PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 4 हमारी कृषि

Punjab State Board PSEB 8th Class Social Science Book Solutions Geography Chapter 4 हमारी कृषि Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Social Science Geography Chapter 4 हमारी कृषि

SST Guide for Class 8 PSEB हमारी कृषि Textbook Questions and Answers

I. नीचे दिए प्रश्नों के उत्तर 20-25 शब्दों में दो :

प्रश्न 1.
कृषि से आपका क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
कृषि से अभिप्राय फ़सलें पैदा करने, पशु पालने तथा अन्य कृषि सम्बन्धी व्यवसायों से है। डेयरी फार्मिंग, मुर्गी पालन, शहद की मक्खियाँ पालना, मछली पालन, फूलों की खेती करना, गुड़ बनाना, आटा चक्की लगाना आदि सभी व्यवसाय कृषि में शामिल हैं।

प्रश्न 2.
कृषि को कौन-कौन से तत्त्व प्रभावित करते हैं ?
उत्तर-
कृषि को मुख्य रूप से निम्नलिखित तत्त्व प्रभावित करते हैं — (1) जलवायु (2) धरातल (3) मिट्टी के प्रकार (4) सिंचाई की व्यवस्था (5) कृषि करने का ढंग (6) मण्डियों की सुविधा (7) यातायात के साधन (8) बैंकों की सुविधा।

प्रश्न 3.
बागाती कृषि का उत्तर संक्षेप में लिखें।
उत्तर-
बागाती कृषि में फलों, सब्जियों तथा फूलों के बीजों की कृषि की जाती है। इसमें कृषि की आधुनिक विधियां प्रयोग में लाई जाती हैं। यह कृषि किसानों के लिए बहुत अधिक लाभदायक सिद्ध हो रही है।

प्रश्न 4.
अनाज उपजों के नाम लिखो।
उत्तर-
मुख्य अनाज उपजें चावल, गेहूं, मक्की, ज्वार, बाजरा, दालें तथा तेल निकालने के बीज हैं।

प्रश्न 5.
“क” करना किसे कहते हैं ?
उत्तर-
चावल पैदा करने के लिए पहले पौध अथवा पनीरी तैयार की जाती है। फिर जिस खेत में पौध लगानी हो, उसे समतल करके उसमें पानी भर दिया जाता है। इसे खेत को ‘कद्दू’ करना कहते हैं।

प्रश्न 6.
मक्की से क्या-क्या तैयार किया जाता है ?
उत्तर-
मक्की से ग्लूकोज़, कल्फ स्टार्च तथा अल्कोहल तैयार किया जाता है। इससे वनस्पति तेल भी तैयार किया जाता है।

प्रश्न 7.
‘रेशे की लम्बाई’ के आधार पर कपास की किस्में बताइए।
उत्तर-
रेशे की लम्बाई के आधार पर कपास तीन किस्म की होती है–(1) लम्बे रेशे वाली कपास (2) मध्यम दर्जे के रेशे वाली कपास तथा (3) छोटे रेशे वाली कपास।

प्रश्न 8.
पटसन से कौन-कौन सी वस्तुएँ बनाई जा सकती हैं ?
उत्तर-
पटसन से बोरियां, रस्सियां, सूतली आदि बनाये जाते हैं। इससे शो-पीस भी बनते हैं।

प्रश्न 9.
चाय का पौधा किस प्रकार का होता है ?
उत्तर-
चाय का पौधा एक झाड़ी जैसा होता है। इसकी पत्तियों से चायपत्ती प्राप्त की जाती है।

प्रश्न 10.
कॉफी की तीन किस्मों के नाम लिखो।
उत्तर-
कॉफी की तीन किस्में हैं(1) अरेबिका, (2) रोबसटा तथा (3) लाइबैरिका।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 4 हमारी कृषि

प्रश्न 11.
यू० एस० ए० और पंजाब में कितने-कितने प्रतिशत लोग कृषि व्यवसाय करते हैं ?
उत्तर-
यू० एस० ए० में 30% जबकि पंजाब में लगभग 58% लोग कृषि व्यवसाय करते हैं।

II. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 70-75 शब्दों में दो :

प्रश्न 1.
कृषि कितने प्रकार की है ? सघन और विशाल कृषि में अन्तर लिखो।
उत्तर-
कृषि के प्रकार-कृषि अग्रलिखित कई प्रकार की होती है –

  • स्थाई कृषि (Permanent agriculture)
  • स्थानान्तरी कृषि (Shifting agriculture)
  • शुष्क कृषि (Dry farming)
  • नमी वाली कृषि (Wet farming)
  • सघन कृषि (Intensive farming)
  • विशाल कृषि (Extensive farming)
  • मिश्रित कृषि (Mixed farming)
  • बागबानी कृषि (Horticulture)
  • निजी कृषि (Private or individual agriculture)
  • सहकारी कृषि (Cooperative farming)
  • सांझी कृषि (Collective farming)
  • बागाती कृषि (Plantation agriculture)
  • आत्मनिर्भर अथवा निर्भरता कृषि (Subsistence agriculture)
  • व्यापारिक कृषि (Commercial farming)

सघन तथा विशाल कृषि में अन्तर-

  • सघन कृषि कम भूमि में की जाती है, जबकि विशाल कृषि में खेतों का आकार बहुत बड़ा होता है।
  • सघन कृषि में सिंचाई साधनों तथा उर्वरकों के प्रयोग से उत्पादन बढ़ाया जाता है। इसके विपरीत विशाल कृषि में मशीनों का प्रयोग किया जाता है।
  • सघन कृषि भारत के पंजाब राज्य में की जाती है, जबकि विशाल कृषि संयुक्त राज्य अमेरिका के बड़े-बड़े . खेतों में की जाती है।

प्रश्न 2.
निर्वाह और व्यापारिक कृषि में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
निर्वाह कृषि-निर्वाह कृषि छोटे पैमाने पर की जाती है। इसमें किसान अपनी आवश्यकतानुसार अपने गुज़ारे के लिए फ़सलें उगाता है। वह इन्हें बेच नहीं पाता क्योंकि उसके पास फ़ालतू फ़सल बचती ही नहीं है। यदि वह थोड़ी बहुत फसल बेच भी लेता है तो वह उन पैसों से अपनी छोटी-छोटी ज़रूरतों के लिए घर का सामान खरीद लेता है।

व्यापारिक कृषि-इस प्रकार की कृषि बड़े पैमाने पर की जाती है। इसमें किसान मशीनों तथा अन्य साधनों का भरपूर प्रयोग करते हैं। उपजों को बाज़ार में बेचने के लिए उगाया जाता है ताकि नकद धन कमाया जा सके। संसार के अधिक क्षेत्रफल वाले देशों में, जहां किसानों के पास बड़ी-बड़ी ज़मीनें हैं, प्रायः इसी प्रकार की कृषि की जाती है। संयुक्त राज्य अमेरिका तथा कनाडा अपनी व्यापारिक कृषि के लिए जाने जाते हैं। अब भारत में भी व्यापारिक कृषि का प्रचलन बढ़ रहा है।

प्रश्न 3.
चावल पैदा करने वाले मुख्य क्षेत्र कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
चावल मुख्य रूप से गर्म तथा तर (नम) जलवायु वाले प्रदेशों में पैदा किया जाता है। संसार में चीन, भारत, बंगलादेश, जापान तथा दक्षिण पूर्वी देश चावल के उत्पादन के लिए विख्यात हैं। इनमें से चीन का संसार में पहला स्थान है। वह संसार के कुल चावल का 36% पैदा करता है। वहाँ की यंगसी क्यिांग की नहरी घाटियां चावल के उत्पादन के लिए जानी जाती हैं। बंगलादेश में चावल उत्पन्न करने वाला मुख्य क्षेत्र गंगा डैल्टा है। जापान अधिक उत्पादन के लिए चावल की जैपोनिका किस्म की बीजाई करता है। __ चावल के उत्पादन में भारत का संसार में दूसरा स्थान है। संसार का 20% चावल भारत में ही पैदा किया जाता है। भारत के चावल उत्पन्न करने वाले मुख्य राज्य पश्चिमी बंगाल, बिहार, उड़ीसा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, आन्ध्र प्रदेश तथा हरियाणा हैं। पंजाब में चावल की प्रति हेक्टेयर उपज सबसे अधिक है। इस राज्य में चावल मुख्यतः अमृतसर, गुरदासपुर, फिरोजपुर, जालन्धर, पटियाला तथा लुधियाना जिलों में उगाया जाता है।

प्रश्न 4.
कपास और पटसन पैदा करने के लिए भौगोलिक अवस्थाओं का वर्णन करो।
उत्तर-
कपास पैदा करने के लिए आवश्यक अवस्थाएं

तापमान – 20° सेल्सियस से 30° सेल्सियस तक और कम-से-कम 20 कोहरा रहित दिन।
वर्षा – 50 सेंटीमीटर से 100 सेंटीमीटर तक
धरातल – समतल या हल्की ढलान वाली भूमि
मृदा – काली, जलौढ़ मिट्टी और उर्वरक की आवश्यकता होती है।
श्रमिक – कपास चुनने के लिए सस्ते और प्रशिक्षित श्रमिकों की आवश्यकता होती है।

पटसन पैदा करने के लिए आवश्यक अवस्थायें :
तापमान – 24° सेल्सियस से 35° सेल्सियस तक।
वर्षा – 120 सेंटीमीटर से 150 सेंटीमीटर तक; 80 से 90% सापेक्ष नमी आवश्यक है।
धरातल – समतल धरातल।
मृदा – जलौढ़, चिकनी और दोमट मिट्टी
श्रमिक – सस्ते श्रमिकों की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 5.
पंजाब में कपास उत्पादन पर एक नोट लिखो।
उत्तर-
पंजाब हरियाणा के साथ मिलकर देश की लगभग 25% कपास पैदा करता है। राज्य के कपास उत्पन्न करने वाले मुख्य जिले बठिंडा, फिरोजपुर तथा संगरूर हैं। पंजाब में बी०टी० काटन बीज के बहुत अच्छे परिणाम रहे हैं। राज्य के मालवा क्षेत्र में कपास को सफ़ेद सोना अथवा श्वेत सोना भी कहा जाता है।

प्रश्न 6.
चाय तथा कॉफ़ी के पौधों की सम्भाल कैसे की जाती है ? .
उत्तर-
चाय-चाय के पौधों को साफ़ की हुई ढलानों पर लगाया जाता है। पौधों के विकास के लिए उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है। इस बात का ध्यान रखा जाता है कि पानी पौधों की जड़ों में न ठहरे। पौधों के ठीक ढंग से विकास के लिए इनकी कांट-छांट भी की जाती है।
कॉफ़ी-कॉफ़ी के पौधों को उचित सिंचाई तथा कांट-छांट की आवश्यकता होती है। खेतों में समय-समय पर उर्वरकों का प्रयोग भी करना चाहिए।

प्रश्न 7.
यू० एस० ए० में कृषि के लिए मशीनों के प्रयोग पर एक नोट लिखो।
उत्तर-
यू० एस० ए० में भारत की तुलना में किसानों के पास बहुत अधिक कृषि भूमि है। इसलिए खेतों का आकार बड़ा है। यहां के एक फार्म का औसत आकार 700 एकड़ है। खेतों का आकार बड़ा होने के कारण यहां विस्तृत (Extensive) प्रकार की खेती की जाती है। इनमें मशीनों का प्रयोग बहुत बड़े पैमाने पर किया जाता है। वास्तव में यू० एस० ए० के फार्मों में मशीनों के बिना कृषि करना सम्भव नहीं है। फ़सलों की बीजाई से लेकर फ़सलों को स्टोरों तथा मण्डियों तक ले जाने का सारा काम मशीनों द्वारा ही किया जाता है। कृषि के लिए हैलीकाप्टरों और वायुयानों का प्रयोग भी होता है। यहां का किसान मिट्टी की प्रकार, जलवायु और सिंचाई साधनों का पूर्ण ज्ञान प्राप्त करने के पश्चात् ही फ़सल का चुनाव करता है। कीटनाशक दवाइयों का भी काफ़ी प्रयोग किया जाता है।

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III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 250 शब्दों में लिखो :

प्रश्न 1.
गेहूं की फ़सल के लिए आवश्यक अवस्थाएं बताकर गेहूं पैदा करने वाले क्षेत्रों का वर्णन करो।
उत्तर-
गोहूं एक महत्त्वपूर्ण अन्न उपज है। संसार के धनी देशों के लोग चावल की तुलना में गेहूं खाना अधिक पसन्द करते हैं। गेहूं को प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट तथा विटामिनों से परिपूर्ण अन्न माना जाता है।
गेहूं उत्पादन के लिए आवश्यक अवस्थाएं :

तापमान – 10° सेल्सियस से 20° सेल्सियस तक
वर्षा – 50 सेंटीमीटर से 100 सेंटीमीटर तक
धरातल – समतल अथवा थोड़ा ढलान वाला
मृदा (मिट्टी) – दोमट, चिकनी, काली तथा लाल मिट्टी
बीज और उर्वरा – बढ़िया बीज और उर्वरक (रासायनिक खादें) उत्पादन बढ़ाने के लिए अति आवश्यक हैं।
श्रमिक – फ़सल की बीजाई तथा कटाई के समय श्रमिकों की आवश्यकता होती है।

गेहूं की बीजाई नवम्बर-दिसम्बर में की जाती है। गेहूं बीजते समय तापमान कम और काटते समय अधिक होना चाहिए। फ़सल के पकते समय मौसम गर्म और शुष्क होना चाहिए। समय-समय पर इसे वर्षा या सिंचाई की आवश्यकता भी होती है।

गेहूं पैदा करने वाले क्षेत्र-संसार तथा भारत में गेहूं उत्पन्न करने वाले मुख्य क्षेत्र निम्नलिखित हैं –

संसार-संसार में चीन, यू० एस० ए०, रूस, फ्रांस, कनाडा तथा जर्मनी गेहूं पैदा करने वाले मुख्य देश हैं। इन देशों में भूमि की अधिकता तथा मशीनों के प्रयोग के कारण गेहूं का उत्पादन बहुत अधिक होता है। यू० एस० ए० के कंसास, डकोटा, मोनटाना, मिनीसोटा, टैक्सास तथा महान् झील के आस-पास के क्षेत्र गेहं पैदा करने के लिए विख्यात हैं। कनाडा के मुख्य गेहूं उत्पादक क्षेत्र ओंटारियो तथा ब्रिटिश कोलम्बिया हैं।

भारत-गेहूं पैदा करने में भारत का संसार में दूसरा स्थान है। देश की कुल गेहूं का 72% से भी अधिक भाग उत्तरी भारत के तीन राज्य उत्तर प्रदेश, पंजाब तथा हरियाणा पैदा करते हैं। राजस्थान, मध्य प्रदेश तथा बिहार राज्य भी गेहूं उगाते हैं। पंजाब के लगभग सभी जिलों में गेहूं पैदा होता है। पंजाब में आई ‘हरी क्रान्ति’ (Green Revolution) ने गेहूँ के उत्पादन में बहुत अधिक वृद्धि की है। उत्तम बीजों, उर्वरकों तथा सिंचाई साधनों के प्रयोग से पंजाब में गेहूँ का उत्पादन कई गुणा बढ़ गया है। केन्द्रीय अनाज में पंजाब के गेहूं का योगदान अन्य सभी राज्यों से अधिक है।

प्रश्न 2.
चाय और कॉफी पैदा करने के लिए आवश्यक अवस्थाएं कौन-कौन सी हैं ? भारत में चाय और कॉफी के मुख्य क्षेत्र बताइए।
उत्तर-
चाय और कॉफी पैदा करने के लिए आवश्यक अवस्थाएं अग्रलिखित हैं – चाय पैदा करने के लिए आवश्यक अवस्थाएं :

तापमान – 200 सेल्सियस से 30° सेल्सियस तक
वर्षा – 150 सेंटीमीटर से 300 सेंटीमीटर तक, सारा साल रुक-रुक कर।
धरातल – ढलानदार
मृदा – दोमट मिट्टी, जंगली मिट्टी (जिसमें लौह तथा जैविक तत्त्वों की अधिकता हो।)
श्रमिक अधिक श्रमिकों की आवश्यकता होती है।
मण्डी – चाय का मांग क्षेत्र, जहां चाय बेची जा सके।
PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 4 हमारी कृषि 1

कॉफी उत्पादन के लिए आवश्यक अवस्थाएं :

तापमान – 150 सेल्सियस से 280 सेल्सियस तक
वर्षा – 100 सेंटीमीटर से 200 सेंटीमीटर तक
धरातल – पर्वतीय एवं ढलानदार
मृदा – दोमट या जैविक तत्वों वाली मिट्टी
श्रमिक – कॉफी के. भिन्न-भिन्न प्रकार के बीजों को अलग करने के लिए प्रशिक्षित श्रमिक।

भारत में चाय के मुख्य क्षेत्र-चाय के उत्पादन में भारत का संसार में पहला स्थान है। देश के चाय पैदा करने वाले मुख्य राज्य असम, पश्चिमी बंगाल, तमिलनाडु, केरल, त्रिपुरा तथा कर्नाटक हैं।

  • भारत की कुल चाय का 51% भाग केवल असम राज्य उत्पन्न करता है। इस राज्य की ब्रह्मपुत्र तथा सुरमा घाटियां चाय के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं। असम के डिबरूगढ़, लखीमपुर, सिबसागर, दुर्ग, गोलपाड़ा आदि ज़िले चाय उत्पन्न करने वाले मुख्य क्षेत्र हैं।
  • पश्चिमी बंगाल में चाय मुख्यतः दार्जिलिंग, जलपाइगुड़ी तथा कूच-बिहार के जिलों में उगाई जाती है।
  • तमिलनाडु में चाय नीलगिरी तथा अन्नामलाई की पहाड़ियों पर पैदा की जाती है।
  • देश के अन्य चाय उत्पादक क्षेत्र कर्नाटक के हसन तथा चिकमंगलूर और केरल के कोटायाम, कोलाम तथा थिरूवान्थापुरम (तिरुवन्तापुरम्) ज़िले हैं।

भारत में कॉफी के मुख्य क्षेत्र-भारत संसार की केवल 2.2 प्रतिशत कॉफी पैदा करता है। देश में इसका उत्पादन करने वाले मुख्य राज्य कर्नाटक, केरल तथा तमिलनाडु हैं। भारत की कॉफी का 70% भाग अकेले कर्नाटक राज्य उत्पन्न करता है। केरल के कोडंगू, चिकमंगलूर, शिमोगा तथा कोलम ज़िले और तमिलनाडु के नीलगिरी, मदुरै, सेलम तथा कोयम्बटूर ज़िले कॉफी के मुख्य उत्पादक क्षेत्र हैं।

प्रश्न 3.
पटसन की कृषि कैसे की जाती है ? पटसन के प्रयोग और संसार में इसके वितरण का विस्तारपूर्वक उत्तर लिखिए।
उत्तर-
पटसन रीड (reed) जैसा पतला तथा लम्बा पौधा होता है। इसका रेशा बहुत ही उपयोगी होता है। इससे बोरियां, रस्सियां, सूतली आदि वस्तुएँ बनाई जाती हैं जो काफ़ी मजबूत होती हैं। परन्तु प्लास्टिक तथा कृत्रिम रेशों के बढ़ते प्रयोग से पटसन से बनी वस्तुओं पर बुरा प्रभाव पड़ा है क्योंकि ये महँगी पड़ती हैं।

पटसन की कृषि–पटसन को प्रायः फरवरी-मार्च में बोया जाता है और अक्तूबर के महीने में काट लिया जाता है। आजकल पटसन की कई किस्में जल्दी भी तैयार हो जाती हैं। पटसन की फसल को काटने के पश्चात् उसकी गाँठें बना ली जाती हैं जिन्हें दो-तीन सप्ताह के लिए खड़े जल के नीचे रखा जाता है। इससे पौधों का रेशा नर्म होकर उतरने लगता है। तब इन्हें पानी से निकाल कर सुखा लिया जाता है और रेशे को अलग कर लिया जाता है। इसे साफ़ करके भिन्न-भिन्न प्रकार से प्रयोग में लाया जाता है।

पटसन का वितरण-पटसन गर्म तथा सीले जलवायु वाले क्षेत्रों में पैदा होता है। इसका उत्पादन करने वाले संसार समय देश चीन, भारत, बंगलादेश, थाईलैंड और ब्राज़ील हैं। भारत तथा बंगलादेश पटसन उत्पन्न करने वाले देशों
में सबसे आगे हैं।

भारत में पटसन की खेती गंगा-ब्रह्मपत्र नदियों के डेल्टाई भागों में बड़े पैमाने पर की जाती है। भारत की लगभग 99% पटसन देश के चार राज्य पश्चिमी बंगाल, बिहार, असम तथा उड़ीसा पैदा करते हैं। पटसन की खेती की अनुकूल अवस्थाओं के कारण अकेले पश्चिमी बंगाल देश की 80% पटसन पैदा करता है। कुछ पटसन उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र तथा केरल में भी पैदा होती है। पश्चिमी बंगाल में नादिया, मुर्शिदाबाद, 24 परगना, जलपाइगुड़ी तथा हुगली, बिहार में पुरनियां तथा दरभंगा और असम में गोलपाड़ा, दुर्ग तथा सिंबसागर ज़िले पटसन के मुख्य उत्पादक हैं।

प्रश्न 4.
पंजाब तथा यू०एस०ए० की खेती में क्या समानताएं तथा भिन्नताएं मिलती हैं ?
उत्तर-
पंजाब की खेती-

  • पंजाब के लगभग 58% लोग कृषि में लगे हुए हैं। राज्य की कुल आय में कृषि का योगदान 35% है।
  • यहां की मिट्टी उपजाऊ है। मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बनाए रखने के लिए किसान खादों का प्रयोग करते हैं।
  • पंजाब का किसान अपने खेतों में अलग-अलग प्रकार की फ़सल उगाता है। अधिक उत्पादन के लिए वह विकसित बीजों का प्रयोग करता है। खेत के अनुरूप ट्रेक्टर और हारवैस्टर का भी प्रयोग किया जाता है।
  • पंजाब में समस्त कृषि योग्य भूमि सिंचाई पर निर्भर करती है।
  • कृषि में उपज को कीड़ों से बचाने के लिए कीटनाशक दवाइयों का प्रयोग बड़े पैमाने पर किया जाता है।
  • पंजाब का कृषक चाहे मशीनों का प्रयोग करता है, फिर भी उसे श्रमिकों की सहायता लेनी पड़ती है।

यू० एस० ए० में खेती-

  • खेती अथवा कृषि की दृष्टि से यू० एस० ए० एक विकसित देश माना जाता है। इस देश के केवल 30% लोग कृषि व्यवसाय में लगे हुए हैं। इसका मुख्य कारणं यह है कि यहां कृषि का सारा काम मनुष्य के स्थान पर मशीनों द्वारा किया जाता है।
  • कृषि देश की कुल भूमि के लगभग 20% भाग पर की जाती है। देश के उत्तरी-पश्चिमी, उत्तर-पूर्वी. तटीय क्षेत्र तथा भीतरी मैदान कृषि के लिए जाने जाते हैं। देश के भिन्न-भिन्न भागों में भिन्न-भिन्न प्रकार की उपजें उगाई जाती
  • यू० एस० ए० में भारत की तुलना में कृषकों के पास अधिक भूमि है। इसलिए खेतों का आकार बड़ा है। यहां के एक फार्म का औसत आकार 700 एकड़ है।
  • खेतों का आकार बड़ा होने के कारण यहां विस्तृत (Extensive) कृषि की जाती है। कृषि में मशीनों का प्रयोग बहुत बड़े पैमाने पर किया जाता है। वास्तव में यू० एस० ए० के फार्मों में मशीनों के बिना कृषि करना लगभग असम्भव है। एक फार्म में एक ही प्रकार (Single Crop) की फ़सल उगाई जाती है। फ़सलों को बोने से लेकर फ़सलों को स्टोरों तथा मण्डियों तक ले जाने का सारा काम मशीनों द्वारा ही किया जाता है।
  • कृषि के लिए हैलीकाप्टरों तथा वायुयानों का प्रयोग भी किया जाता है।
  • यहां का कृषक मिट्टी की किस्म, जलवायु तथा सिंचाई साधनों की पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के पश्चात् ही फ़सल का चुनाव करता है।
  • यहाँ फ़सलों को दोषों से बचाने के लिए कीटनाशक दवाइयों का प्रयोग किया जाता है। सच तो यह है कि यू० एस० ए० का किसान एक किसान की तरह नहीं बल्कि एक व्यापारी की तरह कृषि करता है।

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PSEB 8th Class Social Science Guide हमारी कृषि Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Multiple Choice Questions)

(क) रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :

1. ……….. कृषि को झूमिंग कृषि भी कहते हैं।
2. शुष्क कृषि अधिकतर ………….. भागों (प्रदेशों) में की जाती है।
3. चावल के उत्पादन में ………….. संसार में पहले स्थान पर है।
उत्तर-

  1. स्थानांतरी,
  2. मरुस्थली,
  3. चीन।

(ख) सही कथनों पर (✓) तथा गलत कथनों पर (✗) का निशान लगाएं :

1. मक्की के पौधे की उत्पत्ति संयुक्त राज्य अमरीका में हुई।
2. पंजाब राज्य के केवल सीमावर्ती जिलों में गेहूं पैदा की जाती है।
3. चाय पहाड़ी ढलानों पर उगाई जाती है।
उत्तर-

(ग) सही उत्तर चुनिए:

प्रश्न 1.
संसार में सबसे अधिक चाय कौन-सा देश पैदा करता है ?
(i) चीन
(ii) भारत
(iii) श्रीलंका
(iv) जापान।
उत्तर-
(ii) भारत

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में कौन-सी फ़सल रेशेदार है ?
(i) चाय
(ii) पटसन
(iii) मक्की
(iv) बाजरा।
उत्तर-
(ii) पटसन

प्रश्न 3.
बागाती कृषि में प्रायः किस फसल के बाग लगाए जाते हैं ?
(i) चाय
(ii) रबड़
(iii) काफी
(iv) ये सभी।
उत्तर-
(iv) ये सभी।

(घ) सही जोड़े बनाइए :

1. विशाल कृषि – उपजें तथा पशु-पालन
2. मिश्रित कृषि – बार-बार उपज प्राप्त करना
3. सघन कृषि – कृषि मशीनों का प्रयोग
4. स्थाई कृषि – पंजाब राज्य।
उत्तर-

  1. कृषि मशीनों का प्रयोग,
  2. उपजें तथा पशु-पालन,
  3. पंजाब राज्य,
  4. बार-बार उपज प्राप्त करना।

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
स्थाई कृषि क्या होती है ?
उत्तर-
जब किसान एक ही स्थान पर रह कर कृषि करते हैं, तो उसे स्थाई कृषि कहते हैं। इस प्रकार की कृषि में उसी भूमि में बार-बार फ़सलें पैदा की जाती हैं। भूमि की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने के लिए प्राकृतिक (जैविक) तथा रासायनिक खादों (उर्वरकों) का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 2.
मिश्रित कृषि का क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
मिश्रित कृषि में अनाज, फल, सब्ज़ियां आदि उगाने के साथ-साथ किसान पशु भी पालता है। इसमें उत्तर
तथा मधुमक्खियाँ भी पाली जाती हैं। इस प्रकार किसान की आय काफ़ी बढ़ जाती है।

प्रश्न 3.
बागानी कृषि की क्या विशेषता है ?
उत्तर-
बागानी कृषि में फ़सलों को बाग़ के रूप में लगाया जाता है और बड़े पैमाने पर कृषि की जाती है। चाय, कॉफी, नारियल तथा रबड़ के बाग़ बागानी कृषि के उदाहरण हैं। इन बागों से लगातार कई वर्षों तक फल प्राप्त किया जाता है।

प्रश्न 4.
रेशेदार तथा पीने योग्य फ़सलों की सूची बनाओ।
उत्तर-
रेशेदार फ़सलें – पीने योग्य फ़सलें
(Fibre Crops) – (Beverage Crops)
कपास – चाय
पटसन – कॉफी
सन – कोको

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प्रश्न 4.
A. कपास की कौन-सी किस्म सबसे अच्छी मानी जाती है और भारत में कपास पैदा करने वाले किसी एक राज्य का नाम बताओ।
उत्तर-
लम्बे रेशे वाली कपास सबसे अच्छी किस्म की कपास मानी जाती है। भारत में महाराष्ट्र तथा गुजरात दो मुख्य उत्पादक राज्य हैं।

प्रश्न 5.
संसार के धनी देशों के लोग चावल की अपेक्षा गेहूं खाना अधिक पसन्द क्यों करते हैं ?
उत्तर-
गेहूं को प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट तथा विटामिनों से परिपूर्ण अन्न माना जाता है। इसी कारण संसार के धनी देशों के लोग चावल की बजाय गेहूं खाना अधिक पसन्द करते हैं।

प्रश्न 6.
मक्की की उपज के लिए आवश्यक तापमान तथा वर्षा की मात्रा लिखें। इसके लिए कैसा धरातल होना चाहिए ?
उत्तर –
तापमान -18° से० से 27° से० तक, मौसम कोहरा रहित होना चाहिए।
वर्षा – 50 सेंटीमीटर से 100 सेंटीमीटर तक।
धरातल – समतल या हल्की ढलान वाला

प्रश्न 7.
तेल वाले बीज क्या होते हैं ? तेल का हमारे जीवन में क्या महत्त्व है ? .
उत्तर-
वे बीज जिनसे तेल प्राप्त किया जाता है, तेल वाले बीज कहलाते हैं। इनमें सरसों, तिल, सूर्यमुखी के बीज शामिल हैं। तेल हमारे भोजन तथा अन्य आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।

प्रश्न 8.
रेशा हमें कौन-कौन से संसाधनों से प्राप्त होता है ? भेड़ से मिलने वाला रेशा किस काम आता है ?
उत्तर-
रेशा हमें जानवरों तथा पौधों से प्राप्त होता है। भेड से मिलने वाला रेशा (ऊन) गर्म कपड़े बनाने के काम आता है।

प्रश्न 9.
कपास के रेशे का क्या उपयोग है ?
उत्तर-
कपास का रेशा सूती कपड़ा उद्योग में कच्चे माल के रूप में प्रयोग किया जाता है। इससे बना कपड़ा भार में हल्का तथा पहनने में उत्तम होता है।
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प्रश्न 10.
भारत में कपास पैदा करने वाले मुख्य राज्यों के नाम बताओ। इन राज्यों में कपास अधिक पैदा होने का क्या कारण है ?
उत्तर-
भारत में कपास पैदा करने वाले मुख्य राज्य महाराष्ट्र, गुजरात तथा तेलंगाना हैं। ये राज्य देश की 60% से भी अधिक कपास पैदा करते हैं। इन राज्यों में अधिक कपास पैदा होने का मुख्य कारण यहां मिलने वाली काली मिट्टी है।

प्रश्न 11.
चाय की खेती पहाड़ी ढलानों पर क्यों की जाती है ?
उत्तर-
चाय के पौधे को सारा साल एक समान वर्षा की ज़रूरत होती है। परन्तु वर्षा का पानी पौधे की जड़ों में खड़ा नहीं होना चाहिए। पहाड़ी ढलानें इन बातों के अनुकूल होती हैं।

प्रश्न 12.
कॉफी पाऊडर कैसे तैयार किया जाता है ? इसका कौन-सा तत्त्व हमारे शरीर में उत्तेजना पैदा करता है ?
उत्तर-
कॉफी पाऊडर कॉफी के बीजों को सुखाकर, भून कर तथा पीस कर तैयार किया जाता है। कॉफी का ‘कैफीन’ नामक तत्त्व हमारे शरीर में उत्तेजना पैदा करता है।

प्रश्न 13.
कॉफी का पौधा कैसे उगाया जाता है ?
उत्तर-
कॉफी के पौधे पहले नर्सरी में उगाए जाते हैं। छ: या आठ महीने बाद इन्हें तैयार खेतों में लगा दिया जाता है। जब पौधे तीन-चार वर्ष के हो जाते हैं, तो ये फल देने लगते हैं।

प्रश्न 14.
संसार के भिन्न-भिन्न भागों में कृषि के विकास में काफ़ी भिन्नताएं देखने को मिलती हैं। इसका एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
अफ्रीका महाद्वीप के बहुत-से भागों में कृषि अभी भी पिछड़ी अवस्था में है। दूसरी ओर उत्तरी अमेरिका महाद्वीप के संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों में कृषि एक बहुत ही लाभदायक व्यवसाय माना जाता है।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
स्थानान्तरी कृषि की मुख्य विशेषताएं बताओ।
उत्तर-
स्थानान्तरी कृषि प्रायः पर्वतीय क्षेत्रों तथा खुले जंगलों में रहने वाले लोग करते हैं। वे जंगल के एक टुकड़े के पेड़-पौधों को साफ़ करके वहां कुछ समय के लिए कृषि करते हैं। जब उस स्थान की उपजाऊ शक्ति समाप्त हो जाती है तो ये लोग उस स्थान को छोड़कर किसी और स्थान पर जाकर कृषि करने लगते हैं। इस प्रकार की कृषि लोग प्रायः अपना गुजारा करने के लिए करते हैं। स्थानान्तरी कृषि को झूमिंग कृषि (Zhuming cultivation) भी कहते हैं। अभी भी संसार के कई देशों में इस प्रकार की कृषि की जाती है।

प्रश्न 2.
शुष्क कृषि तथा नमी वाली कृषि में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर –
शुष्क कृषि-

  1. इस प्रकार की कृषि कम वर्षा वाले क्षेत्रों में की जाती है। इन क्षेत्रों में वर्षा 50 सें० मी० से भी कम होती है।
  2. यह कृषि संसार के मरुस्थली भागों, जिनमें राजस्थान भी शामिल है, में की जाती है।
  3. शुष्क कृषि में दालें, जौ, मक्की आदि फ़सलें उगाई जाती हैं।

नमी वाली कृषि-

  1. इस प्रकार की कृषि अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में की जाती है। इन क्षेत्रों में वर्षा 200 सें० मी० या इससे अधिक होती है।
  2. यह कृषि एशिया के अधिक वर्षा वाले दक्षिणी पूर्वी भागों में की जाती है। भारत में इस प्रकार की कृषि पश्चिमी बंगाल, उड़ीसा तथा दक्षिणी भारत के अधिक वर्षा वाले भागों में होती है।
  3. नमी वाली कृषि की मुख्य फ़सल चावल है।

प्रश्न 3.
निजी कृषि और संयुक्त कृषि में अन्तर बताओ।
उत्तर-
निजी कृषि-निजी कृषि में किसान स्वयं भूमि का स्वामी होता है। कृषि में प्रयोग आने वाले सभी यन्त्र, खाद और वस्तुओं का नियन्त्रण कृषक के अपने हाथ में होता है। भूमि से होने वाली पूरी आय कृषक की अपनी निजी आय होती है।

संयुक्त कृषि-इस प्रकार की कृषि में भूमि पर सरकार का अधिकार होता है। कृषि से प्राप्त आय का कुछ भाग सरकार को कर के रूप में चला जाता है। शेष लाभ भूमि पर काम करने वाले किसानों में बांट दिया जाता है। इस प्रकार की कृषि पूर्व सोवियत संघ (USSR) के देशों में अधिक प्रचलित थी।

प्रश्न 4.
सहकारी कृषि के बारे में लिखें।
उत्तर-
सहकारी कृषि में किसान आपस में मिलकर एक सहकारी संस्था बना लेते हैं। इस संस्था के सभी सदस्य किसान अपनी-अपनी भूमि पर कृषि करते हैं। फ़सल आदि का सारा हिसाब-किताब सहकारी संस्था के हाथों में होता है। संस्था द्वारा वही फैसला लिया जाता है जो सभी सदस्यों के हित में होता है। कृषि से प्राप्त लाभ को सभी सदस्यों के बीच उनकी भूमि के अनुपात में बांटा जाता है। जिन कृषकों के पास ज़मीन कम होती है, उनके लिए तो सहकारी कृषि वरदान सिद्ध हुई है। इसलिए भारत सरकार इस प्रकार की खेती को प्रोत्साहित कर रही है।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 4 हमारी कृषि

प्रश्न 5.
चावल की कृषि के लिए अनुकूल अवस्थाओं की सूची बनाइए।
उत्तर-
तापमान – 20° सेल्सियस से 30° सेल्सियस तक
वर्षा – 100 से 200 सेंटीमीटर तक। कम वर्षा वाले क्षेत्रों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए।
मिट्टी – जलौढ़, चिकनी, दोमट, डैल्टाई या काली मिट्टी।
धरातल – भूमि समतल होनी चाहिए ताकि वर्षा या सिंचाई द्वारा प्राप्त पानी खेतों में खड़ा रह सके।
श्रमिक – चावल की कृषि के लिए विशेषकर जब चावल की पौध लगाने और फ़सल काटने के समय
अधिक श्रमिकों की आवश्यकता होती है। श्रमिक प्रशिक्षित तथा कुशल होने चाहिएं।

प्रश्न 6.
संसार तथा भारत में मक्की पैदा करने वाले क्षेत्रों की संक्षिप्त जानकारी दीजिए।
उत्तर-
संसार-संसार में मक्की पैदा करने वाले मुख्य देश यू० एस० ए०, चीन तथा ब्राज़ील हैं। संसार की लगभग आधी मक्की अकेले यू० एस० ए० उत्पन्न करता है। यू० एस० ए० की मक्का पेटी (Corm Belt) संसार भर में प्रसिद्ध है। यहां सूअर, घोड़े तथा अन्य पशु मक्की पर पाले जाते हैं। ब्राज़ील तथा अर्जनटाइना में भी मक्की का बहुत अधिक उत्पादन होता है।

भारत – भारत की आधी से भी अधिक मक्की का उत्पादन मध्यप्रदेश, आन्ध्रप्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान राज्य करते हैं। उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, गुजरात तथा पंजाब मक्की पैदा करने वाले अन्य राज्य हैं। पंजाब के रूपनगर, अमृतसर, होशियारपुर तथा जालन्धर ज़िले मक्की की खेती के लिए प्रसिद्ध हैं।

प्रश्न 7.
पंजाब में कृषि के विकास पर एक नोट लिखो।
उत्तर-
पंजाब कृषि में भारत के अन्य राज्यों से आगे है। यहां की कृषि के विकास की झलक निम्नलिखित बातों में देखी जा सकती है

  • पंजाब के लगभग 58% लोग कृषि में लगे हुए हैं। राज्य की कुल आय में कृषि का योगदान 35% प्रतिशत है।
  • यहां की मिट्टी उपजाऊ है। मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बनाये रखने के लिए किसान खादों का प्रयोग करते हैं।
  • पंजाब का किसान अपने खेतों में अलग-अलग प्रकार की फ़सल उगाता है। अधिक उत्पादन के लिए वह विकसित बीजों का प्रयोग करता है। खेत के अनुरूप ट्रेक्टर और हारवैस्टर का भी प्रयोग किया जाता है।
  • पंजाब में समस्त कृषि योग्य भूमि सिंचाई पर निर्भर करती है।
  • कृषि में उपज को कीड़ों से बचाने के लिए कीटनाशक दवाइयों का प्रयोग बड़े पैमाने पर 4-5
  • पंजाब का कृषक बेशक मशीनों का प्रयोग करता है फिर भी उसे श्रमिकों की सहायता लेनी पड़

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न-कपास कैसी फ़सल है ? इसकी खेती कैसे की जाती है ? कपास पैदा करने वाले क्षेत्रों के बारे में लिखें।
उत्तर-कपास एक रेशेदार फ़सल है। इसे सूती कपड़ा उद्योग में कच्चे माल के रूप में प्रयोग किया जाता है। इससे बनने वाला कपड़ा भार में हल्का और पहनने में उत्तम क्वालिटी का माना जाता है। कपास को रेशों के आधार पर तीन श्रेणियों में बाँटा जाता है-लम्बे रेशों वाली कपास, मध्यम दर्जे के रेशों वाली कपास और छोटे रेशों वाली कपास। लम्बे रेशों वाली कपास सबसे बढिया और भाव में महँगी होती है।

कपास की कृषि-कपास मैदानी भागों में अप्रैल-मई के महीने में बोई जाती है और कोहरा शुरू होने से पहले दिसम्बर तक चुन ली जाती है। भारत के दक्षिण भागों में कपास की उपज अक्तूबर से अप्रैल-मई तक होती है, क्योंकि वहाँ ठंड या कोहरे की कोई सम्भावना नहीं होती। कपास को बीमारियों और कीड़ों से बचाने के लिए अच्छे बीजों तथा कीटनाशक दवाइयों का प्रयोग किया जाता है। कपास के फूल या डोडे चुनने के लिए सस्ते तथा कुशल श्रमिकों की ज़रूरत होती है।

कपास पैदा करने वाले क्षेत्र-
संसार-कपास उत्पन्न करने में यू० एस० ए० संसार में प्रथम स्थान पर तथा चीन दूसरे स्थान पर है। भारत को कपास पैदा करने में तीसरा स्थान प्राप्त है। कपास के अन्य मुख्य उत्पादक पूर्व सोवियत संघ के देश, मैक्सिको, मिस्र, सूडान तथा पाकिस्तान हैं। मिस्र अपने लम्बे रेशे वाली कपास के लिए संसार भर में विख्यात है। यू० एस० ए० में कपास का उत्पादन धीरे-धीरे कम हो रहा है।

भारत-भारत में काली मिट्टी वाले राज्य कपास पैदा करने में अन्य राज्यों से आगे हैं। भारत में भी बढ़िया प्रकार के बीज और रासायनिक खादों की सहायता से लम्बे रेशे वाली कपास पैदा की जाती है। देश में कपास पैदा करने वाले राज्यों में महाराष्ट्र, गुजरात और तेलंगाना, सीमांध्र मुख्य हैं। ये राज्य देश की 60% से भी अधिक कपास पैदा करते हैं। इन प्रदेशों में मुख्य रूप से काली मिट्टी पाई जाती है जो कपास पैदा करने के लिए उत्तम मानी जाती है। पंजाब और हरियाणा दोनों राज्य मिलकर देश का लगभग 25% कपास पैदा करते हैं। देश में अमरावती, नंदेड़, वर्धा तथा जलगाव (महाराष्ट्र), सुरेन्द्रनगर तथा वड़ोदरा (गुजरात), गंटूर तथा प्रकासम (पूर्व आन्ध्र प्रदेश) और बटिंडा, फिरोजपुर तथा संगरूर (पंजाब) आदि ज़िले कपास पैदा करने के लिए विख्यात हैं। पंजाब में बी० टी० काटन बीज के अच्छे परिणाम निकले हैं। पंजाब के मालवा क्षेत्र में इसे सफ़ेद सोना या श्वेत सोना भी कहा जाता है। भारत में मुम्बई, अहमदाबाद, कानपुर, नागपुर, शोलापुर, चेन्नई, दिल्ली तथा कोलकाता कपास (सूती कपड़ा) उद्योग के लिए प्रसिद्ध हैं।

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