Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ
PSEB 9th Class Science Guide हमारे आस-पास के पदार्थ Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
निम्नलिखित तापमान को सेल्सियस इकाई में परिवर्तित करें :
(a) 293K
(b) 470 K
उत्तर-
(a) 293 K = (293 – 273)
= 20°C
(b) 470 K = (470 – 273)°C
= 197°C
प्रश्न 2.
निम्नलिखित तापमान को केल्विन इकाई में परिवर्तित करें :
(a) 25°C
(b) 3730
उत्तर-
(a) तापमान = 25°C
= 25 + 273 = 298 K
(b) तापमान = 373°C
= 373 + 273 == 646 K
प्रश्न 3.
निम्नलिखित अवलोकनों हेतु के कारण लिखें :
(a) नैफ्थालीन को रखा रहने देने पर यह समय के साथ कुछ भी ठोस पदार्थ छोड़े बिना अदृश्य हो जाती है।
(b) हमें इत्र की गंध बहुत दूर बैठे हुए भी पहुंच जाती है।
उत्तर-
(a) अनेक पदार्थ द्रव अवस्था में परिवर्तित हुए बिना ठोस अवस्था से सीधे गैस में बदल जाते हैं जिसे ऊर्ध्वपातन कहते हैं। नेफ्थालीन की गोलियां इसी प्रक्रिया से बिना किसी ठोस को छोड़े लुप्त हो जाती हैं।
(b) पदार्थों के कण निरंतर गतिशील होते हैं। इत्र की सुगंध वायु के माध्यम से परासरण (विसरित) के कारण स्वयं आस-पास के वातावरण में फैल जाती है जिस कारण उसे कई मीटर दूर से भी सुंधा जा सकता है।
प्रश्न 4.
निम्नलिखित पदार्थों को उन के कणों के बीच बढ़ते हुए आकर्षण के अनुसार व्यवस्थित करें :
(a) जल
(b) चीनी
(c) ऑक्सीजन।
उत्तर-
ऑक्सीजन < जल < चीनी।
प्रश्न 5.
निम्नलिखित तापमानों पर जल की भौतिक अवस्था क्या है :
(a) 25°C
(b) 0°C
(c) 100°C?
उत्तर-
(अ) द्रव अवस्था
(ब) ठोस अवस्था
(स) उबलना (वाष्प)।
प्रश्न 6.
पुष्टि हेतु कारण दें:
(a) जल कमरे के ताप पर द्रव है।
(b) लोहे की अलमारी कमरे के ताप पर ठोस है।
उत्तर-
(a) (I) जल को जिस भी बर्तन में डाला जाए उसी का आकार ले लेता है। कमरे का तापमान जल के क्वथनांक से कम तथा हिमांक से अधिक है।
(II) जल बहता है और यह दृढ़ नहीं है।
(b) (I) लोहे की अलमारी की निश्चित, स्पष्ट सीमाएं और स्थिर आयतन है।
(II) नगण्य संपीड्यता है। कमरे का तापमान लोहे के क्वथनांक से कम और गलनांक से अधिक है। कमरे के तापमान पर उसका अवस्था परिवर्तन संभव नहीं है इसलिए वह उस तापमान पर ठोस है।
प्रश्न 7.
273 K पर बर्फ़ को ठंडा करने पर तथा जल को इसी तापमान पर ठंडा करने पर शीतलता का प्रभाव अधिक क्यों होता है ?
उत्तर-
273 K पर बर्फ इसी तापमान पर पानी की अपेक्षा संगलन की गुप्त ऊष्मा के कारण अधिक प्रभावशाली होती है।
प्रश्न 8.
उबलते हुए जल अथवा ताप में से जलने की तीव्रता किस में अधिक महसूस होती है ?
उत्तर-
भाप। जब जल 373 K पर उबलता है, तो 373 K वाष्प में बदलता है। उसे 536 कैलोरी/ग्राम ऊष्मा की आवश्यकता होती है। उबलते जल में गुप्त ऊष्मा भी सम्मिलित होती है।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित चित्र के लिए A, B, C, D, E और F की व्यवस्था परिवर्तन को नामांकित करें-
उत्तर-
A – संगलन (Fusion)
B – वाष्पन (Vaporisation)
C – संघनन (Condensation)
D – जमना (Solidification)
E – ऊर्ध्वपातन (Sublimation)
F – ऊर्ध्वपातन (Sublimation)
Science Guide for Class 9 PSEB हमारे आस-पास के पदार्थ InText Questions and Answers
पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नों के उत्तर
प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से कौन पदार्थ हैं-
कुर्सी, वायु, स्नेह, गंध, घृणा, बादाम, विचार, शीत, शीतल पेय, इत्र की सुगंध।
उत्तर-
कुर्सी, वायु, बादाम और शीतल पेय पदार्थ हैं क्योंकि इन का द्रव्यमान होता है और ये स्थान घेरते हैं।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रेक्षण के कारण बताएँ-
गर्मा-गर्म खाने की गंध कई मीटर दूर से आपके पास पहुंच जाती है, लेकिन ठंडे खाने की महक लेने के लिए आपको उसके पास जाना पड़ता है।
उत्तर-
गर्मागर्म या ठंडा खाना कणों से बनता है और पदार्थ के कण सदा गतिशील होते हैं। उन में विसरण होता है। तापमान बढ़ने से कणों की गति तेज़ हो जाती है, उनकी विसरण की दर बढ़ जाती है। गर्मागर्म खाने की गंध कई मीटर दूर से आपके पास विसरण से पहुंच जाती है। दूसरी ओर खाना ठंडा होने पर इसके कणों का वायु में विसरण, लगभग नगण्य होता है। इसलिए अधिक दूरी पर ठंडे खाने की महक नहीं आ पाती तथा हमें खाने के समीप जाना पड़ता है।
प्रश्न 3.
स्वीमिंग पूल में गोताखोर पानी काट पाता है। इससे पदार्थ का कौन-सा गुण प्रेक्षित होता है?
उत्तर-
स्वीमिंग पूल में गोताखोर पानी को काट पाता है क्योंकि पानी के कणों के बीच अंतराअणुक नामक एक बल कार्य करता है जो कणों को एक साथ रखता है। जल के कणों के बीच दूरी अपेक्षाकृत अधिक होने से उनमें संपीड्यता का गुण होता है। स्वीमिंग पूल में गोताखोर जब पानी को अपने हाथों से धकेलता है तो पानी के अणुओं के मध्य आकर्षण बल कम होने के कारण वह पानी को काट पाता है।
प्रश्न 4.
पदार्थ के कणों की क्या विशेषताएं होती हैं? .
उत्तर-
प्रत्येक पदार्थ कणों के मिलने से बनता है। प्रत्येक पदार्थ के कण बहुत छोटे होते हैं इतने छोटे कि उन की छोटे आकार की हम कल्पना भी नहीं कर सकते। उनकी विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
- पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है।
- पदार्थ के कण निरंतर गतिशील होते हैं। उनमें गतिज ऊर्जा होती है।
- पदार्थ के कण एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं। यह आकर्षण बल अलग-अलग पदार्थों में अलग-अलग होता
- तापमान बढ़ाने से कणों की गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है।
प्रश्न 5.
किसी तत्त्व के द्रव्यमान प्रति इकाई आयतन को घनत्व कहते हैं। (घनत्व = )
बढ़ते हुए घनत्व के क्रम में निम्नलिखित को व्यवस्थित करें-
वायु, चिमनी का धुआं, शहद, जल, चॉक, रूई और लोहा।
उत्तर-
चिमनी का धुआं, वायु, रूई, जल, शहद, चॉक, लोहा।
प्रश्न 6.
(a) पदार्थ की विभिन्न अवस्थाओं के गुणों में होने वाले अंतर को सारणीबद्ध कीजिए।
(b) निम्नलिखित पर टिप्पणी कीजिए-दृढ़ता, संपीड्यता, तरलता, बर्तन में गैस का भरना, आकार, गतिज ऊर्जा एवं घनत्व।
उत्तर-
(a) पदार्थ की विभिन्न अवस्थाएँ ठोस, द्रव तथा गैस हैं। इनके मध्य अंतर निम्नलिखित हैं-
(b) 1 दृढ़ता – दृढ़ता ठोस पदार्थों का गुण है। नगण्य संपीड्यता के कारण वे बाह्य बल लगाने पर भी अपने आकार को नहीं बदलते। ये अपने आकार को दृढ़ता के गुण प्रदान करते हैं। ठोस पदार्थों में आकर्षण बल के कारण दृढ़ता अधिक होती है। द्रव को थोड़ा दबाया जा सकता है और गैस को सरलता से दबाया जा सकता है।
2. संपीड्यता – पदार्थों का संपीड्यता गुण, उन पर दाब के प्रभाव को व्यक्त करता है। यदि पदार्थ को बाह्य दाब के द्वारा दबाया नहीं जा सकता है तो उसकी संपीड्यता नगण्य होगी। इसके अतिरिक्त यदि पदार्थ को बाह्य दाब से दबाया जा सकता हो तो उसकी संपीड्यता अधिक होगी। दूसरे शब्दों में संपीड्यता पदार्थ के आयतन से संबंधित होती है। स्थिर आयतन वाले पदार्थों की संपीड्यता नगण्य तथा परिवर्तनशील आयतन वाले पदार्थों की संपीड्यता अधिक होती है। ठोस पदार्थों को बाह्य बल द्वारा दबाया नहीं जा सकता तथा इनका आयतन भी निश्चित होता है ; अतः इनकी संपीड्यता नगण्य होगी। द्रवों की संपीड्यता ठोसों से अधिक होती है तथा गैसों की संपीड्यता सर्वाधिक होती है। इसी कारण गैसों को कम आयतन वाले सिलिंडरों में संपीडित किया जा सकता है।
3. तरलता – तरलता तरल पदार्थों का गुण है जिनका निश्चित आकार नहीं होता पर निश्चित आयतन अवश्य होता है। तरलता बहने की प्रवृत्ति है और इसमें द्रव का आकार बदलता है। ठोस बिल्कुल नहीं बहते पर गैसें सब दिशाओं से बहती हैं।
4. बर्तन में गैस का भरना – गैसों के कणों में अंतराणुक बल क्षीण होने के कारण संपीड्यता बहुत अधिक होती है जिस कारण गैस के अत्यधिक आयतन को किसी कम आयतन वाले बर्तन में संपीडित किया जा सकता है और सरलतापूर्वक एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजा जा सकता है।
5. आकार – पदार्थ के कणों के बीच एक बल कार्य करता है। यह बल कणों को एक साथ रखता है और वस्तु को आकार प्रदान करता है। इस आकर्षण बल का सामर्थ्य प्रत्येक पदार्थ में अलग-अलग होता है। ठोस पदार्थों के कणों में अंतराणुक बल अधिक होता है जिस कारण उनका निश्चित आकार होता है पर द्रवों और गैसों में ऐसा नहीं होता।
6. गतिज ऊर्जा – पदार्थों के कण सदा गतिशील रहते हैं जिसे गतिज ऊर्जा कहते हैं। तापमान के बढ़ने से कणों की गति तेज़ हो जाती है अर्थात् तापमान बढ़ने से कणों की गतिज ऊर्जा भी बढ़ जाती है। ठोस में अधिक गतिज ऊर्जा नहीं होती। द्रव में कुछ गतिज ऊर्जा होती है, पर गैसों में उच्च गतिज ऊर्जा होती है।
7. घनत्व-किसी वस्तु का घनत्व प्रति एकांक आयतन के द्रव्यमान के बराबर होता है।
पदार्थ का आयतन ठोस पदार्थों का घनत्व उच्च होता है, द्रव में निम्न होता है, पर गैसों का घनत्व नगन्य होता है।
प्रश्न 7.
कारण बताएं-
(a) गैस पूरी तरह उस बर्तन को भर देती है, जिसमें इसे रखते हैं।
(b) गैस बर्तन की दीवारों पर दबाव डालती है।
(c) लकड़ी की मेज़ ठोस कहलाती है।
(d) हवा में हम आसानी से अपना हाथ चला सकते हैं लेकिन एक ठोस लकड़ी के टुकड़े में हाथ चलाने के लिए हमें कराटे में दक्ष होना पड़ेगा।
उत्तर-
(a) गैस में कणों को स्थिति बहुत ढीली होती है और उनके बीच रिक्त स्थान बहुत अधिक होते हैं। उनमें आकर्षण बल नगण्य के समान होता है और वे तीव्र गति से सभी दिशाओं में इधर-उधर गति कर सकते हैं। इनका निश्चित आयतन भी नहीं होता इसलिए गैस पूरी तरह उस बर्तन को भर देती है, जिसमें इसे रखा जाता है।
(b) गैस में कणों की गति अनियमित और अत्यधिक तीव्र होती है। इस अनियमित गति के कारण ये कण आपस में एवं बर्तन की दीवारों से टकराते हैं। बर्तन की दीवार पर गैस कणों द्वारा प्रति इकाई क्षेत्र पर लगे बल के कारण दीवारों पर दबाव बनता है।
(c) लकड़ी की मेज पदार्थ के जिन कणों से मिल कर बनती है उनके बीच एक बल कार्य करता है जो अन्य कणों को अपने साथ रखता है। निश्चित आकार, असंपीड्यता, स्पष्ट सीमाओं और स्थिर आयतन के कारण यह ठोस कहलाती है। यह बाह्य बल लगाने पर भी अपने आकार को बनाए रखती है।
(d) पदार्थ के कणों के मध्य आकर्षण बल होता है जिसकी सामर्थ्य भिन्न-भिन्न पदार्थों के लिए भिन्न-भिन्न होती है। हवा के कणों में यह बल्ल-सामर्थ्य नगण्य होती है जिससे इसके कणों के मध्य स्थान बनाया जा सकता है अर्थात् हवा के बीच में हम अपना हाथ आसानी से चला सकते हैं। परंतु ठोस लकड़ी के टुकड़े में आकर्षण बल-सामर्थ्य बहुत अधिक होती है जिससे इसके कण परस्पर दृढ़ता से जुड़े रहते हैं तथा इनके मध्य हम अपना हाथ नहीं चला सकते! लकड़ी के टुकड़े में हाथ चलाने के लिए हमें कराटे कला में निपुण होना चाहिए जिससे हम लकड़ी के टुकड़े को अपने हाथ से तोड़ सकते हैं।
प्रश्न 8.
सामान्यतया ठोस पदार्थ की अपेक्षा द्रवों का घनत्व कम होता है। लेकिन आपने बर्फ के टुकड़े को पानी में तैरते हुए देखा होगा पता लगाइए ऐसा क्यों होता है?
उत्तर-
अधिकांश वस्तुएं गर्म करने पर फैलती हैं। तापमान बढ़ने से उनका घनत्व घटता है पर पानी 0°C से 4°C तापमान के बीच सिकुड़ता है और इसके बाद यह अन्य वस्तुओं के समान फैलता है। पानी का अधिकतम घनत्व 4°C पर 1 g/cm3 है। बर्फ का घनत्व पानी से कम है इसलिए यह पानी के तल पर तैरती है। यह देखा गया है कि 0.91 g पानी (9°C पर 1 3 आयतन बेरता है अर्थात् बर्फ का घनत्व ) 91 g/cm3 होता है।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित तापमान को सेल्सियस में बदलें।
(a) 300K
(b) 573 K
उत्तर-
(a) 300 K
300 -273 = 27°C
(b) 573K
573-273 = 300°C
प्रश्न 10.
निम्नलिखित तापमान पर पानी की भौतिक अवस्था क्या होगी?
(a) = 250°C
(b) = 100°C
उत्तर-
(a) वाष्प। सारा पानी भाप बन कर रड़ जाएगा।
(b) पानी उबलने लगेगा। जल का यही क्वथनांक है।
प्रश्न 11.
किसी भी पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के दौरान स्थिर क्यों रहता है?
उत्तर-
किसी भी पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के दौरान स्थिर रहती है। कणों के पारस्परिक आकर्षण बल को वशीभूत करके पदार्थ की अवस्था को बदलने में इस ऊष्मा का उपयोग होता है। तापमान में वृद्धि दिखाए बिना ही इस ऊष्मीय ऊर्जा को पदार्थ अवशोषित कर लेता है।
प्रश्न 12.
वायुमंडलीय गैसों को द्रव में परिवर्तन करने के लिए कोई विधि सुझाइए।
उत्तर-
वायुमंडलीय गैसों को किसी बंद बर्तन में बंद करके और दाब बढ़ा कर तथा तापमान कम कर के द्रव में बदला जा सकता है।
प्रश्न 13.
गर्म, शुष्क दिन में कूलर आंधक ठंडा क्यों करता है?
उत्तर-
गर्म, शुष्क दिन में तापमान बढ़ जाने से अधिक कणों को पर्याप्त गतिज ऊर्जा मिलती है। शुष्कता के कारण वायु में विद्यमान जलवाष्प कम हो जाते हैं। वायु में जल कणों की मात्रा कम होने से वाष्पीकरण की दर बढ़ जाती है। वाष्पीकरण से ठंडक उत्पन्न होती है।
प्रश्न 14.
गर्मियों में घड़े का जल ठंडा क्यों होता है ?
उत्तर-
मिट्टी से बने घड़े में छोटे-छोटे छिद्र (रध्र) होते हैं जिनमें से घड़े में भरा पानी रिसकर बाहर आ जाता है तथा वातावरण की गर्म वायु के संपर्क में आकर वाष्पीकृत हो जाता है। जल के वाष्प में परिवर्तित होने के लिए आवश्यक ऊष्मीय ऊर्जा घड़े के भीतर वाले जल से प्राप्त होती है। इससे घड़े के भीतर उपस्थित जल ठंडा हो जाता है।
प्रश्न 15.
ऐसीटोन/पेट्रोल या इत्र डालने पर हमारी हथेली ठंडी क्यों हो जाती है ?
उत्तर-
ऐसीटोन/पेट्रोल या इत्र शीघ्रता से वाष्पीकृत हो जाते हैं। जब इन पदार्थों को हथेली पर डाला जाता है तो इनके कण हथेली तथा आस-पास के वातावरण से ऊर्जा प्राप्त कर लेते हैं तथा वाष्पीकृत हो जाते हैं। ऊर्जा (ताप) के ह्रास से हमारी हथेली ठंडी हो जाती है।
प्रश्न 16.
कप की अपेक्षा प्लेट से हम गर्म दूध या चाय जल्दी क्यों पी लेते हैं ?
उत्तर-
कप की अपेक्षा प्लेट की सतह अधिक होती है। प्लेट की सतह अधिक होने के कारण इसमें भरे दूध या चाय का वाष्णन अधिक होता है। प्लेट की सतह से वाष्पन अधिक होने से दूध या बाय शीघ्रता से ठंडी हो जाती है और हम कप को अपेक्षा प्लेट से इसे जल्दी पी लेते हैं।
प्रश्न 17.
गर्मियों में हमें किस तरह के कपड़े पहनने चाहिए ?
उत्तर-
गर्मियों में हमें सूती कपड़े पहनने चाहिए। शारीरिक प्रक्रिया के कारण गर्मियों में पसीना अधिक आता है, जिससे हमें शीतलता प्राप्त होती है। पसीने के वाष्पीकरण के दौरान पसीने के कण हमारे शरीर या आस-पास से ऊर्जा प्राप्त करके वाष्प में बदल जाते हैं। वाष्पीकरण की प्रसुप्त ऊष्मा के बराबर ऊष्मीय ऊर्जा हमारे शरीर से अवशोषित हो जाती है जिससे शरीर शीतल हो जाता है। चूंकि सूती कपड़ों में जल का अवशोषण रोता है, इसलिए हमारा पसीना इसमें अवशोषित होकर वायुमंडल में आसानी से वाष्पीकृत हो जाता है।