This PSEB 9th Class Social Science Notes History Chapter 6 Russian Revolution will help you in revision during exams.
Russian Revolution PSEB 9th Class SST Notes
→ Russian Revolution: In 1917, there had been the first socialist revolution in the world took place in Russia.
→ Reasons for revolution:
- Before the revolution, the Russian social, economic, and political conditions were quite conducive to the revolution.
- The condition of peasants and workers was quite a pity.
- The rule of Tzar (King of Russia) was autocratic.
- Common people had no political rights.
- Consequently, people were against the Czar.
- The Czar forced Russia into World War I and made a great mistake.
- The miserable condition of the soldiers also led to frustration against the Tzar.
→ Lenin:
- After Karl Marx and Friedrich Engles, Lenin is considered the greatest thinker of the socialist movement.
- He played the most important role in organising the Bolshevik party and making the revolution successful.
→ The Revolution of 1905:
- In 1905, a procession of workers was attacked by the police.
- It took the form of a revolution.
- During this revolution, a new form of organization developed.
- It was Soviet or a group of workers’ representatives.
- This revolution provided a base to the revolution of 1917.
→ The Beginning of Revolution:
- The Russian revolution begins with a procession of women.
- Then a general strike of workers took place.
- On 15th March 1917, the Czar was forced to relinquish his power.
- Finally, a temporary government was formed.
- According to the Russian Calendar, this incident is known as the February Revolution and people consider its beginning on 27 February.
→ The Success of Revolution:
- With the fall of the first interim government (7 October 1917), Lenin’s government came into power.
- It is known as the October Revolution. (According to the Russian Calendar on 25th February.)
→ Soviet:
- During the 1905 revolution, a new form of the organization come into force. It is known as ‘Soviet’.
- It was a council of workers’ representatives.
- Initially, such councils were the committees of organizing strikes but later on, they become a means of getting political power.
- After some time, Peasant’s Soviets were also formed.
- Russian Soviets played an important role in the revolution of 1917.
→ February Revolution:
- After a procession of women, a worker’s strike took place.
- On 12th March, workers captured St. Petersburg very quickly, they captured Moscow as well.
- The Tzar left the power and an Interim Government was formed on 15th March.
- According to the old Russian calendar, this revolution took place on 27th February.
- That’s why it is called the February Revolution.
→ October Revolution:
- The Russian Revolution actually took place on 7th November 1917.
- According to the old calendar, it was on 25th October.
- That’s why it is called the October Revolution.
- This revolution led to the fall of Kerensky’s government.
- Its headquarter Winter’s palace came under the control of a group of sailors.
- On the same day, a meeting of the Russian Congress of Soviets took place and it took power in its hands.
→ Bloody Sunday:
- In 1905, the Russian revolutionary movement was gaining momentum.
- In the meantime, a procession of workers, led by Father Gapon, reached the winter palace.
- Police attacked them and fired on them with which 100 workers died and 300 wounded.
- This incident in history is known as the ‘Bloody Sunday’.
→ Communist Revolution:
- The Communist International or Comintern was organized in 1919 A.D.
- It is also known as the Third International.
- Its objective was to encourage revolutions at the international level.
- At the time of the first world war, the socialist movement was divided into two parts.
- Its separated group was known as the communist party.
- Comintern was associated with the same group.
- It was a platform at the world level which made policies for the communist parties around the world.
→ Socialism:
- Socialism is a political system in which all the means of production are under the state’s control.
- Its main objective is the equal distribution of economic resources.
- In this system, no one is exploited and is exactly opposite to capitalism.
→ The 1850s and 1880s – Debates over socialism in Russia.
→ 1898 – Formation of the Russian Social Democratic Workers Party.
→ 1905 – The Bloody Sunday and the Revolution of 1905.
→ 1917 – 2nd March – Abdication of the Tzar, 24th October – Bolshevik uprising in Petrograd.
→ 1918-1920 – The Civil War.
→ 1919 – Formation of Comintern.
→ 1929 – Beginning of Collectivisation.
रूसी क्रांति PSEB 9th Class SST Notes
→ रूस की क्रांति – 1917 में रूस में विश्व की सबसे पहली समाजवादी क्रांति हुई। यह क्रांति शांतिपूर्ण थी।
→ क्रांति के कारण – क्रांति से पूर्व रूस का सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक दृष्टिकोण क्रांति के अनुकूल था। किसानों तथा मजदूरों की दशा अत्यंत शोचनीय थी। रूस का ज़ार निरंकुश तथा स्वेच्छाचारी था।
→ साधारण जनता को कोई राजनीतिक अधिकार प्राप्त नहीं थे। इसलिए लोग ज़ार के विरुद्ध थे। ज़ार ने रूस को प्रथम विश्व-युद्ध में झोंक कर एक अन्य बड़ी गलती की। इस युद्ध में सैनिकों की दुर्दशा के कारण सैनिक भी ज़ार के विरुद्ध हो गए।
→ लेनिन – लेनिन को मार्क्स तथा एंगेल्स के बाद समाजवादी आंदोलन का महानतम् विचारक माना जाता है। उसने देश में बोल्शेविक दल को संगठित करने तथा क्रांति को सफल बनाने में विशेष भूमिका निभाई।
→ 1905 की क्रांति – 1905 में ज़ार को याचिका देने के लिए जाते हुए मजदूरों के समूह पर गोली चला दी गई। इस घटना ने क्रांति का रुप धारण कर लिया। इस क्रांति के दौरान संगठन का एक नया रूप विकसित हुआ।
→ यह था सोवियत या मज़दूरों के प्रतिनिधियों की परिषद् । इस क्रांति ने 1917 की क्रांति की भूमिका तैयार की।
→ क्रांति का प्रारंभ – रूसी क्रांति का विस्फोट स्त्रियों के प्रदर्शन के कारण हुआ। उसके बाद मज़दूरों की एक आम हड़ताल हुई। 15 मार्च, 1917 को ज़ार द्वारा राज सिंहासन त्यागने के बाद रूस में प्रथम अस्थायी सरकार की स्थापना हुई।
→ रूसी पंचांग के अनुसार इसे फरवरी क्रांति कहते हैं और इसका आरंभ 27 फरवरी से मानते हैं।
→ क्रांति की सफलता – पहली अंतरिम सरकार के पतन (7 नवंबर, 1917) के बाद लेनिन सरकार सत्ता में आई। इसे अक्तूबर क्रांति (रूसी पंचांग के अनुसार 25 अक्तूबर) के नाम से जाना जाता हैं।
→ सोवियत – 1905 की रूसी क्रांति के दौरान संगठन का एक नया रूप उभरा। इसे ‘सोवियत’ कहते हैं। सोवियत का अर्थ है मज़दूरों के प्रतिनिधियों की परिषद्। प्रारंभ में ये परिषदें हड़ताल चलाने वाली कमेटियां थीं, परंतु बाद में ये राजनीतिक सत्ता के साधन बन गईं।
→ कुछ समय बाद किसानों की सोवियतों का निर्माण भी हुआ। रूसी सोवियतों ने 1917 की क्रांति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
→ फरवरी क्रांति – रूस में औरतों के प्रदर्शन के बाद मजदूरों की हड़ताल हुई। मज़दूरों ने 12 मार्च को राजधानी पीटर्सबर्ग पर अधिकार कर लिया। शीघ्र ही उन्होंने मास्को पर भी अधिकार कर लिया।
→ ज़ार सिंहासन छोड़कर भाग गया और 15 मार्च को अंतरिम सरकार की स्थापना हुई। रूस की यह क्रांति पुराने रूसी कैलेंडर के अनुसार 27 फरवरी, 1917 को हुई थी। इसलिये इसे फरवरी क्रांति के नाम से पुकारा जाता है।
→ अक्तूबर क्रांति – अक्तूबर क्रांति वास्तव में 7 नवंबर, 1917 को हुई थी। उस दिन पुराने रूसी कैलेंडर के अनुसार 25 अक्तूबर का दिन था। इसलिए इस क्रांति को ‘अक्तूबर क्रांति’ का नाम दिया जाता है। इस क्रांति के परिणामस्वरूप केरेंस्की सरकार का अपनी अलोकप्रियता के कारण पतन हो गया।
→ उसके मुख्यालय विंटर पैलेस पर नाविकों के एक दल ने अधिकार कर लिया। उसी दिन सोवियतों की अखिल रूसी कांग्रेस की बैठक हुई और उसने राजनीतिक सत्ता अपने हाथों में ले ली।
→ खूनी रविवार – 1905 ई० में रूसी क्रांतिकारी आंदोलन बल पकड़ रहा था। इसी दौरान पादरी गैथॉन के नेतृत्व में मजदूरों का एक जलूस जार के महल (विंटर पैलेस) के सामने पहुंचा तो उन पर गोलियां चलाई गईं।
→ इस गोलीकांड में 100 से अधिक मजदूर मारे गए और लगभग 300 घायल हुए। इतिहास में इस घटना को ‘खूनी रविवार’ कहा जाता है। 1905 की क्रांति की शुरुआत इसी घटना से हुई थी।
→ कम्युनिस्ट इंटरनेशनल – कम्युनिस्ट इंटरनेशनल अथवा कामिंटर्न का संगठन 1919 में प्रथम और द्वितीय इंटरनेशनल की भांति किया गया था। इसीलिए इसे तृतीय इंटरनेशनल भी कहा जाता है। इसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रांतियों को बढ़ावा देना था।
→ प्रथम महायुद्ध के समय समाजवादी आंदोलन में फूट पड़ गई थी। इससे अलग होने वाला वामपंथी दल कम्युनिस्ट गुट के नाम से प्रसिद्ध हुआ। कामिंटर्न का संबंध इसी गुट से था। यह एक ऐसा मंच था जो विश्व भर की कम्युनिस्ट पार्टियों के लिए नीतियां निर्धारित करता था।
→ समाजवाद – समाजवाद वह राजनीतिक व्यवस्था है जिसमें उत्पादन के साधनों पर राज्य का अधिकार होता है। इसका मुख्य उद्देश्य आर्थिक साधनों का समान वितरण है। इस व्यवस्था में समाज के किसी वर्ग का शोषण नहीं किया जाता। यह पूंजीवाद के बिलकुल विपरीत है।
→ 1850-1889 – रूस में समाजवाद पर वाद-विवाद
→ 1898 – रूसी समाजवादी प्रजातांत्रिक वर्क्स पार्टी का गठन
→ 1905 – खूनी रविवार तथा रूस में क्रांति
→ 1917, 2 मार्च – ज़ार का सत्ता से हटना
→ 1917, 24 अक्तूबर – पैत्रोग्राद में बोलश्विक क्रांति
→ 1918-20 – रूस में गृह-युद्ध
→ 1919 – कोमिंटर्न की स्थापना
→ 1929 – सामूहीकरण का आरंभ
ਰੂਸ ਦੀ ਕ੍ਰਾਂਤੀ PSEB 9th Class SST Notes
→ 1850 ਈ:-1889 ਈ: – ਰੂਸ ਵਿਚ ਸਮਾਜਵਾਦ ‘ਤੇ ਵਾਦ-ਵਿਵਾਦ
→ 1898 ਈ: ਰੂਸੀ ਸਮਾਜਵਾਦੀ ਲੋਕਤੰਤਰਿਕ ਵਰਕਸ ਪਾਰਟੀ ਦਾ ਗਠਨ
→ 1905 ਈ: – ਖੂਨੀ ਐਤਵਾਰ ਅਤੇ ਰੂਸ ਵਿਚ ਕ੍ਰਾਂਤੀ
→ 1917 ਈ: 1 – ਜ਼ਾਰ ਦਾ ਸੱਤਾ ਤੋਂ ਹਟਣਾ
→ 1917, 2 ਮਾਰਚ ਪੈਟਰੋਡ ਵਿਚ ਬੋਲਸ਼ਵਿਕ ਕ੍ਰਾਂਤੀ
→ 1917, 24 ਅਕਤੂਬਰ
→ 1918 ਈ:-20 ਈ: – ਰੂਸ ਵਿਚ ਗ੍ਰਹਿ ਯੁੱਧ
→ 1919 ਈ: – ਕੋਮਿੰਟਰਨ ਦੀ ਸਥਾਪਨਾ ।
→ 1929 ਈ: – ਸਮੂਹੀਕਰਨ ਦਾ ਆਰੰਭ ।