PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

PSEB 9th Class Science Guide गुरुत्वाकर्षण Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
यदि दो वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल किस प्रकार बदलेगा ?
उत्तर-
मान लो दो वस्तुओं A तथा B का क्रमशः द्रव्यमान m1 तथा m2 है तथा उनके केंद्रों के मध्य की दूरी r है। इसलिए गुरुत्वाकर्षण के नियम के अनुसार उनके बीच आकर्षण बल F = G \(\frac{m_{1} \times m_{2}}{r^{2}}\) होगा। ………………….(i)
अब यदि उनके बीच की दूरी आधी कर दी जाए तो
r’ = \(\frac{r}{2}\) है तथा उनके मध्य गुरुत्वाकर्षण बल
F’ = G . \(\frac{m_{1} \times m_{2}}{r^{f 2}}\)
= G . \(\frac{m_{1} \times m_{2}}{\left(\frac{r}{2}\right)^{2}}\)
= 4G . \(\frac{m_{1} \times m_{2}}{r^{2}}\) ………………..(ii)
समीकरण (i) का प्रयोग करके
F’ = 4 × F
इसलिए दो वस्तुओं के मध्य की दूरी आधी करने से आकर्षण बल प्रारंभिक स्थिति की अपेक्षा आकर्षण बल चार गुणा हो जायेगा।

प्रश्न 2.
सभी वस्तुओं पर लगने वाले गुरुत्वीय बल उनके द्रव्यमान के समानुपाती होता है। फिर एक भारी वस्तु हल्की वस्तु के मुकाबले तेज़ी से क्यों नहीं गिरती ?
उत्तर-
मान लो F गुरुत्वीय आकर्षण बल m द्रव्यमान वाली वस्तु पर लग रहा है।
∴ F = G . \(\frac{\mathrm{Mm}}{r^{2}}\) ………….(i)
तथा F = mg ……………….(ii)
तथा समीकरण (i) तथा (ii) से
F = \(\frac{\mathrm{GM} m}{r^{2}}\) = mg
स्पष्ट है कि F ∝ m परंतु आकर्षण त्वरण g द्रव्यमान m पर निर्भर नहीं करता है। इसलिए सभी वस्तुएं (हल्की तथा भारी वस्तुएं) एक समान गति से नीचे की ओर गिरती हैं।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

प्रश्न 3.
पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी 1 kg की वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल का परिमाण क्या होगा ? (पृथ्वी का द्रव्यमान 6 × 1024 kg है तथा पृथ्वी को त्रिज्या 6.4 × 106 m है।)
हल-
यहां वस्तु का द्रव्यमान (m) = 1 kg
पृथ्वी का द्रव्यमान (M) = 6 × 1024 kg
पृथ्वी की त्रिज्या (R) = 6.4 × 106 m
पृथ्वी तथा 1 kg द्रव्यमान वाली वस्तु के मध्य गुरुत्वाकर्षण
बल का परिमाण (F) = G\(\frac{\mathrm{Mm}}{\mathrm{R}^{2}}\)
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 1
=9.77 N
= 9.8 N (लगभग) उत्तर

प्रश्न 4.
पृथ्वी तथा चंद्रमा एक-दूसरे को गुरुत्वीय बल से आकर्षित करते हैं। क्या पृथ्वी जिस बल से चंद्रमा को आकर्षित करती है वह बल, उस बल से जिससे चंद्रमा, पृथ्वी को आकर्षित करता है बड़ा है या छोटा है या बराबर है ? बताइए क्यों ?
उत्तर-
चंद्रमा भी पृथ्वी को उतने ही बल से आकर्षित करता है जितने बल से पृथ्वी चंद्रमा को आकर्षित करती है। ऐसा न्यूटन के गति के तीसरे नियम के अनुसार है क्योंकि इस नियम के अनुसार दोनों बल समान परंतु एक दूसरे के विपरीत होते हैं।

प्रश्न 5.
यदि चंद्रमा, पृथ्वी को आकर्षित करता है, तो पृथ्वी चंद्रमा की ओर गति क्यों नहीं करती ?
उत्तर-
चंद्रमा, पृथ्वी को उतने ही बल से आकर्षित करता है जितने बल से पृथ्वी चंद्रमा को आकर्षित करती है परंतु पृथ्वी चंद्रमा से बड़ी है। इसलिए पृथ्वी में उत्पन्न हुआ त्वरण (a ∝ \(\frac{1}{m}\)) = अत्यधिक कम होने के कारण दिखाई नहीं
देता।

प्रश्न 6.
दो वस्तुओं के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का क्या होगा, यदि
(i) एक वस्तु का द्रव्यमान दोगुना कर दिया जाए ?
(ii) वस्तुओं के बीच की दूरी दोगुनी अथवा तीन गुनी कर दी जाए ?
(ii) दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दोगुने कर दिए जाएँ ?
हल :
(i) हम जानते हैं कि दो वस्तुओं के मध्य लग रहा गुरुत्वाकर्षण बल,
F = G\(\frac{m_{1} m_{2}}{\mathrm{R}^{2}}\) ……………(1)
अब यदि हम एक वस्तु का द्रव्यमान दोगुना कर दें, तो
F’ = G\(\frac{m_{1} \times 2 m_{2}}{\mathrm{R}^{2}}\)
F’ = 2 × G \(\frac{m_{1} m_{2}}{\mathrm{R}^{2}}\) ……………. (2)
समीकरण (1) का प्रयोग करके
F’ = 2 × F
अर्थात् आकर्षण बल पहले आकर्षण बल से दोगुना हो जायेगा।

(ii) यदि वस्तुओं के मध्य की दूरी दोगुना कर दिया जाए, तो
F’ = G\(\frac{m_{1} m_{2}}{(2 \mathrm{R})^{2}}\)
= G\(\frac{m_{1} m_{2}}{4 \mathrm{R}^{2}}\)
= \(\frac{1}{4}\)G\(\frac{m_{1} m_{2}}{\mathrm{R}^{2}}\) ……………. (3)
समीकरण (1) का प्रयोग करके
F’ = \(\frac{1}{4}\) × F
अर्थात् आकर्षण बल पहली स्थिति का \(\frac{1}{4}\) हो जायेगा।
यदि दोनों वस्तुओं के मध्य की दूरी तीन गुना कर दी जाए, तो
F” = G\(\frac{m_{1} m_{2}}{(3 \mathrm{R})^{2}}\)
= G\(\frac{m_{1} m_{2}}{9 R^{2}}\)
= \(\frac{1}{9}\) × G\(\frac{m_{1} m_{2}}{\mathrm{R}^{2}}\) …………. (4)
समीकरण (1) का प्रयोग करके,
F’ “= \(\frac{1}{9}\) × F
अर्थात् दूरी तीन गुणा करने से बल का परिमाण पहली स्थिति के बल का \(\frac{1}{9}\) हो जायेगा।

(iii) जब दोनों वस्तुओं का द्रव्यमान दोगुना कर दिया जाता है, तो
F’ ” = G.\(\frac{\left(2 m_{1}\right) \times\left(2 m_{2}\right)}{\mathrm{R}^{2}}\)
= 4.\(\frac{\mathrm{G} m_{1} m_{2}}{\mathrm{R}^{2}}\)
समीकरण (1) का प्रयोग करके
F’ = 4 × F
अर्थात् इस अवस्था में आकर्षण बल पहली स्थिति में बल की अपेक्षा 4 गुणा हो जायेगा।

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प्रश्न 7.
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के क्या महत्त्व हैं ?
उत्तर-
सार्वत्रिक नियम के महत्त्व – गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम ने प्रकृति में हो रही विभिन्न घटनाओं का सफलतापूर्वक वर्णन किया है जो अंसबद्ध मानी जाती थी।

  1. हमें पृथ्वी से बाँधे रखने वाला बल
  2. पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा की गति
  3. सूर्य के चारों ओर ग्रहों की गति
  4. चंद्रमा तथा सूर्य के कारण ज्वार-भाटा का आना।

प्रश्न 8.
मुक्त पतन का त्वरण क्या है ?
उत्तर-
वस्तु में उत्पन्न हुआ त्वरण जब वस्तु केवल पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के अधीन नीचे गिरती है, तो उसे मुक्त पतन का त्वरण कहते हैं। पृथ्वी की सतह के निकट इसका मान 9.8 ms-2 है।

प्रश्न 9.
पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को हम क्या कहेंगे ?
उत्तर-
पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच लगने वाले गुरुत्वीय बल को उस वस्तु का भार कहा जाता है।

प्रश्न 10.
एक व्यक्ति A अपने एक मित्र के निर्देश पर ध्रुवों पर कुछ ग्राम सोना खरीदता है। वह इस सोने को विषुवत् वृत्त पर अपने मित्र को देता है। क्या उसका मित्र खरीदे हुए सोने के भार से संतुष्ट होगा ? यदि नहीं, तो क्यों ?
उत्तर-
अमित का मित्र सोने के इस भार से संतुष्ट नहीं होगा क्योंकि ध्रुवों पर विषुवत वृत्त की अपेक्षा ‘g’ का मान अधिक होता है। इसलिए कुछ ग्राम सोने का भार (W = m × g) विषुवत वृत्त की तुलना में कम होगा।

प्रश्न 11.
एक कागज़ की शीट, उसी प्रकार की शीट को मरोड़ कर बनाई गई गेंद से धीमी क्यों गिरती
उत्तर-
कागज़ की शीट का क्षेत्रफल गेंद के क्षेत्रफल की अपेक्षा अधिक होगा जिस कारण गेंद की अपेक्षा कागज़ की शीट पर वायु का अधिक प्रतिरोध होगा। इस अधिक प्रतिरोध के कारण कागज़ की शीट धीमी गति से गिरती है।

प्रश्न 12.
चंद्रमा की सतह पर गुरुत्वीय बल, पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय बल की अपेक्षा \(\frac{1}{6}\) गुणा है। एक 10 kg की वस्तु का चंद्रमा पर तथा पृथ्वी पर न्यूटन में भार क्या होगा ?
हल-
चंद्रमा पर वस्तु का द्रव्यमान = 10 kg
पृथ्वी पर वस्तु का द्रव्यमान = 10 kg
पृथ्वी पर वस्तु का भार (W) = m × g
= 10 × 9.8
N = 98 N

अब चंद्रमा पर वस्तु का भार (W’) = \(\frac{1}{6}\) × पृथ्वी पर वस्तु का भार
= \(\frac{1}{6}\) × 9.8N
= 16.3 N

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प्रश्न 13.
एक गेंद ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 49 m/s के वेग से फेंकी जाती है। परिकलन कीजिए।
(i) अधिकतम ऊंचाई जहाँ तक गेंद पहुंचती है।
(i) पृथ्वी की सतह पर वापस लौटने में लिया गया कुल समय।
हल-
(i) यहां प्रारंभिक वेग (u) = 49 m/s
अंतिम वेग (υ) = 0 (अधिकतम ऊँचाई पर पहुँचकर)
पृथ्वी की सतह (तल) के विपरीत दिशा में जाने के कारण
गुरुत्वीय त्वरण (g) = – 9.8 ms-2
ऊँचाई (h) = ?
अधिकतम ऊँचाई पर पहुँचने के लिए लगा समय (t) = ?
गति समीकरण υ2 – u2 = 2gh का प्रयोग करने पर
(0)2 – (49)2 = 2 × (-9.8) × h
– (49 × 49) = -2 × 9.8 × h
∴ h = \(\frac{49 \times 49}{2 \times 9.8}=\frac{245}{2}\) = 122.5 m

(ii) अब υ = u + gt
0 = 49 + (-9.8) × t
– 49 = (-9.8) × t
t = \(\frac{49}{9.8}\)
= \(\frac{49 \times 10}{98}\)
∴ t = 5s
पृथ्वी पर वापिस आने में लगा कुल समय = t + t
= 2t
= 2 × 5s
= 10 s

प्रश्न 14.
19.6 m ऊँची एक मीनार की चोटी से एक पत्थर छोड़ा जाता है। पृथ्वी पर पहुँचने से पहले इसका अंतिम वेग ज्ञात कीजिए।
हल :
यहां मीनार की ऊँचाई (h) = 19.6 m
प्रारंभिक वेग (u) = 0
गुरुत्वीय त्वरण (g) = + 9.8 ms-2
अंतिम वेग (υ) = ?
गति समीकरण υ2 – u2 = 2gh का प्रयोग करके
υ2 – (0)2 = 2 × 9.8 × 19.6
υ2 = 19.6 × 19.6 1
υ = \(\sqrt{19.6 \times 19.6}\)
∴ υ = 19.6 ms-1

प्रश्न 15.
कोई पत्थर ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 40 m/s के प्रारंभिक वेग से फेंका गया है। g = 10 m/s2 लेते हुए ग्राफ की सहायता से पत्थर द्वारा पहुँची अधिकतम ऊँचाई ज्ञात कीजिए। नेट विस्थापन तथा पत्थर द्वारा चली गई कुल दूरी कितनी होगी ?
हल :
पत्थर का प्रारंभिक वेग (u) = 40 ms-1
पत्थर का अधिकतम ऊँचाई पर पहुँच कर अंतिम वेग (υ) = 0
[विरामावस्था] गुरुत्वीय त्वरण (g) = – 10 ms-2
समय (t) = ?
हम जानते हैं,
V = u + gt
0 = 40 + (- 10) × t
0 = 40 – 10 × t
– 40 = – 10 × t
t = \(\)
∴ t = 4s
अधिकतम दूरी (h) = ?
अब υ2 – u2 = 2gh का प्रयोग करके
(0)2 – (40)2 = 2 × (- 10) × h
– (40 × 40) = – 20 × h
या h = \(\)
∴ h = 80 m
पत्थर द्वारा तय की गई कूल दूरी = h + h
= 2h
= 2 × 80 m
= 160 m

प्रश्न 16.
पृथ्वी तथा सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण बल का परिकलन कीजिए। दिया है, पृथ्वी का द्रव्यमान = 6 × 1024 kg, सूर्य का द्रव्यमान = 2 x 1030 kg। दोनों के बीच औसत दूरी 1.5 × 1011 m है।
हल :
दिया है, पृथ्वी का द्रव्यमान (m1) = 6 × 1024 kg
सूर्य का द्रव्यमान (m2) = 2 × 1030 kg
पृथ्वी तथा सूर्य के बीच औसत दूरी (d) = 1.5 × 10-11 m
G = 6.7 × 10-11 N – m2/kg2
गुरुत्वाकर्षण बल (F) = ?
सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियमानुसार,
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 2
= 35.57 × 1021 N

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प्रश्न 17.
कोई पत्थर 100 m ऊंची मीनार की चोटी से गिराया गया और उसी समय कोई दूसरा पत्थर 25 m/s के वेग से ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंका गया। परिकलन कीजिए कि दोनों पत्थर कब और कहाँ मिलेंगे ? (g = 10 ms-2)
हल :
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 3
मीनार की ऊँचाई = 100 m
मान लीजिए एक पत्थर मीनार की छत A से नीचे की ओर फेंका गया तथा दूसरा पत्थर उसी समय C से सीधा ऊपर की ओर फेंका गया है। ये दोनों पत्थर 1 समय के बाद B बिंदु पर मिलते हैं।
पहले पत्थर द्वारा तय की गई दूरी (AB) = x
दूसरे पत्थर द्वारा तय की गई दूरी (CB) = (100 – x)
पहले पत्थर की ऊपर से नीचे की ओर यात्रा
u = 0
g = + 10 ms-2
h = x मीटर
s = ut + \(\frac{1}{2}\) gt2 का प्रयोग करने पर
x = 0 + t + \(\frac{1}{2}\) × 10 × t2
x = 5t2
t2 = \(\frac{x}{5}\) ………(1)

दूसरे पत्थर की नीचे से सीधा ऊपर की दिशा में यात्रा
u = 25 ms-1
h = (100 – x) मीटर
g = – 10 ms-2
s = ut + \(\frac{1}{2}\) gt2 से
(100 – x) = 25 × t + \(\frac{1}{2}\) × (- 10) × t2
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 4
समीकरण (1) तथा (2) से
\(\frac{x}{5}\) = \(\frac{25 t-100+x}{5}\)
या x = 25t – 100 + x
σ = 25t – 100 + x
25t = 100
∴ t = \(\frac{100}{25}\)
= 4s
अब t = 4s समीकरण (1) में रखने पर
(4)2 = \(\frac{x}{5}\)
16 = \(\frac{x}{5}\)
∴ x = 16 × 5 = 80
अर्थात् पहला पत्थर छत से नीचे 80 m की दूरी तय करेगा।
दूसरा पत्थर C से ऊपर की ओर जाते समय दूरी तय करेगा
(100 – x) = 100 – 80
= 20 मीटर उत्तर

प्रश्न 18.
ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंकी गई एक गेंद 6s पश्चात् फेंकने वाले के पास लौट आती है। ज्ञात कीजिए :
(a) यह किस वेग से ऊपर फेंकी गई,
(b) गेंद द्वारा पहुँची गई अधिकतम ऊँचाई तथा
(c) 4 5 पश्चात् गेंद की स्थिति।
हल :
कुल लगा समय (1) = 6 s
गेंद की ऊपर की दिशा में की गई यात्रा में लगा समय = गेंद को नीचे की ओर की गई यात्रा में लगा समय
= \(\frac{6 s}{2}\)

(i) मान लो गेंद प्रारंभिक वेग u से ऊपर की दिशा में फेंकी गई है।
g = – 9.8 ms-2
t = 3s
υ = 0
(अधिकतम ऊँचाई पर पहुँच कर गेंद विरामावस्था में आ जाती है)
अधिकतम की गई ऊँचाई (S) = h
υ = u + gt का प्रयोग करके
0 = u + (- 9.8) × 3
0 = u – 29.4
∴ u = 29.4 ms-1

(ii) अब υ2 – u2 = 2gS
(0)2 – (29.4) = 2 × (- 9.8) × h
0 – 29.4 × 29.4 = – 19.6 × h
या h = \(\frac{-29.4 \times 29.4}{-19.6}\)
= \(\frac{29.4 \times 29.4}{19.6}\)
∴ h = 44.1 m

(iii) 3 सैकिंड के बाद गेंद नीचे की ओर आना प्रारंभ करेगी
∴ u = 0
g = + 9.8 ms-2
t = (4 – 3) = 1 सैकंड
गति समीकरण S = ut + = \(\frac {1}{2}\)gt2 का प्रयोग करने पर
S = 0 × 1 + \(\frac {1}{2}\) × 9.8 × (1)2
S = 0 + 4.9 × 1 × 1
S = 4.9 m
∴ फेंकने वाले व्यक्ति से गेंद की ऊँचाई = (44.1 – 4.9) m
39.2 m

प्रश्न 19.
किसी द्रव में डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल किस दिशा में कार्य करता है ?
उत्तर-
किसी द्रव में डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल ऊपर की ओर क्रिया करता है।

प्रश्न 20.
पानी के भीतर किसी प्लास्टिक के गुटके को छोड़ने पर यह पानी के पृष्ठ पर क्यों आ जाता
उत्तर-
जब एक प्लास्टिक के टुकड़े को पानी में छोड़ देते हैं तो यह पानी के पृष्ठ (सतह) पर आ जाता है क्योंकि प्लास्टिक का घनत्व पानी के घनत्व की अपेक्षा कम होता है। प्लास्टिक के टुकड़े पर विस्थापित पानी द्वारा लगाया गया उत्प्लावन बल प्लास्टिक के टुकड़े के भार से अधिक होता है जिसके फलस्वरूप टुकड़ा पानी के पृष्ठ पर आ जाता है।

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प्रश्न 21.
50g के किसी पदार्थ का आयतन 20 cm3 है। यदि पानी का घनत्व 1g cm-3 हो, तो पदार्थ तैरेगा या डूबेगा ?
हल :
पदार्थ का द्रव्यमान (m) = 50 gm
पदार्थ का आयतन (V) = 20 cm3
पदार्थ का घनत्व (D) = ?
पानी का घनत्व (d) = 1 gm cm-3
हम जानते हैं D = \(\frac{m}{\mathrm{~V}}\)
= \(\frac{50}{20}\)
∴ D = 2.5 gm cm-3
D > d
अर्थात् पदार्थ का घनत्व पानी के घनत्व से अधिक है जिस कारण पानी का उत्प्लावन बल पदार्थ के भार से कम होगा और फलस्वरूप पदार्थ पानी में डूब जायेगा।

प्रश्न 22.
500g के एक.मोहरबंद पैकेट का आयतन 350 cm3 है। पैकेट 1 g cm-3 घनत्व वाले पानी में तैरेगा या डूबेगा ? इस पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान कितना होगा ?
हल :
दिया है, पानी का घनत्व = 1 g cm-3
मोहरबंद पैकेट का द्रव्यमान (m) = 500g
मोहरबंद पैकेट का आयतन (V) = 350 cm3
अब मोहरबंद पैकेट का घनत्व (d) = \(\frac{m}{\mathrm{~V}}\)
\(\frac{500}{350}\) cm-3
= \(\frac{10}{7}\) gcm-3
= 1.43 g cm-3 क्योंकि मोहरबंद पैकेट का घनत्व (1.43 g cm-3) पानी के घनत्व (1 g cm-3) से अधिक है, इसलिए यह पैकेट पानी में डूब जायेगा।
पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का आयतन = पैकट का आयतन
= 350 cm3
∴ विस्थापित पानी का द्रव्यमान = विस्थापित पानी का आयतन × पानी का घनत्व
= 350 cm3 × 1 g cm-3
= 350 g

Science Guide for Class 9 PSEB गुरुत्वाकर्षण InText Questions and Answers

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न 1.
गुरुत्वाकर्षण का सर्वात्रिक नियम लिखिए।
उत्तर-
गुरुत्वाकर्षण का सर्वात्रिक नियम (Universal Law of Gravitation) – इस ब्रह्मांड में प्रत्येक वस्तु प्रत्येक दूसरी वस्तु को एक बल से अपनी ओर आकर्षित करती है। यह बल उन वस्तुओं के द्रव्यमानों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उन वस्तुओं के केंद्रों के मध्य की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। यह बल सदैव उन दोनों वस्तुओं के केंद्रों को मिलाने वाली रेखा के अनुदिश लगता है।

प्रश्न 2.
पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी वस्तु के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण ज्ञात करने का सूत्र लिखिए।
उत्तर-
मान लो ‘m’ द्रव्यमान वाली एक वस्तु पृथ्वी के पृष्ठ पर रखी है जिसका द्रव्यमान M तथा अर्धव्यास r है। गुरुत्वाकर्षण के सर्वात्रिक नियमानुसार पृथ्वी तथा वस्तु के मध्य लगने वाले बल का परिमाण का सूत्र है,
F = G \(\frac{\mathrm{M} \times m}{r^{2}}\)

प्रश्न 3.
मुक्त पतन से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
मुक्त पतन – जब वस्तु के ऊपर गुरुत्वाकर्षण बल के अतिरिक्त कोई अन्य बल क्रिया नहीं करता है, तो इस प्रकार गिर रही वस्तु स्वतंत्र रूप से गिर रही होती है जिसे मुक्त पतन कहते हैं। गिर रही वस्तु की दिशा में कोई परिवर्तन नहीं होता है परंतु पृथ्वी के आकर्षण के कारण वेग के मान में परिवर्तन होता है।

प्रश्न 4.
गुरुत्वीय त्वरण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
गुरुत्वीय त्वरण – जब कोई वस्तु स्वतंत्र रूप से पृथ्वी की ओर गिरती है अर्थात् जब वस्तु का मुक्त पतन होता है तो उस वस्तु की दिशा में कोई परिवर्तन नहीं होता परंतु वेग में परिवर्तन होता है जिसे गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं। यह त्वरण वस्तु पर क्रिया कर रहे गुरुत्वाकर्षण बल के कारण उत्पन्न होता है। गुरुत्व त्वरण को ‘g’ से प्रदर्शित करते हैं तथा इसका मात्रक (इकाई) m/s2 (अथवा ms-2) है।

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प्रश्न 5.
किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में क्या अंतर है ?
उत्तर-
वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में अंतर – किसी वस्तु में उपस्थित पदार्थ की मात्रा को उस वस्तु का द्रव्यमान कहते हैं। वस्तु का द्रव्यमान उसके जड़त्व का माप होता है। यदि वस्तु का द्रव्यमान अधिक होगा तो उसका जड़त्व भी बढ़ जायेगा। वस्तु का द्रव्यमान स्थिर रहता है तथा स्थान परिवर्तन के साथ इसमें परिवर्तन नहीं होता है। दूसरी ओर वस्तु का भार वह बल है जिससे वह वस्तु पृथ्वी की ओर आकर्षित होती है। भार का S.I. मात्रक न्यूटन (N) है। किसी निश्चित स्थान पर वस्तु का भार उसके द्रव्यमान (m) के अनुक्रमानुपाती (सीधा अनुपाती) होता है तथा पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण पर निर्भर करता है। इसे W से निर्दिष्ट किया जाता है। भार एक वह बल है जो उर्ध्वाधर दिशा में नीचे की ओर लगता है। इसे कमानीदार तुला (स्प्रिंग बैलेंस) द्वारा मापा जाता है। वस्तु का भार स्थान परिवर्तन होने से परिवर्तित हो जाता है। इसमें दिशा तथा परिमाण दोनों होते हैं।

प्रश्न 6.
किसी वस्तु का चंद्रमा पर भार पृथ्वी पर इसके भार का \(\frac{1}{6}\) गुणा क्यों होता है ?
उत्तर-
वस्तु का चंद्रमा पर भार पृथ्वी के भार का \(\frac{1}{6}\) गुणा-चन्द्रमा का द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का \(\frac{1}{100}\) वां भाग है तथा इसका अर्धव्यास, पृथ्वी के अर्ध व्यास का \(\frac{1}{4}\) भाग है। इसलिए वस्तु तथा चंद्रमा का परस्पर गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण का \(\frac{1}{6}\) भाग होता है अर्थात् वस्तु का चंद्रमा पर भार, पृथ्वी पर भार का \(\frac{1}{6}\) गुणा होता है।

प्रश्न 7.
एक पतली तथा मज़बूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से स्कूल बैग को उठाना कठिन होता है, क्यों ?
उत्तर-
एकांक क्षेत्रफल पर लग रहे बल (भार) को दाब कहते हैं। पतली डोरी का क्षेत्रफल कम होता है जिससे हाथ पर लगने वाला दाब बढ़ जाता है। इस अधिक दाब के कारण स्कूल बैग को उठाना कठिन होता है।

प्रश्न 8.
उत्प्लावकता से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
उत्प्लावकता (Buoyant Force) – जब किसी ठोस वस्तु को द्रव में डुबोया जाता है तो द्रव उस ठोस वस्तु पर ऊपर की दिशा में एक बल लगाता है। द्रव द्वारा ऊपर की दिशा में लगाया गया बल उत्प्लावन बल कहलाता है। इस बल का परिमाण द्रव (तरल) के घनत्व पर निर्भर करता है। द्रवों के इस गुण को उत्प्लावकता कहते हैं।

प्रश्न 9.
पानी की सतह पर रखने पर कोई वस्तु क्यों तैरती या डबती है ?
उत्तर-
पानी के पृष्ठ (सतह) पर रखी गई वस्तु उस समय तैरती है जब वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व से कम होता है अर्थात् पानी द्वारा ऊपर की ओर लगाया गया उत्प्लावन बल वस्तु के भार से अधिक होता है। परंतु जब वस्तु का घनत्व, पानी के घनत्व से अधिक होता है तो यह वस्तु पानी में डूब जाती है अर्थात् जब वस्तु का भार पानी के उत्प्लावन बल से अधिक होता है तो वस्तु पानी में डूब जाती है।

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प्रश्न 10.
एक तुला (Weighing Machine) पर आप अपना द्रव्यमान 42 kg नोट करते हैं। क्या आपका द्रव्यमान 42 kg से अधिक है या कम ?
उत्तर-
वास्तविक द्रव्यमान 42 kg से अधिक होगा क्योंकि भार तोलने वाली मशीन (तुला) 42 kg पाठ्यांक दर्शाती है जबकि वायु द्वारा लगाया गया उत्प्लावन बल ऊपर की दिशा में हमारे शरीर पर क्रिया करता है।

प्रश्न 11.
आपके पास एक रुई का बोरा तथा एक लोहे की छड़ है। तुला पर मापने पर दोनों 100 kg द्रव्यमान दर्शाते हैं। वास्तविकता में एक-दूसरे से भारी है। क्या आप बता सकते हैं कि कौन-सा भारी है और क्यों ?
उत्तर-
वास्तविकता में रुई का बोरा लोहे की छड़ की तुलना में अधिक भारी है। रुई के बोरे की सतह का क्षेत्रफल लोहे की छड़ से अधिक होने के कारण रुई का बोरा वायु का उत्प्लावन ऊपर की ओर अधिक बल अनुभव करता है। इसलिए तुला रूई के बोरे का कम भार दर्शाती है। जबकि वास्तविकता में अधिक है।

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