्हें भिन्न-भिन्न प्रकार की व्यावसायिक शिक्षा दी गई ताकि वे मुसीबत के समय अपने बच्चों का पालन-पोषण स्वयं कर सकें। इससे उन्हें अपने अन्य पारिवारिक उत्तरदायित्व निभाने तथा अपने परिवार की आर्थिक दशा सुधारने में भी सहायता मिली।
सरकार द्वारा नशीले पदार्थों के प्रयोग, छुआछूत, बाल-विवाह, दहेज प्रथा तथा भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कठोर नियम बनाए गए। व्यावहारिक शिक्षा के साथ-साथ नैतिक मूल्यों का विकास करने के लिए भी विशेष पग उठाए गए। सरकार द्वारा ये सभी कार्य लोगों की भलाई अर्थात् जनकल्याण के लिए किये गए।
प्रश्न 3.
सामाजिक सुरक्षा की ज़रूरत क्यों है ?
उत्तर-
सामाजिक सुरक्षा से अभिप्राय के विकास के रूप में सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। भारत एक कल्याणकारी राज्य है। कल्याणकारी राज्य का यह कर्त्तव्य होता है कि वह अपने नागरिकों को बेकारी, दुर्घटना, बुढ़ापे अथवा किसी अन्य संकट के समय आवश्यक सहायता प्रदान करे । बच्चों के विकास के लिए बाल भवन खोले जाएं। यहाँ बच्चों के लिए मनोरंजन की व्यवस्था हो। उन्हें कलात्मक रुचियां बढ़ाने की शिक्षा भी दी जाए। विशेष ज़रूरतों वाले अर्थात् शारीरिक रूप से अपंग बच्चों के लिए विशेष शिक्षा संस्थाएं खोली जाएं। ऐसे कार्यों द्वारा ही सामाजिक सुरक्षा को विश्वसनीय बनाया जा सकता है।
प्रश्न 4.
भारत में मानवीय अधिकारों की रक्षा हेतु सरकार के यत्न लिखें।
उत्तर-
मानव अधिकारों को कार्य रूप देना सरकार की एक महत्त्वपूर्ण सामाजिक क्रिया है। इसके लिए 28 सितंबर 1993 को राष्ट्रीय मानवीय अधिकार आयोग स्थापित किया गया। दिसम्बर 1993 में इस आयोग को कानूनी रूप प्रदान किया गया। इस आयोग को मानवीय अधिकारों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।
PSEB 8th Class Social Science Guide सामाजिक क्षेत्र में सरकार के प्रयत्न तथा इनका प्रभाव Important Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Multiple Choice Questions)
सही जोड़े बनाइए:
1. पंचवर्षीय योजनाएं – बूढ़ों, बेसहारों की सहायता
2. सामाजिक सुरक्षा – रेलों, सड़कों आदि की सुविधा
3. मानवीय अधिकार – देश का सर्वपक्षीय विकास
4. जन उपयोगी सेवाएं – जीवन का अधिक
उत्तर-
- देश का सर्वपक्षीय विकास
- बूढ़ों,बेसहारों की सहायता
- जीवन का अधिकार
- रेलों, सड़कों आदि की सुविधा।
अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
स्त्रियों की स्थिति सुधारने के लिए सरकार द्वारा किए गए कोई दो कार्य बताओ।
उत्तर-
- उनके लिए व्यावसायिक तथा शैक्षिक संस्थान खोले गए।
- उन्हें भिन्न-भिन्न प्रकार की व्यावसायिक शिक्षा दी गई ताकि वे स्वयं आजीविका कमा सकें।
प्रश्न 2.
राष्ट्रीय मानवीय अधिकार आयोग कब और किस प्रकार अस्तित्व में आया ? .
उत्तर-
राष्ट्रीय मानवीय अधिकार आयोग की स्थापना 28 सितम्बर, 1993 को की गई है। यह आयोग मानवीय अधिकार सुरक्षा अध्यादेश द्वारा स्थापित किया गया। इस अध्यादेश को संसद् द्वारा दिसम्बर, 1993 में कानून का रूप दिया गया।
सरकार द्वारा नशीले पदार्थों के प्रयोग, छुआछूत, बाल-विवाह, दहेज प्रथा तथा भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कठोर नियम बनाए गए। व्यावहारिक शिक्षा के साथ-साथ नैतिक मूल्यों का विकास करने के लिए भी विशेष पग उठाए गए।
सरकार द्वारा ये सभी कार्य लोगों की भलाई अर्थात् जनकल्याण के लिए किये गए।
प्रश्न 3.
सामाजिक सुरक्षा की ज़रूरत क्यों है ?
उत्तर-
सामाजिक सुरक्षा से अभिप्राय के विकास के रूप में सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। भारत एक कल्याणकारी राज्य है। कल्याणकारी राज्य का यह कर्त्तव्य होता है कि वह अपने नागरिकों को बेकारी, दुर्घटना, बुढ़ापे अथवा किसी अन्य संकट के समय आवश्यक सहायता प्रदान करे। बच्चों के विकास के लिए बाल भवन खोले जाएं। यहाँ बच्चों के लिए मनोरंजन की व्यवस्था हो। उन्हें कलात्मक रुचियां बढ़ाने की शिक्षा भी दी जाए। विशेष जरूरतों वाले अर्थात् शारीरिक रूप से अपंग बच्चों के लिए विशेष शिक्षा संस्थाएं खोली जाएं। ऐसे कार्यों द्वारा ही सामाजिक सुरक्षा को विश्वसनीय बनाया जा सकता है।
प्रश्न 4.
भारत में मानवीय अधिकारों की रक्षा हेतु सरकार के यत्न लिखें।
उत्तर-
मानव अधिकारों को कार्य रूप देना सरकार की एक महत्त्वपूर्ण सामाजिक क्रिया है। इसके लिए 28 सितंबर 1993 को राष्ट्रीय मानवीय अधिकार आयोग स्थापित किया गया। दिसम्बर 1993 में इस आयोग को कानूनी रूप प्रदान किया गया। इस आयोग को मानवीय अधिकारों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
सही जोड़े बनाइए:
1. पंचवर्षीय योजनाएं – बूढ़ों, बेसहारों की सहायता
2. सामाजिक सुरक्षा – रेलों, सड़कों आदि की सुविधा
3. मानवीय अधिकार – देश का सर्वपक्षीय विकास
4. जन उपयोगी सेवाएं – जीवन का अधिक
उत्तर-
- देश का सर्वपक्षीय विकास
- बूढ़ों,बेसहारों की सहायता
- जीवन का अधिकार
- रेलों, सड़कों आदि की सुविधा।
अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
स्त्रियों की स्थिति सुधारने के लिए सरकार द्वारा किए गए कोई दो कार्य बताओ।
उत्तर-
- उनके लिए व्यावसायिक तथा शैक्षिक संस्थान खोले गए।
- उन्हें भिन्न-भिन्न प्रकार की व्यावसायिक शिक्षा दी गई ताकि वे स्वयं आजीविका कमा सकें।
प्रश्न 2.
राष्ट्रीय मानवीय अधिकार आयोग कब और किस प्रकार अस्तित्व में आया ?
उत्तर-
राष्ट्रीय मानवीय अधिकार आयोग की स्थापना 28 सितम्बर, 1993 को की गई है। यह आयोग मानवीय अधिकार सुरक्षा अध्यादेश द्वारा स्थापित किया गया। इस अध्यादेश को संसद् द्वारा दिसम्बर, 1993 में कानून का रूप दिया गया।
छोटे उत्तर वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
स्वतन्त्रता के पश्चात् देश की सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति में सुधार की जरूरत क्यों महसूस की गई ? इस उद्देश्य से क्या कदम उठाए गए ?
उत्तर-
भारत शताब्दियों तक परतन्त्र रहा था। इसके कारण भारत सामाजिक तथा आर्थिक रूप से बुरी तरह टूट चुका था। इसलिए देश की सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति में सुधार लाने की ज़रूरत महसूस की गई। इस उद्देश्य से निम्नलिखित पग उठाए गए.
- मौलिक अधिकारों में समानता के अधिकार को शामिल किया गया।
- देश की आर्थिक तथा सामाजिक स्थिति को मज़बूत बनाने के लिए पंचवर्षीय योजनाएं शुरू की गईं।
- विदेश नीति में गुट-निरपेक्षता का सिद्धान्त अपनाया गया।
- भारत को एक कल्याणकारी राज्य बनाने का उद्देश्य निर्धारित किया गया।
प्रश्न 2.
सामाजिक क्षेत्र में जन-उपयोगी सेवाओं की क्या भूमिका है ?
उत्तर-
सामाजिक क्षेत्र में जन-उपयोगी सेवाओं का विशेष महत्त्व है। सामाजिक जीवन का विकास करने के लिए सरकार द्वारा लोगों को रेलों, सड़कों, टेलीफोन, टेलीविज़न, कम्प्यूटर इत्यादि की सुविधाएं प्रदान की गईं। इन जन उपयोगी सेवाओं का उद्देश्य लोगों के दैनिक जीवन के सामाजिक स्तर को ऊंचा उठाना था। भारत को विकसित देशों की तुलना में लाना भी सरकार का मुख्य उद्देश्य था। इसलिए सरकार ने योजनाओं का निर्माण किया। तकनीकी कृषि, चिकित्सा, शिक्षा तथा कला सम्बन्धी शैक्षिक संस्थाओं की व्यवस्था की गई। इसके अतिरिक्त गांवों तथा कस्बों में पीने के पानी तथा बिजली का प्रबन्ध किया गया। गांवों तथा सड़कों का निर्माण भी किया गया ताकि उन्हें शहरों से जोड़ा जा सके।
प्रश्न 3.
मौलिक अधिकारों का लोगों पर क्या प्रभाव है ? .
उत्तर-
सरकार ने समाज में स्वतन्त्रता तथा समानता को बढ़ावा देने के लिए विशेष पग उठाए हैं। इस उद्देश्य से भारतीय संविधान में स्वतन्त्रता तथा समानता के मौलिक अधिकारों की व्यवस्था की गई है। इन्हें लागू करने के लिए विशेष कानून भी बनाए गए हैं। इन अधिकारों से लोगों का सर्वपक्षीय विकास अवश्य हुआ है, परन्तु समाज में सच्चे अर्थों में समानता नहीं लाई जा सकी। आज भी कई सामाजिक वर्गों की स्थिति दयनीय है। उनके लिए आज भी सार्वजनिक कुओं तथा अन्य सार्वजनिक स्थानों का प्रयोग करना निषेध है। उन्हें मन्दिरों में प्रवेश नहीं करने दिया जाता। इस प्रकार आज भी स्वतन्त्रता तथा समानता के अधिकारों का लाभ जरूरतमन्द लोगों को नहीं मिल पाता। इसके लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है।
सामाजिक क्षेत्र में सरकार के प्रयत्न तथा इनका प्रभाव PSEB 8th Class Social Science Notes
- भारत एक कल्याणकारी राज्य – भारत को एक कल्याणकारी राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, ताकि देश को सामाजिक तथा आर्थिक रूप से मज़बूत बनाया जा सके।
- सामाजिक असमानता को दूर करना – इस उद्देश्य से संविधान में स्वतन्त्रता तथा समानता के मौलिक अधिकार शामिल किए गए हैं। छुआछूत को अवैध घोषित कर दिया गया है।
- जन-उपयोगी सेवाएं – लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए यातायात तथा संचार सेवाओं का विस्तार किया गया है। इसके साथ-साथ कृषि, चिकित्सा, कला आदि से सम्बन्धित शिक्षा संस्थाओं का विस्तार किया गया है।
- सामाजिक सुरक्षा – लोगों को बुढ़ापे, दुर्घटना, बेकारी आदि की स्थिति में सामाजिक सुरक्षा प्रदान की गई है।
- मानव अधिकार – मुख्य मानव अधिकार हैं-जीवन का अधिकार, स्वतन्त्रता का अधिकार, समानता का अधिकार तथा मानवीय गौरव का अधिकार। इन अधिकारों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की स्थापना की गई है।